Sanskrit 7

UP Board Class 7 sanskrit | प्रयत्ने किं न लभेत

UP Board Class 7 sanskrit | प्रयत्ने किं न लभेत

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 6 प्रयत्ने किं न लभेत

शब्दार्था :- किमपि = कुछ भी, असाध्यम् = कठिन, खलु = निश्चय, कर्तव्यपथात् = कर्तव्यपथ से, विचलिता = विचलित, बाल्यकालदेव = बचपन से ही, प्रारभत् = आरम्भ किया, पादभङ्गः = पैर टूट गया, ऐन्द्रजालिकम् = जादूगर, भौशवे एव =  बचपन में ही, व्याधिना = रोग से, मणिबन्ध = कलाई, कन्दुकक्षेपविधौ = गेंदवाजी (क्रिकेट क्षेत्र में), निश्णातः = निपुण, अश्टपंचाशत्= अठ्ठावन (58), द्विचत्वारिंशतधिकवंशतद्वयम् = दो सौ बयालीस (242), एकविंशतितमे वयसि = इक्कीस वर्ष में, वयसि = इक्कीस वर्ष में, सोपानेभ्यः = सीढ़ियों से।

 

जीवने जावन ………………………………………………………………………….. शक्यते।

हिन्दी अनुवाद – जीवन में कुछ भी असाध्य नहीं है। निश्चय ही प्रयत्न से सब साध्य है। कर्मनिष्ठ लोग विषम परिस्थिति में (भी) अपने कर्तव्यपथ से विचलित नहीं होते हैं। ऐसे कर्मवीं में सुधाचन्द्रन, भागवत सुब्रह्ममण्यम चन्द्रशेखर, स्टीफन हाकिंग्स महोदय  का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक है।

 

सुधाचन्द्रन

सुधाचन्द्रन महोदया एक प्रसिद्ध नृत्यकला में निपुण अभिनेत्री हैं। इनका जन्म तमिलभाषी परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्होंने नृत्य का अभ्यास प्रारम्भ कर दिया। दुर्भाग्यवश एक दुर्घटना में उनका दायां पैर भंग हो गया। प्राण-रक्षा के लिए चिकित्सकों के द्वारा उनका दायां पैर शरीर से पृथक कर दिया गया। धीरे-धीरे वे स्वस्थ्य हुई। आत्मबल (की सहायता) से कृत्रिम पैर की सहायता से उन्होंने फिर से नृत्य किया। अब नृत्य करने और अभिनय में उनकी कीर्ति फैल रही है।

भागवत सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर

भारतीय क्रिकेट खेल में ‘स्पिन’ इस कला के जादूगर भागवत चन्द्रशेखर को कौन नहीं जानता है। इनका जन्म कर्नाटक राज्य के मैसूर नगर में 17 मई, सन् 1945 में हुआ। बचपन में ही चन्द्रशेखर ‘पोलियो’ इस रोग से ग्रस्त हो गये थे। जिसके कारण दाहिने हाथ की कलाई अत्यन्त प्रभावित हुई। किन्तु आत्मबल की सहायता से क्रिकेट की स्पर्धा में गेंदबाजी में उस प्रकार से कुशल हुए जिससे क्रिकेट-खेल-जगत में वे  ‘स्पिन’ कला में अद्वितीय हो गये। चन्द्रशेखर ने 58 टेस्ट स्पर्धाओं में 242 विकेट लिए। ये भारत सरकार के द्वारा ‘पदमश्री’ सम्मान और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।

 

स्टीफन हॉकिंग्स

अंग्रेज वैज्ञानिक का जन्म सन् 1942 ई० में जनवरी महीने की 8 तारीख में हुआ। ये बचपन से ही प्रतिभावान थे। इनकी बुद्धिमता को देखकर लोग इन्हें ‘आईंस्टीन’ इस नाम से सम्बोधित करते थे। इन्होंने अपने  अध्ययन-काल में कम्प्यूटर बनाया। और फिर भौतिक शास्त्र में ‘ब्लैकहोल’ इस विषय पर शोधकार्य किया। वे अपने घर में सीढ़ियों से गिर गये और मोटर न्यूरान’ इस कठिन रोग से ग्रस्त हो गये। रोग के कारण शारीरिक दृष्टि से अशक्त होते हुए भी उन्होंने आत्मबल (की सहायता) से अपना लक्ष्य प्राप्त करने का संघर्ष नहीं त्यागा। समय-संबंधित अनेक पुस्तकें लिखी। ‘हॉकिंग विकिरण’ इस नाम से इनके विशिष्ट योगदान के लिए इनको अनेक पुरस्कार दिये गये।

इस प्रकार से हमारे द्वारा ज्ञात है (अर्थात् हमको पता चल गया है) कि परिश्रम, साहस, धैर्य ॐ शानिशा ने

 

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) सुधाचन्द्रमहोदयायाः जन्म कस्मिन् परिवारे अभवत?
उत्तर :
तमिल भाषीपरिवारे।
(ख) कस्या कलायां सा अपूर्वा प्रतिभा प्राप्तवती?
उत्तर :
नृत्यकलाया।

(ग) चन्द्रशेखरः टेस्टस्पर्धासु कति विकेट गृहीतवान्?
उत्तर :
द्वितत्वारिंशदधिवेशतद्वयम्।
(घ) 1978 तमे वर्षे अयं केन पुरस्कारेण  सम्मानित:?
उत्तर :
अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार।
(ङ) स्टीफन हॉकिन्स भौतिकशास्त्रे कस्य विषयम् अधिकृत्य शोधकार्यं कृतवाना?
उत्तर :
‘श्यामविवर’ इति।

प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) सुधाचन्द्र महोदया का अस्ति?
उत्तर :
सुधाचन्द्रन् महोदया नृत्यकलानिपुणा अभिनेत्री अस्ति।

(ख) भगवत सुब्रह्मण्यचन्द्रशेखरः केन अलंकरणेन पुरस्कारेण च विभूषितः?
उत्तर :
भागवत सुब्रह्मण्यमचन्द्रशेखरः ‘पद्मश्रीः’ इति अलंकरेण ‘अर्जुन’  पुरस्कारेण च विभूषितः।

प्रश्न 4.
सन्धिविच्छेदः कुरुत (करके)
पदम्                                                              सन्धिविच्छेदः यथा-
बाल्याकालादेव             =             बाल्यकालात्               +             एवं
पृथक्कृतम्                    =             पृथक्                          +             कृतम्।
स्वात्मबलेन                   =             स्व                               +             आत्मबलेन
प्रभावितोऽभवत्            =             प्रभावितः                      +             अभवत्
रूग्णस्यापि                   =             रूग्णस्य                       +             अपि

 

प्रश्न 5.
मजूशातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत ( करके)
(क) सुधाचन्द्रन् महोदया एका सुप्रसिद्धा  नृत्यकलानिपुणा अभिनेत्री च अस्ति।
(ख) इदानी तस्याः कीर्तिः नर्तने अभिनये च राजते।
(ग) चन्द्रशेखरः अष्टपंचाशत् टेस्ट स्पर्धासु द्विचत्वारिंशधिवंशतद्वयम विकेट गृहीतवान्।
(घ) स्टीफनहॉकिंग्स स्व अध्ययनकाले: संगणकयंत्रम् निर्मतवान्।
(ङ) अधुना वयं सर्वे ईदगाहं गच्छामः।

प्रश्न 6.
संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत
(क) बाल्यकाल से सुधाचन्द्रन ने नृत्य का अभ्यास प्रारम्भ किया।
अनुवाद : बाल्यकालात्  सुधाचन्द्रन् महोदया नृत्याभ्यास प्रारम्भत्।

(ख)
 भागवत चन्द्रशेखर का जन्म कर्नाटक के मैसूर नगर में हुआ था।
अनुवाद : भागवत चन्द्रशेखरस्य जन्म कर्णाटक प्रान्तस्य मैसूरनगरे अभवत्।।


(ग)
क्रिकेट जगत की सर्वाधिक प्रसिद्ध पत्रिका ‘विजडन’ है।
अनुवाद : क्रिकेटक्रीडाजगतेः सर्वाधिकसु प्रसिद्धा पत्रिका ‘विजडन’ अस्ति।

(घ)
 हम मेहनत, साहस, धैय से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
अनुवाद : वयं उद्यमेन, साहसेन  धैर्यण च स्वलक्ष्य प्राप्तुं शक्नुमः।

 

प्रश्न 7.
अधोलिखित पदानि प्रयुज्य वाक्यरचनां कुरुत
यथा- अभिनेत्री – सुधाचन्द्रन एका अभिनेत्री अस्ति।
कर्णाटक – चन्द्रशेखरस्य जन्म कर्णाटक प्रान्ते अभवतः।
अद्वितीय – चन्द्रशेखरः ‘स्पिन’  कलायाम् अद्वितीयः जातः।
संगणकयन्त्रम् – स्टीफन हॉकिंग्स स्वअध्ययनकाले संगणकयन्त्रं निर्मितवान!

नोट –
 विद्यार्थी शिक्षण-संकेत और स्मरणीयम! स्वयं करें।

TENSE IN ENGLISH

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