UP Board Class 7 sanskrit | वयं स्वाधीना
UP Board Class 7 sanskrit | वयं स्वाधीना
UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 5 वयं स्वाधीना
शब्दार्थाः- अधुना = इस समय, तिमिरः = अन्धकार, दिवसोऽप्यायातः = (दवस:+अपि+आयात:) दिवस भी आ गया। नव्यम् = नया, वार्तागताखिला प्राचीना = (वार्ता+गता+अखिला) बात सम्पूर्ण रूप से समापत हो गयी, पुरानी परिस्थियिां अब नहीं रहीं, पद्मश्रीः = कमलों की शोभा, पुलिनेषु = तटों पर, अधरेषु = ओठों पर, धनान्विताः = धन से युक्त, धनवान्, दृश्येरन् = दिखलाई दें, शिष्येरन् = शेष रहें, समोऽस्त्यधिकारः = (सम:+अस्ति+अधिकारः) समान अधिकार है, सहकारः = सहयोग, सहचरः = साथी, उच्चाशयता = उच्च विहार।
लोकेऽधुना ………………………………………………………………… वयं स्वाधीनाः ॥1॥
हिन्दी अनुवाद – इस समय हम सब स्वतन्त्र हैं। अँधेरा मिटा और प्रकाश फैल गया। खेलने तथा खुशी मनाने के दिन आ गए। यह नए युग का नया देश है। पुरानी बातें बीत गईं। अब हम सब स्वतन्त्र हैं।
पद्मश्रीविहसति ………………………………………………………………… वयं स्वाधीनाः ॥2॥
हिन्दी अनुवाद – नदियों के तटों पर कमलों की शोभा है। लोगों के होठों पर मुसकान भी आई है। चारों ओर सुख-श्री-धन सम्पदा-समृद्धि ही अशेष रूप में दिखलाई दे। देश में कोई गरीबी में नहीं रहे; हर व्यक्ति अमीर बन जाए। अब हम सब स्वतन्त्र हैं।
स्त्रींपुंसयोः ………………………………………………………………… वयं स्वाधीनाः ॥3॥
हिन्दी अनुवाद – यहाँ स्त्रियों और पुरुषों का समान अधिकार है; स्वाधीनता का सपना साकार हो चुका है। नया संविधान, शासन की नीतियाँ मनोनुकूल और नई हैं। हम सब स्वतन्त्र हैं।
शान्तिर्मिलति ………………………………………………………………… वयं स्वाधीनाः ॥4॥
हिन्दी अनुवाद – सुरक्षा और व्यायाम से शान्ति मिलती है। सभी साथी, सहकर्मी आदि उदार तथा एक-दूसरे के सहायक हैं। सबके विचार ऊँचे हैं; किसी की भावना बुरी नहीं। अब हम सब स्वतन्त्र हैं।
अभ्यास
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरत –
(क) अधुना लोके वयं कीदृशाः स्म?
उत्तर :
अधुना लोके वयं स्वाधीनाः स्म।
(ख) अखिला प्राचीना वार्ता किम् अभवत्?
उत्तर :
अखिला प्राचीना वार्ता गता।
(ग) पुलिनेषु का विहसति?
उत्तर :
पुलिनेषु पद्मश्री विहसति।
(घ) अस्माकं कः स्वप्न साकारः जातः?
उत्तर :
अस्माकं समोऽस्त्यधिकारस्य स्वप्नः साकारः जातः।
(ङ) इदानीं शासननीतिः कीदृशी अस्ति?
उत्तर :
इदानीं शासननीतिः नवा-नवीना अस्ति।
प्रश्न 3.
सन्धिविच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम् सन्धि विच्छेदः
जनाधरेषु जन + अधरेषु
पथानुकूला पथ + अनुकूला
स्वाधीनाः स्व + अधीनाः
प्रश्न 4.
समासविग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत् (लिखकर )
पदम् समास विग्रहः समासनाम
शासननीति शासनस्य नीतिः तत्पुरुषः
भोजनालयः भोजनस्य आलयः तत्पुरुषः
पाठशालाः पाठस्य शाला: तत्पुरुषः
वटवृक्षः वटस्य वृक्षः तत्पुरुषः
प्रश्न 5.
उपसर्गाणां क्रियाणां च योगं कृत्वा पदनिर्माणं कुरुते (करके)
यथा-अव + अकिरत् = अवाकिरत्
प्र + अचलत् = प्राचलत्
सम् + अकरोत = समाकरोत
उप + आगच्छते = उपागच्छते
आ + हसति = आहसति
परा + अवर्तत = परावर्तत
वि + हसति = विहसति
प्रश्न 6.
संस्कृत भाषायाम् अनुष्ठादं कुरुत – संस्कृत अनुवाद
(क) आज हमारा देश स्वतन्त्र है।
संस्कृत अनुवाद : अधुना अस्माकं देशः स्वतन्त्रः अस्ति।
(ख) अन्धकार समाप्त हो गया है।
संस्कृत अनुवाद : तिमिरो गतः।
(ग) जल में कमल खिले हुए हैं।
संस्कृत अनुवाद : जले कमलानि विकसन्ति।
(घ) समाज में स्त्रियों-पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त है।
संस्कृत अनुवाद : समाजे स्त्रप्नुसयोः समोऽस्त्यधिकारः।
(ङ) हम एक साथ मिलकर रहते हैं।
संस्कृत अनुवाद : वयं सहचराः सन्ति।
प्रश्न 7.
श्लोकांशान् योजयत (जोड़कर)
क ख
पद्मश्रीविहसति पुलिनेषु हास: खेलति जनाधरेषु।
स्त्रीपुंसायोः समोऽस्यधिकारः स्वप्नो जातोऽयं साकारः।
शान्तिर्मिलति सुरक्षान्यायः सहकारः सहचर: सहायः।
संविधाननव पथानुकूला शासननीतिर्नवा नवीना।
उच्चाशयता पुना राजते। मनसि भावना कापि न हीना।
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत और स्मरणीयम!