CTET | TET | शिक्षा मनोविज्ञान एवं अधिगम | Educational Psychology
CTET | TET | शिक्षा मनोविज्ञान एवं अधिगम | Educational Psychology
शिक्षा मनोविज्ञान
(Educational Psychology)
◆ स्किन्नर (Skinner), “शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की वह शाखा है जो सीखने और सिखाने की प्रक्रिया का अध्ययन करती है।”
◆ जेम्स ड्रीवर (James Drever)के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान प्रयुक्त मनोविज्ञान की एक ऐसी शाखा है जो शिक्षा में मनोवैज्ञानिक नियमों एवं परिणामों के उपयोग से तथा साथ ही साथ शिक्षा की समस्याओं के मनोवैज्ञानिक अध्ययन से संबंध होती है।”
◆ सैन्ट्रोक (Santrock)के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की ऐसी शाखा है जो शैक्षिक परिस्थितियों में शिक्षण एवं अधिगम के बोध में विभिन्नता दिखलाता है।”
◆ शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक प्रयुक्त शाखा है। अर्थात मनोविज्ञान नियमों,
सिद्धातों एवं तथ्यों का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में करके बालकों एवं वयस्कों के
सर्वांगीण विकास में मदद करता है।
◆ शिक्षा मनोविज्ञान, बालकों के मानसिक (Mental), शारीरिक एवं नैतिक क्षमताओं को निर्धारित करके तदनुसार उचित शिक्षा की व्यवस्था करने में सहायता पहुँचाता है। साथ ही बालकों के मानसिक, शारीरिक एवं नैतिक समस्याओं का समाधान
करने में मनोवैज्ञानिक नियमों एवं सिद्धातों का खुलकर प्रयोग करता है।
◆ शिक्षा मनोविज्ञान बालकों की विभिन्न क्षमताओं का सिर्फ मापन ही नहीं करता, बल्कि उनके समुचित विकास एवं अनुकूल शिक्षा के लिए एक तरह का परामर्श भी देता है। बालकों की क्षमता के अनुकूल किस प्रकार की शिक्षा उनके लिए उपयोगी होगी, इसका भी निर्धारण शिक्षा मनोविज्ञान ही करता है।
शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य
(Aims or Objectives of Educational Psychology)
शिक्षा मनोविज्ञान का एक प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षा संबंधी आवश्यक मनोवैज्ञानिक तथ्यों से अवगत कराकर उनके कार्यो में सहायता प्रदान करता है, जिससे वे शिक्षार्थियों को विकास के पथ पर निर्देशित कर सकें। शिक्षा मनोविज्ञान के विशिष्ट उद्देश्य
निम्नलिखित हैं-
1. शिक्षकों की सहायता करना (To Help The Teachers) –
शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को अपने कार्यों में मदद करना होता है। इस संदर्भ में शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्यों को इस प्रकार समझाया जा सकता है-
● शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों में शैक्षिक समस्याओं (Educational Problems)
के प्रति उचित मनोवृत्ति उत्पन्न करने में मदद करता है।
● शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों को शिक्षार्थियों के व्यवहारों में समुचित परिवर्तन के
लिए एक वातावरण तैयार करने में मदद करता है।
● शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षार्थियों के व्यवहारों को सहानुभूतिपूर्वक समझने में मदद
करता है।
● शिक्षार्थियों की कमजोरियों तथा असफलताओं को समझने तथा उनके उपचार
संबंधी सिफारिशें करने में शिक्षकों को शिक्षा मनोविज्ञान काफी मदद करता है।
● शिक्षा मनोविज्ञान द्वारा शिक्षक उन सामग्रियों को सही-सही ढंग से संगठित कर
पाते हैं जिनकों उन्हें शिक्षार्थियों को देना होता है।
● शिक्षकों को अपनी सही भूमिका निभाने में शिक्षा मनोविज्ञान विशेष रूप से
मदद करता है।
● बालकों के बीच वैयक्तिक विभिन्नता को ध्यान में रखकर निर्देशन कार्यक्रम
बनाने में शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षकों की काफी मदद करता है।
● इसके मनोविज्ञान के द्वारा शिक्षक अपनी सीमाओं को खुलकर समझ पाते हैं
तथा उनके निदान संबंधी कदम उठाने को तत्पर हो जाते हैं।
2. उचित निर्देशन देना
3. उचित पाठ्यक्रम बनाना
4. उचित व्यावसायिक निर्देशन प्रदान करना
5. उचित अध्यापन विधि प्रस्तुत करना
6. स्कूल के अधिकारियों एवं प्रशासकों की मदद करना
7. शिक्षार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना
8. अभिभावकों का मार्गदर्शन करना
9. मूल्यांकन की उचित विधियों को प्रस्तुत करना
10. शारीरिक शिक्षा प्रदान करना
11. समूह गतिकी को समझने में मदद करना
शिक्षा मनोविज्ञान का महत्व
(Significance of Educational Psychology)
1. छात्रों में बाल विकास की विभिन्न अवस्था की विशेषताओं को समझने में।
2. कक्षा के शिक्षण के स्वरूप को समझने में शिक्षक शिक्षण करते समय न केवल
अपने ज्ञान भंडार को बल्कि छात्रों की क्षमताओं को तथा उनके व्यक्तित्वशील गुणों
को भी ध्यान में रखते हैं। इससे शिक्षण स्तर की उत्कृष्टता में पर्याप्त वृद्धि आती
है और शिक्षा मनोविज्ञान की महत्ता बढ़ती है।
3. शिक्षार्थियों की समस्याओं को समझने में शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षार्थियों की समस्याओं
के कारणों का पता लगाते हैं और समस्या की पहचान हो जाने के बाद उन्हें उचित
शैक्षिक निर्देशन एवं परामर्शन से समस्याओं को दूर करते हैं, तथा शिक्षा के स्तर
में पर्याप्त सुधार ला पाते हैं।
4. शिक्षार्थियों के वैयक्तिक विभिन्नता को समझने में शिक्षार्थियों में क्षमता, अभिक्षमता,
मनोवृत्ति, शीलगुण आदि के आधार पर भिन्नताएँ होती हैं। इससे कक्षा में कुछ
समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। शिक्षा मनोविज्ञान वैयक्तिक विभिन्नता के मूल तत्वों
से अवगत कराकर शिक्षक को इन समस्याओं से निबटने में काफी मदद करता है।
5. शिक्षार्थियों में धनात्मक मनोवृत्ति के विकास में जब शिक्षार्थियों में उत्तम मानसिक
स्वास्थ्य विकसित होता है, तो वे पाठ के प्रति, शिक्षकों के प्रति, अपने साथियों के
प्रति एक धनात्मक मनोवृत्ति विकसित कर लेते हैं।
6. प्रभावी शिक्षण विधियों की पहचान में
7. पाठ्यक्रम के निर्माण में
8. समूह गतिकी को समझने में
9. अपवादात्मक बच्चों की शिक्षा के लिए मार्गदर्शक प्रदान करने में
10. शोधकार्य में शोध का परिणाम है कि नए-नए शिक्षण विधियाँ, नए-नए शिक्षण
उपकरण, श्रव्य-दृष्टि सहायता आदि का प्रयोग कक्षा में पठन-पाठन में किया जा
रहा है।
परीक्षोपयोगी तथ्य
◆ शिक्षा व्यक्तिकरण एवं समाजीकरण की वह प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षार्थी के सर्वांगीण
विकास पर बल डाला जाता है।
◆ शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक प्रयुक्त शाखा है, जो सिखाने-सीखने की
प्रक्रिया का अध्ययन करती है। शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा में मनोवैज्ञानिक नियमों
एवं परिणामों का उपयोग कर शिक्षा की समस्या का समाधान करने की कोशिश
करता है।
◆ आधुनिक शिक्षा मनोविज्ञान के इतिहास में एल. थॉर्नडाइक तथा जे. एम. कैटेल
J.M. Cattell) के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
◆ शिक्षा मनोविज्ञान का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है। इसमें शिक्षार्थी (Learner), सीखने
की प्रक्रिया का स्वरूप (Nature), सीखने की परिस्थिति (Learning Situation),
मापन एवं मूल्यांकन (Measurement & Evaluation), निर्देशन तथा मानसिक
स्वास्थ्य आदि का विशेष रूप से अध्ययन कर शिक्षा को अर्थपूर्ण एवं लाभप्रद बनाने
की कोशिश की जाती है।