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PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 3 आस-पास की सफ़ाई

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 3 आस-पास की सफ़ाई

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 3 आस-पास की सफ़ाई

आस-पास की सफ़ाई 10th Class Home Science

  1. घर के इर्द-गिर्द की सफाई को आस-पास की सफ़ाई कहा जाता है।
  2. घर की नालियों की सफाई के बिना घर साफ़ नहीं रह सकता।
  3. घर के आस-पास की सफ़ाई हमें बीसों बीमारियों से बचाती है।
  4. घर के कूड़े-कर्कट को गली में नहीं फेंकना चाहिए।
  5. कूड़े-कर्कट को सही ढंग से ही निपटाना चाहिए।
  6. घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने देनी चाहिए।
  7. घर के आस-पास की सफ़ाई से परिवार का सामाजिक स्तर बढ़ता है।

परिवार के सदस्यों को खुश और तन्दुरुस्त रखने के लिए सफ़ाई रखनी आवश्यक है। घर जितना चाहे बढ़िया बना हो परन्तु यदि उसमें सफाई न हो तो अच्छा नहीं लगता। घर की गन्दगी बीमारियों को बुलावा देती है। परन्तु घर की सफ़ाई भी तभी रह सकती है यदि आस-पास भी साफ़ हो। इसलिए घर की सफ़ाई के साथ-साथ आस-पास की सफ़ाई का भी ध्यान रखना चाहिए।

PSEB 10th Class Home Science Guide आस-पास की सफ़ाई Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
आस-पास की सफ़ाई से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
आस-पास से अभिप्राय घर का इर्द-गिर्द है जिसमें गली, पार्क और शैड शामिल किए जा सकते हैं। घर की भीतरी सफ़ाई के साथ-साथ आस-पास की सफ़ाई को इर्द-गिर्द की सफ़ाई कहा जाता है।

प्रश्न 2.
घरेलू कूड़े में कौन-कौन सी वस्तुएं होती हैं?
उत्तर-
घर में वस्तुओं का प्रयोग करते समय कूड़े-कर्कट का पैदा होना स्वाभाविक है। इस कूड़े-कर्कट में हम रसोई की जूठन, राख, फल और सब्जियों के छिलके, गत्ते के डिब्बे, पोलीथीन के लिफाफे, कागज़-पत्र आदि शामिल होते हैं।

प्रश्न 3.
आस-पास की सफ़ाई का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
घर को साफ़ रखने के लिए घर के आस-पास की सफ़ाई होना बहुत आवश्यक है। घर के आस-पास की सफ़ाई के कई लाभ हैं।
साफ़ सुथरा आस-पास हमें बदबू और गन्दगी से बचाकर रखता है। कीड़े-मकौड़े पैदा नहीं होते। पानी और भूमि के प्रदूषण का डर नहीं रहता और आए गए को भी साफ़सुथरा स्थान अच्छा लगता है।

प्रश्न 4.
घर की नालियां साफ़ करना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
घर की सफ़ाई तभी ठीक रह सकती है यदि घर में फालतू पानी का निकास ठीक हो। आजकल बड़े शहरों में तो भूमिगत (Underground) सीवरेज़ का प्रबन्ध हो चुका है, परन्तु गाँवों और कस्बों में फालतू पानी के निकास को ठीक रखने के लिए नालियों की रोज़ाना सफ़ाई आवश्यक है।

प्रश्न 5.
मल-मूत्र को ठिकाने लगाना सबसे जरूरी है, क्यों?
उत्तर-
मल-मूत्र को ठिकाने लगाने का कार्य सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मल-मूत्र में हानिकारक बैक्टीरिया, वाइरस और जीवाणु होते हैं यदि इसको जल्दी ठिकाने न लगाया जाए तो बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। कई बीमारियां जैसे टाइफाइड, हैज़ा और आंतों के रोग हो सकते हैं।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 6.
घर के कूड़े-कर्कट को कितने भागों में बांटा जा सकता है तथा इसका निपटारा कैसे करना चाहिए?
उत्तर-
घर के कूड़े-कर्कट को सम्भालना घर की सफ़ाई के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। घर के कूड़े-कर्कट को हम चार भागों में विभाजित कर सकते हैं-

  1. फलों सब्जियों के छिलके और रसोई का कूड़ा-कर्कट आदि को सम्भालने के लिए एक मज़बूत कूड़ेदान होना चाहिए जिस पर ढक्कन हो और दोनों ओर कुण्डे लगे हों ताकि इसको आसानी से उठाया जा सके। इस कूड़ेदान को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से तेज़ हवा से कूड़ा न उड़े और न ही वर्षा का पानी पड़ सके। इस कूड़े को रोज़ाना निपटाना आवश्यक है।
  2. आंगन और बगीची में झाड़ लगाते समय निकला कूड़ा, टूटी हुई वस्तुओं के टुकड़े और गुसलखाने का कूड़ा-कर्कट घर के कूड़े की दूसरी किस्म है । इसको भी किसी ढोल या कूड़ेदान में इकट्ठा करना आवश्यक है।
  3. जिस घर में पशु हों उसमें गोबर, बचा हुआ चारा, घर में काफ़ी कूड़ा-कर्कट पैदा करता है, इसको रोज़ाना सम्भालना चाहिए, पशुओं के गोबर से गोबर गैस भी बनाई जा सकती है और इसके उपले बनाकर भी प्रयोग किए जा सकते हैं।
  4. घर में मानवीय मल-मूत्र को ठिकाने लगाने के कार्य मुश्किल और महत्त्वपूर्ण हैं। यदि घर में फ्लश सिस्टम न हो तो मानवीय मल-मूत्र द्वारा बीमारियां फैलने का डर बना रहता है। इसलिए मानवीय मल-मूत्र जल्दी से जल्दी ठिकाने लगाने का पक्का प्रबन्ध होना चाहिए।

प्रश्न 7.
कूड़े को जलाया क्यों जाता है?
उत्तर-
वातावरण की सफाई के लिए कूड़े-कर्कट का निपटारा करना बहुत आवश्यक है। वैसे तो कूड़े के निपटारे के लिए कई ढंग हैं, परन्तु कूड़े को जलाना सब से अच्छा समझा जाता है। कूड़े-कर्कट को इकट्ठा करके खुले स्थान पर आग लगा कर नष्ट किया जा सकता है, परन्तु कूड़े को जलाने का सबसे बढ़िया ढंग भट्ठी बनाकर उसमें कूड़े को जलाना है, इस प्रकार कूड़ा भी नष्ट हो जाता है और धुआं भी चिमनी द्वारा ऊपर चला जाता है और वातावरण भी साफ़-सुथरा रहता है।

प्रश्न 8.
कूड़े-कर्कट से खाद कैसे बनाई जाती है? इसका क्या लाभ है?
अथवा
कूड़े से खाद किस प्रकार बनाई जाती है और इससे नीची जगह को कैसे भरा जाता है?
उत्तर-
कड़े-कर्कट को खाद में परिवर्तित कर देना सदियों पुराना लाभदायक ढंग है। इस ढंग से मल-मूत्र और कूड़ा कर्कट को विशेष प्रकार के गड्ढों में भर कर ऊपर सूखी मिट्टी डालकर ढक दिया जाता है। इस तरह कई गड्ढे भर लिए जाते हैं। गर्मियों के दिनों में कभी-कभी पानी फेंका जाता है। 4-6 महीनों के पश्चात् यह कूड़ा-कर्कट खाद में परिवर्तित हो जाता है।

कूड़े-कर्कट को खाद में परिवर्तित कर लेना बहुत लाभदायक ढंग है। बहुत कम मेहनत से कूड़ा केवल सम्भाला ही नहीं जाता बल्कि उसको खाद में परिवर्तित करके फ़सलों, सब्जियों आदि में प्रयोग किया जाता है, जिससे फ़सलें भी अच्छी होती हैं।

प्रश्न 9.
कूड़े-कर्कट से गड्ढे भरने का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर-
कूड़े-कर्कट से खुले गड्ढे भरने से मानवीय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि कूड़े-कर्कट को गड्ढे में डाल कर ऊपर से ढका न जाए तो जब कूड़ा गल जाता है उससे चारों ओर बदबू फैलती है। कई तरह के बैक्टीरिया और अन्य कीड़े-मकौड़े भी पैदा हो जाते हैं। इससे पूरा वातावरण दूषित हो जाता है और आस-पास रहते लोग कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त वर्षा के पानी के साथ मिलकर यह कूड़ा-कर्कट धरती निचले पानी को प्रदूषित कर देता है। इसलिए खुले गड्ढों में कूड़ाकर्कट फेंकने से मानवीय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 10.
कूड़े का निपटारा करने के ढंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
कूड़े के निपटारे की निम्नलिखित विधियां हैं

  1. भट्ठी में जलाना
  2. गड्ढों को भरना
  3. खाद बनाना
  4. छांटना।

प्रश्न 11.
गन्दगी का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
देखें अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
कूड़े-कर्कट को ठिकाने लगाने की विधियों का वर्णन करें।
उत्तर-
देखें अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में।

प्रश्न 13.
आस-पास की सफ़ाई क्यों आवश्यक है? इसके लिए क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर-
घर की सफ़ाई परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के लिये घर के आस-पास की सफ़ाई से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। इसलिए परिवार के सदस्यों को बीमारियों से बचाने के लिए घर की सफ़ाई के साथ-साथ घर के आस-पास की सफ़ाई का भी ध्यान रखना चाहिए। घर के आस-पास की गन्दगी कई प्रकार के कीड़े-मकौड़े, बैक्टीरिया, मक्खी, मच्छर पैदा करने में सहायक होती है। इनसे मलेरिया, दस्त, टाइफाइड, फ्लू आदि बीमारियां लग सकती हैं और आस-पास की सफ़ाई करके हम काफ़ी हद तक इन बीमारियों से बच सकते हैं। इसके अतिरिक्त घर का साफ़-सुथरा आस-पास आए गए मेहमानों को सुन्दर लगता है और मेहमान भी खुश हो कर मिलने आते हैं। यदि घर के आस-पास गन्दगी होगी तो कोई सफ़ाई पसन्द मित्र और रिश्तेदार आप को मिलने आने से झिझकते हैं। इसलिए घर के आस-पास की गन्दगी परिवार का सामाजिक स्तर कम करती है।

आस-पास की सफ़ाई के लिए क्या करना चाहिए?

1. पानी के सही नियम का प्रबन्ध-गाँव और उन शहरों, कस्बों में जहां भूमिगत सीवरेज का प्रबन्ध नहीं है। घर के पानी से आस-पास प्रदूषित होता है क्योंकि खाना बनाना, बर्तन साफ़ करने, नहाना, पशुओं को साफ़ रखने के लिए, आंगन को साफ़ रखने के लिए पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है और यदि इसका निकास ठीक न हो तो यह पानी घर के किसी कोने या घर के बाहर गली या किसी गड़े में इकट्ठा होता रहता है। इकट्ठा हुआ पानी केवल बदबू ही नहीं फैलाता बल्कि मच्छर, मक्खियों
और अन्य कीटाणुओं का जन्म स्थान बन जाता है जिससे कई बीमारियां फैलती हैं। इसलिए घर के पानी का सही निकास करके और बाहर नालियों की सफाई करके हम काफ़ी हद तक आस-पास को साफ़ रख सकते हैं।

2. गलियों की सफाई करके-प्रायः यह देखने में आता है कि अधिकतर लोग अपना फर्ज केवल घर के अन्दर को साफ़ करना ही समझते हैं या घर का कूड़ा-कर्कट बाहर गली में फेंक देते हैं। इससे केवल गली में ही गन्दगी नहीं फैलती बल्कि पूरा वातावरण ही दूषित हो जाता है। इसलिए घर के बाहर गली को घर का भाग समझ कर ही सफ़ाई करनी चाहिए।

3. घर के आस-पास पड़े खाली स्थान साफ़ करके-कई बार घरों के आसपास खाली स्थान पड़े होते हैं, जिसमें घास-फूस पैदा हो जाता है, गड्ढों में पानी भर जाता है, झाड़ियां पैदा हो जाती हैं, अन्धेरे में कई लोग जंगल पानी जाने लगते हैं। इस तरह गन्दगी बढ़ती जाती है और यह गन्दगी कई तरह की बीमारियों का कारण बनती है। ऐसे इलाके में बने खूबसूरत घर भी गन्दे लगते हैं। इसलिए ऐसे इलाके के निवासियों को खाली पड़े स्थान की सफ़ाई रखने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे स्थान में घास-फूस काट कर बच्चों के खेलने के लिए जगह बन सकती है या घास, फूल, पौधे लगा कर इसको खूबसूरत पार्क में परिवर्तित किया जाता है।

4. मुहल्ले के बच्चों को सफ़ाई प्रति चेतन करके-बच्चों को सफ़ाई प्रति चेतन करके बच्चों को घर के आस-पास की सफ़ाई करने के लिए लगाया जा सकता है। यह तर्जुबा कई समाज सेवी जत्थेबंदियां सफलतापूर्वक कर चुकी हैं। बच्चे आदर्शवादी और शक्ति भरपूर होते हैं। बस थोड़ी सी सीध देने और उत्साहित करने से वह घरों के आस-पास की सफ़ाई आसानी से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मुहल्ला निवासी पैसे इकट्ठे करके भी मज़दूरों से सफ़ाई करवा सकते हैं।
इसलिए उपरोक्त ढंगों को अपना कर घर का आस-पास साफ़-सुथरा रखा जा सकता है जो केवल सुन्दर ही नहीं लगता बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक रहता है।

Home Science Guide for Class 10 PSEB आस-पास की सफ़ाई Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आसपास की सफ़ाई किसे कहते हैं?
उत्तर-
घर के आसपास की सफ़ाई को।

प्रश्न 2.
घरेलू कूड़े में क्या कुछ होता है?
उत्तर-
रसोई की जूठन, फल, सब्जियों के छिलके आदि।

प्रश्न 3.
पाखानों की उचित सफ़ाई न की जाए तो कौन-से रोग हो सकते हैं?
उत्तर-
टाईफाईड, हैजा।

प्रश्न 4.
नालियों को साफ रखने के लिए यह कैसी होनी चाहिए?
उत्तर-
पक्की होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
कूड़े से खाद कितने दिनों में तैयार हो सकती है?
उत्तर-
4-6 महीनों में।

प्रश्न 6.
कूड़े के निपटारे के ढंग बताओ।
उत्तर-
भट्ठी में जलाना, गड्ढों को भरना, खाद बनाना, छांटना।

प्रश्न 7.
री साईकल करने वाले कूड़े में क्या कुछ आता है?
उत्तर-
टूटा कांच, चीनी का सामान, प्लास्टिक का सामान, रद्दी कागज़ आदि।

प्रश्न 8.
खाद किस प्रकार के कूड़े से बनाई जा सकती है?
उत्तर-
वनस्पति कूड़े-कर्कट से।

प्रश्न 9.
कूड़े के निपटारे के दो ढंग बताओ।
उत्तर-
भट्ठी में जलाना, गड्डों को भरना।

प्रश्न 10.
घरेलू कूड़े में क्या कुछ होता है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कूड़े-कर्कट को ठिकाने लगाने से पहले छांटना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
कूड़े-कर्कट को ठिकाने लगाने से पहले छांटना इसलिये ज़रूरी है कि कूड़े के बीच चीज़ों को प्रयोग में लाया जा सके। जैसे-

  1. कूड़े में से कोयले, अर्द्ध जले कोयले, पत्थर-गीटे अलग करके प्रयोग में लाये जा सकते हैं।
  2. सब्जियों के छिलकों से खाद बनाई जा सकती है। कुछ चीजें कबाड़ियों को बेचकर पैसे कमाए जा सकते हैं।

प्रश्न 2.
कूड़े का अन्तिम निपटारा खाद बनाकर कैसे किया जाता है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 3.
कूड़े का अन्तिम निपटारा कैसे किया जाता है? विस्तार में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 4.
आस-पास की सफ़ाई क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 5.
घर की नालियों की सफाई कैसे की जाती है?
उत्तर-
नालियों को साफ़-सुथरा रखने के लिए इनका पक्का होना आवश्यक है और इनकी ढलान इस तरह होनी चाहिए कि पानी आसानी से निकल सके। इनमें समय-समय पर कीटनाशक दवाइयां डालते रहना चाहिए ताकि मक्खी मच्छर पैदा न हों।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आस-पास की सफ़ाई का हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
परिवार के सदस्यों को स्वस्थ रखने के लिए घर की सफ़ाई के साथ-साथ घर के आस-पास की सफ़ाई करना भी बहुत आवश्यक है। यदि घर का इर्द-गिर्द साफ़ नहीं होगा तो गन्दी हवा मक्खी मच्छर घर के अन्दर आएंगे। घर के निकट ईंटें, लकड़ियां, उपले या कूड़े के ढेर नहीं होने चाहिएं। इन पर मक्खी मच्छर तो पैदा होते ही हैं। इसके साथ-साथ और अन्य खतरनाक जीव भी इसमें जाकर अपना स्थान बना लेते हैं। कई बार यह जानलेवा भी साबित हो जाते हैं। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि घर के इर्द-गिर्द कूड़े कर्कट के ढेर न हों, पानी खड़ा न हो और घास-फूस न उगा हो ताकि घर का आस-पास साफ़-सुथरा रह सके।

प्रश्न 2.
आस-पास की गन्दगी का मानवीय स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अथवा
गन्दे वातावरण में रहने का क्या नुकसान है?
उत्तर-
आस-पास की गन्दगी का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। गन्दे वातावरण में रहने के निम्नलिखित नुकसान हैं —

  1. कीटाणुओं का पैदा होना-घर के इर्द-गिर्द गन्दगी होने के कारण कई बीमारियों के कीटाणु पैदा हो जाते हैं जिनसे कई बीमारियां जैसे तपेदिक, हैजा, टाइफाइड जैसे हानिकारक कीटाणु हमारे स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं।
  2. बदबू-गन्दगी और कूड़े-कर्कट के ढेरों में कुछ समय के पश्चात् बदबू आनी शुरू हो जाती है जो इर्द-गिर्द की वायु को दूषित करती हुई कई बीमारियों का कारण बनती है।
  3. कीड़े-मकौड़ों की उत्पत्ति-कूड़े-कर्कट में मक्खियां और मच्छर अनेकों प्रकार के कीड़े-मकौड़े पैदा होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य पर काफ़ी प्रभाव डालते हैं। मच्छर से मलेरिया फैल सकता है और मक्खियां भी हैजा, टाइफाइड आदि रोगों को फैलाती हैं।
  4. पानी का प्रदूषण-लगातार पड़ी रहने वाली गन्दगी के ढेर वर्षा के पानी में घुलकर धरती निचले पानी को भी दूषित करती है जिसका मानवीय स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
  5. धूल और मिट्टी-यदि हम घर का इर्द-गिर्द साफ़ नहीं करते तो धूल और मिट्टी से घर भर जाता है जिससे फेफड़ों का रोग, दमा और कई प्रकार के चमड़ी के रोग भी हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
घर के आस-पास को साफ़ रखने के लिए कूड़े का अन्तिम निपटारा किस तरह करना चाहिए?
अथवा
कूड़े-कर्कट को ठिकाने लगाने की विधियों का वर्णन करें।
उत्तर-
आस-पास को साफ़ रखने के लिए कूड़े-कर्कट को इस तरह ठिकाने लगाना चाहिए जिससे रोज़ाना लोगों को कोई परेशानी पैदा न हो। गाँवों में रहने वाले लोग जानते हैं कि पशुओं के गोबर और कूड़े को गड्ढों में भरकर खाद बनाई जाती है जो बाद में फ़सलों के काम आती है। इस तरह कूड़े-कर्कट को सही ढंग से ठिकाने लगाया जा सकता है। कूड़े-कर्कट को निम्नलिखित ढंगों से ठिकाने लगाया जा सकता है —

  1. भट्ठी में जलाना-यह ढंग सबसे अच्छा समझा जाता है। परन्तु कूड़े-कर्कट को एक विशेष भट्ठी में ही जलाया जाता है शेष केवल राख ही बचती है। कूड़े को जलाने के लिए पक्की भट्ठी बनाई जाती है। इसके निकट एक चबूतरा होना चाहिए जहां कि शहर से लाया गया कूड़ा-कर्कट रखा जा सके। भट्ठी में एक रास्ते द्वारा थोड़ा-थोड़ा करके कूड़ा भट्ठी में फेंका जाता है। इस तरह करने से धुआं चिमनी द्वारा बाहर निकल जाता है।
  2. निम्न स्थान को भरना-प्रत्येक शहर में या गांव में नीचे इलाके होते हैं जिनमें कूड़ा-कर्कट भरकर ठिकाने लगाया जाता है। कूड़ा-कर्कट कुछ देर पड़ा रहता है। धीरे-धीरे यह कूड़ा-कर्कट गल-सड़ कर दब जाता है फिर इस पर और कूड़ा-कर्कट फेंक दिया जाता है। इस तरह धीरे-धीरे सड़क आदि के बराबर आ जाता है फिर उस पर थोड़ी मिट्टी डालकर समतल कर दिया जाता है। इस तरह करने से स्थान साफ़सुथरा हो जाता है।
  3. खाद बनानी-कूड़े-कर्कट को खाद में परिवर्तित करना सदियों पुराना ढंग है। इस ढंग से मानवीय और पशुओं का मल-मूत्र और घर का अन्य कूड़ा-कर्कट एक गहरे गड्ढे में दबाकर खाद बनाई जाती है जो फ़सलों के प्रयोग में लाई जाती है। यह कूड़ाकर्कट सम्भालने का सबसे बढ़िया ढंग है।
  4. छांटना-कूड़े-कर्कट को सम्भालने से पहले उसको तीन भागों में बांट लिया जाता है
    1. कोयले, अर्द्ध जले कोयले, पत्थर गीटे, बट्टे आदि अलग करके ईंटें बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
    2. वनस्पति कूड़ा-कर्कट जैसे फल सब्जियों के छिलके रसोई की जूठन आदि को अलग कर खाद बनाई जा सकती है।
    3. टूटे हुए कांच, चीनी, मिट्टी के बर्तन, प्लास्टिक के सामान को दोबारा प्रयोग कर लिया जा सकता है।
      उपरोक्त ढंगों को प्रयोग करने से कूड़े-कर्कट को सम्भाल लिया जाता है और कूड़े-कर्कट का लाभदायक प्रयोग भी किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
कूड़े को भट्ठी में किस प्रकार जलाया जाता है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर में।

वस्तनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

  1. घर के कूड़े-कर्कट को ……………. में नहीं फेंकना चाहिए।
  2. कूड़े से खाद ………………. महीनों में बन जाती है।
  3. खाद ………………. कूड़े-कर्कट से बनती है।

उत्तर-

  1. गली,
  2. 4 से 6,
  3. वनस्पति।

II. ठीक/ग़लत बताएं

  1. वातावरण की सफ़ाई के लिए कूड़े-कर्कट का निपटारा करना आवश्यक है।
  2. कूड़े-कर्कट से खुले खड्डे भरने से मानवीय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता
  3. घरेलू कूड़े का भाग है-रसोई की जूठन, फ़ल तथा सब्जियों के छिलके।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ग़लत,
  3. ठीक।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में ठीक है
(क) कूड़े-कर्कट को खाद में बदल लेना लाभदायक है।
(ख) कूड़ा-कर्कट को खुले खड्डे में न भरें।
(ग) कूड़े के निपटारे के लिए भट्ठी में जलाना भी एक ढंग है।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
गंदे वातावरण से निम्नलिखित हानियां हैं
(क) कीटाणु पैदा होते हैं
(ख) बदबू पैदा होती है
(ग) पानी प्रदूषित होता है
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

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