अधातु किसे कहते हैं | अधातु के नाम बताइए
अधातु किसे कहते हैं | अधातु के नाम बताइए
वैसा तत्व जो आधातवधर्य एवं तन्य नहीं होते हैं तथा भंगुर होते हैं,अधातु कहलाता है।
जैसे :- ऑक्सीजन, सल्फर, क्लोरीन, ब्रोमीन, इत्यादि।
अधातुएँ
◆ आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार 22 अ-धात्वीय (Non-metallic) तत्त्व हैं, जिनमें 11 गैस एक द्रव तथा शेष 10 ठोस है।
◆ कार्बन, गंधक आदि ठोस अधातु हैं, जबकि ब्रोमीन द्रव व ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि गैस है।
◆ अधातुएँ सामान्यतः विद्युत एवं ऊष्मा की कुचालक होती है। अपवाद- ग्रेफाइट।
◆ अधातुओं के गलनांक (Melting Point) धातुओं की अपेक्षा कम होते हैं।
हाइड्रोजन (Hydrogen)
◆ हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक ज्ञात हैं- 1. प्रोटियम (1H1 या H) 2. डयूटीरियम (1H2 या D) और 3. ट्राइटियम (1H3 या T)।
◆ डयूटीरियम के ऑक्साइड को भारी जल (D2O) कहते हैं।
◆ यूरे और वाशबर्न ने 1932 में भारी जल (Heavy Water) की खोज की थी।
◆ साधारण जल के लगभग 6000 भागों में 9 भाग भारी जल का होता है।
◆ भारी जल 3.8°C पर जमता है।
ऑक्सीजन (Oxygen)
◆ ऑक्सीजन के तीन समस्थानिक होते हैं- 8O16(99.76%) , 8O17(0.037%) तथा 8O18(0.204%)
◆ ऑक्सीजन की खोज सर्वप्रथम स्वीडन के शीले (Scheele) नामक वैज्ञानिक ने 1772 में की थी। ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन गैस है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठंडा करने पर यह नीले रंग के द्रव में परिवर्तित हो जाती है।
◆ ऑक्सीजन गैस स्वयं नहीं जलती, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसको कृत्रिम श्वसन
रूप में प्रयोग करते हैं, इस कारण इसे प्राण वायु (Life-Air) भी कहते हैं।
◆ ऑक्सीजन धातुओं को जोड़ने तथा क्लोरीन, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है।
◆ वायु में लगभग 29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है।
◆चाँदी को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठंडा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन (Spitting of Silver) कहते हैं।
◆ ओजोन (O3) ऑक्सीजन का एक अपरूप है। समुद्र तट से 30-32 किमी की ऊँचाई पर इसकी सांद्रता (Concentration) अधिक होती है। यह (ओजोन) सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) के दुष्प्रभाव से हमें बचाती है।
सल्फर (Sulphur)
◆ पृथ्वी पटल में सल्फर की प्रतिशतता लगभग 0.05% है।
◆ सल्फर से प्राप्त अत्यधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक रसायन सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) है।
◆ सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल 98% शुद्ध होता है।
सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग
(i)सल्फ्यूरिक अम्ल का मुख्य भाग उर्वरकों (जैसे- अमोनियम सल्फेट, सुपर फास्फेट) के संश्लेषण में प्रयुक्त होता है।
(ii) पेट्रोलियम शोधन में।
(iii) संचालक शोधन में।
(iv) डिटर्जेंट उद्योग में।
(v) रंजक द्रव्यों, पेंट तथा रंगों के संश्लेषण में प्रयुक्त होने वाले मध्यवर्ती यौगिक बनाने में।
नाइट्रोजन (Nitrogen)
◆ आयतन की दृष्टि से वायुमंडल का 78% भाग नाइट्रोजन है।
◆ वायुमंडल सहित पृथ्वी पर नाइट्रोजन का बाहुल्य भारानुसार 0.01% है।
◆ नाइट्रोजन का उपयोग वहाँ भी करते हैं, जहाँ किसी निष्क्रिय गैस की आवश्यकता होती है। जैसे- लोहा व इस्पात उद्योग में तनुकारक के रूप में।
◆ द्रव नाइट्रोजन का उपयोग जैव पदार्थों के लिए प्रशीतक के रूप में, भोज्य पदार्थों को जमाने एवं निम्न ताप पर शल्य चिकित्सा के लिए होता है।
◆ नाइट्रोजन के यौगिकों में अमोनिया (NH) एक प्रमुख यौगिक है। इसका निर्माण हैबर विधि द्वारा किया जाता है।
अमोनिया के उपयोग
(i) बर्फ बनाने में
(ii) नाइट्रिक अम्ल के निर्माण में
(iii) यूरिया, अमोनियम सल्फेट आदि
ऊर्वरक बनाने में
(iv) सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम बाइकार्बोनेट के निर्माण करने में
(v) अमोनियम लवण बनाने में
(vi) विस्फोटक बनाने में (vii) कृत्रिम रेशम बनाने में।
नोट : दलहनी पौधों की जड़ों में राइजोबियम (Rizobium) नामक जीवाणु पाये जाते हैं, जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Fixation of Nitrogen) में भाग लेते हैं।
फॉस्फोरस (Phosphrus)
◆ फॉस्फोरस प्राणी तथा वनस्पति पदार्थों का आवश्यक अवयव है। यह हड्डियों तथा जीव कोशिकाओं (DNA में) उपस्थित रहता है।
◆ फॉस्फोरस अपरूपता (Allotropy) प्रदर्शित करता है। श्वेत फॉस्फोरस, लाल फॉस्फोरस एवं काला फॉस्फोरस इसके अपरूप हैं।
◆ लाल फॉस्फोरस, श्वेत फॉस्फोरस की अपेक्षा कम क्रियाशील तथा अम्ल विलेय है।
हैलोजन (Halogen)
◆ वर्ग VIIA के तत्त्वों को हैलोजन कहा जाता है।
फ्लोरीन का उपयोग
(i) इसका उपयोग UF6 तथा SF6 बनाने में होता है जिनको क्रमशः परमाणु ऊर्जा उत्पादन तथा परावैद्युतिकी (Dielectric) में इस्तेमाल किया जाता है।
(ii) HF के उपयोग द्वारा क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) यौगिक तथा पॉलिटेट्रा फ्लुओरो एथिलीन (रेफ्लॉन) संश्लेषित किये जाते हैं। क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिकों को फ्रियान (Freon) कहते हैं। इसका उपयोग प्रशीतक (Refrigerent) के रूप में तथा ऐरोसॉल (Acroslo) में किया जाता है।
◆ नॉन-स्टिक (Non-Stick) बर्तन का ऊपरी परत टेफ्लॉन का बना होता है।
◆ क्लोरोन का उपयोग अनेक कार्बनिक यौगिकों (जैस- पॉलिवाइनिल क्लोराइड, क्लोरीनकृत हाइड्रोकार्बन) औषधियों, शाकनाशी तथा कीटनाशी के संश्लेषण में किया जाता है।
◆ ब्रोमीन का उपयोग एथिलीन ब्रोमाइड के संश्लेषण में होता है, जिसको सीसाकृत पेट्रोल (Leaded Petrol) में मिलाया जाता है। इसके अतिरिक्त सिल्वर ब्रोमाइड (AgBr) बनाने में ब्रोमीन इस्तेमाल करते हैं, जिसकी आवश्यकता फोटोग्राफी में होती है।
निष्क्रिय गैस (Nobel Gases)
◆ आवर्त सारणी में शून्य वर्ग में 6 तत्त्व है- हीलियम (He), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टान (Kr), जीनॉन (Xe) और रेडॉन (Rn)। ये सभी तत्त्व रासायनिक रूप में निष्क्रिय हैं। अतः इन तत्त्वों को अक्रिय गैसें (Inert Gases) या उत्कृष्ट गैसें (Nobel Gases) कहते हैं।
◆ रेडॉन (Rn) : रेडॉन को छोड़कर अन्य सभी अक्रिय गैसें वायुमंडल में पायी जाती है।
◆ आर्गन (Ar) : आर्गन का उपयोग मुख्यतः उच्चतापीय धातुकर्मिक प्रक्रियाओं धातुओं अथवा मिश्र धातुओं की आर्क-वेल्डिंग में निष्क्रिय वातावरण उत्पन्न करने तथा बिजली के बल्ब में भरने में किया जाता है।
◆ हीलियम (He) : यह हल्की तथा अज्वलनशीन गैस है। इसका उपयोग- (i) गुब्बारों को भरने में (ii) मौसम सम्बन्धी अध्ययनों के लिए (iii) ठंडी वायु वाली नाभिकीय भट्टी में (iv) द्रव में हीलियम का उपयोग निम्न ताप पर प्रयोगों में निम्न तापीय अभिकर्मक के रूप में करते हैं।
◆ नियॉन (Ne) : नियॉन विसर्जन लैंपों व ट्यूबों (वायुयान) तथा प्रतिदीप्ति बल्बों में भरी जाती है, जिनको विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करते हैं।