UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 1 लोकतन्त्र क्या? लोकतन्त्र क्यों?
UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 1 लोकतन्त्र क्या? लोकतन्त्र क्यों?
UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 1 लोकतन्त्र क्या? लोकतन्त्र क्यों?
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 – यहाँ चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतान्त्रिक’, ‘अलोकतान्त्रिक’ और ‘पक्का नहीं’ लिखें।
(क) देश क- जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है।
(ख) देश ख – एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश ग़- पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा।
(घ) देश घ – यहाँ स्वतन्त्र चुनाव आयोग नहीं है।
उत्तर-
(क) देश क — जो लोग देश के आधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है— अलोकतान्त्रिक ।
(ख) देश ख – एक ही पार्टी बीते बीस वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है — पक्का नहीं।
(ग) देश ग – पिछले तीन चुनावों में शासक दल को पराजय का मुँह देखना पड़ा – लोकतान्त्रिक ।
(घ) देश घ – यहाँ स्वतन्त्र चुनाव आयोग नहीं है— अलोकतान्त्रिक।
प्रश्न 2—यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं, इन सूचनाओं के आधार पर इन देशों का वर्गीकरण आप किस तरह करेंगे? इनके आगे ‘लोकतान्त्रिक’, ‘अलोकतान्त्रिक’ और ‘पक्का नहीं’ लिखें।
(क) देश च – संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती ।
(ख) देश छ – संसद न्यायपालिका के अधिकारों का कानून नहीं बना सकती। कटौती
(ग) देश ज – देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से सन्धि नहीं कर सकते ।
(घ) देश झ- देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मन्त्री भी नहीं बदल सकते।
उत्तर –
(क) देश च- संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती – अलोकतान्त्रिक ।
(ख) देश छ – संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती – अलोकतान्त्रिक ।
(ग) देश ज – देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से सन्धि नहीं कर सकते — पक्का नहीं ।
(घ) देश झ- देश के सारे आर्थिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मन्त्री भी नहीं बदल सकते — लोकतान्त्रिक ।
प्रश्न 3 – इनमें से कौन-सा तर्क लोकतन्त्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों?
(क) लोकतन्त्र में लोग खुद को स्वतन्त्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग) लोकतान्त्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं।
(घ) लोकतान्त्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर-
(क) लोकतन्त्र में लोग खुद को स्वतन्त्र और समान मानते हैं। यह लोकतन्त्र के पक्ष में अच्छा नहीं है क्योंकि स्वतन्त्र मानने के कारण मनमानी करने का अवसर बढ़ता है तथा समानता के कारण मूर्ख व विद्वान् का अन्तर मिट जाता है।
प्रश्न 4- इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतान्त्रिक हैं तो कुछ अलोकतान्त्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखें-
(क) एक मन्त्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे जिससे विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
(ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(ग) संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक नहीं पहुँचा है। इसी के कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।
उत्तर-
| लोकतान्त्रिक | अलोकतान्त्रिक | ||
| (क) | संसद को कुछ कानून पास करने होंगे। | (क) | विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके। |
| (ख) | चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया। | (ख) | बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ी की गई। |
| (ग) | महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है। | (ग) | संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कभी भी 10% तक नहीं पहुँचा है। |
प्रश्न 5 – लोकतन्त्र में अकाल और भुखमरी की सम्भावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतन्त्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकते हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता है।
उत्तर- (घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतन्त्रता है।
प्रश्न 6 – किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतान्त्रिक नहीं है?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना ।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को सन्देश देना ।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना ।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना ।
उत्तर— (घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
प्रश्न 7 – लोकतन्त्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तर्कों का जवाब दीजिए-
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है । इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।
(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूर्खों और अशिक्षितों का राज। हमें तो होशियारों के शासन की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम ही क्यों न हो ।
(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्मगुरुओं की जरूरत होती है तो उन्हीं को राजनीतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौंपा जाए। देश पर धर्मगुरुओं द्वारा शासन होना चाहिए।
उत्तर-
(क) सेना को देश का शासन नहीं करना चाहिएक्योंकि सेना के अधिकारी जनता द्वारा चुने हुए नहीं होते। जबकि लोकतन्त्र में शासक जनता द्वारा चुने जाते हैं।
(ख) नहीं, बहुसंख्यक लोकतन्त्र का स्तम्भ होते हैं।
(ग) नहीं, धर्मगुरु जनता द्वारा नहीं चुने जाते, इसलिए इन्हें शासन की बागड़ोर देना उचित नहीं है।
प्रश्न 8 – इनमें से किन कथनों को आप लोकतान्त्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप- मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ माँ-बाप तय कर देते हैं।
(ख) छात्र से शिक्षक – कक्षा में सवाल पूछकर मेरा ध्यान मत बँटाओ।
(ग) अधिकारियों से कर्मचारी – हमारे काम करने के घण्टे कानून के अनुसार कम किए जाने चाहिए।
उत्तर-
(क) यह कथन लोकतान्त्रिक नहीं है। लोकतन्त्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार होता है।
(ख) यह कथन लोकतान्त्रिक नहीं है। लोकतन्त्र में शिक्षक से प्रश्न पूछना छात्र का संवैधानिक अधिकार है।
(ग) यह कथन लोकतान्त्रिक है। यदि काम करने के घण्टों की अवधि कानून द्वारा कम की जाती है तो यह वैधानिक होगा, क्योंकि लोकतन्त्र में कानून सर्वोपरि होता है।
प्रश्न 9 – एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतन्त्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ ।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं।
(ख) देश ने अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चों में कमी करेगी ।
(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।
(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।
उत्तर—
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रूप से होते हैं। यह लोकतन्त्र है।
(ख) यह लोकतन्त्र नहीं है। लोकतान्त्रिक सरकार का शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करने का कर्त्तव्य होता है।
(ग) यह लोकतन्त्र है। आधे से अधिक जनसंख्या जिस भाषा को बोलती है उसी को शिक्षा का माध्यम बनाना उचित है।
(घ) यह लोकतन्त्र नहीं है। लोकतन्त्र में शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार होता है।
(ङ) यह लोकतन्त्र नहीं है। लोकतन्त्र में प्रचार-प्रसार के साधन स्वतन्त्र होते हैं।
प्रश्न 10 – अमेरिका के बारे में 2004 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रूप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई है। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं-
- सन् 2004 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी 100 डालर थी जबकि गोरे परिवार की आमदनी 162 डालर । औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा सम्पत्ति थी।
- राष्ट्रपति चुनाव में 75,000 डालर से ज्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में 9 लोगों ने वोट डाले थे । यही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 20 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15,000 डालर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 20 फीसदी हिस्से में आते हैं।
- राजनीतिक दलों का करीब 95 फीसदी चन्दा अमीर परिवारों से ही आता है। इससे उन्हें अपनी राय और चिन्ताओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकांश नागरिकों को उपलब्ध नहीं है।
- जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिन्ताओं पर कम ध्यान देती है— गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। राजनेता अकसर अमीरों और व्यापारियों की चिन्ताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।
इस रिपोर्ट की सूचनाओं को आधार बनाकर भारत के उदाहरण देते हुए ‘लोकतन्त्र और गरीबीं’ पर एक लेख लिखें।
उत्तर – अध्यापक की सहायता से छात्र स्वयं करें।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – लोकतन्त्र का अर्थ तथा परिभाषा लिखिए।
उत्तर- लोकतन्त्र का अर्थ तथा परिभाषा
‘लोकतन्त्र’ (जनतन्त्र / प्रजातन्त्र) को अंग्रेजी में ‘डेमोक्रेसी’ (Democracy) कहते हैं। यह शब्द यूनानी (Greek) भाषा के दो – शब्दों ‘डेमोस’ (Demos) तथा ‘क्रेशिया’ (Kratia) से मिलकर बना है। प्रथम शब्द का अर्थ ‘जनता’ तथा दूसरे का अर्थ ‘शक्ति’ – अथवा ‘सत्ता’ है। अतः इसका शाब्दिक अर्थ ‘जनता का शासन’ है। इस प्रकार लोकतन्त्र शासन प्रणाली का वह स्वरूप है, जिसमें शासन की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित होती है।
लोकतन्त्र की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
- डायसी के अनुसार, “लोकतन्त्र शासन का वह रूप है, जिसमें शासक वर्ग सम्पूर्ण राष्ट्र का अपेक्षाकृत बड़ा भाग हो ।”
- ब्राइस के अनुसार, “लोकतन्त्र शब्द का प्रयोग शासन के उस प्रकार का बोध कराने के लिए किया जाता है जिसमें शासन सत्ता वर्ग-विशेष अथवा वर्गों में नहीं अपितु सम्पूर्ण समाज के सदस्यों में निहित होती है।”
- अब्राहम लिंकन के अनुसार, “लोकतन्त्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन है। “
- डॉo बेनीप्रसाद के अनुसार, “लोकतन्त्र जीवन-निर्वाह का एक सिद्धान्त है। इस समाज में एक व्यक्ति को दूसरे की प्रसन्नता के लिए साधन नहीं बनाया जा सकता है।”
प्रश्न 2 – लोकतन्त्र के प्रकार लिखिए |
उत्तर- लोकतन्त्र के प्रकार
लोकतन्त्र के निम्नलिखित दो प्रकार होते हैं-
- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र—प्रत्यक्ष लोकतन्त्र में जनता प्रत्यक्ष रूप से शासन के कार्यों में भाग लेती है, नीति निर्धारित करती है. तथा नीतियों को लागू करती है। इस प्रकार के शासन में राज्य की इच्छा का निर्माण करने वाली जनता द्वारा कार्यों का सम्पादन सार्वजनिक सभाओं में किया जाता है। राज्य के समस्त नागरिक एक सभा के रूप में एकत्र होते हैं तथा वहाँ शासन सम्बन्धी अनेक गतिविधियों का संचालन करते हैं।
प्रत्यक्ष लोकतन्त्र उन राज्यों में ही सफल हो सकता है, जिनका आकार छोटा हो और जनसंख्या कम हो। प्रत्यक्ष लोकतन्त्र स्विट्जरलैण्ड के चार अर्द्ध-कैण्टनों में अब भी प्रचलित है, जहाँ समस्त नागरिक एकत्र होकर शासन सम्बन्धी कार्य करते हैं।
- अप्रत्यक्ष या प्रतिनिध्यात्मक लोकतन्त्र – बड़े आकार के अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र अपनाया जाता है, क्योंकि वहाँ प्रत्यक्ष लोकतन्त्र सम्भव नहीं होता। जिस पद्धति में राज्य की इच्छा का निर्माण और उसकी अभिव्यक्ति जनता के स्थान पर उसके प्रतिनिधि करते हैं, उसे अप्रत्यक्ष अथवा प्रतिनिध्यात्मक लोकतन्त्र कहा जाता है। सैद्धान्तिक दृष्टि से राज्य की सम्पूर्ण शक्ति जनता में निहित होती है, किन्तु वह स्वयं प्रत्यक्ष रूप से इसका प्रयोग नहीं करती। इस शासन-प्रणाली में जनता अपनी शक्ति के हस्तान्तरण के लिए प्रतिनिधियों का निर्वाचन करती है। अधिकांश देशों में लोकतन्त्र की अप्रत्यक्ष प्रणाली को ही अपनाया गया है। भारत तथा इंग्लैण्ड अप्रत्यक्ष लोकतन्त्रात्मक शासन प्रणाली के अच्छे उदाहरण हैं।
प्रश्न 3 – लोकतन्त्र के विरुद्ध कौन-से तर्क दिए जाते हैं?
उत्तर – लोकतन्त्र के विरुद्ध तर्क कुछ इस प्रकार के होते हैं-
- लोकतन्त्र में नेता बदलते रहते हैं। इससे अस्थिरता पैदा होती है।
- लोकतन्त्र का मतलब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई और सत्ता का खेल है। यहाँ नैतिकता की कोई जगह नहीं होती।
- लोकतान्त्रिक व्यवस्था में इतने सारे लोगों से बहस और चर्चा करनी पड़ती है कि हर फैसले में देरी होती है।
- चुने हुए नेताओं को लोगों के हितों का पता ही नहीं होता । इसके चलते खराब फैसले होते हैं।
- लोकतन्त्र में चुनावी लड़ाई महत्त्वपूर्ण और खर्चीली होती है, इसीलिए इसमें भ्रष्टाचार होता है।
- सामान्य लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए क्या चीज अच्छी है और क्या चीज बुरी, इसलिए उन्हें किसी चीज का फैसला नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 4 – एक आदर्श लोकतन्त्र का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर – एक आदर्श लोकतन्त्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतान्त्रिक होनी चाहिए। हर लोकतन्त्र को इस आदर्श को पाने का प्रयास करना चाहिए। यह आदर्श एक बार में और सभी के लिए हासिल नहीं किया जा सकता। इसके लिए लोकतान्त्रिक फैसले लेने की प्रक्रिया को बचाए रखने और मजबूत करते जाने की जरूरत होती है। नागरिक के तौर पर हम जो भी काम करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतन्त्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है। यही लोकतन्त्र की ताकत है और यही कमजोरी भी। देश का भविष्य शासकों के कामकाज से भी ज्यादा नागरिकों के कामकाज पर निर्भर करता है।
यही चीज लोकतन्त्र को अन्य शासन व्यवस्थाओं से अलग करती है। राजशाही, तानाशाही या एक दल के शासन जैसी अन्य व्यवस्थाओं में सभी नागरिकों को राजनीति में हिस्सेदारी करने की आवश्यकता नहीं रहती । वास्तव अधिकांश गैर-लोकतान्त्रिक सरकारें चाहती ही नहीं कि लोग राजनीति में हिस्सा लें। लेकिन लोकतान्त्रिक व्यवस्था सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर ही निर्भर करती है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – लोकतन्त्र के चार गुण लिखिए ।
उत्तर – लोकतन्त्र के चार गुण निम्नलिखित हैं-
- शासक तथा शासितों के बीच पर्याप्त सहयोग की भावना पायी जाती है।
- लोकतन्त्र में प्रायः क्रान्ति नहीं होती है; अतः राष्ट्र क्रान्ति के दुःखद प्रभाव में मुक्त रहता है।
- यह व्यवस्था समानता तथा स्वतन्त्रता की पोषक है।
- इस व्यवस्था में देशभक्ति की भावना का समुचित विकास होता है।
प्रश्न 2 – लोकतन्त्र की सफलता के लिए चार आवश्यक शर्तें बताइए |
उत्तर – लोकतन्त्र की सफलता के लिए चार आवश्यक शर्तें निम्नलिखित हैं-
- शिक्षित एवं प्रबुद्ध नागरिकों का होना लोकतन्त्र की सफलता के लिए आवश्यक है।
- राष्ट्र में आर्थिक एवं सामाजिक विषमता की समाप्ति करके अवसर की समानता पर बल देना आवश्यक है।
- राजनीतिक दलों का संगठन स्वस्थ होना चाहिए तथा राजनीतिक दलों के कार्यक्रम राष्ट्रीय हितों के संवर्द्धन के सन्दर्भ में होने चाहिए।
- स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष प्रेस का होना आवश्यक है क्योंकि वह नागरिक अधिकारों की रक्षा करता है।
प्रश्न 3 – लोकतन्त्र के किन्हीं चार दोषों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – लोकतन्त्र के चार दोष निम्नलिखित हैं-
- लोकतन्त्र में धन और समय का दुरुपयोग होता है, क्योंकि कोई भी निर्णय पर्याप्त वाद-विवाद के पश्चात् लिया जाता है। प्रतिनिधियों के निर्वाचनों में भी धन का बहुत अपव्यय होता है।
- जब लोकतन्त्र में शासन सत्ता अनैतिक तथा विकृत मानसिकता वाले व्यक्तियों के हाथ में आ जाती है तो शासन में भ्रष्टाचार तथा अनैतिकता को प्रोत्साहन प्राप्त होता है।
- युद्ध और संकट के समय यह शासन व्यवस्था बहुत कमजोर सिद्ध होती है।
- लोकतन्त्र में दलबन्दी को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। राजनीतिक दल सत्ता – प्राप्ति के लिए अनैतिक साधनों का भी प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 4 – भारत में लोकतन्त्र की सफलता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को लिखिए।
उत्तर- भारत में लोकतन्त्र की सफलता के मार्ग में आने वाली प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं-
- आर्थिक बाधाएँ — भारत में स्वतन्त्रता – प्राप्ति के उपरान्त आर्थिक विषमता की स्थिति बनी हुई है।
- सामाजिक बाधाएँ — सामाजिक असमानता, अस्पृश्यता की भावना तथा ऊँच-नीच के भेदभाव ने लोकतन्त्र के मार्ग में अनेक अवरोध उत्पन्न किए हैं।
- चारित्रिक पतन या भ्रष्टाचार की बाधाएँ — चारित्रिक पतन, अनैतिक भावनाओं, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी आदि से लोकतन्त्र विकृत अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
- राजनीतिक दलबन्दी — राजनीतिक दलों का स्वार्थ से प्रेरित पक्षपातपूर्ण व्यवहार भी लोकतन्त्र की जड़ों को कमजोर बना देता है।
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- विश्व के किन्हीं चार लोकतान्त्रिक देशों के नाम लिखिए।
उत्तर- (i) भारत, (ii) दक्षिण अफ्रीका, (iii) संयुक्त राज्य अमेरिका, (iv) श्रीलंका । |
प्रश्न 2 – लोकतन्त्र के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर — (i) प्रत्यक्षं लोकतन्त्र तथा (ii) अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र |
प्रश्न 3 – लोकतन्त्र की एक परिभाषा लिखिए ।
उत्तर – अब्राहम लिंकन के अनुसार “लोकतन्त्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन है। “
प्रश्न 4 – लोकतन्त्र अथवा प्रजातन्त्र शासन के दो प्रमुख गुण लिखिए।
उत्तर— (i) लोकतन्त्र शासन समानता, स्वतन्त्रता और बन्धुत्व की भावना पर आधारित है।
(ii) लोकतन्त्र शासन नागरिकता के प्रशिक्षण की उत्तम पाठशाला है।
प्रश्न 5 – लोकतन्त्र शासन दो दोष बताइए।
उत्तर- (i) लोकतन्त्र शासन में दलीय राजनीति के दोष पनपते हैं।
(ii) युद्ध और संकटकाल के लिए लोकतन्त्रीय शासन व्यवस्था उपयुक्त नहीं है।
प्रश्न 6 – लोकतन्त्र में मताधिकार की क्या स्थिति होनी चाहिए?
उत्तर – लोकतन्त्र में हर वयस्क नागरिक का एक वोट होना चाहिए और हर वोट का एक समान मूल्य होना चाहिए।
प्रश्न 7 – लोकतान्त्रिक शासन पद्धति अन्यों से बेहतर क्यों है?
उत्तर – लोकतान्त्रिक शासन पद्धति अन्यों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है।
प्रश्न 8 – लोकतन्त्र के लिए नागरिक किस प्रकार महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर – नागरिक के तौर पर हम जो भी कार्य करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतन्त्र को अच्छा या खराब बनाने में सहायता करता है। यही लोकतन्त्र की ताकत है और यही कमजोरी भी। देश का भविष्य शासकों के कामकाज से भी ज्यादा नागरिकों के कामकाज पर निर्भर करता है।
• बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – निम्नलिखित में लोकतान्त्रिक देश नहीं है-
(a) भारत
(b) नेपाल
(c) थाईलैण्ड
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका ।
उत्तर – (c) थाईलैण्ड
प्रश्न 2 – पाकिस्तान में देश का मुख्य कार्यकारी कौन है—
(a) राष्ट्रपति
(b) न्यायपालिका
(c) सेना
(d) संसद।
उत्तर – (a) राष्ट्रपति
प्रश्न 3 – कवांगुओ रेममिन दाइवियाओ दाहुई (राष्ट्रीय जन संसद) किस देश की संसद हैं—
(a) चीन
(b) जापान
(c) फ्रांस
(d) घाना।
उत्तर – (a) चीन
प्रश्न 4 – ” लोकतन्त्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन है।” यह कथन किस विद्वान का है-
(a) लॉर्ड ब्राइस
(b) अब्राहम लिंकन
(c) लास्की
(d) डायसी ।
उत्तर – (b) अब्राहम लिंकन
प्रश्न 5 – लोकतन्त्र में सम्प्रभुता निहित होती है-
(a) राष्ट्रपति में
(b) कार्यपालिका में
(c) प्रधानमन्त्री में
(d) जनता में।
उत्तर – (d) जनता में।
