अधिगम प्रविधियों के रूप में सहकारी अधिगम प्रविधि का सविस्तार वर्णन कीजिए।
प्रश्न – अधिगम प्रविधियों के रूप में सहकारी अधिगम प्रविधि का सविस्तार वर्णन कीजिए।
या
सहकारी अधिगम के गुण-दोषों का वर्णन कीजिए । Explain the merits and demerits of cooperative learning.
या
सहकारी अधिगम पर टिप्पणी लिखिए। Write note on cooperative learning
उत्तर- सहकारी अधिगम (Cooperative Learning)
सहकारी अधिगम से तात्पर्य प्रायः ऐसी अधिगम प्रक्रिया से है जिसमें विद्यार्थी को स्वयं ही अपने समूह के अन्तर्गत सहकारी प्रणाली का अनुसरण करते हुए अधिगम करना होता है। छात्र प्रायः अपनी सूचनाओं एवं अनुभवों का आपस में आदान प्रदान करते हैं तथा परस्पर सहयोग द्वारा वातावरण में विषय सम्बन्धी ज्ञान एवं कौशलों को अर्जित करने का प्रयत्न करते हैं। परम्परागत कक्षागत शिक्षण में सम्पूर्ण प्रक्रिया विषय केन्द्रित भूमिका मुख्य रूप में होती है जबकि सहकारी अधिगम में प्रतिस्पर्धात्मक अधिगम के स्थान पर सहकारी ढंग से अधिगम उपार्जन का तथ्य विद्यार्थियों के समक्ष रखा जा सकता है। अतः सहकारी अधिगम द्वारा शिक्षक एवं छात्र दोनों की भूमिका एवं उत्तरदायित्वों में सार्थक एवं उद्देश्यपरक रूप से परिवर्तन लाया जा सकता है। सहकारी अधिगम को एक ऐसे शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें एक कक्षा के विद्यार्थी अपने आपको छोटे-छोटे विभिन्न समूहों में (जिनमें से प्रत्येक में विभिन्न योग्यता स्तर के बहुत थोड़े विद्यार्थी सम्मिलित होते हैं) बाँटकर प्रतिस्पर्धा रहित अधिगम वातावरण में सहकारी ढंग से परस्पर मिलजुल कर विषय विशेष से सम्बन्धित पाठ्य-सामग्री के अधिगम अर्जन में प्रयत्नरत रहते हैं ।
सहकारी अधिगम की विशेषताएँ
- सहकारी अधिगम शिक्षण अधिगम को विषय एवं अध्यापक केन्द्रित बनाने की अपेक्षा छात्र केन्द्रित बनाने पर जोर देता है ।
- यह विद्यार्थियों को स्वयं अपना अधिगम मार्ग का चयन करने हेतु प्रेरित करता है।
- इसमें विद्यार्थी को स्पर्धाऱहित, चिन्तामुक्त, सहयोगी वातावरण में सीखने एवं सहयोगपूर्ण अधिगम व अवसरों को प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है।
- यह प्रणाली यह विश्वास करके चलती है कि शिक्षक को छात्रों के साथ एक मित्र, सहयोगी एवं मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए छात्रों को इस प्रकार की अधिगम सुविधाएँ देने का कार्य करना चाहिए जिससे उन्हें पारस्परिक सहयोग करते हुए सीखने में सहायता प्राप्त होती है।
- इस प्रणाली की मान्यता है कि विद्यार्थी अच्छी प्रकार से अधिगम कर सकता है जब वह पूरी तरह जुड़कर एक दूसरे से सहयोग करते हुए अधिगम पथ पर आगे बढ़े।
- इस प्रणाली में व्यक्तिगत प्रयत्नों की अपेक्षा मिलजुलकर सहकारितापूर्ण ढंग से किए जाने वाले सामूहिक प्रयत्नों को अधिगम अर्जन के लिए प्राथमिकता प्रदान की जाती है।
सहकारी अधिगम के गुण (Merits of Cooperative Learning)
- शैक्षिक गुण (Academic Merits)
- इस प्रणाली को अपनाने से विद्यार्थियों को अधिगम के प्रति उत्तरदायी बनाया जा सकता है।
- विद्यार्थियों में उच्चस्तरीय चिंतन कौशलों, समीक्षात्मक चिंतन तथा मौखिक सम्प्रेषण कौशल का विकास होता है।
- इसमें अधिगम प्रक्रिया शिक्षक केन्द्रित न रहकर विद्यार्थी केन्द्रित बन जाती है।
- इससे विद्यार्थियों को शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भागीदार बनाने में मदद मिलती है।
- इस प्रणाली के द्वारा कमजोर छात्रों को तीव्र बुद्धि वाले बालकों के साथ रहकर सीखने से आगे बढ़ने के अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं ।
- सहकारी ढंग से अधिगम करने पर विद्यार्थियों को अपने साथी विद्यार्थियों के व्यवहार एवं कौशलों का निरीक्षण कर उन्हें सीखने के अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं ।
- इस प्रणाली के द्वारा विद्यार्थी प्रदर्शन, प्रयोग, व्यवहारात्मक तथा क्रियात्मक कौशलों का अर्जन अच्छी तरह से कर पाते हैं।
- मनोवैज्ञानिक गुण (Psychological Merits)
- परम्परागत कक्षा शिक्षण की तुलना में सहकारी अधिगम प्रणाली विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और आत्मप्रतिष्ठा बनाए रखकर उन्हें अधिगम के लिए सशक्त एवं ‘सहयोगी वातावरण प्राप्त करने का अवसर देता है।
- छात्र सहकारी एवं सहयोगी वातावरण में अच्छी तरह सीखते हैं।
- सहकारी अधिगम में विद्यार्थियों को अपने मित्रों से अधिगम कार्य में सहायता लेने तथा उनके अनुभवों से शिक्षा ग्रहण करने एवं लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त होता है। छात्रों को सभी प्रकार की मनोवैज्ञानिक सुरक्षा स्वतः प्राप्त होती रहती है।
- इसमें विद्यार्थियों में मनोवैज्ञानिक रूप से जो समूह भावना पाई जाती है तथा उन्हें आपस में जो सहयोग मिलता है उससे बालकों में मूल्यांकन एवं परीक्षण सम्बन्धी अनावश्यक भय दूर हो जाता है।
- सामाजिक गुण ( Social Merits )
- इससे सामाजिक नेतृत्व कौशल के विकास में समुचित अवसर उपलब्ध होते हैं ।
- सामाजिक सहयोग कैसे लिया एवं दिया जाता है इसके जितने अच्छे अभ्यास और आवश्यक प्रशिक्षण सम्बन्धी अवसर इस प्रणाली में प्राप्त होते हैं उतना अन्य किसी प्रणाली में नहीं।
- सहकारी अधिगम द्वारा छात्र समायोजन को सीखता है क्योंकि समायोजन के अभाव में छात्र अपने साथियों, समाज एवं विद्यालय से कुछ भी नहीं सीख है। सहकारी अधिगम एक अच्छे समायोजित सामाजिक जीवन जीने के लिए आवश्यक सामाजिक गुणों के विकास में सहायक होता है ।
- विद्यार्थी सहकारी अधिगम प्रणाली का अनुसरण कर धगम अर्जित करते समय सभी टीम के सदस्यों के साथ मिलजुलकर पूर्ण सौहार्द्र एवं सहयोग की भावना लेकर अध्ययन करते हैं ।
सह-अधिगम के दोष (Demerits of Cooperative Learning)
- इस प्रणाली के द्वारा कक्षा तथा विद्यालय में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप गम्भीर अनुशासनहीनता की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- सहकारी अधिगम के बहाने अध्यापक अपने शिक्षण दायित्वों का निर्वाह सही ढंग से न करके मौज-मस्ती करते हैं इसलिए यह प्रणाली मान्य नहीं है ।
- होशियार और प्रतिभाशाली बालकों को ट्यूटर बनाया जाता है जिससे उनका समय और शक्ति बर्बाद होती है तथा अधिगम विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
- इस प्रणाली को लागू करने से विस्तृत पाठ्यक्रम के समय पर समाप्त न होने की सम्भावना बनी रहती है ।
- पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने के कारण शिक्षकों को इस प्रणाली पर विश्वास नहीं है कि छात्र स्व-अधिगम से ज्ञानार्जन कर सकेंगे। विद्यार्थियों को न तो कोई पूर्व अनुभव होता है और न उन्हें कोई ऐसा प्रशिक्षण दिया गया है जिससे वे स्वयं के प्रयत्नों से मिल-जुलकर अधिगम अनुभव कर सकें।