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Gujarat Board Solutions Class 10 Social Science Chapter 20 भारत की सामाजिक समस्याएँ और चुनौतियाँ

Gujarat Board Solutions Class 10 Social Science Chapter 20 भारत की सामाजिक समस्याएँ और चुनौतियाँ

Class 10 GSEB Solutions Social Science Chapter 20 भारत की सामाजिक समस्याएँ और चुनौतियाँ

GSEB Class 10 Social Science Important Questions Chapter 20 भारत की सामाजिक समस्याएँ और चुनौतियाँ

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए:

प्रश्न 1.
केवल अनुसूचित जातियों और केवल जनजातियों के लिए संवैधानिक व्यवस्थाओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
केवल अनुसूचित जातियों के लिए नियम –
(1) आर्टिकल 17 के अनुसार अस्पृश्यता समाप्त की गयी है और किसी भी स्वरूप में उसको अमली करने से मना किया गया है । अस्पृश्यता के कारण लादी जानेवाली कोई भी अयोग्यता कानूनन सजा का पात्र और गुनाह माना जाता है ।
(2)  आर्टिकल 25 के अनुसार राज्य को सामाजिक कल्याण और सुधार के लिए या सार्वजनिक कही जाये ऐसी हिन्दु धार्मिक संस्थाओं को हिन्दुओं के सभी वर्गों और विभागों के लिए मुफ्त कानून करना और उसके अंगों का अमल में हो ऐसा कानून चालु रखने का अधिकार मिलता है । उसमें हिन्दुओं के उल्लेख में शिक्ख, जैन अथवा बौद्ध धर्म पालनेवाले को और हिन्दु धार्मिक संस्थाओं के उल्लेख में सिक्ख, जैन अथवा बौद्ध धार्मिक संस्थाओं का भी समावेश होता है ।

केवल अनुसूचित जनजातिओं के लिए व्यवस्थाएँ –
आर्टिकल 19 (5) से राज्यों का राज्यपालों को अनुसूचित जनजातियों के हित में सभी नागरिकों का किसी भी प्रदेश में आनेजाने का, रहने का, सम्पत्ति का संपादन करना, कोई भी व्यापार धंधा करना, सामान्य अधिकारों पर नियंत्रण रखने की सत्ता देता है । इससे उन अनुसूचित जनजातिओं के विस्तारों में जमीन की अदलाबदली, पूँजी देनेवाला तथा अन्य प्रकार से अनुसूचित जनजातियों के होनेवाले शोषण को रोकना तथा उससे उनकी रक्षा करना मुख्य कानून करने का अधिकार होता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर लिखिए:

प्रश्न 1.
लघुमतियों के विकास और कल्याण के लिए संवैधानिक व्यवस्थाओं का परिचय दीजिए ।
उत्तर:
लघुमतियों के लिए संविधान में निम्न व्यवस्थाएँ की गयी है : लघुमतियों के हितों और उनके कल्याण तथा विकास के लिए राष्ट्रीय लघुमति (अल्पसंख्यक) आयोग की स्थापना की गयी है ।

  1. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार लघुमतियों को विश्वास देता है कि वह अपने धर्म के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन के लिए प्रयत्न कर सकते है । कानून बलपूर्वक धर्मान्तरण को मान्यता नहीं देता ।
  2. सरकारी सहायता लेती किसी भी शिक्षण संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दे सकते । सभी धार्मिक समुदायों को उनके धार्मिक व्यवस्थापन और धार्मिक कार्यों के लिए संपत्ति प्राप्त करने उनकी देखरेख करने का अधिकार है ।
  3. सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार द्वारा अल्पसंख्यक अपनी लिपि और संस्कृति की रक्षा कर सकते है । सरकारी सहायता लेनेवाली किसी भी संस्था में धर्म, वंश, जाति, वर्ण या भाषा के आधार पर किसी को भी प्रवेश प्राप्त करने से रोक नहीं सकते ।
  4. समाज के सभी वर्गों को अपनी इच्छा से भाषा, लिपि को बनाए रखने के लिए शिक्षण संस्था स्थापित करने और चलाने का अधिकार है । भारत में अल्पसंख्यकों का प्राथमिक शिक्षा उनकी मात्रा भाषा में मिले ऐसी सुविधा राज्य सरकार देती है ।

प्रश्न 2.
आतंकवाद का एक वैश्विक समस्या के रूप में परिचय दीजिए ।
उत्तर:
यह कुछ गिने चुने लोगों द्वारा संगठित, आयोजित तथा जानबूझकर किया जानेवाला भयभीत हिंसात्मक कृत्य है ।

  1. यह एक राजकीय रूप से प्रेरित हिंसा है जिसका एक मात्र उद्देश्य वर्तमान शासन व्यवस्था को नष्ट कर देना या चुनौती देना यह जान बैलाने या बल के प्रयोग का एक हथियार है ।
  2. अपनी माँग को पूरी करवाने के हेतु से मानसिक तनाव बनाने के लिए वे हिंसा का उपयोग करते हैं ।
  3. नागरिक, निश्चित लोगों का समुदाय अथवा सैनिकों, सरकार, राज्य सरकार आदि उनका लक्ष्य होता है ।
  4. वे हमेशा के लिए गैरकानूनी, अमानवीय तथा लोकतंत्र के विरोधी होता है ।
  5. विकास को समाप्त करनेवाला कृत्य यह आतंक से भरा होता है ।
  6. वे मानवाधिकारों को नहीं मानते है ।
  7. भाईचारे की अपेक्षा दुश्मनावट को अधिक मानते हैं ।

प्रश्न 3.
पूर्वी भारत के राज्यों में विद्रोही संगठनों की संक्षिप्त में जानकारी दीजिए ।
उत्तर:

  1. नागालैण्ड – N.S.C.N. (नेशनल सोश्यालिस्ट काउन्सिल ऑफ नागालैण्ड)
  2. मणिपुर – K.N.E. (कुकी नेशनल फ्रन्ट) K.N.A. (कुकी नेशनल आर्मी)
  3. त्रिपुरा – N.L.ET. (नेशनल लिबरेशन फ्रन्ट ऑफ त्रिपुरा) A.T.T.E (ऑल त्रिपुरा टाईगर्स फोर्स) T.U.J.S. (त्रिपुरा उपनीसि जुपा समिति)
  4. असम – उल्फा (युनाइटेड लिबरेशन फ्रन्ट ऑफ असम) U.M.E (युनाइटेड माइनोरीटी फ्रन्ट), N.D.E.B. (नेशनल डेमोक्रेटीक फ्रन्ट ऑफ बोडोलैण्ड) B.L.T.E (बोडोलैण्ड लिबरेशन टाईगर फोर्स)

प्रश्न 4.
अनुसूचित जाति और जनजाति में किस-किस का समावेश होता है ?
उत्तर:
अनुसूचित जाति (Schedules Cast) निश्चित करने के लिए अस्पृश्यता को आधार बनाया जाता है । वे जातियाँ अनुसूचित जाति के रूप में जानी जाती हैं । हिन्दु और शिक्ख धर्म का पालन करनेवाले व्यक्तियों के अलावा कोई भी जाति का इस सूचि में समावेश नहीं किया गया है। कारण कि अस्पृश्यता केवल हिन्दू और सिक्ख धर्म में ही थी । अनुसूचित जाति में समावेश कोई भी व्यक्ति या शिक्ख धर्म के अलावा धर्म का स्वीकार करे, परिवर्तन करे तो उसको अनुसूचित जाति के आधार पर दी गयी सुविधाएँ वापस ले ली जाती है ।

परंतु अनुसूचित जनजाति को लाभ चालु रखा जाता है । अनुसूचित जनजातियाँ (Schedules Tribe) में ऐसे लोगों का समावेश किया जाता है कि जो अधिकतर जंगल या पहाड़ी विस्तारों में रहते हैं । जो आज भी योग्य मात्रा में सामाजिक, आर्थिक संसाधनों तक पहुँच नहीं सके है । इस प्रकार भौगोलिक दृष्टि से सामान्य समाज से अलग सामाजिक जीवन, भिन्न संस्कृति, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन भोगनेवालों को अनुसूचित जनजाति के रूप में जाना जाता है ।

प्रश्न 5.
कमजोर वर्गों के विकास के लिए क्या संवैधानिक प्रावधान किये गये है ?
उत्तर:
भारतीय संविधान के सभी नागरिकों को समान रूप से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय प्रदान किये है ।

  1. भारत के संविधान में दर्शाए अनुसार जाति, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जायेगा । प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर और समान पद प्राप्त हो, इसका भी संविधान में उल्लेख किया गया है ।
  2. इसके उपरांत राज्यों को ऐसा भी अधिकार दिया गया है कि उसे कल्याणकारी दायित्व निभाना तथा कमजोर और पिछड़े वर्गों की रक्षा करने के कुछ मूलभूत अधिकारों पर भी संविधान में रहकर योग्य प्रतिबंध लगा सकते है ।
  3. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार किसी भी धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता रखता है ।
  4. लघुमति, कमजोर वर्ग और पिछड़े वर्गों को संवैधानिक अधिकार का मुख्य उद्देश्य है कि उन्हें राष्ट्र में समान अवसर, न्याय और पद देता है ।
  5. राष्ट्र की पंचवर्षीय योजनाओं में भी इन सभी वर्गों के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
सांप्रदायिकता के क्या परिणाम निकलते है ?
उत्तर:
सांप्रदायिकता देश में सामाजिक तनाव उत्पन्न करती है ।

  • व्यक्ति अपने बंधुओं को विरोधी मानता है । जिससे समाज में मतभेद और घृणा का वातावरण उत्पन्न होता है ।
  • सांप्रदायिक तनाव से सांप्रदायिक हिंसा या झगड़े होते है ।
  • ये सभी बातें लोकतांत्रिक विचारधारा, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र के विकास के लिए भी खतरा है ।

प्रश्न 2.
सांप्रदायिकता दूर करने में शिक्षण संस्थाएँ कैसी भूमिका निभा सकती है ?
उत्तर:
सांप्रदायिकता दूर करने में शिक्षण संस्थाएँ प्रभावशाली भूमिका निभा सकती है । हमारे शिक्षण में और पाठ्यक्रम में सभी धर्मों की अच्छी बातें शामिल की जाती है । तथा विद्यालयों में आयोजित की जानेवाली सर्वधर्म प्रार्थनाओं, सामाजिक पर्व मनाना आदि प्रवृत्तियों से बालकों में सभी धर्मों के प्रति आदरभाव उत्पन्न होता है ।

प्रश्न 3.
आर्टिकल 25 में क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
आर्टिकल 25 के अनुसार राज्यों के सामाजिक कल्याण और सुधार के लिए सार्वजनिक मानी जा सके ऐसी हिन्दू-धार्मिक संस्थाओं को हिन्दुओं के सभी वर्गों और विभागों के लिए सार्वत्रिक प्रवेश के लिए समान कानून करना यदि इस संबंध में अमल में हो ऐसा कोई भी कानून चालू रखने का अधिकार है । इस प्रकार हिन्दुओं के उल्लेख में शिक्ख, जैन अथवा बौद्ध धर्म पालनेवालों और हिन्दू धार्मिक संस्थाओं के उल्लेख में शिक्ख, बौद्ध और जैन धार्मिक संस्थाओं का भी उल्लेख कर सकते है ।

प्रश्न 4.
आतंकवाद और भारत संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
आतंकवाद प्रादेशिक अखंडितता तथा संवैधानिक व्यवस्था के समक्ष चुनौती है । भारत इस चुनौती का सामना करने के लिए मजबूत और कृतनिश्चयी है । मात्र भारत में होनेवाले आतंकवाद का ही भारत विरोध करता है, ऐसा नहीं है । किसी भी देश । में होनेवाले आतंकवाद का विरोध करता रहा है । भारत ने कभी भी आतंकवाद का बचाव नहीं किया है ।

प्रश्न 5.
उत्तरी पूर्वी भारत में विद्रोही प्रवृत्तियों की संक्षिप्त में जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज तक उत्तरी-पूर्वी विद्रोही प्रवृत्तियाँ एक स्थानीय समस्या बनी हुई है । अनेक जनजातियाँ, वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्रों, विभिन्न विद्रोही संगठनों के बीच तालमेल और कुछ क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा विदेशी एजन्सीयों के हस्तक्षेप आदि कारणों से इन क्षेत्रों में विद्रोह की समस्या जटिल बनी है । यहाँ विद्रोही संगठनों के बीच अलग राज्य की माँग, अपने राज्य के आर्थिक हित साधने और गैरकानूनी वसवाटों के कारण संघर्ष होता है । जिसके कारण आर्थिक, सामाजिक, प्रशासनिक और राजनैतिक व्यवस्था को हानि पहुँचती है ।

निम्नलिखित विषयों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:

प्रश्न 1.
अनुसूचित जातियाँ और जनजातियाँ :
उत्तर:
भारत के संविधान में अनुसूचित जातियों और जनजातियों की कोई निश्चित व्याख्या नहीं है । संबंधित राज्य के राज्यपाल की सलाह से राष्ट्रपति के आदेश द्वारा उसका विशेष उल्लेख किया गया है । भारत के समक्ष अनेक चुनौतियों में से एक चुनौती जातिवाद जो हम उनसे जानते है । जातिवाद के कारण कितनी जातियों का शोषण रोका गया है । उसके सामने के अन्याय को दूर कर रक्षण करना, समानता और भातृभाव से उसमें रही संकुचितता दूर करना और उनका सामाजिक, आर्थिक, राजकीय और शैक्षणिक विकास हो इसके लिए भारत के संविधान में कितने विशिष्ट संशोधन किये गए हैं ।

इस संशोधन से कितनी जातिओं को विशेष अधिकार, छुटछाट, सुविधाएँ और सहायता मिले इसके लिए संविधान में उसके अलग अनुसूचिओं (Schedules) बनी है । संविधान की कलम 341 के अनुसार अनुसूचित में समावेश जातिओं को अनुसूचित जातियों (schedules cast) के रूप में जाना जाता है । जब संविधान की कलम 342 के अनुसार अनुसूचि के रूप में समावेश जातिओं को अनुसूचित जनजातिओं (schedules tribes) के रूप में पहचाना जाता है । अनुसूचि 341 और 342 में जाति – जाति की सुचि भारत के राष्ट्रपति निश्चित करके घोषित करते है ।

प्रश्न 2.
सांप्रदायिकता :
उत्तर:
धर्मश्रद्धा और आस्था का विषय है । मनुष्य किसी न किसी धर्म को मानता है ।

  • भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जिससे संकुचित सांप्रदायिकता का आचरण संविधान के विरुद्ध है ।
  • जब कोई भी समूह या समुदाय किसी कारण दूसरे धर्म या संप्रदाय का विरोध करे, तब सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होता है । किसी भी धर्म या संप्रदाय के लोग अन्य धर्मों की तुलना में अपने संप्रदाय को श्रेष्ठ बताने का प्रयास करे और अपने धार्मिक हित को अधिक महत्त्व दे, तब वह प्रत्येक नागरिक को व्यक्तिगत रूप से नहीं परंतु सांप्रदायिक रूप से देखता है और ऐसी विचारधारा
    समाज को विभाजन की ओर ले जाती है ।
  • सांप्रदायिकता के कारण देश में सामाजिक तनाव उत्पन्न होता है । व्यक्ति अपने ही बंधुओं को अपना शत्रु मानता है ।
  • समाज में मतभेद और घृणा का वातावरण उत्पन्न होता है । सांप्रदायिक तनाव से सांप्रदायिक हिंसा के झगड़े होते है  ये सभी बातें लोकतांत्रिक विचारधारा, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र के विकास के लिए भी खतरनाक है ।

प्रश्न 3.
काश्मीर में आतंकवाद :
उत्तर:
अंग्रेज भारत को खण्डों में विभाजित कर के गए । इसके बाद कश्मीर के कुछ भाग पर पाकिस्तान ने अपना कब्जा जमा रखा है । जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न भाग होते हुए भी पाकिस्तान ने कई बार उसे प्राप्त करने का प्रयास किया है । कईबार युद्ध भी हुआ है किन्तु हर बार पाकिस्तान को अपने जवानों ने शर्मजनक पराजय दी है ।

1988 के बाद कश्मीर में आतंकवाद बढ़ गया है । कश्मीर के आतंकवाद को सीमा पार से सतत मदद मिलती रहती है, केवल मदद ही नहीं अपितु आतंकवादियों की छावनियाँ और तालीम केन्द्र भी सीमापार क्षेत्र में है, ऐसे समाचार बार-बार प्रसिद्ध हुए हैं । सीमापार से तालीम और अत्याधुनिक शस्त्र लेकर आनेवाले आतंकवादियों ने कश्मीर प्रदेश में क्रूर आतंक फैलाने के लिए घुसपैठ करते हैं । हत्या, अपहरण, बॉम्ब विस्फोट वगैरह से वहाँ के निवासियों को भयभीत किए रखते हैं । परिणामस्वरूप बहुत से कश्मीरियों ने स्थानांतरण किया । आज ऐसे हजारों परिवार कश्मीर के बाहर शरणार्थी के रूप में जी रहे हैं । कश्मीर का आतंकवाद कुछ वर्षों से घटा है।

सही जोड़े मिलाइए:

1.

राज्य विद्रोही संगठन
1. नागालैण्ड (अ) एन.एल.एफ.टी.
2. मणिपुर (ब) एन.एस.सी.एन.
3. त्रिपुरा (क) उल्फा
4. असम (ड) के.एन.एफ.

उत्तर:

राज्य विद्रोही संगठन
1. नागालैण्ड (ब) एन.एस.सी.एन.
2. मणिपुर (ड) के.एन.एफ.
3. त्रिपुरा (अ) एन.एल.एफ.टी.
4. असम (क) उल्फा

2.

राज्य विद्रोही संगठन
1. मणिपुर (अ) K.N.A.
2. त्रिपुरा (ब) U.M.E
3. असम (क) A.T.T.E

उत्तर:

राज्य विद्रोही संगठन
1. मणिपुर (अ) K.N.A
2. त्रिपुरा (क) A.T.T.E
3. असम (ब) U.M.E

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए:

प्रश्न 1.
भारत की दो मुख्य सामाजिक समस्याएँ कौन-कौन-सी है ?
उत्तर:
(1) सांप्रदायिकता और
(2) जातिवाद ।

प्रश्न 2.
सांप्रदायिक तनाव कब उत्पन्न होता है ?
उत्तर:
जब किसी धार्मिक समूह या समुदाय किसी कारण अन्य धर्म या संप्रदाय का विरोध करे तब सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होता है ।

प्रश्न 3.
लघुमति किसे कहते हैं ?
उत्तर:
लघुमति ऐसे लोकसमूह को कहा जाता है जो धर्म या भाषा के आधार पर किसी निश्चित प्रदेश या प्रदेशों में बहुमति में न हो ।

प्रश्न 4.
अनुसूचित जनजाति किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जंगली और पर्वतीय क्षेत्रों में रहनेवाले, सामान्य लोगों से आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े है ।

प्रश्न 5.
आर्टिकल-15 में क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
आर्टिकल-15 में केवल धर्म, जाति, जन्म स्थान या उसमें से किसी भी बात में भेदभाव नहीं किया जा सकता ।

प्रश्न 6.
आर्टिकल-46 में क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों की कलम 46 के अनुसार राज्य के अनुसूचित जातियों और जनजातियों के शिक्षण और आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके इसके लिए विशेष ध्यान रख्नेगा और किसी भी प्रकार के शोषण के विरुद्ध रक्षा करेगा ।

प्रश्न 7.
किन अनुच्छेदों के अंतर्गत विधानमण्डलों में आरक्षण का प्रावधान किया गया है ?
उत्तर:
अनुच्छेद 330, 332, 334 में अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए विधानसभा और राज्यसभा में आरक्षण का प्रावधान किया गया है ।

प्रश्न 8.
डॉ. आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार किसे दिया जाता है ?
उत्तर:
डॉ. आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार ऐसे व्यक्ति, संस्था को दिया जाता है जो कमजोर वर्गों को सामाजिक समज, उद्धार, परिवर्तन, क्षमता, न्याय और मानव गरिमा के लिए कार्य करता हो ।

प्रश्न 9.
आर्टिकल-25 के अनुसार हिन्दु धार्मिक संस्थाओं से क्या आशय है ?
उत्तर:
आर्टिकल-25 के अनुसार हिन्दु धार्मिक संस्थाओं में शिख, जैन और बौद्ध धर्म पालन करनेवालों से है ।

प्रश्न 10.
आर्टिकल-17 में क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
संविधान की कलम 17 के तहत अस्पृश्यता समाप्त की गयी है । अस्पृश्यता से फलित होते किसी भी गेरआचरण को कानून के तहत दण्डनीय अपराध माना जाता है ।

प्रश्न 11.
आतंकवादी कौन-कौन सी प्रवृत्तियाँ करते है ?
उत्तर:
आतंकवादी आत्मघाती हमला, बॉम्ब फेंकना, हथियार फैंकना/हेराफेरी और उनका उपयोग, अपहरण, विमान हाइजेक करना, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे हिंसात्मक कार्य करते है ।

प्रश्न 12.
आतंकवाद किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा संगठित, आयोजित तथा जान बूझकर किया जानेवाला भयभीत-हिंसात्मक कृत्य है ।

प्रश्न 13.
विद्रोह क्यों होता है ?
उत्तर:
स्थानीय असंतोष से विद्रोह का जन्म होता है ।

प्रश्न 14.
पूर्वी भारत में विद्रोह क्यों होता है ?
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय सीमा और विदेशी हस्तक्षेप के कारण पूर्वी भारत में विद्रोह उत्पन्न होता है ।

प्रश्न 15.
पूर्वी भारत में विद्रोही संगठनों के बीच संघर्ष क्यों पाया जाता है ?
उत्तर:
अलग राज्य की माँग, राजकीय-आर्थिक हितों को स्थापित करने और गैरकानूनी बस्तियों के कारण पूर्वी भारत के विद्रोही संगठनों के बीच संघर्ष पाया जाता है ।

प्रश्न 16.
असम के विद्रोही संगठन कौन-कौन से है ?
उत्तर:
असम में उल्फा , U.M.F., N.D.E.B. और B.L.T.E मुख्य विद्रोही संगठन है ।

प्रश्न 17.
त्रिपुरा के मुख्य विद्रोही संगठनों के नाम बताइए ।
उत्तर:
त्रिपुरा में N.L.E.T., A.T.T.F. और T.U.T.S. मुख्य विद्रोही संगठन सक्रिय है ।

प्रश्न 18.
मणिपुर में सक्रिय दो मुख्य विद्रोही संगठनों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
(1) K.N.E – कूकी नेशनल फ्रन्ट
(2) K.N.A. – कूकी नेशनल आर्मी ।

प्रश्न 19.
नक्सलवाद किन राज्यों में सक्रिय है ?
उत्तर:
पं. बंगाल, झारखण्ड, बिहार, आंध्रप्रदेश, केरल, उड़ीसा, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश आदि ।

प्रश्न 20.
नक्सलवाद के दो संगठन कौन-से है ?
उत्तर:

  1. पिपल्स वार ग्रुप
  2. माओवादी साम्यवादी केन्द्र ।

निम्नलिखित विधानों के कारण दीजिए:

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय एकता के सामने गंभीर चुनौति उत्पन्न हुई है ।
उत्तर:
देश को स्वतंत्रता दिलाने में विविध धर्म, जाति, भाषावाले लोगों का सामूहिक पुरुषार्थ किया और जिसके प्रयत्नों के परिणामस्वरूप हमने महामूल्यवान स्वतंत्रता प्राप्त की है ।

  • स्वतंत्रता आंदोलन के दरम्यान पाये जानेवाले सद्भाव, एकता, सहिष्णुता आदि में स्वतंत्रता के बाद नष्ट हो गये प्रतीत होते है । जातिगत झगडे, सांप्रदायिक संघर्ष, प्रादेशिक हिंसा आदि देश में शांति और विकास को बाधक नकारात्मक परिबल पाये जाते
  • ये देश के लिए सामाजिक सद्भाव, बिनसांप्रदायिकता, लोकतांत्रिक मूल्यों, राष्ट्रीय एकता के सामने गंभीर चुनौती है ।

प्रश्न 2.
लघुमती का विचार किसी धर्म, भाषा या प्रदेश तक सीमित नहीं है ।
उत्तर:
लघुमति ऐसे लोक समुह को कहा जाता है कि जो धर्म के आधार पर किसी निश्चित प्रदेश या प्रदेशों में बहुमति में नहीं होती है । भारतीय संविधान में लघुमति के लिए स्पष्ट व्याख्या नहीं की है । देश या प्रदेश की कुछ जनसंख्या की आधी से कम संख्यावाले लोग समूह को लघुमति कहा जा सकता है । राष्ट्रीय स्तर पर लघुमतिओं की तरह राज्य स्तर पर स्थानिक अथवा प्रादेशिक लघुमति और भी ध्यान देना पड़ता है । इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर लघुमति की संकल्पना, राज्य स्तर की संकल्पना से बिलकुल भिन्न है ।

इसलिए कोई भी लोक समुदाय किसी प्रदेश – राज्य की कुल जन संख्या प्रमाण में बहुमति होता है । तो राष्ट्रीय लघुमति में हो सकता है और उसके विरुद्ध में जो राज्य में लघुमति में हो वह वर्ग राष्ट्र में बहुमत में भी हो सकती है । इसलिए लघुमति विचार किसी धर्म, भाषा या प्रदेश तक सीमित नहीं है ।

प्रश्न 3.
भारत में सामाजिक संरचना जातिवाद पर आधारित है ।
उत्तर:
भारत की सामाजिक संरचना जातिवाद पर आधारित है । जातिवाद की प्रारंभिक संकल्पना जो आज है उससे प्राचीन समय में भिन्न थी । प्रारंभिक संकल्पना के अनुसार यह चार व्यवसायों पर आधारित वर्ण व्यवस्था (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र) थी । प्रत्येक जाति स्वयं के हिस्से में आनेवाले व्यवसाय को कर सकते थे । नीची माने जानेवाली जातियों के व्यवसाय हल्के और निम्नकक्षा के माने जाते थे ।

इन जातियों की बस्तियाँ ग्राम्य विस्तार में, गाँव के बाहर और शहरी विस्तार में शहर की निश्चित हद में अलग रखा जाता था । उन्हें सामाजिक और धार्मिक अधिकारों से रखने में आता था । पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हें कम आयवाला निम्न स्तर के व्यवसायों में ही रहने से और समाज के अन्य समूहों से अलग रहने से उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत ही कमजोर रही है ।

प्रश्न 4.
ब्रिटिश शासन के पूर्व जातियों की आर्थिक स्थिति खराब और विकास रूक गया था ।
उत्तर:
भारत में ब्रिटिशकाल से पूर्व के समय में किसी भी जाति को अन्य समूहों से दूर, सरलता से पहुँचा न जा सके ऐसे दुर्गम जंगलों और पहाड़ी विस्तारों में अलग रखा जाता था । ये जातियाँ अन्य जातिओं से अलग सामूहिक जीवन जीती थी । उनका सामाजिक जीवन और संस्कृति अन्य सामाजिक समूहों से अलग था । वे लिपिबद्ध भाषा नहीं जानते थे। उनकी स्वयं विशिष्ट बोली थी। इस जाति के लोग भी पीढ़ी दर पीढ़ी अलग बस्तियाँ, एकाकी जीवन आदि के कारण विकास नहीं हो सका । परिणामस्वरूप उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब रही थी और उनका विकास रूक गया था ।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
इन में से कौन-सा विधान असत्य है ?
(A) सांप्रदायिकता से सामाजिक तनाव उत्पन्न होता है ।
(B) सांप्रदायिकता दूर करने में सबसे प्रभावशाली कार्य शिक्षा कर सकती है ।
(C) हमारे संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है ।
(D) पंचवर्षीय योजनाओं में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए विशेष प्रावधान किये गये थे।
उत्तर:
(D) पंचवर्षीय योजनाओं में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए विशेष प्रावधान किये गये थे।

प्रश्न 2.
भारत में सामाजिक संरचना किस पर आधारित है ?
(A) धर्म
(B) आर्थिक
(C) जाति
(D) संप्रदाय
उत्तर:
(D) संप्रदाय

प्रश्न 3.
अनुसूचित जातियों का समावेश संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है ?
(A) 340
(B) 341
(C) 342
(D) 370
उत्तर:
(B) 341

प्रश्न 4.
संविधान के किस अनुच्छेद में अनुसूचित जनजातियों का समावेश है ?
(A) 340
(B) 341
(C) 342
(D) 345
उत्तर:
(C) 342

प्रश्न 5.
किस आर्टिकल के तहत नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि, संस्कृति को बचाने के लिए शिक्षण संस्था खोलने का अधिकार है ?
(A) आर्टिकल-15
(B) आर्टिकल-29
(C) आर्टिकल-330
(D) आर्टिकल-16
उत्तर:
(D) आर्टिकल-16

प्रश्न 6.
किस अनुच्छेद में सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है ?
(A) आर्टिकल-15
(B) आर्टिकल-29
(C) आर्टिकल-16
(D) आर्टिकल-17(2)
उत्तर:
(C) आर्टिकल-16

प्रश्न 7.
इनमें से किस सदन में आरक्षण का प्रावधान किया गया है ?
(A) विधानसभा
(B) राज्यसभा
(C) लोकसभा
(D) इन सभी में
उत्तर:
(B) राज्यसभा

प्रश्न 8.
भारत में नक्सलवाद का आरंभ कब हुआ ?
(A) 1967
(B) 1988
(C) 1972
(D) 1951
उत्तर:
(A) 1967

प्रश्न 9.
सन् …………………………….. के बाद कश्मीर में आतंकवादी प्रवृत्तियाँ बढ़ गयी थी ।
(A) 1967
(B) 1988
(C) 1992
(D) 2001
उत्तर:
(B) 1988

प्रश्न 10.
A.T.T.E. विद्रोही संगठन का संबंध किस राज्य से है ?
(A) असम
(B) आंध्रप्रदेश
(C) त्रिपुरा
(D) मणिपुर
उत्तर:
(C) त्रिपुरा

प्रश्न 11.
कौन-सा विद्रोही संगठन असम में सक्रिय नहीं है ?
(A) उल्फा
(B) UMF
(C) NDFB
(D) KNA
उत्तर:
(D) KNA

प्रश्न 12.
किसका संबंध मणिपुर से है ?
(A) KNA
(B) TUJS
(C) KNF
(D) A और C
उत्तर:
(D) A और C

प्रश्न 13.
निम्न में से कौन-सा जोड़ा असत्य है ?
(A) नक्सलवाद – पं. बंगाल
(B) NSCN – मणिपुर
(C) NLFT – त्रिपुरा
(D) UMF – असम
उत्तर:
(B) NSCN – मणिपुर

उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

1. …………… समाज को विघटन की ओर ले जाता है।
उत्तर:
(आतंकवाद)

2. …………… श्रद्धा और आस्था का विषय है।
उत्तर:
(धर्म)

3. धार्मिक दृष्टि से भारत एक …………….. देश है।
उत्तर:
(धर्मनिरपेक्ष)

4. ……………. व्यक्ति समाज और राष्ट्र के विकास में अवरोधक है।
उत्तर:
(सांप्रदायिकता)

5. ………… का अधिकार किसी भी धर्म के पालन की स्वतंत्रता देता है।
उत्तर:
(धार्मिक स्वतंत्रता)

6. अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए …………….. की रचना की गयी है।
उत्तर:
(राष्ट्रीय आयोग)

7. आर्टिकल ……………….. द्वारा अस्पृश्यता समाप्त की गयी।
उत्तर:
(17)

8. आर्टिकल-15 में ………….. के लिए समानता का दर्जा दिया गया है।
उत्तर:
(समानता)

9. इक्वीसमीं सदी में ……………….. मानव समाज के लिए एक समस्या बना हुआ है।
उत्तर:

10. ………….. में राज्यों के राज्यपाल को अनुसूचित जनजातियों के हित में अनुचित व्यवहार को नियंत्रित रखता है।
उत्तर:
(19(5))

11. ………… स्थानीय असंतोष से उत्पन्न होता है।
उत्तर:
(विद्रोह)

12. ………………………….. के दिन भारत स्वतंत्र हुआ था।
उत्तर:
(15 अगस्त, 1947)

13. T.U.J.S. विद्रोही संगठन …………………. में सक्रिय है।
उत्तर:
(त्रिपुरा)

14. …………… के नेतृत्व में चीनी साम्यवादी क्रांति हुई थी।
उत्तर:
(माओ-त्से-तुंग)

15. भारत में सर्वप्रथम बंगाल के ……………… गाँव से नक्सलवादी विद्रोह का आरंभ हुआ था।
उत्तर:
(नक्सलवारी)

GSEB Class 10 Social Science भारत की सामाजिक समस्याएँ और चुनौतियाँ Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए:

प्रश्न 1.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण और विकास के लिए संवैधानिक प्रावधानों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के विकास और कल्याण के लिए संविधान में कुछ महत्त्वपूर्ण संशोधन किये गये है, जो निम्नानुसार है।
(अ) सामान्य व्यवस्थाएँ:
(1) संविधान आर्टिकल 15 के अनुसार : केवल धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान अथवा उसके किसी के आधार
(क) राज्य किसी भी नागरिक के प्रति भेदभाव नहीं रख सकता ।
(ख) दुकानों, रेस्टोरन्ट, होटलों और मनोरंजन के स्थान में प्रवेश पाने हेतु अथवा
(ग) कुँआ, तालाब, नहाने के घाट, रस्ताओं, सर्वांग अथवा अंशत: राज्य की ओर से मिलनेवाली अथवा सार्वजनिक जनता के उपयोग के लिए अर्पण किए गए स्थानों के उपयोग हेतु, कोई भी नागरिक पर किसी प्रकार की गैर लायकात, जवाबदारी, नियंत्रण अथवा शर्ते लागु नहीं हो सकती।

(2) आर्टिकल 29 के अनुसार :
(क) भारत के प्रदेश में अथवा उसके कोई भी भाग में रहनेवाले कोई भी नागरिक जो कोई विशिष्ट भाषा, लिपि या अपनी कह सके ऐसी संस्कृति रखता हो तो उसे ध्यान रखने का उसे अधिकार रहेगा और
(ख) केवल धर्म, जाति, भाषा या उसके किसी के द्वारा राज्य की ओर से मिलनेवाली अथवा द्वितीय सहाय से चलनेवाली शिक्षण की किसी भी संस्था में किसी भी नागरिक को प्रवेश मिलने से रोका नहीं जा सकता है ।

विशेष व्यवस्थाएँ:

  1. आर्टिकल 46 में राज्य की नीति का एक महत्त्व का मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुसार राज्य प्रजा के पिछडे विभागे और मुख्य रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का शैक्षणिक और आर्थिक हितों की जवाबदारी लेगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण के सामने उसकी रक्षा करेगा ।
  2. आर्टिकल 16(4) के अनुसार राज्य हस्तक की नोकरीओं का कुछ पीछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व बराबर हुआ नहीं है । ऐसा राज्य को लगे तो उसके लिए जगह अथवा नियुक्तियाँ आरक्षित रखने की छुटछाट राज्य का अधिकार रहेगा ।
  3. आर्टिकल 330, 332 और 334 के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए राज्य की विधानसभा और केन्द्र में लोकसभा में उसके लिए कुछ स्थान आरक्षित रखे गये है । केन्द्र में राज्य सभा में कोई स्थान आरक्षित नहीं रखी गयी है ।
  4. ग्राम पंचायत और नगरपालिका में भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कुछ स्थान आरक्षित रख्ने गये है ।
  5. पंचवर्षीय योजनाओं के द्वारा अनेक कार्यक्रमों उसमें आर्थिक, शैक्षणिक, स्वस्थ्य रहने के लिए कानून की मदद के लिए की गयी
  6. सरकारी नोकरीओं में उस जाति के उमेदवारों के लिए उम्र की तथा लायकात में कई छूटछाट दी गयी है ।
  7. शैक्षणिक विकास के अर्थ में आश्रम स्कुल शुरू किये गये हैं।

प्रश्न 2.
आतंकवाद के सामाजिक प्रभाव बताइए ।
उत्तर:
आतंकवाद समाज को विघटन की तरफ ले जाता है ।

  1. आतंकवादी भय, लूटफाट, हिंसा जैसी प्रवृत्तियाँ करके लोगों में संदेह, भय उत्पन्न करते है । छोटे बालकों से वृद्धों पर इस भय.. का प्रभाव पड़ता है ।
  2. आतंकवाद पीडित प्रदेशों में विद्यार्थियों के शिक्षण पर प्रभाव पड़ता है ।
  3. आतंकवाद के कारण समाज के लोगों का एक-दूसरे पर विश्वास कम होता है । परस्पर भाईचारे की भावना घटती जाती है ।
  4. कईबार सांप्रदायिक झगड़े उत्पन्न होते है और उनके परिणामस्वरूप समाज व्यवस्था छिन्न-भिन्न होती है । समाज में अव्यवस्था और अशांति उत्पन्न होती है ।
  5. आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में लोग सामाजिक उत्सव उत्साह के साथ नहीं मनाते है जिसके परिणामस्वरूप लोगों के बीच का संबंध कट जाता है ।
  6. एक-दूसरे गाँव-शहर, राज्य के बीच का अंतर व्यवहार कम हो जाता है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर लिखिए:

प्रश्न 1.
सांप्रदायिकता को दूर करने के उपाय लिखिए ।
उत्तर:
सांप्रदायिकता को दूर करने के उपाय निम्नानुसार करने चाहिए:

  • सर्वप्रथम नागरिक और सरकारे सांप्रदायिक तत्त्वों के विरुद्ध सखतापूर्वक सामना करना पड़ेगा और उसे दूर करने के प्रयत्न करने पड़ेंगे ।
  • सांप्रदायिकता दूर करने का प्रभावशाली कार्य शिक्षा कर सकती है। हमारी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में सभी धर्मों की अच्छी बातों को शामिल करना चाहिए । इसी तरह विद्यालयों में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थनाओं, सामाजिक पर्व मनाने जैसी प्रवृत्तियाँ बालकों में सभी धर्मों के प्रति आदरभाव उत्पन्न करते है ।
  • सांप्रदायिक विचार पर आधारित राजनैतिक दलों को मान्यता नहीं देनी चाहिए । चुनाव के लिए विशेष आचारसंहिता का पालन करवाना चाहिए ।
  • रेडियो, टी.वी., सिनेमा सामान्य नागरिक तक पहुँचने के श्रेष्ठ दृश्य-श्राव्य माध्यम है । उन्हें सर्वधर्म समभाव, सहिष्णुता का प्रसार करना चाहिए । राष्ट्रीय और राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन मिले ऐसे कार्यक्रम प्रसारित करने चाहिए ।
  • धर्मगुरुओं और राजनेताओं को साथ मिलकर देश के विकास के लिए सांप्रदायिकता को समाप्त करने के प्रयत्न करने चाहिए ।
  • सांप्रदायिकता दूर हो इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिए । युवाओं में सांप्रदायिकता के स्थान पर बिन सांप्रदायिकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो ऐसे प्रयत्न सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में होने चाहिए ।
  • धर्म, जाति, प्रांत, भाषा से ऊपर राष्ट्रहित, राष्ट्रगौरव है ऐसी समझ लोगों को बाँधे रखती है और वह राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकता को पोषित करती है ।

प्रश्न 2.
अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए संवैधानिक प्रावधानों का परिचय दीजिए ।

प्रश्न 3.
आतंकवाद के आर्थिक प्रभाव समझाइए !
उत्तर:
आतंकवाद के परिणामस्वरूप व्यापार-उद्योगों के लिए प्रोत्साहक वातावरण का निर्माण नहीं होता । जिससे प्रदेशों के व्यापार उद्योगों का विकास रूक जाता है ।

  • व्यापार-उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ने से लोगों का व्यापार धंधे के लिए स्थलांतर करना पड़ता है ।
  • कुछ आतंकवादी संगठन पूँजीपतियों, उद्योगपतियों, कर्मचारियों, व्यापारियों को डर दिखाकर धन वसूल करते है ।
  • आतंकवादी नशीले पदार्थों की तस्करी और काले धन जैसे असामाजिक कार्य करते है जिससे देश में सामाजिक, आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न होती है ।
  • आतंकवादी रेलवे, रेडियो स्टेशनों, रास्तों, पुलों, सरकारी संपत्तियों आदि को नुकसान पहुंचाते है, जिससे इनके पुनः स्थापन के
    करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते है ।
  • सरकार को सलामती और सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते है, जिससे समाजउपयोगी विकास कार्य कम होते है ।
  • आतंकवाद के परिणामस्वरूप राज्य और राष्ट्र के परिवहन उद्योग, पर्यटन उद्योग को आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
आतंकवाद और विद्रोह के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:

विद्रोह आतंकवाद
(1) विद्रोह राष्ट्रीय समस्या है । (1) आतंकवाद वैश्विक समस्या है ।
(2) विद्रोह अपनी सरकार के विरुद्ध एक प्रादेशिक फलक पर फैला होता है । (2) आतंकवाद अपने अथवा अन्य देश की सरकार के विरुद्ध होता है । यह अंतर्राष्ट्रीय फलक पर फैला होता है ।
(3) यह स्थानीय लोगों के सहयोग से चलता है । (3) इसे स्थानिय लोगों का सहयोग मिलता भी है नहीं भी मिलता है।
(4) विद्रोह से प्रभावित राज्यों या प्रदेशों का विकास रूक जाता है । (4) आतंकवाद से प्रभावित राष्ट्रों का विकास रूक जाता है ।

प्रश्न 2.
नक्सलवादी आंदोलन की संक्षिप्त जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
चीन में माओं के नेतृत्व तले हुई क्रांति से प्रेरित होकर कुछ नक्सलियों ने विद्रोही प्रवृत्ति अपनाई है। इस उग्रवादी विचारधारा को नक्सलवाद कहा जाता है, क्योंकि इसका उद्भव पश्चिम बंगाल के नक्सलवादी गाँव से हुआ था। 1967 में पश्चिम बंगाल से शुरू होनेवाली इस विद्रोही प्रवृत्ति का बाद में उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, केरल, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य प्रदेश तक विकास हुआ है । इस प्रवृत्ति में पीपल्स वॉर ग्रुप (P.W.G.) और माओवादी साम्यवादी केन्द्र (M.C.C.) दो मुख्य संगठन है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
भारत की सामाजिक संरचना किस बात पर आधारित है ?
(A) सांप्रदायिकता
(B) जातिवाद
(C) भाषावाद
(D) समूहवाद
उत्तर:
(B) जातिवाद

प्रश्न 2.
अनुसूचित जाति निश्चित करने के लिए किस बात को आधार माना जाता है ?
(A) अस्पृश्यता
(B) धर्म
(C) संप्रदाय
(D) इनमें से एक भी नहीं
उत्तर:
(A) अस्पृश्यता

प्रश्न 3.
संविधान के किस आर्टिकल के अनुसार अस्पृश्यता समाप्त की गयी है ?
(A) आर्टिकल-25
(B) आर्टिकल-29
(C) आर्टिकल-17
(D) आर्टिकल-46
उत्तर:
(C) आर्टिकल-17

प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सी समस्या वैश्विक है ?
(A) जातिवाद
(B) सांप्रदायिकता
(C) भाषावाद
(D) आतंकवाद
उत्तर:
(D) आतंकवाद

प्रश्न 5.
सही जोड़ा बताइए ।

राज्य विद्रोही संगठन
1. त्रिपुरा (A) उल्फा
2. मणिपुर (B) एन.एस.सी.एन.
3. नागालैण्ड (C) ए.टी.टी.एम.
4. असाम (D) के.एन.एफ.

(A) 1-A, 2-D, 3-C, 4-B
(B) 1-C, 2-D, 3-A, 4-B
(C) 1-C, 2-D, 3-B, 4-A
(D) 1-C, 2-B, 3-D, 4-A
उत्तर:
(C) 1-C, 2-D, 3-B, 4-A

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