मानव विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए | Describe the different stages of human development.
प्रश्न – मानव विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए | Describe the different stages of human development.
उत्तर- मानव विकास की अवस्थाओं का वर्गीकरण (Classification of Stages of Human Development)
व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का विस्तार विभिन्न अवस्थाओं में विभक्त हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी विकास से सम्बन्धित विशेषताएँ होती हैं। मनुष्य के विकास के लिए बहुत से कारक जैसे वंशानुक्रम, पौष्टिक भोजन, लिंग भेद, अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ तथा पारिवारिक परिस्थितियाँ इत्यादि प्रभावित करते हैं।
मनुष्य का विकास अनवरत गति से चलता रहता है उसका यह विकास भिन्न–भिन्न सोपानों से होकर गुजरता है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने विकास की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं को बताया है। विकास की इन अवस्थाओं के बारे में मनोवैज्ञानिकों में अनेक मतभेद हैं। सभी ने अपने-अपने ढंग से इनका वर्गीकरण किया है। बालक के विकास की अवस्थाओं का वर्गीकरण करने वाले प्रमुख मनोवैज्ञानिकों के मत निम्नलिखित हैं –
- कॉलसनिक ने व्यक्ति के विकास के निम्नलिखित सोपान बताए हैं –
- पूर्व जन्मकाल,
- शैशवावस्था (0-4 सप्ताह शैशवावस्था, 1-15 माह आरंभिक शैशव, 15-30 माह उत्तर शैशव).
- बाल्यावस्था ( 2.5 से 5 वर्ष पूर्व बाल्यकाल, 5-9 वर्ष मध्य बाल्यकाल और 9-12 वर्ष उत्तर बाल्यकाल एवं
- किशोरावस्था (12-21 वर्ष) ।
- ‘सैले’ (Selley) के अनुसार मानव विकास की मात्र तीन अवस्थाएँ हैं –
- शैशवावस्था (Infancy) – 1 वर्ष से 5 वर्ष तक ।
- बाल्यावस्था (Childhood)-5 वर्ष से 12 वर्ष तक
- किशोरावस्था (Adolescence)- 12 वर्ष से 18 वर्ष तक ।
- अर्नेस्ट जोन्स का वर्गीकरण (Classification of Earnest Jones ) – जोन्स ने विकास की अवस्थाओं को चार भागों में बाँटा है –
- शैशव काल (Infancy ) – जन्म से 5 या 6 वर्ष तक
- बाल्यकाल ( Childhood) – 6 से 12 वर्ष तक ।
- किशोरावस्था (Adolescence) – 12 से 18 वर्ष तक ।
- प्रौढ़ावस्था (Maturity or Adulthood ) – 18 वर्ष के – बाद ।
- भारतीय दर्शन के अनुसार मानव विकास की अवस्थाएँ

मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएँ

