1st Year

पैराडाइम का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए एवं उसकी उपयोगिता भी बताइए । Write the meaning and definition of paradigm and also explain its utility.

प्रश्न – पैराडाइम का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए एवं उसकी उपयोगिता भी बताइए । Write the meaning and definition of paradigm and also explain its utility.
 उत्तर – विद्यालयी स्तर पर अध्ययन विषयों के प्रारूप का प्रतिमान (Paradigm of Framing Disciplines at School Level)
यदि हम विविध विषयों के प्रारूप की संरचना पर विचार करते हैं तो विद्यालयी सन्दर्भ में इसका मुख्य सम्बन्ध पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या एवं पाठ्य पुस्तक से लगाया जाता है क्योंकि विषयों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग इन तीनों व्यवस्थाओं में ही होता है। पाठ्यचर्या में प्रत्येक तथ्यों को क्रमबद्ध एवं सुसंगठित आधार पर प्रस्तुत किया जाता है ताकि पाठ्यचर्या अपने निर्धारित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों की प्राप्ति में सफल हो सके। इसी प्रकार पाठ्यक्रम के लिए भी उद्देश्यों का निर्धारण किया जाता है। इन समस्त गतिविधियों के मध्य समन्वयन की प्रक्रिया का विकास विषयों के द्वारा ही किया जाता है। इसी प्रकार पाठ्य पुस्तक का स्वरूप भी क्रमबद्धता, सुसंगठितता तथा वैज्ञानिक प्रस्तुतीकरण के आधार पर ही उत्तम बनता है। अतः विषय की संरचना के आधार पर पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तक को प्रभावी एवं सर्वोत्तम रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं किन्तु इससे पहले पैराडाइम के विषय में जानना आवश्यक है। पैराडाइम किसी समस्या, उपकल्पनाओं, विधियों पद्धतियों, कार्यों मान्यताओं आदि की रूपरेखा का समूह है।

पैराडाइम समस्या से सम्बन्धित निष्कर्षों तक पहुँचने का मार्ग, ढाँचा या रूपरेखा है। यह रूपरेखा अत्यन्त व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध होती है। इस प्रकार किसी कार्य के लिए हम जो. व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध रूपरेखा बनाते हैं, वही पैराडाइम है। पैराडाइम (Paradigm) शब्द को स्पष्ट करते हुए ‘करलिंगर’ ने कहा है, “ग्राफ, रेखाचित्र, शाब्दिक कथन आदि सभी पैराडाइम के अंग हैं।”

करलिंगर ने पैराडाइम को किसी कार्य का ऐसा फ्रेमवर्क या रूपरेखा बताया है, जिसमें अनुसन्धानकर्ता अपने कार्य को नियोजित, व्यवस्थित, संगठित तथा निर्देशित कर निष्कर्षों तक पहुँचने का प्रयास करता है ।

होल्ड के अनुसार, “पैराडाइम अनुसन्धान कार्य का एक प्रत्ययात्मक प्रतिमान होता है। ”

थियोडेरसन (Theoderson) ने पैराडाइम को किसी भी कार्य की रूपरेखा (Outline ) तथा डिजाइन (Design) का नाम दिया है। यह समस्या के विश्लेषण का एक उपागम (Approach) है तथा समस्या के सन्दर्भ में निष्कर्ष निकालने में सहायता करता

थियोडेरसन के अनुसार, “पैराडाइम किसी समस्या के अध्ययन को न केवल सरल तथा सुगम ही बनाते हैं बल्कि कार्य से. सम्बन्धित सभी उपकार्यों को व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध रूप प्रदान करते हैं । ”

क्रोनबैक (Croneback) ने भी पैराडाइम की व्यवस्था इन्हीं कार्यों में की है। क्रोनबैक किसी भी कार्य के लिए पैराडाइम को अपरिहार्य मानते हैं। पैराडाइम के अभाव में कार्य कभी भी सीधे प्रकार से बिना किसी बाधाओं के अपने गन्तव्य तक नहीं पहुँच सकता है।

थॉमस कोहन (Thomas Kuhn) ने अपनी पुस्तक ‘द स्ट्रक्चर ऑफ सांइटिफिक रिवोल्यूशन’ (The Structure of Scientific Revolution) में पैराडाइम के सम्बन्ध में लिखा है कि, “प्रत्येक समाज और समुदाय की अपनी कुछ विशिष्ट मूल्य, विश्वास, मान्यताएँ या धारणाएँ होती हैं । संक्षिप्ततः इन्हें पैराडाइम कहा जाता है। जहाँ तक कार्यों का सम्बन्ध है अवधारणाओं, नियमों, प्रयोगसिद्ध विधियों आदि के व्यवस्थित तथा अनुशासनात्मक ढाँचे को पैराडाइम कहते हैं।” उपरोक्त विवेचन के आधार पर हम कह सकते हैं कि पैराडाइम किसी कार्य से सम्बन्धित समस्याओं, अवधारणाओं, व्यवस्थाओं, उपकल्पनाओं, प्रविधियों, पद्धतियों की ऐसी रूपरेखा है जो कार्य को व्यवस्थित, क्रमबद्ध रूप प्रदान कर निष्कर्ष निकालने में सहायता प्रदान करती हैं।

पैराडाइम की उपयोगिता (Utility of Paradigm)
शोध कार्य के लिए पैराडाइम की क्या उपयोगिता है, यह बहुत कुछ पैराडाइम के कार्य से ही स्पष्ट हो जाता है फिर भी इसकी उपयोगिता तथा महत्त्व को और अधिक स्पष्ट करने की दृष्टि से इसका उल्लेख निम्नलिखित रूपों में किया जा रहा है-
  1. पैराडाइम अनुसन्धान कार्य को व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध रूप प्रदान करते हैं।
  2. पैराडाइम कार्य से सम्बन्धित सभी पहलुओं, अवधारणाओं, कल्पनाओं आदि को स्पष्टता प्रदान करते हैं ।
  3. पैराडाइम कार्य को असम्बन्धित तथा बाधक तत्त्वों से बचाकर समय व श्रम की बचत करते हैं ।
  4. अलग-अलग अनुसन्धान कार्य के लिए अलग-अलग पैराडाइम होते हैं जो एक कार्य को दूसरे कार्य से पृथक करते हैं तथा एक शोध कार्य को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करते हैं इसलिए एक कार्य का निष्कर्ष दूसरे कार्य के निष्कर्षों से भिन्न होता है ।
  5. पैराडाइम एक ऐसी आधारशिला का कार्य करते हैं जिस पर पूरा शोधकार्य आधारित होता है।
  6. पैराडाइम समस्या के सम्बन्ध में नवीन एवं स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान कर कार्य को सरलता तथा सहजता प्रदान करते हैं ।
  7. पैराडाइम अनुसन्धान के लिए उपयुक्त योजनाएँ प्रस्तावित करते हैं।
  8. पैराडाइम कार्य के परिणामों तथा निष्कर्षों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने में सहायता करता है। इसके लिए यह भी प्रस्तावित करता है कि प्रस्तुतीकरण के लिए किन तालिकाओं, ग्राफों, रेखाचित्रों तथा तथ्यात्मक वर्णन की आवश्यकता होगी।
  9. पैराडाइम कार्य का परिसीमन प्रस्तुत करते हैं। इससे शोध कार्य निर्धारित सीमाओं से बाहर नहीं जाते फलस्वरूप कार्य एक निर्धारित सीमा में सम्पन्न होता है। इससे शोधकार्य असम्बन्धित तथा बाधक तत्त्वों से बचता है।
  10. पैराडाइम किसी भी कार्य के लिए डिजाइन तथा रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि किसी भी शोधकार्य के लिए पैराडाइम न केवल उपयोगी ही है बल्कि आवश्यक एवं अपरिहार्य भी हैं।

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