अध्ययन विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान एवं Format of Social Science and भाषा का प्रारूप बताइए। Language as a Discipline.
प्रश्न – अध्ययन विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान एवं Format of Social Science and भाषा का प्रारूप बताइए। Language as a Discipline.
उत्तर- अध्ययन विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान का प्रारूप (Format of Social Science as a Discipline)
विभिन्न स्तरों के सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अन्तर्गत विषयों का अध्ययन किया जाता है।
जो निम्नलिखित है-
- स्थानीय समाज का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण-इसके अन्तर्गत निम्नलिखित बिन्दु आते हैं –
- परिवार का सामाजिक एवं आर्थिक इकाई के रूप में अध्ययन,
- जलवायु,
- व्यवसाय तथा उद्योग,
- कृषि,
- वाणिज्य तथा वाणिज्य से सम्बन्धित व्यवसाय,
- यातायात, एवं
- जनसंख्या का वितरण ।
- जिले के इतिहास का अध्ययन
- स्थानीय शासन व्यवस्था
- सामुदायिक स्वास्थ्य विज्ञान
- भोजन-इसके अन्तर्गत निम्नलिखित बातों का विवेचन किया जाता है –
- भोजन के उत्पादन के विभिन्न स्तर,
- स्थानीय फसलों का विवेचन,
- लोगों के रहन-सहन का विवेचना
- आधुनिक खाद्य व्यवस्था, एवं
- सिंचाई व्यवस्था |
- वस्त्र – इसके अन्तर्गत निम्नलिखित पोशाकें या वस्त्र आते हैं
- राष्ट्रीय पोशाक,
- प्राचीन भारत की पोशाकें, एवं
- वस्त्रों के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री- रुई, खोल आदि ।
- आवास- इसके अन्तर्गत निम्नलिखित आवासों का वर्णन किया जाता है-
- विभिन्न युगों में रहने वाले लोगों के आवास
- आवास निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री
- विभिन्न युगों एवं स्थानों के लोगों के आवास
- शक्ति – इसके अन्तर्गत छात्रों को निम्नलिखित बातों से अवगत कराया जाता है-
- मानव-शक्ति
- पशु – शक्ति
- जल- शक्ति
- भाप – शक्ति
- अणु- शक्ति
- मशीनरी – इसके अन्तर्गत छात्रों को निम्नलिखित बातों से अवगत कराया जा रहा है –
- प्राचीन काल के यन्त्र
- लकड़ी के यन्त्र
- लोहे तथा इस्पात का उत्पादन
- भारत में औद्योगिक क्रान्ति
- उद्योगों का विकेन्द्रीकरण
- यातायात – इसके अन्तर्गत छात्रों को निम्नलिखित बातों का अध्ययन कराया जाता है-
- समुद्री मार्ग
- भारत में रेलों का विकास
- सड़क यातायात
- प्राचीन काल के संचार साधन
- यातायात एवं संचार के साधनों का मानव जीवन पर प्रभाव
- भारत के प्राकृतिक भाग
- व्यापार
- सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन-इसके अन्तर्गत छात्रों को निम्नलिखित बातों का अध्ययन कराया जाता है-
- सामाजिक विकास के विभिन्न स्तर
- भारतीयों का वर्तमान सामाजिक जीवन
- सामाजिक दृष्टि से पिछड़ी जातियों का उत्थान
- भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ
- भारतीय इतिहास के विभिन्न कालों की संस्कृति
- गुप्तकालीन संस्कृति
- राजपूत कालीन सभ्यता
- मुस्लिम संस्कृति एवं भारतीय संस्कृति पर उनका प्रभाव
- पाश्चात्य सभ्यता
- राजकीय एवं केन्द्रीय स्तर पर शासन-व्यवस्था
- विभिन्न क्रियाएँ
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई प्रगति एवं उनका मानव जीवन पर प्रभाव |
विद्यालयी पाठ्यचर्या में अध्ययन विषय के रूप में भाषा का प्रारूप (Format of Language as a Discipline )
विद्यालयी पाठ्यचर्या में अध्ययन विषय के रूप में भाषा का प्रारूप निम्न हैं-
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- कारक
- क्रिया
- उपसर्ग और प्रत्यय
- शब्द-विलोम
- विराम चिन्ह
- वचन
- काल
- लिंग
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- वाक्याँशों के लिए एक शब्द
- सन्धि
- समास
- पत्र-लेखन
हिन्दी साहित्य का प्रारूप (Format of Hindi Literature ) कविता – वह चिड़िया जो, हम पंछी उन्मुक्त गगन के एक तिनका आदि ।
कहानी – नादान दोस्त, लाख की चूड़ियाँ, जब सिनेमा ने बोलना सीखा, शाम एक किसान आदि ।
यात्रा – वृत्तांत – बस की यात्रा……. आदि ।
संस्मरण- बचपन, वीर कुँवर सिंह, चिट्ठियों की अनूठी दुनिया |
निबन्ध-कामचोर नौकर, मिठाईवाला, अक्षरों का महत्त्व |
एकांकी-ऐसे-ऐसे आदि ।
