CTET Notes In Hindi | जन्तु और पौधे
CTET Notes In Hindi | जन्तु और पौधे
जन्तु और पौधे
Plants and Animals
यह अध्याय CTET परीक्षा की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
इस अध्याय से वर्ष 2011 से अब तक सर्वाधिक प्रश्न पूछे जा
चुके हैं। वर्ष 2011 में 1 प्रश्न, 2012 में 5 प्रश्न, 2013 में
प्रश्न, 2014 में 10, 2015 में 7 तथा 2016 में सर्वाधिक 10
प्रश्न पूछे गए हैं।
सजीवों को पादप जगत् जन्तु जगत् तथा सूक्ष्म जीवों में विभक्त किया जाता है।
सजीव प्राणी बहुकोशीय तथा एककोशीय भी हो सकते हैं, लेकिन कालान्तर में
हिबटेकर ने सजीवों को 5 प्रमुख वर्गों में विभाजित किया, जो निम्नलिखित हैं
मोनेरा – जीवाणुओं का अध्ययन
प्रोटिस्टा – अमीबा और पैरामीशियम का अध्ययन
कवक – मशरूम और फफूंद का अध्ययन
पादप जगत् – पौधों का अध्ययन
जन्तु जगत् – जन्तुओं का अध्ययन
2.1 पौधे
पौधे (Plants) पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तन्त्र के लिए अति आवश्यक होते हैं,
क्योकि ये पारिस्थितिकी तन्त्र के लिए ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा
मनुष्य तथा जीव-जन्तु भी अपने खाद्य पदार्थों का अधिकांश भाग पेड़-पौधों से ही
प्राप्त करते हैं।
बालकों का अपनी बाल्यावस्था में ही पेड़-पौधों आदि से परिचय होता है,
इसलिए परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वह बालक को पेड़-पौधों के विषय
में आवश्यक जानकारी दे ताकि पौधे बालक के लिए लाभकारी भूमिका निभाएँ।
2.1.1 पौधे के भाग एवं उनकी भूमिका
प्राय: सभी पौधों में जड़, तना, पत्ती, फल एवं फूल पाए जाते हैं, जबकि, कवक
(शैवाल) आदि में इस प्रकार की चीजे दिखाई नहीं देती है। पौधों के इन भागों का
विवरण अग्रलिखित है
जड़
• यह पौधे का वह भाग है, जो प्राय: भूमि के अन्दर रहता है। जड़
(Root) दो प्रकार की होती हैं मूसला जड़ और झकड़ा जड़ा।
• मूसला जड़ के उदाहरण-मटर, चना, मूली, गाजर, सरसों, जामुन,
शलजम, आम, चुकन्दर आदि। झकड़ा जड़ के उदाहरण-गेहूँ, घास,
गन्ना, मक्का, प्याज, लहसुन आदि।
• जड़ का महत्त्व (Importance of Roots) यह पौधों को जमीन से
पकड़े रहता है तथा जमीन से जल एवं खनिज पदार्थ अवशोषित करके
तने के विभिन्न भागों में स्थानान्तरित करता है।
तना
• यह पौधे का वह भाग है, जो प्राय: भूमि के ऊपर रहता है। तना
(Stem) हरा व भूरे रंग का होता है। तने से ही टहनियाँ एवं पत्तियाँ
निकलती है।
• तना का महत्त्व (Importance of Stem) यह जड़ द्वारा अवशोषित
जल व खनिज पदार्थ को पत्ती तथा पौधों के अन्य भागों में पहुंचाने का
कार्य करती है। आलू, अदरक जैसे कुछ तने जमीन के अन्दर भी होते
हैं, जिनको हम खाते हैं।
पत्ती
• पौधों की पत्तियाँ, तनों व टहनियों के सहारे निकलती है। पत्तियाँ
(Leaves) मुख्य रूप से हरे रंग की होती है, जबकि कुछ पौधों की
पत्तियाँ लाल, बैगनी तथा पीले रंग की भी होती हैं।
• पत्तियों का महत्त्व (Importance of Leaf) पत्तियाँ सूर्य की रोशनी में
जल और कार्बन डाइऑक्साइड की सहायता से प्रकाश संश्लेषण करती
हैं, जिससे पौधों में भोजन का निर्माण होता है। पत्तियों से जो जलवाष्प
बाहर निकलती है. उसे वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है।
प्रकाश संश्लेषण
सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित
करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है। लाल रंग के प्रकाश में यह क्रिया
अधिक होती है तत्पश्चात् बैंगनी रंग के प्रकाश में सर्वाधिक होती है। हरे रंग के
प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पूरी तरह रुक जाती है।
नागफनी Cactus में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया उसके हरे रंग वाले तने में
होती है, क्योंकि उसकी पत्तियों काँटेदार होती हैं।
फाख्ता नामक पक्षी जो काफी छोटा होता है कैक्टस के काँटों के बीच घोंसला
बनाकर रहता है।
फूल
• फूल (Flower) नए पौधों के विकास में सहायता करते हैं, क्योकि फूल
पौधों के प्रजनन अंग होते है। फूलों की पंखुड़ियाँ रंगीन होती हैं।
• भिन्न-भिन्न प्रकार के पौधों की पंखुड़ियों का रंग भी भिन्न भिन्न होता
है। फूल के कई भाग होते हैं, जैसे-बाह्यदल, पंखुड़ियाँ, स्त्रीकेसर व
पुँकेसर आदि।
• फूलो में सबसे बड़ा फूल रफलेसिया तथा सबसे छोटा फूल वूलफिया
है। फूलों की घाटी चमोली, उत्तराखण्ड में अवस्थित है।
• फूलों का महत्त्व Importance of Flower परागण की प्रक्रिया फूल द्वारा
ही सम्पन्न होती है। इसी प्रक्रिया के द्वारा पौधे में प्रजनन क्रिया होती है।
परागण की प्रक्रिया कई प्रकार से होती है; जैसे-वायु द्वारा, कीटों द्वारा, जल
द्वारा, पक्षियों द्वारा, जन्तुओं जैसे-चमगादड़ व घोंघा इत्यादि के द्वारा।
• कुछ फूलो को खाया भी जाता है; जैसे-केला, सहजन, कद्, तौरई।
• कुछ फूलों से इत्र बनाए जाते हैं तथा इनसे ही लौग व केसर इत्यादि प्राप्त
होते है।
फल
• फल (Fruit) का निर्माण फूलों के अण्डाशय भाग से होता है। फलों के अन्दर
बीज भी होता है। फल सामान्यत: मीठे और खट्टे दोनों प्रकार के होते हैं।
• फल के उदाहरण है; जैसे-सेब, अमरूद, अनार, टमाटर, नींबू आदि।
बीज
• फूलों में पाए जाने वाले बीजाण्ड बीज (Seeds) बनाते हैं बीजो के अन्दर भ्रूण
होता है, जो नमी व वायु की उपस्थिति में अंकुरित होता है।
• बीज का महत्त्व Importance of Seeds कुछ बीजों से तेल निकाले जाते
हैं। कई प्रकार के बीजों को खाया भी जाता है; जैसे-मूंगफली, दालें, चावल,
गेहूँ आदि।
2.1.2 पौधों के प्रकार
भौतिक विशेषता अथवा आकार के आधार पर पौधों के निम्नलिखित वर्गीकरण है
• शाक (Herbs) ये आकार में बहुत छोटे होते हैं। इनका तना हरे रंग का
होता है, जो बहुत ही कोमल होता है। इसमें अत्यधिक टहनियाँ नहीं पाई जाती
हैं। इसके उदाहरण है-धनियाँ, मेथी, पालक आदि।
• झाड़ी (Shrubs) इनका आकार शाक से बड़ा होता है। इनका तना मोटा व
कठोर होता है। जिसमें कई सारी शाखाएँ इनके तने के आधार से निकलती हैं,
इसके उदाहरण है-गुलाब, गुड़हल, नींबू आदि।
• वृक्ष (Tree) इनका आकार बहुत बड़ा एवं विशाल होता है। इनका तना कठोर,
मोटा एवं भूरे रंग का होता है। इनके तने से कई शाखाएँ निकलती है, जो चारों ओर
फैली होती है; जैसे-आम, नीम, जामुन, पीपल, कीकर इत्यादि।
• लताएँ (Creepers) ये वो पौधे होते हैं, जो अत्यन्त कमजोर होते हैं, जो सीधे
स्थिर नहीं हो पाते, इनको स्थिर रहने के लिए सहायता की आवश्यकता होती
है। इनके दो वर्ग है
1. विसर्जी लता (Creepers) सामान्यरूप से ये लताएँ जमीन के बहुत
बड़े-भू-भाग पर फैली होती हैं। इसके उदाहरण है-खीरा, खरबूजा,
तरबूज, पुदीना आदि।
2. आरोही लता (Climber Creepers) ये लताएँ किसी ढाँचे की सहायता
से सीधे खड़ी होती हैं या ऊपर चढ़ती हैं, जिससे यह वृक्ष के तनों के
चारों ओर लिपटी होती है। इसके उदाहरण है-मनीप्लान्ट, मटर, अमरबेल
इत्यादि।
2.1.3 क्षेत्र के आधार पर पौधों का वर्गीकरण
क्षेत्र के आधार पर पौधों के निम्न प्रकार होते है
• जलोभिद् (Hydrophyte) ये पानी में पाए जाते हैं, जिनकी जड़ कम
विकसित होती है। इनकी पत्तियाँ पतली व संकरी होती है जिस पर मोम की
परत होती है। इसके उदाहरण है-कमल, हाइड्रिला, जललिली।
• लवणोद्भिद (Halophytes) इस प्रकार के पौधे दलदली क्षेत्रो में
पाए जाते हैं। इन पौधों की जड़े जमीन से ऊपर निकली हुई होती है।
साल्ट मार्स (Salt Marsh) इसका उदाहरण है।
• समोद्भिद् (Mesophyte) ये पौधे खेती योग्य जमीन पर पाए जाते है।
इनका तना ठोस और शाखा युक्त होता है। इसके उदाहरण है-मक्का,
टमाटर, गेहूँ, धान आदि।
• मरुद्भिद् (Xerophyte) ये पौधे मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाए जाते है
इनकी पत्तियाँ छोटी-छोटी एवं जड़े गहरी होती हैं। इन पौधों का तना
गद्देदार एवं मोम की परत से ढका होता है। इसका उदाहरण नागफनी,
एकासिया, यूफोबिया आदि।
2.1.4 कुछ विशेष पौधे/वृक्ष
कुछ विशेष पौधे व वृक्ष निम्नलिखित है-
• बरगद यह एक विशालकाय वृक्ष होता है जिसका फैलाव अधिक होता
है। इनकी शाखाओ से जड़े भी निकलती है जिनको स्तम्भ जड़ (Tap
root) भी कहा जाता है।
• क्रोटन यह पौधा फसल के साथ बोया जाता है, जो यह बताने में
समर्थ है कि फसल को कब पानी की आवश्यकता होती है। इसकी
जड़ें अधिक नीचे तक नहीं होती है। जब यह मुरझाने लगता है तो यह
पता चलता है कि फसल को सिंचाई की आवश्यकता है।
• केला केले का पौधा एक प्रकार का शाक है, जिसका तना कमजोर व
हरा होता है। केले के फूल व फल दोनों खाए जाते हैं।
• खेजड़ी यह भारत के रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाई जाती है इसको अधिक
पानी की आवश्यकता नहीं होती है तथा इनकी फलियो की सब्जी बनती
है। इस पेड़ की छाल से दवा बनाई जाती है और इसकी लकड़ी में
कीड़े नहीं लगते हैं। यह छायादार होता है।
• रेगिस्तानी ओक यह मुख्यतया ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाया
जाता है। इसकी जड़े गहरी होती है तथा यह पानी में स्थिर होता है
और इनमें पत्तियाँ बहुत कम होती है। इस क्षेत्र के निवासी इस पेड़ के
तने में पतला पाइप डालकर पानी बाहर निकालते है।
• घटपर्णी (नीपेन्थिस) यह पेड़ कीड़े-मकोड़ो, मेढको, चूहों एवं छोटे
जीवों को खा जाता है इसलिए इसको कीट-भक्षी पौधा भी कहा जाता
है। इनका आकार लम्बा घड़े जैसा होता है, जिस पर पत्तीनुमा ढक्कन
होता है। इस पौधे से एक खुशबू निकलती है, जिससे आकर्षित होकर
कीड़े-मकोड़े इस पौधे के पास आते हैं। यह भारत में मेघालय के
साथ-साथ इण्डोनेशिया एवं ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है। यह पेड़
प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया भी करता है। यह नाइट्रोजन की पूर्ति के
लिए कीटों का भक्षण करता है।
2.1.5 पौधों का महत्त्व
पौधों के महत्त्व को हम निम्न रूप में देख सकते है
• पौधे हवा को शुद्ध करते हैं और वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को
बढ़ाते हैं। पौधे जीवन के लिए भी आवश्यक होते है, क्योकि यह
प्रकृति में सन्तुलन बनाते हैं।
• पौधे मृदा क्षरण को रोकते है और मृदा की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाते
हैं। वातावरण की सौन्दर्यता को बढ़ाने में कई शृंगारिक पौधे विशेष रूप
से सहायक होते हैं। मरुद्भिद् के उदाहरण नागफनी, युफोर्बिया एवं
एकासिया इत्यादि है।
2.1.6 बच्चों के लिए पौधों का महत्त्व
बच्चों के लिए पौधे अनेक आयामों में लाभकारी होते हैं
• पौधे के महत्त्व को हम इस रूप में देखते हैं कि वह मानव एवं जन्तु के
लिए जीवनदायिनी गैस के साथ-साथ खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध कराते हैं।
• पेड़-पौधों की वृद्धि और विकास से बच्चे भलीभाँति अवगत एवं प्रभावित
होते हैं, जिससे उनकी पौधे के विकास व वृद्धि के विषय में जानने की
उत्सुकता बढ़ती है, जो बच्चों के लिए लाभकारी होता है।
2.2 जन्तु
पृथ्वी के वातावरण में असंख्य प्रकार के जीव जन्तु पाए जाते हैं। जिनके वास
स्थान, प्रजनन, भोजन आदि भी भिन्न होते हैं। जन्तु (Animals) पर्यावरण के
लिए लाभकारी होते हैं और मनुष्य के लिए उपयोगी। मानव के प्रारम्भिक
जीवन से ही जन्तुओं की महत्ता रही है। मनुष्य की तरह जन्तुओं को भी
आवास, भोजन एवं जल की आवश्यकता होती है। पारिवारिक सदस्यों की
भाँति बालक भी पालतू पशुओं के स्वभाव, आवास, विभिन्न क्रियाओं एवं
भोजन आदि की जानकारी रखता है। पालतू पशुओं का बालक के व्यक्तित्व
पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
2.2.1 जन्तुओं का वासस्थान
जन्तु उन स्थानों पर रहना पसन्द करते हैं, जो उनके लिए अनुकूल हो और
उनकी खाद्य-सामग्रियों के लिए अनुकूल हो। आज पृथ्वी के प्रत्येक भाग में
भिन्न-भिन्न प्रकार के जन्तु पाए जाते हैं, कुछ जन्तु जल में रहते हैं;
जैसे-मछलियाँ, ऑक्टोपस। कुछ जन्तु स्थल पर निवास करते हैं, जैसे-पक्षी
एवं स्तनपायी परन्तु कुछ जन्तु जल और भूमि (स्थल) दोनों पर निवास करते
हैं उन्हें उभयचर जन्तु कहा जाता है जैसे मेंढक एवं सेलामेण्डर। कुछ जन्तुओं
की त्वचा पर धारीदार चिन्ह भी होते हैं यह उनके अनुकूलन के गुणों के
कारण होता है, जो उनके जलवायु प्रदेश के कारण होते हैं, जहां वे वास
करते हैं।
2.2.2 जन्तुओं का वर्गीकरण
जन्तुओं को उनकी शारीरिक रचना, पोषण, आवास, स्वभाव एवं उपयोगिता
के आधार पर कई प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है। यह पर्यावरणीय
दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं। जन्तुओं के प्रकारों का विवरण
अग्रलिखित है
शारीरिक रचना के आधार पर वगीकरण
• कशेरुकी जन्तु इसमें जन्तुओ की अस्थियों एवं उपास्थियों से बना कंकाल
पाया जाता है, इसके उदाहरण है-गाय, भैस, कुत्ता, मनुष्य इत्यादि।
• अकशेरुकी जन्तु इस वर्ग के जन्तुओं के शरीर में अस्थियाँ एवं
उपास्थियों का कंकाल नहीं पाया जाता है, इसके उदाहरण है- केंचुआ,
केकड़ा, दीमक, बिच्छू इत्यादि।
पोषण के आधार पर वर्गीकरण
• स्वपोषी या आत्मपोषी इस वर्ग में ऐसे जन्तु उपस्थित होते हैं, जो अपना
भोजन स्वयं बनाते है। युग्लीना में आत्मपोषी होने के लक्षण पाए जाते हैं।
युग्लीना में कोरोप्लास्ट तत्व पाया जाता है।
• परपोषी इस वर्ग में सभी प्रकार के जन्तु पाए जाते हैं, जो अपने पोषण के
लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं। प्राय: सभी जन्तु अपने पोषण के लिए
दूसरों पर ही निर्भर रहते हैं।
कोशिका के आधार पर वर्गीकरण
• एककोशिकीय जन्तु इस वर्ग के जन्तुओं का शरीर एककोशिका से बना
होता है, इन्हें सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। इसके उदाहरण
है- अमीबा, युग्लीना, पैरामीशियम इत्यादि। एककोशिकीय जन्तु को
प्रोटोजोअन भी कहा जाता है।
• बहुकोशिकीय जन्तु इस वर्ग के जन्तु का शरीर कई प्रकार की
कोशिकाओं से बना होता है। इनका सबसे प्रमुख उदाहरण स्पंज है।
प्रजनन के आधार पर वर्गीकरण
• अण्डायुज इस वर्ग में वे जन्तु उपस्थित होते हैं जो अण्डा देते हैं:
जैसे-छिपकली, मेंढक, पक्षी इत्यादि।
• जरायुज इस वर्ग में बच्चा देने वाले जन्तु शामिल होते हैं; इसके उदाहरण
हैं-हाथी, गाय इत्यादि।
वास स्थान के आधार पर वर्गीकरण
• स्थलीय जमीन व स्थल पर पाए जाने वाले जन्तुओं को स्थलीय जन्तु की
श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे अनेक जन्तु हैं, जिनका आवास स्थल होता है;
जैसे-मनुष्य, छिपकली, चूहा, बन्दर इत्यादि।
• जलीय प्राय: जल में पाए जाने वाले जन्तुओं को जलीय जन्तु कहा जाता
है। इसके उदाहरण है-मछली, स्पंज आदि।
• मरुस्थलीय इस प्रकार के जन्तु ऐसे स्थानों पर पाए जाते हैं, जहाँ पानी की
कमी होती है। इसके प्रमुख उदाहरण हैं-ऊँट, विषैली छिपकली इत्यादि।
• स्तनधारी ऐसे जन्तु जो बच्चा पैदा करते हैं तथा जिनके शरीर पर बाल
पाए जाते है स्तनधारी कहलाते है। इन जन्तुओं में स्तनप्रंथियाँ भी पाई जाती
है। इसके उदाहरण है-गाय, हिरन, चूहा, हाथी, चमगादड़ मनुष्य इत्यादि।
• वायुवीय जन्तु ऐसे जन्तु जो वायुमण्डल में विचरण करते हैं उनको
वायवीय जन्तु कहते हैं। इसके प्रमुख उदाहरण हैं-पक्षी, डैको इत्यादि।
2.2.3. जन्तुओं में पाई जाने वाली खाद्य आदतें
• जन्तुओ को शारीरिक वृद्धि और शरीर के अन्दर होने वाली जैविक
क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
• कुछ प्राणी अपना भोजन प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से पौधों से प्राप्त करते है
तो कुछ जन्तु, जन्तुओं और पौधों दोनों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
पोषण स्तर के आधार पर जन्तुओं को तीन भागों में विभाजित किया
जाता है।
1. शाकाहारी (Herbivorous) ये जन्तु केवल पौधों को खाते है।
जैसे-घोड़े, ऊँट, गाय, भेड़ और बकरियाँ इनके दाँत चौड़े व सपाट
होते हैं, जिससे वह अपने चारे को आसानी से चबा पाते हैं।
2. मांसाहारी (Carnivorous) ये जन्तु केवल जन्तुओं को खाते हैं।
जैसे-शेर, चीता, भेड़िया और लोमड़ी इनके दाँत लम्बे व नुकीले होते
है। ताकि वे अपने खाद्य पदार्थ को आसानी से काट व चीर सकें।
3. सर्वाहारी (Omnivorous) ये जन्तु पौधे और जन्तु दोनों को खाते हैं।
इसमे प्रायः मनुष्य, कुत्ते और बिल्ली प्रमुख है। इनके दाँत चौड़े व
सपाट तथा नुकीले व लम्बे दोनों प्रकार के होते हैं।
2.2.4 जन्तुओं (सजीव) में श्वसन
सभी जन्तु श्वसन प्रक्रिया के द्वारा भोजन से ऊर्जा प्राप्त करते है। साँस लेना
श्वसन तन्त्र की आवश्यक प्रक्रिया है, जिसमे जन्तु ऑक्सीजन के रूप में गैस
अन्दर लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में बाहर छोड़ते हैं। विभिन्न
जन्तुओं में सांस लेने की प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होती है, जो निम्नलिखित हैं
जन्तु साँस लेने वाले अंग
मेंढक फेफड़े और त्वचा
केंचुआ त्वचा (आर्ट व चिकनी)
मक्खी, कॉकरोच वातक (हैकिया)
मनुष्य, शेर, साँप, पक्षी फेफडे़ (फुफ्फुस)
ऑक्टोपस, मछली गिल (क्लोम)
व्हेल, डॉल्फिन फेफड़े, नासाद्वार वात छिद्र
2.2.5 जन्तुओं द्वारा गति
प्रायः सभी जन्तु गतिशील होते है। वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण
करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार से गति करते हैं।
कुछ प्रमुख जन्तुओं की गतिशीलता से सम्बन्धित विवरण निम्न प्रकार है
• चलने वाले जन्तु मनुष्य, शेर, कुत्ता, बिल्ली, गाय आदि।
• रेंगने वाले जन्तु केचुआ और साँपा साँप अपने वलय व पेशियों की
सहायता से तथा केंचुएँ पेशियो एवं शूक की सहायता से गति करते हैं।
• उड़ने वाले जन्तु पक्षियों द्वारा उड़ने का कार्य किया जाता है। शुतुरमुर्ग
और एमू जैसे पक्षी उड़ते नहीं अपितु तेज गति से भागते हैं। उल्लू अपनी
गर्दन पीछे तक धुमा लेता है।
• तैरने वाले जन्तु मेडक, मसली के साथ-साथ इस प बतख जैसे पक्षी भी
जल में तैरते है। फुदकने वाले जन्तु मेंडक।
• कॉकरोच एक ऐसा जीव है जो चलने, पढ़ने तथा उड़ने तीनो कार्यों को
कर सकता है।
2.2.6 जन्तुओं में प्रजनन
वह क्रिया जिसके अन्तर्गत जन्तु अपने समान सन्तान उत्पन्न करते हैं प्रजनन
कहलाती है। प्रजनन दो प्रकार से होता है।
• जरायुज इसमे, प्रजनन क्रिया के दौरान बच्चों का जन्म होता है।
जैसे गाय, कुत्ता, मनुष्य, हाथी आदि।
• अण्डप्रजक इस प्रकार की प्रजनन क्रिया में बच्चे अण्डों से उत्पन्न होते
है; जैसे-पक्षी, मेढक, बत्तख, मछली आदि।
चमगादड़, व्हेल मछली और सील मछली आदि बच्चों को जन्म देती है, जो
अपने बच्चों को दूध भी पिलाती है।
प्रजनन द्वारा विभिन्न जन्तु भिन्न-भिन्न प्रकार के बच्चों को जन्म देते है इनको
विभिन्न नामो से जाना जाता है, जिसका विवरण निम्नलिखित है
जीव बच्चे जीव बच्चे
भालू शावक पक्षी चूजा
तितली कैटरपिलर ऊँट बछड़ा/बछिया
कौआ चूजा हाथी बछड़ा/बछिया
मेंढ़क टेडपोल जिराफ बछड़ा/बछिया
बाज इयास घोड़ा बछड़ा/बछिया
कँगारू जोयी बन्दर शिशु
कपि बच्चा चमगादड़ पिल्ला/पिल्ली
पेंग्विन चूजा कुत्ता पिल्ला/पिल्ली
खरगोश बन्नी शार्क पिल्ला/पिल्ली
भेड़ मेमना शेर शावक
याक बछड़ा बछिया जेबरा बछड़ा /बछिया
2.2.7 जन्तुओं की इन्द्रियाँ एवं उद्दीपन
सभी जन्तुओं में 5 इन्द्रियाँ होती है; जैसे-आँख, कान, नाक, जीभ व त्वचा।
सभी जीव-जन्तु अपनी इंद्रियों की सहायता से विभिन्न कार्यों को संचालित
करते हैं, जिसके विवरण निम्नलिखित है
• कुछ विशेष पक्षी, जैसे-बाज, गिद्ध और चील आदि की दृष्टि मनुष्य से
चार गुना ज्यादा होती है ताकि वह अपने शिकार को दूर से पहचान
लेते हैं।
• चीटियाँ अपने समूह की चीटियों को उनके द्वारा छोड़ी गई गन्ध से पहचान
लेती है।
• कुछ कीड़े-मकोड़े अपनी मादा कीड़े को उनकी गन्ध से पहचान लेते हैं
उदाहरणस्वरूप रेशम का कीड़ा।
• मच्छर मनुष्य के शरीर की गन्ध एवं तलवे की गर्मी से अंधेरे में भी ढूंढ
लेते हैं।
• साँप सुनता नहीं है अपितु जमीन के कम्पन से वस्तुओं को महसूस करता है।
• पक्षी एक ही समय में दो भिन्न-भिन्न दिशाओं अथवा वस्तुओं को देख
सकता है, क्योकि इनके सिर के दोनों ओर अर्थात् दाई एवं बाई ओर दो,
आँखें होती है।
• हाथी अपने कान से सुनने के साथ-साथ हवा भी करता है। यह हाथी का ताप
नियंत्रित अंग भी माना जाता है।
• कुत्ता, बाघ और शेर आदि अपने मल-मूत्र की गन्ध से अपने विशेष क्षेत्र की
पहचान करते हैं।
• मेढ़क, छिपकली जैसे जीव अपने शिकार को पकड़ने के लिए अपनी जीभ
का प्रयोग करते हैं।
• रात में जागने वाले जन्तु एवं पक्षी केवल सफेद और काले रंग को ही देख
पाते हैं। उदाहरण स्वरूप- उल्लू व रैकून आदि।
2.2.8 कुछ जन्तु एवं उनके विशेष लक्षण
हमारे वातावरण में असंख्य जीव-जन्तु पाए जाते हैं। इनमें से कुछ जीवों में
लक्षण गुण पाए जाते हैं, जो किसी अन्य जीवों में नहीं मिलते हैं इस प्रकार
के कुछ जन्तु एवं उनके लक्षणों का विवरण निम्नलिखित है
स्थलीय जन्तु विशेष लक्षण
हाथी सबसे बूढी हथिनी हाथियों के बीच की नेता होती है। यह 100kg
से अधिक पत्ते व झाड़ियों को खा सकते हैं। यह अपने शरीर को
ठण्डा रखने की अनुकूलन क्षमता रखते हैं। यह कम सोते हैं तथा
कम आराम करते हैं।
बाघ इसके देखने की शक्ति अत्यधिक होती है, यह मनुष्य की अपेक्षा
दोगुना अधिक दूर तक रात में भी देख सकता है। ध्वनि को सुनने
के लिए अपने कान को कई दिशाओं में घुमा सकता है।
गैंडा यह स्थल पर पाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा जन्तु है। यह
शाकाहारी होता है जिसका वजन 1000kg तक होता है। इसकी
चमड़ी 1.5 सेमी तक मोटी होती है। इसका एक ही सींग नाक के
ऊपर होता है।
जिराफ यह पृथ्वी का सबसे ऊँचा जन्तु है, जिसकी लम्बाई 5 मीटर तक
होती है। इसकी उम्र 25 वर्ष है। यह बहुत कम (2 घण्टे) सोता है।
चिम्पैंजी यह सबसे होशियार जानवर है। यह समूह में रहते हैं, जिसमें 3 से
लेकर 80 तक सदस्य होते हैं।
स्लॉथ यह भालू जैसा जीव होता है यह रात्रिचर जन्तु है, जो दिन में
लगभग 17 घण्टे सोता है।
जलीय जन्तु विशेष लक्षण
डॉल्फिन यह पानी के अन्दर एक-दूसरे से सम्पर्क व संचार करने के लिए
विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालती है। ऊँधी डॉल्फिन (सूस)
भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव है।
व्हेल ब्लू व्हेल पृथ्वी की सबसे बड़ी जीव है। यह स्तनधारी जीव की श्रेणी
में आता है जो बच्चे को जन्म देती है। इसकी आयु 90 साल होती
है।
गिलहरी यह अपने दाँत को हमेशा घिसने का कार्य करती है, क्योंकि इसके
दाँत लगातार बढ़ते रहते हैं।
साँप इसके कान नहीं होते हैं। ये रेंगकर चलते है। ये किसान के मित्र
होते हैं। अजगर सबसे लम्बा साप है, करेत, कोबरा, दुबाई,
अफाईका जहरीले सांप होते है।
केंचुआ यह रेंगकर चलता है, मिट्टी खाकर उसे उपजाऊ बनाता है,
इसकी लम्बाई 14 इंच तक होती है। इसकी आयु 8 साल होती है।
2.2.9. पक्षी एवं उनके कुछ विशेष लक्षण
पक्षी ऊँचे आकाश में स्वतन्त्र रूप से उड़ सकते हैं। इनकी हड्डियाँ
खोखली होती है और शरीर का आकार नाव के जैसा होता है तथा इनको
उड़ने में सहायता देने के लिए पंख होते हैं। इस प्रकार से कुछ लक्षण
और उनसे सम्बन्धित पक्षियों के नाम निम्नलिखित हैं
लक्षण सम्बन्धित पक्षी
मजबूत दृष्टि वाले चील, बाघ, गिद्ध
गर्दन घुमाने वाले उल्लू, मिनाह (Mynah)
घोंसला (सामान्य) बुलबुल (घास एवं झाड़ियों से)
(मुलायम) घोंसला रोबिन (घास, मुलायम पंख, जड़, ऊन एवं कपास)
घोंसला (मुलायम और कौआ (ताड़ एवं लकड़ी) यह अपना घोंसला ऊँचाई
कठोर) पर बनाता है।
कोयल (यह अपना अण्डा कौए के घोंसले में
देती है।)
सोन चिड़ियाँ (इनका घोंसला लटका हुआ होता है।)
दर्जी चिड़ियाँ (घोंसलों को सिलती है।)
कठफोड़वा (यह अपनी चोंच से लकड़ी को खोदकर
घोंसला बनाता है।)
सहजीवी सम्बन्ध भैंस एवं बगुला (प्रायः बगुला मैंस की पीठ पर बैठा
रहता है। ये इसलिए भी क्योंकि यह भैंस के
परजीवी कीट को खा सके।)
सर्वाहारी पक्षी मोर (भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।)
न उड़ने वाला पक्षी पेंग्विन, यह पानी में तैरता है, अण्डे देता है। बर्फीले
इलाके में पेंग्विन झुण्ड में रहते हैं।
2.2.10 जन्तुओं से लाभ
जन्तु पर्यावरण के मुख्य घटक होते हैं जिनकी पर्यावरणीय क्रियाकलाप में
प्रत्यक्ष भूमिका होती है। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो कई जन्तु हमारे
लिए उपयोगी एवं लाभदायक भी होते हैं। कुछ उपयोगी जन्तुओं का
विवरण आगे दिया गया है।
जन्तु का नाम लाम/उपयोगिता
मधुमक्खी शहद एवं मोम
रेशम का कीट रेशम
लाख का कीट लाख
गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी, बत्तख, मछली दूध, मांस, अण्डा
भेड़, बकरी, ऊँट, खरगोश ऊन
गाय, बैल, मैंस, हिरन, भेड़ चमड़ा
खच्चर, घोड़े, बैल, ऊँट यातायात एवं भार ढोने
चील, कौआ, गिद्ध, कुत्ता, लोमड़ी, भेडिया, सफाई करने वाले
गुबरैले
मछली, सुअर, शार्क दवा प्रदान करती है।
गाय, मैंस, घोड़ा पालतू
किसान मित्र केंदुआ
मुर्गे की लड़ाई, भालू व बन्दर नाथ मनोरंजन
पशुपालन वह क्रिया है, जिसके अंतर्गत मानव अपनी आवश्यकताओं
की पूर्ति करने हेतु पालतू व घरेलू जीव-जन्तुओं को पालता है, इसमें
मनुष्य उनकी विभिन्न प्रकार से सहायता करता है जिससे वह विभिन्न
उपयोगी वस्तु अथवा उत्पाद मनुष्य को प्रदान कर सके। इन उत्पादों में
दूध, मक्खन, मांस, ऊन इत्यादि होते हैं। आजकल बड़े पैमाने पर
मत्स्य पालन भी किया जाता है।
2.2.12 मधुमक्खी पालन
इससे शहद एवं मोम जैसे पदार्थ प्राप्त होते हैं। मधुमक्खी पालन
(Apiculture) का कार्य मुख्यरूप से, हिमालयी पर्वतीय एवं पश्चिमी
घाट के क्षेत्रों में प्रमुखता से किया जाता है। इसके पालन का सबसे
उपयुक्त समय नवम्बर से फरवरी तक होता है। इस समय मधुमक्खी
के लिए उपयुक्त तापमान मौजूद रहता है और इसी मौसम में रानी
मक्खी सर्वाधिक अण्डे देती है। मधुमक्खी पालन का कार्य भारत में
पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व बिहार
के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।
2.2.13 बच्चों के लिए जन्तुओं का महत्त्व
बच्चों के जीवन में जन्तुओं का विशेष महत्त्व होता है। बच्चे का जन्तुओं से
परिचय अपने प्रारम्भिक खेल-कूद के दौरान ही होता है। इस समय बच्चे जिन
जन्तुओं से परिचित होते हैं उनमें कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, कबूतर, गाय, भैंस,
बत्तख, हंस आदि प्रमुख हैं।
• जन्तुओं से बच्चे अपने वातावरण के विषय में व्यापक जानकारी प्राप्त करते हैं।
इससे बच्चे पर्यावरणीय जन्तुओं के विषय से भी अवगत होते हैं।
• बच्चे जन्तुओं की देख-रेख कर कई प्रकार की क्रियाओं एवं गुणों की जानकारी
प्राप्त करते हैं।
• जब बच्चे प्रारंभिक अवस्था से ही पालतू जीवों की देखभाल के प्रति संवेदनशील
होते हैं तो इससे बच्चों की मानसिक अवस्थिति सकारात्मकता को दर्शाती है।
जंतुओं से लगाव होने के कारण बच्चों में अहिंसा के गुण विकसित होने लगते
हैं।
• बच्चों द्वारा पालतू जानवरों की देख-रेख की जिम्मेदारी सम्भाली जाती है जिससे
वह बचपन से ही अधिक सहयोगात्मक हो जाते हैं।
बच्चों के सामाजिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में भी पौधों और पशुओं का अपना
विशेष महत्त्व होता है।
अभ्यास प्रश्न
1. सजीवों को 5 जगतों में किसने विभाजित
किया था?
(1) राबर्ट हुक
(2) कैरोलस लीनियस
(3) आर.एच. व्हिटेकर
(4) चार्ल्स डार्विन
2. निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही
है/हैं?
A. जड़ द्वारा जल का अवशोषण किया
जाता है।
B. पौधों द्वारा वाष्पोत्सर्जन में जलवाष्प
पत्तियों द्वारा निकलता है।
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही
है/हैं?
A. नीपेन्थिस, भारत में पाया जाने वाला
पौधा है।
B. रेगिस्तानी ओक से स्थानीय लोग पतले
पाइप डालकर पानी निकालते हैं।
C. जड़ में भोजन भण्डारण का कार्य होता
है।
(1) A और B
(2) B और C
(3) A,B और C
(4) A और C
4. रेगिस्तानी ओक के विषय में कौन-सा/से
कथन सत्य नहीं है/हैं?
(1) ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला वृक्ष है
(2) इसकी जड़ें कम गहरी होती हैं
(3) इसके तनों से पानी निकाला जाता है
(4) इसकी टहनियों से जड़ें निकली होती हैं
5. खेजड़ी एक छायादार वृक्ष है, जिसकी छाया
में बच्चे खेलना पसन्द करते हैं। किस प्रदेश
में पाया जाता है?
(1) मैदानी
(2) मरुस्थलीय
(3) पर्वतीय
(4) इनमें से कहीं नहीं
6. यह पौधे का वह भाग है, जो भूमि के ऊपर
रहता है। इसका रंग भूरा व हरा दोनों होते
हैं। यह अवशोषित जल को पेड़ के अन्य
भागों में भी पहुँचाता है। उपरोक्त कथन
पौधे के किस भाग के विषय में बताता है
(1) जड़
(2) तना
(3) पत्ती
(4) फूल
7. वाष्पोत्सर्जन क्या होता है?
(1) पत्तियों के द्वारा जल का वाष्प के रूप में
निकलना
(2) जड़ के द्वारा जल का अवशोषण करना
(3) जाइलम द्वारा जल का संवहन करना
(4) फ्लोएम द्वारा भोजन का संवहन करना
8. निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है?
(1) जिन पौधों में मूसला जड़ होती है उनकी पत्तियों
में जालिका शिरा विन्यास पाया जाता है
(2) जिन पौधों में मूसला जड़ होती है उनकी पत्तियों
में समानान्तर शिरा विन्यास पाया जाता है
(3) जिन पौधों में झकड़ा जड़ होती है उनकी
पत्तियों में जालिका शिरा विन्यास पाया है
(4) उपरोक्त सभी
9. नागफनी (Cactus) में प्रकाश संश्लेषण
होता है।
(1) तने में
(3) दोनों में
(2) पत्तियों में
(4) काँटों में
10. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित नहीं
है।
पौधे भाग कार्य
जड़ जल व खनिज का तनों में
स्थानान्तरण
तना जल व खनिज को पत्ती में
पहुँचाना
फूल प्रकाश संश्लेषण की क्रिया
पत्ती वाष्पोत्सर्जन की क्रिया
11. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
A फल (i) सरसों
B सब्जियाँ (ii) काजू
C अनाज (iii) चना
D मसाला (iv) लौंग
A BCD ABCD
(1) iv iii ii i (2) ii i iii iv
(3) i ii iii iv (4) i ii iv iii
12. निम्नलिखित में से एक वृक्ष नहीं है?
(1) पीपल
(2) सुन्दरी
(3) कीकर
(4) केला
13. प्रक्रिया जिसके द्वारा पौधे प्रजनन करते हैं,
कहलाती है
(1) प्रकाश संश्लेषण
(2) वाष्पीकरण
(3) संघनन
(4) परागण
14. निम्न में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?
शाक मेथी
झाड़ी गुलाब
वृक्ष कीकर
लता धनियाँ
15. पौधों में गैसों का आदान-प्रदान कैसे होता
है?
(1) जड़ों के द्वारा
(2) तने के द्वारा
(3) फूलों के द्वारा
(4) पत्तियों के द्वारा
16. प्रकाश संश्लेषण क्रिया में पादपों के द्वारा
वातावरण से कौन-सी गैस अवशोषित की
जाती है?
(1) ऑक्सीजन
(2) नाइट्रोजन
(3) कार्बन डाइऑक्साइड
(4) जलवाय
17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. लौंग व केसर फूल से प्राप्त होते हैं।
B. केला, कद्दू व तौरई जैसे कुछ फूलों
को खाया जाता है।
C. फूलों की घाटी उत्तराखण्ड में
अवस्थित है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) A और
(3) Bऔर C
(4) A,Bऔर C
18. कीट भक्षी पादप जिस मृदा पर उगते हैं,
उसमें कौन-सा तत्त्व नहीं होता?
(1) नाइट्रोजन
(2) कार्बन
(3) सल्फर
(4) पोटैशियम
19. “इसका निर्माण अण्डाशय में होता है।
इसके अन्दर बीज पाए जाते हैं। यह परागण
की क्रिया के परिणामस्वरूप बनता है।
उपरोक्त कथन निम्न में से किससे
सम्बन्धित है?
(1) फल
(2) फूल
(3) बीज
(4) बीजाण्ड
20. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?
A. आरोही लता किसी ढाँचे के सहारे खड़ी
होती है।
B. यह वृक्ष के चारों ओर लिपटती है।
C. अमरबेल, मनीप्लान्ट, मटर आदि इसके
उदाहरण हैं।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A,B और C
21. क्रोटन के विषय में निम्नलिखित कथनों में
से कौन-सा सही है।
A. यह फसलों के साथ बोया जाता है।
B. इसकी जड़ें अधिक गहरी नहीं होती है।
C. यह फसल की सिंचाई की आवश्यकता
को बताता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
22. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित है।
(1) मोनेरा – विषाणुओं का अध्ययन
(2) मोटिस्टा – जीवाणुओं का अध्ययन
(3) फ्लोरा – जन्तु जगत् का अध्ययन
(4) फोना- कवक का अध्ययन
23. संश्लेषण के विषय में कौन-सा कथन सही
A. प्रकाश संश्लेषण सूर्य की रोशनी में होता
B. प्रकाश संश्लेषण लाल रंग के प्रकाश में
सर्वाधिक होता है।
C. कैक्टस में प्रकाश संश्लेषण उसके तनों
में होता है।
D. इसके दौरान ऑक्सीजन गैस बाहर
निकलती है।
(1) A, B और D
(2) B,C और D
(3) A,B और C
(4) A,B,C और D
24. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में हरे पौधों द्वारा
बाहर निकलने वाली गैस है
(1) कार्बन डाइऑक्साइड
(2) नाइट्रोजन
(3) ऑक्सीजन
(4) उपरोक्त में से कहीं नहीं
25. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?
(1) जलोद्भिद् – कमल
(2) लवणोनिद्-बरगद
(3) समोमिद् – मक्का
(4) मरुद्भिद् – कैक्टस
26. विसर्जी लता से सम्बन्धित है
(1) खीरा
(2) खरबूजा
(3) पुदीना
(4) ये सभी
27. बीजाण्ड पाया जाता है
(1) फल में
(2) फूल में
(3) पत्ती में
(4) तने में
28. निम्नलिखित में से कौन-सा पौधा यह बताने
में समर्थ होता है कि फसल को कब पानी
की आवश्यकता है?
(1) समोभिद
(2) क्रोटन
(3) जलोभिद
(4) इनमें से कहीं नहीं
29. चमेली का तेल उसके …………से निकाला
जाता है।
(1) फल
(2) फूल
(3) बीज
(4) इनमें से कोई नहीं
30. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पौधे वातावरण में ऑक्सीजन गैस की
मात्रा को बढ़ाते है।
B. मारफीन औषधि अफीम से मिलती है।
C. पौधे मृदा क्षरण के लिए उत्तरदायी है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A,B और C
31. निम्नलिखित में से कौन-सा उदाहरण
उद्दीपन अनुक्रिया प्रक्रिया को दर्शाता है?
(1) कॉकरोच का रोशनी देख कर छिप जाना
(2) सूरज छिपने के पश्चात् फूलों का बन्द होना
(3) मन पसन्द व्यंजन देख कर मुँह में पानी आना
(4) उपरोक्त सभी
32. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
A. कोयल, कौए के घोंसले का उपयोग
करती है।
B. कौआ अपना घोसला ऊंचाई पर
बनाता है।
C. पशुओं की त्वचा पर धारीदार चिन्ह
होते हैं।
(1) A और B
(2) B और C
(3) A,B और C
(4) इनमें से कहीं नहीं
33. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित है?
(1) कशेरुकी जन्तु – केकड़ा
(2) परपोषी – युग्लीना
(3) एककोशिकीय – अमीबा
(4) अकशेरुकीय जन्तु – कुत्ता
34. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पौधे साँस लेने के दौरान ऑक्सीजन
गैस लेते हैं।
B. साँप फेंफड़ों से साँस लेता है।
C. व्हेल स्वच्छ वायु में सांस लेने के लिए
समुद्र से बाहर आती है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A,B और C
35. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
A. केचुआ पेशियों एवं शूक की सहायता से
रेंगता है।
B. मनुष्य के सिर में अचल सन्धि पाई
जाती है।
C. मेढ़क तैरता भी है और फुदकता भी है।
D. पौधों में प्रकाश संश्लेषण चौबीस घण्टे
होता है।
(1) A,B,C और D
(2) AB और
(3) A और B
(4) A और D
36. निम्नलिखित में किन जानवरों के बीच
सहजीवी सम्बन्ध होता है?
(1) मैंस व बगुला
(2) गाय व मैंस
(3) गाय व बैल
(4) ये सभी
37. पक्षी एक ही समय में दो भिन्न-भिन्न
वस्तओं को देख लेते हैं, क्योकि
(1) वे अपनी गर्दन को घुमाते रहते हैं
(2) इनके सिर के दोनों ओर आँखें होती है
(3) इनकी आँखों की पुतली पूम नहीं सकती
(4) उपरोक्त सभी
38. उल्लू और रैकून सिर्फ काला और सफेद
रंग ही देख पाते है, क्योंकि ये हैं
(1) नभचर
(2) रात्रिचर
(3) उभयचर
(4) इनमें से कोई नहीं
39. बाज, गित और चील, जैसे-पक्षी अपने
शिकार को दूर से ही देख लेते हैं, क्योंकि
(1) वे आसमान में ऊपर उड़ते हैं
(2) वे बहुत तेज उड़ते है
(3) उनकी दृष्टि मनुष्य से चार गुना तेज होती है
(4) उपरोक्त में से कहीं नहीं
40. फाख्ता के विषय में कौन-सा कथन सही
है?
A. यह निम्न ऊंचाई वाले वृक्षों पर घोसला
बनाता है।
B. यह कैक्टस के पौधों के कांटो के बीच
अपना घोसला बनाता है।
(1) केवल
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) उपरोक्त में से कहीं नहीं
41. निम्नलिखित में से कौन-सी समानता शेर
और बाघ में पाई जाती है?
(1) दोनों की दृष्टि मनुष्य से छह गुना ज्यादा
होती है
(2) दोनों अंधेरे में अपनी मूंगे की सहायता से
शिकार का पता लगा लेते है
(3) दोनों की दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देती है
(4) उपरोक्त सभी
42. गैंडे की चमड़ी (त्वचा) कितनी मोटी होती
है?
(1) 1.5 सेमी
(2)1 सेमी
(3) 2 सेमी
(4) 5 सेमी
43. मनुष्य, शेर, मेंढ़क, हंस, केंचुआ, कॉकरोच
उपरोक्त जन्तुओं में से कौन-सा जन्तु
चलता है?
(1) मनुष्य और शेर
(2) मनुष्य, शेर और कॉकरोच
(3) शेर, मेंढ़क, केंचुआ
(4) मनुष्य, शेर, मेदक
44. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
a शाकाहारी (i) जन्तु व पौधों दोनों को खाते
हैं
b मांसाहारी (ii) पौधों को खाते है
c सर्वाहारी (iii) जन्तु को खाते हैं
a b c
(1) i ii iii
(2) iii i ii
(3) iii ii i
(4) i iii ii
45. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राणी निगलने
का कार्य करता है?
(1) अमीबा
(2) पैरामीशियम
(3)1 और 2
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
46. निम्नलिखित में से कौन-सा छायांकित भाग
यह दर्शाता है कि जिराफ कम सोता है और
स्लॉथ अधिक सोता है। इसमें छायांकित
भाग जिराफ के सोने तथा खाली भाग स्लॉथ
के सोने की अवधि बताता है।
ph
47. निम्नलिखित कथनों में से कौन सही है?
A. स्पंज एक बहुकोशिकीय जन्तु है।
B. परपोषी अपने पोषण के लिए दूसरों पर
निर्भर रहते हैं।
C. केकड़ा कशेरुकी जन्तु है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) Bऔर C
(4) A,B और C
48. तितली के बच्चे को क्या कहा जाता है?
(1) टेडपोल
(2) कैटरपिलर
(3) जोभी
(4) शिशु
49. हमें ऊन प्राप्त होता है
(1) भेड़
(2) बकरी
(3) खरगोश
(4) उपरोक्त सभी
विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
50. भैस की पीठ पर प्रायः बगुला (इलेट) पक्षी
बैठा दिखाई देता है। ऐसा इसलिए होता है
क्योंकि बगुला [CTET June 2011]
(1) मैंस की पीठ पर परजीवी कीट खाता है
(2) घास में पाए जाने वाले कीट खाता है
(3) मैंस की पीठ पर बैठकर गाना पसन्द करता है
(4) उड़ने के बाद थोड़ा आराम करता है
51. निम्नलिखित में से जीवन प्रक्रियाओं का
कौन-सा युग्म पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं
दोनों में मिलता है? [CTET Jan 2012]
(1) वृद्धि और भोजन बनाना
(2) प्रजनन और भोजन बनाना
(3) प्रजनन और अंकुरण
(4) वृद्धि और प्रजनन
52. नीपेन्थिस एक ऐसा पौधा है जो मेढकों,
कीड़े-मकोड़ो और चूहों जैसे छोटे जीवों
को अपने अन्दर फॉस कर खा जाता है
हमारे देश में यह पौधा पाया जाता है
[CTET Nov 2012]
(1) असोम में
(2) ओडिशा में
(3) अरुणाचल प्रदेश में
(4) मेघालय में
53. नीचे दिए गए वेन आरेख का अध्ययन
कीजिए। [CTET Jan 2012]
ph
निम्नलिखित में से कौन-से जीव-जन्तु X में
रखे जा सकते है?
(1) मगरमच्छ
(2) ईल (सर्पमीन)
(3) शार्क
(4) मछली
54. साँपो के सन्दर्भ में सही कथन चुनिए।
[CTET Nov 2012]
A. हमारे देश में केवल चार प्रकार के
जहरीले साँप पाए जाते हैं।
B. नाग (कोबरा) जहरीले साँपों का एक
प्रकार है।
C. जहरीले साँप के चार खोखले दाँत होते
हैं। जब साँप किसी व्यक्ति को काटता
है तो जहर इन खोखले दाँतों से उसके
शरीर में चला जाता है।
D. साँप के काटने की दवाई साँप के जहर
से ही बनाई जाती है।
(1) C, D व A
(2) B, A व C
(3) A, B व D
(4) B, C व D
55. बिहार के गाँवों में बहुत से किसान
अतिरिक्त धन कमाने के लिए मधुमक्खी
पालन करके शहद एकत्रित करने का कार्य
करते हैं। मधुमक्खी पालन करने का सबसे
अच्छा समय है [CTET Nov 2012]
(1) जुलाई से सितम्बर
(2) अक्टूबर से दिसम्बर
(3) जनवरी से मार्थ
(4) अप्रैल से जून
56. रात में जागने वाले जानवर सभी वस्तुओं
को [CTET July 2013]
(1) केवल लाल रंग में देख सकते है
(2) सभी रंगों में देख सकते है
(3) काले और सफेद रंग में ही देख सकते है
(4) हरे रंग में देख सकते है
57. हाथियों के झुण्ड के विषय में सही कथनों
को चुनिए। [CTET July 2013]
A. हाथियों के झुण्ड में केवल हथिनियाँ
और 14-15 वर्ष के बच्चे हो रहते हैं।
B. हाथियों के एक झुण्ड में किसी एक ही
परिवार के सदस्य होते हैं।
C. झुण्ड की सबसे बुजुर्ग हथिनी ही पूरे
झुण्ड की नेता होती है।
D. एक झुण्ड में हथिनियों और बच्चों को
संख्या कितनी भी हो सकती है।
(1) C तथा D
(2) Aतथा B
(3) Aतथा C
(4) B तथा D
58. पक्षी अपनी गर्दन बहुत अधिक हिलाते हैं।
इसका कारण है कि [CTETJuly 2013]
(1) उनके कान पक्षों से उके होते है
(2) वह उड़ सकते है
(3) उनकी आँखों की पुतली पूम नहीं सकती
(4) उनकी आँख छोटी होती है
59. पंखुड़ियों के अन्दर, फूल के बीच में कुछ
पतली पाउडर जैसी रचनाएँ दिखाई देती हैं,
जिन्हें कहते है [CTET July 2013]
(1) वर्तिकाग्र
(2) परागकोष
(3) पराग
(4) मूलांकुर
60. निम्नलिखित में से सही कथन चुनिए।
[CTET Feb 2014]
A. जिन जानवरों के बाहरी कान व शरीर
पर बाल होते हैं, वे बच्चे देते हैं।
B.जिन जानवरों के बाहरी कान व शरीर
पर बाल नहीं होते वे अण्डे देते हैं।
C.जिन जानवरों के बाहरी कान व शरीर
पर बाल नहीं होते, वे बच्चे देते हैं।
D. जिन जानवरों के बाहरी कान व शरीर
पर बाल होते हैं, वे अण्डे देते हैं।
(1)A और C
(2) B और C
(3) B और C
(4) A और B
61. नीचे चित्र I में 24 घण्टे की घड़ी दिखाई गई
है तथा चित्र II व चित्र III में दो जानवरों X
और Y के सोने के समय छायांकित भाग से
दिखाए गए है। X तथा Y के सोने के समय
के विषय में सही कथन चुनिए।
[CTET Feb 2014]
ph
(1) X बीस घण्टे सोता है, जबकिन अठारह घण्टे
सोता है
(2) X अठारह घण्टे सोता है, जबकि चार घण्टे
सोता है
(3) X चार घण्टे सोता है, जबकि Y अठारह घण्टे
सोता है
(4) X धार घण्टे सोता है, जबकि बीस घण्टे
सोता है
62. मधुमक्खी पालन के विषय में सही कथन
चुनिए। [CTET Feb 2014]
A. मधुमक्खी पालन शुरू करने का सबसे
अच्छा समय जनवरी से मार्च तक है।
B. लीची के फूल मधुमक्खियों को लुभाते
है।
C. मधुमक्खी पालने और उनके द्वारा
उत्पादित शहद का भण्डारण करने के
लिए बक्सों की आवश्यकता होती है।
D. मधुमक्खियों के लिए मीठा घोल बनाने
के लिए चीनी खरीदी जाती है।
(1) B और C
(2) A और D
(3) B,Cऔर D
(4) A और B
63.रगिस्तानी ओक’ के विषय में सही कथन
चुनिए। [CTET Feb 2014]
A. यह पेड़ ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
B. यह एक विशेष प्रकार का पेड़ है,
जिसकी जड़े टहनियों से लटकती है।
C. इस पेड़ की जड़े जमीन में उस गहराई
तक जाती है, जब तक कि पानी तक न
पहुँच जाए।
D. इन पेड़ों के तनों में पानी जमा होता
रहता है और स्थानीय लोग पतले पाइप
का उपयोग करके इस पानी को पीते हैं।
(1) A,Bऔर D
(2) AC और D
(3) B,Cऔर D
(4) A,Bऔर C
64. निम्नलिखित में से सही कथन चुनिए।
[CTET Feb 2014]
A. हाथी गेंदले पानी में खेलना पसन्द करते
हैं, क्योकि इससे इनके शरीर को
ठण्डक मिलती है।
B. अधिकांश हाथी दिन में लगभग 10 घण्टे
आराम करना और सोना पसन्द करते
हैं।
C.तीन महीने के हाथी के बच्चे का वजन
लगभग 200 किग्रा होता है।
D. अधिकांश बड़े हाथी एक दिन में
लगभग 100 किग्रा पत्ते/झाड़ियाँ खा लेते
हैं।
(1) Bऔर D
(2) A और D
(3) ABऔर D
(4) A और B
65. हाथियों के विषय में नीचे दिया गया
कौन-सा कथन सही है?
[CTET Sept 2014]
(1) हाथी अपना अत्यधिक भार होने के कारण
बहुत आराम करना पसन्द करते हैं
(2) तीन महीने के हाथी के बच्चे का भार
सामान्यतः लगभग 2 कुन्तल होता है
(3) वयस्क हाथी एक दिन में 2 कुन्तल से भी
अधिक पत्ते और झाड़ियाँ खा सकता है
(4) हाथी दिन में 8 से 10 घण्टे सोते हैं
66. रेगिस्तानी ओक’ एक पेड़ का नाम है
जिसकी जड़ें उस गहराई तक जमीन में
भीतर जाती है जब तक कि पानी तक न
पहुँच जाएँ इस पेड़ की जड़ों की गहराई
इस पेड़ की ऊँचाई की लगभग 30 गुनी
होती है। यह पेड़ कहाँ पाया जाता है?
[CTET Sept 2014]
(1) राजस्थान
(2) आबूधाबी
(3) ऑस्ट्रेलिया
(4) रूस
67. निम्नलिखित पक्षियों में से कौन अधिकांशत:
अपनी गर्दन को पीछे तक घुमा सकता है?
[CTET Sept 2014]
(1) मैना
(2) उल्लू
(3) कौआ
(4) कोयल
68. ‘खेजड़ी वृक्ष’ के विषय में सही कथनों को
चुनिए। [CTET Sept 2014]
A.यह वृक्ष मुख्यतः रेगिस्तानी क्षेत्रो में पाया
जाता है।
B. इसे अधिक जल की आवश्यकता नहीं
होती।
C. यह छायादार वृक्ष है जिसकी छाया में
बच्चे खेलना पसन्द करते है।
D. यह अपने तने में जल एकत्र करता है
और लोग पतले पाइप से इस जल को
पीते हैं।
(1) A, Bऔर C
(2) B, Cऔर D
(3) A, Cऔर D
(4) A, Bऔर D
69. कुछ पक्षी हमारी तुलना में चार गुनी अधिक
दूरी तक देख सकते है, ये पक्षी है
[CTET Sept 2014]
(1) कौआ, चील, बुलबुल
(2) बाज, कबूतर, तोता
(3) पील, बाज, गिद्ध
(4) फाख्ता, कौआ, मोर
70. निम्नलिखित में से वह कौन-सा जानवर
(जन्तु) है जिसके अग्र दाँत हमेशा बढ़ते
रहते हैं? वे दाँतों को बहुत अधिक लम्बा न
होने देने के लिए वस्तुओं को काटते कुतरते
रहते है। [CTET Feb 2015]
(1) दीमक
(2) गिलहरी
(3) छिपकली
(4) चूहा
71. रेगिस्तानी ओक’ के विषय में निम्नलिखित
कथनों का अध्ययन कीजिए।
[CTET Feb 2015]
A. रेगिस्तानी ओक एक वृक्ष है जिसकी
ऊंचाई हमारी कक्षा के कमरे के लगभग
बराबर अर्थात् लगभग 4 मी होती है।
B. इस वृक्ष की जड़े नीचे वृक्ष की ऊँचाई
की लगभग 30 गुनी गहराई तक जमीन
में भीतर जाती है, जब तक कि पानी
तक न पहुंच जाएँ।
C. इस वृक्ष के तने में पानी एकत्रित
होता है।
D. यह वृक्ष अबू धाबी में पाया जाता है।
इनमें से सही कथन है।
(1) A, B और C
(2) B, C और D
(3) A और B
(4) A, B और C
72. इस पौधे में पत्तियां हैं, जिन्हें सब्जी की तरह
प्रयोग में लाया जाता है। इसके बीजों से तेल
प्राप्त किया जाता है, यह पौधा है
[CTET Feb 2013]
(1) पालक
(2) नारियल
(3) बन्दगोभी
(4) सरसों
73. नीचे दिए गए सभी जानवरों में निम्नलिखित
में से कौन-सी विशेषता पाई जाती है?
छिपकली, गौरेया, कछुआ, साँप
[CTET Feb 2015]
(1) ये अण्डे देते।
(2) ये जहरीले होते है
(3) ये भूमि एवं जल दोनों में रह सकते है
(4) इनके शरीर शल्क से उके होते
74. बच्चों के द्वारा सब्जी बाजार से इकट्ठी
की गई निम्नलिखित सामग्री में से उन्हें
पहचानिए जिनके भीतर बीज होते हैं
आलू, टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी,
करेला, प्याज, खीरा।
[CTET Sept 2015]
(1) टमाटर, नाशपाती और चीकू
(2) टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, खीरा
(3) टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, करेला,
खीरा
(4) नाशपाती और चीकू
75. निम्नलिखित में से कौन बीज नहीं है?
[CTET Sept 2015]
(1) गेहूँ
(2) काली मिर्च
(3) साबुदाना
(4) सौंफ
76. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता
बरगद के पेड़ की जड़ों की नहीं है?
[CTET Sept 2015]
(1) जड़ें शाखाओं से नीचे लटकती है
(2) इसमें जमीन के भीतर जड़ें होती हैं
(3) जड़ें भोजन का भण्डारण करती हैं
(4) जड़ें खम्भों की तरह पेड़ को सहायता
प्रदान करती हैं
77. बगुला, भैंस पर बैठता है, क्योंकि
[CTET Feb 2016]
(1) बगुला तथा भैंस में सहजीवी का सम्बन्ध है
(2) बगुला मनोरंजन के लिए मैंस पर बैठता है
(3) मैस, बगुले को एक स्थान से दूसरे स्थान
तक आने-जाने में मदद करती है
(4) बगुला मैंस को डराना चाहता है
78. निम्नलिखित में से जड़ का कौन-सा
कार्य पौधे के लिए नहीं है?
[CTET Feb 2016]
(1) भोजन भण्डारण/संचित करना
(2) ह्यूमस उपलब्ध कराना
(3) पौधे को सहारा देना
(4) जल तथा खनिजों का अवशोषण करना
79. निम्नलिखित में से कौन-सा कीट मधुमक्खियों
की भाँति कॉलोनी (बस्ती) में एकसाथ नहीं
रहता है? [CTET Feb 2016]
(1) ततैया/बर्र
(2) चींटी
(3) दीमक
(4) मकड़ी
80. निम्नलिखित में से किसकी सुनने की शक्ति
इतनी तीक्ष्ण होती है कि वह वायु से पत्तों के
हिलने की ध्वनि और घास पर किसी जानवर
के चलने की ध्वनि में अन्तर कर सकता है?
[CTET Feb 2016]
(1) बाघ
(2) गिद्ध
(3) रेशम का कीड़ा
(4) कुत्ता
81. नीचे पौधों के विषय में बच्चों के कुछ
सहजानुभूत विचार दिए गए हैं। इनमें से
कौन-सा विचार वैज्ञानिक दृष्टि से सही है?
[CTET Sept 2016]
(1) कुछ सब्जियाँ फल होती हैं
(2) बीज किसी पौधे का हिस्सा नहीं होते
(3) गाजर और बन्दगोभी पौधे नहीं हैं
(4) घास पौधा नहीं है
82. नीचे दिए गए जीवों के समूहों में से किनकी
दृष्टि श्रेष्ठ होती है तथा वे मनुष्यों की तुलना में
चार गुनी अधिक दूरी की वस्तुओं को देख
सकते हैं?
[CTET Sept 2016]
(1) बाघ, तेन्दुआ, साँड
(2) साँप, रेशम-कीट, छिपकली
(3) चील, गरुड़, गिद्ध
(4) मधुमक्खी, मच्छर, तितली
83. घटपर्णी पौधा (नीपेन्थिस) [CTET Sept 2016]
(1) का मुँह छोटी-छोटी कैंटियों से ढका होता है
(2) भारत में नहीं पाया जाता है
(3) मेंढकों, कीड़े-मकोड़ों और चूहों को चालाकी से
फँसाकर खा जाता है
(4) कीड़े-मकोड़ों को आकर्षित करने के लिए उच्च
तारत्व की ध्वनियों निकालता है
84. निम्नलिखित में से कौन-सा पक्षी कैक्टस पौधे
के काँटों के बीच अपना घोंसला बनाता है?
[CTET Sept 2016]
(1) शकरखोरा
(2) बया
(3) कलचिड़ी
(4) फाख्ता
85. किसी पशु के विषय में नीचे दिए गए
विवरण को पढ़िए और उस पशु को
पहचानिए “यह भालू जैसा दिखता है परन्तु
भालू नहीं है। यह दिन के लगभग 17 घण्टे
सोता है। यह जिस वृक्ष पर रहता है उसी
की पत्तियाँ खाता है। यह लगभग 40 वर्षों
तक जीवित रहता है।” [CTET Sept 2016]
(1) लंगूर
(2) चिम्पैन्जी
(3) पैन्डा
(4) स्लॉथ
86. पशुओं की त्वचा पर विविध धारीदार चिन्ह
[CTET Sept 2016]
(1) उस जलवायु के कारण होते हैं जिसमें ये
रहते हैं
(2) उनकी शारीरिक शक्ति को इंगित करते हैं
(3) परावर्तित प्रकाश के कारण होते हैं
(4) उनकी त्वचा पर बालों के कारण होते हैं
उत्तरमाला
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43. (2) 44. (2) 45. (3) 46. (1) 47. (1) 48. (2) 49. (4) 50. (1)
51. (4) 52. (4) 53. (4) 54. (3) 55. (2) 56. (3) 57. (3) 58. (3)
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83. (3) 84. (4) 85. (4) 86. (1)