GJN 10th Hindi

Gujarat Board Class 10 Hindi Vyakaran शब्द विचार (1st Language)

Gujarat Board Class 10 Hindi Vyakaran शब्द विचार (1st Language)

GSEB Std 10 Hindi Vyakaran शब्द विचार (1st Language)

शब्द : वर्गों के निश्चित क्रम समूह से बना होता है, इसका एक निश्चित अर्थ होता। मूल शब्द में उपसर्ग, प्रत्यय या दोनों के जुड़ने से नया शब्द बनता है। संधि, समास द्वारा भी नए शब्द बनते हैं।

उपसर्ग – प्रत्यय द्वारा शब्द रचना :
शब्द भाषा की सबसे छोटी अर्थवान इकाई है। जब यह शब्द वाक्य के बाहर होता है तो शब्द कहलाता है, किन्तु जब वाक्य में प्रयुक्त होता है तब इसे ‘पद’ कहा जाता है : जैसे – पेड़, आम, लगना, तीन शब्द हैं। इनके मेल से वाक्य बनता है – पेड़ पर आम लगे हैं। यहाँ तीनों शब्दों ‘पेड़’, ‘आम’ और ‘लगे हैं’ को पद कहा जाएगा। अर्थात् शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त होता है तब पद कहलाता है।

वाक्य में प्रयोग को योग्यता के लिए कभी-कभी शब्द में कुछ जोड़ना या घटाना पड़ता हैं, तो कभी शब्द का रूप बदलना पड़ता है। इस तरह पद रचना की निम्नलिखित विधियाँ हैं :

  • उपसर्ग या प्रत्यय जोड़ना : जैसे – अनुपस्थित, भारतीय
  • स्वतंत्र शब्द जोड़ना : जैसे – प्रजातंत्र, जनगण, विद्यालय (समास – संधि)
  • ध्वनि परिवर्तन : पीटना – पिटवाना, लूटना – लुटाना
  • अनुनासिक चिह्न लगाना : बहुवचन बनाने में (लड़कियाँ, लड़कों)

उपसर्ग :
वे शब्दांश जिनका अपना कोई अर्थ नहीं होता किन्तु किसी शब्द के पूर्व जुड़कर एक नये शब्द का निर्माण करते हैं या शब्द के अर्थ में विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे –

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हिन्दी में नये शब्द बनाने के लिए तीन प्रकार के उपसर्ग प्रयोग किये जाते हैं –

  1. तत्सम,
  2. तद्भव और
  3. आगत (विदेशी)

डॉ. हरदेव बाहरी ने अपनी पुस्तक ‘हिन्दी : शब्द-अर्थ-प्रयोग’ में कुल एक सौ बारह उपसर्गों का संकलन किया है। यहाँ विद्यालय के स्तर पर प्रयुक्त होनेवाले प्रमुख उपसर्गों के उदाहरण दिये जा रहे हैं।

हिंदी-संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम उपसर्ग):

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हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव उपसर्ग):

आगत (विदेशी उपसर्ग):

प्रत्यय

प्रत्यय : वे शब्दांश जो मूल शब्द के पश्चात् जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहा जाता है। उपसर्ग की भाति प्रत्यय का प्रयोग अलग से नहीं किया जाता, वे शब्द के साथ जुड़कर ही आते हैं।

प्रत्यय दो प्रकार के होते है :

  1. कृत प्रत्यय
  2. तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय : वे शब्दांश जो क्रियाओं (धातुओं) के अन्त में जुड़कर शब्द का निर्माण करते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहा जाता है।

उदाहरण:
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तद्धित प्रत्यय : जो शब्दांश संज्ञा, विशेषण के अन्त में जुड़ते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहा जाता है।

उदाहरण:
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उपसर्ग की भांति प्रत्यय संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी तथा अंग्रेजी के हो सकते है।
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डॉ. हरदेव बाहरी ने तीन सौ से अधिक प्रत्ययों के उदाहरण दिये हैं। यहाँ पर भाववाचक संज्ञा, कर्तृवाचक संज्ञा, विशेषण तथा प्रेरणार्थक क्रियाओं के निर्माण में प्रयोग होनेवाले मुख्य प्रत्ययों के उदाहरण विस्तार से दिये गए हैं।

उपसर्ग तथा प्रत्यय का एक-साथ प्रयोग :
नवीन शब्द रचना के लिए हिन्दी में उपसर्ग तथा प्रत्यय दोनों का एक साथ भी प्रयोग होता है। जैसे –

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