UP Board Class 6 Home Craft | रोग और उनसे बचाव
UP Board Class 6 Home Craft | रोग और उनसे बचाव
UP Board Solutions for Class 6 Home Craft Chapter 4 रोग और उनसे बचाव
रोग और उनसे बचाव
अभ्यास
प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्नसही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए-
(1) संक्रामक रोग होते हैं-
(क) बैक्टीरिया, वायरस आदि से ●
(ख) पोषण की कमी से ◯
(ग) वंशानुगत रोग से ◯
(घ) इनमें से कोई नहीं ◯
(2) हैजा रोग होता है-
(क) कृमि से ◯
(ख) विटामिन की कमी से ◯
(ग) दूषित खाने-पीने की वस्तुओं से ●
(घ) छुआछूत से ◯
प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न-
(क) किसी एक वंशानुगत रोग का नाम लिखिए।
उत्तर
वर्णान्धता।।
(ख) विटामिन ‘A’ की कमी से कौन सा रोग होता है ?
उत्तर
रतौंधी।
प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न-
(क) नियमित व्यायाम करने से क्या लाभ है ?
उत्तर
नियमित रूप से व्यायाम करने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है जो हमारे शरीर को विभिन्न रोगों से बचाती है।
(ख) असंक्रामक रोग क्या होते हैं ?
उत्तर
असंक्रामक रोग- वे रोग हैं जो छुआछूत से नहीं फैलते। ये पोषण की कमी से होते हैं। जैसेविटामिन ‘ए’ की कमी से रतौंधी हो जाना। कुछ असंक्रामक रोग वंशानुगत भी होते हैं, जैसे- वर्णान्धता।
प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
(क) रोग कितने प्रकार के होते हैं? संक्रामक एवं असंक्रामक रोगों के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर
रोग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-संक्रामक एवं असंक्रामक रोग। संक्रामक रोग वे रोग होते हैं जो बैक्टीरिया, वाइरस, कृमि जैसे सूक्ष्म अतिसूक्ष्म जीवों से होते हैं। ये रोग सूक्ष्म जीव, दूषित खाद्य या पेय पदार्थ, संक्रमित मिट्टी, वायु में उपस्थित सूक्ष्म जीवाणुओं, मच्छर तथा मनुष्य के स्पर्श के कारण फैलते हैं। हैजा, टायफॉइड, उल्टी, दस्त, जुकाम इन्फ्लुएन्जा, तपेदिक, मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू तथा दाद-खाज जैसे चर्म रोग संक्रमक रोग के उदाहरण हैं।
असंक्रामक रोग वे रोग होते हैं जो छुआछूत से नहीं फैलते। ये पोषण की कमी से होते हैं। जैसे–विटामिन ए की कमी से रतौधी का होना। कुछ असंक्रामक रोग वंशानुगत भी होते हैं जो बच्चों में अपने पूर्वजों या माता-पिता से आते हैं। वर्णान्धता एक ऐसा ही वंशानुगत रोग है।
(ख) हमें अपने शरीर को रोगों से बचाने के लिए किन-किन सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए ?।
उत्तर
हम रोगों से अपना बचाव निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं
हमें अपने शरीर के साथ-साथ अपने आस-पास के परिवेश को भी साफ रखना चाहिए। नियमित : रूप से पौष्टिक आहार लेना चाहिए व व्यायाम करना चाहिए। प्रतिरोधक टीके तथा दवा लेनी चाहिए। अपने खाने की वस्तुओं को मक्खी, धूल आदि से बचाना चाहिए। कुओं में लाल दवा डालकर पानी को शुद्ध करना चाहिए। सड़ी-गली तथा अशुद्ध चीजें व अशुद्ध पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए। घर में शौचालयों को स्वच्छ रखना चाहिए।
प्रोजेक्ट कार्य : नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
