1st Year

पिछड़े वर्गों के बच्चों की शिक्षा से आपका क्या आशय है? राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति, 1958 के सुझावों का वर्णन कीजिए।

प्रश्न – पिछड़े वर्गों के बच्चों की शिक्षा से आपका क्या  आशय है? राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति, 1958 के सुझावों का वर्णन कीजिए।
What do you mean by Education for Children of Backward Classes? Describe the Suggestions of National Women Education Committee, 1958.
या
पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम (PWD Act 1995) पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर- पिछड़े वर्गों के बच्चों की शिक्षा (Education for Children of Backward Classes) 
संविधान के अनुच्छेद 15 (4) में राज्यों को सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के उत्थान के लिए विशेष उपाय करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इसके अलावा अनुच्छेद (4) में राज्य को यह अधिकार दिया गया है कि वह सरकारी सेवाओं तथा पदों में ऐसे किसी पिछड़े वर्गों के लिए जिन्हें इनमें आरक्षण नहीं मिला है, आरक्षण की व्यवस्था कर सकता है।

प्रारम्भ में कुछ ही जातियों को पिछड़ी जातियों में रखा गया था परन्तु आरक्षण मिलने के लोभ में अन्य जातियों ने भी पिछड़े वर्ग में सम्मिलित होने की माँग की। वोट की राजनीति के कारण अनेक सम्पन्न तथा प्रबुद्ध वर्ग की जातियां भी पिछड़े वर्ग में सम्मिलित कर ली गई यद्यापि ये जातियाँ शिक्षा में काफी आगे बढ़ चुकी हैं फिर भी क्योंकि ये पिछड़े वर्ग में आती हैं इसलिए सरकार इनकी शिक्षा की व्यवस्था में भी सहयोग प्रदान कर रही है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सभी वर्गों के बालकों की शिक्षा पर ध्यान देना शुरू किया गया ।

‘भारतीय शिक्षा आयोग ने शैक्षिक अवसरों की समानता में इनकी शिक्षा व्यवस्था पर विशेष बल दिया। आयोग के सुझावों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 में स्वीकार किया गया और इस वर्ग में आने वाले सभी बालकों की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करने की घोषणा की गई तथा इन घोषणाओं का अनुपालन होना प्रारम्भ हो गया ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 में पिछड़े वर्ग के बालकों की शिक्षा हेतु घोषणाएँ ( Announcements for Children of Backward Classes in National Policy, 1968)
  1. पिछड़े वर्ग के बालकों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  2. पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के प्रवेश लेने के लिए शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ में एक अभियान चलाया जाए।
  3. पिछड़े वर्ग के बालकों को छात्रवृत्तियाँ, ड्रेस, पुस्तकें, लेखन सामग्री व दोपहर का भोजन निःशुल्क प्रदान किया जाए।
  4. पिछड़े क्षेत्रों में इन्हीं क्षेत्रों के शिक्षित युवकों को प्रशिक्षित कर शिक्षक नियुक्त करने का प्रयास किया जाए।
  5. पिछड़े वर्ग के बालकों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पिछड़े वर्ग के बालकों की शिक्षा-व्यवस्था हेतु किए गए प्रयास (Efforts for Education of Children from Backward Classes)
  1. पिछड़े क्षेत्रों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल खोलने को वरीयता दी जा रही है।
  2. माध्यमिक एवं उच्च स्तर पर इस वर्ग के बालकों को आरक्षण दिया जा रहा है।
  3. पिछड़े वर्ग के बालकों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
  4.  पिछड़े वर्ग के बालकों के लिए छात्रवृत्तियों की व्यवस्था की गई है।
  5. पिछड़े वर्ग के बालकों को नौकरियों में छूट दी जा रही है।
पी. डब्ल्यू. डी. अधिनियम (PWD Act 1995)
इस अधिनियम को संसद द्वारा 12 दिसम्बर 1995 को पारित किया गया तथा 7 फरवरी 1996 को अधिसूचित किया गया । इस अधिनियम का उद्देश्य निःशक्त व्यक्तियों को सुविधाएँ, सेवाएँ प्रदान करने के लिए केन्द्रीय और राज्य सरकारी, स्थानीय निकायों का दायित्व निर्धारण करना है जिसमें वे देश के उत्पादक व उपयोगी नागरिक के रूप में समान अवसर के लिए भागीदारी कर सकें।
  1. इस अधिनियम के अन्तर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विकलांगता ग्रस्त प्रत्येक बच्चे को ( 18 वर्ष की आयु तक) निःशुल्क व पर्याप्त शिक्षा मिल सके।
  2. विकलांगता ग्रस्त छात्रों को सामान्य स्कूलों में शामिल किया जाए, जिन्हें विशेष शिक्षा की आवश्यकता है, उनके लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में विशेष स्कूल स्थापित किए जाएँ तथा यह स्कूल विकलांगता ग्रस्त बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण से हो युक्त हो |
  3. स्थानीय प्राधिकरण उन निःशक्त बच्चों के लिए है जिन्होंने पाँचवी कक्षा के उपरान्त पढ़ाई छोड़ दी है उनके लिए अनौपचारिक शिक्षा योजना आरम्भ करेंगे।
  4. सरकार विशेष प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा विकलांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल और समेकित स्कूल चलाने के उद्देश्य से समुचित संख्या में अध्यापक प्रशिक्षण संस्थाएँ स्थापित करेगी।
  5. सरकार विकलांग बच्चों के लिए विद्यालय आने जाने के लिए परिवहन की सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी।
  6. सरकार विकलांग छात्रों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान करेगी और विकलांग छात्रों के लिए पाठ्यक्रम की पुनर्संरचना करेगी।
  7. सरकार शिक्षा में विकलांग बच्चों को समान अवसर देने के उद्देश्य से सहायक यन्त्रों के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहन देगी।
  8. सरकार एक व्यापक शिक्षा योजना तैयार करेगी जिसमें अन्य बातों के साथ विकलांग छात्रों के अभिभावक की शिकायतों के निवारण एवं बाधा मुक्त वातावरण शामिल होंगे।

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