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Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

HBSE 10th Class Geography खनिज और ऊर्जा संसाधन Textbook Questions and Answers

अध्याय का संक्षिप्त परिचय

1. खनिज पदार्थ – भू-पर्पटी से प्राप्त वे पदार्थ जिनमें चट्टानों की संरचना के विपरीत एक विशेष प्रकार की संरचना होती है, खनिज पदार्थ कहलाते हैं ।
2. खनिजों का महत्त्व – खनिज औद्योगिक और आर्थिक विकास की आधारशिला हैं। इनका देश के औद्योगिक उत्पादन में 11 प्रतिशत योगदान है ।
3. खनिजों की प्रकृति खनिज सामान्यतः ठोस, तरल और गैसीय अवस्था में पाए जाते हैं ।
4. खनिज जिनमें भारत संपन्न है – लौह-अयस्क, अभ्रक, मैंगनीज़ अयस्क, टिटेनियम, बॉक्साइट और कोयला ।
5. खनिज जिनकी भारत में कमी है-टिन, निकल, ताँबा, सीसा, जस्ता और सोना ।
6. खनिजों के प्रकार – धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज ।
7. धात्विक खनिज लौह अयस्क, मैंगनीज़ अयस्क, सोना, चाँदी, तांबा, सीसा, टिन, बॉक्साइट और मैग्नीशियम l
8. अधात्विक खनिज – नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला और पेट्रोलियम |
9. लौह खनिज – वे धात्विक खनिज जिनमें लोहे का अंश पाया जाता है; जैसे लौह अयस्क, मैंगनीज़, निकल और कोबाल्ट आदि ।
10. खनिजों के वितरण को दर्शाने वाले पाई चार्ट –
11. अलौह खनिज-वे धात्विक खनिज जिनमें लोहे का अंश नहीं पाया जाता; जैसे सीसा, जस्ता, ताँबा और सोना आदि ।
12. लौह-अयस्क के चार प्रकार-मैग्नेटाइट, हेमेटाइट, लिमोनाइट और सिडेराइट।
13. मैंगनीज़ अयस्क-इसका उपयोग लोहा और इस्पात तथा मिश्रधातु बनाने में किया जाता है।
14. खनिजों का संरक्षण खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं। हमें इन खनिजों का उपयोग इस तरह करना चाहिए कि भावी पीढ़ी के लिए ये खनिज पर्याप्त मात्रा में सुलभ बने रहें ।
15. ऊर्जा – किसी भी कार्य को करने के लिए बल या शक्ति की आवश्यकता होती है, जिसे ऊर्जा कहते हैं ।
16. ऊर्जा के दो प्रमुख संसाधन-परंपरागत संसाधन और गैर-परंपरागत संसाधन।
17. परंपरागत संसाधन – लकड़ी, उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विद्युत ।
18. गैर-परंपरागत संसाधन-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और कूड़े-करकट से प्राप्त ऊर्जा।
19. कोयला – यह ऊर्जा का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत है। देश की लगभग 67 प्रतिशत ऊर्जा की पूर्ति कोयले से होती है। इसे ‘काला सोना’ भी कहा जाता है।
20. मानचित्रों के माध्यम से अध्याय की जानकारी –
21. कोयले के प्रकार – ऐन्थ्रेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट और पीट कोयला । ऐन्थ्रेसाइट सबसे बढ़िया किस्म का और पीट सबसे घटिया किस्म का कोयला होता है ।
22. कोयले के भंडार – कोयला झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मिलता है।
23. पेट्रोलियम के भंडार – भारत में पेट्रोलियम बॉम्बे हाई, अंकलेश्वर (गुजरात) और डिगबोई (असम) में मिलता है।
24. प्राकृतिक गैस-भारत में प्राकृतिक गैस कृष्णा-गोदावरी के बेसिन, गुजरात, असम और आंध्र प्रदेश में मिलती है।
25. विद्युत के प्रकार – जल विद्युत और ताप विद्युत । जल से प्राप्त होने वाली विद्युत को जल विद्युत कहते हैं और ताप विद्युत कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस को जलाकर प्राप्त की जाती है ।
26. सौर ऊर्जा – सूर्य की गर्मी से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। गुजरात के भुज क्षेत्र में सौर ऊर्जा का एक बड़ा संयंत्र लगा हुआ है।
27. परमाणु ऊर्जा केंद्र-तारापुर (महाराष्ट्र), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), रावतभाटा ( राजस्थान), काकरापारा (गुजरात) और कैगा (कर्नाटक ) |
28. बायोगैस – पशुओं के गोबर और मल-मूत्र से प्राप्त गैस को बायोगैस कहते हैं ।
29. भू-तापीय ऊर्जा- भूमि के गर्भ के ताप से प्राप्त ऊर्जा को भू-तापीय ऊर्जा कहते हैं।
30. पवन ऊर्जा- भारत को विश्व में अब पवन महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है। भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी तमिलनाडु नागरकोइल से मदुरई तक अवस्थित है।

खनिज और ऊर्जा संसाधन के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चमकानों के अपघटन से बनता है?
(क) कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता
उत्तर-
(ख) बॉक्साइड

(ii) झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह अयस्क
(घ) ताँबा
उत्तर-
(ख) अभ्रक

(iii) निम्नलिखित चमकानों में से किस चमकान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(क) तलछटी चमकानें
(ग) आग्नेय चमकानें
(ख) कायांतरित चमकानें
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) तलछटी चमकानें

(iv) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ)कोयला
उत्तर-
(ग) थोरियम

HBSE 10th Class Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों से अधिक न दें।
(अ) लौह और अलौह खनिज
(ब) परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा सामान
उत्तर-
(अ) लौह खनिज

  1. ये धातु रूप में प्राप्त होते हैं
  2. ये प्रायः कठोर होते हैं
  3. इनमें चमक होती है
  4. इन्हें तारों अथवा चादारों के रूप में तैयार किया जा सकता है।

अलौह खनिज:

  1. धातु पदार्थ प्राप्त नहीं होते
  2. ये प्रायः नरम होते हैं।
  3. इनमें चमक नहीं होती
  4. इन्हें तारों अथवा चादरों के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।

(ब) परम्परागत तथा गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन परम्परागत संसाधन-इनमें लकड़ी, उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा विद्युत (दोनों जलविद्युत व ताप विद्युत) शामिल हैं। ये (कोयला व पेट्रोलियम) अनवीकरणीय है ओर भविष्य में इनकी कमी की संभावना है। जीवाश्मी ईंधनों का प्रयोग पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न करता है।

गैर परम्परागत संसाधन-इनमें सौर, पवन, ज्वारीय भू-तापीय, बायोगैस तथा परमाणु ऊर्जा शामिल किये जाते हैं। ये नवीकरणीय है। इनके प्रयोग से पर्यावरणीय समस्या नहीं उपजती।

(ii) खनिज क्या हैं?
उत्तर-
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज पर प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आन्तरिक – संरचना है। खनिज प्रकृति में विविध रूपों में विद्यमान है। जिसमें कठोर हीरा वनरम चना तथा शामिल है।

(iii) आग्नेय तथा कायांतरित चमकानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर-
आग्नेय तथा कायांतरिक चट्टानों में खनिजों का निर्माण दरारों, जोड़ों, भ्रंशों व विदरों में होता है। यह छोटे जमाम शिराओं के रूप में और बृहत जमाव परत के रूप में पाए जाते हैं। इनका निर्माण भी अधिकतर उस समय होता है जब ये सरल अथवा गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की ओर धकेले जाते हैं। ऊपर आते हुए ये ठंडे होकर जम जाते हैं। उदाहरणार्थ-मुख्य धात्विक खनिज( जैसे-जस्ता, ताँबा, जिंक
और सीसा आदि इसी तरह शिराओं व जमाओं के रूप में प्राप्त होते हैं।

(iv) हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर-
हम सभी को उधोग और कृष्जि की खनिज निक्षेपों – और उनसे विनिर्मित पदार्थों पर भारी निर्भरता सुप्रेक्षित है। खनन योग्य निक्षेप की कुल राशि असार्धक अंश है। जिन खनिजों के निर्माता व सांदण में सैकड़ों वर्ष लगे है, उनका हम शीघ्रता से उपभोग कर रहे हैं। इनके निर्माण की भूगभिक प्रक्रियाएँ बहुत धीमी है। संसाधन सीमित तथा अनवीकरणीय है।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन HBSE 10th Class

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में कोयले का वितरण-भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में प्राप्त होता है-एक
गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है और – दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने है। गोंडवाना कोयले, जो धातुशोधन कोयला है, के प्रमुख संसाध न दामोदर घाटी (पश्चिमी बंगाल तथा झारखण्ड) झरिया, रानीगंज, बोकारों में स्थित है जो महत्त्वपूर्ण कायेला क्षेत्र है। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाये जाते हैं।

टरशियरी कोयला क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्यों-मेघालय असम, अरुणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है। कोयला एक स्थूल पदार्थ है। जिसका प्रयोग करने पर भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है। इसी कारण भारी उद्योग तथा ताप विद्युत गृह कोयला क्षेत्रों या उनके समीप ही स्थापित किये जाते हैं।

(ii) भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?
उत्तर-
भारत एक उष्ण-कटिबंधीय देश है। इसलिये यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएँ। फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता – है। भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तीव्रता से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयत्र भुज के समीप माधोपुर में स्थित है, जहाँ सौर ऊर्जा से दुग्ध के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है। ऐसा अपेक्षित है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से ग्रामीण घरों में उपलों तथा लकड़ी पर निर्भरता को न्यूनतम किया जा सकेगा। परिणामस्वरूप यह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना और कृषि में भी प्राकृतिक अर्थात् गोबर खाद्य की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
इस प्रकार संभवतः भारत में भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है।

क्रियाकलाप

नीचे दी गई वर्ग पहेली में उपयुक्त खनिजों का नाम भरेंनोट : पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 1

क्षैतिज

1. एक लौह खनिज (9)
2. सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल (9)
3. चुंबकीय गुणों वाला सर्वश्रेष्ठ लोहा (10)
4. उत्कृष्ट कोटि का कठोर कोयला (10)
5. इस अयस्क से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है। (7)
6. इस खनिज के लिए खेतरी खदानें प्रसिद्ध हैं। (6)
7. वाष्पीकरण से निर्मित (6)

उत्तर- 1. MANGANESE, 2. LIMESTONE, 3. MAGNETITE, 4. ANTHRACITE, 5. BAUXITE, 6. COPPER, 7. GYPSUM

ऊर्ध्वाधर

1. प्लेसर निक्षेपों से प्राप्त होता है।
2. बेलाडिला में खनन किया जाने वाला लौह-अयस्क (8)
3. विद्युत उद्योग में अपरिहार्य (4)
4. उत्तरी-पूर्वी भारत में मिलने वाले कोयले की भूगर्भिक आयु (8)
5. शिराओं तथा शिरानिक्षेपों में निर्मित (3)

उत्तर- 1. COAL, 2. HEMATITE, 3. MICA, 4. TERTIARY, 5. TIN

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न [Long – Answer Type Questions] 
प्रश्न 1. भारत में लौह अयस्क के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर – लौह अयस्क भारत में लौह अयस्क के विश्व – प्रसिद्ध विशाल निक्षेप हैं। इनमें से सबसे प्रमुख हेमेटाइट और मैग्नेटाइट हैं। ऐसा अनुमान है कि हमारे देश में हेमेटाइट लोहे के प्राप्ति योग्य भंडार 1232 करोड़ टन व मैग्नेटाइट संसाधन 54 करोड़ टन हैं ।
भारत में लौह अयस्क का उत्पादन – भारत में विश्व के कच्चे लोहे के संपूर्ण भंडारों का लगभग एक-चौथाई भाग पाया जाता है। भारत में एशिया के सबसे बड़े लौह-अयस्क भंडार पाए जाते हैं ।
प्रादेशिक वितरण-भारत में लौह-अयस्क का उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य निम्नलिखित हैं
1. झारखंड – झारखंड में लौह अयस्क की प्राप्ति सिंहभूम, हज़ारीबाग, राँची और धनबाद आदि जिलों में होती है। झारखंड से भारत के कुल उत्पादन का 11 प्रतिशत लोहा प्राप्त होता है। झारखंड के लौह अयस्क के आधे भंडार तो अकेले सिंहभूम जिले में ही पाए जाते हैं।
2. ओडिशा – ओडिशा के केन्दुझर, सुन्दरगढ़ और मयूरभंज जिलों में लौह अयस्क के भंडार पाए जाते हैं । लौह अयस्क का यह क्षेत्र संसार में उत्तम श्रेणी के लोहे से संपन्न क्षेत्र है ।
3. छत्तीसगढ़- मध्य प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, बस्तर जिलों में लौह अयस्क मिलता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की लौह पट्टी का कर्नाटक और ओडिशा के बाद तीसरा स्थान है ।
4. आंध्र प्रदेश – लोहे के ये भंडार आंध्र प्रदेश के अनेक जिलों करनूल, कुड़प्पा, चित्तूर, गुंटूर और वारंगल में पाए जाते हैं ।
5. तमिलनाडु – तमिलनाडु के सेलम, तिरुचिरापल्ली और कोयम्बटूर जिलों में लौह अयस्क के भंडार मिलते हैं।
6. कर्नाटक – कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और चिकमंगलूर जिलों में भी लोहा पाया जाता है ।
महत्त्व – आधुनिक मशीनी युग लोहे का युग है । लोहा एक बड़ी उपयोगी धातु है। उपयोगिता के आधार पर लोहे को ‘आधारभूत खनिज’ कहा जाता है । लौह अयस्क की जरूरत बड़े-बड़े लोहा – इस्पात के कारखानों को होती है। इसका काफी मात्रा में निर्यात भी होता है । यह निर्यात विशाखापट्टनम, मारमागोआ, पाराद्वीप और कोलकाता की बंदरगाहों से किया जाता है । भविष्य में मंगलौर भी लौह अयस्क का निर्यात करने वाला पत्तन बन जाएगा।
प्रश्न 2. ऊर्जा के परंपरागत और गैर-परंपरागत साधनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर- ऊर्जा के साधन- ऊर्जा के परंपरागत तथा गैर-परंपरागत साधन इस प्रकार हैं –
(क) परंपरागत साधन – शक्ति के परंपरागत साधन निम्नलिखित हैं –
1. कोयला – यह शक्ति का एक प्राचीन तथा प्रमुख साधन है। इसका प्रयोग उद्योगों, यातायात तथा विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। इसे औद्योगिक क्रांति का आधार कहा जाता है। रेलों, जलयानों आदि के चलाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
2. खनिज तेल – यह शक्ति का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका उपयोग यातायात-सड़क, रेल और वायु उद्योग-धंधों को चलाने के लिए किया जाता है । परिवहन तथा
3. जल विद्युत – यह नदियों के जल से प्राप्त की जाती है। इसका उपयोग यातायात, उद्योग, घरेलू खपत आदि में होता है।
4. परमाणु शक्ति – परमाणु ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए अणु पदार्थों को नियंत्रित परिस्थितियों में विखंडित किया जाता है और परमाणु विद्युत प्राप्त की जाती है। इसका उपयोग उद्योगों तथा अन्य कार्यों में किया जाता है ।
(ख) गैर-परंपरागत साधन – शक्ति के गैर-परंपरागत साधन निम्नलिखित हैं –
1. पवन ऊर्जा – पवन की प्रवाहित शक्ति से प्राप्त ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं । इस ऊर्जा का प्रयोग खेतों में सिंचाई करने, बिजली पैदा करने और पानी खींचने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग मुख्यतः गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और ओडिशा राज्यों में किया जाता है। इन प्रदेशों में पाँच पवन शक्ति केंद्र कार्य कर रहे हैं, जिनमें 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो चुका है।
2. सौर ऊर्जा – सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं । सौर ऊर्जा अनेक दर्पणों की सहायता से सूर्य की किरणों को एक ही बिंदु पर संकेंद्रित करके प्राप्त की जाती है। आजकल इस ऊर्जा का प्रयोग घरों में पानी गर्म करने, खाना पकाने, घरों को गर्म करने, उद्योगों में गर्म हवा देने, बिजली का उत्पादन करने, कृत्रिम उपग्रह और अंतरिक्ष केंद्रों की शक्ति के लिए किया जाता है।
3. ज्वारीय ऊर्जा – ज्वारीय ऊर्जा, ऊर्जा का एक सस्ता व अनन्त साधन है। भारत में खंबात की खाड़ी और कच्छ की खाड़ियाँ ज्वारीय ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हैं ।
4. वनों से प्राप्त ऊर्जा – सन् 1987 में भारत में वृक्षारोपण के वृक्षों और झाड़ियों आदि का गैसीकरण करके 1.5 मैगावाट बिजली पैदा की गई ।
5. पशु और मानव मल-मूत्र से प्राप्त ऊर्जा – पशुओं के गोबर, मानव मल-मूत्र, जैव पदार्थों और मुर्गियों के अवशेष के प्रयोग से गैस संयंत्र लगाए गए हैं। इनका उपयोग खाना बनाने, घरों और सड़कों पर रोशनी करने तथा सिंचाई के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त कृषि के कूड़े-कचरे से भी ऊर्जा प्राप्त की जाती है। भारत में धान की भूसी और गन्ने की खोई से चलने वाले अनेक बिजली घर स्थापित किए गए हैं ।
6. शहरी कचरे से प्राप्त ऊर्जा- दिल्ली में कूड़े-कचरे से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एक संयंत्र स्थापित किया गया है। इससे प्रतिवर्ष 5 मैगावाट बिजली का उत्पादन होता है ।
प्रश्न 3. हमारे देश के लिए कोयले का क्या महत्त्व है? कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण तथा कोयले के उत्पादन पर भी प्रकाश डालिए ।
उत्तर- कोयला औद्योगिक ऊर्जा का प्रमुख साधन है। लोहा तथा इस्पात एवं रसायन उद्योगों के लिए कोयले का बड़ा महत्त्व है। हमारे देश में कोयले के काफी बड़े भंडार हैं। इसके तीन-चौथाई भंडार दामोदर नदी की घाटी में स्थित हैं। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में भी कोयला क्षेत्र विद्यमान हैं ।
कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण – स्वतंत्रता के पश्चात् हमारी सरकार ने सभी कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण का मुख्य उद्देश्य कोयले की खानों में काम करने वाले श्रमिकों को शोषण से बचाना है। राष्ट्रीयकरण कर दिया है।
कोयले का महत्त्व – भारत में पाया जाने वाला निम्नकोटि का लिग्नाइट कोयला हमारे लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। यह कोयला विद्युत तथा गैस के उत्पादन में बड़ा उपयोगी सिद्ध हुआ है। इससे खनिज तेल भी प्राप्त किया जा सकता है। हमारे छोटे-बड़े ताप बिजली घ – घर इन्हीं कोयला क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इन बिजली घरों से जो बिजली प्राप्त होती है, उसे विशाल प्रादेशिक ग्रिड व्यवस्था में भेज दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप समय और धन दोनों की बचत होती है ।
उत्पादन तथा वितरण-भारत में कोयले की पहली खान सन् 1774 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में खोदी गई थी। सन् 1900 तक कोयले के उत्पादन में कोई खास वृद्धि नहीं हुई । सन् 1900 तक देश में कोयले का कुल उत्पादन मात्र 60 लाख टन था। इसका कारण था उद्योगों की कमी और माँग का अभाव | दो विश्व युद्धों में कोयला खनन के दिन फिरे । प्रथम विश्व युद्ध (1914) के आरम्भ होते ही कोयले का उत्पादन बढ़कर 160 लाख टन हो गया । दूसरे विश्व युद्ध में कोयले की माँग और बढ़ी और सन् 1945 में भारत में 290 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ । स्वतन्त्रता प्राप्ति तक कोयले का उत्पादन 300 लाख टन हो गया। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद उद्योग-धन्धों में प्रगति के कारण कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई जो सन् 2014-2015 में लगभग 3821.37 लाख टन तथा सन् 2017-18 में लगभग 56.74 करोड़ टन हो गई । इस प्रकार पिछले कुछ वर्षों में कोयला उत्पादन में ग्यारह गुना से अधिक वृद्धि हुई है। विश्व में कोयला उत्पादन में भारत का तीसरा स्थान है। यह विश्व उत्पादन का लगभग 7.2% भाग पैदा करता है ।
प्रश्न 4. भारत में खनिजों के संरक्षण पर नोट लिखिए ।
उत्तर–खनिज पृथ्वी पर पाए जाने वाले अनवीकरणीय संसाधन हैं । इनको एक बार प्रयोग कर लिए जाने के बाद लंबे समय तक इनकी पूर्ति नहीं हो सकती। जिन खनिजों के निर्माण में लाखों वर्ष लग गए हैं हम उनका शीघ्रता से और लापरवाही के साथ प्रयोग कर रहे हैं । निम्नलिखित बातों से खनिजों का संरक्षण अनिवार्य है –
(i) खनिज संसाधनों के भण्डार सीमित हैं और ये अनवीकरणीय हैं ।
(ii) खनिज हमारे उद्योगों और कृषि का आधार हैं। इनकी अनुपस्थिति में देश का आर्थिक विकास रुक जाएगा ।
(iii) हमारे देश में खनिजों के भण्डारों की कमी है।
(iv) खनिज अयस्कों के लगातार खनन से इनकी उपलब्धता की गहराई बढ़ती जाती है जिससे उत्खनन की लागत बढ़ जाती है।
(v) ज्यों-ज्यों हम गहराई में उत्खनन करते जाते हैं तो खनिजों की गुणवत्ता कम होती जाती है ।
(vi) खनिज संसाधनों की कमी के कारण मानवता के विकास की गति रुक जाएगी ।
दिए गए तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि खनिज पदार्थों का संरक्षण आज हमारी सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है ।
प्रश्न 5. भारत के रेखा- मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए-
(i) पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र, (ii) तेल परिष्करणशालाएँ, (iii) गैस पाइप लाइनें ।
उत्तर –
लघुत्तरात्मक प्रश्न [Short – Answer Type Questions]
प्रश्न 1. खनिज पदार्थ हमारे उद्योगों के लिए रीढ़ की हड्डी हैं – स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर–किसी भी राष्ट्र के लिए खनिज पदार्थ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं । खनिज उद्योग-धंधों का जीवन आधार हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए ही तो किसी ने कहा है, “खनिज पदार्थ हमारे उद्योगों के लिए रीढ़ की हड्डी हैं।” किसी भी देश के आर्थिक विकास में खनिजों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसके बिना राष्ट्र विकास नहीं कर सकता; जैसे मध्य-पूर्व के वीरान मरुस्थल के देश आज पेट्रोलियम उत्पादन में धनी होकर औद्योगिक विकास की ओर बढ़ रहे हैं और उनके निवासियों का जीवन स्तर ऊपर उठ रहा है ।
खनिजों का शोषण बड़ी सावधानी से किया जाता है क्योंकि ये अनापूर्ति साधन हैं। एक बार प्रयोग कर लेने के पश्चात् इनका कोई मूल्य नहीं। हमारे देश में इनकी उपयोगिता और आवश्यकता को देखते हुए देश में ‘राष्ट्रीय खनिज विकास समिति’ की स्थापना की गई है। यह समिति देश में उपयोगी खनिजों की खोज के लिए प्रयत्नशील है।
प्रश्न 2. भारत कौन-कौन से खनिजों में धनी और कौन-कौन से खनिजों में निर्धन है? वर्णन कीजिए। 
उत्तर- भारत जिन खनिजों में धनी है-(1) लौह अयस्क, (ii) अभ्रक, (iii) मैंगनीज़, (iv) बॉक्साइट, (v) जिप्सम और (vi) कोयला । भारत विशेषकर उन खनिजों में धनी है जो किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार होते हैं।
भारत जिन खनिजों में निर्धन है – भारत विशेष रूप से अलौह धातुओं में निर्धन है। ये धातुएँ हैं- (i) चांदी, (ii) तांबा, (iii) टिन, (iv) सीसा, (v) पारा तथा (vi) निकल आदि। इनके अतिरिक्त भारत खनिज तेल और गंधक खनिजों में भी निर्धन है।
प्रश्न 3. भारतीय उद्योगों में बॉक्साइट का क्या महत्त्व है?
उत्तर – बॉक्साइट अयस्क से ऐल्यूमिनियम धातु प्राप्त की जाती है। हल्की होने के कारण यह धातु बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है। वायुयान उद्योग के लिए इसका बहुत महत्त्व है। बिजली से संबंधित उद्योगों तथा सामान्य जीवन में भी इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है ।
बिहार, झारखंड, गुजरात तथा मध्य प्रदेश बॉक्साइट के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। बॉक्साइट महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में भी पाया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में ओडिशा के बॉक्साइट भंडारों का विकास किया गया है ।
प्रश्न 4. तांबे की उपयोगिता और वितरण का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – सिक्के तथा घरेलू बर्तन बनाने में तांबे का बहुत उपयोग होता था किंतु आजकल यह विद्युत उद्योगों के लिए अपरिहार्य हो गया है क्योंकि यह विद्युत का सुचालक है। आजकल देश का अधिकांश तांबा झारखंड के सिंहभूम, मध्य प्रदेश के बालाघाट और राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी नगर में निकाला जाता है। आंध्र प्रदेश के खम्मम, कर्नाटक के चित्रदुर्ग तथा हासन जिलों एवं सिक्किम में भी थोड़े-बहुत तांबे का उत्पादन होता है।
प्रश्न 5. बॉम्बे हाई क्यों प्रसिद्ध है ? देश की अर्थव्यवस्था में इसका क्या योगदान है?
उत्तर- बॉम्बे हाई भारत का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र है। यह मुंबई तट से 115 किलोमीटर दूर समुद्र में स्थित है। इस स्थान से तेल निकालने के लिए बहुत ही विकसित एवं उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘बॉम्बे हाई’ का बहुत बड़ा योगदान है। यह हमारे पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं की बहुत बड़े भाग की पूर्ति करता है। इससे हमें बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत होती है।
प्रश्न 6. ऊर्जा के किन्हीं चार स्रोतों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- ऊर्जा के चार स्रोत निम्नलिखित हैं –
1. कोयला- यह शक्ति का प्रारंभिक साधन है। यह औद्योगिक कच्चे माल के रूप में भी प्रयोग होता है। विद्युत उत्पादन और अन्य उद्योगों में कोयले का प्रयोग किया जाता है ।
2. जल विद्युत – इसे पैदा करने के लिए गिरते हुए पानी की शक्ति प्राप्त करके टरबाइन को गतिमान किया जाता है। अभी तक शक्ति के साधनों में यह सबसे सस्ता साधन है। जल विद्युत का सबसे बड़ा लाभ यह है कि निरंतर प्रयोगों के बावजूद भी इसके स्रोत समाप्त नहीं होते क्योंकि जल संसाधन नवीकरण योग्य हैं ।
3. खनिज तेल – यह अति दहनशील पदार्थ है। इसका प्रयोग अंतर्दहन इंजन में किया जाता है। खनिज तेल का परिष्करण करके डीज़ल, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, उड्डयन स्पिरिट आदि प्राप्त किए जाते हैं। इससे सड़क परिवहन, जहाजों, वायुयानों आदि को चालक शक्ति प्राप्त होती है ।
4. परमाणु ऊर्जा – इसे प्राप्त करने के लिए अणु पदार्थों को नियंत्रित परिस्थितियों में विखंडित करते हैं। इससे असीम ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसका उपयोग विविध उद्देश्यों के लिए किया जाता है ।
प्रश्न 7. भारत में परमाणु ऊर्जा के प्रयोग की संभावनाओं पर नोट लिखिए ।
उत्तर – भारत में कुछ परमाणु खनिजों के काफी भंडार हैं। झारखंड के सिंहभूम जिले तथा राजस्थान के कुछ भागों में यूरेनियम की खानें हैं। केरल के समुद्री तट पर मोनाजाइट बालू मिलता है । यह परमाणु ऊर्जा का एक बड़ा साधन है । इसी बालू से थोरियम निकाला जाता है।
इसके अतिरिक्त भारत में चेरोलिट, जैर्केनियम तथा ग्रेफाइट के भी बड़े भंडार हैं। भारत में स्थापित बिजली घर बिजली की कमी काफी हद तक पूरी कर रहे हैं। भारत परमाणु शक्ति का प्रयोग चिकित्सा तथा कृषि में कर रहा है। परंतु यदि इस ऊर्जा का प्रयोग युद्ध में किया गया तो यह बहुत विनाशकारी सिद्ध होगा ।
प्रश्न 8. ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्त्रोतों का महत्त्व बताइए।
उत्तर- ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस तथा कूड़े-कचरे से प्राप्त ऊर्जा सम्मिलित हैं। हाल के वर्षों में इन स्रोतों की महत्ता बढ़ रही है। इनका महत्त्व निम्नलिखित है –
(i) ये स्रोत नवीकरण योग्य हैं, इनका पुनः उपयोग किया जा सकता है।
(ii) ये स्रोत प्रदूषण मुक्त और पारिस्थितिक अनुकूल हैं
(iii) ये साधन अपेक्षाकृत कम खर्चीले हैं ।
(iv) ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोत; जैसे सौर ऊर्जा का प्रयोग घरों में पानी गरम करने, खाना पकाने, बिजली का उत्पादन करने के लिए किया जाता है ।
(v) इसी तरह पवन ऊर्जा का उपयोग खेतों में सिंचाई करने, बिजली पैदा करने तथा पानी खींचने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 9. सौर संयंत्र पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – सौर संयंत्र, सौर ऊर्जा के सीधे अवशोषण से चलते हैं। इसमें परावर्तन करने वाली दर्पण प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। कई गतिशील दर्पण, सूर्य की किरणों को केंद्रीय ऊंची मीनार के शीर्ष पर परावर्तित करते हैं, जहां भाप बायलर तथा विद्युत उत्पन्न करने वाले संयंत्र स्थापित होते हैं। सौर सैलों का उपयोग करके सौर विकिरण से सीधे विद्युत बनाई जा सकती है । यह सूर्य से विद्युत उत्पन्न करने का दूसरा तरीका है । इन सैलों में रवेदार सिलीकॉन जैसे पदार्थों का उपयोग होता है, जो सौर विकिरण को अवशोषित करके उसे सीधे विद्युत में बदल देते हैं ।
प्रश्न 10. ऊर्जा के संरक्षण हेतु आप क्या सुझाव देंगे ?
उत्तर – ऊर्जा के संरक्षण हेतु निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं –
(i) सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अधिक-से-अधिक और निजी वाहनों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए ।
(ii) आवश्यकता न होने पर बिजली के स्विच बंद कर देने चाहिएँ ।
(iii) शक्ति बचाने की युक्तियाँ अपनानी चाहिएँ ।
(iv) अपने बिजली के उपकरणों को नियमित रूप से जाँचते रहना चाहिए ।
(v) ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों के उपयोग पर अधिक से अधिक बल देना चाहिए।
प्रश्न 11. वाणिज्यिक और अवाणिज्यिक ऊर्जा स्रोतों में अंतर बताइए ।
उत्तर – वाणिज्यिक ऊर्जा और अवाणिज्यिक ऊर्जा स्रोतों में निम्नलिखित अंतर हैं –
वाणिज्यिक ऊर्जा स्रोत अवाणिज्यिक ऊर्जा स्रोत
1. ये ऊर्जा के वे स्रोत हैं जिनका प्रयोग बड़े-बड़े कारखानों को चलाने के लिए किया जाता है । 1. ये ऊर्जा के वे स्रोत हैं जिनका प्रयोग घरों में खाना पकाने या दुकानों पर छोटे-मोटे काम करने के लिए किया जाता है ।
2. ये स्रोत अधिक महंगे होते हैं । 2. ये स्रोत कम महंगे होते हैं ।
3. कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत और ताप विद्युत इस ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं । 3. लकड़ी, चारकोल, गोबर के उपले, बायोगैस, सौर ऊर्जा इत्यादि इस ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं ।
प्रश्न 12. ऐन्थ्रेसाइट और बिटुमिनस कोयला में अंतर बताइए ।
उत्तर – ऐन्थ्रेसाइट और बिटुमिनस कोयला में निम्नलिखित अंतर हैं –
ऐन्थ्रेसाइट कोयला बिटुमिनस कोयला
1. इसमें कार्बन की मात्रा 80 प्रतिशत से अधिक होती है । 1. इसमें कार्बन की मात्रा 60 से 80 प्रतिशत होती है ।
2. यह सबसे उच्चकोटि का कोयला होता है । 2. इसकी गुणवत्ता ऐन्थ्रेसाइट से कम होती है ।
3. यह कठोर, काला और ठोस होता है । 3. इसका रंग और कठोरता कुछ हल्के स्तर की होती है ।
4. यह कोयला भारत में केवल जम्मू और कश्मीर राज्य में पाया जाता है । 4. यह कोयला झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश में पाया जाता है ।
प्रश्न 13. प्राकृतिक गैस और बायोगैस में अंतर बताइए।
उत्तर- प्राकृतिक गैस और बायोगैस में निम्नलिखित अंतर हैं-
प्राकृतिक गैस बायोगैस
1. प्राकृतिक गैस एक खनिज है और यह धरातल के नीचे से निकाली जाती है । 1. बायोगैस पशुओं के गोबर, मल-मूत्र और गली-सड़ी वस्तुओं से प्राप्त की जाती है।
2. यह प्रायः पेट्रोलियम के कुओं में पेट्रोलियम के ऊपर पाई जाती है। 2. इस गैस का संयंत्र किसान अपने घर के पास आसानी से लगा सकता है।
3. यह गैस बायोगैस की तुलना में अधिक महंगी है। 3. यह एक सस्ता ईंधन है।
4. यह स्वतन्त्र रूप से मिलती है । 4. इसे बनाना पड़ता है।
प्रश्न 14. भू-तापीय ऊर्जा पर नोट लिखिए ।
उत्तर – पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत की भू-तापीय ऊर्जा कहते हैं। पृथ्वी की सतह की गहराई बढ़ने के साथ-साथ तापमान बढ़ता जाता है। कुछ क्षेत्रों में भूमिगत जल चट्टानों से ऊष्मा का अवशोषण कर तप्त हो जाता है। यह इतना तप्त हो जाता है कि यह पृथ्वी की सतह की ओर उठता है तो यह भाप में परिवर्तित हो जाता है। इसी भाप का उपयोग टरबाइन को चलाने और विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
भारत में गर्म पानी के सैकड़ों चश्मे हैं, जिनका विद्युत उत्पादन में प्रयोग किया जा सकता है। भू-तापीय ऊर्जा के दोहन के लिए भारत में दो प्रायोगिक परियोजनाएँ शुरू की गई हैं। एक हिमाचल प्रदेश में मणिकरण के निकट पार्वती घाटी में स्थित है तथा दूसरी लद्दाख में घाटी में स्थित है।
प्रश्न 15. भारत में अभ्रक के महत्त्व और प्रादेशिक वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर–भारत में संसार के लगभग 80 प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है । अभ्रक बिजली उद्योगों का प्रमुख आधार है। अभ्रक के उत्पादन में भारत का संसार में प्रथम स्थान है।
अभ्रक का महत्त्व – अभ्रक एक आर्थिक एवं औद्योगिक महत्त्व का खनिज है। इसमें से विद्युतधारा नहीं गुजर सकती। इसलिए इसका सबसे अधिक उपयोग बिजली का सामान बनाने में होता है । अभ्रक एक पारदर्शी खनिज है। इसका प्रयोग कोटरों और वायुयानों में शीशे के स्थान पर किया जाता है।
प्रादेशिक वितरण – भारत में अभ्रक का उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य निम्नलिखित हैं-
1. बिहार – हमारे देश में बिहार अभ्रक के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। यहाँ देश का लगभग 54 प्रतिशत अभ्रक निकाला जाता है। बिहार में गया और मुंगेर जिले अभ्रक के मुख्य उत्पादक हैं ।
2. झारखंड- इस राज्य में हजारीबाग, बोकारो, सिंहभूम में अभ्रक का उत्पादन होता है।
3. आंध्र प्रदेश – आंध्र प्रदेश में भी मुख्य रूप से अभ्रक पाया जाता है । इस राज्य में नेल्लौर, विशाखापट्टनम आदि जिलों में अभ्रक का उत्पादन होता है ।
4. राजस्थान – यहाँ से देश के कुल उत्पादन का लगभग 16 प्रतिशत अभ्रक निकाला जाता है अज़मेर, शाहपुर, टोंक, भीलवाड़ा और जयपुर जिले अभ्रक के मुख्य उत्पादक हैं ।
मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक आदि राज्यों में भी कुछ अभ्रक निकाला जाता है।
प्रश्न 16. पेट्रोलियम किस काम आता है? यह भारत में कहाँ-कहाँ मिलता है? इसकी महत्त्वपूर्ण परिष्करणशालाओं/ शोध शालाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर- पेट्रोलियम चालक शक्ति का एक बहुत बड़ा साधन है। इसे खनिज तेल अथवा तरल सोना भी कहते हैं। इसे धरातल में कुएँ खोदकर प्राप्त किया जाता है। कुओं से निकालते समय यह अशुद्ध होता है। इसे साफ करके पेट्रोल, मोम, कैरोसीन तथा अन्य कई उपयोगी पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं ।
उपयोग- पेट्रोलियम हवाई जहाज़, समुद्री जहाज़ तथा मोटरें आदि चलाने के काम आता है। इसे साफ करके पेट्रोल, मोम, मिट्टी का तेल तथा मोबिल ऑयल बनाया जाता है।
शोधशालाएँ- पेट्रोलियम को साफ करने के लिए देश में अनेक शोधशालाएँ स्थापित की गई हैं। इनमें से मुख्य शोधशालाएँ नूनमती (असम), बरौनी (बिहार), कोयली (गुजरात) में हैं। विशाखापट्टनम, चेन्नई तथा मुम्बई में भी तेल शोधशालाएँ हैं।
अति-लघुत्तरात्मक प्रश्न [Very Short – Answer Type Questions] 
प्रश्न 1. खनिजों का हमारे दैनिक जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर–खनिज हमारे दैनिक जीवन के अति अनिवार्य अंग हैं। लगभग हर चीज़, जो हम प्रयोग करते हैं, एक छोटी सूई से लेकर एक बड़ी इमारत तक या फिर एक हवाई जहाज़ आदि ये सभी खनिजों से बने होते है । यहाँ तक कि जो भोजन हम खाते हैं, उसमें भी खनिज मिले होते हैं। हम अपनी जीविका, सजावट, त्योहारों व धार्मिक अनुष्ठानों के लिए खनिजों का प्रयोग करते हैं। ।
प्रश्न 2. खनिजों की दो विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर – (i) खनिजों की निश्चित आंतरिक संरचना होती है ।
(ii) खनिजों का मूल्य होता है ।
प्रश्न 3. खनिजों के दो उपयोग लिखें ।
उत्तर – (i) खनिज मशीनों के निर्माण में प्रयोग किए जाते हैं ।
(ii) खनिज हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं ।
प्रश्न 4. “प्राकृतिक गैस को पर्यावरण अनुकूल माना जाता है ।” कथन की पुष्टि में दो तर्क दें | 
उत्तर – (i) प्राकृतिक गैस को पर्यावरण अनुकूल इसलिए माना जाता है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन करती है।
(ii) यह वायु प्रदूषण और पर्यावरण का निम्नीकरण नहीं करती ।
(iii) ऊर्जा व उर्वरक उद्योग प्राकृतिक गैस के प्रमुख उपभोक्ता हैं ।
प्रश्न 5. ग्रामीण भारत के लिए ऊर्जा का सबसे सशक्त साधन क्या है ? इसके दो लाभ बताएँ ।
उत्तर- लकड़ी तथा उपले ।
लाभ –
(i) इसे ऊर्जा के साधन के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
(ii) इससे खाद्य उपज की किस्म सुधरती है ।
प्रश्न 6. हमारे दैनिक जीवन में खनिज के महत्त्व के किसी भी दो पहलुओं का वर्णन करें ।
उत्तर – (i) रेलवे लाइनें, सड़कें और मशीनरी सभी चीजें खनिजों से बनी हैं ।
(ii) कारें, बसें, ट्रेनें, हवाई जहाज़ सभी का उत्पादन खनिजों से हुआ है ।
प्रश्न 7. “महासागरीय जल में पाए जाने वाले खनिजों की आर्थिक सार्थकता कम है।’ दो कारण बताएँ । 
उत्तर-(i) ये व्यापक रूप से विसरित होते हैं ।
(ii) समुद्री खनन की उच्चतम लागत और पर्यावरण संबंधी बाधाएँ ।
प्रश्न 8. मैंगनीज़ का उपयोग किस धातु को बनाने में किया जाता है? यह भारत में कहाँ मिलता है ? 
उत्तर – मैंगनीज़ का उपयोग मिश्रधातु बनाने के लिए किया जाता है । यही कारण है कि इसका महत्त्व बढ़ता ही जा रहा है। भारत में ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में मैंगनीज़ पाया जाता है। ओडिशा में मैंगनीज़ अयस्क की खानें केन्दुझर और मयूरभंज में पाई जाती हैं। कर्नाटक में इसकी खानें चित्रदुर्ग, शिमोगा, चिकमंगलूर, बेलगाम, धारवाड़ तथा उत्तरी कनारा जिलों में हैं। झारखंड के सिंहभूम तथा आंध्र प्रदेश के निजामाबाद में भी मैंगनीज़ मिलता है।
प्रश्न 9. धुआँ रहित चूल्हे के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत चूल्हे उपयोग किए जाते हैं, जिनमें लकड़ी और उपलों का उपयोग किया जाता है। ये धुआँ बहुत छोड़ते हैं। धुआँ रहित अथवा सुधरे चूल्हे धुआँ नहीं छोड़ते और इनमें लकड़ी की खपत भी कम होती है । इस प्रकार के चूल्हों के उपयोग से कई लाख टन लकड़ी की बचत हुई है। ये महिलाओं के स्वास्थ्य को बिगड़ने से भी बचाते हैं।
प्रश्न 10. हमारे देश के औद्योगिकीकरण में ऊर्जा का क्या महत्त्व है?
उत्तर- औद्योगिक युग में बड़ी-बड़ी मशीनों को चलाने के लिए ऊर्जा के साधनों का महत्त्व बढ़ गया है। कोयले का उपयोग तो शुरू से ही हो रहा था, परंतु अब यह अमूल्य वस्तु बन गई है । इसके बाद खनिज तेल ने संसाधन का स्थान ले लिया है। परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पन्न की जाने लगी है जो उद्योगों में काम आती है। बिना ऊर्जा के मशीनें नहीं चल सकतीं ।
प्रश्न 11. अभ्रक का क्या महत्त्व ( उपयोग ) है? यह भारत में कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर – संसार के लगभग 80 प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन भारत में ही होता है । यह बिजली उद्योगों का मुख्य आधार है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दो-तिहाई अभ्रक भारत का होता है। देश में प्रतिवर्ष 30 हज़ार टन अभ्रक निकाला जाता है। झारखंड के हज़ारीबाग तथा बिहार के गया व मुंगेर जिलों में भारत के आधे अभ्रक का उत्पादन होता है । अभ्रक का शेष आधा उत्पादन आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तथा राजस्थान के भीलवाड़ा जिलों में होता है ।
प्रश्न 12. धात्विक और अधात्विक खनिज में अंतर स्पष्ट कीजिए । 
उत्तर – धात्विक तथा अधात्विक खनिज में निम्नलिखित अंतर हैं –
धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
1. धात्विक खनिज मुख्यतः आग्नेय और कायांतरित शैलों में पाए जाते हैं । 1. अधात्विक खनिज मुख्यतः अवसादी शैलों में पाए जाते हैं।
2. लोहा, सोना, चांदी, तांबा, बॉक्साइट तथा टिन मुख्य धात्विक खनिज हैं । 2. कोयला, पेट्रोलियम, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम मुख्य अधात्विक खनिज हैं ।
प्रश्न 13. भारत में पवन ऊर्जा उत्पादन पर नोट लिखिए ।
उत्तर – भारत को अब विश्व में ‘पवन महाशक्ति’ का दर्जा प्राप्त है। भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मदुरई तक स्थित है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में भी महत्त्वपूर्ण ऊर्जा फार्म हैं। नागरकोइल और जैसलमेर देश में पवन ऊर्जा के प्रभावी प्रयोग के लिए जाने जाते हैं ।
प्रश्न 14. हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर – खनिज हमारे उद्योगों और कृषि का एक आधार हैं। खनिजों के भंडार सीमित हैं । यदि हम लापरवाहीपूर्वक और बिना नियोजन के खनिजों का प्रयोग करते रहे तो इनके वास्तविक भंडार अतिशीघ्र समाप्त हो जाएँगे और खनिजों का अकाल पड़ जाएगा। इससे हमारा औद्योगिक विकास रुक जाएगा और अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगीं । अतः आर्थिक गतिविधियों के समुचित संचालन के लिए हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता है ।
प्रश्न 15. भारत में प्राकृतिक गैस के वितरण का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संसाधन है जो पेट्रोलियम के साथ तथा अलग भी पाई जाती है। भारत में कृष्णा- गोदावरी नदी बेसिन में प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार खोजे गए हैं। पश्चिमी तट के साथ बॉम्बे हाई और खंबात की खाड़ी में प्राकृतिक गैस के भंडार पाए जाते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी प्राकृतिक गैस उत्पादन के महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न [Objective Type Questions]
I. एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1. खनिज क्या है?
उत्तर – खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है।
प्रश्न 2. तारापुर परमाणु केंद्र किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर महाराष्ट्र ।
प्रश्न 3. संख्या के आधार पर कितने खनिजों की पहचान की जा चुकी है ? 
उत्तर – संख्या के आधार पर 2000 से अधिक खनिजों की पहचान की जा चुकी है ।
प्रश्न 4. धात्विक खनिजों के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर–लोहा, मैंगनीज़, ताँबा, सोना।
प्रश्न 5. अधात्विक खनिजों के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर- अभ्रक, नमक, पोटाश, सल्फर ।
प्रश्न 6. लौह धातुओं के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – लौह अयस्क, मैंगनीज़, निकल, कोबाल्ट ।
प्रश्न 7. अलौह धातुओं के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – ताँबा, सोना, चाँदी, जस्ता ।
प्रश्न 8. किन्हीं दो ऊर्जा खनिजों के नाम लिखें ।
उत्तर- कोयला, पेट्रोलियम ।
प्रश्न 9. उत्खनन का क्या अर्थ है ?
उत्तर – गड्ढा खोदकर भूगर्त से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को उत्खनन कहते हैं ।
प्रश्न 10. लौह अयस्क के उत्पादन में अग्रणी चार राज्यों के नाम बताइए । 
उत्तर-कर्नाटक, ओडिशा, झारखण्ड और आंध्र प्रदेश ।
प्रश्न 11. सर्वोत्तम किस्म का लौह अयस्क कौन-सा है और इसकी क्या विशेषता है ? 
उत्तर- मैग्नेटाइट सर्वोत्तम किस्म का लौह अयस्क है। इसमें लगभग 70 प्रतिशत लोहांश पाया जाता है ।
प्रश्न 12. सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क कौन-सा है ? 
उत्तर- हेमेटाइट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लौह अयस्क हैं।
प्रश्न 13. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की बेलाडिला पहाड़ियाँ किस अयस्क के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं ?
उत्तर-हेमेटाइट लौह अयस्क के उत्पादन के लिए बेलाडिला पहाड़ियाँ प्रसिद्ध हैं ।
प्रश्न 14. भारत में मैंगनीज़ का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है ?
उत्तर भारत में मैंगनीज़ का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य ओडिशा है ।
प्रश्न 15. किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण संचयन संकेंद्रण होता है ? 
उत्तर – तलछटी चट्टान
प्रश्न 16. भारत के दो प्रमुख ताँबा उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए ।
उत्तर-मध्य प्रदेश और राजस्थान।
प्रश्न 17. कोयले का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर- लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व पेड़-पौधे पृथ्वी के अंदर दब गए । दाब वं भीतरी गर्मी से वे कोयले में बदल गए।
प्रश्न 18 बॉक्साइट किस काम आता है?
उत्तर – इससे एल्यूमिनियम धातु बनाई जाती है ।
प्रश्न 19, भारत के चार बॉक्साइट उत्पादक राज्यों के नाम बताइए ।
उत्तर – (i) ओडिशा, (ii) छत्तीसगढ़, (iii) महाराष्ट्र, (iv) गुजरात ।
प्रश्न 20. ओडिशा के कोरापुट जिले में पंचपतमाली निक्षेप किस धातु के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है? 
उत्तर – ओडिशा के कोरापुट जिले में पंचपतमाली निक्षेप बॉक्साइट के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 21. चूना पत्थर किस उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल है? 
उत्तर – चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का आधारभूत कच्चा माल है ।
प्रश्न 22. ऊर्जा के किन्हीं चार परंपरागत स्रोतों के नाम लिखिए ।
उत्तर- लकड़ी, उपले, कोयला और पेट्रोलियम ।
प्रश्न 23. ऊर्जा के किन्हीं चार गैर-परंपरागत स्रोतों के नाम लिखिए ।
उत्तर-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा और बायोगैस ।
प्रश्न 24. सबसे उत्तम और सबसे निम्न कोटि के कोयले का नाम लिखें ।
उत्तर – सबसे उत्तम कोटि का कोयला – ऐंथ्रेसाइट, सबसे निम्नतम कोटि का कोयला – लिग्नाइट।
प्रश्न 25. भारत में पेट्रोलियम उत्पादन वाले प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं और इनकी क्या विशेषता है ?
उत्तर – भारत में पेट्रोलियम उत्पादन करने वाले प्रमुख क्षेत्र हैं बॉम्बे हाई, गुजरात और असम । इन तीनों से देश के कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 97 प्रतिशत भाग निकाला जाता है ।
प्रश्न 26 हजीरा – विजयपुर जगदीशपुर गैस पाइप लाइन की लंबाई कितनी है?
उत्तर – यह गैस पाइप लाइन 1700 किलोमीटर लंबी है ।
प्रश्न 27. भारत में ताप विद्युतगृहों की संख्या कितनी है?
उत्तर भारत में ताप विद्युतगृहों की संख्या लगभग 310 है।
प्रश्न 28. कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है ? 
उत्तर-कोयला ।
प्रश्न 29. भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है ? 
उत्तर- गुजरात में भुज के निकट माधोपुर में ।
प्रश्न 30. भारत को पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कौन-सा दर्जा प्राप्त है ?
उत्तर – पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को पवन महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है ।
प्रश्न 31. पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत के दो अग्रणी राज्यों के नाम लिखिए । 
उत्तर – तमिलनाडु, गुजरात।
प्रश्न 32. दंत मंजन में किस खनिज के प्रयोग से दाँत चमकते हैं ? 
उत्तर- अभ्रक के प्रयोग से ।
प्रश्न 33. हमारे कुल पौष्टिक भोजन का कितने प्रतिशत भाग खनिज होते हैं?
उत्तर – केवल 0.03 प्रतिशत भाग ।
प्रश्न 34. रैट होल (Rat Hole) खनन क्या है?
उत्तर–किसी खनिज का एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाने वाला खनन रैट होल खनन कहलाता है। मेघालय में जोवाई व चेरापूँजी में परिवार के सदस्यों द्वारा कोयले का खनन इसी प्रकार से किया जाता ।
प्रश्न 35. प्लेसर निक्षेप किसे कहते हैं?
उत्तर–पहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में पाए जाने वाले खनिजों को प्लेसर निक्षेप कहते हैं।
प्रश्न 36. भारत में लौह अयस्क का उत्पादन करने वाले चार प्रमुख राज्यों के नाम लिखिए । 
उत्तर- कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा ।
प्रश्न 37. अभ्रक उत्पादक अग्रणी तीन राज्यों के नाम बताइए ।
उत्तर – बिहार, झारखंड, राजस्थान ।
प्रश्न 38. राजस्थान में खेतड़ी की खाने किस खनिज के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं ? 
उत्तर – ताँबा के लिए |
प्रश्न 39. अभ्रक का उपयोग किस उद्योग में किया जाता है?
उत्तर – अभ्रक का उपयोग विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में किया जाता है ।
प्रश्न 40. वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत क्या हैं?
उत्तर-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा जल विद्युत वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत हैं।
प्रश्न 41. गैर-परंम्परागत ऊर्जा स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर – सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा – ये सभी गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत हैं ।
प्रश्न 42. बॉम्बे हाई क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 63 प्रतिशत भाग बॉम्बे हाई में पाया जाता है जिसके कारण बॉम्बे हाई प्रसिद्ध है।
प्रश्न 43. भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर – भारत में कृष्णा- गोदावरी नदी बेसिन में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार पाए जाते हैं ।
प्रश्न 44. कोयले को काला सोना क्यों कहा जाता है?
उत्तर – कोयला एक अति महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संसाधन है। यह कई उद्योगों का आधार है। इसके काले रंग और अत्यधिक उपयोगिता के कारण इसे काला सोना कहा जाता है ।
प्रश्न 45. भारत में ज्वारीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर – कच्छ की खाड़ी में ।
प्रश्न 46. गैर-परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के दो लाभ बताइए ।
उत्तर – (i) इनके प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता, (ii) इनकी उत्पादन लागत अपेक्षाकृत कम होती है ।
प्रश्न 47. भारत के तीन पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखिए ।
उत्तर-(i) बॉम्बे हाई, (ii) अंकलेश्वर (गुजरात), (iii) डिगबोई (असम) ।
प्रश्न 48. बायोगैस कैसे बनाई जाती है?
उत्तर- झाड़ियों, कृषि से पैदा कचरा, पशुओं और मानव द्वारा जनित अपशिष्ट पदार्थों को एक वैज्ञानिक विधि द्वारा गलाने, सड़ाने से बायोगैस बनाई जाती है।

प्रश्न 49. गोबर गैस प्लांट के दो लाभ लिखिए ।

उत्तर – (i) इससे घरेलू कार्यों में ईंधन के रूप में ऊर्जा मिलती है, (ii) इससे उन्नत प्रकार का उर्वरक मिलता है।
प्रश्न 50. भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज अयस्क उत्पादक राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर – ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश तथा कर्नाटक ।
II. बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए-
1. खनिज हमारे लिए किस रूप में उपयोगी हैं ?
(A) इनसे मशीनें बनाई जाती हैं
(B) ये ऊर्जा प्रदान करते हैं
(C) इनका भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
2. खनिज की विशेषता है –
(A) एक निश्चित आंतरिक संरचना
(B) मूल्य
(C) चमक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
3. निम्नलिखित में से कौन-सी लौह धातु नहीं है?
(A) ताँबा
(B) मैंगनीज़
(C) निकल
(D) कोबाल्ट
उत्तर- (A)
4. निम्नलिखित में से कौन-सी लौह धातु है ?
(A) ताँबा
(B) निकल
(C) जस्ता

(D) बॉक्साइट

उत्तर-(B)
5. निम्नलिखित में से कौन-सा अधात्विक खनिज है ?
(A) सीसा
(B) अभ्रक
(C) जस्ता
(D) ताँबा
उत्तर-(B)
6. निम्नलिखित में से कौन-सा धात्विक खनिज है ?
(A) ताँबा
(B) सीसा
(C) जस्ता
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
7. निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा खनिज है ?
(A) कोयला
(B) पेट्रोलियम
(C) प्राकृतिक गैस
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
8. महासागरीय जल में पाया जाने वाला खनिज है-
(A) नमक
(B) मैग्नीशियम
(C) ब्रोमाइन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
9. सबसे उत्तम किस्म का लोहा कौन-सा होता है ?
(A) मैग्नेटाइट
(B) हेमेटाइट
(C) लिमोनाइट
(D) सिडेराइट
उत्तर – (A)
10. उद्योगों में सबसे अधिक किस प्रकार के लोहे का उपयोग किया जाता है?
(A) मैग्नेटाइट का
(B) हेमेटाइट का
(C) लिमोनाइट का
(D) सिडेराइट का
उत्तर-(B)
11. बेलाडिला पहाड़ी किस राज्य में है?
(A) कर्नाटक में
(B) ओडिशा में
(C) छत्तीसगढ़ में
(D) महाराष्ट्र में
उत्तर-(C)
12. भारत में लौह अयस्क उत्पादन करने वाला राज्य है –
(A) कर्नाटक
(B) ओडिशा
(C) झारखंड
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(D)
13. मैंगनीज़ का उपयोग किस धातु का विनिर्माण करने में किया जाता है?
(A) इस्पात
(B) सोना
(C) चाँदी
(D) एल्यूमिनियम
उत्तर-(A)
14. भारत में मैंगनीज़ उत्पादन में कौन-सा राज्य पहले स्थान पर है?
(A) ओडिशा
(B) राजस्थान
(C) तमिलनाडु
(D) गुजरात
उत्तर-(A)
15. मध्य प्रदेश के बालाघाट में स्थित खानें किस खनिज के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं?
(A) लोहे के लिए
(B) अभ्रक के लिए
(C) मैंगनीज़ के लिए
(D) ताँबे के लिए
उत्तर-(D)
16. खेतड़ी की ताँबा खानें किस राज्य में स्थित हैं?
(A) मध्य प्रदेश में
(B) राजस्थान में
(C) छत्तीसगढ़ में
(D) गुजरात में
उत्तर-(B)
17. बॉक्साइट से कौन-सी धातु प्राप्त की जाती है ?
(A) लोहा
(B) इस्पात
(C) एल्यूमिनियम
(D) पीतल
उत्तर-(C)
18. ऊर्जा का परंपरागत स्रोत नहीं है –
(A) कोयला
(B) पेट्रोलियम
(C) बायोगैस
(D) प्राकृतिक गैस
उत्तर-(C)
19. इनमें से ऊर्जा का परंपरागत स्रोत कौन-सा है ?
(A) परमाणु ऊर्जा
(B) भू-तापीय
(C) पेट्रोलियम
(D) सौर
उत्तर-(B)
20. इनमें से भारतीय गाँवों में सबसे अधिक किस ऊर्जा के स्रोत का प्रयोग होता है ?
(A) लकड़ी और प्राकृतिक गैस
(B) लकड़ी और गोबर के उपले
(C) सौर ऊर्जा और बिजली
(D) कोयला और पेट्रोलियम
उत्तर-(B)
21. इनमें से कौन-सा निम्न कोटि का भूरा कोयला है ?
(A) लिग्नाइट
(B) बिटुमिनस
(C) एंथ्रेसाइट
(D) बॉक्साइट
उत्तर – (A)
22. इनमें से कौन-सा सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला है ?
(A) लिग्नाइट
(B) बिटुमिनस
(C) एंथ्रेसाइट
(D) बॉक्साइट
उत्तर-(C)
23. विश्व में किस देश को ‘पवन महाशक्ति’ का दर्जा प्राप्त है? 
(A) भारत को
(B) चीन को
(C) अमेरिका को
(D) श्री लंका को
उत्तर – (A)
24. ‘रैट होल’ उत्खनन किस राज्य में किया जाता है?
(A) गुजरात में
(B) राजस्थान में
(C) झारखण्ड में
(D) मेघालय में
उत्तर – (D)
25. कृष्णा -गोदावरी बेसिन किस खनिज के भण्डारों के लिए प्रसिद्ध है?
(A) लौह-अयस्क के
(B) अभ्रक के
(C) प्राकृतिक गैस के
(D) कोयले के
उत्तर-(C)
26. कौन-सी खादानें देश का लगभग 52 प्रतिशत ताँबा उत्पादन करती है ?
(A) बालाघाट
(B) खेतड़ी
(C) सिंहभूम
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर – (A)
27. हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर पाइप लाइन की लम्बाई कितनी है ?
(A) 1700 कि०मी०
(B) 1800 कि०मी०
(C) 1900 कि०मी०
(D) 2000 कि०मी०
उत्तर – (A)
28. निम्नलिखित में कौन-सी द्रवित ईंधन के स्थान पर प्रयोग की जाती है?
(A) एल.पी.जी.
(B) सी. एन.सी.
(C) सी. एन. के
(D) हाइड्रोजन गैस
उत्तर – (A)
29. वाणिज्यिक प्रयोग के लिए सर्वाधिक लोकप्रिय कोयला कौन-सा है ?
(A) बिटुमिनस
(B) एंथ्रेसाइट
(C) लिग्नाइट
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (A)
30. भारत में पवन ऊर्जा फार्म की विशालतम पेटी किस राज्य में है ?
(A) पंजाब
(B) राजस्थान
(C) तमिलनाडु
(D) असम
उत्तर – (B)
31. इनमें से कौन-सी ऊर्जा महासागर से प्राप्त की जाती है ?
(A) ज्वारीय ऊर्जा
(B) बायोगैस
(C) सौर ऊर्जा
(D) भू-तापीय ऊर्जा
उत्तर – (A)
32. भारत में भू-तापीय ऊर्जा के दोहन के लिए प्रायोगिक परियोजना कहाँ स्थापित की गई है ?
(A) कच्छ की खाड़ी – गुजरात
(B) पूगा घाटी – लद्दाख
(C) गंगा घाटी – हिमाचल प्रदेश
(D) नागरकोइल – तमिलनाडु
उत्तर-(B)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. एल्यूमिनियम उद्योग के लिए आधारभूत कच्चे माल के रूप में …………….. का प्रयोग किया जाता है ।
2. …………………का उपयोग लोहा और इस्पात तथा मिश्रधातु बनाने में किया जाता है
3. ………………… एक आधारभूत खनिज है तथा औद्योगिक विकास की रीढ़ की हड्डी है ।
4. गोंडवाना कोयले के मुख्य स्रोत ……………… में स्थित हैं।
5. यूरेनियम और थोरियम भारत में ……………….. ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं ।
6. टरशियरी कोयला क्षेत्र भारत के ……………. में स्थित है।
7. हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर गैस पाइप लाइन ……………. और ………………. को जोड़ती है ।
8. प्लेसर निक्षेप में प्रायः ऐसे खनिज होते हैं जो जल द्वारा घर्षित …………… है।
9. लौह अयस्क के कुद्रेमुख (कर्नाटक) निक्षेप ………………. राज्य में स्थित हैं।
10. हिमाचल में मणीकरण को ……………….. के लिए जाना जाता है I
11. भारत की प्रमुख खाद्य फसल ………………… है।
12. भारत में रागी का सबसे बड़ा उत्पादक ……………. राज्य है ।
13. खरीफ की फसलें ……………………… में बोई जाती हैं ।
14. भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक ………………. राज्य है।
उत्तर–1. बॉक्साइट, 2. मैंगनीज अयस्क, 3. लौह अयस्क, 4. दामोदर की घाटी, 5. परमाणु, 6. उत्तर-पूर्वी राज्यों, 7. मुम्बई हाई, बेसिन, 8. नहीं होते, 9. कर्नाटक, 10. भू-तापीय ऊर्जा, 11. चावल, 12. कर्नाटक, 13 जून-जुलाई, 14. उत्तर प्रदेश ।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर हाँ नहीं में दीजिए
1. खनिज वे प्राकृतिक यौगिक होते हैं जिनकी संरचना तथा संगठन एक समान नहीं होती है।
2. देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के समीप माधोपुर में स्थित है।
3. चूना पत्थर इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का आधारभूत कच्चा माल है।
4. ऊर्जा का उत्पादन ईंधन खनिजों से किया जाता है ।
5. पहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में भी कुछ खनिज पाए जाते हैं । ये जमाव रैट होल खनन कहलाते हैं ।
6. भारत में ओडिशा मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है ।
7. कोयला भारत में सबसे अधिक मिलने वाला जीवाश्म ईंधन है I
8. अधात्विक खनिजों से धातुएँ प्राप्त की जाती हैं।
9. बहुमूल्य खनिजों का आर्थिक मूल्य बहुत अधिक होता है ।
10. एंथ्रेसाइट धातु को गलाने और निर्माण उद्योग में उपयोग किया जाता है ।
11. क्या भारत का विश्व में कपास उत्पादन में सातवाँ स्थान है ?
12. क्या भारत की दूसरी मुख्य खाद्य फसल गेहूँ है ?
13. क्या भारत के पंजाब राज्य में सबसे अधिक गेहूँ पैदा किया जाता है ?
14. क्या रबी की फसलें अक्तूबर से मध्य दिसंबर में बोई जाती हैं ?
उत्तर–1. नहीं, 2. हाँ, 3. नहीं, 4. हाँ, 5. नहीं, 6. हाँ, 7. हाँ, 8. नहीं, 9. हाँ, 10. हाँ, 11. नहीं, 12. हाँ, 13. हाँ, 14. हाँ।

Haryana Board 10th Class Social Science Notes Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

Geography Class 10 Chapter 5 Notes

→ खनिज एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं, जो देश को आर्थिक व औद्योगिक विकास का आधार प्रदान करते हैं। खनिज ठोस, द्रव और गैस सभी रूपों में पाये जाते हैं।

→ खनिज संसाधन की दृष्टि से भारत एक अत्यंत संपन्न देश है। भारत से अनेक खनिजों का निर्यात किया जाता है। जबकि तांबा, चांदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता जैसे खनिजों का आयात किया जाता है।

→ खनिज वस्तुतः एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक है जिनके संघटन और संरचना स्वरूप में समानता पाई जाती है। खनिज शैलों और अयस्कों के अवयव हैं। खनिजों की उत्पति भू-गर्भ हो रही विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के द्वारा होती है।

→ रासायनिक और रवों की संरचना के आधार पर खनिजों का कई प्रकार से वर्गीकरण किया जाता है। कुछ खनिज केवल एक ही तत्व से बने होते हैं। जबकि कुछ अन्य खनिजों की संरचना दो या अधिक तत्वों से मिलकर होती है।

→ नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, कोयला और पेट्रोलियम जैसे पदार्थ अधात्विक खनिज है। सामान्यतः सभी धात्विक खनिज अयस्क के रूप में मिलते हैं। यही कारण है कि उपयोग में लाने से पूर्व खनिजों को संसाधित करने की आवश्यकता पड़ती है।

→ जीवन की अपरिहार्य आवश्यकताओं में से एक है ऊर्जा विकास के लिए भी ऊर्जा संसाधनों की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत में कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विद्युत आदि सम्मिलित हैं

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगेस, आदि सम्मिलित हैं। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत जहां सीमित मात्रा में हैं और निश्चित अवधि के बाद समाप्त हो जायेंगे।

Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन HBSE 10th Class

→ वहीं ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत नवीनकरण योग्य संसाधन है और अपनी असीमितता के कारण प्रचुर मात्रा में प्रयुक्त हो सकते हैं।

→ ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत सभी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है और आज धीरे-धीरे ये अत्यंत लोकप्रिय होते जा रहे है। फिर भी कोई भी संसाधन न चाहे वह असमाप्य ही क्यों हो, सुनिश्चित रूप से प्रयोग किया जाना चाहिए।

→ यही कारण है कि ऊर्जा संसाधानों के संरक्षण के लिए हमारे देश में ऊर्जा संरक्षण एकट 2001 में पारित किया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हो गया है।

→ आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है। अत: ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग के विकसित करने की तुरंत आवश्यकता है। हमारे पास ऊर्जा के संसाधन सीमित है अतः इनका सावधानीपूर्ण उपयोग हम सबकी जिम्मेदारी है।

भौगोलिक शब्दावली

→ चट्टान-पृथ्वी की परत का निर्माण करने वाले खनिजों का मिश्रण।

→ नवीनकरण संसाधन-वे संसाधन जिनका बार-बार उपयोग हो सकता है और जो उपयोग से रिक्त हुई मात्रा को सम के साथ पुनः पूरित हो जाते हैं।

→ खनिज ईधन-अधात्विक पदार्थ जिन्हें ईधन के रूप में काम लाया जाता है।

→ अपतट बेधन-तट के पास में समुद्र में किया गया गहरा बेधन।

→ एल.पी.जी.-लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस, वह गैस जिसका उपयोग घरों में रसोई के लिए किया जाता है।

→ सी.एन.जी.-कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस, वाहनों में प्रयोग किया जाने वाला ईधन।

→ भू-तापीय ऊर्जा-पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

→ लौह खनिज-वे खनिज जिनमें लोहा होता है, लौह खनिज कहलाते हैं।

खनिज और ऊर्जा संसाधन Chapter 5 HBSE 10th Class

→ रैट होल खनन-जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्यों द्वारा एक लम्बी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल खनन कहते हैं।

→ गोबर गैस प्लांट-पशुओं का गोबर प्रयोग करने वाले संयत्र ग्रामीण भारत में ‘गोबर गैस प्लांट’ के नाम से जाने जाते

→ जल विद्युत-वह विद्युत जो प्रवाही जल से हाइड्र-टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

→ ताप विद्युत-वह विद्युत जो ईधन जैसे-कोयला, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, को जलाने से टरबाइन चलाकर उत्पन्न की जाती है।

कुछ तथ्य, कुछ सत्य

→ लौह खनिज : लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल, कोबाल्ट।

→ अलौह खनिज : सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन और मैग्नीशियम।

→ अधात्विक खनिज : नाइट्रेट, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला, पेट्रोलियम।

→ गैलना : सीसा अयस्क।

→ भारत से निर्यात किये जाने वाले खनिज : लौह अयस्क, टिटेनियम, मैगनीज अयस्क, बॉक्साइट।

→ आयात किये जाने वाले खनिज : ताँबा. चाँदी, निकिल, कोबाल्ट, जस्ता, सीसा, टिन, पारा, प्लैटिनम, ग्रेफाइट।

→ भारत में कुल खानों की संख्या : 3000

→ खनिजों का औद्योगिक उत्पादन में योगदान : 11%

→ भारत में लौह अयस्क खनन क्षेत्र : छतीसगढ, झारखंड, उड़ीसा, गोवा कर्नाटक।

→ मैंगनीज उत्पादन में : 5वाँ

→ मैंगनीज के भंडार की दृष्टि से भारत का स्थान : दूसरा।

→ गैस के पास एल.पी.जी. आपूर्ति संयेत्रों की संख्या: 7

→ भारत में 3.3 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन होता है

→ भारत का पहला तेल उत्पादक राज्य : असम।

→ असम के तीन प्रमुख तेल क्षेत्र-

  • डिग्बोई
  • नाहर कटिया
  • मोरन हुगरीजान

→ देश में कुल तेल परिष्करण शालाए : 18

→ प्रतिवर्ष तेल की मांग : 10.2 करोड़ टन।

→ संसार के 60% अभ्रक का उत्पादन : भारत में

→ सड़क परिवहन में पेट्रोलियम का 37% भाग खपत होता है।

→ भारत में विद्युत उत्पादन क्षमता : 104917 मेगावाट।

→ भारत में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 379 किलोवाट घंटे है। (प्रतिव्यक्ति)

→ चीन में विद्युत खपत (प्रतिव्यक्ति) : 746 किलोवाट घंटे।

→ अमेरिका में प्रतिव्यक्ति खपत : 11994 किलोवाट घंटे।

→ भारत में ताप विद्युत केन्द्र : 310 से अधिक।

→ भारत में गैर परम्परागत ऊर्जा उत्पादन की क्षमताः 95,000 मेगावाट।

→ मैगनीज के भंडार की दृष्टि से जिम्बाब्वे का प्रथम स्थान है।

→ बॉक्साइट से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है।

→ बॉक्साइट मुख्यतः झारखंड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु में मिलता है।

→ संसार के लगभग 60% अभ्रक का उत्पादन भारत में होता है।

→ लुनेज और कालोल तेल क्षेत्र अहमदाबाद के निकट स्थित हैं।

→ तारापुर परमाणु ऊर्जा केन्द्र महाराष्ट्र में है।

→ भारत का सबसे बड़ा सौर संयंत्र भुज के पास माधोपुर में स्थापित किया गया है।

→ ऊर्जा संरक्षण एक्ट 2001 में बनाया गया जो मार्च 2002 से प्रभावी हुआ।

→ वानकबाड़ी तापीय शक्ति केंद्र गुजरात में हैं।

→ पनकी और परीछा तापीय शक्ति केंद्र उत्तर प्रेदश में हैं।

→ भारत में उत्पादन की जाने वाली कुल विद्युत में 25% जल विद्युत का योगदान है।

→ भारत में संसार का लगभग 50% थोरियम पाया जाता है।

→ भारत में उत्पन्न की जाने वाली कुल विद्युत का 25% जल विद्युत का है।

→ परली तापीय शक्ति केंद्र महाराष्ट्र में है।

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