UP Board Class 8 History | भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव
UP Board Class 8 History | भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव
UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 4 भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव
भारत में कंपनी राज्य का प्रभाव
अभ्यास
प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) रेग्यूलेटिंग एक्ट बनाया गया
(क) 1773 ई० में ✓
(ख) 1784 ई० में
(ग) 1857 ई० में
(घ) 1770 ई. में
(2) एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की-
(क) राजाराम मोहन राय ने
(ख) विलियम जोन्स ने ✓
(ग) क्लाइव ने
(घ) लार्ड मैकॉले ने
प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न ।
(1) बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था किसने शुरू की?
उत्तर
बंगाल पर नियंत्रण होने के बाद क्लाइव ने बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था शूरू की।
(2) फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना कहाँ हुई थी?
उत्तर
1801 में कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थान हुई थी।
(3) सुप्रीम कोर्ट की स्थापना किस गर्वनर जनरल के समय में हुई?
उत्तर
सुप्रीम कोर्ट की स्थापना गर्वनर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के समय में हुई।
प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) पिट्स इण्डिया एक्ट के बारे में लिखिए?
उत्तर
ब्रिटिश संसद ने 1784 ई० में एक नया कानून पारित किया जो पिट्स इण्डिया एक्ट कहलाया। इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटेन में एक नियंत्रण परिषद (बोर्ड ऑफ कंट्रोल) की स्थापना हुई। इस परिषद के द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारत में कंपनी के सैनिक, असैनिक तथा राजस्व संबंधी मामलों में एकाधिकार प्राप्त हो गया। गर्वनर जनरल को भारत स्थित सभी ब्रिटिश फौजों का मुख्य सेनापति बनाया गया।
(2) स्थायी बंदोबस्त क्या था?
उत्तर
अधिक मालगुजारी वसूल करके देने वाले को नीलामी बोली के आधार पर उन्हें तथा उनके पुत्रों को आजीवन उस गाँव का जमींदार घोषित कर दिया। यही जमींदारी प्रथा या स्थायी बंदोबस्त कहलाता है।
(3) अंग्रेजों ने भारतीय उद्योगों को किस प्रकार नष्ट किया?
उत्तर
अंग्रेजों ने भारत से कच्चा माल- सूत और कपास ले जाकर अपने यहाँ मशीनों द्वारा वस्त्र निर्माण करके भारत में लाकर बेचना आरंभ कर दिया। इस सस्ते और अच्छे कपड़े का सामना भारतीय उद्योग नहीं कर सके और यहाँ के कारीगर बेकार हो गए। इस प्रकार अंग्रेजों ने भारतीय उद्योगों को नष्ट किया।
प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) अंग्रेजों द्वारा भारत में किए गए भूमि सुधारों के बारे में लिखिए?
उत्तर
अंग्रेज सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मालगुजारी (भूमिकर) वसूल करने के तरीकों पर भी विचार करने लगी। वारेन हेस्टिंग्स ने यह नियम बनाया कि गाँवों की मालगुजारी वसूल करने के लिए किसी को ठेका दे दिया जाये और यदि मालगुजारी वसूल करने वाले का काम ठीक न हो तो दूसरे व्यक्ति को यह काम सौंप दिया जाय। लार्ड कार्नवालिस ने इस प्रथा में निम्न सुधार किए
(क) स्थायी बंदोबस्त लागू-उसने अधिक से अधिक मालगुजारी वसूल करके देने वाले को नीलामी बोली के आधार पर उन्हें तथा उनके पुत्रों को आजीवन (स्थायी रूप से) उस गाँव का जमींदार घोषित कर दिया। यही जमींदारी प्रथा या स्थायी बंदोबस्त कहलाता है। अब यही लोग जमीन के मालिक हो गये किन्तु यह स्वामित्व तभी तक रहता जब तक वे मालगुजारी देते रहते थे। उन्हें जमीन जोतने-बोने वाले काश्तकारों को हटाने और उनसे जमीन छीन लेने का भी अधिकार था। यह प्रथा बंगाल, उड़ीसा और अवध प्रान्तों में प्रारम्भ की गयी।
(ख) रैयतवाड़ी प्रथा-दक्षिण भारत के मद्रास प्रांत में मालगुजारी देने का उत्तरदायित्व रैयत (काश्तकार) को सौंपा गया। मालगुजारी की धनराशि लगभग 30 वर्ष के लिए निश्चित कर दी गयी। रैयत अपनी उपज का लगभग आधा भाग सरकार को मालगुजारी के रूप में देता था।
(ग) महालवाड़ी प्रथा-उत्तर प्रदेश के पश्चिम में दिल्ली और पंजाब के आस-पास, मालगुजारी कई गाँवों के समूह के स्वामियों से वसूल की जाती थी, ये समूह ‘महाल’ कहलाते थे। इसलिए इस प्रथा को महालवाड़ी प्रथा कहते हैं। सरकार ‘महाल’ पर स्वामित्व रखने वाले से मालगुजारी वसूल करने का समझौता करती थी। प्रोजेक्ट वर्क- विद्यार्थी स्वयं करें।