CTET

CTET Notes In Hindi | गतिविधियाँ एवं प्रयोगात्मक कार्य

CTET Notes In Hindi | गतिविधियाँ एवं प्रयोगात्मक कार्य

गतिविधियाँ एवं प्रयोगात्मक कार्य
                          Activities and Practical Work
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करने
से यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2011 में 4 प्रश्न,
2012 में 5 प्रश्न, 2013 में 3 प्रश्न, 2014 में 9 प्रश्न, 2015 में
प्रश्न तथा 2016 में 4 प्रश्न पूछे गए हैं। CTET परीक्षा में
पूछे गए प्रश्न मुख्यतया कक्षा गतिविधियों, प्रयोगात्मक कार्य एवं
विधि आदि प्रकरणों से सम्बन्धित हैं।
5.1 कक्षा-कक्ष में की जाने वाली गतिविधियाँ
कक्षा वास्तव में, संवाद का एक प्रमुख केन्द्र माना जाता है, जहाँ छात्र अपने
सहपाठियों एवं शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित कर वैचारिक तर्कों के जरिए
न केवल अपने जीवन मूल्यों को संवारते है, बल्कि एक नए विचार से
अवगत होते है। इसके तहत अनेक गतिविधियाँ संचालित होती हैं, जो निम्न हैं
वाद-विवाद (Debates) इस गतिविधि के माध्यम से छात्रों में तर्कशक्ति
बढ़ती है तथा विषयों/तथ्यों को तर्क की कसौटी पर परखने का कौशल बढ़ता है।
अतः इन गतिविधियों के चयन से सूचना-संग्रहण, सूचना-प्रक्रमण
(Information processing) और श्रोतावर्ग के सामने उनके प्रस्तुतिकरण में
छात्रों की उच्च स्तर की भागीदारी तथा प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में बोलने,
तर्क-वितर्क करने तथा तर्कों का विश्लेषण करने में अपनी योग्यता का प्रदर्शन
करने के व्यापक अवसर प्राप्त होते है।
निर्देशन (Direction) इस गतिविधि के द्वारा अध्यापक प्रस्तुतिकरण,
विश्लेषण तथा संश्लेषण के आदर्श रूप छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करते है। ऐसा
करते समय छात्रों की भूमिका सूचना और कौशलों के प्रेक्षक तथा अभिलेखक
की होती है।
प्रश्न पूछना (Asking Question) सामाजिक विज्ञान के अध्यापन में प्रश्न
पूछना एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है। इस गतिविधि के माध्यम से अध्यापक छात्रों
से विषय के सम्बन्ध में प्रश्न पूछता है तथा उनके उत्तरों के आधार पर वह छात्रों
के विषय सम्बन्धी ज्ञान को और अधिक सुदृढ़ तथा व्यापक बनाता है। छात्रों से
प्रश्न इसलिए पूछे जाते हैं, ताकि अध्यापक को यह मालूम हो सके कि छात्रों ने
अध्याय को कितनी अच्छी तरह से समझा है, ताकि महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को
अलग करके और उन पर विशेष बल देकर उनके विषय में छात्रों की धारणा को
और अधिक मजबूत किया जा सके।
कक्षा-कक्ष में तत्कालीन घटनाओं से सम्बन्धित चार्ट, मानचिन्न आदि का
निर्माण करना (Preparation of Charts, Mapu etc about Current
Affairs in Classroom) कक्षा-कक्ष में सामाजिक अध्ययन शिक्षण के
अन्तर्गत यह एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है। इस गतिविधि में शिक्षक, छात्रों को
पाठ्य-वस्तु से सम्बन्धित किसी भी विषय पर कोई चार्ट या मानचित्र आदि
तैयार करने को कहता है। यह गतिविधि छात्रों में स्थायी स्मृति के निर्माण में
सहायक होती है।
5.1.1 कक्षा, गतिविधियों से सम्बन्धित ध्यातव्य बातें
कक्षा से एवं गतिविधियों से सम्बन्धित ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं
• शिक्षक हर विषय पर तीन-चार ‘सत्र’ की इकाई योजना तैयार करें। समझ
और योग्यताओं का विकास भी तभी सम्भव है, जब विभिन्न स्थितियों में
और विभिन्न तरीकों से उनका प्रयोग करने के अवसर बार-बार मिले।
जानकारी, समझ और दक्षता के विकास का मूल्यांकन इकाई के अन्त में
और फिर उसके बाद की किसी निश्चित तारीख पर भी हो सकता है,
लेकिन दक्षताओं के मूल्यांकन का चक्र दीर्घकालीन होना चाहिए।
• गतिविधियाँ शिक्षक को एक मौका देती है कि वे हर बच्चे पर ध्यान दे
सकें और काम के दौरान बच्चे की जरूरत और रुचि के अनुसार बदलाव
ला सके। शिक्षक कक्षा के कार्य में बच्चों और अपेक्षाकृत बड़े बच्चों को भी
शामिल करने के विषय में सोच सकें।
• इस तरह की विविधता से कक्षा में चल रहे कार्यों को बहुत रोचक बना
देती है। इससे अध्यापक विशिष्ट जरूरतों वाले बच्चों की तरफ विशेष
ध्यान भी दे सकेंगे।
• शिक्षक आज भी प्रत्येक बच्चे की पढ़ाई में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं हो
पाते हैं। सामान्यत: बच्चों की पहचान सामूहिक रूप से होती है, जो बच्चे या
तो ‘मेधावी’ होते हैं या फिर ‘मन्दबुद्धि’ वाले तथा उन पर ही विशेष ध्यान
जाता है। परन्तु इस प्रकार की गतिविधि के माध्यम से पढ़ाए जाने से सभी
बच्चों को विशेष लाभ मिलेगा।
• समावेशी कक्षा के शिक्षक की पाठ योजना और इकाई योजना दोनों को इस
ओर इंगित करना चाहिए कि शिक्षक बच्चों की विभिन्न जरूरतों के अनुसार,
कक्षा में जारी गतिविधियों को कैसे बदलता है?
• सीखने की असफलता को आजकल यान्त्रिक तौर पर ‘निदान’ के माध्यम
से सम्बोधित किया जाता है, जिसका सामान्य अर्थ है-बच्चों के लिए पाठों
को सिर्फ दोहरा देना तथा अनेक शिक्षक उन समस्याओं का समाधान’ भी
ढूंढ रहे हैं, जो कुछ बच्चे सम्भवतः अनुभव करते हैं। शिक्षक अभी भी
बच्चों की सामर्थ्य पर आधारित अधिगम को व्यक्तिमूलक बनाने में
कठिनाई महसूस करते हैं।
• बहुस्तरीय, बहुक्षमता पर आधारित कक्षा में व्यक्तिमूलक कार्य के उपयुक्त
सामग्री और संसाधनों की मदद से पढ़ाई बहुत ही प्रभावशाली ढंग से
संचालित होती है।
• पाठ-योजना को एक स्तरीय पाठ्य पुस्तकों पर आधारित करने के बजाय
शिक्षकों को विषयक मुद्दों की योजना बनाने की जरूरत होती है, जिससे
शिक्षार्थी अपने स्तर के अभ्यासों में ही व्यस्त रहें। कक्षा में अध्यापकों के
व्यवहार, उनके द्वारा प्रयुक्त सामग्री और उनके मूल्यांकन की तकनीक में
परस्पर आन्तरिक सामंजस्य होना अनिवार्य है
5.1.2 कक्षा के बाहर की जाने वाली विभिन्न गतिविधियाँ
कक्षा के बाहर की जाने वाली विभिन्न गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं
1. साहित्यिक गतिविधियाँ (Litrary Activities) वाद-विवाद
प्रतियोगिता और चर्चा, विषयवार क्लब, विद्यालय पत्रिका, नाट्यकला,
संगोष्ठी मण्डल, कहानी लेखन, कविता-पाठ आदि।
2. शारीरिक विकास गतिविधियाँ (Activities for Physical
Development) अन्दर और बाहर खेले जाने वाले खेल-कूद,
सामूहिक अभ्यास, परेड, स्काउटिंग आदि।
3. सांस्कृतिक विकास वाली गतिविधियाँ (Activities for Creative
and Cultural Development) संगीत, नृत्य, चित्रण, पेण्टिंग,
मूर्तिकला, नाट्यकला, प्रदर्शनी, विविध मनोरंजन कार्यक्रम।
4. नागरिक विकास गतिविधियाँ (Activities to Develolp as Good
Citizen) सहकारी बैंक, सहकारी स्टोर, सभा, विद्यार्थी परिषद्,
जलपान गृह, धार्मिक स्थल, राष्ट्रीय और सामाजिक त्यौहारों का
मनाना।
5. सामाजिक विकास सम्बन्धी गतिविधियाँ (Activities for Social
Development) सामाजिक अध्ययन मण्डल, मेलों, त्यौहारों,
व्यावसायिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आदि।
6. अवकाश समय के लिए गतिविधियाँ (Activities for Vacations)
डाक टिकटों, सिक्कों, प्रतियों आदि को एकत्रित करना, फोटोग्राफी
करना आदि।
7. भ्रमण सम्बन्धी गतिविधियाँ (Activities Related to Trips)
शैक्षिक भ्रमण, पिकनिक मनाना, संग्रहालय, चिड़ियाघर, प्रदर्शनी आदि
के भ्रमण के लिए जाना।
5.1.3 पाठ्यक्रम सहगामी गतिविधियों के उद्देश्य
पाठ्यक्रम सहगामी गतिविधियों के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं
• विद्यालय के सम्पूर्ण शैक्षिक कार्यक्रम एवं विद्यालय की चारित्रिक
भावनाओं को उन्नत बनाना। छात्रों को स्वशासन तथा लोकतन्त्रीय
प्रक्रियाओं के प्रयोग में सार्थक अनुभव प्रदान करना, ताकि वे कुशल
लोकतन्त्रीय एवं कर्त्तव्यनिष्ठ नागरिक बन सकें।
• विभिन्न वातावरणों से आए बालकों में सहयोग एवं सह-अस्तित्व की
भावना का विकास करना तथा उनको भावात्मक रूप से एक बनाना ताकि
राष्ट्रीय एकता की भावना को सुदृढ़ किया जा सके।
• विद्यालय एवं समाज के पारस्परिक सम्बन्धों को उन्नत बनाना तथा समाज
को विद्यालय के कार्यक्रमों में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहन करना ताकि वो
शैक्षिक कार्यों में सक्रिय हो सके।
• बालकों के सर्वांगीण विकास में राष्ट योगदान देना।
• बालकों में अपने अवकाश को सदुपयोग करने के लिए सदैव तैयार
करना।
• छात्रों में भावात्मक एवं नैतिक सन्तुलन का विकास करना, ताकि वे एक
अनुशासित नागरिक बन सके।
5.2 प्रयोगात्मक कार्य
पर्यावरण विषय की शिक्षण प्रणाली को अधिक प्रभावशाली बनाने में
प्रयोगात्मक कार्यों (Practical Work) का महत्त्वपूर्ण स्थान है। किसी भी विषय
को पढ़कर सीखने की अपेक्षा प्रयोग करके सीखना अधिक आसान होता है।
प्रयोग के माध्यम से छात्र स्वयं प्रयोग करके सीखते हैं। ऐसा इसलिए क्योकि
प्रयोग में हमारी समस्त इन्द्रियाँ क्रियाशील रहती है।
5.2.1 पर्यावरण अध्ययन के विविध प्रयोग
पर्यावरण अध्ययन के विविध प्रयोग निम्न है
• जल के संरक्षण एवं शुद्ध करने की विभिन्न विधियों का व्यापक अध्ययन
किया जा सकता है।
• एक गमले में किसी पौधे के विकास पर प्रयोग किया जा सकता है। ग्लोब
के प्रयोग के द्वारा स्थलमण्डल, जलमण्डल एवं वायुमण्डल के विषय में
जानकारी दी जा सकता है।
• विभिन्न खाद्य पदार्थों के संरक्षण के विषय में प्रयोग के माध्यम से जानकारी
उपलब्ध करवाई जा सकती है।
• विद्यालय परिसर में छोटी-छोटी क्यारियों के निर्माण से विभिन्न पौधों से
परिचित कराया जाता है।
• पारिवारिक सम्बन्धों पर विभिन्न आरेख बनवाकर समाज के विभिन्न
सम्बन्धों से परिचित कराया।
• वातावरण को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण को कम करने, जल संरक्षण, जीव
संरक्षण तथा विभिन्न बीमारियों की रोकथाम सम्बन्धी पोस्टरों का निर्माण
करके स्कूल व घर के आस-पास लगाकर जागरूकता फैलायी जा
सकती है।
5.2.2 प्रयोग प्रदर्शन विधि
यह सर्वमान्य है कि केवल अध्यापक के कथनों को सुनकर या विज्ञान को
कहानी की तरह पढ़कर पर्यावरण अध्ययन के प्रत्ययों को आसानी से सीखा
जा सके, इसके लिए घटनाओं अथवा प्रयोगों का प्रदर्शन करके अवलोकन
प्राप्त कर निष्कर्ष निकाला जा सकता है, तभी इसकी अवधारणाएँ स्पष्ट रूप
से विकसित हो सकेंगी। प्रयोग प्रदर्शन विधि में अध्यापक विषय-वस्तु के
शिक्षण के साथ-साथ उससे सम्बन्धित सभी आवश्यक प्रयोग स्वयं करके
दिखाता है। विद्यार्थी अपने-अपने स्थान पर बैठकर ही विभिन्न उपकरणों,
प्रयोगों और क्रियाओं को देखते हैं। इस प्रकार, जो विषय-वस्तु वे सामान्यतः
केवल सुनते थे, उसे अब आँखों से देखते भी हैं और प्रभावशाली ढंग से
सीखते भी हैं। इसे प्रयोगधर्मी शिक्षा प्रणाली भी कहा जाता है।
प्रयोग प्रदर्शन विधि के गुण
प्रयोग प्रदर्शन विधि के निम्न गुण हैं
• इस विधि में प्रयोग को सभी छात्रों से कराने की पेक्षा प्रदर्शन में कराने से
समय व धन की बचत होती है। इस विधि द्वारा कठिन प्रयोगों का भी
सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जा सकता है। यह विधि सीखने की प्रक्रिया
रोचक और प्रभावपूर्ण बनाने में सहायता प्रदान करती है।
• प्रयोग कराने की अपेक्षा प्रदर्शन में कक्षा नियन्त्रण आसानी से होता है।
प्रयोग प्रदर्शन विधि के दोष
प्रयोग प्रदर्शन विधि के निम्न दोष है
• इस विधि में विद्यार्थियों को स्वयं प्रयोग करने तथा प्रत्यक्ष वस्तुओं द्वारा
व्यक्तिगत रूप से ज्ञान प्राप्त करने का व्यापक अवसर नहीं मिलता। इस
कारण उनमें प्रयोग करने तथा व्यक्तिगत ज्ञान प्राप्त करने की योग्यता का
विकास नहीं हो पाता।
• मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह विधि अधिक प्रभावी नहीं है। इस विधि
से छात्रों को अन्वेषणात्मक, रचनात्मक आदि प्रवृत्तियों को ठीक प्रकार
विकसित होने का अवसर नहीं मिलता है।
प्रयोग प्रदर्शन विधि को प्रभावशाली बनाने के लिए सुझाव
प्रयोग प्रदर्शन विधि को प्रभावशाली बनाने के लिए निम्न सुझाव दिए गए हैं
• कक्षा में प्रयोग का प्रदर्शन करने के पूर्व अध्यापक को उसका पूर्ण अभ्यास
कर लेना चाहिए।
• प्रदर्शित वस्तु या उपकरण का आकार कम-से-कम इतना बड़ा अवश्य
होना चाहिए कि कक्षा के सभी छात्रों को स्पष्ट दिखाई दे सके।
• प्रदर्शन शुरू करने से पहले सभी सामग्री को एकत्रित कर उपयुक्त स्थान
पर रखना ही चाहिए, जिससे प्रदर्शन एवं कक्षाध्यापन के समय कोई बाधा
उत्पन्न न हो।
• प्रदर्शन के पश्चात् अध्यापक को विद्यार्थियों के द्वारा किए निरीक्षण के
आधार पर छोटे-छोटे प्रश्नों द्वारा प्रयोग के निष्कर्ष तक अवश्य जाना
चाहिए।
5.2.3 प्रायोगिक विधि
सीखने की प्रक्रिया में केवल प्रयोग करके सीखना सर्वाधिक प्रभावशाली होता
है। बालक द्वारा प्रयोग स्वयं करके नवीन अवधारणाओं को सीखना प्रयोग
विधि (Experiment Method) कहलाती है।
प्रयोग विधि के अन्तर्गत प्रयोग कक्षा में प्रयोगशाला में अथवा कक्षा के बाहर
किसी भी परिवेश में किया जा सकता है। प्रयोग करने के लिए आवश्यक सामग्री
भी प्रयोगशाला की हो यह आवश्यक नहीं है। आवश्यक सामग्री परिवेश से
एकत्रित करके भी बालक प्रयोग कर सकते हैं। प्रयोग करके बालक स्वयं निष्कर्ष
निकालकर अवधारणा विकसित कर सकते हैं। इस विधि के द्वारा छात्रों को
प्रयोगशाला में किसी भी तरह समय सीमा, किसी प्रकार के तनाव का बन्धन
नहीं होता। वह मुक्त स्वच्छन्द होकर अपनी समस्या, स्वयं हल करने के लिए
पूर्ण रूप से स्वतन्त्र रहते हैं।
प्रायोगिक विधि के गुण
प्रायोगिक विधि के निम्न गुण हैं
• इस विधि से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है, यह स्वयं वैज्ञानिक विधि से
कार्य कर सकते है।
• इस विधि में साधन सम्पन्न प्रयोगशाला की आवश्यकता नहीं होती है।
• इस विधि में बालक स्वतन्त्र रहता है, अत: समय पाठ्यवस्तु एवं
पाठ्यचर्या की सीमाओं में बँधकर कार्य नहीं ना पड़ता है।
प्रायोगिक विधि के दोष
प्रायोगिक विधि के दोष निम्न है
• मन्द-बुद्धि वाले छात्र स्वतन्त्र रूप से इस विधि का उपयोग नहीं कर
सकते हैं।
• इस विधि के अन्तर्गत छात्रों के कार्य का मूल्यांकन परम्परागत ढंग से नहीं हो
सकता है।
प्रायोगिक विधि को प्रभावशाली बनाने के लिए सुझाव
प्रायोगिक विधि को प्रभावशाली बनाने के निम्न सुझाव है
• इस विधि को पूर्व तैयारी के साथ ही किया जाना उचित है। बिना तैयारी के
समय सीमा निश्चित होने के कारण समय की बर्बादी होती है।
• छात्रों को अपने प्रयोग करने और अवलोकन करने की स्वतन्त्रता देना
आवश्यक होता है। छात्र यदि प्रयोग का चयन भी स्वयं करें तो और भी
अच्छा है।
• एक छात्र की उपलब्धियों की तुलना दूसरे छात्र से नहीं करनी चाहिए। उन्हें
स्वयं अपने ढंग से कार्य करने और अपनी उपलब्धियों को आँकने को प्रेरित करना
चाहिए।
5.2.4 प्रयोगशाला विधि
प्रयोगशाला विधि के गुण इस प्रकार हैं
• प्रयोगशाला विधि (Laboratory Method) में विभिन्न प्रकार के प्रयोग
बालक स्वयं करते हैं एवं अपने अवलोकनों के आधार पर स्वयं निष्कर्ष
निकालते हैं। अध्यापक उनकी क्रियाओं का समय-समय पर निरीक्षण कर
जरूरी सुझाव भी देते रहते हैं। इस प्रकार विद्यार्थी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
इसमें प्रयोग करते समय विद्यार्थी जितने सक्रिय रहते हैं, उतने किसी अन्य
कार्य विधि द्वारा सिखलाने में नहीं रहते।
• प्रयोगशाला एक ऐसा स्थान है, जहाँ अध्यापक तथा विद्यार्थी संयुक्त रूप से
प्रयोग करते हैं तथा समस्या सम्बन्धी प्रायोगिक प्रेक्षण प्राप्त करते हैं और
निष्कर्ष निकालते हैं। इस विधि के उपयोग में एक कठिनाई यह है कि सभी
धारणाओं का शिक्षण इस विधि से करना सम्भव नहीं है। सैद्धान्तिक
धारणाएँ या ऐसे प्रयोगों के परिणाम जो कक्षा स्तर पर नहीं किए जा सकते
हैं एवं प्रयोगशाला विधि द्वारा नहीं बढ़ाए जा सकते हैं।
प्रयोगशाला विधि के गुण
प्रयोगशाला विधि के गुण निम्न हैं
• इस विधि से प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है, जिससे छात्रों में आत्मविश्वास पैदा होता
है।
• इस विधि द्वारा प्राप्त ज्ञान, किताबी ज्ञान न रहकर व्यावहारिक हो जाता है,
जोकि अपेक्षाकृत अधिक लाभदायक है।
• यह विधि विद्यार्थी को प्रयोगात्मक रूप से अपनी समस्याओं को हल करना
सिखाती है। इस विधि में प्रयोग करने, अवलोकन लेने आदि से वैज्ञानिक
विधि का प्रशिक्षण मिलता रहता है।
प्रयोगशाला विधि के दोष
प्रयोगशाला विधि के दोष निम्न हैं
• साधारण एवं उससे निम्न बुद्धि स्तर की क्षमता वाले छात्रों को इस विधि
के उपयोग में कठिनाइयाँ उत्पन्न होती है। इस विधि के उपयोग के लिए
साधन सम्पन्न प्रयोगशाला की आवश्यकता होती है।
• इस विधि में समय, पाठ्यवस्तु एवं पाठ्य-चर्या की सीमाओं के बन्धन में
रहकर कार्य करना कठिन होता है।
• इस विधि में समय अधिक लगता है। अत: निश्चित समय में सम्पूर्ण
पाठ्यक्रम की धारणाओं को स्पष्ट करना कठिन कार्य होता है।
प्रयोगशाला विधि को प्रभावशाली, बनाने के लिए सुझाव
प्रयोगशाला विधि को प्रभावशाली बनाने के निम्न सुझाव हैं
• इस विधि में पूर्व तैयारी के साथ ही प्रयोगशाला में जाना उचित है। बिना
तैयारी के समय सीमा निश्चित होने के कारण समय की बर्बादी होती है।
छात्रों को अपने प्रयोग करने और अवलोकन लेने की स्वतन्त्रता देना
आवश्यक है। छात्र यदि प्रयोग का चयन भी स्वयं करें तो और भी
अच्छा है।
• एक छात्र की उपलब्धियों की तुलना दूसरे छात्र से नहीं करनी चाहिए।
उन्हें स्वयं अपने ढंग से कार्य करने और अपनी उपलब्धियों को आँकने को
प्रेरित करना चाहिए।
                                         अभ्यास प्रश्न
1. कक्षा 1 से। के स्तर पर पर्यावरण अध्ययन
में रचनात्मक आकलन अपने में क्या
शामिल नहीं करता है?
(1) शिक्षार्थियों के सीखने को बहाना
(2) शिक्षण में कमियों की पहचान
(3) शिक्षार्थियों के अधिगम रिक्तियों की पहचान
(4) शिक्षार्थियों की ग्रेडिंग और रैकिंग
2. पाठ्य-पुस्तकों में अभ्यास एवं गतिविधियों
को पर्यावरण अध्ययन के अन्तर्गत कहाँ
उपलब्ध कराना चाहिए।
(1) पाठ के अन्त में
(2) इकाई के अन्त में
(3) प्रकरणों में अन्तः निर्मित
(4) पुस्तक में अलग-अलग स्थानों पर
3. पर्यावरण अध्ययन के शिक्षण में संसाधन
आवश्यक होते है
(1) शिक्षकों के मनोरंजन हेतु
(2) प्रभावी शिक्षण हेतु
(3) छात्रों के मनोरंजन हेतु
(4) उपरोक्त सभी
4. प्राथमिक कक्षा के उच्च वर्ग में शिक्षार्थियों
में जिज्ञासा जाग्रत करने का निम्न में से
सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है?
(1) अवसर इकाई परीक्षणों का आयोजन करना
(2) गहन जाँच-परख और कल्पनापरक प्रश्न पूछना
(3) लिखित कार्य में उन्हें अधिक अभ्यास देना
(4) अधिक हस्तपरक अनुभव प्रदान करन
5. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन को
पाठ्य-सहगामी कार्य-कलाप को किस
प्रकार के अन्तर्गत रखा जा सकता है?
(1) समाज कल्याण सम्बन्धी कार्यक्रम
(2) नागरिक विकास कार्य-कलाप
(3) सांस्कृतिक विकास कार्य-कलाप
(4) उपरोक्त सभी
6. आप पर्यावरण अध्ययन के शिक्षक हैं और
आप अपने विद्यालय के प्राथमिक कक्षा के
छात्रों के लिए चिड़ियाघर के भ्रमण का
आयोजन करना चाहते हैं, इसका मुख्य
उद्देश्य क्या होना चाहिए?
(1) शिक्षार्थियों को आनन्द और मजा उपलब्ध
कराना
(2) शिक्षा की गुणवत्ता के विषय में अभिभावकों को
सन्तुष्ट करना
(3) शिक्षार्थियों को सक्रिय अधिगम अनुभव उपलब्ध
कराना
(4) नित्य शिक्षण कार्यक्रम की एकरसता को बदलना
7. स्वालिहा ने कक्षा IV के विद्यार्थियों को
विज्ञान केन्द्र दिखाने के लिए शैक्षणिक
भ्रमण की योजना बनाई है। निम्नलिखित में
से कौन-सा सामान्य निर्देश इस भ्रमण के
लिए अप्रासंगिक है?
(1) अपने साथ पेन और नोटपैड ले जाना
(2) बिना मुझे सूचित किए कहीं न जाना
(3) प्रदर्शन के समय अपनी शंकाओं के विषय में
प्रश्न पूछना
(4) अपना दिनभर का पूरा बस्ता लेकर आना
8. पाठ्य-सहगामी कार्य-कलापों का/के
उद्देश्य है/है
(1) बालकों में राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास
(2) अवकाश के समय का सदुपयोग
(3) बालकों में नागरिकता की भावना का विकास
(4) उपरोक्त सभी
9. राहुल अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों
को वृक्षों के संरक्षण की संकल्पना के
विषय में संवेदनशील बनाना चाहता है, तो
निम्न में से कौन-सा क्रियाकलाप उपयुक्त
नहीं है?
(1) बच्चों को लकड़ी के लट्ठों का भण्डार दिखाना
(2) वृक्षों पर नारा लेखन प्रतियोगिता आयोजित
करना
(3) वृक्षों पर पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता आयोजित
करना
(4) प्रत्येक छात्र को एक वृक्ष को अपनाकर उसकी
देख-रेख को प्रोत्साहित करना।
10. वह शिक्षण विधि है, जिसमें शिक्षण
कार्य किसी समस्या के इर्द-गिर्द आयोजित
एवं गठित किया जाता है।
(1) आगमन विधि
(2) समस्या विधि
(3) निगमन विधि
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
11. डिम्पल कक्षा में जीव-जन्तुओं पर आधारित
पाठ को पढ़ाने के बाद कक्षा IV के
विद्यार्थियों के लिए चिड़ियाघर के भ्रमण का
आयोजन करती है। यह शिक्षार्थियों को कैसे
लाभ पहुँचाता है?
(1) दैनिक समय-सारणी की चर्चा में बदलाव
(2) कक्षा-कक्षीय अधिगम को वास्तविक जीवन की
परिस्थितियों के साथ जोड़ने
(3) जीव जन्तु संरक्षण के कौशलों के विकास
(4) जीव-जन्तुओं को पालतू कैसे बनाया जाए
इसके प्रति संवेदनशीलता विकसित करने
12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. निर्देशन गतिविधि के द्वारा अध्यापक
कक्षा में प्रस्तुतिकरण, विश्लेषण तथा
संश्लेषण के आदर्श को छात्रों के समक्ष
प्रस्तुत करते हैं
2. कक्षा-कक्ष में सामाजिक अध्ययन शिक्षण
के अन्तर्गत यह एक महत्त्वपूर्ण
गतिविधि है
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल 1
(2) केवल 2
(3) 1 और 2
(4) न तो 1 और न ही 2
13. आप अपने प्रधानाचार्य के आदेश पर कक्षा
V के विद्यार्थियों को शैक्षिक अवलोकन के
लिए किसी यात्रा पर ले जाते हैं। इस
शैक्षिक अवलोकन से सम्बन्धित यात्रा को
अधिक सफल एवं सार्थक बनाने के लिए
आप क्या सम्मिलित करेंगे?
(1) आनन्द के लिए पर्याप्त भोजन और खेलों को
साथ ले जाना
(2) जहाँ जाना हो उसके विषय में जानकारी प्राप्त
करने और पढ़ने के विद्यार्थियों को कहना
(3) यह सुनिश्चित करना कि विद्यार्थी अनुशासित
रहें और उस स्थान का शान्तिपूर्वक
अवलोकन करें
(4) क्रियाकलापों की एक स्तरीकृत शीट उस स्थान
के विषय में तैयार करना और प्रामाणिक तथा
सार्थक अध्ययन के लिए उसे विद्यार्थियों के
साथ यात्रा से पूर्व साझा करना
14. वृक्ष संरक्षण की अवधारणा के विषय में
शिक्षार्थियों को संवेदनशील बनाने के लिए
गुंजन निम्नलिखित क्रियाकलापों का
आयोजन करती है
A. प्रत्येक शिक्षार्थी को इस बात के लिए
प्रोत्साहित करना कि वे एक-एक वृक्ष को
अपनाएँ और उसकी देखभाल करें।
B. वन-संरक्षण पर वाद-विवाद प्रतियोगिता
का आयोजन करना।
C. वृक्षों पर आधारित पोस्टर-निर्माण
सम्बन्धी प्रतियोगिता का आयोजन करना।
D. शिक्षार्थियों को कटी लकड़ियों के
भण्डार दिखाना।
वांछित उद्देश्य को प्राप्त करने में ऊपर दी
गई गतिविधियों में से कौन-सी सबसे कम
प्रभावी होगी?
(1) A
(2) B
(3) C
(4) D
15. मोहन प्रश्न पत्र बनाते समय निम्न में से
किसको शामिल करेगा?
(1) रूपरेखा व डिजाइन तैयार करना
(2) ब्लू-प्रिण्ट तैयार करना
(3) प्रश्न लिखना
(4) उपरोक्त सभी
16. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
A. विद्यालय के सम्पूर्ण शैक्षिक कार्यक्रम
एवं विद्यालय की चारित्रिक भावना को
उन्नत बनाना पाठ्यक्रम सहगामी
गतिविधियों के उद्देश्य है।
B. इन गतिविधियों का योगदान छात्रों में
भावात्मक विकास में भी होता है, जिससे
वे अनुशासित नागरिक बनते हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) 1 और B
(4) न तो A और न ही B
17. पर्यावरण अध्ययन की कक्षा में बच्चों को
स्वयं सीखने के योग्य बनाने और
अवलोकन कौशलों को तीक्ष्ण करने के
लिए क्या किया जाता है?
(1) क्क्षा में सरल प्रयोग और निर्देशन किए जा
सकते हैं
(2) उच्च कक्षाओं में क्या किया जाता है, उसका
अनुरक्षण किया जा सकता है।
(3) कक्षा में अनुशासन को सुनिश्चित करके किया
जा सकता है
(4) बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर आधारित
विचारों के आधार पर किया जा सकता है
18. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य पर्यावरण
अध्ययन के शिक्षकों से अपेक्षित होता है?
(1) बच्चों के दृष्टिकोण को स्वीकार करना एवं
सम्मान देना चाहिए
(2) विशेषतः पुस्तकों और परीक्षाओं पर ध्यान देना
चाहिए.
(3) विशेषतः प्रयोगों पर ध्यान देना चाहिए
(4) अभिभावकों के विचार को स्वीकार करना एवं
सम्मान देना चाहिए
19. आप प्राथमिक स्तर के शिक्षक और अपनी
कक्षा IV के बच्चों को जलाभाव के विषय
में बता रही है तो आप बच्चों को प्रभावपूर्ण
तरीके से किस प्रकार आँकेगी
(1) यह पता करके कि उन्होंने अपने दैनिक जीवन
में जल की बचत कैसे प्रारम्भ की है
(2) बच्चों को जल संरक्षण पर नारे लिखने के
लिए कहकर
(3) जल संरक्षण पर पोस्टर बनाने की गतिविधि
का आयोजन करके
(4) उपरोक्त विषय पर एक लिखित परीक्षा का
आयोजन करके
20. आप चार वैसे शिक्षकों को जो भविष्य में
अच्छे शिक्षक की भूमिका निभाना चाहते हैं,
से कहते हैं कि वह कक्षा 7 के विद्यार्थियों
के मूल विषय यात्रा पर प्रस्तुतिकरण दें।
सभी शिक्षकों द्वारा किस एक बात को केन्द्र
में रखा जाएगा निम्नलिखित में से वो
कौन-सा होगा?
(1) विद्यार्थियों से यात्रा में उपयोग किए गए
विभिन्न साधनों के अनुभवों का वर्णन करने के
लिए कहना
(2) पाठ्य पुस्तक की विषय वस्तु के उपयोग द्वारा
यात्रा की विभिन्न विधियों की व्याख्या करना
(3) यात्रा के विभिन्न साधनों/विधियों को दर्शाने
वाले चार्ट का उपयोग और उनकी व्याख्या
करना
(4) विद्यार्थियों से यात्रा के विभिन्न साधनों के चित्र
एकत्र करके स्कैप बुक बनाने के लिए कहना
21. ‘मौसम और जलवायु’ की संकल्पना पढ़ाते
समय सबसे उपयुक्त गतिविधि कौन-सी
होगी, जिससे विद्यार्थी मौसम के विभिन्न
प्रकार के तत्त्वों को समझ सके?
(1) मौसम के तत्त्व रित
उपलब्ध कराए गए कार्य-पत्रक (वर्कशीट) को
हल करना
(2) समाचार-पत्र से लगातार पाँच दिनों के मौसम
की रिपोर्ट को एकत्र करना और उन्हें अपनी
नोटबुक में चिपकाना
(3) उन्हें मौसम के तत्त्वों के प्रतीक/सकेत का चित्र
बनाने के लिए कहना
(4) नोटबुक में मौसम से जुड़े प्रश्नों के उत्तर
लिखना
22. आप अपने कक्षा-कक्ष में ही ‘डेगू की
महामारी’ के विषय पर छात्रों के द्वारा एक
परियोजना कार्य कराना चाहते है। इस हेतु
आप
(1) सभी छात्रों को अलग-अलग बैठाकर इस
विषय पर सोचने को कहेंगे
(2) छात्रों को कुछ समूहों में बाँटकर सभी को
इस विषय पर वॉलपेपर तैयार करने को
कहेंगे
(3) एक-एक करके सभी छात्रों के विचार दिए गए
विषय पर सुनेंगे
(4) सभी छात्रों को डेंगू मच्छर दंड कर लाने को
कहेंगे
23. प्रयोगशाला विधि में
(1) बालक में सहानुभूति व सहयोग की भावना
विकसित नहीं होती है
(2) छात्र व्यावहारिक व जीवनोपयोगी ज्ञान प्राप्त
नहीं करता है
(3) बालक नियम, तथ्यों व सिद्धान्तों की स्वयं
जाँच करता है
(4) उपरोक्त सभी
24. किस विधि में छात्र स्वयं ही उपकरण
व्यवस्थित करते है, निरीक्षण करते है,
प्रेक्षण लेते है तथा विश्लेषण करते है?
(1) व्याख्यान विधि
(2) अवलोकन विधि
(3) प्रयोगशाला विधि
(4) प्रदर्शन विधि
25. प्रयोगशाला विधि में महत्व दिया जाता है
(1) प्रयास एवं बुटिको
(2) करके सीखने के सिद्धान्त को
(3) अनुभव को
(4) उपरोक्त सभी को
                                  विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
26. एक विद्यालय ने राजस्थान के लिए
कक्षा-Vके बच्चों के शैक्षिक भ्रमण की
योजना बनाई। भ्रमण के दौरान बच्चों से
आपको क्या अपेक्षाएँ रहेगी?
                                [CTET June 2011]
(1) यदि उनके कोई प्रश्न हो तो उन्हें दर्ज कर
लेना चाहिए
(2) धीजों के बारे में बिना कोई प्रश्न पूणे, सभी
का अवलोकन करना चाहिए
(3) उन्हें आनन्द उठाना चाहिए
(4) उन्हें ध्यान से अवलोकन करना चाहिए,
टिप्पणियाँ दर्ज करनी चाहिए और बाकी बच्चो
तथा शिक्षक के साथ अपने अवलोकनों को
बाँटना चाहिए
27. ‘बीज’ अंकुरण की अवधारणा को इस तरह
सबसे बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सकता है
                                   [CTET June 2011]
(1) बीज बोने, अंकुरण के विभिन्न चरणों का
अवलोकन करने और उनका चित्र बनाने की
गतिविधि को बच्चों को निष्पादित करने के
लिए कहना
(2) अंकुरित बीजों की फोटो दिखाना
(3) क्सा में अंकुरित बीजों को दिखाना और
अंकुरण की प्रक्रिया को स्पष्ट करना
(4) बोर्ड पर चित्र बनाते हुए अंकुरण के धरणों को
प्रदर्शित करना
28. पर्यावरण अध्ययन की कक्षा में सरल प्रयोग
और निदर्शन किए जा सकते है
                                     [CTETJune 2011]
(1) बच्चों द्वारा पूछ गए प्रश्नों पर आधारित
विचारों पर चर्चा करने, अवलोकनों को दर्ज
करने तथा उनका विश्लेषण करने के लिए
(2) कक्षा में अनुशासन को सुनिश्चित करने हेतु
बच्चों को नियन्त्रित करने के लिए
(3) बच्चों को स्वयं सीखने के योग्य बनाने और
अवलोकन कौशलों को पना करने के लिए
(4) उच्च उसाओ मे क्या किया जाता है उसका
अनुकरण करने के लिए
29. बच्चों को विभिन्न प्रकार के ईधन से
परिचित कराने के लिए शिक्षक
                                 [CTET June 2011]
(1) कक्षा में कुछ ईधनों के नमूने दिखा सकता है
(2) एक लघु फिल्म दिखाने के साथ खाना पकाने
के लिए इस्तेमाल होने वाले सम्भावित ईधन के
प्रकारों पर बच्चों के साथ पर्या कर सकता है
(3) चार्ट पर ईंधनों के चित्र प्रदर्शित कर सकता है
(4) बच्चों से विभिन्न प्रकार के ईधनों की सूची
बनाने के लिए कह सकता है
30. पर्यावरण अध्ययन (EVS) की शिक्षिका
‘वायु प्रकरण को पढ़ाते समय यह प्रदर्शित
करना चाहती है कि वायु में भार होता है
और वह जगह घेरती है। उसके सहयोगी
इस उद्देश्य के लिए उसे निम्नलिखित चार
भिन्न गतिविधियाँ सुझाते हैं
                                     [CTET Jan 2012]
A. खाली उल्टा बीकर पानी की सतह के
ऊपर रखें और उसे नीचे धकेले
B. स्ट्रॉ के माध्यम से जूस को खींचना
C. गुब्बारे में हवा भरना
D. दो भरे हुए गुब्बारे एक छड़ से बाँधे
तथा साम्यावस्था में ले आएँ, तब किसी
एक गुब्बारे को फोड़ दें
उपरोक्त गतिविधियों में से कौन-सी
गतिविधियाँ वांछनीय परिणामों को प्रदर्शित
करेगी?
(1) A और B
(2) A और
(3) B और D
(4) A और C
31. रोहन के विद्यालय में एक विज्ञान प्रदर्शनी
का आयोजन किया गया था। इसका
आयोजन एक उद्देश्य के साथ किया गया
था। आपके विचार से कौन-सा उद्देश्य
सर्वाधिक उपयुक्त है?        [CTET Nov 2012]
(1) विद्यालय का नाम प्रसिद्ध करना
अभिभावकों को सन्तुष्ट करना
(3) विभिन्न व्यवसायों के लिए विद्यार्थियों को
प्रशिक्षित करना
(4) शिक्षार्थियों के लिए सृजनात्मक माध्यम उपलब
कराना
32. पर्यावरण अध्ययन की पाठ्य-पुस्तको में
अभ्यास एवं गतिविधियों को ………..
उपलब्ध कराना चाहिए।         [CTET Nov 2012]
(1) प्रकरणों में अन्तः निर्मित
(2) पुस्तक में अलग-अलग स्थानों पर
(3) इकाई के अन्त में
(4) पाठ के अन्त में
33. पर्यावरण अध्ययन के शिक्षकों को
                                  [CTET Nov 2012]
(1) बच्चों के दृष्टिकोण को स्वीकार करना एवं
सम्मान देना चाहिए
(2) अभिभावकों के विचार को स्वीकार करना एवं
सम्मान देना चाहिए
(3) विशेषतः प्रयोगों पर ध्यान देना चाहिए
(4) विशेषतः पुस्तकों और परीक्षाओं पर ध्यान देना
चाहिए
34. प्रयोग और प्रयोगात्मक कार्य करते हुए
श्यामा का निष्पादन कक्षा में सर्वश्रेष्ठ होता
है। उसे बहुत सृजनात्मक शिक्षार्थी माना
जाता है। इसलिए वह ……… के द्वारा
संकल्पनाओं को सीखती है।
                                       [CTET Nov 2012]
(1) अपसारी चिन्तन
(2) मॉडलिंग
(3) अनुकरण
(4) अभिसारी चिन्तन
35. प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन में
रचनात्मक आकलन ………. को शामिल
नहीं करता।                [CTET July 2013]
(1) शिक्षार्थियों की प्रेजिंग और रैकिंग
(2) शिक्षार्थियों में अधिगम रिक्तियों की पहचान
(3) शिक्षण में कमियों की पहचान
(4) शिक्षार्थियों के सीखने को बढ़ाने
36. कक्षा IV के शिक्षार्थियों को ‘हवा सब जगह
है’ प्रकरण पढ़ाते समय गीतिका
निम्नलिखित गतिविधियों को करने की
योजना बनाती है               [CTET July 2013]
(1) प्रकरण से सम्बन्धित प्रश्न पूछना
(2) शिक्षार्थियों को क्षेत्र-भ्रमण पर ले जाना
(3) विशिष्ट उदाहरणों से संकल्पना की व्याख्या
(4) संकल्पना को समझाने के लिए
मल्टीमीडिया कैप्सूल का प्रयोग
उपरोक्त प्रस्तावित गतिविधियों में से
कौन-सा प्रकरण को प्रभावी तरीके से पढ़ाने
के लिए सार्थक नहीं है?
37. नलिनी कक्षा III के शिक्षार्थियों को
‘जानवर-हमारे साथी’ प्रकरण से परिचित
कराना चाहती है। प्रकरण को और अधिक
रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए
निम्नलिखित में से कौन-सी युक्ति सर्वाधिक
उपयुक्त होगी?                  [CTET July 2013]
(1) शिक्षार्थियों को पाठ्य पुस्तक में जानवरों के
दिए गए चित्रों को देखने के लिए कहना
(2) विभिन्न जानवरों के चित्रों को प्रदर्शित करने
वाले चार्ट का प्रयोग करना
(3) विभिन्न जानवरों के चित्रों को श्यामपट्ट पर बनाना
(4) जानवरों तथा उनकी उपयोगिता पर आधारित
फिल्म प्रदर्शित करना
38. शालिनी ने कक्षा IV के विद्यार्थियों को
विज्ञान केन्द्र दिखाने के लिए शैक्षणिक
भ्रमण की योजना बनाई है। नीचे दिया गया
कौन-सा सामान्य निर्देश इस भ्रमण के लिए
अप्रासंगिक है?                        [CTET Feb 2014]
(1) प्रदर्शन के समय अपनी शंकाओं के विषय में
प्रश्न पूछना
(2) अपना दिनभर का पूरा बस्ता लेकर आना
(3) बिना मुझे सूचित किए कहीं न जाना
(4) अपने साथ येन और नोटपैड ले जाना
39. प्राथमिक स्तर पर, वृक्षों के संरक्षण की
संकल्पना के बारे में विद्यार्थियों को
संवेदनशील बनाने के लिए नीचे दिया गया
कौन-सा क्रिया-कलाप उपयुक्त नहीं है?
                                          [CTET Feb 2014]
(1) वृक्षों पर नारा लेखन (Slogan wrting)
प्रतियोगिता आयोजित करना
(2) प्रत्येक छात्र से एक वृक्ष को अपनाकर उसकी
देखरेख के लिए प्रोत्साहित करना
(3) बच्चों को लकड़ी के लट्ठों का भण्डार
दिखाना
(4) वृक्षों पर पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता
आयोजित करना
40. चार भावी शिक्षकों से कक्षा V के
विद्यार्थियों के लिए मूल विषय ‘यात्रा’ पर
प्रस्तुतीकरण बनाने के लिए कहा गया।
प्रत्येक ने निम्नलिखित नीतियों में से किसी
एक पर मुख्य रूप से केन्द्रित किया
                                   [CTET Feb 2014]
(1) यात्रा के विभिन्न साधनो/विधियों को दर्शान
वाले चार्ट का उपयोग और उनकी व्याख्या
(2) पाठ्य पुस्तक की विषय वस्तु के उपयोग द्वारा
यात्रा की विभिन्न विधियों की व्याख्या
(3) विद्यार्थियों से यात्रा के विभिन्न साधनों के चित्र
एकत्र करके स्वैपबुक बनाने के लिए कहना
(4) विद्यार्थियों से यात्रा में उपयोग किए गए
विभिन्न साधनों के अनुभवों का वर्णन करने के
लिए कहना
41. कक्षा V को EVS की पाठ्य-पुस्तक के
किसी पाठ में ‘सोचिए और चर्चा कीजिए’
भाग में नीचे दिया गया कधन लिखा है
“यदि आपके गाँव अथवा शहर में सप्ताह
तक पेट्रोल अथवा डीजल न हो, तो क्या
होगा?”                                  [CTET Fel 2014]
(1) छात्रों को तेल के न्यायसंगत उपयोग के बारे
में संवेदनशील बनाना
(2) छात्रों को पेट्रोल और डीजल के स्रोतों के बारे
में मूल्यांकन
(3) वास्तविक जीवन की चिन्ताओं को समझने हेतु
कल्पना और सोचने विधारने की कुशलता को
बदाया देना
(4) पेट्रोल और डीजल की कमी के बारे में जागृति
उत्पन्न करना
42. EVS की कक्षा में ‘जल’ का पाठ पढ़ाते
समय अंजलि ने अपनी कक्षा में जल के
विभिन्न स्रोतों और जल को संरक्षित करने
के लिए व्यक्तिगत क्रियाओं पर रोल-प्ले
आयोजित किया। इस क्रिया-कलाप का
मुख्य उद्देश्य है                  [CTET Feb 2014]
(1) विद्यार्थियों की सामाजिक कुशलताओं में सुधार
करना
(2) अधिगम की प्रक्रिया में एकरसता को तोड़ना
(3) अधिगम की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को सक्रिय
भाग लेना सुनिश्चित करना
(4) जल के सोतों के विषय में विद्यार्थियों के ज्ञान
में वृद्धि करना
43. यदि एक महीने के लिए बिजली न हो, तो
हमारा जीवन किस प्रकार प्रभावित होगा?
इस प्रश्न को पूछने का उद्देश्य है।
                                        [CTET Sept 2014]
(1) समुचित तरीके से बिजली का प्रयोग करने के
प्रति शिक्षार्थियों को संवेदनशील बनाना
(2) बिजली के सोतों के बारे में शिक्षार्थियों का
आकलन करना
(3) शिक्षार्थियों के कल्पनापरक और चिन्तनपरक
कौशलों का विकास करना
(4) शिक्षार्थियों की सामान्य जानकारी का आकलन
करना
44. रश्मि को यह सिखाया जाता है कि वह
प्रश्न-पत्र बनाते समय निम्न चरणों (क्रम में
नहीं हैं) का अनुपालन करें
                                   [CTET Sept 2014]
1. प्रश्न लिखना,
2. रूपरेखा डिजाइन तैयार करना,
3. प्रश्न-पत्र का सम्पादन करना,
4. ब्लू-प्रिन्ट तैयार करना।
अनुपालन किए जाने वाले चरणों का सही
क्रम कौन-सा है?
(1) V, II, I,III
(2) II,IV, I,III
(3) IV, I, II,III
(4) I,II,IV, III
45. जीव-जन्तुओं पर आधारित पाठ को पढ़ाने
के बाद, शीतल कक्षा IV के शिक्षार्थियों के
लिए चिड़ियाघर के भ्रमण का आयोजन
करती है। यह …………….. में शिक्षार्थियों की
मदद करेगा।                        [CTET Sept 2014]
(1) जीव-जन्तु संरक्षण के कौशलों के विकास
(2) दैनिक समय-सारिणी की चर्या में बदलाव
(3) कक्षा-कक्षीय अधिगम को वास्तविक जीवन की
परिस्थितियों के साथ जोड़ने
(4) जीव-जन्तुओं को पालतू कैसे बनाया जाए
इसके प्रति संवेदनशीलता विकसित करने
46. शालिनी कक्षा के शिक्षाथियों को पोषण’
पर आधारित प्रकरण से परिचित कराना
चाहती हैं। उन्हें                 [CTET Sept 2014]
(1) श्यामपट्ट पर पाचन तन्त्र का आरेख बनाना
चाहिए
(2) पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न प्रकार के
भोजन के उदाहरण देने चाहिए
(3) विभिन्न प्रकार के भोजन को प्रदर्शित करने
वाले चार्ट का प्रयोग करना चाहिए
(4) शिक्षार्थियों से कहना चाहिए कि वे अपने अपने
टिफिन बॉक्स खोलें, उसके तत्त्वों का
अवलोकन करें और उसके बाद उन्हें व्याख्या
करनी चाहिए
47. आपके प्रधानाचार्य ने आपको कहा कि
कक्षा V के विद्यार्थियों को शैक्षिक
अवलोकन यात्रा के लिए ले जाएँ। इस
अवलोकन यात्रा को सार्थक बनाने के लिए
आप अपनी योजना में क्या सम्मिलित
करेंगी?                        [CTET Feb 2015]
(1) क्रियाकलापों की एक स्तरीकृत शीट उस स्थान
के बारे में तैयार करना और प्रामाणिक तथा
सार्थक अध्ययन के लिए उसे विद्यार्थियों के
साथ यात्रा से पूर्व साझा करना
(2) जहाँ जाना हो उसके बारे में जानकारी प्राप्त
करने और पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को कहना
(3) आनन्द के लिए पर्याप्त भोजन और खेलों को
साथ ले जाना
(4) यह सुनिश्चित करना कि विद्यार्थी अनुशासित रहें
और उस स्थान पर शान्तिपूर्वक अवलोकन करें
48. एक प्राथमिक स्तर की अध्यापिका
‘जलाभाव’ के विषय पर अपनी कक्षा IV
के बच्चों को प्रभावपूर्ण तरीके से किस
प्रकार आँकेगी?                   [CTET Feb 2015]
(1) बच्चों को जल संरक्षण पर नारे लिखने के
लिए कहकर उपयोक्त विषय पर एक लिखित
परीक्षा का आयोजन करके
(2) उपरोक्त विषय पर एक लिखित परीक्षा का
आयोजन करके
(3) यह पता करके कि उन्होंने अपने दैनिक जीवन
में जल की बचत कैसे प्रारम्भ की है?
(4) जल संरक्षण पर पोस्टर बनाने की गतिविधि
का आयोजन करके
49. महेश कक्षा IV के शिक्षक हैं। वे
‘वृक्ष-संरक्षण’ की अवधारणा पर
शिक्षार्थियों को संवेदनशील बनाने के लिए
योजना बनाते हैं। निम्नलिखित में से
कौन-सी एक गतिविधि इस उद्देश्य के
लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
                                  [CTET Feb 2016]
(1) वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करना
(2) एक पौधे को अपनाने और उसका पोषण करने
के लिए प्रत्येक शिक्षार्थी को अभिप्रेरित करना
(3) पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए,
शिक्षार्थियों को प्रोत्साहित करना
(4) समूह चर्चा के लिए शिक्षार्थियों के समूह बनाना
निर्देश (प्रश्न सं. 66-67) निम्नलिखित अवतरण
पर आधारित है
शिक्षक द्वारा प्रदर्शित एक कटोरे में पानी उबालने
और उसका वाष्पीकरण हो जाने के प्रयोग को
देखने के बाद 7-8 वर्ष के बच्चों के द्वारा दिए गए
उत्तर इस प्रकार है                 [CTET Sept 2016]
                     “पानी गुम हो गया।”
                “कटोरे ने पानी सोख लिया।”
                  “आग ने पानी पी लिया।”
                  “भगवान ने पानी पी लिया”
50. ये उत्तर बच्चों और उनके विचारों के बारे
में क्या बताते है?                   [CTET Sept 2016]
(1) वाष्पीकरण के बारे में बच्चों के विकल्पी
विचार हैं
(2) बच्चों के उत्तर तर्कसंगत नहीं हैं
(3) बच्चों की सोच गलत है।
(4) बच्चे अच्छा अवलोकन नहीं कर पाते
51. शिक्षक को इन उत्तरों का सामना किस,
प्रकार करना चाहिए?               [CTET Sept 2016]
(1) बच्चों को बता दें कि वे गलत हैं
(2) जलचक्र का एक मानक चार्ट प्रदर्शित करें
(3) वाष्पीकरण की परिभाषा दें और बच्चों को उसे
याद रखने के लिए कहें
(4) उनके विचारों तक पुन: पहुँचने के लिए एक
चर्चा प्रारम्भ करें
                                              उत्तरमाला
1. (4) 2. (3) 3. (2) 4. (2) 5. (4) 6. (3) 7. (4) 8. (4) 9. (1) 10. (2)
11. (2) 12. (3) 13. (4) 14. (4) 15. (4) 16. (3) 17. (1) 18. (3)
19. (1) 20. (1) 21. (2) 22. (2) 23. (3) 24. (3) 25. (2) 26. (4)
27 (1) 28. (3) 29. (2) 30. (2) 31. (4) 32. (1) 33. (3) 34. (1)
35. (1) 36. (2) 37. (4) 38. (2) 39. (3) 40. (4) 41. (3) 42. (3)
43. (3) 44 (2) 45. (3) 46. (4) 47. (1) 48. (3) 49. (2) 50. (1)
51. (1)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *