UP Board Class 8 Hindi | काकी (मंजरी)
UP Board Class 8 Hindi | काकी (मंजरी)
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 काकी (मंजरी)
महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या यद्यपि
यद्यपि बुद्धिमान ………………………………………………………………………….ताका करता।
संदर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘काकी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक सियारामशरण गुप्त हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत कहानी में एक अबोध बालक का अपनी माँ के प्रति गहरा प्रेम प्रदर्शित किया गया है। श्यामू की माता ‘काकी’ को लोग श्मशान ले गए। अबोध श्यामू घर पर ही रहा।
व्याख्या- बालक श्याम को अबोध जानकर उसे माँ की अनुपस्थिति में दिलासा देने के विचार से बड़े लोगों ने उसे बहका दिया था। उन्होंने उसे बताया कि काकी को मामा ले गया है। लेकिन धीरे-धीरे श्यामू को यह बात मालूम हुई कि काकी भगवान के पास गई है, जो ऊपर आसमान में रहता है। श्यामू काकी से मिलने के लिए कई दिन तक रोता रहा। जब वह नहीं आई तो उसने रोना बन्द कर दिया । क्योंकि यह स्वाभाविक बात थी। आखिर उसे रोना बन्द तो करना ही पड़ता। फिर भी काकी से न मिल पाने का हृदय में गहरा दुख था। वह अकेला बैठा-बैठा यह सोचता रहता कि काकी आसमान से किस प्रकार उसके पास आए। वह अबोध बालक दुख से ऊपर आसमान की ओर टकटकी लगाए रहता।
पाठ का सार (सारांश)
श्यामू की माँ ‘काकी’ को लोग श्मशान ले जाकर दाहकर्म कर आए थे। लोगों ने श्यामू को बताया कि काकी मामा के घर गई हैं। धीरे-धीरे श्यामू का रोना तो बंद हो गया परन्तु मन का शोक दूर नहीं हुआ। श्यामू ने अपने पिता विश्वेश्वर से एक पतंग ला देने को कहा। विश्वेश्वर के ऐसा न कर सकने पर श्यामू ने उसके कोट से चवन्नी निकालकर पतंग मँगाई और भोला को बताया कि यह पतंग ऊपर राम के यहाँ जाएगी। इसको पकड़कर काकी नीचे आएगी। भोला ने सुझाव दिया कि पतंग की रस्सी मोटी होनी चाहिए। श्यामू ने विश्वेश्वर के कोट से रुपया निकालकर मोटी रस्सी मँगाई। रुपये की चोरी के कारण श्यामू की पिटाई हुई और विश्वेश्वर ने उसकी पतंग फाड़ दी और रस्सियों के बारे में पूछा। भोला ने बताया कि श्यामू रस्सियों से पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेगा। हतबुद्ध विश्वेश्वर ने फटी पतंग पर चिपके कागज पर लिखा देखा- ‘काकी’।
प्रश्न-अभ्यास
कुछ करने को- नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-
प्रश्न 1.
पतंग इतनी ऊँचाई तक कैसे उड़ती है, जबकि एक कागज का सादा पन्ना नहीं उड़ता है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पतंग अपने विशेष आकार और बनावट के कारण ऊँची उड़ती है, परन्तु सादे कागज की आकृति पतंग के अनुरूप नहीं होती इसलिए यह अधिक ऊँचाई तक नहीं उड़ता।
प्रश्न 2.
श्यामू लिखना नहीं जानता था। इसलिए वह पतंग पर अपनी काकी का नाम नहीं लिख पाया। आप बताएँ, जो लोग लिखना नहीं जानते, उनको किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा।
उत्तर-
जो लोग लिखना नहीं जानते, उन्हें विवश होकर यह कार्य दूसरों से कराना पड़ता है।
प्रश्न 3.
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 4.
पाठ में आपने पढ़ा कि श्यामू ने विवशता में पिता जी की कोट के जेब से पैसे निकाल लिये थे, आपके विचार से ऐसा करना उचित था अथवा अनुचित? कारण भी बताएँ।
उत्तर-
श्यामू एक छोटा-सा बालक था। वह अपने पिता से डरता भी था। अपनी स्वर्गवासिनी माँ के लिए अत्यधिक स्नेह ने उसे पिता की कोट के जेब से पैसे निकाल लेने को मजबूर किया। वह इतना नादान था कि उसे यह भी मालूम नहीं था कि उसकी माँ मर चुकी है और माँ तक पतंग नहीं जा सकती। उसे उचित-अनुचित का ज्ञान नहीं था, वह एक निर्बोध बालक था। इसलिए पिता की जेब से पैसे निकाल लेना इस दृष्टिकोण से अनुचित नहीं कहा जा सकता।
कहानी से-
प्रश्न 1.
समूह ‘ख’ से नामों को छाँटकर समूह ‘क’ से सम्बन्धित शब्दों के सम्मुख लिखिए-
उत्तर-
प्रश्न 2.
श्यामू ने भोला के सामने कौन-सा रहस्य खोला?
उत्तर-
श्यामू ने भोला के सामने पतंग को ऊपर राम के पास भेजने का रहस्य खोला। ‘उसपर बैठकर काकी नीचे उतरेगी यह बात भोला को बताई।
प्रश्न 3.
श्यामू ने जवाहिर भैया से कागज पर ‘काकी’ क्यों लिखवाया?
उत्तर-
श्यामू ने जवाहिर भैया से कागज पर ‘काकी’ शब्द इसलिए लिखवाया ताकि पतंग सीधे काकी को ही मिले।
प्रश्न 4.
उड़ती हुई पतंग को देखकर क्या सोचकर श्यामू का हृदय एकदम खिल उठा?
उत्तर-
श्यामू का हृदय उड़ती पतंग को देखकर एकदम खिल उठा क्योंकि इससे उसके दिमाग में एक युक्ति आई कि वह भी पतंग बनाकर आसमान में उड़ाएगी और पतंग की डोरी पकड़ कर ऊपर बैठी काकी नीचे उतर आएगी।
प्रश्न 5.
‘भोला एक ही डाँट से मुखबिर हो गया। इस वाक्य से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
भोला ने विश्वेश्वर यानी श्यामू के पिता की एक ही डाँट में एकदम से श्यामू द्वारा पतंग और रस्सियाँ मँगाने की बात का रहस्य खोल दिया।
प्रश्न 6. ‘रस्सी से पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेंगे। भोला से यह बात सुनकर विश्वेश्वर हतबुद्धि क्यों हो गए?
उत्तर:
विश्वेश्वर को श्यामू की काकी को बुलाने की योजना का पता चल गया, जिससे श्यामू की मासूमियत और उसका काकी के प्रति गहरा प्रेम प्रकट होता है। इस कारण विश्वेश्वर हतबुद्धि हो गए।
प्रश्न 7.
कहानी के आधार पर दो सवाल बनाइये।
उत्तर-
(i) यदि विश्वेश्वर ने श्यामू को पतंग मॅगा दी होती तो कहानी का अंत क्या होता?
(ii) विश्वेश्वर को जब श्यामू की सच्चाई भोला द्वारा पता चली और उन्होंने पतंग पर ‘काकी’ लिखा देखा, तब उसके बाद विश्वेश्वर ने श्यामू के साथ कैसा व्यवहार किया होगा?
भाषा की बात
प्रश्न-1.
‘श्यामू पतंग के लिए बहुत उत्कंठित था।’ वाक्य में ‘श्यामू’ और ‘पतंग’ संज्ञा है। श्यामू व्यक्तिवाचक और पतंग जातिवाचक संज्ञा है। नीचे लिखे वाक्य में आए संज्ञा पदों को पहचान कर लिखिए तथा उनके भेद बताइए। एक जगह खूटी पर विश्वेश्वर का कोट हँगा था।
उत्तर-
जगह-जातिवाचक संज्ञा पँटी-जातिवाचक संज्ञा . विश्वेश्वर–व्यक्तिवाचक संज्ञा कोट-जातिवाचक संज्ञा
प्रश्न 2.
जो बुद्धिवाला हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द है-‘बुद्धिमान’। इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए (शब्द लिखकर)-
(क) जिस पर विश्वास ने किया जा सके। – अविश्वसनीय
(ख) जिसका स्वर्गवास हो गया हो। – स्वर्गीय
(ग) जो अपने मन को एकाग्र रखता हो। – एकाग्रचित्त
(घ) वह स्थान जहाँ शव जलाए जाते हों। – श्मशान
प्रश्न 3. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ बताइए और अपने वाक्यों में उनका प्रयोग कीजिए। (वाक्य प्रयोग करके)
उत्तर-
कुहराम मचना: (बहुव्र शोर शराबा होना।) रेल-दुर्घटना की खबर सुनकर रेलयात्रियों में कुहराम मच गया।
हृदय का खिलना: (बहुत प्रसन्न होना।) परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने की खबर सुनकर रमेश का हृदय खिल उठा।
चिन्ता का मारा होना: (परेशानी में होना।) सामान खो जाने पर यात्री चिन्ता के मारे सो न सका।।
रहस्य खोलना: (भेद बता देना।) चोरी का रहस्य खुल जाने पर पुलिस ने चोर को पकड़ लिया।
हतबुद्धि होना: (अचम्भे में होना।) छोटे बच्चे ने लाल कपड़ा दिखाकर रेलगाड़ी रुकवा दी। दुर्घटना होते-होते रह गई। सब यात्री हतबुद्धि हो गए।
प्रश्न 4,
‘समझदार’ शब्द में ‘समझ’ संज्ञा है, उसमें ‘दार’ प्रत्यय लगाकर विशेषण पद बना दिया गया है। संज्ञा शब्दों में दार, इक, इत, ई, ईय, मान तथा वान आदि प्रत्ययों को लगाने से विशेषण शब्द बनता है। नीचे लिखे शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर विशेषण बनाइए
उत्तर-
बुधि – बुद्धिमान, चौकी – चौकीदार, उपद्रव – उपद्रवी, करुण – करुणा, बल – बलवान, प्रान्त – प्रान्तीय, उत्कंठा – उत्कण्ठित।