दाब किसे कहते हैं | दाब का सूत्र क्या है | दाब की परिभाषा क्या है
दाब किसे कहते हैं | दाब का सूत्र क्या है | दाब की परिभाषा क्या है
दाब (Pressure)
◆ किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं। दाब एक अदिश राशि है तथा इसका SI मात्रक न्यूटन/मीटर² (N/m²) होता है जिसे पास्कल (Pa) भी कहते हैं।
दाब को निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त करते हैं-
दाब (P) F / A = पृष्ठ के लंबवत् बल / पृष्ठ का क्षेत्रफल
वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure)
◆ पृथ्वी के चारों ओर उपस्थित वायु एवं विभिन्न गैसों को वायुमंडल कहा जाता है। अतः वायुमंडल में उपस्थित वायु भी हम सभी पर अत्यधिक दाब डालती है, जिसे वायुमंडलीय दाब कहा जाता है।
◆ सामान्यतः वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है जो पारे के 76 सेंटीमीटर वाले एक कलम द्वारा 0°C पर 45° के अक्षांश पर समुद्र तल पर लगाया जाता है। यह एक वर्ग सेमी. अनुप्रस्थ काट वाले पारे के 76 सेमी. लंबे कॉलम के भार के बराबर होता है। वायुमंडलीय दाब का SI मात्रक बार (Bar) होता है।
◆ वायुमंडलीय दाब 105 न्यूटन/मीटर² अर्थात् एक बार (bar) के बराबर होता है।
◆ पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण- (i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है, (ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउंटेन पेन से स्याही रिस जाती है (iii) उच्च रक्त चाप वाले व्यक्ति को वायुयान में यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
◆ वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर (Barometer) से मापा जाता है। इसकी सहायता से मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान भी लगाया जाता है।
◆ बैरोमीटर का पाठ्यांक अर्थात् पारा जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आंधी आने की संभावना होती है।
◆ बैरोमीटर का पाठ्यांक अर्थात् पारा जब धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है तो दिन साफ रहने की संभावना होती है।
द्रव में दाब (Pressure in Liquid)
◆ द्रव की अणुओं के द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं। द्रव के अंदर किसी बिन्दु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिन्दु की गहराई (h) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल
द्रवों में दाब के नियम
(i) स्थिर द्रव में एक क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है।
(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है।
(iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतन्त्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। घनत्व अधिक होने पर दाव भी अधिक होता है।
द्रव-दाब सम्बन्धी पास्कल का नियम
◆ पास्कल के नियम का प्रथम कथन : यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाय तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिन्दु पर दबाव समान होता है।
◆ पास्कल के नियम का द्वितीय कथन : किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचारित कर दिया जाता है।
◆ पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र : हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि।
◆ द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृति पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है।
गलनांक व क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (Effect of Pressure on Melting Pointing and Boiling Point)
गलनांक पर प्रभाव
(i) वे पदार्थ जो पिघलने पर प्रसारित (Expands) होते हैं उन पर दाब बढ़ाने से उनका गलनांक बढ़ जाता है। उदाहरणार्थ- मोम एवं घी आदि।
(ii) वे पदार्थ जो पिघलने पर संकुचित (Contract) होते हैं, उन पर दाब बढ़ाने से उनका गलनांक कम हो जाता है। उदाहरणार्थ- बर्फ।
क्वथनांक पर प्रभाव
◆ सभी द्रवों का क्वथनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाता है।