1st Year

शिक्षण की व्यूह रचनाओं से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । What do you mean by strategies of teaching? Describe characteristics of strategies of teaching.

प्रश्न – शिक्षण की व्यूह रचनाओं से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । What do you mean by strategies of teaching? Describe characteristics of strategies of teaching.
उत्तर- शिक्षण आव्यूह / प्रविधियों का अर्थ एवं परिभाषाएँ व्यूह रचनाओं से अभिप्राय ऐसी व्यूह रचना से है जिसे शिक्षकों द्वारा अपने शिक्षण या अनुदेशन में निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु काम में लाया जाता है । अंग्रेजी के ‘Strategy’ शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘Strategies’ से मानी जाती है। इस शब्द का अभिप्राय किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु अपनाई जाने वाली नीति से है। अर्थशास्त्र में ‘Strategy’ शब्द ‘ का रूपान्तरण ‘व्यूह रचना से है। शिक्षण एक उद्देश्यपरक प्रक्रिया है। इसके द्वारा विद्यार्थियों के ज्ञानात्मक क्रियात्मक एवं भावात्मक पक्षों का विकास किया जाता है। उनके व्यवहार में वांछित परिवर्तन किया जाता है। शिक्षण नियोजन के अन्तर्गत कार्य विश्लेषण और शिक्षण लक्ष्यों को निश्चित किया जाता है।

ब्राउडी के अनुसार, “शिक्षण नीतियों का सम्बन्ध एवं क्षेत्र अत्यन्त ही व्यापक है। शिक्षण व्यूह रचनाओं में विभिन्न शिक्षण विधियों, रीतियों तथा युक्तियाँ शामिल हैं।”

स्टोन्स तथा मॉरिस के अनुसार, “शिक्षण व्यूह रचना पाठ की एक सामान्यीकृत योजना है जिसमें वांछित व्यवहारः परिवर्तन की संरचना अनुदेशन के उद्देश्यों के रूप में सम्मिलित होती है, साथ ही इसमें युक्तियों की योजनाएँ भी तैयार की जाती है । ”

बी.ओ. स्मिथ के अनुसार, “व्यूह रचना शब्द कार्यों के उस रूप को दर्शाता है जो किसी निश्चित परिणाम की प्राप्ति में सहायक होते हैं तथा कुछ के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं । ”

बेस्ले के अनुसार, “शिक्षण प्रविधि शिक्षक द्वारा संचालित वह क्रिया है जिससे छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति होती है । ”

बिनिंग के अनुसार, “शिक्षण प्रविधि शिक्षक प्रक्रिया का गतिशील कार्य है।”

भट एवं गेरबेरिच के अनुसार, “विधि प्रक्रियाओं की सुपरिभाषित संरचना है जिसमें परिस्थितियों की माँगों के अनुसार विभिन्न प्रविधियाँ तथा युक्तियाँ निहित होती है।”

शिक्षण आव्यूह/प्रविधियों की विशेषताएँ 
  1. इसके अन्तर्गत बालक को स्व-क्रिया द्वारा अनुभव ग्रहण करने में अवसर दिए जाते हैं।
  2. यह स्वाध्याय को प्रोत्साहित करती है और बालकों को अध्ययन एवं खोज के लिए प्रेरित करती है ।
  3. शिक्षण व्यूह रचनाओं का चयन उपयोग विद्यार्थियों को शिक्षण अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति कराने हेतु किया जाता है।
  4. यह बालक की रुचि, आयु, एवं क्षमता के अनुकूल होती है जो स्वयं छात्रों को सीखने में बाधा उत्पन्न नहीं करती।
  5. यह सदैव प्रगतिशील है जिसमें नवीन अनुसंधानों से प्राप्त निर्णयों को समन्वित करने की प्रवृत्ति होती है।
  6. यह मूर्त तथ्यों और आंकड़ों की विवेचना के साथ-साथ बालक की समझ को भी प्रखर बनाती है ।
  7. शिक्षण व्यूह रचनाओं के प्रयोग के द्वारा शिक्षण अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति सम्भव हो जाती है।
  8. ये शिक्षण प्रक्रिया को उन्नत तथा वैज्ञानिक आधार प्रदान करती है ।
  9. ये शिक्षण प्रक्रिया को क्रमबद्ध तथा सार्थक बनाती है।
  10. ये व्यवहार में परिवर्तन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण होती है।
  11. इनके अन्तर्गत अवलोकन, प्रयोग, आगमन, विश्लेषण, भ्रमण, सामूहिक–क्रिया आदि शिक्षण  विधियों को आवश्यकतानुसार उपयोग में लाया जाता है।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *