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Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अध्याय संबंधी महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ/शब्दावली
1. धातुएँ (Metals ) – वे तत्त्व जिनके परमाणुओं के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या चार से कम होती है और जो इलेक्ट्रॉन त्यागकर धन आयन बनाते हैं, धातु कहलाते हैं ।
2. अधातुएँ (Non-metals) – वे तत्त्व जिनके परमाणुओं के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या चार या इससे अधिक हो और जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋण आयन बनाते हैं, उन्हें अधातुएँ कहते हैं।
3. तन्यता (Ductility) धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें खींचकर लंबी तारों में परिवर्तित किया जा सकता है, तन्यता कहलाता है ।
4. आघातवर्ध्यता (Malleability) – धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें पीटकर चादर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, आघातवर्ध्यता कहलाता है ।
5. धात्विक चमक (Metallic Lustre) धातुओं की सतह एक विशेष प्रकार की चमक व रंग रखती है, इसे धात्विक चमक कहते हैं।
6. धातु संक्षारण (Metal Corrosion)पर्यावरणीय प्रभाव के कारण, सामान्यतः ऑक्सीकरण के कारण, धातुओं का कमजोर हो जाना धातु संक्षारण कहलाता है।
7. विद्युत चालकता (Electrical Conductivity ) – धातुओं का वह गुण जिसके कारण वे बिना किसी विशेष प्रतिरोध के, विद्युत का चालन करती है, विद्युत चालकता कहलाता है।
8. ऊष्मा चालकता ( Thermal Conductivity) धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनमें से ऊष्मा संचारित हो जाती है, ऊष्मा चालकता कहलाता है ।
9. धन आयन ( Cations) – वे आयन जिन पर धन आवेश होता है ।
10. ऋण आयन (Anions) वे आयन जिन पर ऋण आवेश होता है. ।
11. अभयधर्मी ऑक्साइड (Amphoteric Oxides ) – वे ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षार दोनों की तरह व्यवहार करते हैं ।
12. क्षार ( Alkali) वे क्षारक जो जल में घुलकर विलयन बनाते हैं।
13. ज्वलन ताप (Ignition Temperature) – वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई पदार्थ आग पकड़ लेता है, उस पदार्थ का ज्वलन ताप कहलाता है ।
14. धातु ऑक्साइड (Metal Oxides) – केवल धातु व ऑक्सीजन के यौगिक, धातु ऑक्साइड कहलाते हैं ।
15. क्षारीय धातु ऑक्साइड (Basic Metal Oxides) धातुओं के वे ऑक्साइड जिनकी प्रकृति क्षारीय होती है ।
16. उदासीन धातु ऑक्साइड (Neutral Metal Oxides ) – धातु ऑक्साइड जो न तो अम्लीय होते हैं और न ही क्षारीय ।
17. आयनिक यौगिक (Electrovalent Compounds) – वे यौगिक जो सामान्यतः धातु तथा अधातुओं से मिलकर, वैद्युत संयोजी / आयनिक आबंध बनने के कारण बनते हैं ।
18. विस्थापन अभिक्रियाएँ (Displacement Reactions) वे अभिक्रियाएँ जिनमें कोई अधिक क्रियाशील तत्त्व किसी कम क्रियाशील तत्त्व को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर देता है ।
19. सक्रियता श्रेणी (Reactivity Series ) धातुओं को उनकी घटती क्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित करना ।
20. खनिज (Minerals ) धातुओं के वे यौगिक जो प्राकृतिक रूप से भूपर्पटी में उपलब्ध हैं।
21. अयस्क ( Ores ) – वे खनिज जिनसे धातुओं को सुविधापूर्वक तथा लाभदायक विधि से प्राप्त किया जा सके ।
22. आधात्री / गैंग (Gangue/Matrix) – अयस्क के साथ उपस्थित अवांछित (रत/ मिट्टी) पदार्थ ।
23. धातुक्रम (Metallurgy) – वे सभी प्रक्रियाएँ जो किसी अयस्क से धातु प्राप्त करने में प्रयुक्त की जाती है, उन्हें संयुक्त रूप से धातुक्रम कहते हैं ।
24. निष्कर्षण ( Extraction) – अयस्क से धातु प्राप्त करने का प्रक्रम |
25. सांद्रण ( Concentration of Ore) – अयस्क से गैंग / आधात्री को अलग करने की क्रिया ।
26. अपचयन (Reduction) – किसी धातु लवण से ऑक्सीजन या किसी वैद्युत ऋणात्मक तत्त्व को अलग करने की क्रिया, अपचयन कहलाती है ।
27. भर्जन (Roasting)–किसी धातु सल्फाइड अयस्क को ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा में गर्म करने की क्रिया जिससे धातु ऑक्साइड प्राप्त होता है ।
28. निस्तापन (Calcination) किसी कार्बोनेट अयस्क को गर्म कर, धातु ऑक्साइड प्राप्त करने की क्रिया।
29. वैद्युत अपचयन (Electrolytic Reduction)- किसी धातु यौगिक को विद्युत धारा की सहायता से धातु में अपचयित करने की क्रिया वैद्युत अपचयन कहलाती है।
30. थर्मिट अभिक्रिया (Thermit Reaction)– एक अति ऊष्मा- उन्मोची क्रिया जिसमें ऐलुमिनियम पाउडर और आयरन ऑक्साइड क्रिया करते हैं, थर्मिट अभिक्रिया कहलाती है ।
31. धातु परिष्करण (Metal Refining) – किसी धातु में उपस्थित अशुद्धियों को दूर करने की प्रक्रिया ।
32. ऐनोड पंक/ अपद्रव्य (Anode Mud) – अविलेय अशुद्धियाँ जो ऐनोड तली पर विक्षेपित हो जाती है। जब धातु परिष्करण के समय धातु को विद्युत अपघटनी परिष्करण से शुद्ध किया जाता है ।
33. अमलगम (Amalgam) – किसी धातु अथवा अधातु का पारा (Hg) धातु के साथ मिश्रण अमलगम कहलाता है।
34. जंग (Rust) – लौह धातु की चीज़ों पर जल तथा ऑक्सीजन की क्रिया से बनी भूरे रंग की पर्त / पदार्थ ।
35. ब्राइन (Brine) – साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड) का सांद्रित विलयन ।
36. अपरूपता (Allotropy) किसी रासायनिक तत्त्व का दो या अधिक भौतिक रूपों में पाए जाने की प्रघटना, अपरूपता कहलाती है।
37. अपररूप (Allotropes ) किसी एक ही रासायनिक तत्त्व के अनेक भौतिक रूप अपररूप कहलाते हैं ।
38. चालक (Conductors) वे पदार्थ जिनमें से विद्युत बिना विशेष प्रतिरोध के गुजर जाती है, चालक कहलाते हैं ।
39. सोनोरस ( Sonorous) वे पदार्थ (धातुएँ) जो चोट लगने पर ध्वनि उत्पन्न करते हैं ।
40. द्रवणांक / गलनांक (Melting Point) वह न्यूनतम ताप, जिस पर कोई ठोस पदार्थ पिघलता है, उस पदार्थ का गलनांक कहलाता है ।
41. क्वथनांक (Boiling Point) वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई तरल पदार्थ उबलता है, उस पदार्थ का क्वथनांक कहलाता है।
42. ऐनोडीकरण (Anodising) – ऐलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनने की प्रक्रिया (AI) को ऐनोड के रूप में प्रयोग करके विद्युत गुज़ारने का प्रक्रम ।
43. स्व-अपचयन (Auto-reduction)- अपचयन क्रिया जिसमें बाहर से कोई अपचायक भाग नहीं लेता । उदाहरण के लिए CuzS को गर्म करने पर Cu में अपचयित होना ।
44. अपचायक (Reducing Agent) – वे पदार्थ जो किसी धातु ऑक्साइड को ऑक्सीजन से मुक्त करके धातु कर देते हैं । में परिवर्तित
45. अपघटय (Electrolyte) – सामान्यतः एक आयनिक यौगिक का विलयन या उसकी गलित अवस्था, जो विद्युत का चालन करती है ।
46. ऐनोड (Anode)– इलेक्ट्रॉड जो किसी विद्युत परिपथ में बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़ा होता है l
47. केथोड (Cathode) – इलेक्ट्रॉड जो बैटरी के ऋण टर्मिनल से जुड़ा होता है l
48. यशदलेपन (Galvanisation) – लोहे जैसी क्रियाशील धातुओं पर जस्त की परत चढ़ाने की क्रिया ।
49. मिश्रधातु (Alloy Metal) – किसी धातु का अन्य धातु अथवा अधातु के साथ समांगी ठोस मिश्रण, मिश्रधातु कहलाता है ।
50. मिश्रधातु प्रक्रम (Alloying) मिश्रधातु बनाने का प्रक्रम ।

पाठ एक नज़र नज़र में

1. तत्त्वों को मुख्य रूप से धातु व अधातुओं में वर्गीकृत किया जाता है।
2. धातु तथा अधातु हमारे जीवन में अति महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
3. धातुओं के सामान्य उदाहरण हैं – लोहा, ताँबा, ऐलुमिनियम, टिन, पारा, चाँदी, सोना, सोडियम, पोटैशियम आदि।
4. अधातुओं के सामान्य उदाहरण हैं- हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, क्लोरीन, सल्फर, कार्बन, फॉस्फोरस आदि।
5. धातुओं में कुछ विशेष गुणधर्म होते हैं, जैसे – आघातवर्ध्यता, तन्यता, चालकता, सोनोरोसिटी, उच्च गलनांक व द्रवणांक आदि ।
6. धातुओं में उपरोक्त में से केवल कुछ एक ही गुण होते हैं ।
7. अधातुएँ सभी तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं, जबकि धातुएँ (पारा Hg को छोड़कर) केवल ठोस अवस्था में पाई जाती हैं l
8. धातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः क्षारीय होते हैं। कुछ एक धातु ऑक्साइडों की प्रकृति अभयधर्मी होती है।
9. धातुएँ जल के साथ क्रिया करके अपने ऑक्साइड या हाइड्रोक्साइड बनाती हैं ।
10. धातुएँ अम्लों के साथ क्रिया करके लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनाती हैं ।
11. धातुओं की क्रियाशीलता भिन्न-भिन्न होती है। इसका अर्थ है सभी धातुएँ एक ही दर से क्रिया नहीं करतीं।
12. धातु व अधातु क्रिया करके आयनिक यौगिक बनाते हैं और उनके बीच वैद्युत संयोजी आबंध बनते हैं।
13. इस प्रकार बने आयनिक यौगिक सामान्यतः जल में घुलनशील होते हैं और इनके विलयन या ये गलित अवस्था में विद्युत के सुचालक होते हैं ।
14. अधिकतर धातुएँ प्रकृति में अपने यौगिकों के रूप में खनिज या अयस्क के रूप में पाई जाती हैं।
15. धातुएँ अनेक क्रियाओं के द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं, जिन्हें संयुक्त रूप से धातुक्रम कहते हैं।
16. धातुक्रम की क्रियाओं का प्रकार धातु की प्रकृति पर निर्भर करता है ।
17. धातुओं के निष्कर्षण के पश्चात् उनका परिष्करण किया जाता है जिसके लिए अनेक विधियों का उपयोग होता है; जैसे -वैद्युत अपघटनी परिष्करण ।
18. धातुओं के निष्कर्षण में अधिक क्रियाशील धातुएँ अपचायक के रूप में कार्य कर सकती हैं ।
19. धातुएँ पर्यावरणीय प्रभाव के कारण कमज़ोर पड़ जाती हैं जिसे धातु संक्षारण कहते हैं ।
20. लौह धातु के संक्षारण को जंग लगना कहा जाता है ।
21. धातु संक्षारण को पेंट करके, तेल का लेप लगाकर, इलेक्ट्रॉप्लेटिंग, मिश्रधातु बनाकर तथा यशदलेपन के द्वारा रोका जा सकता है।

HBSE 10th Class Science धातु एवं अधातु InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न 

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 45)

प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए
(i) जो कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) जिसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) जो ऊष्मा की सबसे अच्छी सुचालक होती है।
(iv) जो ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर-
(i) पारा कमरे के ताप पर द्रव रूप में होता है।
(ii) सोडियम को चाकू द्वारा आसानी से काटा जा सकता
(iii) चाँदी ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) लैड (Pb) धातु ऊष्मा की कुचालक होती है।

प्रश्न 2. आघातवर्थ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर-आघातवयं-आघातवर्ध्य का अर्थ है कि धातुओं को हथौड़े से पीटकर पतली चादरों के रूप में ढाला जा सकता है। तन्य-तन्य का अर्थ है कि धातुओं को खींचकर पतला तार बनाया जा सकता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं.51)

प्रश्न 1. सोडियम को केरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर- सोडियम धातु का ज्वलन ताप (Ignition Temperature) अत्यन्त ही कम होता है, वायु के सम्पर्क में आते ही यह आग पकड़ लेता है। सोडियम का वायु से सम्पर्क रोकने के लिए सोडियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।

प्रश्न 2. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन।।
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर- .

प्रश्न 3. A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है –

इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B,C एवं D के सम्बन्ध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
(ii) धातु Bको कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-
(i) धातु B सबसे अधिक क्रियाशील है। .
(ii) जब B धातु को कॉपर सल्फेट (II) के घोल में डाला जाता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है। B धातु कॉपर को विस्थापित कर देती है। कॉपर सल्फेट का नीला रंग समाप्त हो जाता है।
(iii)B>A>C>D

प्रश्न 4. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर- जब एक अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित होती है।
आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया
Fe+ H2SO2 → FeSO4, + H2 ↑

प्रश्न 5. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर- जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में मिलाने पर आयरन (II) सल्फेट विलयन का हरा रंग फीका पड़ जाता है तथा आयरन निक्षेपित हो जाता है।
HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 54)

प्रश्न 1. (i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण के द्वारा Na2O एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर-

Mgo का बनना

(iii) Na2O में उपस्थित आयन
‘धनायन – Na+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन – O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)

Mgo में उपस्थित आयन
धनायन – Mg2+ (मैग्नीशियम धनायन)
ऋणायन – O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)

प्रश्न 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर- आयनिक यौगिकों के क्रिस्टल जालक में धनायन एवं ऋणायन निश्चित क्रम में संयोजित होते हैं तथा इनमें अन्तर-आयनिक बल अधिक होता है। अन्तर आयनिक आकर्षण के कारण, आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 59)

प्रश्न 1. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए
(i) खनिज
(ii) अयस्क
(iii) गैंग।
उत्तर-
(i) खनिज-धातु युक्त पदार्थों को खनिज कहते हैं, जिनसे धातुओं को विभिन्न विधियों द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(ii) अयस्क-उन खनिजों को जिनसे लाभप्रद ढंग से धातुओं का निष्कर्षण किया जा सकता है, अयस्क (ore) कहते हैं, जैसे-लैड का अयस्क गैलेना (PbS) है।
(iii) गैंग-अयस्क को पृथ्वी में से निकालने पर अयस्क बालू एवं चट्टानी पदार्थों से दूषित होते हैं। खनिजों में बालू यां चट्टानी पदार्थों की जो अशुद्धियाँ उपस्थित होती हैं, उन्हें गैंग कहते हैं।

प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती हैं?
उत्तर- सोना, चाँदी।

प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर- किसी धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त रासायनिक प्रक्रम अपचयन कहलाता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 61)

प्रश्न 1. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया-

उत्तर- विस्थापन अभिक्रियाएँ

प्रश्न 2. कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती
उत्तर- वे धातुएँ जो वायु, जल तथा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करती, शीघ्रता से संक्षारित नहीं होती जैसे-सोना।

प्रश्न 3. मिश्रातु क्या होते हैं?
उत्तर- दो या दो से अधिक धातुओं के मिलाने से प्राप्त समांगी मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं। इसमें एक धातु व दूसरी अधातु भी हो सकती है। मिश्रातु के गुणधर्म मूल धातुओं से भिन्न होते हैं तथा मिश्रातु की विद्युत चालकता शुद्ध धातु की अपेक्षा कम होती है।

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पाठ्य-पुस्तक के अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न 1. निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2, विलयन एवं ऐल्युमिनियम धातु
(c) FeSO4, विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3, विलयन एवं कॉपर धातु।
उत्तर- (d) AgNO3, विलयन एवं कॉपर धातु।

प्रश्न 2. लोहे के फ्राइंग पैन (Frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेण्ट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर- (c) जिंक की परत चढ़ाकर।

प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है –
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा।
उत्तर- (a) कैल्सियम।

प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाए टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर- (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील

प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है :
(a) इसका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए। . .
उत्तर- (a)
(i) हथौड़े के उपयोग से यदि दिया गया नमूना हथौड़े की चोट करने से टूट जाए तो वह अधातु है, इसके विपरीत यदि नमूना एक पतली चादर के रूप में आ जाए तो वह आघातवर्ध्य है तथा वह धातु होता है।

(ii) दिए गए उपकरणों को चित्र की तरह जोड़कर नमूनों को क्लिप्स के बीच में रखें। स्विच ऑन करने पर यदि बल्ब जलता है तो नमूना धातु है क्योंकि धातु विद्युत सुचालक होते हैं और यदि बल्ब नहीं जलता है तब दिया गया नमूना अधातु है।

(b)
(i) यह पाया जाता है कि हथौड़े से पीटने पर धातुएँ पतली चादरों में बदल जाती हैं, जबकि अधातुएँ भंगुर होती हैं अर्थात् हथौड़े से पीटने पर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। अतः धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं, जबकि अधातुएँ नहीं होती हैं।
(ii) दूसरे परीक्षण द्वारा यह पाया जाता है कि जब धातुएँ A तथा B के बीच रखी जाती हैं तो बल्ब जलने लगता है तथा अधातुओं को रखने पर बल्ब नहीं जलता है। इस प्रकार धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं, जबकि अधातुएँ विद्युत की कुचालक होती हैं।

प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर- जो धातु ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के व्यवहार प्रकट करते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं। इन ऑक्साइडों का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उभयधर्मी ऑक्साइड हैं।
उदाहरण, ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) का व्यवहार क्षारीय व अम्लीय दोनों प्रकार का होता है,
Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3, +3H2O (क्षारीय व्यवहार)
Al2O3, + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O (अम्लीय व्यवहार)

प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताएँ जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर- जिंक (Zn) एवं लोहा (Fe) जैसी धातुएँ हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण उसे तनु अम्ल से विस्थापित कर सकती हैं | इसके विपरीत गोल्ड (Au) व सिल्वर (Ag) जैसी धातुएँ हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील होने के कारण ऐसा नहीं कर सकती।

प्रश्न 8. किसी धातु M के विद्युत-अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड-कैथोड एवं विद्युत-अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर- ऐनोड-धातु M की अशुद्ध मोटी प्लेट। कैथोड-धातु M की शुद्ध पतली प्लेट। अपघट्य- धातु M के लवण का विलयन।

प्रश्न 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया तथा परखनली को उल्टाकर उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।

उत्तर- (a)
(i) सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई अभिक्रिया नहीं होगी। .
(ii) गैस नीले आर्द्र लिटमस पत्र को लाल कर देगी।
(b) S(s) +O2 (g) → SO2 (g)
SO2 (g) + H2O(l) → H2SO3 (aq) हाइड्रोजन सल्फाइट

प्रश्न 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर-

  • तेल या ग्रीस की तह जमाकर।
  • पेण्ट करके।

प्रश्न 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर- अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं-अम्लीय व उदासीन।
उदाहरण,
(i) अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके सहसंयोजक ऑक्साइड बनाती हैं, जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
C+O2 → CO2
CO2 + H2O → H2CO3 कार्बोनिक अम्ल

(ii) कुछ अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड का निर्माण करती हैं, जैसे-कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), जल (H2O) आदि।

प्रश्न 12. कारण बताइए
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अन्दर संग्रहित किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर-
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करती। ये संक्षारित भी नहीं होतीं। ये धातुएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं; इसलिए इनसे आभूषणों के विभिन्न डिजाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।

(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अन्दर संग्रहित किया जाता है, क्योंकि यदि इन्हें वायु के सम्पर्क में रखा जाता है तो ये आग पकड़ लेते हैं क्योंकि इन धातुओं का ज्वलन ताप (Ignition Temperature) अत्यन्त कम होता है। ये धातुएँ अधिक क्रियाशील होती हैं।

(c) ऐलुमिनियम प्रचुर मात्रा में उपलब्ध एक सस्ती व शक्तिशाली धातु है, यह न तो ठण्डे जल के साथ और न ही
गर्म जल के साथ अभिक्रिया करती है। यह ऊष्मा की अच्छी सुचालक भी है।

(d) धातु कार्बोनेट एवं धातु सल्फाइड को धातु में बदलना कठिन होता है इसलिए उन्हें पहले धातु ऑक्साइड में बदलना आवश्यक होता है। धातु कार्बोनेटों तथा सल्फाइडों की तुलना में धातु ऑक्साइडों का अपचयन करना अधिक सरल है।

प्रश्न 13. आपने ताँबे के मलिन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर- खट्टे पदार्थ ताँबे के बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं। खट्टे पदार्थों (नींबू) में सिट्रिक अम्ल पाया जाता है। यह सिट्रिक अम्ल कॉपर के बदरंगे बर्तन में पाए जाने वाले कॉपर कार्बोनेट को घुलनशील बनाकर कॉपर को उसकी शुद्ध चमक प्रदान कर देते हैं।

प्रश्न 14. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर- धातु एवं अधातु में भेद

धातु अधातु
1. धातुएँ तनु अम्लों से क्रिया करके हाइड्रोजन विस्थापित कर देती हैं। 1. अधातुएँ तनु अम्लों से क्रिया नहीं करती, इसलिए इनसे हाइड्रोजन विस्थापित नहीं होती है।
2. धातुएँ अपचायक होती हैं। 2. अधातुएँ ऑक्सीकारक होती हैं (कार्बन को छोड़कर)
3. धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। 3. अधातुएँ अम्लीय या बनाती हैं।
4. धातु क्लोराइड वैद्युत अपघट्य होते हैं। 4. अधातु क्लोराइड वैद्युत अपघट्य नहीं होते हैं।

प्रश्न 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलिन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई सन्देह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यन्त कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुःखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर- विलयन का नाम एक्वा-रेजिया (अम्लराज) है। एक्वा-रेजिया सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण होता है जो 3 : 1 के अनुपात में इन्हें क्रमशः मिलाने पर बनता है। सोना एक्वा-रेजिया में घुलनशील है इसलिए महिला के कंगन का भार कम हो जाता है।

प्रश्न 16. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का प्रयोग होता है परन्तु इस्पात (लोहे का मिश्र धातु) का नहीं इसका कारण बताएँ।
उत्तर- कॉपर बहुत कम अभिक्रियाशील धातु है। यह ठण्डे व गर्म जलों से अभिक्रिया नहीं करती है और न ही यह ऑक्सीजन व खनिज लवणों से अभिक्रिया करती है। कॉपर इस्पात की अपेक्षा ताप का अच्छा चालक भी है। इसके विपरीत इस्पात में आसानी से जंग लग जाती है तथा यह कॉपर की अपेक्षा ऊष्मा का कम चालक है। इन कारणों से गर्म जल के टैंक को बनाने में ताँबे का प्रयोग किया जाता है।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. इनमें से सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है-
(a) सीसा
(b) पारा
(c) सोडियम
(d) लोहा।
उत्तर- (c) सोडियम।

2. निम्न धातुओं में से कौन-सी धातु प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती है –
(a) सोडियम
(b) गोल्ड
(c) पोटैशियम
(d) ऐलुमिनियम।
उत्तर- (b) गोल्ड।

3. जब धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती हैं तो एक आवाज उत्पन्न होती है। इन धातुओं को कहते हैं –
(a) ध्वनिक
(b) सोनोरस
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- (c) उपर्युक्त दोनों।

4. कौन-सी धातु ठण्डे या गर्म जल से क्रिया नहीं करती
(a) Na
(b) Ca
(c) Mg
(d) Fe.
उत्तर- (d) Fe.

5. निम्न में से कौन-सी धातुएँ मुक्त अवस्था में प्रकृति में पायी जाती हैं –
(i) Cu
(ii) Au
(iii) Zn
(iv) Ag
(a) (i), (ii)
(b)(i), (iii)
(c) (ii), (iv)
(d) (iii), (iv).
उत्तर- (c) (ii), (iv).

6. सोने और प्लैटिनम को गलाने वाले अम्ल का नाम है
(a) सान्द्र HCL
(b) एक्वा-रेजिया
(c) सान्द्र नाइट्रिक अम्ल
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- (b) एक्वा-रेजिया।

7. पृथ्वी की भूपर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में मिलने वाली धातु है –
(a) आयरन
(b) कॉपर
(c) ऐलुमिनियम
(d) मर्करी।
उत्तर- (c) ऐलुमिनियम।

8. कौन-सी अधातु चमकयुक्त होती है ?
(a) सल्फर
(b) ऑक्सीजन
(c) नाइट्रोजन
(d) आयोडीन।
उत्तर- (d) आयोडीन।

9. कौन-सी अधातु द्रव अवस्था में होती है –
(a) कार्बन
(b) ब्रोमीन
(c) फॉस्फोरस
(d) सल्फर। .
उत्तर- (b) ब्रोमीन।

10. ऐलुमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनने की प्रक्रिया को कहते हैं –
(a) ऐनोडीकरण
(b) कैथोडीकरण
(c) तन्यता
(d) कठोरता।
उत्तर- (a) ऐनोडीकरण।

11. Fe2O3 + 2Al → 2Fe + Al2O3 + ऊष्मा, इस अभिक्रिया का क्या नाम है-
(a) ऐनोडीकरण
(b) थर्मिट
(c) यशदलेपन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- (b) थर्मिट।

12.कॉपर को खुला छोड़ देने पर उस पर हरे रंग की परत जम जाती है। इसका कारण है –
(a) CuSO4
(b) CuCO3
(c) Cu(NO3)2
(d)CuO.
उत्तर- (a) CuSO4

13. यशदलेपन में किस धातु की परत चढ़ाई जाती है –
(a) ताँबा
(b) ऐलुमिनियम
(c) जस्ता.
(d) चाँदी।
उत्तर- (c) जस्ता।

14. सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर- (c) भर्जन।

15. कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) संयोजन
(c) भर्जन
(d) दहन।
उत्तर- (a) निस्तापन।

16. अमलगम एक मिश्रातु है जो एक या एक से अधिक धातुओं का –
(a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है |
(b) सोडियम के साथ मिश्रण होता है |
(c) कैल्सियम के साथ मिश्रण होता है |
(d) पोटैशियम के साथ मिश्रण होता है।
उत्तर- (a) मर्करी के साथ मिश्रण होता है।

17. निम्न में से उदासीन ऑक्साइड है
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) सल्फर डाइऑक्साइड
(d) सल्फर ट्राइऑक्साइड।
उत्तर- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड।

18. जंग लगने के लिए
(a) केवल वायु की आवश्यकता होती है
(b) केवल जल की आवश्यकता होती है
(c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है
(d) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता नहीं होती है।
उत्तर- (c) वायु एवं जल दोनों की आवश्यकता होती है।

19. अयस्क से गैंग को दूर करने को कहते हैं –
(a) निस्तापन
(b) भर्जन
(c) समृद्धीकरण
(d) अपचयन।
उत्तर- (c) समृद्धीकरण।

20. सीसा एवं टिन की मिश्रातु को कहते हैं
(a) अमलगम
(b) सोल्डर
(c) काँसा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- (b) सोल्डर।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

एक शब्द / वाक्यांश प्रश्न

प्रश्न 1. धातुओं के कुछ भौतिक गुण लिखिए। (RBSE 2017)
उत्तर-धातुएँ भारी, चमकदार, तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। ये ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं।

प्रश्न 2. आघातवर्ध्यता से क्या तात्पर्य है? –
उत्तर-किसी पदार्थ को हथौड़े से पीटने पर पतली चादर में परिवर्तित हो जाने के गुण को आघातवर्ध्यता कहते हैं।

प्रश्न 3. कौन-सी धातु सामान्य ताप पर तरल होती है? (RBSE 2016)
उत्तर-पारा (Hg)।

प्रश्न 4. एक्वा-रेजिया क्या है?
उत्तर-एक्वा रेजिया सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल को 3 : 1 के अनुपात में मिलाकर बना ताजा मिश्रण है जो सोने व प्लैटिनम को गला सकता है।

प्रश्न 5. तरल अधातु का नाम बताइए।
उत्तर- ब्रोमीन।

प्रश्न 6. निम्नलिखित में सबसे कम क्रियाशील धातुओं को छाँटिए-K, Zn, Ag,Au
उत्तर- Au.

प्रश्न 7. आयनिक यौगिकों के कठोर होने का क्या कारण है?
उत्तर-धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं।

प्रश्न 8. किसी शुद्ध धातु की अपेक्षा उसके मिश्रातु की विद्युत चालकता एवं गलनांक कैसा होता है?
उत्तर-विद्युत चालकता एवं गलनांक कम होता है।

प्रश्न 9. किन्हीं दो धातुओं के नाम लिखिए जो हाइड्रोजन से संयुक्त होकर हाइड्राइड बना सकती हैं।
उत्तर-सोडियम (Na) तथा कैल्सियम (Ca)।

प्रश्न 10. दो ऑक्साइडों के नाम लिखिए जो न तो अम्लीय हैं और न ही क्षारीय।
उत्तर- कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)।

प्रश्न 11. किस अधातु का गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होता है तथा वह अत्यन्त कठोर भी होती है ?
उत्तर-हीरा (कार्बन)।

प्रश्न 12. नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं का इलैक्ट्रोनिक विन्यास लिखिए। (RBSE 2016)
उत्तर-नाइट्रोजन — परमाणु क्रमांक 7 (2, 5)
क्लोरीन – परमाणु क्रमांक 17 (2, 8, 7)

प्रश्न 13. नाइट्रोजन व क्लोरीन परमाणुओं के मध्य इलैक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण से सोडियम क्लोराइड का बनना दर्शाइए। (RBSE 2017)
उत्तर-

प्रश्न 14. मिश्रातु क्या होती है?
उत्तर-किसी धातु का अन्य धातु या अधातु से बना समांगी मिश्रण मिश्रातु कहलाता है।

प्रश्न 15. अधातुएँ विद्युत का चालन क्यों नहीं करती हैं?
उत्तर-अधातुओं के पास मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, इस कारण से ये विद्युत का चालन नहीं करती हैं। ये इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करती हैं तथा ऋणायन बनाती हैं।

प्रश्न 16. गोल्ड तथा सिल्वर प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में क्यों पाए जाते हैं?
उत्तर- गोल्ड तथा सिल्वर बहुत ही कम अभिक्रियाशील हैं, इसलिए ये स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं।

प्रश्न 17. अभी तक कितने तत्व ज्ञात हैं? किन दो वर्गों में इन सभी तत्वों को बाँटा जा सकता है?
उत्तर-अभी तक कुल 114 तत्व ज्ञात हैं। इन तत्वों को इनके गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में बाँटा जा सकता है।

प्रश्न 18. वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर कौन-सी परत बन जाती है? इस परत का क्या उपयोग है?
उत्तर-वायु में रहने पर ऐलुमिनियम की सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत बन जाती है। यह परत धातु को संक्षारित होने से बचाती है।

प्रश्न 19. धातु तथा अधातु किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं?
उत्तर-धातु तथा अधातु एक धातु से दूसरी अधातु पर इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा अभिक्रिया करते हैं। .धातुओं का निष्कर्षण (Extraction of Metals)

प्रश्न 20. अयस्क के संवर्धन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-खनिजों से अवांछित अशुद्धियों को दूर करना अयस्कों का संवर्धन कहलाता है।

प्रश्न 21. उन धातुओं के नाम बताइए जो अपचायक की भाँति प्रयोग पाई जाती हैं।
उत्तर-उच्च याशील धातुएँ, जैसे-सोडियम, कैल्सियम अपचायक की भाँति प्रयोग में लाई जाती हैं।

प्रश्न 22. धातु ऑक्साइड का ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा अपचयित होना कौन-सा प्रक्रम कहलाता है?
उत्तर- ऐलुमिनियम चूर्ण द्वारा धातु ऑक्साइड का अपचयन ऐलुमिनो थर्मिट प्रक्रम अथवा थर्मिट प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 23. पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक पायी जाने वाली धातु का नाम बताइए। इस धातु के महत्त्वपूर्ण अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर-ऐलुमिनियम। इसका महत्त्वपूर्ण अयस्क बॉक्साइट है।

प्रश्न 24. अशुद्ध धातुओं के शोधन में सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली विधि कौन-सी है?
उत्तर- विद्युत-अपघटनी शोधन।

प्रश्न 25. विद्युत-अपघटनी शोधन द्वारा शुद्ध की जाने वाली प्रमुख धातुएँ कौन-सी हैं?
उत्तर- कॉपर, जिंक, टिन, निकिल, सिल्वर तथा सोना।

प्रश्न 26. कॉपर के एक अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर- क्यूप्रस सल्फाइड (Cu2S)।

प्रश्न 27. विद्युत-अपघटनी परिष्करण द्वारा परिष्कृत की जाने वाले तीन धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर- ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), टिन (Sn).

प्रश्न 28. उन धातु ऑक्साइडों के नाम बताइए जो कार्बन के साथ गर्म किए जाने पर धात्विक अवस्था में अपचयित नहीं होते हैं।
उत्तर- Cr2O3, Mn3O4 अपचायक Al है।

प्रश्न 29. गालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-गालक वे पदार्थ हैं जो अयस्क में उपस्थित अम्लीय अशुद्धियों को गलनीय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 30. निस्तापन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-निस्तापन वह प्रक्रम है जिसमें कार्बोनेट अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है।

प्रश्न 31. सोने के आभूषणों में ताँबा क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर-शुद्ध सोना मुलायम होता है जिससे आभूषण नहीं बनाये जा सकते, इस कारण सोने को कठोरता प्रदान करने के लिए सोने में थोड़ा ताँबा मिलाया जाता है।

प्रश्न 32. पीतल के अवयव घटक लिखिए।
उत्तर-ताँबा तथा जस्ता।

प्रश्न 33. नाइट्रोजन के ऑक्साइड के नाम लिखिए।
उत्तर-नाइट्रोजन के तीन ऑक्साइड N2O, NO एवं NO2, हैं।

प्रश्न 34. पीतल किन धातुओं से मिलकर बनती है?
उत्तर-पीतल कॉपर व जिंक धातु से मिलकर बनती है।

प्रश्न 35. किस प्रकार के अयस्कों का भर्जन करते है?
उत्तर- सल्फाइड अयस्कों का भर्जन करते हैं जिससे ये ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं।

प्रश्न 36. धातुकर्म के विभिन्न पदों को लिखें।
उत्तर- धातुकर्म के विभिन्न पद निम्न हैं –

  1. अयस्क का पीसना (Pulverisation)
  2. सान्द्रण (Concentration)
  3. अपचयन (Reduction)
  4. शोधन (Purification)।

प्रश्न 37. किसी एक अम्लीय व क्षारीय गालक का उदाहरण दें।
उत्तर-
अम्लीय गालक – SiO2
क्षारीय गालक – CaO.

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1. तत्वों को धातुओं अथवा अधातुओं में वर्गीकृत करते समय विचारणीय गुण बताइए।
उत्तर-तत्वों को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत करते समय निम्नलिखित गुण आवश्यक रूप से विचारणीय होते-

  • चमक,
  • चालकता,
  • कठोरता,
  • वायु में जलना,
  • तन्यता,
  • ध्वनि,
  • अम्लों व जल के साथ अभिक्रिया।

प्रश्न 2. उपधातुएँ क्या हैं? किन्हीं पाँच उपधातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर- कुछ पदार्थ धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, ऐसे पदार्थों को उपधातु कहते हैं। निम्नलिखित पाँच धातुएँ उपधातुएँ हैं आर्सेनिक (As), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), एंटीमनी (Sb), टेलुरियम (Te)।

प्रश्न 3. जल में विलेय धातु ऑक्साइडों के उदाहरण दीजिए। जल में घोलने पर धातु ऑक्साइड क्या बनाते हैं?
उत्तर- सोडियम ऑक्साइड तथा पोटैशियम ऑक्साइड जल में विलेय धातु ऑक्साइड हैं।
Na2O(s)+H2O(l) → 2NaOH
K2O (s) + H2O (l) → 2KOH
धातु ऑक्साइड जल में विलेय होकर क्षार बनाते हैं।

प्रश्न 4. टाइटेनियम धातु की विशेषता क्या है जिसके कारण इसे सामरिक महत्त्व की धातु कहा जाता है?
उत्तर- टाइटेनियम धातु अल्प अभिक्रियाशील धातु है इसकी तनाव सहने की क्षमता अत्यधिक होती है, यही कारण है कि इसका प्रयोग नाभिकीय संयन्त्रों, सैन्य उपकरणों, गैस टरबाइनों व जेट इंजनों आदि में होता है। यह धातु शीघ्रता से क्षरित नहीं होती है।

प्रश्न 5. निम्न अभिक्रियाओं का समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन की क्रिया
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर-
(i) आयरन धातु भाप के साथ क्रिया करके आयरन ऑक्साइड व हाइड्रोजन बनाती है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
(ii) जल के साथ कैल्सियम व पोटैशियम की क्रिया होने पर सम्बन्धित हाइड्रॉक्साइड बनते हैं तथा हाइड्रोजन गैस निकलती है।

प्रश्न 6. सक्रियता श्रेणी किसे कहते हैं? इसकी एक उपयोगिता लिखें।
उत्तर- सक्रियता श्रेणी (Activity series) धातुओं की क्रियाशीलता को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो सूची (श्रेणी) प्राप्त होती है, उसे सक्रियता श्रेणी कहते हैं। सक्रियता श्रेणी निम्नवत् है-

उपयोगिता-इसकी सहायता से हमें तत्वों की क्रियाशीलता की जानकारी होती है।

प्रश्न 7. विभिन्न धातुओं की जल के साथ अभिक्रियाओं का वर्णन करो। ..
उत्तर- विभिन्न धातुओं की जल साथ अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं
(i) सोडियम धातु जल के साथ ताव अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।
2Na (s) +2H2O(l) → 2NaOH (aq)+H2 (g)
(ii) मैग्नीशियम धातु ठण्डे जल की बजाय गर्म जल से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाती है।

ऐलुमिनियम ठण्डे व गर्म जल से अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु यह भाप के साथ अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
2Al (s) +3H2O (g) → Al2O3 (s) +3H2 (g)
रक्त तप्त आयरन भाप से अभिक्रिया करके आयरन (II, III) ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन बनाता है।
3Fe (s) +4H2O (g) → Fe3O4(s) +4H2 (g)
धातुएँ, जैसे-लैड, कॉपर, गोल्ड, चाँदी, जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं।

प्रश्न 8. (a) निम्नलिखित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए
(i) कैल्सियम धातु जल से अभिक्रिया करती है।
(ii) सिनाबार को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(iii) मैंगनीज डाइऑक्साइड को ऐलुमिनियम पाउडर के साथ गर्म किया जाता है।
(b) मिश्रधातु क्या हैं? मिश्रधातुओं के दो गुणधर्मों की सूची बनाइए। (CBSE 2019)
उत्तर-

(b) दो या दो से अधिक धातुओं अथवा एक धातु व एक अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं।

मिश्रधातु के दो गुणधर्म-
(i) मिश्रधातु धातुओं की तुलना में अधिक शक्तिशाली होती है।
(ii) मिश्रधातु वायु में रखने पर संक्षारित नहीं होती है।

प्रश्न 9. अधातु क्या हैं ? इनका दैनिक जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर- वे तत्व जो धातुओं की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, अधातु कहलाते हैं। कमरे के ताप पर अधातुएँ या तो ठोस होती हैं या गैस। इनमें केवल ब्रोमीन ही द्रव रूप में होती है। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन आदि अधातुओं के उदाहरण हैं।

दैनिक जीवन में अधातुओं का महत्त्व-

  • वायु में ऑक्सीजन की उपस्थिति से ही हम सभी साँस लेते हैं तथा यह गैस ज्वलन में सहायक होती है।
  • हाइड्रोजन का उपयोग वनस्पति घी एवं अमोनिया के निर्माण में किया जाता है।
  • नाइट्रोजन का उपयोग अमोनिया, उर्वरकों तथा नाइट्रिक अम्ल के उत्पादन में किया जाता है।
  • सल्फर का उपयोग बारूद बनाने में तथा कवकनाशी दवाइयाँ बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 10. मिश्रधातु किसे कहते हैं? इसके बनाने के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। अथवा मिश्रधातु किसे कहते हैं? दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर- मिश्रधातु या मिश्रातु-किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ मिलकर बनाया गया समांगी मिश्रण, मिश्रातु कहलाता है। उदाहरण के लिए; पीतल, कांसा, सोल्डर, स्टील आदि सभी मिश्रातु हैं।

मिश्रातुओं के उपयोग-

  1. मिश्रातु बनाने से कठोरता बढ़ जाती है, जैसे-लोहे में कार्बन की मात्रा मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाया जाता है जो लोहे से अधिक कठोर होता है। सोने में ताँबा मिलाने से उसकी कठोरता बढ़ जाती है।
  2. संक्षारण रोकने के लिए मिश्रातु उपयोगी है, जैसे-लोहे तथा जिंक से बनी मिश्रातु पर जंग नहीं लगता।
  3. घरों में मिश्रातुओं का उपयोग बहुत अधिक होता है। घरों के बर्तन, पंखे, अलमारी आदि में मिश्रातुओं का प्रयोग होता है।

प्रश्न 11. निम्नलिखित की व्याख्या कीजिए
(a) सोडियम क्लोराइड एक आयनी यौगिक है जो ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता है जबकि यह पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है।
(b) नाइट्रिक अम्ल में डुबोने पर ऐलुमिनियम की सक्रियता कम हो जाती है।
(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम जैसी धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं। (CBSE 2019)
उत्तर-
(a) सोडियम क्लोराइड ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करता परन्तु पिघली अवस्था के साथ-साथ जलीय विलयन में विद्युत का चालन करता है क्योंकि सोडियम क्लोराइड के आयन उसकी कठोर संरचना के कारण गतिशील नहीं होते। विद्युत चालन के लिए आयनों का गतिशील होना आवश्यक है। पिघली और जलीय अवस्था में आयन गति के लिए मुक्त होते हैं अतः वे विद्युत संचालित करते हैं।

(b) नाइट्रिक अम्ल एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है इसलिए ऐलुमिनियम को इसमें डुबाने पर, ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत जम जाती है, जिसके कारण इसकी सक्रियता कम हो जाती है।

(c) कैल्सियम और मैग्नीशियम धातुएँ प्रकृति में मुक्तावस्था में नहीं पाई जाती हैं क्योंकि अधिक क्रियाशील होने के कारण ये अन्य तत्वों के साथ अभिक्रिया करके यौगिकों का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 12. सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि, सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के निष्कर्षण की विधि से किस प्रकार भिन्न है? उनके लिए भी समान प्रक्रिया क्यों नहीं अपनायी जाती है? इन धातुओं के निष्कर्षण की प्रक्रिया का नाम लिखिए। 
उत्तर –

सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण (K, Na, Ca, Mg तथा AI) सक्रियता श्रेणी में मध्य में स्थित धातुओं का निष्कर्षण (Zn, Fe, Pb)
1. इस प्रकार की धातुएँ बहुत अधिक क्रिया- शील होती हैं। 1. इस प्रकार की वस्तुएँ मध्यम क्रियाशील होती हैं।
2. इन धातुओं को वैद्युत अपघटन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। 2. इन धातुओं के यौगिकों(कार्बोनेट तथा सल्फा- इड) के पहले ऑक्साइड में बदला जाता है फिर उनका अपघटन करके धातु को प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन या भर्जन कहा जाता है।

इन धातुओं के लिए समान प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती क्योंकि सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ अपघटित नहीं किया जा सकता। कार्बन के साथ अपघटित होने की अवस्था में ये धातुएँ कार्बन से क्रिया करके कार्बाइड यौगिक बना देंगी जिससे हम धातु प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

प्रश्न 13. वात्या भट्टी में हेमेटाइट अयस्क से आयरन के निष्कर्षण में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- लोहे के अयस्क, कोक, चूने के पत्थर को भट्टी में एक साथ रखकर उच्च ताप दिया जाता है। इस उच्च ताप के कारण चूने का पत्थर निम्न रासायनिक अभिक्रिया के रूप में विघटित हो जाता है-
CaCO3 → CaO+CO2,
कैल्सियम ऑक्साइड, सिलिकन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है तथा कैल्सियम सिलिकेट द्रवित रूप में बनाता है।
CaO + SiO2 → CaSiO3
इस प्रकार प्राप्त सिलिकन ऑक्साइड से मुक्त लोहे के ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है।

प्रश्न 14. धातु शोधन की गलनिक पृथक्करण विधि क्या है?
उत्तर- धातु शोधन की इस विधि में एक ढलावदार भट्टी का प्रयोग किया जाता है, अशुद्ध धातु को भट्टी के ऊपरी भाग में एक जाली के ऊपर रखा जाता है। भट्टी के ताप को इस प्रकार बढ़ाया जाता है कि वह गलनांक के ऊपर स्थिर रहे। ताप के कारण धातु पिघलकर नीचे आ जाती है तथा अशुद्धियाँ जाली पर शेष रह जाती हैं। टिन, लेड बिस्मथ आदि धातुएँ इसी प्रकार शोधित की जाती हैं।

प्रश्न 15. खनिज तथा अयस्क में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

खनिज अयस्क
1. उन प्राकृतिक पदार्थों को जिनमें धातुओं के यौगिक पाए जाते हैं, खनिज कहलाते हैं। 1. जिन खनिजों से धातुएँ सुविधापूर्वक प्राप्त की जा सकती हैं, उन्हें अयस्क कहते हैं।
2. कुछ खनिजों में आपत्तिजनक अशुद्धियाँ होती हैं जो धातु के निष्कर्षण को बाधित करती हैं। 2. इनमें किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक अशुद्धि नहीं होती है।
3. सभी खनिजों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। 3. सभी अयस्कों को धातु निष्कर्षण के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

प्रश्न 16. कुछ आयनिक यौगिकों के नामों को उनके सूत्र तथा उनमें उपस्थित आयनों के साथ लिखिए। .
उत्तर-

प्रश्न 17. Ca, Pb,AI,Na,Mg एवं Cuमें से किन-किन धातुओं को विद्युत अपघटनी विधि द्वारा निष्कर्षित किया जाता है और क्यों?
उत्तर- ऐसी धातुएँ जो अत्यधिक क्रियाशील एवं अत्यधिक धनविद्युती प्रकृति की होती हैं वह अच्छी अपचायक होती हैं। अतः ऐसी धातुओं का निष्कर्षण रासायनिक अपचयन द्वारा नहीं किया जा सकता है। इनका निष्कर्षण केवल विद्युत अपघटनी विधि से ही करते हैं। इस कारण Ca, AI, Na तथा Mg का निष्कर्षण विद्युत अपघटनी विधि से करते हैं।

प्रश्न 18. प्रमुख मिश्रातुओं के नाम, उनके घटक तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर-

प्रश्न 19. जंग लगाना किसे कहते हैं? लोहे पर जंग लगने की परिस्थितियों की जाँच के लिए किसी क्रियाकलाप का नामांकित आरेख सहित वर्णन कीजिए। 
उत्तर- किसी लोहे की वस्तु को काफी समय तक नम वायु में रखने पर, इसके ऊपर भूरे रंग की आयरन ऑक्साइड की परत बनने के प्रक्रम को जंग लगना कहते हैं। (पाठ्य पुस्तक में क्रियाकलाप 3.14 देखिए)।

प्रश्न 20. जंग लगने से बचाने के कुछ उपायों को बताइए।
उत्तर- जंग लगने से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं-

  1. तेल या ग्रीस की तह आदि लोहे पर जमा पीतल दी जाए तो नम वायु लोहे के सम्पर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगती है।
  2. लोहे की सतह पर रंग-रोगन करके जंग लगने से बचाया जा सकता है। बसों, कारों, स्कूटर आदि पर एनमल की तह जमाई जाती है।
  3. लोहे पर जस्ते की परत जमा कर (यशदलेपन) इसे जंग लगने से बचाया जाता है, जैसे-लोहे की बाल्टियाँ, चादरों आदि पर यह प्रक्रिया अपनायी जाती है।
  4. निकिल, क्रोमियम आदि धातुओं की तह विद्युत् लेपन के द्वारा लोहे की सतह पर चढ़ाने से जंग नहीं लगती है, जैसे-वाहनों के रिम, हैंडिल आदि।

प्रश्न 21. निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए।
उत्तर- हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन के ताप तक गर्म करके उसमें से नमी एवं वाष्पशील पदार्थों को अलग करने की क्रिया को निस्तापन कहते हैं जबकि हवा की मुक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 3 धातु एवं अधातु

महत्त्वपूर्ण प्रायोगिक क्रियाकलाप

प्रयोग 1. दर्शाएँ कि धातुएँ ऊष्मा की सुचालक होती हैं।
आवश्यक सामग्री – एक क्लैंप स्टैंड, एक धातु की तार, बर्नर, मोम, पिनें ।
विधि – (i) एक ऐलुमिनियम ताँबे की तार लें तथा क्लैंप की सहायता से एक स्टैंड में फिट करें।
(ii) तार के स्वतंत्र सिरे के पास मोम की सहायता से एक पिन चिपका दें।
(iii) तार को स्पिरिट लैंप की सहायता से स्टैंड के पास से गर्म करें ।
अवलोकन – कुछ समय के पश्चात मोम पिघलने से पिनें गिर जाती हैं ।
परिणाम/निष्कर्ष- धातुएँ ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं और उनके गलनांक भी उच्च होते हैं । ( इतना-सा गर्म करने पर वे नहीं पिघलतीं।)
प्रयोग 2. धातुओं का विद्युत चालकता के लिए परीक्षण करना ।
आवश्यक सामग्री– विभिन्न धातुओं के टुकड़े, बैटरी, बल्ब, स्विच, क्रोकोडाइल क्लिप, संपर्क तारें आदि ।
विधि – (i) चित्र में दिखाए अनुसार विद्युत परिपथ बनाइए ।
(ii) A व B बिंदु के बीच धातु की तार लगाएँ ।
(iii) स्विच ऑन करें तथा बल्ब को देखें ।
(iv) विभिन्न धातुओं के साथ प्रयोग को दोहराएँ ।
अवलोकन – बल्ब जल उठता है ।
परिणाम/निष्कर्ष- धातुएँ विद्युत की सुचालक हैं।
प्रयोग 3. धातु ऑक्साइड व अधातु ऑक्साइडों की प्रकृति ज्ञात करना ।
आवश्यक सामग्री – मैग्नीशियम रिबन, सल्फर पाउडर, जल, बीकर, पैट्रीडिश, माचिस, बर्नर, परखनलियाँ।
विधि – (i) एक मैग्नीशियम रिबन तथा कुछ सल्फर पाउडर लें।
(ii) मैग्नीशियम रिबन को जलाएँ तथा इसे जलाने पर जो सफ़ेद पाउडर बना उसे पानी में घोलें।
(iii) बने विलयन को नीले तथा लाल लिटमस से परीक्षण करें ।
अवलोकन – विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है ।
परिणाम– मैग्नीशियम ऑक्साइड का जलीय विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है ।
2Mg + O2 → 2MgO
MgO + H2O → Mg (OH)2
                         मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड
(iv) सल्फर पाउडर को जलाएँ । जलती हुई सल्फर के ऊपर एक परखनली रखें तथा गैस को एकत्रित करें।
(v) परखनली में थोड़ा-सा पानी डालें तथा इसे हिलाएँ ।
(vi) विलयन का लाल तथा नीले लिटमस के साथ परीक्षण करें।
अवलोकन – विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है ।
परिणाम – विलयन की प्रकृति अम्लीय है ।
S + O2            →     SO2 (g)
H2O (l) + SO2 (g)    →   H2SO3 (aq)
सल्फ़्यूरस अम्ल
निष्कर्ष – धातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति क्षारीय तथा अधातुओं के ऑक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है l
प्रयोग 4. क्या सभी धातुएँ जल के साथ एक ही प्रकार से क्रिया करती हैं ?
आवश्यक सामग्री – विभिन्न धातुएँ; जैसे सोडियम, कैल्सियम, ऐलुमिनियम, जल आदि ।
विधि – (i) धातु सैम्पलों के छोटे-छोटे टुकड़े आधे भरे बीकरों में ठंडे पानी में डालें।
(ii) अवलोकन करें कि कौन-सी धातु ठंडे जल के साथ आसानी से क्रिया कर लेती है ?
(iii) अवलोकन करें कि कौन-सी धातु ठंडे जल में आग पकड़ लेती है ?
(iv) क्या कोई धातु कुछ समय के पश्चात् पानी के तल पर तैरना आरंभ कर देती है ?
(v) जो धातुएँ ठंडे पानी के साथ क्रिया नहीं करतीं उन्हें गर्म पानी में डालें ।
(vi) जो धातुएँ गर्म पानी के साथ क्रिया नहीं करतीं, उनके लिए चित्र में दिखाए अनुसार उपकरण फिट करें।
(vii) धातुओं को उनकी घटती हुई क्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित करें ।
अवलोकन – (i) सोडियम धातु ठंडे पानी के साथ क्रिया कर लेती है और आग पकड़ लेती है।
(ii) कैल्सियम ठंडे पानी के साथ धीरे-धीरे क्रिया करती है तथा कुछ समय पश्चात पानी की सतह पर तैरने लगती है।
(iii) ऐलुमिनियम गर्म उबलते हुए पानी के साथ क्रिया करती है ।
(iv) लौह धातु भाप के साथ क्रिया करती है ।
(v) ऐलुमिनियम भी सरलता से भाप के साथ क्रिया कर लेती है ।
परिणाम – धातुओं की घटती क्रियाशीलता का क्रम-Na > Ca > Al > Fe

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ धातु (Metals)-ऐसे तत्व, जिनमें चमक होती है, जो तार तथा पतली चादरों के रूप में परिवर्तित किये जा सकें तथा जो ऊष्मा के चालक होते हैं, धातु कहलाते हैं। उदाहरण-आयरन, कॉपर, सोना, चाँदी आदि।

→ अधातु (Non-metals)-वे तत्व, जिनमें चमक नहीं होती है, जो तार तथा पतली चादरों के रूप में परिवर्तित नहीं किये जा सकते एवं जो ऊष्मा के कुचालक होते हैं, अधातु कहलाते हैं। उदाहरण- सल्फर, फॉस्फोरस, कार्बन इत्यादि।

→ तन्यता (Ductility) धातुओं का वह लाक्षणिक गुण जिसके कारण धातुओं को तार के रूप में खींचा जा सकता है, तन्यता कहलाता है।

→ आघातवर्ध्यता (Malleability) धातुओं का वह लाक्षणिक गुण जिसके कारण धातुओं को हथौड़े से पीटकर बहुत पतली चादरों के रूप में ढाला जा सकता है, आघातवऱ्याता कहलाता है।

→ चालकता (Conductivity)-धातुओं में ऊष्मा तथा विद्युत् का प्रवाह हो सकता है। इसी गुण को चालकता कहते हैं। चाँदी ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।

→ ऑक्साइड (Oxides)-ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड (Basic Oxides) बनाती हैं। जबकि अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अम्लीय ऑक्साइड (Acidic Oxides) बनाती हैं। ऐल्युमीनियम जिंक के ऑक्साइड क्षारकीय व अम्लीय दोनों प्रकार के गुणों को प्रदर्शित करते हैं। अतः ये उभयधर्मी ऑक्साइड | (Amphoteric Oxides) कहलाते हैं।

→ ध्वनिक धातुएँ (Sonorous metals)-ऐसी धातुएँ जो किसी कठोर सतह से टकराने पर आवाज उत्पन्न करती हैं,ध्वनिक (Sonorous) धातुएँ कहलाती हैं, जैसे- सोना, चाँदी, लोहा आदि।

→ द्रव अवस्था (Liquid state) कमरे के ताप पर पारा (मरकरी) द्रव रूप में होता है जबकि गैलियम व सीजियम | ! का गलनांक काफी कम होता है। हथेली पर रखने पर ये धातुएँ द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती हैं।

→ अपररूप (Allotropes)-किसी तत्व के एक से अधिक रूपों में विद्यमान रहने के गुण को अपररूपता (Allotropy); न कहते हैं। उदाहरण-कार्बन के विभिन्न अपररूप पाये जाते हैं, जैसे-ग्रेफाइट, हीरा, चारकोल, फुलेरीन आदि।

→ ऐक्वारेजिया (Aquaregia)-यह 3 : 1 के अनुपात में सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल. (HCl) तथा सान्द्र नाइट्रिक अम्ल (HNO3) का मिश्रण होता है। यह सोना एवं प्लेटिनम को गलाने में भी समर्थ होता है।

→ सक्रियता श्रेणी (Activity series)-वह श्रेणी जिसमें धातुओं को उनकी क्रियाशीलता के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, सक्रियता श्रेणी कहलाती है। इस श्रेणी में सबसे ऊपर सर्वाधिक क्रियाशील धातु पोटैशियम तथा सबसे नीचे सबसे कम क्रियाशील धातु सोना होती है।

→ खनिज (Minerals) भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्वों या यौगिकों को खनिज कहते हैं।

→ अयस्क (Ores). जिन खनिजों में किसी विशेष धातु की मात्रा अधिक रूप से होती है, जिसे निकालना लाभकारी | | होता है उन्हें अयस्क कहते हैं।

→ गैंग या मैट्रिक्स (Gangue or Matrix)-पृथ्वी से प्राप्त खनिज, अयस्कों में मिट्टी, रेत जैसी अनेक अशुद्धियाँ होती ।
है, इन्हें गैंग या मैट्रिक्स कहते हैं |

→ ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड (Amphoteric oxide) कहलाते हैं।

→ आयोडीन अधातु होते हुए भी चमकीली होती है।

→ सोना तथा चाँदी अधिक ताप पर भी ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं।

→ सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं की प्राप्ति प्रायः कार्बोनेट या सल्फेट के रूप में होती है जिसके लिये भर्जन एवं निस्तापन अभिक्रियाएँ करनी पड़ती हैं।

→ रेल की पटरी और मशीन के पुों की दरारों को थर्मिट अभिक्रिया (Thermite Reaction) द्वारा जोड़ा जाता है।

→ अशुद्ध धातु में से अपद्रव्य हटाकर शुद्ध धातुएँ प्राप्त की जाती हैं।

→ यदि कोई एक धातु पारद है तो इसके मिश्रातु (मिश्रधातु) को अमलगम (amalgum) कहते हैं।

→ दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रातु (Alloys) कहते हैं।

→ लम्बे समय तक आई वायु में रहने पर लोहे पर भूरे रंग के पदार्थ की पर्त चढ़ जाती है जिसे जंग लगना (Corrosion) कहते हैं।

→ लोहे एवं इस्पात को जंग से सुरक्षित रखने के लिये उन पर जस्ते (जिंक) की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशद लेपन (Galvanisation) कहते हैं।

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