GJN 10th Hindi

Gujarat Board Class 10 Hindi Vyakaran शब्दसमूह के लिए एक शब्द

Gujarat Board Class 10 Hindi Vyakaran शब्दसमूह के लिए एक शब्द

GSEB Std 10 Hindi Vyakaran शब्दसमूह के लिए एक शब्द

शब्दसमूह के बारे में प्रश्न इस प्रकार होंगे:

  • दिए हुए शब्द के बारे में चार विकल्पों में से उचित शब्दसमूह बताना।
  • दिए हुए शब्दसमूह के बारे में चार विकल्पों में से उचित शब्द बताना।

सुगठित शब्दों का प्रयोग हम प्रायः संधि या समास के रूप में करते हैं। जैसे –

‘अ’ ‘ब’
1. घासू लाश को उकनेवाला कपड़ा खरीदने गया। 1. घीसू कफन खरीदने गया।
2. जहाँ धरती और आकाश मिलते हैं उस जगह को देखो। 2. क्षितिज को देखो।
3. जिन्हें हम छूने योग्य नहीं समझते वे लोग भी तो मनुष्य हैं। 3. अस्पृश्य लोग भी तो मनुष्य हैं।

‘अ’ विभाग के पहले वाक्य में ‘लाश को हैकनेवाला कपड़ा’ रेखांकित शब्दसमूह है। ‘ब’. विभाग के पहले वाक्य में इस शब्दसमूह के लिए ‘कफन’ शब्द का प्रयोग हुआ है।

‘अ’ विभाग के दूसरे वाक्य में ‘जहाँ धरती और आकाश मिलते हैं उस जगह’ यह शब्दसमूह है। ‘व’ विभाग के दूसरे वाक्य में इस शब्दसमूह के लिए ‘क्षितिज’ शब्द का प्रयोग हुआ है।

‘अ’ विभाग के तीसरे वाक्य में आए हुए शब्दसमूह ‘जिन्हें हम छुने योग्य नहीं समझते’ के बदले ‘च’ विभाग के तीसरे वाक्य में ‘अस्पृश्य’ शब्द का प्रयोग किया गया है।

इस प्रकार ‘कफन’, ‘क्षितिज’ और ‘अस्पृश्य’ विशिष्ट शब्द हैं। ये हमारे कथन को अधिक स्पष्ट, असरकारक और संक्षिप्त बना देते हैं।

ऊपर के वाक्यों में प्रयुक्त ‘कफन’, ‘क्षितिज’ और ‘अस्पृश्य’ शब्दों जैसे विशिष्ट अर्थवाले शब्द दो प्रकार के होते हैं।

महाचपूर्ण शब्दसमूहों के लिए एक शब्द :

  • बादल की तरह श्याम – घनश्याम
  • जो मिलना कठिन हो – दुर्लभ
  • जो इस लोक का न हो – अलौकिक
  • जिसकी गणना न हो सके – अगणित
  • श्रृंगार की सामग्री बेचनेवाला – मनिहार
  • कैदियों को हाथों में पहनाई जानेवाली लोहे की जंजीर – हथकड़ी
  • पूर्व की ओर से चलनेवाली हवा – पुरवाई / पुरवैया
  • पश्चिम की ओर से चलनेवाली हवा – पछुआ
  • नीले रंग का आकाश – नीलाम्बर
  • जिसका पति मर गया हो – विधवा
  • जिसमें सुध न हो – बेसुध
  • जिसके आठ कोने हो वह कृति – अष्टकोण
  • जिसको आराम प्रिय हो वह – आरामतलब
  • ईश्वर को न मानने का भाव – नास्तिकता
  • बुद्धि के बल पर आजीविका प्राप्त करनेवाला – बुद्धिजीवी :
  • पांच पंचों की समिति – पंचायत :
  • जहाँ जमीन और आसमान मिलते हुए दिखाई देते हैं वह स्थान – क्षितिज
  • वीर की तरह मृत्यु प्राप्त करना – वीरगति
  • छोटी थाली या रकाबी – तश्तरी
  • बचपन और जवानी के बीच का काल – वयःसन्धि
  • जिसके चार मुख हो – चौमुख
  • जिसके आने की विधि निश्चित न हो – अतिथि
  • सुबह चार बजे के आसपास का समय – ब्राह्ममुहूर्त
  • जिसमें प्रभा या तेज न हो – निष्प्रभ
  • रंगमंच पर परदे के पीछे का भाग – नेपथ्य
  • जो भूतकाल में न हुआ हो – अभूतपूर्व
  • आठ अंगों से किया जानेवाला प्रणाम – साष्टांग
  • जो प्राप्त न हो सके – अलभ्य
  • टकरा कर वापस आनेवाली ध्वनि – प्रतिध्वनि
  • मनुष्य के कद जितना बड़ा – आदमकद
  • चित्र में रंग भरने की कूची – तूलिका
  • जिसे सहन न किया जा सके – असहा
  • जिसकी किस्मत अच्छी हो वह – खुशकिस्मत
  • पुरानी प्रथाओं से चिपका रहनेवाला – रूढ़िवादी
  • सब या कुछ राष्ट्रों से संबंधित – अन्तर्राष्ट्रीय
  • बिना सोचे-समझे पुरानी बातों को मानना – अंधविश्वास
  • जिसका तेज क्षीण हो गया हो वह – हतप्रभ
  • जिसका कोई साथी या सहायक न हो – असहाय
  • पर्वत के पास की भूमि – उपत्यका
  • पहाड़ के नीचे की भूमि – तलहटी
  • कान को कठोर लगनेवाला – कर्णकटु
  • चार हैं भुजाएं जिसकी वह – चतुर्भुज
  • भूख बढ़ानेवाली – क्षुधावर्धक
  • दुःख भरी चौख – आर्तनाद
  • यमुना नदी का किनारा – कालिंदी-कूल
  • जो भूख से मर रहा है – मरभुक्खा
  • कुल का नाश करनेवाली – कुलनाशी
  • पीछे-पीछे चलना – अनुसरण
  • वृक्षा-झाड़ियों का समूह – झुरमुट
  • हवा के तेज़ चलने से होनेवाली आवाज़ – हहराना
  • अदालत में पैरवी करने का अधिकार – वकालत
  • सैर-सपाटा करने के शौकीन – सैलानी
  • बहुत समय तक जीवित रहनेवाला – चिरंजीवी
  • आयुर्वेदिक चिकित्सक – वैद्य
  • मन को लुभानेवाली – हृदयहारिणी
  • भूख से आतुर – क्षुधातुर
  • जिसका वर्णन न किया जा सके – अवर्णनीय

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