भारत में कृषि
भारत में कृषि
भारत में कृषि
भारत में कृषि
◆ भारत एक कृषि प्रधान देश है, एवं यहाँ की लगभग 55% आबादी कृषि व उससे संबद्ध कार्यों में संलग्न है। कृषि से जहाँ हमारे देश की जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध होती है, वहीं उद्योगों को कच्चा माल भी प्राप्त होता है।
◆ भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51% भाग पर कृषि, 4% भू-भाग पर चारागाह, लगभग 21% भूमि पर वन तथा 24% भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की है।
◆ भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि व उससे सम्बन्धित क्षेत्रों का योगदान लगभग 15% है।
◆ भारत को 15 कृषि जलवायुविक प्रदेशों में विभक्त किया गया है।
◆ विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खाद्यान्नों के अन्तर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के 47% भाग पर चावल की खेती की जाती है।
◆ विश्व में गेहूँ के उत्पादन में भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 15% भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है।
◆ देश में गेहूँ के उत्पादन में उत्तरप्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का स्थान प्रथम है।
◆ भारत में हरित क्रान्ति (Green Revolution) का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ एवं चावल की कृषि पर पड़ा है, परंतु चावल की तुलना में गेहूँ के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई है।
◆ प्रथम में हरित क्रान्ति लाने का श्रेय डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को है। भारत में हरित क्रान्ति की शुरुआत 1966-1967 ई. में हुई।
◆ भारत हरित क्रान्ति के बाद 1983 1984 ई. में द्वितीय हरित क्रान्ति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश एवं कृषकों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ।
◆ तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 ई. में हुई।
◆ भारत विश्व में उर्वरकों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है।
◆ पोटैशियम उर्वरक का पूरी तरह आयात किया जाता है।
◆ आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, अदरक तथा हल्दी के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।
◆ फलों तथा सब्जियों के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।
ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
1. रबी की फसल : यह सामान्यतया अक्टूबर-नवंबर में बोकर अप्रैल मई तक काट ली जाती है। सिंचाई की सहायता से तैयार होने वाली इस फसल में मुख्यत: गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों, राई आदि की कृषि की जाती है।
2. खरीफ की फसल : यह वर्षाकाल की फसल है, जो जून-जुलाई में बोने के पश्चात् सितंबर-अक्टूबर तक काट ली जाती है। इसके अन्तर्गत चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, जूट, मूँगफली, कपास, सन, तंबाकू, मूँग, उड़द, लोबिया आदि की कृषि की जाती है।
3. जायद की फसल : यह फसल रबी एवं खरीफ के मध्यवर्ती काल में अर्थात् मार्च में बोने के पश्चात् जून तक काट ली जाती है। इसमें सिंचाई के सहारे सब्जियों तथा तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा, करेला आदि की कृषि की जाती है। मूँग व कुल्थी जैसी दलहन फसले भी इस समय उगायी जाती है।
फसलें और उत्पादक राज्य
फसल | उत्पादक राज्य (घटते क्रम में ) |
चावल | पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, बिहार एवं पंजाब |
गेहूँ | उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान |
ज्वार | महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश एवं आंध्रप्रदेश |
बाजरा | गुजरात, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश |
दलहन | मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात एवं ओडिशा |
जौ | उत्तरप्रदेश, राजस्थान, बिहार एवं पंजाब |
गन्ना | उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना एवं पंजाब |
मूँगफली | गुजरात, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश |
चाय | असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश |
कहवा | कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र |
कपास | गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना |
रबड़ | केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह |
पटसन | पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, एवं उत्तरप्रदेश |
तम्बाकू | आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु |
काली मिर्च | केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं पदुचेरी |
हल्दी |
आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र एवं बिहार
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काजू | केरल, महाराष्ट्र एंव आंध्रप्रदेश |