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Gujarat Board Solutions Class 10 Hindi पूरक वाचन Chapter 4 असाध्य एड्स

Gujarat Board Solutions Class 10 Hindi पूरक वाचन Chapter 4 असाध्य एड्स

GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Purak Vachan Chapter 4 असाध्य एड्स

विषय-प्रवेश :

एड्स एक असाध्य बीमारी है। इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन इस रोग के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर और उचित सावधानी बरत कर इससे बचा अवश्य जा सकता है। प्रस्तुत निबंध में एडस एवं उससे बचाव के संबंध में उपयोगी और जानवर्धक जानकारी दी गई है।

पाठ का सार :

कक्षा में शोर : शिक्षिका कक्षा में पहुंचती हैं, तो वहाँ अजीबसा शोर हो रहा है। उन्हें पता चलता है कि कुछ बच्चे ‘आदिल’ को ‘एडिल’ – ‘एडिल’ कह कर चिढ़ा रहे थे। रोहन शिक्षिका को बताता है कि आदिल के दादाजी एच.आई.वी. पॉजिटिव हैं, इसलिए मयंक और जतिन उसे ‘एडिल, एडिल’ कहकर चिढ़ा रहे थे।

शिक्षिका की चिंता : शिक्षिका घर आकर सोचती हैं कि यह गंभीर मामला है। कुछ करना चाहिए। वे कक्षा में कार्यशाला आयोजित करने का निश्चय करती हैं।

कक्षा में कार्यशाला : अगले दिन ये कक्षा में स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अय्यर को लेकर आती हैं। बच्चे सवाल करते रहे और डॉक्टर अय्यर जवाब देते रहे। उन्होंने बताया कि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। पर एड्स रोगियों और उनके परिवारवालों से घृणा नहीं करनी चाहिए।

एड्स की जड़ : डॉक्टर अय्यर ने बच्चों को बताया कि एच.आई.वी. ही एड्स की जड़ है। एच.आई.वी. का पूरा नाम हयूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस है। ये वायरस (विषाणु) जिसके शरीर में प्रवेश कर जाता है, उस व्यक्ति में बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।

शरीर में वायरल का पहुंचना : डॉक्टर अय्यर बताते है कि शरीर में वायरल पहुंचने के कई रास्ते हैं। इनमें मुख्य है संक्रमित सुई, संक्रमित रक्त, संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध तथा संक्रमित मा द्वारा स्तनपान।

एड्स के लक्षण : डॉक्टर के अनुसार एड्स मरीज का वजन लगातार घटता जाता है। उसकी बगल और गरदन की ग्रंथियों में सूजन आ जाती है, हल्का बुखार आता है और मुंह और जीभ पर सफेद निशान दिखाई देते हैं।

एइस की जानकारी : डॉक्टर अव्यर ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति जैसा ही दिखाई देता है। उसे एड्स की स्थिति में पहुंचने में 7 से 10 साल तक का समय लगता है। एच.आई.वी. पॉजिटिव की जानकारी रक्त की जांच से मिलती है।

एड्स नियंत्रण कार्यक्रम : संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस घोषित किया है। हमारे देश में 1999 तथा 2004 में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किए गए थे। इससे लड़ने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं समाज की मदद कर रही हैं। विद्यालयों में भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

घृणा या मजाक नहीं : डॉक्टर अय्यर ने विद्यार्थियों से एड्स रोगी को घृणा या मजाक का विषय न बनाने और इन रोगियों का मनोबल __ बढ़ाने और इनमें जीने की इच्छा जगाने का संदेश दिया।

शब्दार्थ :

  • असामान्य – असाधारण।
  • निर्धारित – निश्चित।
  • उपेक्षा – ध्यान न देना, अवहेलना।
  • मार्गदर्शन – दिशा दिखाना।
  • संकोच – हिचक, शर्म।
  • जिज्ञासा – जानने की इच्छा।
  • कार्यशाला – विचारों के आदान-प्रदान के लिए सम्मेलन।
  • अधकचरी – अधूरी।
  • निराकरण – उपाय, उपचारं।
  • कार्यरत – काम में लगा हुआ।
  • जानलेवा – जान लेनेवाली।
  • ठहाका – अट्टहास, जोर की हंसी।
  • घृणा – घिन, नफरत।
  • भयंकर – भवानक, डरावना।
  • चपेट – संकटग्रस्त होना।
  • जीवाणु – क्षुद्रतम जीव (विकार से उत्पन्न होनेवाले जीव)।
  • भ्रांतियाँ – संदेह, शक।
  • अनाड़ी – नासमझ, अनजान।
  • संक्रमित – रोगग्रस्त।
  • अभियान – मुहिम, संगठित कार्रवाई।
  • धारणा – मत, विचार।
  • विश्वव्यापी – जो सर्वत्र व्याप्त हो।
  • नियंत्रण – वश में रखना।
  • मनोबल – आत्मबल।

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