Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 36 कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए
Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 36 कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए
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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 36 कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 36
प्रश्न 1.
द्रोणाचार्य के मारे जाने पर कौरव सेना का सेनापति कौन बना ?
उत्तर:
द्रोणाचार्य के मारे जाने पर कर्ण कौरव सेना का सेनापति बना। शल्य कर्ण के सारथी बने।
प्रश्न 2.
भीम ने दुःशासन का वध किस प्रकार किया ?
उत्तर:
जब दुःशासन ने देखा कि भीम कर्ण पर टूट पड़ा है तो उसने भीम पर बाणों की वर्षा आरंभ कर दी। भीम ने दुःशासन को एक धक्का देकर नीचे गिरा दिया और उसका एक-एक अंग तोड़-मरोड़ डाला। इस प्रकार भीम ने दुःशासन का वध करके अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।
प्रश्न 3.
कृष्ण ने अर्जुन को कर्ण के वार से कैसे बचाया ?
उत्तर:
कर्ण ने अर्जुन पर जब एक आग उगलता हुआ बाण चलाया तो कृष्ण ने रथ को पाँव के अगूंठे से दबा दिया। इस प्रकार रथ जमीन में पाँच अंगुल नीचे धंस गया। कृष्ण की इस युक्ति से अर्जुन मरते-मरते बचा।
प्रश्न 4.
जब कर्ण का रथ धरती में धंस गया तो कर्ण ने अर्जुन से क्या कहा ?
उत्तर:
कर्ण अर्जुन से बोला-अर्जुन! जरा ठहरो। मेरे रथ का पहिया धरती में धंस गया है। पांडु-पुत्र तुम्हें धर्म-युद्ध करने का जो यश प्राप्त है उसे व्यर्थ न गंवाओ। मैं जमीन पर खड़ा रहूँ और तुम रथ पर बैठे-बैठे मुझ पर बाण चलाओ यह ठीक नहीं होगा।
प्रश्न 5.
अर्जुन ने कर्ण का वध किस प्रकार किया ?
उत्तर:
जब कर्ण के रथ का पहिया धरती में धंस गया था और कर्ण रथ के पहिये को धरती से निकालने का प्रयत्न कर रहा था, ठीक उसी समय कृष्ण के कहने पर अर्जुन ने एक ही बाण से कर्ण का सिर धड़ से अलग कर दिया।
प्रश्न 6.
कृपाचार्य ने दुर्योधन को क्या समझाया ?
उत्तर:
कृपाचार्य ने दुर्योधन से कहा कि राजन! अब तुम्हारा यही कर्तव्य है कि पांडवों से किसी प्रकार संधि कर लो। अब युद्ध बंद करना ही श्रेयस्कर है।
प्रश्न 7.
कर्ण की मृत्यु के बाद कौरव सेना का सेनापति किसे बनाया गया ?
उत्तर:
कर्ण की मृत्यु के बाद शल्य को कौरव सेना का सेनापति बनाया गया।
प्रश्न 8.
शल्य की मृत्यु किस प्रकार हुई ?
उत्तर:
पांडव सेना के संचालन का पूरा उत्तरदायित्व युधिष्ठिर ने अपने कंधों पर लेकर शल्य पर आक्रमण किया। युधिष्ठिर ने शल्य पर शक्ति का प्रयोग किया। शक्ति लगने से मद्रराज शल्य मृत होकर रथ पर ही गिर पड़े।
प्रश्न 9.
शकुनि का वध किसने किया ?
उत्तर:
शकुनि का वध सहदेव के नुकीले बाण से हुआ। सहदेव के एक बाण से ही शकुनि का सिर कटकर भूमि पर गिर पड़ा।
प्रश्न 10.
दुर्योधन अपने प्राण बचाकर कहाँ छिप गया था ?
उत्तर:
दुर्योधन अपने प्राण बचाकर एक जलाशय में छिप गया था। पांडव उसे खोजते-खोजते वहीं जा पहुंचे।
प्रश्न 11.
दुर्योधन की मृत्यु किस प्रकार हुई ?
उत्तर:
जलाशय पर जाकर पांडवों ने दुर्योधन को ललकारा। दुर्योधन ललकार सुनकर बाहर आया। दुर्योधन ने कहा कि मैं एक साथ सबसे युद्ध नहीं कर सकता तुम एक-एक करके मेरे साथ युद्ध करो। सबसे पहले भीम और दुर्योधन में युद्ध होने लगा। तभी कृष्ण का इशारा पाकर भीम ने दुर्योधन की जंघा पर गदा से वार किया। जंघा टूटने से दुर्योधन जमीन पर गिर पड़ा। इस प्रकार दुर्योधन का अंत हो गया।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 36
द्रोण के मारे जाने पर कर्ण कौरव सेना के सेनापति बने। अर्जुन की रक्षा करता हुआ भीम कर्ण पर टूट पड़ा। जब दुःशासन ने यह देखा तो उसने भीम पर बाणों की वर्षा कर दी। तभी भीम ने दुःशासन को एक धक्के में नीचे गिरा दिया और उसका एक-एक अंग तोड़ मरोड़ डाला। इस प्रकार भीम की प्रतिज्ञा पूरी हुई। उधर अर्जुन और कर्ण का युद्ध हो रहा था। कर्ण के एक बाण से अर्जुन का मुकुट दूर जा गिरा। इसी बीच कर्ण के रथ का पहिया धरती में धंस गया वह अपने रथ का पहिया निकालने लगा तभी कृष्ण के कहने पर अर्जुन ने कर्ण पर बाण चलाया जिससे कर्ण का सिर कटकर जमीन पर गिर पड़ा। दुर्योधन को जब कर्ण की मृत्यु की खबर मिली तो उसके शोक की सीमा न रही। कृपाचार्य ने दुर्योधन को पांडवों से संधि करने की सलाह दी। परंतु दुर्योधन को यह सलाह पसंद नहीं आई। इसके बाद मद्रराज शल्य को कौरव सेना का सेनापति बनाया गया। पांडवों की सेना के संचालन का पूरा दायित्व युधिष्ठिर ने अपने कंधों पर ले लिया। युधिष्ठिर ने शल्य पर शक्ति का प्रयोग किया और मद्रराज शल्य मृत होकर रथ पर गिर पड़े। शल्य के मारे जाने पर कौरव सेना असहाय हो गई। उधर सहदेव के एक बाण से शकुनि का सिर धड़ से अलग हो गया। इस प्रकार कौरव सेना के सारे वीर सदा के लिए चिरनिद्रा में विलीन हो गए। अब अकेला दुर्योधन बचा था। दुर्योधन अकेला ही गदा लेकर जलाशय की ओर चल पड़ा। तभी पांडव उसे खोजते हुए वहीं पहुंच गए। उन्होंने दुर्योधन को युद्ध के लिए ललकारा। दुर्योधन ने कहा कि मेरे सभी साथी मारे जा चुके हैं। मुझे राज्य का लोभ नहीं। अब सारा राज्य तुम्हारा है। निश्चिंत होकर इसका उपभोग करो। युधिष्ठिर ने कहा तुम तो कहते थे कि मैं सुई की नोंक के बराबर भी भूमि नहीं दूंगा। युधिष्ठिर की ये बातें सुनकर दुर्योधन युद्ध के लिए तैयार हो गया। वह बोला एक-एक कर तुम सभी मेरे साथ युद्ध कर सकते हो। दुर्योधन और भीम का युद्ध होने लगा। इसी बीच कृष्ण का इशारा पाकर भीम ने दुर्योधन की जंघा पर गदा से प्रहार किया। वह अधमरी अवस्था में भूमि पर गिर पड़ा। दुर्योधन कृष्ण से कहने लगा कि तुमने कुचक्र रचकर हमारे सभी महारथियों को मरवा दिया।