1st Year

अल्पसंख्यक बालको की शिक्षा से आपका आशय है ? What do you mean by education of minority children?

प्रश्न – अल्पसंख्यक बालको की शिक्षा से आपका आशय है ? What do you mean by education of minority children? 
या
अल्पसंख्यक बालकों की शिक्षा के लिए क्या व्यवस्था है ? वर्णन कीजिए । What is the education system for minority children? Describe it.
उत्तर- अल्पसंख्यक बालकों की शिक्षा (Education for Minority’s Children)
भारत में विभिन्न सम्प्रदायों के लोग निवास करते हैं। धर्म और भाषा के आधार पर कुछ वर्गों को अल्पसंख्यक वर्ग घोषित कर दिया गया है। इनमें जैन, मुस्लिम, ईसाई व बौद्ध आदि आते हैं। इनमें से शिक्षा की दृष्टि से जैन, ईसाई व बौद्ध पिछड़े हुए नहीं हैं, परन्तु अल्पसंख्यक वर्गों को जो सुविधाएं प्रदान की गई हैं, वे सभी अल्पसंख्यकों को समान रूप से दी गई हैं। भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों की शिक्षा के सम्बन्ध में निम्न प्रावधान दिए गए हैं
अनुच्छेद 29 (2) “राज्य द्वारा संचालित अथवा सहायता प्राप्त किसी भी शिक्षा संस्था में धर्म, प्रगति, जाति, भाषा के आधार पर या इनमें से किसी एक आधार पर किसी नागरिक को प्रवेश देने से इन्कार नहीं किया जाएगा। *
अनुच्छेद 30 (1) “सभी अल्पसंख्यकों को चाहे उनका आधार धर्म हो या भाषा, अपनी पसन्द की शिक्षा संस्था स्थापित करने तथा उसके प्रशासन का अधिकार होगा।”
अनुच्छेद 30 (2) “राज्य, शिक्षा संस्थाओं को सहायता देते समय, इस आधार पर भेदभाव नहीं रखेगा कि वह किसी अल्पसंख्यक की संस्था है। चाहे उसका आधार धर्म हो या भाषा । “
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई समिति ने साम्प्रदायिक आधार पर अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के प्रावधान को समाप्त कर मुस्लिमों, भारतीय ईसाइयों तथा अनुसूचित जातियों के लिए 10 वर्ष तक केन्द्र व प्रान्तीय व्यवस्थापित सभाओं में सीटों के आरक्षण की अनुशंसा की थी। संविधान निर्माण सभा ने अल्पसंख्यक समिति के इस सुझाव को मान्यता देकर इसे जारी रखने का सुझाव दिया। भारतीय शिक्षा आयोग ने शैक्षिक अवसरों की समानता में अल्पसंख्यक वर्गों के बालकों की शिक्षा व्यवस्था करने पर बल दिया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, 1992 द्वारा अल्पसंख्यक बालकों हेतु की गई घोषणाएँ (Announcements for Minority Children by National Education Policy, 1986 and 1992)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में इस वर्ग की शिक्षा की उचित व्यवस्था करने की घोषणा की गई जो इस प्रकार है-
  1. अल्पसंख्यक अपनी शिक्षण संस्थाएँ स्वयं चलाएंगे परन्तु इन संस्थाओं का पाठ्यक्रम राज्य सरकार निश्चित करेगी।
  2. इनके क्षेत्रों में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षण संस्थाएँ खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार द्वारा इस वर्ग हेतु किए गए प्रयास (Efforts for Minority Class by Government)
सरकार द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग की शिक्षा के लिए निम्न प्रयास किए जा रहे हैं-
  1. अल्पसंख्यकों के क्षेत्र में प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के विद्यालयों को खोलने में प्राथमिकता दी जा रही है।
  2. अल्पसंख्यक संस्थाओं को मान्यता देने में नरमी बरती जा रही है।
  3. अल्पसंख्यकों के लिए क्षेत्रीय सघन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
  4. अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
  5. इस वर्ग की गरीब छात्राओं के लिए छात्रवृत्तियों की व्यवस्था की गई है।
  6. इस वर्ग को आरक्षण एवं आर्थिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
उपर्युक्त तथ्यों का अवलोकन करने के पश्चात् यह कहा जा सकता है कि स्वतन्त्रता प्राप्त करने के इतने वर्षों के उपरान्त अब ये जातियाँ शैक्षिक व आर्थिक दृष्टि से इतनी पिछड़ी हुई नहीं है जितनी स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले थीं। अब इनमें भी शैक्षिक, सामाजिक व राजनैतिक जागरूकता आ गई है। शिक्षा प्राप्त करने में अब हर वर्ग की रुचि बढ़ी है। सभी अपने बालकों को शिक्षा दिलाना चाहते हैं क्योंकि सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बाद अब भारत के प्रत्येक नागरिक को शिक्षा का महत्त्व समझ आ गया है ।

वर्तमान में केवल वोटों की राजनीति के कारण इन सब जातियों या वर्गों को विशेष सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। अब वह समय आ गया है जब सरकार को यह निर्णय लेना होगा कि केवल जाति के आधार पर किसी विशेष वर्ग को सुविधाएं न दी जाएं बल्कि इसका आधार आर्थिक और योग्यता होना चाहिए तब ही हम सही मायनों में शिक्षित बनकर एक मजबूत समाज तथा उन्नतशील राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे।

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