1st Year

अनुदेशन शिक्षण से किस प्रकार भिन्न है? परिभाषा देते हुए स्पष्ट कीजिए । How Instruction is different from teaching? describes with definition.

प्रश्न  – अनुदेशन शिक्षण से किस प्रकार भिन्न है? परिभाषा देते हुए स्पष्ट कीजिए । How Instruction is different from teaching? describes with definition.
या 
अनुदेशन की प्रमुख मान्यताएँ कौन सी हैं? इसकी विशेषताएँ एवं उपयोगिता स्पष्ट कीजिए । What are the basic Assumptions of instruction? Describe its characteristics and utility.
उत्तर – अनुदेशन (Instruction) 
अनुदेशन का अर्थ है सूचना देना । यह सूचना देने का कार्य शिक्षक के अतिरिक्त कोई दूसरा भी कर सकता है जबकि शिक्षण में शिक्षक व छात्रों के बीच अन्तःप्रक्रिया (Interaction ) का होना अति आवश्यक है। अनुदेशन में छात्र अभिक्रमित अनुदेशन द्वारा स्वयं भी सीख सकता है। शिक्षण में भी अनुदेशन का प्रयोग किया जाता है इसलिए शिक्षण को तो अनुदेशन कहा जा सकता है परन्तु अनुदेशन को शिक्षण नहीं कहा जा सकता क्योंकि अनुदेशन में शिक्षक और छात्र के मध्य अन्तःप्रक्रिया होना आवश्यक नहीं है। अनुदेशन तकनीकी मशीन तकनीकी (Hardware approach) पर आधारित है। विभिन्न प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्रियों,जैसे- रेडियो, टेलीविजन, रिकॉर्ड-प्लेयर, प्रोजेक्टर आदि सामग्रियों के द्वारा विद्यार्थियों के बड़े-बड़े समूहों को कम से कम समय में तथा थोड़े खर्च द्वारा ज्ञान दिया जा सकता है।

अनुदेशन निःसन्देह शिक्षण को सरल, स्पष्ट एवं सुग्राही तो बना देती है परन्तु यह शिक्षक का स्थान कभी नहीं ले क्योंकि अनुदेशन में शिक्षक एवं शिक्षार्थी के मध्य अन्तःक्रिया होना आवश्यक नहीं है। इसलिए यह तकनीकी केवल ज्ञानात्मक पक्ष को ही विकसित कर पाती है, भावात्मक (Affective) एवं क्रियात्मक (Cognitive) पक्षों के विकास को अधिक महत्त्व नहीं देती है जबकि शिक्षण के माध्यम से तीनों पक्षो का विकास सम्भव है। अनुदेशन तकनीकी को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है

सीगल के अनुसार, “अनुदेशन तकनीकी शिक्षण की कला में पाठ्यक्रम-अधिगम विधियों तथा प्रविधियों में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है । “

अनुदेशन की मान्यताएँ ( Assumptions of Instruction)

  1. अनुदेशन में पाठ्य-वस्तु का प्रस्तुतीकरण स्वतन्त्र रूप से एवं पाठ्य-वस्तु को छोटे-छोटे तत्त्वों में विभाजित करके किया जा सकता है।
  2. पाठ्य-वस्तु में छोटे-छोटे तत्त्वों की सहायता से समुचित अधिगम की परिस्थितियाँ उत्पन्न की जा सकती हैं।
  3. पाठ्य-वस्तु का चुनाव उसके उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया जा सकता है।
  4. अनुदेशन तकनीकी शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सहायक होती है।
  5. अनुदेशन की सहायता से छात्रों को अपनी व्यक्तिगत विभिन्नताओं के अनुसार सीखने का अवसर प्रदान किया जा सकता है।
  6. शिक्षक की अनुपस्थिति में भी छात्र स्वयं अध्ययन द्वारा सीख सकता है।
  7. अनुदेशन तकनीकी छात्रों में अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन लाने में सहायक है।
अनुदेशन की विशेषताएँ एवं उपयोगिता (Characteristics and Utility of Instructional)
  1. अनुदेशन का तात्पर्य केवल ज्ञान एवं सूचना प्रदान करना है, इसलिए इस तकनीकी द्वारा ज्ञानात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति की जाती है ।
  2. अनुदेशन शिक्षण का एक साधन है जो शिक्षण को प्रभावशाली बनाती है।
  3. अनुदेशन दृश्य-श्रव्य सामग्री पर आधारित है इसलिए शिक्षण धीरे-धीरे यन्त्रवत् (क्रमानुसार) होता जाता है।
  4. इसमें निर्देशन केवल शिक्षण के स्मृति स्तर पर आधारित होता है।
  5. इसमें छात्रों को उनकी व्यक्तिगत विभिन्नताओं के अनुसार सीखने का अवसर प्रदान किया जाता है ।
  6. यह मनोवैज्ञानिक तथा अधिगम के सिद्धान्तों पर आधारित है।
  7. इसमें छात्रों को सही अनुक्रिया की पुष्टि कर निरन्तर पुनर्बलन दिया जाता है।
  8. अनुदेशन विभिन्न प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री, विधियों, प्रविधियों द्वारा प्रदान किया जाता है।

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