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CTET Notes In Hindi | भोजन एवं पोषण

CTET Notes In Hindi | भोजन एवं पोषण

भोजन एवं पोषण
                                        Food and Nutrition
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण
करने से यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2011 में
4 प्रश्न, 2012 में 6 प्रश्न, 2013 में 2 प्रश्न, 2014 में
प्रश्न, 2015 में 5 प्रश्न एवं 2016 में 2 प्रश्न पूछे गए हैं।
CTET परीक्षा में पूछे गए ज्यादातर प्रश्न मुख्यतया खाद्य
पदार्थ एवं उनके अवयवों, भोजन का संरक्षण एवं विभिन्न
बीमारियों एवं अभाव जन्य रोगों आदि प्रकरण से
सम्बन्धित हैं।
3.1 भोजन
पृथ्वी के सभी सजीव प्राणियों को जीवित रहने के लिए ऊर्जा
LEnergy) की आवश्यकता होती है और उनको यह ऊर्जा भोजन से
प्राप्त होती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भोजन (Food)
वह खाद्य पदार्थ है, जो जीवों को ऊर्जा प्रदान करता है। पृथ्वी पर
भोजन निर्माण का प्राथमिक कार्य पौधों द्वारा किया जाता है जिस पर
सभी प्राणी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से निर्भर करते है।
फूड डिक्शनरी के अनुसार, “वह पौष्टिक पदार्थ, जो किसी जीव
के शरीर में गृहीत व शोषित होकर उसकी वृद्धि का कार्य,
टूट-फूट से मरम्मत और जीवित रहने की विभिन्न क्रियाओं को
संचालित करता है।” भोजन कहलाता है।
मनुष्य जो भोजन ग्रहण करते हैं, उनसे उन्हें विभिन्न शारीरिक क्रियाओं
के लिए कर्जा प्राप्त होती है। इन शारीरिक क्रियाओ में सांस लेना,
चलना, उठना, दौड़ना आदि सम्मिलित है।
3.1.1 खाद्य पदार्थ एवं उनके स्रोत
खाद्य पदार्थों को उनके स्रोतों के आधार पर दो भागों विभाजित किया जाता है।
मसाला
1.पादप उत्पाद
इस प्रकार के उत्पाद पेड़-पौधों एवं विभिन्न वनस्पतियों से प्राप्त होते हैं। इसके
कुछ उदाहरण निम्नलिखित है
ph
2. जन्तु उत्पाद
इस प्रकार के उत्पाद जन्तुओं से प्राप्त होते हैं। इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं
मांस भेड़, हिरन, मुर्गा, खरगोश, सुअर, मछली आदि।
अण्डे मुर्गी, बत्तख, शुतुरमुर्ग आदि।
दूध गाय, भैंस, बकरी।
                            कुछ प्रमुख खाद्य पदार्थ एवं उनके स्रोत
                             स्रोत                              खाद्य पदार्थ
                          मधुमक्खी                               शहद
                          पौधे/जन्तु                              तेल/घी
                          गन्ने (चुकन्दर) रस                      चीनी
                          पौधे की पत्तियाँ                          चाय
                          पौधे के बीज                          कॉफी/दाल
                          पौधे के तने/पत्ती                         साग
3.2 खाद्य पदार्थ एवं उनके अवयव
खाद्य पदार्थ से हमें वे सभी प्रकार के पदार्थ प्राप्त होते हैं, जो हमारे शरीर की वृद्धि
व विकास के लिए आवश्यक होते है। ये पदार्थ पोषक तत्त्वों की श्रेणी में आते हैं।
ये पोषक तत्त्व स्वस्थ रहने के लिए जरूरी होते है। अलग-अलग प्रकार के खाद्य
पदार्थों से हमें अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्त्व प्राप्त होते हैं।
पोषण
पोषण (Nutrition) शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का संगठन है, जिसके
द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण करता है जो शरीर के विभिन्न कार्यों को
नियन्त्रित करते हैं, वृद्धि करते हैं तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत करते है। इन्हें
पोषक (Nutrienta) तत्व कहा जाता है।
पदार्थ को शरीर की आवश्यकतानुसार 6 पोषक समूहों में वर्गीकृत किया जाता
है-कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण एवं जल इत्यादि।
• पोषक तत्त्व समूहों को सामान्यत: वृहत (Macro nutrients) पोषक तत्वों
एवं सूक्ष्म पोषक (Micro nutrients) तत्वों में विभाजित किया जाता है।
• वृहत पोषक तत्त्व आहार और ऊर्जा की आपूर्ति करने के साथ-साथ शरीर
के विकास एवं उसके विभिन्न क्रियाकलापों के लिए जरूरी पोषक तत्त्व
बनाते है। कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, सूक्ष्म खनिज तत्त्व और पानी वृहत
पोषक तत्वों के अन्तर्गत आते हैं।
• सूक्ष्म पोषक तत्त्वों में विटामिन (जल और वसा दोनों में घुलनशील) और
आवश्यक सूक्ष्म खनिज तत्वों को शामिल किया जाता है। इन पौष्टिक तत्वों
की पर्याप्त आपूर्ति अच्छे स्वास्थ्य, कार्यात्मक दक्षता एवं उत्पादकता के
लिए बुनियादी मूलभूत जरूरत है।
• भोजन के मुख्य अवयव है- कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण,
विटामिन, जल एवं रुक्षांश।
कार्बोहाइड्रेट
• हमारे शरीर को ऊर्जा मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट से मिलती है।
• इसके प्रमुख स्रोतों में गेहूँ, चावल, आलू, मक्का, केला, शकरकन्द, गन्ना,
ब्रेड, शक्कर आदि हैं।
प्रोटीन
• इसे शरीरवर्द्धक भोजन भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर की वृद्धि में
सहायक होते हैं।
• प्रोटीन शारीरिक कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में भी सहायक होते हैं। इसके
प्रमुख स्रोतों में, दूध, मीट, अण्डा, मछली, दालें, सोयाबीन, मटर, पनीर
आदि प्रमुख है। सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है।
                           कुछ आवश्यक प्रोटीन एवं उनके कार्य
शारीरिक प्रोटीन                           कार्य
एन्जाइम                 जैव उत्प्रेरक, जैव रासायनिक अभिक्रियाओं में सहायक
हॉर्मोन                    शरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियमन करते हैं।
परिवहन प्रोटीन        हीमोग्लोबिन, विभिन्न पदार्थों का परिवहन करता है।
संरचनात्मक प्रोटीन   कोशिका एवं ऊतकों के निर्माण में सहायक
रक्षात्मक प्रोटीन        संक्रमण से रक्षा करने में सहायक है।
संकुचन प्रोटीन          यह पेशी संकुचन एवं चलन हेतु उत्तरदायी है।
                             उदाहरण-मायोसिन, एक्टिन आदि।
विटामिन
• सभी जीवों को अल्पमात्रा में विटामिनों की आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते है। उन यौगिकों को विटामिन कहा जाता है
जोकि शरीर द्वारा स्वयं उत्पन्न नहीं किए जा सकते अपितु भोजन के रूप में इन्हें लेना आवश्यक होता है।
• मानव शरीर में केवल विटामिन-D का निर्माण सूर्य के प्रकाश द्वारा होता है। ये विभिन्न प्रकार के रोगों से हमारी रक्षा करता है। विभिन्न प्रकार के विटामिनो
का दी गयी तालिका द्वारा विस्तृत अध्ययन किया जा सकता है
ph
रुक्षांश
• यह कुछ भोज्य पदार्थों में पाया जाने वाला तन्तुमय पदार्थ (Fibrous
material) है। यह शरीर की वृद्धि में सहायक नहीं होते हैं- क्योंकि हम
इसका पाचन नहीं कर पाते हैं।
• कब्ज को रोकने हेतु अधिक मात्रा में भोजन में मिलाया जाता है।
• इसके मुख्य स्रोत हैं- सलाद, अनाजों की बाह्य परत, ताजे फल,
सब्जियाँ, साबुत अनाज एवं दलिया इत्यादि।
वसा
• यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। इसकी ऊर्जा देने की क्षमता
कार्बोहाइड्रेट से भी अधिक होती है।
• यह हमारे शरीर को आघातरोधी बनाता है, जो आवरण के रूप में होता है।
इसके मुख्य स्रोतों में दूध, पनीर, मक्खन, घी, अण्डा, मीट, मछली,
बादाम, अखरोट एवं मूंगफली आदि सम्मिलित हैं।
जल
• यह एक अकार्बनिक पदार्थ है और मानव शरीर का 60-75% भाग बनाता
है। यह पसीने एवं वाष्पन द्वारा शरीर का ताप नियन्त्रित करता है तथा
पाचन, परिवहन एवं उत्सर्जन में सहायक है।
• इसके मुख्य स्रोत उपापचयी जल, तरल भोजन और पीने का जल है। यह
अपने आयनों में विघटित होकर रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेता है।
• जल की कमी से निर्जलीकरण (Dehydration) हो जाता है। शरीर में जल
की कमी को निर्जलीकरण कहा जाता है।
खनिज लवण
विभिन्न प्रकार के खनिज लवण रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं तथा शरीर में ऊतकों के निर्माण में विशेष भूमिका निभाते हैं। लवणों के विवरण को हम
निम्न तालिका द्वारा समझ सकते है
ph
3.3 सन्तुलित आहार
ऐसा आहार, जिसमें सभी आवश्यक (Balanced Diet) पोषक तत्त्व
उचित अनुपात में सम्मिलित होते हैं, सन्तुलित आहार कहलाता है।
• पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन करने से हमारी सेहत अच्छी रहती
है। पौष्टिक और पर्याप्त भोजन वह होता है, जो शरीर की जरूरतों
के अनुसार सभी पौष्टिक तत्त्व उपलब्ध कराता है। सन्तुलित आहार
के जरिए अच्छा पोषण मिलता है जिससे आवश्यक पोषक तत्त्व
सही व सन्तुलित मात्रा में शरीर को मिलते है।
• उच्च स्तर के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए
सन्तुलित आहार आवश्यक है।
• सन्तुलित आहार प्रत्येक व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य और कार्य के
अनुसार ही निर्धारित होता है।
• मिड-डे-मिल योजना वर्ष 2004 में पूरे भारत के सभी सरकारी
विद्यालयों में प्रारम्भ की गई। इस योजना के तहत सभी सरकारी
विद्यालयों में उच्च प्राइमरी स्तर तक पढ़ने वाले सभी बच्चों को
दोपहर के समय मुफ्त में सन्तुलित आहार दिया जाता है, क्योंकि
भारत में करोड़ों गरीब बच्चे सन्तुलित आहार से वंचित रह
जाते हैं।
                   प्रतिदिन औसत कैलोरी की आवश्यकता
              आयु वर्ग               कैलोरी प्रतिदिन
             10-12 वर्ष             2000
             12-14 वर्ष             2200
             14-16 वर्ष             2600
             15-18 वर्ष             3000
             वयस्क                   2500 से 4000
             66-75 वर्ष             2300
भोजन पकाने की अलग-अलग विधियाँ
भोजन पकाने व बनाने की कई विधियाँ प्रचलित हैं। भोजन पकाने की
विधियाँ खाद्य पदार्थ की प्रकृति पर भी निर्भर करती हैं। अलग-अलग
खाद्य पदार्थ अलग-अलग तरीके से पकाये जाते हैं जिनमें कुछ का
विवरण निम्नलिखित है
भोजन पकाने के तरीके                  खाद्य पदार्थ
उबालकर                           चावल, दाल, आलू, मक्का, अण्डा, शकरकन्द आदि।
कच्चा                                टमाटर, मूली, गाजर, खीरा
भूनकर                              आलू, चना, मूंगफली, भिण्डी, मक्का, शकरकन्द आदि।
तलकर                              आलू, मीट, मिर्च, पापड़
सेंककर                             रोटी, पापड़, ब्रेड, पिज्जा
3.4 पाचन तन्त्र
पाचन का प्रयोजन आहार के गूढ अवयवों प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा,
विटामिन, खनिज-लवण व जल इत्यादि को साधारण घटकों में
विभाजित कर देना है। पाचन प्रक्रिया (Digestive System) में कई
क्रियाएँ सम्मिलित होती है जैसे-अन्तर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण,
स्वांगीकरण एवं निष्कासन। इन क्रियाओं का विवरण निम्नलिखित है
• अन्तर्ग्रहण (Ingestion) इस क्रिया में भोजन को शरीर के अन्दर लिया जाता है।
यह क्रिया मुख-गुहिका (जिसमें जीभ व दाँत) के द्वारा होती है। दाँत भोज्य सामग्री
को काटने, चीरने, पीसने व चबाने का कार्य करते हैं। जबकि जीभ भोजन को सभी
के साथ मिलाकर निगलने का कार्य करती है।
• पाचन (Digestion) इस क्रिया में भोजन छोटे-छोटे कणों में टूटता है। पाचन
क्रिया मुख से प्रारम्भ होकर अमाशय और छोटी आँत तक में होती है। मुख में
कार्बोहाइड्रेट और 7.5 मी लम्बी छोटी आंत में कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन का
पाचन होता है। अमाशय में भोजन का पाचन शीघ्रता से होता है। भोजन के पाचन
में लार ग्रन्थि, लीवर और अग्नाशय के द्वारा निकले रसों (अम्लीय) का काफी
योगदान होता है।
• अवशोषण (Absorption) इस क्रिया में भोजन में पाए जाने वाले उपयोगी पदार्थों
का शरीर द्वारा अवशोषण होता है। यह प्रक्रिया आँत में होती है। छोटी आंत में
कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन तथा बड़ी आँत में जल व खनिज लवण का
अवशोषण होता है।
• स्वांगीकरण (Assimilation) भोज्य पदार्थों के पचे हुए अंशों के जीवद्रव्य में
विलय की क्रिया स्वांगीकरण कहलाती है।
• निष्कासन (Excretion) इस क्रिया में अपचित भोजन मलाशय में जमा होकर गुदा
द्वारा मल के रूप में बाहर निकल जाता है।
उत्सर्जन
जिस प्रक्रिया द्वारा मनुष्य के शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं, उसे उत्सर्जन
(Excretion) कहते हैं। शरीर में कई उत्सर्जी क्षेत्र होते हैं, जिनसे अपशिष्ट पदार्थों
का निष्कासन होता है उनके विवरण निम्न हैं
वृक्क/गुर्दा-यूरिया का निष्कासन, त्वचा-अपशिष्ट पसीने के रूप में निकलते हैं,
फेफड़ा-कार्बन डाइऑक्साइड, लिवर-अमोनिया को यूरिया में बदलना,
मलाशय-अपचित पदार्थ का निष्कासन
3.5 भोजन का संरक्षण
खाने पीने की चीजों को शीघ्र खराब होने से बचाने के लिए उनको संरक्षित किया
जाता है। इस प्रकार से संरक्षित खाद्य पदार्थों का उपयोग बहुत दिनों तक किया जा
सकता है। खाद्य सामग्री के संरक्षण (Food Preservation) की कई विधियाँ प्रचलित
हैं जिनमें से कुछ का विवरण निम्नलिखित है
• फल एवं सब्जियों को संरक्षित करने के लिए रेफ्रिजरेटर का उपयोग किया जाता
है। पत्तेदार सब्जियाँ जिनको रेफ्रीजरेटर में नहीं रखा जाता है उनको गीले कपड़ों में
लपेटकर रखा जाता है। आलू, प्याज, लहसुन को नमी से बचाकर खुले में रखा
जाता है।
• कुछ फल व सब्जियाँ, जैसे- आम, आँवला, मिर्च एवं लहसुन आदि को अचार
के रूप में रखा जाता है। कुछ चीजों को चटनी बनाकर उसको संरक्षित किया
जाता है जैसे आम, मिर्च, धनिया और पुदीना। काँच के जार तथा बोतलों में अचार
भरने से पूर्व उन्हें धूप में सुखाना चाहिए ताकि उनकी नमी को पूर्णतः हटाया जा
सके।
• कुछ वस्तुएँ जिनको मुरब्बे के रूप में लम्बे समय तक रखा जाता है, वे हैं सेबव
आँवला। ऐसे ही कुछ चीजों को जैम व सॉस के रूप में भी संरक्षि किया जाता
है। इसमें टमाटर व कई फल सम्मिलित हैं।
• मेथी, आलू एवं कई सब्जियों को सुखाकर संरक्षित किया जा सकता है जबकि
चना व मूँगफली जैसी चीजों को भूनकर संरक्षित करने का प्रचलन है।
•  दूध को पाश्चुरीकरण द्वारा संरक्षित किया जाता है इसकी खोज लूई
पाश्चर ने की थी। इस प्रक्रिया में दूध को 62.8°C पर 30 मिनट तक
गर्म किया जाता है या 71.7°C पर 30 सेकण्ड के लिए उबाला जाता है
उसके बाद ठण्डा करके इसको थैलियों में रखा जाता है।
• भोजन पकाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
1. दाल-चावल को ज्यादा नहीं धोना चाहिए।
2. सब्जियों को काटने के बाद नहीं धोना चाहिए अपितु उसको काटने
से पूर्व ही धोना चाहिए।
3. भोजन को ज्यादा देर तक नहीं पकाना चाहिए।
4. भोजन को सदैव ढककर पकाना चाहिए।
5. भोजन पकाते समय उसमें ज्यादा पानी नहीं डालना चाहिए।
3.6 क्षेत्रीय व्यंजन
भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन खाये जाते हैं।
किसी क्षेत्र का खान-पान उस क्षेत्र में खाद्य पदार्थ के आसानी से
उपलब्धता, उस खाद्य पदार्थ का उस क्षेत्र विशेष की संस्कृति में महत्त्व
इत्यादि पर निर्भर करता है; जैसे-
• तटीय क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग मछली व चावल अधिक खाते हैं।
• दक्षिण भारत के लोग नारियल का प्रयोग अपने भोजन में विशेष रूप से
करते हैं।
• उत्तर भारत के लोग रोटी खाना अधिक पसन्द करते हैं।
भारत के कुछ राज्यों एवं उनसे सम्बन्धित व्यंजनों का हम निम्न तालिका
द्वारा अध्ययन कर सकते हैं
राज्य                                व्यंजन/खाद्य पदार्थ
बिहार                               लिट्टी-चोखा, खुबी की लाई, चावल-दाल
गोवा                                 मछली (नारियल के तेल में बनी)
हरियाणा                           बाजरा खिचड़ी, कढी-पकौड़ा
गुजरात                            ढोकला, खांडवी, लेमन राईस
असम                              मसोर टेंगा (मछली), बाँस, चावल
जम्मू-कश्मीर                    तबक भाजी (भेड़), कलाडी पनीर, राजमा, कहवा
मध्य प्रदेश                       भुट्टे की खीर
झारखण्ड                        रुगड़ा (मशरूम), मडुआ रोटी
नागालैण्ड                       बाँस के कॉपल, मोमोज
महाराष्ट्र                          शाक पूरी, बड़ा-पाव, पाव-भाजी
पंजाब                            सरसों का साग, मक्के की रोटी
ओडिशा                         छेना पोडा
राजस्थान                        मलाई घेवर, चूरमा-बाटी
मेघालय                          तुगतप (मछली की चटनी)
पश्चिम बंगाल                   दाब छिनगरी (झींगा), रसगुल्ला, सन्देश
छत्तीसगढ़                       लाल चींटी की चटनी
केरल                             अवियल (मिश्रित सब्जी), टैपियोका
त्रिपुरा                            बेरमा (मछली)
• केरल में टैपिओका और नारियल बहुत मात्रा में उगते हैं इस कारण
यहां लोग अपने खाने में इसका उपयोग अधिक करते हैं।
• लिंग-हू-फेन यह साँप का मांस होता है। हांगकांग के लोग इसको चाव
से खाते हैं।
3.7 स्वास्थ्य एवं रोग
स्वास्थ्य सिर्फ रोग या दुर्बलता की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि एक पूर्ण शारीरिक
मानसिक एवं सामाजिक खुशहाली की स्थिति बताता है।
हमारे दैनिक क्रियाकलाप ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्य भी हमारे स्वास्थ्य पर
ही निर्भर करते हैं, यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो या तो हम कोई कार्य
करने में सक्षम नहीं होंगे अथवा हम उन्हें ठीक ढंग से कर नहीं पाएँगे।
शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से पूर्ण स्वस्थ न होना ही बीमारी या रोग
कहलाता है। इस स्थिति में व्यक्ति दर्द, दुष्क्रिया व तनाव की अनुभूति करता है।
बीमारियाँ कई तरह से फैलती हैं। सामान्य तौर पर बीमारियाँ दो प्रकार की होती
है जन्मजात और उपार्जित।
1. जन्मजात बीमारियाँ वे बीमारियाँ होती है, जो किसी व्यक्ति विशेष के
अन्दर जन्म से ही होती है; जैसे- हीमोफीलिया, वर्णांधता।
2. उपार्जित बीमारियाँ वे बीमारियाँ हैं, जो हमें वातावरण से मिलती है इसके
अन्तर्गत पेचिश, काली खाँसी, छोटी माता आदि को शामिल किया जाता
है। उपार्जित बीमारियाँ दो प्रकार की होती हैं। जैसे- संक्रामक और
असंक्रामक।
3.7.1 संक्रामक तथा असंक्रामक कारक
• रोग के कारण का एक वर्ग है, संक्रामक कारक, जो अधिकांशतः सूक्ष्म जीव
होते हैं। वह रोग जिनके तात्कालिक कारक सूक्ष्म जीव होते हैं, उन्हें संक्रामक
रोग कहते हैं। इसका कारण यह है कि सूक्ष्म जीव समुदाय में फैल सकते हैं
और इनके कारण होने वाले रोग भी इनके साथ फैल जाते हैं।
• कुछ रोग ऐसे होते हैं, जो संक्रामक कारकों द्वारा नहीं होते। उनके कारक
भिन्न होते हैं। लेकिन वे बाहरी कारक जो सूक्ष्म जीव नहीं होते वे समुदाय
रूप में फैल सकते हैं। यद्यपि ये बहुधा आन्तरिक एवं असंक्रामक है।
उदाहरण कुछ प्रकार के कैंसर आनुवंशिक असामान्यता के कारण होते हैं।
उच्च रक्तचाप का कारण अधिक वजन होना तथा व्यायाम न करना है।
विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों का वर्णन निम्नलिखित है
                                               संक्रामक रोग
जीवाणु जनित                  विषाणु जनित                   प्रोटोजोआ जनित
रोग के नाम काली             रोग के नाम पीलिया,           रोग के नाम पेचिश,
खाँसी, निमोनिया, प्लेग,    चेचक, एड्स फ्लू, रेबीज,      मलेरिया, पायरिया।
तपेदिक, टिटेनस, आंत्र     डेंगू पोलियो, खसरा, छोटी
ज्वर, हैजा, कोद और       माता, चिकनगुनिया
डिप्थीरिया
प्रमुख तथ्य हैजा दूषित     प्रमुख तथ्य पीलिया दूषित    प्रमुख तथ्य पेचिस मक्खियों
जल व खाने से फैलता      जल से फैलता है तथा          के द्वारा फैलता है।
है।                                 पोलियो दूषित जल एवं        पायरिया दाँतों की बीमारी
                                     भोजन दोनों से फैलता है।     है।
                                                                            मादा ऐनाफिलीज मच्छर के
                                                                            काटने से मलेरिया होता है।
प्लेग चूहे से फैलता है।     रेबीज कुत्ते, बन्दर आदि के     लक्षण मलेरिया में कंपकपी,
प्लेग को काली मौत भी    काटने से होता है।                 बुखार, सिरदर्द व पसीने
कहा जाता है।                डेंगू और चिकनगुनिया           की समस्या होती है।
                                   एडिज मच्छर के काटने से
                                   होता है।
टीकाकरण                      टीकाकरण भारत से        उपचार मलेरिया के
डिप्थीरिया,काली खाँसी     पोलियो और चेचक का    उपचार में कुनैन व
और टिटैनस की               उन्मूलन हो चुका है भारत  सिनकोना की छाल से
रोकथाम के लिए बच्चों      सरकार 0-5 वर्ष के बच्चों  दवाई बनाई जाती है।
को DPT का टीका           के लिए नियमित रूप से
लगाया जाता है। टीबी       पल्स पोलियो कार्यक्रम
के रोकथाम के लिए          चलाती है।
BCG (Bacillus
Calmette-Guerin) का
टीका लगाया जाता है।
दाद, खाज एथलीट फुट व अस्थमा कवक (फफूँद) जनित रोग हैं।
3.7.2 अभावजन्य रोग
मानवीय शरीर में कई ऐसे रोग हैं, जो किसी पोषक तत्त्व या खनिज लवण
के अभाव में होते हैं। इन रोगों से हमें तभी निजात मिलती है जब उनसे
सम्बन्धित पदार्थों का सेवन किया जाता है जिससे उपयुक्त पोषण की प्राप्ति
होती है। इन पोषक तत्त्वों के अभाव में हम कई प्रकार की बीमारियों से
ग्रसित हो जाते है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।
• आयोडीन की कमी से घेघा रोग होता है। आयोडीन मुख्य रूप से समुद्री
जीव जन्तुओं से प्राप्त होता है। वर्तमान में नमक से हमारे शरीर में
आयोडीन की पूर्ति होती है।
• लौह की कमी से खून में हीमोग्लोबिन की कमी होती है जिसको प्रायः
एनीमिया भी कहा जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए हरी पत्तेदार
सब्जियाँ, पालक, आँवला, सेब, केला आदि का सेवन लाभकारी होता है।
• कैल्सियम की कमी से हड्डियाँ और दाँत कमजोर हो जाते हैं। कैल्सियम
मुख्यतः दूध, अण्डा, सेब, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि से मिलता है।
• फॉस्फोरस की कमी से हड्डियाँ एवं दाँत कमजोर हो जाते हैं। फॉस्फोरस
का मुख्य स्रोत दूध, केला व हरी मिर्च आदि हैं।
• प्रोटीन की कमी के कारण शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। प्रोटीन
के अभाव में बालकों में क्वाशियोकोर एवं मेरेस्मस नामक रोग हो जाते हैं।
• शारीरिक व मानसिक विकास के लिए विटामिन एक अनिवार्य तत्त्व माना
जाता है। इसके अभाव में व्यक्ति अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं।
3.7.3 कुछ प्रमुख रोग एवं उनके घरेलू उपचार
भारत में प्राचीनकाल से ही बहुत सारे रोगों का घरेलू स्तर पर ही समुचित
उपचार किया जा रहा है, उनमें से कुछ वर्तमान में भी प्रचलित हैं जिनका
विवरण निम्नलिखित है
रोग                         उपचार
आम बुखार              मेथी की चाय
घाव                         हल्दी का लेप
मोच                         हल्दी और चूने का लेप
पेट दर्द                      हींग, अजवाइन
आँख में जलन            खीरा, चायपत्ती की पट्टी
आँख में सूजन            धनिये के बीज
दाँत दर्द                      हींग का चूर्ण, लौंग का तेल
गला खराब                 अदरक और गुड़
बदहजमी                    सौंफ
3.8 अवशिष्ट पदार्थ एवं उनका पुनर्चक्रण
कचरा गन्दगी का परिचालक माना जाता है जिससे ज्यादातर बीमारियाँ उत्पन्न
होती हैं एवं फैलती हैं। इसलिए हमें चाहिए कि कचरे को इधर-उधर नहीं
फेंकें। कचरा दो प्रकार का होता है जैव निम्नीकरणीय कचरा और जैव
अनिम्नीकरणीय कचरा।
• जैव निम्नीकरणीय कचरा यह वातावरण में कीटाणुओं द्वारा आसानी से
अपघटित हो जाता है। इसके उदाहरण हैं; जैसे- फल-सब्जियों के
छिलके, अण्डे के छिलके, कागज, पत्तियाँ इत्यादि।
• जैव अनिम्नीकरणीय कचरा यह वातावरण में कीटाणुओं के द्वारा
आसानी से अपघटित नहीं होता है और वातावरण को दूषित करता है।
इसके उदाहरण हैं; जैसे- पॉलिथीन, काँच के टुकड़े, प्लास्टिक, कीलें
इत्यादि।
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए विशेष कदम उठाए जा सकते
हैं, जो निम्न प्रकार हैं
• कागज को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
• पॉलिथीन के प्रयोग को बन्द करना चाहिए।
• काँच, प्लास्टिक आदि से पुनर्चक्रण द्वारा नई वस्तुएँ बनानी चाहिए।
• जैव निम्नीकरणीय कचरे का प्रयोग जैविक खाद बनाने के लिए करना
चाहिए।
• ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तर्ज पर कचरा विहीन समाज को आगे बढ़ाना
चाहिए।
• पर्यावरण के बचाव के लिए तीन R अर्थात् कम उपयोग, पुनर्चक्रण एव
पुन: उपयोग पर बल देना चाहिए।
                                                अभ्यास प्रश्न
1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(1) खाद्य पदार्थ से जीवों को ऊर्जा प्राप्त नहीं
होती है
(2) भोजन से प्राप्त ऊर्जा शारीरिक क्रिया के लिए
उपयोगी होती है
(3) पादप उत्पाद खाद्य पदार्थों का एकमात्र स्रोत है
(4) मनुष्य अपनी ऊर्जा का उपयोग सांस लेने व
चलने में नहीं करता है
2. निम्नलिखित में कौन सही सुमेलित नहीं है?
(1) फल-काजू
(2) सब्जी-बैंगन
(3) अनाज-सोया
(4) मसाला-सौंठ
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
A. जन्तुओं से प्राप्त होने वाले उत्पादों में
माँस, मछली और अण्डे प्रमुख हैं।
B. दूध हमें गाय, भैंस, बकरी व शुतुरमुर्ग
से प्राप्त होता है।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
4. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
स्रोत                           खाद्य पदार्थ
A पौधे/जन्तु                i. चाय
B बीज                       ii. साग
C तने/पत्ती                iii. कॉफी/दाल
D पत्तियों                   iv. तेल/घी
         A     B      C       D
(1)     i       ii      iii      iv
(2)     iv     iii      ii       i
(3)     iii     ii        i       iv
(4)     ii       i        iv     iii
5. पोषक तत्त्व शरीर के लिए कैसे उपयोगी
होते हैं?
A. ये आहार व ऊर्जा की पूर्ति करते हैं।
B. शरीर के विकास में सहायक होते हैं।
C. सूक्ष्म पोषक तत्त्व पूर्ति अच्छे स्वास्थ्य
के लिए हानिदायक होता है।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, Bऔर C
6. निम्न में से कौन सही सुमेलित नहीं है?
        स्रोत                 पोषक तत्व
     1. मीट                कार्बोहाइड्रेट
     2. अण्डा             प्रोटीन
     3. बादाम            वसा
     4. ताजे फल        रेशे
7. निम्नलिखित में से किस वर्ग में प्रोटीन की
प्रचुरता है?
(1) दूध, आम, गाजर
(2) अण्डा, मटर, मछली
(3) सोयाबीन, चना, मक्का
(4) सेब, दही, माँस
8. यदि एक अध्यापक आलू, चावल, ब्रेड व
शक्कर के उदाहरणों का सहारा लेता है, तो
वह क्या पढ़ाना चाहता है?
(1) विटामिन
(2) कार्बोहाइड्रेट
(3) प्रोटीन
(4) खनिज लवण
9. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
प्रोटीन                   कार्य
A परिवहन         i संक्रमण से
प्रोटीन                   बचाव
B संकुचन          ii ऊतक निर्माण
प्रोटीन
C संरचनात्मक    iii चलन हेतु
प्रोटीन
D रक्षात्मक         iv हीमोग्लोबिन
प्रोटीन                     का परिवहन
         A       B       C           D
(1)    i         ii        iii          iv
(2)    ii        iii       iv          i
(3)    iii       iv       i            ii
(4)     ii       iii       ii           i
10. भोजन में आयोडीन की सूक्ष्म मात्रा
आवश्यक होती है, क्योकि
(1) इसके सेवन से व्यक्ति मानसिक रूप से क्षीण
नहीं होता है
(2) आयोडीन का सेवन करने से पेंघा रोग होने
की सम्भावना नहीं रहती है
(3) दोनों ही कथन सत्य हैं
(4) दोनों ही कथन असत्य हैं
11. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है?
A. फोलिक अम्ल के द्वारा DNA का
संश्लेषण होता है।
B. सूर्य की रोशनी विटामिन D का एक
स्रोत है।
C. सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत
है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
12. मानव शरीर में त्वचा तल के नीचे विद्यमान
वसा निम्नलिखित में से किसके विरुद्ध
अवरोधक का काम करती है?
(1) शरीर के लवणों का क्षय
(2) शरीर की ऊष्मा का क्षय
(3) वातावरण से हानिकारक सूक्ष्म जीवों का प्रवेश
(4) आवश्यक शरीर द्रव्यों का क्षय
13. “यह हमारे शरीर के अन्दर के विभिन्न
पोषक तत्त्वों को अवशोषित करता है। शरीर
के तापमान को नियन्त्रित करता है तथा
अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में सहायक
होता है।” उपरोक्त कथन किस पोषक तत्त्व
के लिए कहा गया है?
(1) आहारी रेशे
(2) वसा
(3) कार्बोहाइड्रेट
(4) जल
14. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?
A. पोटैशियम लगभग सभी खाद्य पदार्थों में
होता है।
B. अण्डों से सोडियम की प्राप्ति होती है।
C. लोहा RBC में हीमोग्लोबिन के बनने के
लिए सहायक होता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
15. राधा और राधिका एनीमिया रोग से ग्रसित
है। डॉक्टर उनको किस प्रकार के खाद्य
पदार्थ खाने की सलाह देगे, जब राधा और
राधिका दोनों शाकाहारी हैं।
(1) केला, पालक, गुड़ व हरी सब्जी
(2) अण्डे की पीतक, केला, मछली
(3) मछली, हरी पत्तीदार सब्जी, बाजरा
(4) पालक, गुड़, कलेजी, नमक
16. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
खाद्य पदार्थ               भोजन पकाने के तरीके
A आलू                    i. भूनकर
B पापड़                  ii. सेंककर
C चावल                 iii. उबालकर
D चना                    iv. भूनकर
          A       B       C       D
(1)     i          ii       iii       iv
(2)     iv        iii       ii       i
(3)     iii         ii        i      iv
(4)      ii          i       iv     iii
17. सन्तुलित भोजन में कई प्रकार के पोषक
तत्वों के साथ आहारी रेशे तथा जल की
आवश्यकता क्यों होती है?
(1) आहारी रेशे हमें पोषक तत्व प्रदान करते हैं
(2) यह भोजन की मात्रा को बढ़ा देते हैं
(3) बिना पचे भोजन को बाहर निकालने में हमारे
शरीर की सहायता करते हैं
(4) भोजन पचाने में मदद करते हैं
18. सन्तुलित आहार से सम्बन्धित कौन-सा सही
सुमेलित नहीं है?
(1) 10-12 वर्ष : 3000 कैलोरी प्रतिदिन
(2) 14-16 वर्ष : 2600 कैलोरी प्रतिदिन
(3) वयस्क : 2500-4000 कैलोरी प्रतिदिन
(4) 66-75 वर्ष : 2300 कैलोरी प्रतिदिन
19. सन्तुलित भोजन में वसा की उपयुक्त मात्रा
का सेवन करना आवश्यक होता है, क्योकि
यह
(1) ऊर्जा का उत्पादन करने में सहायक होती है
(2) कोशिका झिल्ली की संरचना में मुख्य भूमिका
निभाती है
(3) ऊर्जा संचित करती है
(4) उपरोक्त सभी
20. निम्नलिखित में से कौन-से कथन
मिड-डे-मील के विषय में सही है?
A. यह वर्ष 2004 में पूरे भारत में लागू की
गई।
B. इस योजना के अन्तर्गत सभी सरकारी
विद्यालय आते हैं।
C. इसमें प्राइमरी से लेकर उच्च प्राइमरी
तक के बच्चों को शुल्क के साथ भोजन
मुहैया कराया जाता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
21. इस क्रिया में भोजन छोटे-छोटे कणों में
टूटता है। यह क्रिया मुख से प्रारम्भ होकर,
अमाशय और छोटी आंत तक होती है?
उपरोक्त कथन पाचन तन्त्र की किस प्रक्रिया
का वर्णन करता है?
(1) अन्तर्ग्रहण
(2) पाचन
(3) अवशोषण
(4) स्वांगीकरण
22. मानवीय शरीर में उत्सर्जन का कार्य
कौन-कौन-से अंग करते है?
A. फेफड़ा B. त्वचा
C. छोटी आँत D. मलाशय
(1) A, B और D
(2) B और C
(3) B, C और D
(4) A और D
23. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
A वृक्क             i. पसीने
B मलाशय         ii. CO₂
C त्वचा            iii. यूरिया
Dफेफड़ा          iv. अपचित पदार्थ
            A          B     C      D
(1)       iv          iii     ii      i
(2)       iii          iv     i       ii
(3)       iii          ii      i      iv
(4)        i          ii       iii    iv
24. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है?
A. सेब और आँवला को मुरब्बा बनाकर
लम्बे समय तक संरक्षित किया जा
सकता है।
B. आलू, प्याज, लहसुन को नमी में रखा
जाता है।
C. चने को भूनकर संरक्षित रखा जा सकता
है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
25. दूध का पाश्चुरीकरण कैसे किया जाता है?
(1) 100°C पर 15 मिनट तक या 90°C पर
5 मिनट तक गर्म करके
(2) 100°C पर 15 मिनट तक या 90°C पर
32 मिनट तक गर्म करके
(3) 70°C पर 15 मिनट तक या 62°C पर
5 सेकण्ड तक गर्म करके
(4) 71°C पर 15 सेकण्ड तक या 62C पर
32 मिनट तक गर्म करके
26. भोजन पकाते समय कुछ बातों का विशेष
ख्याल रखा जाता है। निम्नलिखित में से
उसमें कौन सम्मिलित है?
A. खाने को ज्यादा देर तक पकाना
चाहिए।
B. खाना सदैव ढककर पकाना चाहिए।
C. खाना पकाते समय पानी का कम प्रयोग
करना चाहिए।
(1) A और B
(2) A और C
(3) 2 और C
(4) A, B और C
27. निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है?
राज्य                        व्यंजन
1 महाराष्ट्र                शाक -पूरी
2. राजस्थान            मलाई घेवर
3. झारखण्ड           मसोर टेंगा (मछली)
4. त्रिपुरा                बेरमा (मछली)
28. एक परिवार के दो सदस्य गौरव और
गुड़िया क्रमशः वर्णान्धता और हीमोग्लोबिन
से प्रभावित हैं। इस प्रकार की बीमारियाँ
किस प्रकार की होती है?
A. जन्मजात               B. उपार्जित
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
29. इस प्रकार के रोग के प्रमुख कारक
सूक्ष्म-जीव होते हैं। सूक्ष्म-जीव विभिन्न
समुदाय में फैल जाते है, जिससे यह रोग
फैलन है। इसके कुछ उदाहरण
है-टिटैनस, पीलिया आदि।
उपरोक्त कथन किस प्रकार के रोग के
विषय में बताता है?
(1) जन्मजात
(2) उपार्जित
(3) संक्रामक
(4) असंक्रामक
30. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
A. टी बी की रोकथाम के लिए BCG का
टीका लगाया जाता है।
B. पोलियो दूषित जल एवं भोजन से
फैलता है।
C. भारत से पोलियो और चेचक का
उन्मूलन हो चुका है।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
31. पल्स पोलियो कार्यक्रम का उद्देश्य है
(1) पोलियो का उपचार
(2) पोलियो से उत्पन्न लकवा को रोकना
(3) पोलियो का सम्पूर्ण उन्मूलन करना
(4) उपरोक्त सभी
32. यदि किसी मरीज के दाँतों में दर्द होने के
साथ-साथ खून भी आता है तो उसे डॉक्टर
खट्टे फल खाने की सलाह देता है, क्योंकि
(1) खट्टे फलों से दाँतों के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
(2) खट्टे फलों से हमारी प्रतिरोधक क्षमता का
विकास होता है
(3) खट्टे फलों में विटामिन-C होता है, जिसकी
कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है
(4) खट्टे फलों से दाँत साफ हो जाते हैं
33. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
         रोग                        कारक
A टिटनेस                    i. प्रोटोजोआ जनित
B चेचक                     ii. विषाणु जनित
C मलेरिया                  iii. जीवाणु जनित
      A         B          C
(1) i            ii          iii
(2) iii          ii          i
(3) iii          i           ii
(4) ii           i           iii
34. विटामिन-R की कमी से होने वाले रोग
बेरी-बेरी का प्रमुख लक्षण क्या है?
(1) अँधेरे में कम दिखाई देना
(2) बच्चों की मानसिक विकलांगता
(3) अस्थियों का मुलायम होकर मुड़ जाना
(4) घाव भरने में अधिक समय लगना
35. सोनू रतौन्धी, पाचक नाल में संक्रमण और
नेत्र में संक्रमण जैसे रोगों से ग्रसित है। इस
प्रकार से कौन-सी खाद्य सामग्री उनको रोगों
से निजात में लाभकारी होगी। बताइए।
A. मछली का यकृत
B. गाजर
C. हरी पत्ती वाली सब्जी
D. माँस
(1) A,Bऔर D
(2) A, C और D
(3) B, C और D
(4) A, Bऔर C
36. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं
(1) दूध में कोई विटामिन नहीं होता है
(2) विटामिन-A के अभाव के कारणवश त्वचा शुष्क
तथा शल्की हो जाती है
(3) जोड़ों में पीड़ा होना स्कर्वी के लक्षणों में से
एक है
(4) विटामिन-B₁ के अभाव के कारण हृदयाघात
हो सकता है
37. निम्नलिखित में से कौन स्वस्थ अस्थियों
(हड्डियों) के लिए आवश्यक है?
(1) पोटैशियम और विटामिन-K
(2) कैल्सियम एवं विटामिन-E
(3) कैल्सियम एवं विटामिन-C
(4) कैल्सियम एवं विटामिन-D
38. लौह आवश्यक है
(1) हीमोग्लोबिन व RBC के निर्माण के लिए
(2) सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए
(3) शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के
लिए
(4) उपरोक्त सभी
39. निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है?
विटामिन               रासायनिक नाम
1. A                    रेटिनॉल
2. B₁₂                 थायमिन
3. D                   कैल्सिफेरॉल
4. E                   टोकोफेरॉल
40. नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों के किस
समुच्चय में लोह तत्व प्रचुर मात्रा में होता
है?                      [CTET Sep 2016]
(1) आँवला, पालक, गुड़
(2) आँवला, पालक, आलू
(3) आँवला, आलू, टमाटर
(4) बन्दगोभी, भिण्डी, गुड़
41. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
A कटे और घाव       i. ताजे धनियों के
                                बीजों से
B सामान्य ज्वर        ii. हल्दी के चूर्ण से
C आँख की             iii. मेथी के बीजों
सूजन                           की चाय
D दाँत का दर्द           iv हींग का चूर्ण
              A         B          C          D
(1)          iii         i          ii            iv
(2)           i          ii         iii           iv
(3)          iv        iii         ii            i
(4)          ii         iii         i             iv
42. हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए तीन
प्रकार के हैं
(1) कम उपयोग, पुनः चक्रण, पुनः निर्माण
(2) पुनः उपयोग, पुनः संरचना, पुनः निर्माण
(3) कम उपयोग, पुनः चक्रण, पुनः उपयोग
(4) कम उपयोग, पुनः चक्रण, पुनः संरचना
43. सरकारी विद्यालयों में मिड-डे-मील योजना
की शुरुआत किस वर्ष की गई थी?
(1) वर्ष 1999 में
(2) वर्ष 2002 में
(3) वर्ष 2004 में
(4) वर्ष 2008 में
44. RBC तथा विटामिन-B, के संश्लेषण में
कौन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
(1) मैग्नीशियम
(2) जस्ता
(3) ताँबा
(4) कोबाल्ट
45. एक वयस्क को प्रतिदिन औसतन कितनी
कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है?
(1) 2000 से 2200 कैलोरी
(2) 2200 से 2400 कैलोरी
(3) 2400 से 2600 कैलोरी
(4) 2500 से 4000 कैलोरी
46. निम्नलिखित में से कौन एक असत्य कथन है?
(1) दाद, खाज एवं अस्थमा कवक जनित रोग है।
(2) भारत से पोलियो और चेचक का उन्मूलन हो
चुका है
(3) पायरिया और पेचिस जीवाणु जनित रोग हैं।
(4) दूषित जल और भोजन करने से हैजा
फैलता है।
47. निम्नलिखित में किस-किस राज्य के लोगों
द्वारा टैपिओका और नारियल का सेवन
अधिक किया जाता है?
(1) गोवा
(2) झारखण्ड
(3) पश्चिम बंगाल
(4) केरल
                           विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
48. मीरा और दिव्या छोटी लड़कियाँ है। मीरा
समोसे, कटलेट और डबलरोटी खाना
पसन्द करती है, जबकि दिव्या ऐसा भोजन
पसन्द करती है जिसमें लौह तत्त्व की कमी
है। मीरा और दिव्या को निम्नलिखित
बीमारियों में से क्रमशः कौन-सी बीमारी
होगी?                              [CTET June 2011]
(1) मोटापा और स्कर्वी
(2) स्कर्वी और एनीमिया
(3) एनीमिया और रतौंधी
(4) मोटापा और एनीमिया
49. यह देखा गया है कि पाचन क्रिया बाहर की
अपेक्षा आमाशय के अन्दर अधिक तेजी से
होती है, क्योकि                 [CTET June 2011]
(1) पाचक रस जब आमाशय के बाहर रखते हैं तो
निक्रिय हो जाते हैं
(2) आमाशय के अन्दर भोजन का मन्धन होता रहता
है जिससे उसकी सतह का क्षेत्रफल बढ़ जाता है
और एन्जाइम कि क्रिया तेज हो जाती है
(3) पाचक रस आमाशय के अन्दर अम्लीय होते
हैं, जबकि बाहर ये क्षारीय होते हैं
(4) आमाशय के अन्दर भोजन की उपस्थिति में
पाचक रस का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है
50. रीना अपने घर का कूड़ा नीचे दर्शाए तरीके
से दो ढेरियों में अलग करती है
                                      [CTET June 2011]
ph
रीना ने दो ढेरियों में कूड़ा निम्न आधार पर
अलग किया
(1) घरेलू कचरा/औद्योगिक कचरा है
(2) दुर्गन्ध है।दुर्गन्ध रहित है
(3) अपघटित होने वाले/अपघटित नहीं होने वाले
(4) पुनः चक्रण किया जा सकता है/पुनः चक्रण
नहीं किया जा सकता
51. विटामिन ऐसे पदार्थ हैं, जो
                                         [CTET June 2011]
(1) हीनताजन्य रोगों से बचाव के लिए थोड़ी मात्रा
में आवश्यक हैं
(2) हमारी उपापचय दर बढ़ाकर भार में कमी
लाते हैं
(3) स्वस्थ रहने के लिए दवाई के रूप में लिए
जाते हैं.
(4) पेशियों का विकास करके हमें ताकतवर
बनाते हैं
52. पके हुए चावल रेफ्रिजरेटर में अपेक्षाकृत
लम्बे समय तक परिरक्षित किए जा सकते
है, क्योकि                        [CTET Jan 2012]
(1) कम तापमान पर भोजन का नमी तत्त्व घट
जाता है
(2) रेफ्रिजरेटर में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो
रोगाणुओं को नष्ट कर देते हैं।
(3) कम तापमान पर रोगाणु निष्क्रिय हो जाते है
(4) रोगाणु कम तापमान पर नष्ट हो जाते हैं
53. यह पढ़ाते समय-कि कुछ समय के लिए
खाद्य पदार्थों को किस तरह ताजा रखा जा
सकता है, राधा अपनी कक्षा में निम्नलिखित
अनेक तकनीकों की परिगणना करती है
                                             [CTET Jan 2012]
A. उसे कटोरी में रखती है तथा कटोरी को
एक खुले बर्तन में रख देती है जिसमें
ठण्डा पानी है.
B. उसे एक गीले कपड़े में लपेट देती है.
C. उसे धूप में खुला फैला देती है.
D. उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटती है.
और अंधेरे में रख देती है.
उपरोक्त तकनीक ‘B’ के लिए वह
निम्नलिखित किस खाद्य पदार्थ की ओर
संकेत कर रही है?
(1) पके हुए चावल
(2) प्याज, लहसुन
(3) हरा धनिया
(4) काजू बर्फी
54. निम्नलिखित में से भोजन बनाने का
कौन-सा तरीका अच्छा है?            [CTET Jan 2012]
(1) सब्जियों को अच्छी तरह से धोना और फिर
काटना
(2) सब्जियों को काटना और तब उन्हें चलते पानी
में धोना
(3) सब्जियों को काटने और पकाने से पहले उन्हें
कुछ समय के लिए धूप में रखना
(4) बैक्टीरिया नष्ट करने के लिए सब्जियों को
गहरे तलते हुए पकाना
55. अंजली की सहेली दाँतों में क्षय से बचने के
निम्नलिखित चार तरीके बताती है
                                              [CTET Jan 2012]
A. दिन में दो बार ब्रश करें।
B. इनेमिल कम न हो इसके लिए ब्रेसिज
पहने।
C. मिठाई, चॉकलेट्स और कार्बन
डाइऑक्साइड युक्त पेय-पदार्थ न लें।
D. हर खाने के बाद कुल्ला करें।
अंजली को उपरोक्त तरीकों में से किसका
अनुपालन करना चाहिए?
(1) B, C और D
(2) C, D और A
(3) D, A और B
(4) A और C
56. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द-समूह
आपस में निकटीय रूप से सम्बन्धित है?
                                   [CTET Jan 2012]
(1) मच्छर, मलेरिया, एनीमिया (रक्त अल्पता),
लौह
(2) लौह, मलेरिया, एनीमिया, रक्त
(3) लौह, हीमोग्लोबिन, एनीमिया, आंवला
(4) मच्छर, डेंगू, लौह, गुड
57. निम्नलिखित में से रोगों का वह समूह
चुनिए, जो मच्छरों से फैलता है
                                  [CTET Nov 2012]
(1) डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया
(2) मलेरिया, हैजा, मियादी बुखार
(3) मलेरिया, डेंगू, हैजा
(4) मलेरिया, चिकनगुनिया, मियादी बुखार
58. रजत ने अपने मित्र से कहा “मैं नहीं खेल
सकता क्योकि मुझे बुखार है। मैं कंपकंपी,
बुखार, सिर दर्द और अन्त में पसीना आने
के चक्र से गुजरता हूँ। रक्त की जाँच के
बाद डॉक्टर ने मुझे एक कड़वी दवाई दी।”
रजत किस रोग से पीड़ित हो सकता है?
                                         [CTET July 2013]
(1) मलेरिया
(2) मियादी बुखार
(3) अतिसार
(4) हैजा
59. निदान के पश्चात् कोई डॉक्टर रोगी से यह
कहता है कि उसके खून में ‘हीमोग्लोबिन’
की कमी है, तो उस रोगी को आयरन की
कमी को पूरा करने के लिए क्या-क्या
खाना चाहिए?                     [CTET July 2013]
(1) आँवला, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गुड़
(2) चावल, चीनी, आँवला
(3) हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गेहूँ, सन्तरा
(4) गुड़, नींबू, मटर
60. कक्षा III के विद्यार्थियों को भोजन’ का
पाठ पढ़ाते समय अंजली भोजन सम्बन्धित
आदतों में सांस्कृतिक/क्षेत्रीय विविधता पर
विशेष ध्यान देना चाहती है। नीचे दिए गए
अधिगम-अवसरों में किसके द्वारा विद्यार्थियों
को वांछित जानकारी दी जा सकती है?
                                         [CTET Feb 2014]
(1) विभिन्न क्षेत्रों/संस्कृतियों के भोजन को दर्शाने
वाले चार्ट का उपयोग और उसकी व्याख्या
करना
(2) विभिन्न क्षेत्रों/संस्कृतियों के विद्यार्थियों से
उनके घरों में खाए जाने वाले भोजन मँगाकर
प्रदर्शित करना और सहपाठियों से सूचनाओं
का आदान-प्रदान करना
(3) पाठ्य-पुस्तक में विभिन्न प्रकार के भोजनों के
विषय में दी गई जानकारी की और विस्तृत
व्याख्या करना
(4) किसी बाहरी भोजन बनाने वाली व्यावसायिक
एजेन्सी को आग्रह करके विभिन्न
क्षेत्रों/संस्कृतियों को भोजन का प्रदर्शन कराना
61. निम्नलिखित समूहों में से उस समूह को
चुनिए जिसमें खाना पकाने के तरीके (ढंग)
दिए गए हैं.                  [CTET Sept 2014]
(1) उबालकर, गूंथकर, भूनकर
(2) सेंककर, उबालकर, बेलकर
(3) तलकर, भिगोकर, भूनकर
(4) सेंककर, तलकर, भूनकर
62. हमारे देश के नीचे दिए गए किस भाग में
खाने की चीजें जैसे टैपिओका और नारियल
को लोग अपने घर के आंगन में ही उगाते
हैं और उन्हें इनसे बने खाने का स्वाद बहुत
अच्छा लगता है?                 [CTET Sep 2014]
(1) आन्ध्र प्रदेश
(2) असम
(3) गोवा
(4) केरल
63. कोई डॉक्टर एक मरीज को खाने के लिए
कुछ दवाइयाँ लिखता है और साथ ही गुड़,
आँवला और हरी पत्तेदार सब्जियाँ जरूर खाने
का सुझाव देता है। यह मरीज किस रोग से
पीड़ित होना चाहिए?            [CTET Sep 2014]
(1) बुखार
(2) मियादी बुखार
(3) मलेरिया
(4) एनीमिया
64. एक अध्यापक को कक्षा IV के विद्यार्थियों
को हमारे देश के भोजन की सांस्कृतिक
विविधताएँ पढ़ानी हैं। इस विषय को पढ़ाने
के लिए सर्वोत्तम विधि निम्नलिखित में से
क्या है?
                                         [CTET Feb 2015]
(1) विभिन्न प्रकार की खाने की चीजों के चित्रों
वाले फ्लैश कार्ड दिखाएँ
(2) अपने देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न लोगों
द्वारा खाए जाने वाले विविध भोजन के विषय
में विद्यार्थियों को एक प्रोजेक्ट (परियोजना) दें
(3) विद्यार्थियों से पूछे कि उन्होंने क्या खाया है,
उसके बाद चर्चा करें
(4) विद्याथियों से कहें कि वे अपने परिवार के
भोजन के विषय में सूचना एकत्र करें
65. रीना आम पसन्द करती है। वह इन्हें जाड़े
के लिए संरक्षित करना चाहती है।
निम्नलिखित में से कौन-सा तरीका संरक्षण
के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
                                      [CTET Feb 2015]
(1) अचार और आम पापड़ बनाना
(2) जूस तैयार करना और वायुरोधी डिब्बे में
संचित करना
(3) प्लास्टिक के थैले में रखना
(4) रेफ्रिजरेटर में संचित करना
66. निम्नलिखित में से हमारे देश के किस राज्य
के अधिकतर लोग नारियल के तेल में पकी
हुई समुद्री मछली खाना पसन्द करते हैं?
                                      [CTET Feb 2013]
(1) मिजोरम
(2) गोवा
(3) जम्मू-कश्मीर
(4) बिहार
67. इस पौधे में पत्तियाँ हैं, जिन्हें सब्जी की तरह
प्रयोग में लाया जाता है। इसके बीजों से तेल
प्राप्त किया जाता है यह पौधा है
                                        [CTET Feb 2015]
(1) पालक
(2) नारियल
(3) बन्दगोभी
(4) सरसों
68. खाद्य संरक्षण के लिए निम्नलिखित में से
कौन-सा जोड़ा ठीक नहीं है?
                                       [CTET Sep 2015]
(1) आलू-चिप्स
(2) दूध-पनीर
(3) सेब-जैम
(4) कच्चा आम-अचार
69. काँच के जार तथा बोतलों को, उनमें अचार
भरने से पूर्व, सूर्य की धूप में अच्छी तरह
सुखाया जाता है। ऐसा क्यों है?
                                             [CTET Feb 2016]
(1) उनके तापमान में वृद्धि करने के लिए
(2) उनमें से धूल को हटाने के लिए
(3) नमी को पूर्णतः हटाने के लिए
(4) अचार को स्वादिष्ट बनाने के लिए
70. मानवों के पेट में आमाशय रस की प्रकृति
……… होती है और वह भोजन के पाचन में
सहायता करती है।                    [CTET Sep 2016]
(1) उभयधर्मी
(2) उदासीन
(3) अम्लीय
(4) क्षारीय
                                                    उत्तरमाला
1. (2) 2. (3) 3. (1) 4. (2) 5. (1) 6. (1) 7. (4) 8. (4) 9. (4) 10. (1)
11. (1) 12. (1) 13. (1) 14. (4) 15. (1) 16. (1) 17. (2) 18. (2)
19. (3) 20. (1) 21. (1) 22. (1) 23. (2) 24. (2) 25. (4) 26. (4)
27. (3) 28. (3) 29. (2) 30. (3) 31. (3) 32. (3) 33. (2) 34. (3)
35. (4) 36. (3) 37. (4) 38. (1) 39. (2) 40. (1) 41. (4) 42. (3)
43. (3) 44. (4) 45. (4) 46. (3) 47. (4) 48. (4) 49. (2) 50. (3)
51. (1) 52. (3) 53. (2) 54. (1) 55. (1) 56. (2) 57. (1) 58. (1)
59. (1) 60. (1) 61. (1) 62. (4) 63. (4) 64. (4) 65. (4) 66. (2)
67. (4) 68. (3) 69. (3) 70. (3)

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