Home-craft 8

UP Board Class 8 Home Craft | स्वास्थ्य

UP Board Class 8 Home Craft | स्वास्थ्य

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 1 स्वास्थ्य

गृह-शिल्प
(समस्त पाठों के ‘अभ्यासों के सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर)
पाठ-1   स्वास्थ्य

अभ्यास 

1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए
(क) डिप्थीरिया, काली खाँसी (परट्यूसिस) और टिटनेस से बचाव के लिए डी०पी०टी० का टीका लगवाया जाता है।
(ख) गर्भवती महिला की रक्षा के लिए टी० टी० का टीका लगाया जाता है।

प्रश्न 2. सही कथन के सामने सही (✔) तथा गलत के सामने गलत (✗) का चिहून लगाएँ
(क) टीकाकरण से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। (✔)
(ख) स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में रोगाणुओं से मुकाबला करने की शक्ति नहीं होती। (✗)
(ग) क्वाशियोरकर रोग का मुख्य कारण प्रोटीन की कमी है। (✔)

2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) खसरे को टीका किस आयु में लगाया जाता है?
उत्तर : खसरे को टीका 9 से 12 माह की की आयु में लगाया जाता है।

(ख) हड्डियों व दाँतों के निर्माण में कौन से खनिज लवण सहायक होते हैं?
उत्तर : हड्डियों व दाँतों के निर्माण में कैल्शियम और फॉस्फोरस खनिज लवण सहायक होते हैं।

3. लघु उत्तरीय प्रश्न .
(क) रक्ताल्पता के कोई चार लक्षण लिखिए
उत्तर : रक्ताल्पता के चार लक्षण निम्नलिखित हैं।

  1. पैरों में सूजन आना
  2. आँखों की निचली पलक के अंदर के हिस्से का, सफेद/फीका पड़ना।
  3. नाखूनों एवं जीभ का सफेद/फीका पड़ना।
  4. प्रतिदिन के कार्य करने में थकान महसूस करना।

(ख) प्रतिरक्षण क्या है?
उत्तर : शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में किसी रोग के रोगाणु को सूई द्वारा अथवा
ड्राप के रूप में शरीर में पहुँचाना प्रतिरक्षण या टीकाकरण कहलाता है।

4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) वृद्धि-निगरानी से क्या तात्पर्य है? इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर : वृद्धि-निगरानी से तात्पर्य है बच्चे के जन्म के उपरान्त उसकी निरन्तर हो रही वृद्धि तथा उचित देखभाल से है। बढ़ते बच्चे को निरन्तर कुशल देखभाल की आवश्यकता होती है। इसके अन्तर्गत बच्चे के समुचित विकास हेतु उचित । पोषण, स्वच्छता एवं रोगों से बचाने के लिए टीके आते हैं।
वृद्धि निगरानी का महत्त्व : हर माता-पिता के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वे बच्चे को समय-समय पर निर्धारित प्रतिरक्षक टीके लगवाते रहें। ऐसा करने से बच्चे के शरीर का उचित विकास होता है  तथा वे भविष्य में होने वाली बीमारियों से सुरक्षित हो जाते हैं।

(क) कुपोषण किन कारणों से होता है? इससे होने वाले किसी एक रोग के लक्षण व उपचार लिखिए।
उत्तर : शरीर में पोषक तत्वों की कमी या अधिकता से कुपोपण होता है। कुपोषण से होने वाला रोग

1. क्वाशियोरकर : बच्चों में प्रोटीन की कमी से होने वाला क्वाशियोरकर मुख्य रोग है। इस रोग में बच्चों के शरीर की वृद्धि रुक जाती है। उन्हें भूख कम लगती है तथा शरीर पर सूजन आ जाती है। बाल रूखे तथा चमक रहित हो जाते हैं। त्वचा रूखी हो जाती है और उस पर काले चकत्ते पड़ जाते हैं, आँखें भी कमजोर हो जाती हैं।
उपचार : क्वाशियोरकर रोग का मुख्य कारण प्रोटीन की कमी होना है। अतः बच्चों को प्रोटीनयुक्त आहार जैसेमटर, मूंग, चना, अरहर, सोयाबीन आदि दालें भोजन में देना चाहिए। इसके अतिरिक्त अनाज, मूंगफली, दूध आदि का सेवन भी लाभदायक होता है।
प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

TENSE

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