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UP Board Class 8 Home Craft | कढ़ाई कला

UP Board Class 8 Home Craft | कढ़ाई कला

UP Board Solutions for Class 8 Home Craft Chapter 8 कढ़ाई कला

पाठ-8  कढ़ाई कला (ग) गुजरात
अभ्यास

1. वस्तुनिष्ठ
प्रश्न
उत्तर :
(क) कढ़ाई के लिए पक्के रंग के उपयोग का चुनाव करना चाहिए। ,
(ख) कट वर्क के लिए कॉज-स्टिच का प्रयोग करना चाहिए।
(ग) गुजरात प्रदेश की कढ़ाई गुर्जरी है।

2. वस्तुनिष्ठ
प्रश्न
(क) शैडो वर्क की कढ़ाई किन वस्त्रों में अच्छी बनती है?
उत्तर : शैडो वर्क की कढ़ाई महीन वस्त्र वायल, जॉरजेट, आरगंडी आदि में ही अच्छी लगती है।

(ख) लाल एवं नीला रंग मिलाने से कौन-सा रंग बनेगा?
उत्तर : लाल एवं नीला रंग मिलाने से बैंगनी रंग बनेगा।

3. लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) वस्त्रों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर : वस्त्रों पर कढ़ाई करने से उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है। नए-नए टॉकों के प्रयोग से कढ़ाई और भी सुन्दर । लगती है। आधुनिक समय में कढ़ाई कला के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। केवल धागे ही नहीं वरन् सलमा सितारा, गोटा, मोती, कुन्दन, जरी आदि की कढ़ाइयाँ आँखों में चकाचौंध उत्पन्न कर देती हैं।

(ख) विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाई के नाम लिखिए।
उत्तर : हमारे देश में विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाइयाँ उसी प्रदेश के नाम पर प्रसिद्ध हैं, जैसे- कश्मीरी कढ़ाई, पंजाबी कढ़ाई, गुजराती कढ़ाई, सिंधी कढ़ाई व राजस्थानी कढ़ाई। इनकी अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं, जिन्हें देखकर पता चल जाता है कि यह किस प्रदेश की कढ़ाई है।

4. लघु उत्तरीय
प्रश्न
(क) कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर : कढ़ाई करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए
(i) नमूना आकर्षक और उचित प्रकार का हो।
(ii) कढ़ाई के उपकरणों का उचित स्थान पर उपयोग करना चाहिए।
(iii) कढ़ाई के लिए पक्के रंग का प्रयोग करना चाहिए।
(iv) वस्त्र पर नमूना स्पष्ट छापे ।
(v) नमूना छापते समय, नमूने के ऊपर पेंसिल सही ढंग से चलाएँ ताकि नमूना सही उतरे।
(vi) उचित सूई का प्रयोग करें।
(vii) साड़ी के लिए वायल, मलमल, आरगण्डी तथा मेजपोश, चादर और तकिया गिलाफ के लिए पापलेन, टेरीकोट, केसमेंट आदि का कपड़ा लेना चाहिए।
(viii) नमूने और वस्त्र के अनुसार ही कढ़ाई के टॉकों का चुनाव करना चाहिए।

(ख) मुख्य रंग कौन-कौन से हैं? द्वितीय (गौण) रंग कैसे बनाए जाते हैं?
उत्तर :
मुख्य रंग या प्राकृतिक रंग तीन होते हैं- लाल, नीला, पीला। इनके मिश्रण जैसे- लाल और नीला मिलाने से बैंगनी रंग, नीला व पीला मिलाने से हरा रंग और पीला व लाल मिलाने से नारंगी रंग बनता है। बैंगनी, हरा और नारंगी रंग जो मुख्य रंग से मिलाने से बनते हैं, उन्हें द्वितीय रंग या गौण रंग कहते हैं।

प्रोजेक्ट कार्य :
नोट : विद्यार्थी स्वयं करें।

TENSE

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