सामाजिक संरचनावादी के रूप में वाइगोट्स्की के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिए । Explain the Vygotsky’s social- constructivist approach.
वाइगोट्स्की जो कि रचनावाद के जनक माने जाते हैं उनका दावा था कि अधिगम वार्तालाप (संवाद) से ही संभव है। प्रारम्भ में शिक्षक और छात्र, परस्पर छात्रों में और यहाँ तक कि पाठ और पउन करने वाले के मध्य एक मानसिक अंतर होता है। हालाँकि, अधिगमकर्ता यह धारणा बना लेता है कि उसने जो कहा (या लिखा) आन्तरिक या पारस्परिक मानसिक अंतर की वजह से कहा (या लिखा ) । इस प्रकार छात्रों को अपने मन के विचारों/ज्ञान के पुनःनिर्माण हेतु सक्रिय रहना चाहिए साथ ही साथ सामाजिक विचारों/ज्ञान के पुनः निर्माण में सहभागिता की भावना रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त वाइगोट्स्की बताते हैं कि अधिगम का उद्देश्य प्रेरणा पर निर्भर करता है। अधिगमकर्ता की दृष्टि से हम सीखने में जिस वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और जिस प्रकार हम उसे सीखते हैं यह निर्भर करता है कि इस कार्य को करने का सामाजिक उद्देश्य क्या है।