1st Year

उन्माद क्या है? मस्तिष्क विप्लव के संगठन के चरण को स्पष्ट कीजिए । What is brain storming? Explain Stages of Organising Brainstorming.

प्रश्न  – उन्माद क्या है? मस्तिष्क विप्लव के संगठन के चरण को स्पष्ट कीजिए । What is brain storming? Explain Stages of Organising Brainstorming.
या
मस्तिष्क विप्लव की प्रमुख विशेषताओं एवं दोषों का उल्लेख कीजिए | Describe the major characteristics. and demerits of brain storming.
या
बुद्धिशीलता की प्रकृति तथा आवश्यकता Nature and need of Brain storming.
उत्तर- मस्तिष्क विप्लव ( उन्माद ) (Brainstorming)
इस आव्यूह रचना का प्रतिपादन करने का श्रेय एलेक्स एफ. आसबॉर्न (Alex Faickncy Osborn ) को है जिन्होनें सन् 1963 में अपनी रचना (Applied Imagination) ‘एप्लाइड इमेजिनेशन’ में इसे दिया था। यह एक प्रजातांत्रिक आव्यूह रचना है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है मस्तिष्क विप्लव (हलचल) अर्थात् ऐसी परिस्थितियों एवं साधनों का प्रयोग करना जो बालक के मस्तिष्क को इस प्रकार सक्रिय करें जिससे कि दिए गए कार्य या समस्या के बारे में असंख्य समाधान, विचार, सही गलत, औचित्य – अनौचित्य आदि उसके मस्तिष्क पटल पर • अनायास ही उभर जाए। इसमें वाद-विवाद, तर्क-वितर्क, विचार-विमर्श आदि शिक्षण साधनों का प्रयोग किया जाता है।

इस विधि में छात्रों को समस्या दी जाती है तथा छात्रों से समस्या समाधान करने के लिए कहा जाता है। समस्या समाधान से सम्बन्धित जो भी विचार जिस छात्र के दिमाग़ में आते हैं वे उन्हें प्रस्तुत करते जाते हैं। प्रत्येक विचार के बारे में • तर्क-वितर्क किया जाता है। सही सिद्ध होने पर उसे स्वीकार कर लिया जाता है अथवा अस्वीकार कर दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक विचार के बारे में वाद-विवाद विचार-विमर्श एवं तर्क-वितर्क किया जाता है। प्रत्येक छात्र अपने विचारों को निर्भीकता एवं स्वतन्त्रतापूर्वक प्रस्तुत कर सकते हैं। सभी छात्रों से प्राप्त विचारों का विश्लेषण, संश्लेषण तथा मूल्यांकन किया जाता है। समस्या का सर्वोत्तम समाधान निकालने का प्रयास किया जाता है ।

मस्तिष्क विप्लव (उन्माद) की प्रकृति एवं विशेषताएँ
  1. इस आव्यूह रचना के द्वारा ज्ञानात्मक एवं भावात्मक पक्ष के उद्देश्यों का विकास होता है ।
  2. इसके द्वारा सामाजिकता की भावना का विकास होता है।
  3. इसके द्वारा छात्र अपने विचारों की मौलिक अभिव्यक्ति करते हैं ।
  4. इसके द्वारा छात्रों में दूसरों को सुनने व उनके विचारों को समझने की क्षमता का विकास होता है ।
  5. छात्रों में आलोचनात्मक एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास होता है।
  6. उच्च कक्षाओं के छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
  7.  छात्र सक्रिय रहते है इसलिए प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है।
  8. छात्र में समस्या समाधान करने की क्षमता का विकास होता है।
  9. छात्र को प्रजातान्त्रिक वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है।
  10. यह आव्यूह रचना शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित होता है ।
  11. इस आव्यूह रचना से छात्रों में सामूहिक रूप से चिन्तन करने तथा कार्य करने की आदत का विकास सम्भव होता है।
  12. इसमें छात्रों में विचारने, संश्लेषण करने तथा निष्कर्ष पर पहुँचने की क्षमता का विकास करने का पर्याप्त अवसर मिलता है।
मस्तिष्क उद्वेलन की आवश्यकता
  1. किसी कार्य के सटीक तथा उपयुक्त प्रबन्धन में मस्तिष्क उद्वेलन प्रमुख भूमिका निभाता है।
  2. छात्रों की शिक्षा सम्बन्धित मौलिक समस्याओं का निदान एवं उपचार करने में मस्तिष्क उद्वेलन प्रमुख रूप से उपयोगी होती है।
  3. इसके माध्यम से छात्रों को समाधान के लिए प्रेरित एवं प्रतिबन्धित किया जाता है।
  4. छात्रों के कार्यों के सही आउटपुट प्राप्ति एवं उसके सही रूप में संशोधन में मस्तिष्क उद्वेलन मुख्य रूप से उपयोगी है।
  5. मस्तिष्क उद्वेलन के माध्यम से कार्य करने के उपयुक्त वातावरण का निर्माण किया जाता है।
  6. यह कार्य करने वाले छात्रों में सृजनात्मक गुणों एवं कौशलों का विकास करता है।
मस्तिष्क विप्लव के संगठन के चरण (Stages of Organising Brainstorming)
  1. समस्या की स्पष्टता – मस्तिष्क विप्लव हेतु तैयार होने से पूर्व जिस समस्या का समाधान प्राप्त करना है उसके सम्बन् में पूर्ण जानकारी एवं पहचान होनी चाहिए। इसके माध्यम से समस्या समाधान में गतिशीलता एवं मदद मिलेगी।
  2. उपकरण एकत्रित करना – मस्तिष्क विप्लव का लक्ष्य अपने मस्तिष्क के विचारों को बाहर लाना तथा पृष्ठ या स्क्रीन पर शीघ्रता से अंकित करना है। यदि आप पेन पेपर की सहायता लेना चाहते हैं तो इन संसाधनों की रूपरेखा पूर्ववत ही तैयार कर लेनी चाहिए। यदि आप आनलाइन कार्य करना चाहते है तो अपने विचारों के संगठन हेतु उनकी व्यवस्था करनी चाहिए ।
  3. विचारों पर ध्यान केन्द्रण- समस्त उपकरण तैयार हो जाने के बाद शीघ्रतापूर्वक अपने विचारों को संक्षेप में लिखना प्रारम्भ कर देना चाहिए। प्रारम्भ में व्यक्ति यह निर्णय नहीं कर पाता कि कौन से विचार दृढ़ है या कौन से वास्तविक । प्रारम्भ में व्यक्ति केवल उन विचारों को लिखना चाहता है जिन्हें वह कर सकता है।
  4. अपनी सूची को परिसीमित रखना- मस्तिष्क में एकत्रित विचारों में से 2-3 सर्वश्रेष्ठ विचारों को संकीर्ण (चुनना) करना एवं स्वयं कुछ प्रश्न करना जैसे-
    1. क्या यह विचार मौजूदा संसाधनों के साथ लागू किया जा सकता है या क्या कर्मचारियों के समय या वित्त के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है?
    2. क्या इस विचार पर पहले कोई प्रयास किया गया है ?
    3. इस विचार पर मुझे किसे समझने की आवश्यकता है ?
    4. क्या इस विचार को कम्पनी में एक बड़े सांस्कृतिक या व्यावहारिक परिवर्तन की आवश्यकता है ?
    5. क्या इस विचार के लिए अब सही समय है ?
  5. अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करना – यदि एक बार आप अपने शीर्ष विचारों को शून्य पाते हैं तो अपने पर्यवेक्षक, टीम या अन्य पार्टियों को, जिन्हें निर्णय लेने की आवश्यकता है, उन्हें प्रस्तुत करना चाहिए। अपनी सिफारिशों को समझाने के साथ ही इस विषय में बात करने के लिए चौथे चरण में प्रश्नों का प्रयोग करें कि अन्य समाधान प्रभावी क्यों नही होंगे।

अतः उपरोक्त समस्त प्राक्रियाओं या चरणों के माध्यम से ही एक प्रभावी मस्तिष्क विप्लव का संगठन पूर्ण हो सकता है।

मस्तिष्क विप्लव (उन्माद ) के दोष (Demerits of Brainstorming)
  1. इस आव्यूह रचना द्वारा सभी विषयों का ज्ञान देना सम्भव नहीं होता है।
  2. यह पिछड़े छात्रों के लिए उपयोगी नही है ।
  3. सभी छात्र तर्क-वितर्क, वाद-विवाद तथा विचार-विमर्श में सहयोग नहीं दे पाते हैं ।
  4. यह विधि अध्ययन अध्यापन के लिए सुव्यवस्थित विधि नहीं है ।
  5. सभी छात्र एक साथ अपने-अपने विचार प्रस्तुत करते हैं जिससे समय की बर्बादी होती हैं ।
  6. इसमें छात्रों का व्यक्तिगत रूप से मूल्याकंन करना कठिन कार्य है।

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