परवरिश से आप क्या समझते हैं? बामरिंद की परवरिश शैलियों का वर्णन कीजिए। What do you mean by Parenting ? Describe the Parenting Styles of Baumrind.
प्रश्न – परवरिश से आप क्या समझते हैं? बामरिंद की परवरिश शैलियों का वर्णन कीजिए। What do you mean by Parenting ? Describe the Parenting Styles of Baumrind.
या
पालन-पोषण शैलियों की अवधारणा क्या है? बाल विकास पर पालन-पोषण शैलियों के प्रभाव की विवेचना कीजिए । What is the concept of Parenting styles? Discuss the impact of Parenting styles on Child Development.
या
या पैरेंटिंग शैली के प्रकार | Types of painting styles.
उत्तर – परवरिश (Parenting)
परवरिश किसी बालक को जन्म से प्रौढ़ावस्था अथवा वयस्कावस्था तक खड़ा करने तथा उसे शिक्षित करने की एक प्रक्रिया है। यह सामान्यतः परिवार में माता या पिता के द्वारा की जाती है। जब कोई माता-पिता अपने बालकों की देखभाल या परवरिश करने के योग्य नहीं होते या इच्छुक नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में बालकों की परवरिश उनके दादा-दादी नाना-नानी या अन्य सम्बन्धियों के द्वारा की जाती है। इस प्रकार जैविक माता-पिता के द्वारा अपना पाल्य का ध्यान रखकर पालन-पोषण तथा सुरक्षा करते हुए माता-पिता की भूमिका निभाना ‘परवरिश’ है।
परवरिश का लक्ष्य (Aims of Parenting)
- अपने पाल्य की खतरों से सुरक्षा करना ।
- पाल्य की शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना ।
- बालकों को सांस्कृतिक मूल्यों तथा कौशलों की जानकारी देना आदि ।
परवरिश के पक्ष ( Aspects of Parenting )
- आर्थिक सहायता देना ।
- आदर्श तथा मूल्यों से परिचित कराना।
- शिक्षा पर व्यय करना तथा बीमा कराना ।
- नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास करना ।
- सामाजिक कौशल तथा शिष्टाचार की शिक्षा देना ।
- शारीरिक देखभाल करना ।
परवरिश शैलियाँ (Parenting Styles)
परवरिश शैली उन रणनीतियों के संयोजन को सन्दर्भित करती है जो एक माता-पिता अपने बच्चों के पालन के लिए उपयोग करते हैं। वर्तमान में मनोविज्ञान में चार प्रमुख परवरिश शैलियाँ हैं अधिकारिक, उपेक्षित, अनुमोदित सत्तावादी । प्रत्येक शैली की अलग-अलग विशेषताएँ हैं तथा जिस शैली का वे उपयोग करते है उनके बच्चों में उसी प्रकार की प्रतिक्रिया होती है ।
1960 के दशक में दयेन बामरिंड ( Diane Baumrind) ने परवरिश शैलियों का एक सामान्य सन्दर्भित वर्गीकरण किया ।. इनका वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से है-
आधिकारिक परवरिश शैली (Authoritative Parenting Style)आधिकारिक परवरिश शैली को साधिकारात्मक शैली भी कहा जाता है। यह शैली बाल केन्द्रित उपागम पर आधारित है तथा इसके अन्तर्गत परिपक्वता से अधिक अपेक्षाएँ होती है। इस परवरिश शैली को सामान्य बच्चों के लिए सबसे अधिक प्रभावी और लाभकारी परवरिश शैली माना जाता है। इस शैली. की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- इस शैली को अपनाने वाले माता-पिता कठोर नहीं बल्कि दृढ़ होते हैं।
- माता-पिता अपने बालकों को स्व निर्णय लेने योग्य बनाते हैं ।
- माता-पिता अपने बच्चों के प्रत्येक कार्य के प्रति उत्साहित रहते हैं।
- माता-पिता अपने बच्चों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान में सहायता करते हैं ।
उपेक्षात्मक परवरिश शैली
उपेक्षात्मक परवरिश शैली बच्चों पर उपयोग की जाने वाली सबसे हानिकारक शैलियों में से एक है। उपेक्षात्मक शैली अन्य शैलियों से भिन्न है जिसमें माता-पिता बच्चों के कार्यों पर कोई अंकुश नहीं लगाते हैं एवं स्वाभाविक रूप से उनको बहुत स्वतन्त्रता देते हैं। सामान्यतः कुछ माता-पिता ऐसे निर्णयों के प्रति सचेत होते हैं किन्तु अन्य माता-पिता इस बारे में कम रुचि लेते हैं। इस शैली को असावधानी या लापरवाही पूर्ण शैली भी कहा जाता है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- बालकों में स्वतन्त्रता की भावना विकसित होने पर वे माता-पिता पर निर्भर रहना बन्द कर देते हैं ।
- माता-पिता अपने बालकों के लिए कोई समय-सीमा नहीं निर्धारित करते हैं तथा न ही उनके जीवन में शामिल (Involved) होते हैं ।
- इस शैली को अपनाने वाले माता-पिता का उत्साह तथा नियन्त्रण कम होता है ।
- प्रायः माता-पिता अपने बालकों के संवेगों तथा विचारों को कोई महत्त्व नहीं देते तथा अस्वीकार कर देते हैं ।
- बच्चों में सामाजिक समायोजन की भावना विकसित नहीं हो पाती, अतः बच्चे सामाजिक परिस्थितियों से मुँह मोड़ लेते हैं।
अनुमोदित परवरिश शैली (Permissive Parenting Style)
अनुमोदित परवरिश शैली को स्वाकार्य शैली के रूप में भी जाना जाता है यह भी सम्भावित हानिकारक शैलियों में से एक है। इस शैली को अपनाने वाले माता-पिता बहुत नरम स्वभाव वाले होते हैं। इसीलिए इस शैली को अपनाने वाले माता-पिता के बच्चे अधिकतर बिगड़े हुए होते है। इस शैली को अनुज्ञात्मक परवरिश शैली भी कहा जाता है। इस शैली में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
- इसमें माता-पिता की अपेक्षाएँ अपने बालकों से बहुत कम होती हैं तथा माता-पिता अपने बालकों के साथ अधिक व्यस्त (Involved) रहते हैं ।
- इस शैली में पहले बड़े बच्चे अत्यधिक आवेगशील होते है एवं वे किशोरों की तरह अपने आपको दुर्व्यवहार में संलिप्त कर लेते हैं ।
- बालक जल्द ही परिपक्व तथा स्वतन्त्र रूप से जीने के योग्य बन जाते हैं ।
- यह शैली नरम तथा अनिर्देशित होती है |
- बालक संवेगात्मक रूप से स्वतंत्र होते हैं ।
सत्तावादी परवरिश शैली ( Authoritarian Parenting Style)
सत्तावादी शैली को कठोर शैली भी कहा जाता है। इस शैली के माता-पिता अपेक्षा करने वाले होते हैं न कि उत्तरदायी । सत्तवादी शैली एक प्रकार की दण्डात्मक शैली है। इस शैली के अन्तर्गत माता-पिता बालकों को उनके निर्देश- पालन करने तथा उनके कार्यों व प्रयासों का सम्मान करने की सलाह देते हैं। सत्तावादी शैली के माता-पिता बच्चे और उनके बीच थोड़ी बातचीत की अनुमति देते हैं और अपेक्षा करते हैं कि बच्चे नियमों और अपेक्षाओं का सख्ती से पालन करें। ऐसे माता-पिता सामान्य तौर पर आज्ञा पालन की मांग या सबक सिखाने के लिए सजा पर भरोसा करते हैं। माता-पिता जो इस शैली को प्रदर्शित करते है स्वयं के लिए अनुशासित होते हैं। यह शैली बच्चों के लिए सबसे अधिक लाभदायक माना जाता है । इस शैली की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- सत्तावादी शैली के अन्तर्गत माता-पिता अपने बच्चों से बहुत अधिक अपेक्षाएँ रखते हैं।
- चूँकि माता-पिता बच्चों की आवश्यकताओं के प्रति कम प्रतिक्रियात्मक होते हैं। इसलिए कई बार माता-पिता इस आवश्यकता के लिए बालकों पर हाथ उठा देते हैं।
- इस परवरिश के अन्तर्गत बालकों में सामाजिक योग्यता कम होती है।
- इस शैली में माता-पिता अपने बालकों पर अपनी अपेक्षाएँ बलपूर्वक थोपी जाती है जिसके कारण बालक विद्रोही हो जाते हैं।