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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा (आत्मकथा, संकलित)

दीपक की आत्मकथा अभ्यास

आत्मकथा

प्रश्न 1.
ज्ञान और दीपक के आपसी सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए। (2013, 16)
उत्तर:
ज्ञान और दीपक का आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध है। ज्ञान का अर्थ प्रकाश से है तथा प्रकाश का सीधा सम्बन्ध दीपक से है। जिस प्रकार दीपक चारों ओर प्रकाश फैलाता है और अन्धकार को नष्ट करता है,उसी प्रकार ज्ञान का प्रकाश भी दीपक की भाँति होता है। ज्ञान मन के अन्दर के अहंकार को नष्ट करता है तो दीपक बाहरी अन्धकार को दूर करता है। इस प्रकार दीपक और ज्ञान एक-दूसरे के सहयोगी तथा सहधर्मी एवं पूरक हैं। दोनों का एक-दूसरे पर प्रभाव देखा जा सकता है।

प्रश्न 2.
जीवन में आने वाले संघर्षों और चुनौतियों को विकास का मार्ग क्यों कहा गया है?
उत्तर:
जीवन में आने वाले संघर्षों और चुनौतियों को विकास का मार्ग इसलिये कहा है, क्योंकि ईश्वर किसी भी महान् कार्य के लिए जब किसी व्यक्ति को चुनते हैं, तब उस व्यक्ति को जीवन की चुनौती को सबसे पहले स्वीकार करना पड़ता है। जब व्यक्ति किसी चुनौती को स्वीकार करके कोई कार्य करने को आगे बढ़ता है तो उसके मन में सदा यही भाव रहता है कि मैं अपने कार्य में सफल रहूँ चाहे कार्य पूर्ण करने के लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। जीवन एक खेल है जिसमें प्रतिपल जुटे रहकर आगे बढ़ना है। किसी कवि का निम्न कथन देखिये-
“वह नया कच्चा खिलाड़ी
खेल के जो बीच में ही,
पूछता है साथियों से,
बंद होगा खेल कब तक।”

प्रश्न 3.
दीपक से मानव जीवन की तुलना किस रूप में की गई है? (2012, 17)
उत्तर:
दीपक से मानव जीवन की तुलना इस प्रकार की है जैसे दीपक को बनाने से पूर्व कुम्हार मिट्टी को कूटता और कंकड़-पत्थर निकालकर उसे साफ-सुथरा करके पैरों से रौंद कर, मिट्टी को गूंथ कर लौंदे का रूप देकर चाक पर रख देता है तथा धूप में सुखाकर तथा आग पर तपा कर दीपक की आकृति प्रदान करता है।

दीपक की भाँति मानव को भी संघर्ष का सामना करना चाहिए। उसे यही सोचकर संघर्ष करना चाहिए कि इन संघर्षों के उपरान्त व्यक्ति को जीवन में नया प्रकाश मिलेगा। जिस प्रकार दीपक का प्रकाश चारों ओर फैलता है। उसी प्रकार मनुष्य भी अपने सत्कर्मों के प्रकाश से इस संसार को प्रकाशित करेगा।

प्रश्न 4
‘दीपक की आत्मकथा’ नामक पाठ से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? (2009, 11)
उत्तर:
‘दीपक की आत्मकथा’ कहानी से प्रेरणा मिलती है कि मानव को संघर्षों की भट्टी में जलकर भी दीपक की भाँति प्रकाशित होना चाहिए।

मानव का तप और त्याग दीपक की भाँति होना चाहिए दीप स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश प्रदान कर अपना जीवन अर्पित कर देता है। दीपक की भाँति मनुष्य को भी विषम परिस्थितियों से जूझना चाहिए। जीवन की सार्थकता तभी है,जब वह जीवन में दीपक की भाँति त्याग करे तथा विश्व को आलोकित करे।

प्रश्न 5.
दीपक ने किस-किस को नमन किया और क्यों?
उत्तर:
दीपक ने पाँचों तत्त्वों को नमन किया है,क्योंकि उन्हीं के सहयोग से उसके भौतिक शरीर ने साकार रूप धारण किया तथा मातृभूमि उसकी माँ है जिसे उसने कृतज्ञ भाव से नमन किया।

प्रश्न 6.
माता की कुक्षि कब धन्यता प्राप्त करती है? (2018)
उत्तर:
माता की कुक्षि तब ही धन्य होती है जब बालक में अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण व प्रेम की भावना हो।

प्रश्न 7.
दीप ने अपने आपको ‘सच्चा दीप’ कैसे सिद्ध किया है? (2009)
उत्तर:
दीप ने अपने दुःख और कष्ट के समय के झंझाओं को सहन करके तथा कठिन संघर्षों का सामना करके भी चुनौती को स्वीकार किया।

इस प्रकार कष्टों को सहन करके अपने आपको सच्चा दीप सिद्ध किया वास्तव में दीपक स्वयं जलकर त्याग करता है तथा लोगों को प्रकाश प्रदान कर उनके जीवन में उजाला कर देता है। इस प्रकार दीपक वास्तव में सच्चा दीप है।

प्रश्न 8.
मानव जीवन को सार्थकता कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर:
मानव जीवन की सार्थकता तभी सम्भव है जब वह दीपक से सच्चा ज्ञान प्राप्त करे। जिस प्रकार दीपक वक्त के थपेड़ों को सहता हुआ संघर्ष करके भी स्वयं जलकर दूसरों को निरन्तर प्रकाश देकर अपना जीवन समर्पित कर देता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन के संघर्षों और कष्टों को सहन करते हुए बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ते रहना चाहिए वास्तव में,राष्ट्र के हित में अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए दीपक से प्रेरणा लेकर निरन्तर सचेष्ट भाव से आगे बढ़ते रहना चाहिए। इसी में मानव जीवन की सार्थकता निहित है,क्योंकि जो सुख दूसरों के लिए त्याग करने में है, वैसा सुख अन्यत्र दुर्लभ है।

प्रश्न 9.
“गुरु कुम्हार सिष कुम्भ है ……… बाहर मारे चोट।” इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
लेखक का कथन है गुरु तो कुम्हार है तथा शिष्य कुम्भ (घड़े) के समान है।

जिस प्रकार कुम्हार घड़े को बनाते समय हाथ से प्रहार करके उसके खोट अर्थात् टेढ़ेपन को निकालकर सीधा करता है। उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य की बुराई को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार से डाँटता-फटकारता एवं प्रताड़ित करता है।

कुम्हार मटके को सीधा करने के लिए उसमें हाथ डालकर बाहर से प्रहार कर सीधा करता है लेकिन साथ ही भीतर से सहारा भी देता है।

इसी प्रकार उत्तम गुरु भी शिष्य के विकारों को दूर करके उसके हृदय में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित कर उसके अन्तर्मन को प्रकाशित करता है।

वास्तव में,उत्तम गुरु ही शिष्य को श्रेष्ठता के शिखर पर पहुँचा देता है। कबीरदास जी ने तो गुरु को ईश्वर से भी अधिक उच्च स्थान प्रदान किया है। देखिये-
“गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाँय।
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो मिलाय॥”

इस प्रकार गुरु की महिमा अनन्त है। गुरु के बिना ज्ञान असम्भव है। चिन्तामय हृदय तथा थके हुए प्राणों को गुरु ही सांत्वना प्रदान करता है।

दीपक की आत्मकथा महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

दीपक की आत्मकथा बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन की सार्थकता है
(क) त्याग
(ख) बल
(ग) तप
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
माता की कुक्षि कब धन्यता प्राप्त करती है?
(क) तमस् को दूर कर
(ख) मूक नमन कर
(ग) मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता का भाव रखकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को कहते हैं (2009)
(क) सुतार
(ख) कुम्हार
(ग) लुहार
(घ) सुनार।
उत्तर:
(ख) कुम्हार

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. मेरे तो डर के मारे ………… फूल गये।
  2. मेरी धरती भी तो कितना कुछ सहन करती है, इसीलिए तो वह …………. से भी महान है।
  3. क्योंकि त्याग के सुख का आनन्द ………… होता है, अतुलनीय होता है।

उत्तर:

  1. हाथ-पाँव
  2. स्वर्ग
  3. अनिवर्चनीय

सत्य/असत्य

  1. कुम्हार चाक को चलाते समय विचारमग्न रहता है।
  2. ‘दीपक’ को बेचकर कुम्हार अपनी जीविका नहीं चलाता है।
  3. आज भी कुछ लोग घड़े के पानी का उपयोग करते हैं।
  4. दीपक अंधकार को मिटाता है। (2014)

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए


उत्तर:
1. → (क)
2. → (ग)
3. → (ख)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. हमारा शरीर किससे मिलकर बना है?
  2. कुम्हार बर्तन को धूप में सुखाने के बाद किस पर पकाता है?
  3. कौन स्वयं जलकर भी दूसरों को प्रकाश देता है? (2015)

उत्तर:

  1. पाँच तत्त्वों से
  2. आवे पर
  3. दीपक।

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