जानिए समस्तीपुर के रसकदम में ऐसा क्या खास है कि अमेरिका समेत कई देशों में हैं इसके प्रशंसक

Rasaakadam of Dalsinghsarai - कनाडा सऊदी अरब इंडोनेशिया और नेपाल में भी इसकी खूब मांग है। अमेरिका के इंडियन रेस्टोरेंट में बंगाली मूल की यह मिठाई बनने भी लगी है।

बंगाली मूल की मिठाई रसकदम बेहतरीन स्वाद और मिठास के लिए प्रसिद्ध है। देश में इसका नाम तो पहले से ही है, लेकिन अब अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, इंडोनेशिया व नेपाल तक इसकी पहचान बन चुकी है।

अमेरिका के कई इंडियन रेस्टोरेंट में तो यह मिठाई बनने लगी है। रसकदम को जो ऊंचाई मिली, उसका श्रेय दलसिंहसराय के कुछ लोगों को जाता है।

रसकदम बनाने वाले  बताते हैं कि दलसिंहसराय में प्रतिदिन इसकी बिक्री चार सौ किलो तक है। यहां के 35 से 40 दुकानों में यह बनती और बिकती है। पांच सौ रुपये प्रति किलो इसका रेट है। उनका कहना है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से लेकर स्थानीय सांसद व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय भी इसे पसंद करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की भी यह पसंदीदा मिठाई है।

इस तरह समस्तीपुर पहुंची यह मिठाई - करीब सौ वर्ष पहले बंगाल से अपने मित्र से रसकदम बनाने के गुर सीखकर दलसिंहसराय लौटे बाबा हलवाई ने सबसे पहले इसे बनाने की शुरुआत की थी। उनसे सीखकर अन्य ने बनाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यह मिठाई यहां की पहचान बन गई।

अमेरिकियों को भाया रसकदम - वहीं, दलसिंहसराय शहर के कुछ लोग वर्ष 2013 में अमेरिका के सेंट लुइस पहुचे । वह भी यह मिठाई लेकर गईं तो अमेरिकियों को भा गया। उनके ग्रुप के कई लोग इसके स्वाद के मुरीद हैं। अमेरिका के उनके दोस्त कैल्बिम रसकदम का स्वाद नहीं भूलते। कहती हैं कि अब तो अमेरिका के कई इंडियन रेस्टोरेंट में यह मिठाई भी बनने लगी है। हालांकि, यह भारतीय स्वाद से पूरी तरह अलग होती है।