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Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन

HBSE 10th Class Geography वन और वन्य जीव संसाधन Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय
1. पृथ्वी पर जैव विविधता – यह पूरा आवासीय स्थल, जिस पर हम रहते हैं, अत्यधिक जैव विविधताओं से भरा हुआ है। मानव और दूसरे जीवधारी एक कठिन पारितंत्र का निर्माण करते हैं, जिसका हम मात्र एक हिस्सा हैं।
2. भारत में जैव विविधता – हमारे देश में लगभग 81,000 वन्य जीवन उपजातियाँ और लगभग 47,000 वनस्पति उपजातियाँ पाई जाती हैं । वनस्पति उपजातियों में से लगभग 15,000 उपजातियाँ भारतीय मूल की हैं ।
3. सामान्य जातियाँ – ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य है; जैसे पशु, साल और चीड़ आदि ।
4. संकटग्रस्त जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है; जैसे काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, शेर – पूँछ वाला बंदर, मणिपुरी हिरण आदि ।
5. सुभेद्य जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या कम हो रही है; जैसे नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन आदि ।
6. दुर्लभ जातियाँ इन जातियों की संख्या बहुत कम या सुभेद्य है। यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ परिवर्तित नहीं होती तो ये संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं, जैसे हिमालयन भूरा भालू ।
7. स्थानिक जातियाँ- प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाने वाली जातियाँ अंडमानी टील, निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सुअर और अरुणाचल के मिथुन इन जातियों के उदाहरण हैं।
8. लुप्त जातियाँ – लुप्त जातियों से अभिप्राय उन जातियों से है जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गई हैं। ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, देश, प्रदेश, महाद्वीप या संपूर्ण पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं। ऐसी उपजातियों में एशियाई चीता और गुलाबी सिर वाली बत्तख शामिल हैं।
9. वन्य जीवन का विनाश – कृषि योग्य भूमि के विस्तार के कारण वन कटाव, नदी घाटी परियोजनाओं के कारण वन क्षेत्रों को साफ करना, नई रेल लाइनें और सड़कों का निर्माण करने और नए उद्योग लगाने के कारण वन क्षेत्र कम होता जा रहा है जिससे वन्य जीवन का विनाश हो रहा है ।
10. भारतीय वन्य जीवन (रक्षण) अधिनियम 1972- इस अधिनियम में वन्य जीवन रक्षण के अनेक प्रावधान थे । इसमें संकटग्रस्त जातियों के बचाव पर, शिकार प्रतिबंधन पर तथा वन्य जीव आवासों के रक्षण पर बल दिया गया था ।
11. टाईगर प्रोजेक्ट बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए यह प्रोजेक्ट 1973 में शुरू किया गया जिसके अंतर्गत लगभग 27 बाघ रिज़र्व की स्थापना की गई ।
12. आरक्षित वन–ये वे वन हैं जो इमारती लकड़ी अथवा वन उत्पादों को प्राप्त करने के लिए स्थायी रूप से सुरक्षित किए गए हैं। इनमें पशुओं को चराने और कृषि करने की अनुमति नहीं होती है ।
13. संरक्षित वन – ये वे वन हैं, जिनमें पशुओं को चराने व खेती की अनुमति सामान्य प्रतिबंधों के साथ दे दी जाती है ।
14. अवर्गीकृत वन–ये वे वन हैं, जो अधिकतर दुर्गम हैं । ये बहुत सघन वन होते हैं ।
15. वनों का हास- बढ़ती जनसंख्या के दबाव और औद्योगीकरण के कारण अत्यधिक उपयोग होने से वनों का ह्रास हुआ है ।
16. वनों के विनाश से हानियाँ – इससे मृदा अपरदन में वृद्धि होती है, भूमिगत जल में कमी आती है और प्राणी जीवन के अस्तित्व को खतरा पैदा हो जाता है ।
17. वनों का संरक्षण – यह एक राष्ट्रीय समस्या है। इस समस्या को वन विभाग तथा अन्य विभागों के आपसी सहयोग द्वारा हल किया जा सकता है। सभी राष्ट्रीय उत्सवों के कार्यक्रमों को वृक्षारोपण के कार्यक्रमों से जोड़ना चाहिए।

प्रश्न 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) इनमें से कौन-सी टिप्पणी प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का सही कारण नहीं है?
(क) कृषि प्रसार
(ख) पशुचारण और ईंधन लकड़ी एकत्रित करना
(ग) वृहत स्तरीय विकास परियोजनाएँ
(घ) तीव्र औद्योगीकरण और शहरीकरण
उत्तरः
(ग) पशुचारण और ईंधन लकड़ी एकत्रित करना

(ii) इनमें से कौन-सा संरक्षण तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता?
(क) संयुक्त वन प्रबंधन
(ख) बीज बचाओ आंदोलन
(ग) चिपको आंदोलन
(घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन
उत्तरः
(घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन

वन और वन्य जीव संसाधन HBSE 10th Class Geography

2. निम्नलिखित प्राणियों / पौधों का उनके अस्तित्व के वर्ग से मेल करें।

जानवर/पौधे — अस्तित्त्व वर्ग
1. काला हिरण — (अ) लुप्त
2. एशियाई हाथी — (ब) दुर्लभ
3. अंडमान जंगली सुअर — (स) संकटग्रस्त
4. हिमालयन भूरा भालू — (द ) सुभेद्य
5. गुलाबी सिरवाली बत्तख — (ध) स्थानिक उत्तरः
1. स
2. द
3. ध
4. ब
5. अ

वन एवं वन्य जीव संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class Geography

3. निम्नलिखित का मेल करें।

आरक्षित वन — (अ) सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि।
रक्षित वन — (ब) वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन।
अवर्गीकृत वन — (स)वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है।
उत्तरः
1. ब
2. स
3. अ

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) जैव विविधता क्या है? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तरः
(i) पृथ्वी पर विभिन्न तरह के जीवों (प्राणिजात एवं वनस्पतिजात) का पाया जाना जैव विविधिता कहलाता है। इन जीवों के आकार तथा कार्य भिन्न होते हैं
(ii) जैवविविधता मानव जीवन हेतु महत्त्वपूर्ण-मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल परिस्थितिकी तन्त्र का निर्माण करते हैं, जिसका हम मात्र एक अग है और स्वयं के अस्तित्व हेतु इसके विभिन्न तत्वों पर आश्रित रहते हैं। जैसे-वायु, जल, मृदा। पेंड़-पौधे, पशु और सूक्ष्मजीवी इनका पुनः सृजन करते हैं। अत: जैव विविधता मानव जीवन हेतु महत्त्वपूर्ण है।

(ii) विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास के कारक हैं?
उत्तरः
मानव ने अपनी बढ़ती हुई लालच की प्रवृत्ति के कारण प्रकृति को संसाधनों में परिवर्तित कर दिया है। वह इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों प्रकार के लाभ उठा रहा है। सर्वाधिक बुरा प्रभाव वनस्पति और जीवों पर पड़ा है क्योंक वनों के कटाव से इसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। उपयुग्क्त कारणों के अतिरिक्त निम्नलिखित मानव क्रियाओं ने वनस्पति और जीवों का आवस छीनकर उनके क्षरण को बढ़ावा दिया है-

(1) तीव्र औद्योगिकरण
(2) अत्यधिक कृषि का दबाव
(3) बढ़ती जनसंख्या हेतु आवास की आवश्यकता
(4) रेलवे का विकास
(5) जंगली पशुओं का शिकार
(6) तकनीकी विकास

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया है? विस्तारपूर्वक विवेचना करें।
उत्तर:
भारतीय समाज में अनेको संस्कृतियाँ है और प्रत्येक संस्कृति और इसकी कृतियों को संरक्षित करने के अपने पारम्परिक तरीके हैं। सामान्यतः झरनों, पहाड़ी चोटियों, वृक्षों और पशुओं को पवित्र मानकर उनका संरक्षण किया जाता है। – भारत देश वन कुछ मानव प्रजातियों का आवास भी है। कुछ स्थानीय समुदाय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने आवासस्थलों के संरक्षण में जुटे हैं क्योंकि इसीसे ही दीर्घकाल में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हैं सरिस्का बाघ रिजर्व में राजस्थान के ग्राम के लोग वन्य जीव रक्षण अधिनियम के तहत् वहाँ से खनन कार्य बन्द करवाने हेतु संघर्षरत हैं। अलवर जिले के 5 गाँव के लोगों शिकार पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु स्वयं नियम कानून बनाये हैं तथा बाहरी लोगों की घुसपैठ से यहाँ के वन जीवन को बचाते हैं।

हिमालय में प्रसिद्ध ‘चिपको आन्दोलन’ कई क्षेत्रों में वन कटाई रोकने में ही सफल नहीं रहा वरन् स्थानीय पौधों की जातियों का प्रयोग करके सामुदायिक नवीकरण अभियान को सफल बनाया।

टिहरी के कृषकों ने ‘बीज बचाओ आंदोलन’ और ‘नवदानय’ के द्वारा यह संदेश दिया कि रासायनिक उर्वरकों के अभाव में भी विविध फसल उत्पादन संभव है।

(ii) वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तरः
प्रकृति की पूजा सदियों पुराना जनजातीय विश्वास है इसका आधार प्रकृति के हर रूप की रक्षा करना है। इन्हीं विश्वासों ने विभिन्न वनों को मूल और मौमार्य रूप में बचाकर रखा है, जिन्हें पवित्र पेड़ों के झुरमुट (देवी-देवताओं के वन) कहते हैं। वनों के इन भागों में या तो वनों के ऐसे बड़े भागों में स्थानीय लोग ही घुसते और न ही किसी और को छेड़छाड़ करने देते।

कुछ समाज कुछ विशेष वृक्षों की पूजा करते हैं। वे प्राचीनकाल से उन पेड़ों का संरक्षण भी करते आ रहे हैं। छोटा नागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ तथा कदंब के वृक्षों की पूजा करते हैं। उड़ीसा और बिहार प्रदेशों की जनजातियाँ शादी के दौरान इमली तथा आम के पेड़ की पूजा करती हैं। हमें से बहुत से व्यक्ति पीपल और कटवृक्ष को पवित्र मानते हैं।

भारतीय समाज में विविध संस्कृतियाँ हैं। प्रत्येक संस्कृति में प्रकृति तथा इसकी कृतियों का संरक्षित करने के अपने पारंपरिक तरीके हैं। आमतौर पर झरनों, पहाड़ी चोटियों, पेड़ों तथा पशुओं को पवित्र मानकर उनका संरक्षण किया जाता है। आप अनेक मंदिरों के आस-पास- बंदल तथा लंगूर पाएँगे। उपासक उन्हें जिमाते हैं और भक्तों में गिनते हैं। राजस्थान में बिश्नोई गाँवों के आस-पास आप काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों के झुंड को आसानी से देखा जा सकता है। ये जीव वहाँ के समुदाय का अभिन्न अंग हैं और कोई उनको नुकसान नहीं पहुँचाता।

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Important Questions HBSE Geography

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long- Answer Type Questions] 
प्रश्न 1. संरक्षण की दृष्टि से पौधों और प्राणियों को किन-किन श्रेणियों में बाँटा गया है?
उत्तर-अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ (IUCN) ने पौधों और प्राणियों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया है –
1. सामान्य जातियाँ – ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती है; जैसे चीड़, पशु, साल और कृंतक (रोडेंट्स) इत्यादि ।
2. संकटग्रस्त जातियाँ – ये वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है। जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या कम हुई है, यदि वे जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है। गैंडा, काला हिरण, भारतीय जंगली गधा, मगरमच्छ, संगाई (मणिपुरी हिरण), शेर, पूँछ वाला बंदर इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं।
3. सुभेद्य जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या कम हो रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जातीं और इनकी संख्या कम होती रहती है तो ये संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएँगी। नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं।
4. दुर्लभ जातियाँ- इन जातियों की संख्या बहुत कम है और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होतीं तो ये संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं ।
5. स्थानिक जातियाँ प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाने वाली जातियाँ अंडमानी टील, निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सुअर और अरुणाचल के मिथुन इन जातियों के उदाहरण हैं।
6. लुप्त जातियाँ – ये वे जातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गई हैं। ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, प्रदेश, देश, महाद्वीप या पूरी पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं। ऐसी उपजातियों में एशियाई चीता और गुलाबी सिर वाली बत्तख शामिल हैं।
प्रश्न 2. मानव के लिए वन किस प्रकार उपयोगी हैं ?
उत्तर – मानव के लिए वन प्रकृति की अमूल्य भेंट हैं। इनका मानव जीवन में बहुत ही उपयोगी स्थान है। ये निम्नलिखित प्रकार से मानव के लिए उपयोगी हैं-
(i) वन पर्यावरण की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हैं।
(ii) वन स्थानीय जलवायु में सुधार करते हैं ।
(iii) वन मृदा अपरदन को नियंत्रित करते हैं ।
(iv) वन नदी प्रवाह को नियंत्रित करके बाढ़ों को रोकते हैं ।
(v) विभिन्न उद्योगों के संचालन के लिए वन कच्चा माल उपलब्ध करवाते हैं ।
(vi) वन मानव को आजीविका उपलब्ध करवाते हैं ।
(vii) वन मनोरंजन के साधन उपलब्ध करवाते हैं ।
(viii) वनों से हमें इमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी मिलती है ।
(ix) वन हमें मीठे फल और अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियाँ प्रदान करते हैं ।
(x) वन वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक पर्यावरण प्रदान करते हैं ।
(xi) वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं ।
(xii) वनों से हमें चारा, गोंद इत्यादि अनेक उपयोगी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं ।
प्रश्न 3. भारत में वनों के वितरण का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए ।
उत्तर – भारत में मुख्यतः पाँच प्रकार के वन पाए जाते हैं जिनका वर्णन निम्नलिखित है –
1. उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन-ये वन पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप समूहों, असम के ऊपरी भागों और तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं । ये उन क्षेत्रों में भली-भाँति विकसित हैं जहाँ 200 सें०मी० से अधिक वर्षा के साथ कुछ समय के लिए शुष्क ऋतु पाई जाती है। क्योंकि ये क्षेत्र साल भर गर्म और आर्द्र रहते हैं, इसीलिए यहाँ हर प्रकार की वनस्पति- झाड़ियाँ, वृक्ष व लताएँ उगती हैं और वनों में इनकी विभिन्न ऊँचाइयों से कई स्तर देखने को मिलते हैं । वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता । अतः ये वन साल भर हरे-भरे लगते हैं ।
इन वनों में पाए जाने वाले व्यापारिक महत्त्व के कुछ वृक्ष आबनूस (एबोनी), महोगनी, रोज़वुड, रबड़ और सिंकोना हैं ।
2. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन-ये वन भारत में सबसे अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। इन वनों को मानसूनी वन भी कहते हैं और ये उन क्षेत्रों में विस्तृत हैं जहाँ 70 सें०मी० से 200 सें० मी० तक वर्षा होती है। इन वनों के वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में छः से आठ सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं ।
देश के पूर्वी भागों, उत्तरी-पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरिपद प्रदेशों, पश्चिमी ओडिशा (उड़ीसा), छत्तीसगढ़, झारखंड तथा पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों तक ये वन पाए जाते हैं। सागोन इन वनों की अधिक प्रमुख वृक्ष प्रजाति है। वर्ब, अर्जुन, साल, शीशम, बांस, रवैर, कुसुम, चंदन, तथा शहतूत के वृक्ष व्यापारिक महत्त्व वाले हैं।
3. कंटीले वन तथा झाड़ियाँ – जिन क्षेत्रों में वर्षा 70 सें०मी० से भी कम होती है, वहाँ प्राकृतिक वनस्पति में कंटीले वन और झाड़ियाँ पाई जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति देश के उत्तरी-पश्चिमी भागों में पाई जाती है जिनमें छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्र सम्मिलित हैं। अकासिया, खजूर (पाम), यूफ़ोरबिया तथा नागफनी (कैक्टाई) यहाँ के पौधों की मुख्य प्रजातियाँ हैं।
4. पर्वतीय वन – (i) आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन – ये वन 1000 मी० से 2000 मी० तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते । इन वनों में चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट वृक्ष पाए जाते हैं।
(ii) शंकुधारी वन – ये वन 1500 मी० से 3000 मी० की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, स्प्रूस, सीडर इन वनों में पाए जाने वाले मुख्य वृक्ष हैं ।
(iii) शीतोष्ण कटिबंधीय वन एवं घास के मैदान ये वन और घास के मैदान 3000 मी० से 3600 मी० की ऊँचाई तक के प्रदेशों में पाए जाते हैं।
(iv) अल्पाइन वन–3600 मी० से अधिक ऊंचाई पर इस प्रकार के वन पाए जाते हैं । सिल्वर-फर, जूनिपर, पाइन व बर्च इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं।
5. मैंग्रोव वन–यह वनस्पति तटवर्तीय क्षेत्रों, जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं, की महत्त्वपूर्ण वनस्पति है। मिट्टी एवं बालू (रत) इन तटों पर एकत्रित हो जाती है। मैंग्रोव एक प्रकार की ऐसी वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं । ये वन ब्रह्मपुत्र, गंगा, गोदावरी, महानदी, कावेरी तथा कृष्णा नदियों के डेल्टा प्रदेशों में पाए जाते हैं। सुंदरवन इस प्रकार के वनों का प्रमुख उदाहरण है। इस वन में सुंदरी नामक वृक्ष पाया जाता है। इसलिए इस वन को सुंदरवन के नाम से जाना जाता है । यह वन गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों के डेल्टा प्रदेश में स्थित है।
प्रश्न 4. वन संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर–वनों का संरक्षण एक राष्ट्रीय समस्या है। इस समस्या को वन विभाग तथा अन्य विभागों के आपसी सहयोग द्वारा हल करना चाहिए। वनों के संरक्षण में सामान्य लोगों की सहभागिता का विशेष महत्त्व है। हमें वन महोत्सव बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाने चाहिएँ। जिन क्षेत्रों में फसल उगाई नहीं जा सकती, उन क्षेत्रों में पेड़ लगाने चाहिएँ । हमें पेड़ों के महत्त्व के विषय में जनचेतना पैदा करनी चाहिए। सभी राष्ट्रीय उत्सवों के कार्यक्रमों को वृक्षारोपण के कार्यक्रमों से जोड़ना चाहिए ।
वन संरक्षण के उपाय – (i) वनरोपण और सामाजिक वानिकी कार्यक्रमों के द्वारा वन आवरण क्षेत्र में पर्याप्त वृद्धि करनी चाहिए।
(ii) जनजातियों एवं ग्रामीण लोगों के लिए जलाऊ लकड़ी, चारा, छोटे-मोटे वन उत्पाद तथा इमारती लकड़ी उपलब्ध कराने हेतु उपाय करने चाहिएँ ।
(iii) राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वनों की उत्पादकता को बढ़ाना चाहिए।
(iv) वन उत्पादों के कुशल उपयोग तथा लकड़ी के अनुकूलतम पूरक पदार्थों को बढ़ावा देना चाहिए ।
(v) मौजूदा वनों से दबाव को कम करने तथा राष्ट्रीय वन नीति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए, वृहत् जन-आंदोलन के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिएँ ।
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. पशुओं की दुर्लभ जातियों और सुभेद्य जातियों के बीच उदाहरण देकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – पशुओं की दुर्लभ जातियों और सुभेद्य जातियों के बीच अंतर निम्नलिखित हैं –
दुर्लभ जातियाँ सुभेद्य जातियाँ
1. इन जातियों की संख्या बहुत कम हैं और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ परिवर्तित नहीं होती तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं । 1. ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या कम हो रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ बदली नहीं जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएंगी।
2. हिमालय का भूरा भालू, जंगली एशियाई भैंसा आदि दुर्लभ जातियों के उदाहरण हैं । 2. नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि सुभेद्य जातियों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 2. संकटग्रस्त और लुप्त जातियों के बीच में उचित उदाहरण देकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – संकटग्रस्त और लुप्त जातियों के बीच में उचित अंतर निम्नलिखित हैं—
संकटग्रस्त जातियाँ लुप्त जातियाँ
1. संकटग्रस्त जातियाँ वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है। 1. ये वे प्रजातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गईं हैं।
2. काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, गैंडा, शेर- पूँछ वाला बंदर, इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं। 2. एशियाई चीता और गुलाबी सिर वाली बत्तख आदि इन जातियों के कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 3. वनस्पति तथा जीव-जंतु में क्या अंतर है?
उत्तर – वनस्पति तथा जीव-जंतु में निम्नलिखित अंतर हैं –
वनस्पति जीव-जंतु
1. यह पौधों के जीवन से संबंधित है। 1 यह पशु-पक्षियों, मछली आदि के जीवन से संबंधित है।
2. वनस्पति वातावरण से प्रभावित रहती है । 2. जीव-जंतु अपने आपको वातावरण के अनुसार ढाल लेते हैं।
3. वनस्पति जीव-जंतुओं को भोजन प्रदान करती है । 3. जीव-जंतु को भोजन के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाता है— (i) शाकाहारी और (ii) मांसाहारी ।
4. वनस्पति पूर्णतः जीव-जंतुओं पर निर्भर होती है। 4. जीव-जंतु वनस्पति को स्थिरता प्रदान करके सहायता करते हैं ।
प्रश्न 4. वन और वन्य जीवन संरक्षण में लोगों की भागीदारी कैसे महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर – मनुष्य का वन और वन्य प्राणियों से बड़ा गहरा सम्बन्ध रहा है। वन और वन्य जीवन हमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक व सामाजिक लाभ पहुँचाते हैं। वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए मनुष्य की भागीदारी बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। औद्योगिक और तकनीकी विकास के कारण ही वन और वन्य जीवों की संख्या में कमी आ रही है। बहुत से वन्य प्राणियों की प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं । अतः यह आवश्यक है कि मनुष्य ऐसा विकास करे जिससे वन और वन्य प्राणियों का संरक्षण हो सके। वनों के हित के लिए आन्दोलन चलाए जाएँ तथा जन-जागरूकता लाई जाए । इसी प्रकार वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए भी संकटापन्न जातियों को संरक्षण प्रदान किया जाए। इस दिशा में मनुष्य की सहभागिता निम्नलिखित प्रकार से प्रभावी हो सकती है –
(i) वनों को कम-से-कम साफ किया जाना चाहिए, ताकि वन्य जीवों के आवास नष्ट न हों।
(ii) चारे, ईंधन और इमारती लकड़ी के लिए वनों से पेड़ नहीं काटने चाहिएँ।
(iii) व्यापारिक महत्त्व के लिए जंगली जानवरों का शिकार नहीं किया जाना चाहिए ।
प्रश्न 5. ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ पर एक संक्षिप्त नोट लिखें ।
उत्तर- (i) वन्य जीवन संरचना में बाघ एक महत्त्वपूर्ण जंगली जाति है। 1973 में अधिकारियों ने पाया कि देश में बाघों की अनुमानित संख्या 55,000 से घटकर मात्र 1,827 रह गई ।
(ii) बाघों को मारकर उनको व्यापार के लिए चोरी करना, आवासीय स्थलों का सिकुड़ना, भोजन के लिए आवश्यक जंगली उपजातियों की संख्या कम होना और जनसंख्या में वृद्धि बाघों की घटती संख्या के मुख्य कारण हैं।
(iii) ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ विश्व की बेहतरीन वन्य जीव परियोजनाओं में से एक है और इसकी शुरुआत 1973 में हुई।
(iv) भारत में 27 बाघ संरक्षण परियोजन बनाए गए हैं। उत्तराखंड में जिम कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल में सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान आदि भारत में बाघ संरक्षण परियोजनाओं के उदाहरण हैं ।
प्रश्न 6. एशियाई चीते पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए |
उत्तर- भूमि पर रहने वाला दुनिया का सबसे तेज स्तनधारी प्राणी, चीता, बिल्ली परिवार का एक अजूबा और विशिष्ट सदस्य है। यह लगभग 112 कि०मी० प्रति घंटा की गति से दौड़ सकता है। लोगों को आमतौर पर भ्रम रहता है कि चीता एक तेंदुआ होता है। वास्तव में, चीते की विशेष पहचान उसकी आँख के कोने से मुँह तक नाक के दोनों ओर फैली आँसुओं के लकीरनुमा निशान हैं। 20वीं शताब्दी से पहले चीते अफ्रीका और एशिया में दूर-दूर तक फैले हुए थे। अब इसके आवासीय क्षेत्र और शिकार की उपलब्धता कम होने से ये लगभग लुप्त हो चुके हैं। भारत में तो यह जाति बहुत पहले, 1952 में लुप्त घोषित कर दी गई थी।
प्रश्न 7. हिमालयन यव नामक पौधे पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर – हिमालयन यव ( चीड़ की प्रकार का सदाबहार वृक्ष) एक औषधीय पौधा है जो हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता है । इस पेड़ की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से टकसोल नामक रसायन निकाला जाता है तथा इसे कुछ कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। इससे बनाई गई दवाई विश्व में सबसे अधिक बिकने वाली कैंसर औषधि है। इसके अत्यधिक निष्कासन से इस वनस्पति जाति को खतरा पैदा हो गया है। पिछले एक दशक में हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में यव के हज़ारों पेड़ सूख चुके हैं।
प्रश्न 8. बाघों की घटती संख्या के लिए उत्तरदायी कारक या कारण लिखिए |
उत्तर – बाघों की घटती संख्या के लिए उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं –
(i) बाघों को मारकर उनको व्यापार के लिए चोरी करना ।
(ii) भोजन के लिए आवश्यक जंगली उपजातियों की संख्या कम होना ।
(iii) आवासीय स्थलों का सिकुड़ना ।
(iv) जनसंख्या में वृद्धि से भी बाघों की संख्या प्रभावित हुई है।
(v) बाघों की खाल का व्यापार और उनकी हड्डियों का एशियाई देशों में परंपरागत औषधियों में प्रयोग के कारण यह जाति विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गई है।
प्रश्न 9. वन और वन्य जीवन के विनाश से लोग किस प्रकार प्रभावित होते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या करें ।
उत्तर–(i) इससे सांस्कृतिक विविधता का नुकसान होता है जिसने कई स्वदेशी और अन्य वन आश्रित समुदायों को हाशिये पर डाल दिया है ।
(ii) ग़रीब वर्ग में भी महिलाएँ बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं क्योंकि उन्हें जीवन की आवश्यक वस्तुओं को इकट्ठा करने के लिए दूर तक जाना पड़ता है जिससे उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं ।
(iii) वन कटाई के परोक्ष परिणाम सूखा और बाढ़ हैं ।
(iv) इससे भूमि का निम्नीकरण होता है, जिससे उपजाऊ भूमि बंजर भूमि में बदल जाती है।
(v) जानवरों की बहुत-सी जातियाँ लुप्त हो गई हैं और बहुत सी प्रजातियों की संख्या कम होकर संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ गई हैं।
प्रश्न 10. भारत की जैव विविधता में गिरावट के लिए उत्तरदायी दो कारकों की व्याख्या करें ।
उत्तर-(i) वन्य जीव के आवास का विनाश, जंगली जानवरों को मारना व आखेटन, पर्यावरणीय प्रदूषण व विषाक्तिकरण और दावानल आदि भारत में जैव विविधता को कम करने वाले कारक हैं ।
(ii) संसाधनों का असमान बंटवारा व उनका असमान उपभोग और पर्यावरण के रख-रखाव की ज़िम्मेवारी में असमानता भी पर्यावरण विनाश के मुख्य कारक हैं ।
प्रश्न 11. हमें अपने वन्यजीव तथा वन संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- (i) संरक्षण से पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है तथा हमारे जीवन साध्य संसाधन-जल, वायु और मृदा बने रहते हैं।
(ii) यह विभिन्न जातियों में बेहतर जनन के लिए वनस्पति और पशुओं में जींस विविधता को भी संरक्षित करती है।
(iii) हम सभी जीवित प्राणी मिल कर पारिस्थितिक तंत्र का एक जटिल जाल बनाते हैं जिसका हम केवल एक हिस्सा हैं और हम अपने रख-रखाव के लिए इस तंत्र पर अति निर्भर हैं।
प्रश्न 12. संयुक्त वन प्रबन्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए |
उत्तर भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम क्षरित वनों के प्रबंध और पुनर्निर्माण में स्थानीय समुदायों की भूमिका के महत्त्व को उजागर करते हैं । औपचारिक रूप में इन कार्यक्रमों की शुरुआत 1988 में हुई जब उड़ीसा (ओडिशा) ने संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास किया ।
वन विभाग के अंतर्गत ‘संयुक्त वन प्रबंधन’ क्षरित वनों के बचाव के लिए कार्य करता है और इसमें गाँव के स्तर पर संस्थाएँ बनाई जाती हैं जिसमें ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप में कार्य करते हैं। इसके बदले ये समुदाय मध्य स्तरीय लाभ जैसे गैर-इमारती वन उत्पादों के हकदार होते हैं तथा सफल संरक्षण से प्राप्त इमारती लकड़ी के लाभ में भी इनकी भागीदारी होती है।
प्रश्न 13. भारत सरकार द्वारा वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए अपनाए गए मुख्य उपायों का वर्णन करें।
अथवा
भारतीय वन्य जीवन सुरक्षा अधिनियम के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
अथवा
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वनों के संरक्षण के लिए अपनाए गए मुख्य उपायों का वर्णन करें।
उत्तर–(i) भारतीय वन्य जीवन अधिनियम 1972 में लागू किया गया जिसमें वन्य जीवों के आवास रक्षण के अनेक प्रावधान थे। सारे भारत में रक्षित जातियों की सूची भी प्रकाशित की गई। इस कार्यक्रम के तहत बची हुई संकटग्रस्त जातियों के बचाव पर, शिकार प्रतिबंधन पर, वन्यजीव आवासों का कानूनी रक्षण तथा जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाने आदि पर प्रबल ज़ोर दिया गया है।
(ii) केंद्रीय सरकार ने कई परियोजनाओं की भी घोषणा की जिनका उद्देश्य गंभीर ख़तरे में पड़े कुछ विशेष वन प्राणियों को रक्षण प्रदान करना था। इन प्राणियों में बाघ, एक सींग वाला गैंडा, कश्मीरी हिरण अथवा हंगुल, तीन प्रकार के मगरमच्छ-स्वच्छ जल मगरमच्छ, लवणीय जल मगरमच्छ और घड़ियाल, एशियाई शेर और अन्य प्राणी शामिल हैं।
(iii) भारत उन देशों में से एक है जिसमें 1894 में ही वन नीति बन गई थी । इसे 1952 में और फिर 1988 में संशोधित किया गया। वन नीति का मुख्य मुद्दा जंगल का संरक्षण, संभाल और विकास है।
(iv) भारत सरकार ने जंगल के अनुसंधान संरक्षण और विकास के लिए कई वन अनुसंधान संस्थान बनाए हैं। आई.एफ.एस. देहरादून देश का सबसे पुराना शोध संस्थान है।
अति लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर – पृथ्वी पर करोड़ों जीवधारी आपस में मिलकर एक तंत्र का निर्माण करते हैं जिसे पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं।
प्रश्न 2. वन्य जीवन की चार जातियों के नाम लिखिए जिनके लुप्त होने का खतरा है ।
उत्तर – (i) चीता, (ii) गुलाबी सिर वाली बत्तख, (iii) पहाड़ी कोयल, (iv) जंगली चित्तीदार उल्लू ।
प्रश्न 3. आरक्षित वन किसे कहते हैं ?
उत्तर – आरक्षित ऐसे वन क्षेत्र हैं जिन्हें इमारती लकड़ी तथा अन्य उपयोगी पदार्थों की प्राप्ति हेतु बचाकर रखा जाता है। इन्हें आरक्षित तथा रक्षित दो भागों में बाँटा गया है ।
प्रश्न 4. सुरक्षित वन क्या हैं?
उत्तर–सुरक्षित या आरक्षित वन वे वन हैं जो इमारती लकड़ी अथवा वन उत्पादों को प्राप्त करने के लिए स्थायी रूप से सुरक्षित किए गए हैं। इन वनों में पशुओं को चराने तथा खेती करने की अनुमति प्राप्त नहीं होती ।
प्रश्न 5. राष्ट्रीय उद्यान क्या है?
उत्तर- किसी स्थान पर वनस्पति, जीव-जंतुओं, पशुओं और प्राकृतिक सुंदरता को सुरक्षित रखने के लिए बहुत बड़े क्षेत्र को आरक्षित घोषित कर दिया जाता है जिसे राष्ट्रीय उद्यान कहते हैं। इन उद्यानों में वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में रखा जाता है।
प्रश्न 6. संकटग्रस्त जातियाँ क्या हैं?
उत्तर- ये वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है। जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या कम हुई है, यदि वे जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है। काला हिरण, भारतीय जंगली गधा, गैंडा, शेर-पूँछ वाला बंदर, संगाई इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 7. सुभेद्य जातियाँ क्या हैं ?
उत्तर- ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या कम हो रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएंगी। नीली भेड़, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 8. दुर्लभ जातियाँ क्या हैं?
उत्तर-दुर्लभ जातियों की संख्या बहुत कम या सुभेद्य हैं और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होती हैं तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं। हिमालय का भूरा भालू, जंगली एशियाई भैंसा आदि दुर्लभ जातियों के कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 9. लुप्त जातियाँ क्या हैं?
उत्तर – लुप्त जातियाँ वे जातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गई हैं। ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, प्रदेश, देश, महाद्वीप या पूरी पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं। ऐसी उपजातियों में एशियाई चीता और गुलाबी सिर वाली बत्तख आदि शामिल हैं।
प्रश्न 10. ‘अवर्गीकृत वन’ क्या हैं? उन दो राज्यों के नाम बताओ जिनके कुल वन क्षेत्र का एक बड़ा भाग ‘अवर्गीकृत वनों’ के अधीन आता है ।
उत्तर – अन्य सभी प्रकार के वन और बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहलाते हैं। असम और मेघालय दो ऐसे राज्य हैं जहाँ पर अधिकतर वन क्षेत्र अवर्गीकृत वन हैं।
प्रश्न 11. सरकार द्वारा वनों के संरक्षण के लिए अपनाए गए किन्हीं दो तरीकों का वर्णन करें।
उत्तर – (i) भारतीय वन्य जीवन अधिनियम 1972 में लागू किया गया, जिसमें वन्य जीवों के आवास रक्षण के अनेक प्रावधान थे ।
(ii) इस कार्यक्रम के तहत बची हुई संकटग्रस्त जातियों के बचाव पर, शिकार प्रतिबंधन पर, वन्यजीवन आवासों का कानूनी रक्षण तथा जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाने आदि पर प्रबल ज़ोर दिया गया है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1. भारत में वन्य जीव अधिनियम कब पारित हुआ ?
उत्तर- सन् 1972 में। ।
प्रश्न 2. भारत में संकटग्रस्त जातियों के चार जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर – (i) काला हिरण, (ii) मगरमच्छ, (iii) गैंडा, (iv) जंगली गधा।
प्रश्न 3. प्राकृतिक वनस्पति का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर- अक्षत वनस्पति ।
प्रश्न 4. मानव और दूसरे जीवधारी किसका निर्माण करते हैं?
उत्तर- पारिस्थितिकी तंत्र का ।
प्रश्न 5. पौधे, पशु और सूक्ष्म जीव किनका पुनः सृजन करते हैं?
उत्तर- वायु, जल तथा मृदा ।
प्रश्न 6. हिमालयन यव एक औषधीय पौधा किस राज्य में पाया जाता है ?
उत्तर हिमाचल प्रदेश तथा अरुणाचल प्रदेश ।
प्रश्न 7. छोटा नागपुर के मुंडा और संथाल आदिवासी किन वृक्षों की पूजा करते थे ?
उत्तर- महुआ और कदंब ।
प्रश्न 8. विश्व की बेहतरीन वन्यजीव परियोजनाओं में से एक कौन सी है?
उत्तर – प्रोजेक्ट टाइगर
प्रश्न 9. राजस्थान का कौन-सा समाज पशु प्रेमी है?
उत्तर – बिश्नोई समाज
प्रश्न 10. चिपको आंदोलन किसने चलाया था ?
उत्तर–सुंदरलाल बहुगुणा ने।
प्रश्न 11. चिपको आंदोलन किस क्षेत्र में चलाया गया ?
उत्तर – हिमालय क्षेत्र में ।
प्रश्न 12. भारत का राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प कौन-सा है ?
उत्तर – भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पुष्प कमल है
प्रश्न 13. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर-पश्चिमी बंगाल में ।
प्रश्न 14. बुक्सा टाईगर रिज़र्व किस राज्य में स्थित है?
उत्तर-पश्चिमी बंगाल में ।
प्रश्न 15. किस राज्य में बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान स्थित है ?
उत्तर – मध्य प्रदेश में ।
प्रश्न 16. जिम कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है?
उत्तर- उत्तराखंड में ।
प्रश्न 17. बाघ परियोजना कब लागू की गई ?
उत्तर- सन् 1973 में
प्रश्न 18. पेरियार बाघ रिज़र्व भारत के किस राज्य में स्थित है?
उत्तर- केरल में ।
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए –
1. पारिस्थितिकी तंत्र का अंग है –
(A) मानव
(B) पेड़-पौधे व जीव-जंतु
(C) जल, थल व वायु
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (D)
2. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राथमिक उत्पादक है?
(A) जीव-जन्तु
(B) पौधे
(C) जीवाश्म ईंधन
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(B)
3. भारत में समस्त विश्व की सारी जैव उपजातियों का कितना प्रतिशत भाग पाया जाता है?
(A) 6 प्रतिशत
(B) 8 प्रतिशत
(C) 10 प्रतिशत
(D) 12 प्रतिशत
उत्तर-(B)
4. निम्नलिखित में से कौन-सी उपजाति लुप्त होने के कगार पर है ?
(A) चीता
(B) गुलाबी सिर वाली बत्तख
(C) पहाड़ी कोयल
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
5. दुनिया का सबसे तेज भागने वाला स्तनधारी जीव है –
(A) बाघ
(B) चीता
(C) शेर
(D) हाथी
उत्तर-(B)
6. वनों से हमें प्राप्त होता है –
(A) रबड़
(B) दवाइयाँ
(C) ईंधन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
7. टकसोल नामक रसायन निम्नलिखित में से कौन-से वृक्ष से निकाला जाता है?
(A) हिमालयन यव
(B) साल
(C) नीम
(D) पीपल
उत्तर – (A)
8. टकसोल नामक रसायन से निम्नलिखित में से किस रोग की औषधि बनाई जाती है ?
(A) एड्स
(B) डायबिटीज़
(C) कैंसर
(D) टी.बी.
उत्तर-(C)
9. निम्नलिखित में से कौन-सा राज्य ‘गैंडे का राज्य’ कहा जाता है ?
(A) त्रिपुरा
(B) बिहार
(C) असम
(D) नागालैण्ड
उत्तर-(C)
10. निम्नलिखित में से किस राज्य में सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य स्थित है ?
(A) राजस्थान
(B) उत्तर प्रदेश
(C) बिहार
(D) पश्चिम बंगाल
उत्तर – (A)
11. बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में है ?
(A) छत्तीसगढ़
(B) मध्य प्रदेश
(C) राजस्थान
(D) बिहार
उत्तर-(B)
12. निम्नलिखित में से वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण की दृष्टि से कौन-से वन सबसे मूल्यवान माने जाते हैं?
(A) अवर्गीकृत
(B) आरक्षित
(C) रक्षित
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (B)
13. निम्नलिखित में से किस राज्य में आरक्षित वन अधिक हैं ?
(A) हरियाणा
(B) पंजाब
(C) आंध्र प्रदेश
(D) बिहार
उत्तर-(C)
14. चिपको आंदोलन संबंधित है –
(A) वनों को लगाना
(B) वनों की कटाई को रोकना
(C) बाढ़ नियंत्रण
(D) भूमि की उपज को बढ़ाना
उत्तर-(B)
15. भारतीय वन्य जीवन (रक्षण) अधिनियम कब बनाया गया ?
(A) 1970 में
(B) 1971 में
(C) 1972 में
(D) 1973 में
उत्तर-(C)
16. ‘बाघ परियोजना’ कब शुरू की गई ?
(A) 1972
(B) 1973
(C) 1974
(D) 1975
उत्तर-(B)
17. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है?
(A) असम
(B) ओडिशा
(C) पश्चिम बंगाल
(D) मध्य प्रदेश
उत्तर-(C)
18. मानस बाघ रिजर्व किस राज्य में स्थित है ?
(A) असम
(B) उत्तराखंड
(C) गुजरात
(D) मध्यप्रदेश
उत्तर-(A)
19. जिम कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है ?
(A) राजस्थान
(B) पश्चिमी बंगाल
(C) असम
(D) उत्तराखंड
उत्तर-(D)
20. बाघ परियोजना कहाँ स्थित है ?
(A) उत्तराखंड में कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान
(B) असम में मानस बाघ रिजर्व
(C) पश्चिम बंगाल में सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
21. भारत के किस राज्य में स्थायी के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र है ?
(A) पंजाब
(B) हरियाणा
(C) मध्य प्रदेश
(D) गुजरात
उत्तर-(C)
22. पर्यावरण संरक्षण से संबंधित है –
(A) चिपको आंदोलन
(B) बीज बचाओ आंदोलन
(C) नवदानय
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
23. भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रमों की शुरुआत कब हुई ?
(A) 1988 में
(B) 1990 में
(C) 1992 में
(D) 1994 में
उत्तर-(A)
24. संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास करने वाला राज्य था –
(A) हरियाणा
(B) राजस्थान
(C) ओडिशा
(D) उत्तर प्रदेश
उत्तर-(C)
25. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है ?
(A) असम
(B) मणिपुर
(C) मेघालय
(D) राजस्थान
उत्तर – (A)
26. रणथम्भौर बाघ परियोजना किस राज्य में स्थित है ?
(A) गुजरात
(B) राजस्थान
(C) असम
(D) बिहार
उत्तर-(B)
27. पेरियार बाघ रिज़र्व किस राज्य में स्थित है ?
(A) मध्यप्रदेश
(B) पश्चिम बंगाल
(C) केरल
(D) उत्तराखंड
उत्तर-(C)
28. बान्दीपुर बाघ परियोजना किस राज्य में स्थित है।
(A) कर्नाटक
(B) राजस्थान
(C) मध्य प्रदेश
(D) ओडिशा
उत्तर- (A)
29. भारत में सर्वप्रथम किस अभयारण्य को बाघ परियोजना के रूप में घोषित किया गया ?
(A) जिम कॉरबेट अभयारण्य – नैनीताल
(B) पेरियार बाघ परियोजना – केरल
(C) मानस बाघ परियोजना असम
(D) पलामू बाघ परियोजना – झारखंड
उत्तर – (A)
30. आरक्षित वन भारत में कुल वन क्षेत्र का कितना हिस्सा है ?
(A) देश में आधे से कम
(B) देश में आधे से अधिक
(C) देश का एक-तिहाई हिस्सा

(D) देश का आधा वन क्षेत्र

उत्तर-(B)
31. रक्षित वन भारत में कुल वन क्षेत्र का कितना हिस्सा है ?
(A) कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई
(B) कुल वन क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा
(C) कुल वन क्षेत्र का आधा हिस्सा
(D) कुल वन क्षेत्र का एक -चौथाई हिस्सा
उत्तर – (A)
32. वे जातियाँ जो लुप्त होने की कगार पर हैं, उन्हें कहते हैं
(A) स्थानिक जातियाँ

(B) संकटग्रस्त जातियाँ

(C) दुर्लभ जातियाँ
(D) सुभेद्य जातियाँ
उत्तर-(B)
33. निम्नलिखित में से कौन-सा सुभेद्य जाति का उदाहरण है?
(A) एशियाई भैंसा
(B) गंगा नदी की डॉल्फिन
(C) एशियाई चीता
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(B)
34. निम्नलिखित में से कौन-सी जातियों को संकटग्रस्त जातियों में वर्गीकृत किया गया है ?
(A) गंगा नदी की डॉल्फिन
(B) एशियाई भैंसा
(C) काला हिरण
(D) हिमालय का भूरा भालू
उत्तर-(C)
35. अंडमानी जंगली सूअर किस प्रकार की जाति में शामिल है ?
(A) स्थानिक
(B) सुभेद्य
(C) लुप्त
(D) संकटग्रस्त
उत्तर – (A)
36. चंदन वन किस तरह के वन के उदाहरण हैं ?
(A) सदाबहार वन
(B) डेल्टाई वन
(C) पर्णपाती वन
(D) कांटेदार वन
उत्तर – (A)
37. भारतीय वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम (1972) का मुख्य उद्देश्य था –
(A) मगरमच्छों और बाघों की सुरक्षा
(B) कुछ संकटग्रस्त जातियों की जनसंख्या सुरक्षा
(C) केवल जलीय जीवों की सुरक्षा
(D) पक्षियों की कुछ प्रजातियों की सुरक्षा
उत्तर-(B)
 38. भारत का कौन-सा समुदाय काले हिरण की सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध है?
(A) डोगरा
(B) संथाल
(C) बिश्नोई
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (C)
39. चिपको आंदोलन का मुख्य लक्ष्य क्या था?
(A) मानव अधिकार
(B) राजनीतिक अधिकार
(C) कृषि का विस्तार
(D) वन सुरक्षा
उत्तर-(D)
40. निम्नलिखित में इनमें से कौन-सा आंदोलन पेड़ों की सुरक्षा से संबंधित नहीं है?
(A) चिपको आंदोलन
(B) नवदन्य आंदोलन
(C) बाघ परियोजना
(D) बीज बचाओ आंदोलन
उत्तर-(C)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. एशियाई हाथी, नीली भेड़ और गंगा नदी की डॉल्फिन ……………. जातियों में शामिल हैं ।
2. बाघ परियोजना का उद्देश्य …………… का संरक्षण करना है ।
3. सरिस्का वन्य जीव संरक्षण स्थल …………. में स्थित है।
4. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के ………….. राज्य में स्थित है।
5. भूमि पर रहने वाला दुनिया का सबसे तेज स्तनधारी जीव …………… है ।
6. हिमालयन यव एक औषधीय पौधा है जो हिमाचल प्रदेश और …………… के कई क्षेत्रों में पाया जाता है ।
7. मैंग्रोव वन ………………. वनों के उदाहरण हैं।
उत्तर – 1. सुभेद्य, 2. बाघों, 3. राजस्थान, 4. पश्चिम बंगाल, 5 एशियाई चीता, 6. अरुणाचल प्रदेश, 7. डेल्टाई ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ/नहीं में दीजिए –
1. भारतीय वन्य जीवन अधिनियम 1973 में लागू किया गया ।
2. केरल में पेरियार बाघ रिजर्व स्थित है।
3. राजस्थान में मानव बाघ रिजर्व स्थित है ।
4. हिमालय में चीड़ पाईन के रोपण से हिमालयन ओक और रोडोडेंड्रोन वनों का नुकसान हुआ ।
5. भारत में वन आवरण देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 14.16 प्रतिशत हिस्सा है ।
6. नंदादेवी जीवमंडल निचय उत्तराखंड में स्थित है ।
उत्तर – 1. नहीं, 2. हाँ, 3. नहीं, 4. हाँ, 5. नहीं, 6. हाँ ।

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Notes HBSE

→ हमारे जीवन में वनों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। वन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

→ क्योंकि ये प्राथमिक उत्पादक है जिन पर दूसरे सभी जीव निर्भर करते हैं।

→ पर्यावरण प्रदुषण रोकने, जलवायु सुधार तथा मृदा अपरदन रोकने के साथ-साथ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने में भी वनों का सराहनीय योगदान होता है।

→ भारत में विश्व की सारी जैव उपजातियों की 8 प्रतिशत संख्या पाई जाती है। हम देश में लगभग 81.000 वन्य जीव उपजातियों और लगभग 47,000 वनस्पति उपजातियाँ पाई जाती है।

→ वनस्पति उपजातियों में लगभग 15,000 उपजातियाँ भारतीय मूल की हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाध न संरक्षण संघ (IUCN) ने पौधे एवं प्राणियों को निम्नलिखित जातियों में विभाजित किया है :

  • सामान्य जातियाँ
  • संकटग्रस्त जातियाँ
  • सुभेद्य जातियाँ
  • दुर्लभ जातियाँ
  • स्थानिक जातियाँ और
  • लुप्त जातियाँ।

→ उपनिवेश काल में रेललाईन, कृषि, व्यवसाय, वाणिज्य वानिकी और खनन क्रियाओं में वृद्धि के कारण भारत में वनों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

Van Avn Vanya Jeev Sansadhan Notes HBSE 10th Class

→ वन संसाधनों की बर्बादी में पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ी कटाई मुख्य भूमिका निभाते हैं। कई समुदायों की आजीविका वनों पर ही निर्भर है। वन पवन की मारक शक्ति पर रोक लगाते हैं।

→ वनों के संरक्षण हेतु हमारी सरकार ने 1988 में राष्ट्रीय वन नीति पारिस्थितिक संतुलन के परिरक्षण और प्रतिस्थपान के द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता को बनाये रखने पर बल देती है।

→ इस नीति का उद्देश्य प्राकृतिक विरासत का संरक्षण करने के साथ ही राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वनों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि करना है।

→ वन उत्पादों के कुशल उपयोग तथा लकड़ी के अनुकूलतम उपयोग पर बल देना इस नीति का उद्देश्य है।

→ वन्य जीवन के संरक्षण हेतु देश में 89 नेशनल पार्क, 490 वन्य जीव अभयारण और 13 जैव आरक्षित क्षेत्र बनाये गये हैं। बाघों के संरक्षण हेतु 14 राज्यों में 27 बाघ आरक्षित क्षेत्र बनाये गये हैं।

भौगोलिक शब्दावली

→ आरक्षित वन-ये वे वन हैं जिन्हें स्थाई रूप से सुरक्षित किया गया है और जिनमें पशु चराने की भी अनुमति नहीं है।

→ संरक्षित वन-ये वे वन हैं जिनमें पशु चराने और खेती करने की अनुमति सीमित मात्रा में व प्रतिबंधों के साथ दी जाती है।

→ संरक्षित क्षेत्र-ऐसे क्षेत्र जिनका विकास पशु-पक्षियों की विशेष जातियों को लुप्त होने से बचाने के लिए किया गया

→ राष्ट्रीय पार्क-वह स्थान जहाँ प्राकृतिक वनस्पति, प्राकृतिक सुंदरता तथा वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखा जाता है।

Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन HBSE 10th Class

→ दुर्लभ जातियाँ-इन जातियों की संख्या बहुत कम या घट रही हैं और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होती तो ये संकटग्रस्त जतियों की श्रेणी में आ सकती है।

→ स्थानिक जातियाँ-ये जातियाँ प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाती हैं।

→ लुप्त जातियाँ-ऐसी जातियाँ जो इनके रहने के आवासों में अन्वेषण करने पर अनुपस्थित पाई गई हैं। ये उपजातियाँ स्थानीय क्षेत्र, प्रदेश, देश, महाद्वीप या पूरी पृथ्वी से ही लुप्त हो गई हैं।

→ अ, प्र. सं. प्रा. सं. सं. (IUCN)-अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन संघ।

→ सम्बर्द्धन वृक्षारोपण-इसमें वाणिज्य की दृष्टि से कुछ या एकल वृक्ष जातियों के बड़े पैमाने पर रोपण करने से दूसरी जातियाँ समाप्त हो गई।

→ रक्षित वन-वन विभाग के अनुसार देश के कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई हिस्सा रक्षित है। इन वनों को और अधि क नष्ट होने से बचाने के लिए इनकी सुरक्षा की जाती है।

→ पारिस्थितिकी तंत्र-हमारा ग्रह अत्यधिक जैव विविधताओं से भरा हुआ है मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। जिससे मनुष्य
मात्र एक हिस्सा है और अपने अस्तित्व के लिए इसके विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ राष्ट्रीय वन नीति : 1988.

→ अंडमान निकोबार में द्वीप का विस्तार : 86.9%

→ राजस्थान में वन विस्तार : 10%

→ प्रायद्वीपीय पहाड़ी विस्तार : 60%

→ बाघ आरक्षित क्षेत्र : 27

→ भारत में जीव-जन्तुओं के प्रजातियों . की अनुमानित संख्या : 89,000

→ भारत में पक्षियों की प्रजातियाँ : 1, 200

→ भारत में मछलियों की प्रजातियाँ : 2, 800

→ हरियाणा में वनों का प्रतिशत : 3.8%

→ देश में सघन वनों का प्रतिशत : 59%

→ देश में खुले वन : 40%

→ भारत में मैंग्रोव वनों का विस्तार : 1% से भी कम।

→ भारत का कुल वन क्षेत्र : 765 लाख हैक्टेयर भूमि लगभग।

→ कुल वन क्षेत्र का भाग : 23.3%

→ वास्तविक वन आच्छादित भूमि : 637 लाख हेक्टेयर

→ वन आच्छादित भूमि का भाग : 19.4%

→ भारत के कुल वन क्षेत्र का 54.4% भाग : आरक्षित वन

→ कुल वन क्षेत्र का 29.2% भाग : संरक्षित वन

→ कुल वन क्षेत्र का अवर्गीकृत वन क्षेत्र में आने वाला भाग : 16.4%

→ भारत में राष्ट्रीय उद्यान : 89

→ भारत में वन्य प्राणी अभयारण : 490

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