UP Board Class 8 Sanskrit | प्रियं भारतम्
UP Board Class 8 Sanskrit | प्रियं भारतम्
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 12 प्रियं भारतम्
प्रियं भारतम्
शब्दार्थाः-सुरम्यम् = सुन्दर, रमणीय, प्रकामम् = अत्यन्त, ललामम् = सुन्दर, निकामम् = अत्यधिक, सरितारहारैः = नदी रूपी उज्ज्वल हारों से, हिमाद्रि = हिमालय-हिम का आद्रि (पर्वत), ललाटे = भार पर, पदे = पद तल में, सिन्धुः = समुद्र, सर्वथा = हर तरह से, दर्शनीयम् = देखने योग्य, निधानम् = भण्डार, धरायाम् = पृथ्वी पर, शुभ्रम् = उज्ज्वल, अनेके = बहुत से, नमामः = (हम) प्रणाम करते हैं, तदर्थम् = उसके लिए।
प्रकृत्या ……………………………………. दर्शनीयम् ॥1॥
हिन्दी अनुवाद-प्रकृति ने हमारे प्रिय भारत को सुन्दर और विशाल बनाया है। यह नदी रूपी उज्ज्वल हारों से सुशोभित है। हमारा प्रिय भारत, जिसके माथे पर हिमालय और पैरों में समुद्र है, हमेशा दर्शन करने योग्य है।
धनानां निधानं………………………………. पूजनीयम् ॥2॥
हिंन्दी अनुवाद-हमारा प्रिय भारत धन का खजाना और पृथ्वी पर प्रधान देश है। यह भारत (स्वर्ग) देवलोक के समान है। इसका स्वच्छ उज्ज्वल यश संसार में गाया जाता है। प्रिय भारत सदा पूजा करने योग्य है।
अनेके प्रदेशाः ………………………………………… रक्षणीयम् ॥3॥
शब्दार्थाः अनेके = बहुत से।
हिन्दी अनुवाद-हमारे इस प्रिय भारत में अनेक प्रदेश (राज्य) और अनेक वेश (वेशभूषा) हैं, अनेक रूप हैं और लोगों की अनेक भाषाएँ हैं, परन्तु फिर भी सब एक रूप में भारतीय हैं। हमारा प्रिय भारत हमेशा रक्षा किए जाने योग्य है।
वयं भारतीयाः …………………………………. सदा वन्दनीयम् ॥4॥
हिन्दी अनुवाद-हम सब भारतीय अपने भारत को नमस्कार करते हैं। हम इस एक परम धर्म को मानने वाले हैं। इसके लिए हम अपना धन और जीवन अर्पित करते हैं। हमारा प्रिय, भारत हमेशा वन्दना करने योग्य है।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) भरतस्य ललाटे, किमस्ति?
उत्तर
हिमाद्रिः।
(ख) कस्य शुभ्रं यशः विदेशेषु गीतम् अस्ति?
उत्तर
भारतस्य।
(ग) भारते कियन्तः वेषाः सन्ति?
उत्तर
अनेके।
(घ) वयं भारतीयः कं नमामः?
उत्तर
स्वदेशं।
प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) भारते कियन्तः प्रदेशाः किंयत्यश्च भाषाः सन्ति?
उत्तर
भारते अनेके प्रदेशाः अनेकानि भाषाः सन्ति।
(ख) इदं भारतं कस्य निधानं केन च तुल्यम्?
उत्तर
इदं भारतं धनानां निधानं देवलोकेन च तुल्यम्।
(ग) वयं भारतीयाः किं किम् अर्पयामः?
उत्तर
वयं भारतीयाः धनं-जीवनं अर्पयामः।
(घ) वयं सदा कं धर्मं मानयामः?
उत्तर
वयं सदा परं धर्म मानयामः।।
प्रश्न 4.
संस्कृते अनुवादं कुरुत
(क) प्रिय भारत सर्वथा दर्शनीय है।
उत्तर
अनुवादप्रियं भारतं सर्वथा दर्शनीयम्।
(ख) भारत देवलोक के समान है।
उत्तर
अनुवाद-भारतं देवलोकेन तुल्यम्।
(ग) इसमें बहुत से प्रदेश हैं।
उत्तर
अनुवाद-अस्मिन् अनेके प्रदेशाः सन्ति।
(घ) हम भारतीय अपने देश को प्रणाम करते हैं।
उत्तर
अनुवाद-वयं भारतीयाः स्वदेशं नमामः।
प्रश्न 5
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)-
उत्तर
(क) प्रियं भारतं सर्वथा दर्शनीयम्।
(ख) इदं भारतं देवलोकेन तुल्यम्।
(ग) अनेकानि रूपाणि, भाषा अनेकाः।
(घ) वयं भारतीयाः स्वदेशम् नमामः।
(ङ) तदर्थं धनं जीवनं च अर्पयामः।
प्रश्न 6.
विशेष्यैः सह यथायोग्यं विशेषणानि योजयत (जोड़कर)-
उत्तर
प्रश्न 7.
अनीयर् (अनीय) प्रत्ययं योजयित्वा पदानि लिखत ( लिखकर)-
उत्तर
• नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केत’ स्वयं करें। त्रयोदशः पाठः