Haryana Board 9th Class English Solutions Beehive Chapter 2 The Sound of Music
Haryana Board 9th Class English Solutions Beehive Chapter 2 The Sound of Music
HBSE 9th Class English Solutions Beehive Chapter 2 The Sound of Music
HBSE 9th Class English The Sound of Music Textbook Questions and Answers
The Sound of Music Summary
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Introduction in English
This is a lesson, giving inspiration to those who are physically handicapped. In this lesson the author has shown how the handicapped persons are to face trouble and difficulties in their life. Most of them make a compromise with their destiny. They accept their handicappedness and take to begging or some other lawless activities. But some persons being handicapped does not give up.
They struggle hard. They fight it hard and rise themselves to a high position in life. To them handicappedness is not a curse but a boon. A small girl of eleven Evelyn Glennie gets her hearing capacity totally killed. But she does not give up. She struggles hard and learns the music. She becomes the most sensational music star of the world. She becomes a figure of inspiration for the disableds.
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Summary in English
This chapter tells about the life story of a Scottish girl named Evelyn Glennie. When she was eight years old, it was noticed for the first time that she had lost her hearing capacity to some extent. She managed to conceal it from her friends and teachers in the school. But when she was of eleven, the case of her deafness got confirmed. She had lost her hearing capacity totally. It happened as a result of a gradual nerve damage. Everything had turned black for her.
But she did not give up to it. She was determined to lead a normal life. She learnt music. A famous percussionist Ron Forbes helped her a lot in the learning of music. He encouraged her. He told her not to hear music through her ears but through some other way. She practiced hard and got success in listening the music through other organs of her body. She had learnt to open her mind and body to sounds and vibrations.
She never looked behind from that point onwards. She toured the United Kingdom with a youth orchestra. At the age of sixteen, she decided to make music her life. She gave an audition for the Royal Academy of music. She scored one of the highest marks in the history of the academy. She had got mastery of some 1000 instruments of music.
She could listen and understand even the minutes point. It seems impossible that a deaf person like her can response to the things so fluently. She spoke flawlessly with a scotish hit. She says that music pours in through every part of her body. It tingles in the skin, her cheekbones and even her hair.
When she plays the xylophone, she can listens its music through the finger tops. By leaning against the drums, she can listens the echoes in her heart. She performs barefooted on a wooden platform so that music may reach to her heart through her feet and legs.
In 1991 she was presented with the Royal Philharmonic Society’s prestigious ‘Soloist of the year Award.’ She calls her a workaholic. Apart from the regular concerts, she gives free performances in prisons and in hospitals. She also gives high priority to classes for young musicians. She is a shining inspiration for the deaf children.
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Introduction in Hindi
यह अध्याय शारीरिक रूप से अपंग लोगों को प्रेरणा प्रदान करता है। इस अध्याय में लेखक दिखाता है कि अपाहिज लोगों को अपने जीवन में किस प्रकार से कष्टों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनमें से अधिकतर लोग तो अपने भाग्य के साथ समझौता कर लेते हैं। वे अपनी अपंगता को स्वीकार कर लेते हैं और भीख माँगने या कई अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। लेकिन कई व्यक्ति अपाहिज होते हुए भी हिम्मत नहीं हारते हैं। वे कठिन संघर्ष करते हैं।
वे इसके खिलाफ मजबूती से लड़ते हैं और जीवन में उच्च स्थान को प्राप्त करते हैं। उनके लिए अंगहीनता एक अभिशाप नहीं, बल्कि एक वरदान है। एक ग्यारह वर्ष की छोटी बच्ची इवलिन ग्लेनि की सुनने की शक्ति पूर्ण रूप से नष्ट हो जाती है। लेकिन वह हिम्मत नहीं हारती है। वह कठोर परिश्रम करती है और संगीत सीखती है। वह संसार की सबसे प्रसिद्ध संगीत स्टार बन जाती है। वह अपंग लोगों के लिए एक प्रेरणापुंज बन जाती है।
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Summary in Hindi
यह अध्याय इवलिन ग्लेनि नाम की एक स्कॉटिश लड़की के जीवन के बारे में वर्णन करता है। जब वह आठ वर्ष की थी तो पहली बार इस बात का आभास हुआ कि उसने किसी स्तर तक अपनी सुनने की शक्ति को खो दिया था। वह स्कूल में अपने मित्रों और अध्यापकों से इस बात को छिपाए रखने में सफल रही। लेकिन जब वह ग्यारह वर्ष की हुई तो उसके बहरेपन का केस पक्का हो गया। अब उसकी सुनाई देने की क्षमता पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी थी। यह सब कुछ एक धीमी प्रक्रिया के अंतर्गत नाड़ी के नष्ट हो जाने के कारण हुआ था। उसके लिए तो सब कुछ अंधेरा हो चुका था।
लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। वह एक सामान्य जीवन जीने के लिए दृढ़ निश्चयी थी। उसने संगीत सीखा। एक प्रसिद्ध तबलावादक रोन फोर्बज़ ने संगीत सीखने में उसकी बहुत अधिक मदद की। उसने उसे प्रोत्साहित किया। उसने उसे बताया कि वह कानों के माध्यम से संगीत न सुनकर किसी अन्य माध्यम से संगीत सुनने का प्रयास करे। उसने कठोर परिश्रम किया और अपने शरीर के अन्य अंगों के माध्यम से संगीत सुनने में सफल रही। उसने आवाजों और स्पंदनों के प्रति अपने शरीर और मन को खोलना शुरू कर दिया।
इस स्थान से उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने एक युवा ऑर्केस्ट्रा के साथ यूनाइटिड किंगडम (इंग्लैंड) का भ्रमण किया। 16 वर्ष की आयु में, उसने संगीत को अपना जीवन बनाने का निर्णय ले लिया। उसने संगीत की रॉयल अकैडमी के लिए परीक्षा दी। उसने अकैडमी के आज तक के इतिहास में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए। उसने संगीत के लगभग 1000 वाद्ययंत्रों में विशिष्टता हासिल कर ली। वह छोटी-से-छोटी बात को भी सन और समझ सकती थी।
यह बात बिल्कुल असंभव-सी दिखाई जान पड़ती ‘सकती थी। यह बात बिल्कुल असंभव-सी दिखाई जान पड़ती है कि उस जैसी बहरी इतने धारा प्रवाह रूप से चीजों के उत्तर देती है। वह बिना किसी गलती के स्कॉटिश लहजे के साथ बोलती थी। वह कहती है कि उसके शरीर के प्रत्येक अंग के माध्यम से उसके अंदर संगीत का प्रवाह होता है। संगीत उसकी त्वचा, गालों की हहियों तथा यहाँ तक कि बालों में से भी झुनझुनाता रहता है।
जब बह जायलोफोन बजाती है तो उसकी उंगलियों के सिरों के माध्यम से उसके शरीर के अंदर संगीत का प्रवाह होता है। ढोलक के ऊपर झुककर उसकी गूंज को वह अपने हृदय से सुनती है। लकड़ी से बने मंच पर वह नंगे पांव संगीत बजाती है ताकि संगीत उसके पांवों तथा उसकी टांगों के माध्यम से उसके हृदय तक पहुँच सके।
1991 में उसे रॉयल फिलहारमोनिक सोसायटी के ख्याति प्राप्त ‘सोलोइस्ट ऑफ दी ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। वह अपने-आपको बहुत ही मेहनती मानती है। नियमित संगीत संगोष्ठियों में गाने के साथ-साथ वह जेलों तया अस्पतालों में निःशुल्क रूप से भी गाती है। वह युवा संगीतकारों को प्रशिक्षण देने के लिए भी कक्षाएँ लगाने को प्राथमिकता देती है। वह बधिक बच्चों के लिए एक चमकदार प्रेरणापुंज है।
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Word-Meanings
(PAGE 17) :
Jostle-push roughly = धक्का-मुक्की करना; slight = small and thin – दुबली-पतली; nervous = troubled = परेशान; vibrations = emanations = स्पंदन: prestigious = reputated- ख्याति प्राप्त; daunting a frightening – भयभीत होना; teenager = between the age group of thirteen to nineteen years = किशोरावस्था; aspiring – desiring = इच्छुक; profoundly a seriously = गंभीर रूप से; gradual = taking place by degree = क्रमिक; conceal = hide – छुपाना: deteriorated = got worse = और खराब हो गए।
(PAGE 18) :
Severely = very much – बहुत अधिक; impaired = weakened = कमजोर हो जाना; damage – arm – क्षति; give up – loose heart = हिम्मत हारना; pursue = to continue = में जुटे रहना; percussionist na drummer- तबलावादक; potential = ability = योग्यता/क्षमता; sheer-pure= विशुद्ध; toured = visited – भ्रमण किया; anditioned – testing performance = परीक्षा देना; solo = single = एकाकी; hectic = busy = व्यस्त; schedule = timetable = समय-सारणी; intriguing = fascinating = आकर्षक।
(PAGE 19) :
Flawlessly = without any mistake = बिना कोई गलती किए; lilt = accent of speaking – बोलने का लहजा; tingles = stinging sensation = झुनझुनाता है; leaning = stooping = झुकते हुए, resonances = sounds – गूंज।
(PAGE 20) :
Delights = pleases = प्रसन्न करती है; confesses – accepts = स्वीकार करती है; workaholic = a very labourious person = एक बहुत ही मेहनती आदमी; enormous = huge % विशालक competition = संगीत गोष्ठी; priority = preference = प्राथमिकता; inspiration = courage = प्रोत्साहन; accomplished – completed = पूरा कर लिया है. percussion = tabla (music instrument)- तबला (वाययंत्र); handicapped = the person who have some sort of physical or mental deficiency = विकलांग।
Evelyn Glennie Listens to Sound Without Hearing It Translation in Hindi
(Pages 17-18)
पढ़ने से पहले-
(i) भगवान ने उसकी सुनने की शक्ति तो छीन ली थी, लेकिन उसने उसको एक अद्भुत शक्ति प्रदान कर दी थी। जिस चीज को हम सुनते हैं, वह अनुभव करती है-हमारे में से किसी से भी अधिक गहराई से। यही कारण है कि वह संगीत को इतने सुंदर ढंग से अभिव्यक्त करती है।
(ii) एक व्यक्ति के जीवन का निम्नलिखित वृत्तांत पढ़िए जो अपनी शारीरिक अक्षमता के खिलाफ लड़ती है और अपने जीवन को एक सफलता की कहानी में बदल देती है।
1. भीड़ वाले समय में भूमिगत रेलवे प्लेटफार्म पर भीड़ अपना-अपना स्थान पाने के लिए धक्का-मुक्की करती है। एक दबली-सी लड़की, जो कि 17 वर्ष की होने के बावजूद भी कहीं छोटी लग रही थी. अधीर तो थी लेकिन रे सनकर वह उत्तेजित भी थी। लंदन में स्थित संगीत की प्रतिष्ठित रॉयल अकैडमी में यह उसका पहला दिन था और स्कॉटिश फार्म में रहने वाली लड़की के लिए यह एक डरावना अनुभव था। लेकिन इस उत्साहित संगीतकार ने सबसे बड़े खतरे का सामना किया क्योंकि वह पूर्ण रूप से बहरी थी।
2. इवलिन ग्लेनि की सुनने की शक्ति एक क्रमिक प्रक्रिया के अंतर्गत नष्ट हुई थी। उसकी माँ को याद है कि उसने तब देखा जब आठ वर्षीय इवलिन पियानों बजाने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी। ‘उन्होंने उसका नाम पुकारा परंतु वह हिली नहीं। तब अचानक मैंने अनुभव किया कि उसे सुनाई नहीं दिया, इसाबेल ग्लेनि ने कहा। कुछ दिनों तक तो इवलिन अपने मित्रों और अध्यापकों से अपने बहरेपन की बढ़ती हुई समस्या को छुपाने में सफल रही।
लेकिन 11 वर्ष की होने तक उसके अंक बहुत कम हो गए और उसकी मुख्याध्यापिका ने उसके अभिभावकों को सलाह दी कि वे उसको किसी विशेषज्ञ के पास ले जाएँ। तब इस बात का पता चला कि उसकी सुनने की शक्ति नाड़ी के नष्ट हो जाने के कारण कमजोर पड़ गई है। उन्हें सलाह दी गई कि वे उसे सुनने की मशीन (यंत्र) लगवा दें तथा और बहरों के स्कूल में भेज दें। ‘सब कुछ एकदम काला दिखाई पड़ रहा था’ इवलिन ने कहा।
(Pages 18-19)
3. लेकिन इवलिन हिम्मत हारने वाली नहीं थी। उसने एक सामान्य जीवन जीने का और संगीत में अपनी रुचि बनाए रखने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। एक दिन उसने एक लड़की को जायलोफोन बजाते हुए देखा और उसने स्वयं भी उसे बजाने का निर्णय लिया। उसके अधिकतर शिक्षकों ने उसे निरुत्साहित किया, लेकिन तबलावादक रोम फोर्बज़ ने उसकी क्षमता को पहचान लिया था। उसने दो ढोलकों को अलग-अलग आवाजों में बजाना शुरू कर दिया।
“अपने कानों से मत सुनो”, उसने कहा ‘इसे किसी दूसरे ढंग से अनुभव करने का प्रयास करो।’ इवलिन कहती है, “अचानक ही मैंने महसूस किया कि ऊंची आवाज वाले ढोल को मैं कमर से ऊपर तया कम आवाज वाले दोल को कमर से नीचे महसूस कर रही थी। फोर्बज़ ने इस प्रक्रिया को दोहराया और शीघ्र ही इवलिन ने पाया कि वह विभिन्न प्रकार की धुनों को अपने शरीर के विभिन्न अंगों के माध्यम से सुन सकती है। मैंने ध्वनियों और स्पंदन के प्रति अपने मन और शरीर को खोलना सीख लिया है। और अब शेष बचा था मजबूत दृढ़ विश्वास और कठोर परिश्रम।
4. उस बिंदु के बाद से उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने एक युवा ऑर्केस्ट्रा (वाद्यवृंद) के साथ यूनाइटिड किंगडम (इंग्लैंड) का भ्रमण किया और 16 वर्ष की होने तक उसने संगीत को ही अपना जीवन बनाने का निर्णय कर लिया था। उसने संगीत की रॉयल अकैडमी के लिए परीक्षा दी और अकैडमी के इतिहास में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए। धीरे-धीरे वह ऑर्केस्ट्रा को छोड़कर एकल वादन की ओर आ गई। अपने तीन वर्ष का कोर्स पूरा होने पर उसने उच्चतम पुरस्कारों में से अधिकतर पुरस्कार जीत लिए थे।
5. और इन सबके लिए इवलिन किसी महान उपलब्धि का कोई संकेत स्वीकार नहीं करती है। यदि आप परिश्रम करते हो और यह जानते हो कि आप कहाँ जा रहे हो, तो आप वहाँ पहुँच जाओगे । वह उच्चतम स्थान पर पहुँची, संसार की सबसे अधिक माँग की जाने वाली तबलावादक, जिसने लगभग 1000 वाद्ययंत्रों पर कुशलता हासिल कर ली थी और जिसके पास बहुत अधिक व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम (समय-सारणी) रहता था।
6. बिना सुनने की शक्ति के इवलिन को इतने सहज ढंग से संगीत बजाते सुनना बहुत ही मनमोहक लगता है। हमारे दो घंटे के वार्तालाप में वह कभी भी एक शब्द भी सुनने से नहीं चुकी। उसने हँसकर कहा, “झाड़ीदार दाढ़ी वाले लोग मेरे लिए कष्ट बन जाते हैं।” ‘केवल होंठों को देखकर ही नहीं सुना जा सकता, यह तो सारे चेहरे से प्रकट होता है और खास तौर पर आंखों से।’ वह धारा-प्रवाह रूप से स्कॉटलैंड के लहजे में बोलती जा रही थी। मेरा उच्चारण इसलिए स्पष्ट है क्योंकि मैं 11 वर्ष की आयु तक तो सुन सकती थी’ वह कहती है। लेकिन वह यह बात स्पष्ट नहीं करती है कि उसने फ्रांसीसी भाषा कैसे सीखी और जापानी भाषा के मौलिक रूप में कुशलता कैसे प्राप्त की।
7. जहाँ तक संगीत की बात है, वह बताती है ‘यह तो मेरे शरीर के प्रत्येक अंग से मेरे शरीर में प्रवाहित होता है। यह मेरी त्वचा, मेरे गालों की हड़ियों और यहाँ तक कि बालों में भी स्पंदन करता है। जब वह जायलोफोन बजाती है तो वह आवाज को छड़ियों में से होकर अपनी उंगलियों के अग्र भागों में से सुनती है। ढोलकों के ऊपर झुक करके वह अपने शरीर में उनकी गूंज को सुन सकती है। लकड़ी के मंच पर वह अपने जूते उतार देती है ताकि स्पंदन उसके नंगे पैरों और टांगों में से होकर उसे दिमाग तक पहुँच सके।
(Page 20)
8. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि इवलिन अपने श्रोताओं को आनंदित करती है। 1991 में उसे ‘रॉयल फिलहारमोनिक सोसायटी का प्रतिष्ठित सोलोईस्ट ऑफ दि ईयर’ का पुरस्कार प्रदान किया गया। महान तबलावादक जेम्स ब्लेडज ने कहा है. “भगवान ने यद्यपि उसकी सुनने की शक्ति ले ली है, लेकिन उसने उसे कोई और अद्भुत शक्ति दे दी है। जिस चीज को हम सुनते हैं, उसे वह महसूस करती है, हम सभी से अधिक गहराई के साथ। यही कारण है कि वह इतने सुंदर ढंग से संगीत को अभिव्यक्त करती है।
9. इवलिन स्वीकार करती है कि वह कुछ-कुछ एक परिश्रमी जीव के समान है। ‘मुझे केवल काम करना होता है और पौराणिक संगीतकारों की अपेक्षा अधिक कठिन। लेकिन इससे प्राप्तियों भी तो अधिक हैं। नियमित संगीत गोष्ठियों के साथ-साथ इवलिन जेलों तथा अस्पतालों में निःशुल्क प्रदर्शन भी करती है।
वह युवा संगीतकारों के प्रशिक्षण के लिए कक्षाएँ लगाने को भी बहुत प्राथमिकता देती है। बहरे बच्चों के लिए बनी बीथावन फंड नामक संस्थान की एन्न रिचलिन कहती है, “बहरे बच्चों के लिए वह एक चमकता हुआ प्रेरणापुंज है। वे देखते हैं कि ऐसी कोई भी जगह नहीं है जहाँ वे पहुँच नहीं सकते हैं।”
10. इवलिन ग्लेनि अपनी आयु से दुगनी आयु के लोगों से अधिक प्राप्तियाँ पहले ही प्राप्त कर चुकी है। उसने तबले को ऑर्केस्ट्रा की अगली पंक्ति में स्थान उपलब्ध कराया और उसने दिखा दिया कि यह बहुत ही हृदयस्पर्शी हो सकता है। उसने विकलांगों को प्रेरणा दी। लोग जो उसकी ओर देखते हैं और कहते हैं, “यदि वह ऐसा कर सकती है, तो मैं भी कर सकता हूं।” तथा विशेष रूप से उसने लाखों लोगों को भारी आनंद प्रदान किया है।
The Shehnai of Bismillah Khan Summary
The Shehnai of Bismillah Khan Introduction in English
This chapter gives in brief the life story of the great musician Bismillah Khan. He was a Shehnai maestro. It also tells us about the origin of the Shehnai. Bismillah Khan was one of the great personalities of Hindustani music. He belonged to the Benaras Gharana. He was bom in Dumraon in Bihar. His interest in music was visible from his childhood. As a Shehnai player, he had won national and international awards. He had travelled all over the world. He had also been awarded the nation’s highest award ‘Bharat Ratna’. Bismillah Khan thought that music can bridge the gap between different communities. So he wanted that music should be made a compulsory subject in schools.
The Shehnai of Bismillah Khan Summary in English
This chapter tells us about the origin of the Indian musical instrument Shehnai. It also gives the life history of the great Shehnai player, Bismillah Khan.
It is said that in the past a musical instrument called pungi used to be played in palaces before the kings and Nawabs. But Aurangzeb did not like the shrill and unpleasant sound of the pungi. So he banned the playing of this musical instrument in the royal residence. There was a barber who belonged to a family of musicians. He had access to the royal palace.
He tried hard to improve the tonal quality of the instrument .He chose a pipe with a natural hollow stem that was longer and broader than the original pungi. He carved seven holes on the body of the instrument. When he played on it, an impressive sonorous tonal sound was produced. The barber played it before the king and his courtiers. Everybody was impressed. The instrument was called Shehnai because it was bom in the Shah’s chamber and was invented by a ‘nai’ (barber).
The original Shehnai players were mostly employed in temples. They played the Shehnai before the images at various times of the day. It was also played on North Indian wedding and an every auspicious occasion. Gradually, the Shehnai became very popular.
Ustad Bismillah Khan is the greatest Shehnai player. He belongs to the Benaras Gharana of Hindustani Music. He was bom at Dumraon in Bihar. He belonged to a family of professional Shehnai players. As a five year old boy, Bismillah Khan used to play gilli-danda near a pond in Dumraon.
After playing he generally went to a nearby temple called Bihariji Temple. He would sit there and sing the Bhojpuri ‘Chaita’. The local Maharaja was pleased to hear him sing. At the age of three, he went to Benaras. There his maternal uncle Ali Bux taught him the art of playing Shehnai. For hours, he would practise in the temples of Balaji and Mangala Maiya.
He would also go to the bank of Ganga and practise in solitude. Even as a child, Bismillah Khan won many awards. He got his first big award when he was only 14 years old. He got it at the All India Music Conference inAllahabad. On the day of independence, 15thAugust, 1947,heplayed at the Red Fort at the request of Jawaharlal Nehru. In 1999, he was awarded the Bharat Ratna, the highest civilian award in the country.
Bismillah Khan is fondly called Khansaab. He has travelled all over the world. He got honours in every country. In Tehran, an auditorium was named after him. He has seen many cities, but he remains very fond of Benaras and Dumraon. He calls them the most wonderful towns in the world.
He has a special fascination for Benaras because of the Ganga there. In his youth, he used to practise Shehnai in solitude on the banks of the Ganga. Once one of his students in the USA requested him to head a Shehnai school there. He said that he would recreate the atmosphere of Benaras by building similar temples there.
But the Ustad asked him whether he would bring the Ganga also there. Once he said, “Whenever I am in Mumbai, I think of only Varanasi and the holy Ganga”. And while in varanasi, I miss the unique “mattha in Dumraon”.
The Shehnai of Bismillah Khan Introduction in Hindi
यह पाठ संक्षिप्त में एक महान संगीतकार बिस्मिल्ला खान के जीवन के बारे में बताता है। वे एक कुशल शहनाई वादक थे। यह हमें शहनाई के जन्म के बारे में भी बताता है। बिस्मिल्ला खान हिंदुस्तानी संगीत की महान विभूतियों में से एक थे। वे बनारस घराने से संबंध रखते थे।
उनका जन्म बिहार में दुमराओं में हुआ था। संगीत में उनकी रुचि बचपन से ही नज़र आती थी। शहनाई वादक के रूप में, उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय इनाम जीते। उन्होंने पूरे विश्व का भ्रमण किया। उन्हें राष्ट्र का सर्वोच्च पुरस्कार ‘भारत रत्न’ भी दिया गया। बिस्मिल्ला खान सोचते थे कि संगीत अलग-अलग समुदायों के बीच का फासला खत्म कर सकता है। इसलिए वे चाहते थे कि संगीत को स्कूलों में अनिवार्य विषय बनाया जाए।
The Shehnai of Bismillah Khan Summary in Hindi
यह पाठ हमें भारतीय वाद्ययंत्र शहनाई की उत्पत्ति के बारे में बताता है। यह महान शहनाई वादक बिस्मिल्ला खान के जीवन इतिहास के बारे में भी बताता है।
ऐसा कहा जाता है कि अतीत में पंगी नामक एक वाद्ययंत्र महलों में राजाओं और नवाबों के सामने बजाया जाता था। मगर औरंगजेब को पुंगी की तीखी एवं अप्रिय आवाज़ अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए उसने शाही निवास में इस वाद्ययंत्र के बजाए जाने पर रोक लगा दी। एक नाई था जो संगीतकारों के एक परिवार से संबंध रखता था। उसकी पहुंच शाही महल तक थी। उसने इस वाययंत्र को सुधारने की कड़ी कोशिश की।
उसने एक ऐसी लकड़ी की पाईप ली जो मूलभूत पुंगी से अधिक लंबी एवं अधिक चौड़ी थी। उसने उस वाद्ययंत्र पर सात सुराख किए। जब उसने इसे बजाया तो एक प्रभावशाली धुन वाली आवाज़ पैदा हो गई। नाई ने इसे राजा एवं दरबारियों के सामने बजाया। हर व्यक्ति प्रभावित हुआ। वाद्ययंत्र को शहनाई कहा गया, क्योंकि इसे शाह के कमरे में बजाया गया था और इसका आविष्कार एक ‘नाई ने किया था।
आरंभिक शहनाई वादकों को आमतौर पर मंदिरों में नियुक्त किया जाता था। वे दिन में कई बार मूर्तियों के सामने शहनाई बजाया करते थे। इसे उत्तर भारतीय शादी में तथा हर शुभ अवसर पर भी बजाया जाता था। धीरे-धीरे, शहनाई बड़ी प्रसिद्ध हो गई।
उस्ताद बिस्मिल्ला खान महानतम शहनाई वादक हैं। वे हिंदुस्तानी संगीत के बनारस घराने से संबंध रखते हैं। उनका जन्म बिहार में दुमराओं नामक स्थान पर हुआ। वे पेशेवर शहनाई वादकों के परिवार से संबंध रखते थे। पांच साल के बच्चे के रूप में बिस्मिल्ला खान दुमराओं में एक तालाब के पास गिल्ली-डंडा खेला करते थे।
खेलने के बाद वे आमतौर पर निकट के एक मंदिर जिसे बिहारी जी का मंदिर कहते हैं, जाया करते थे। वे वहाँ बैठते थे और भोजपुरी ‘चैता’ गाया करते थे। स्थानीय महाराजा को उसे गाता सुनकर बड़ी खुशी होती थी। तीन साल की उम्र में, वे बनारस चले गए। वहाँ उनके मामा अली बक्श ने उन्हें शहनाई बजाना सिखाया। वे बालाजी और मंगला मैय्या के मंदिरों में घंटों अभ्यास करते रहते थे। वे गंगा के किनारे भी जाते थे और एकांत में अभ्यास करते थे।
बचपन में ही, बिस्मिल्ला खान ने कई पुरस्कार जीते। उन्हें अपना पहला बड़ा इनाम तब मिला जब वे चौदह वर्ष के थे। उन्हें यह इनाम इलाहाबाद में अखिल भारतीय संगीत सभा में मिला। पंद्रह अगस्त, 1947 को आज़ादी के दिन’ जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर लाल किले पर शहनाई बजाई। 1999 में, उन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्ल’ प्रदान किया गया।
बिस्मिल्ला खान को प्यार से खान साहिब कहा जाता है। उन्होंने पूरे विश्व का भ्रमण किया है। उन्हें हर देश में सम्मान मिला है। तेहरान में, एक ऑडीटोरियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है। उन्होंने बहत से देश देखे हैं, मगर उन्हें सदा बनारस और दुमराओं से प्यार रहा है। वे उन्हें विश्व के सबसे आश्चर्यजनक शहर मानते हैं। उन्हें बनारस से विशेष लगाव है, क्योंकि वहाँ पर गंगा है।
अपनी जवानी में, वे गंगा के किनारे एकांत में शहनाई का अभ्यास किया करते थे। एक बार अमेरिका में उनके एक छात्र ने उनसे अनुरोध किया कि वे वहाँ के शहनाई स्कूल के मुखिया बनें। उन्होंने कहा कि वे वहाँ बनारस जैसे मंदिर बनाकर वहाँ के वातावरण का पुनर्निर्माण करेंगे। मगर उस्ताद ने उनसे पूछा कि क्या वे वहाँ पर गंगा ला सकते हैं। एक बार उन्होंने कहा, “जब भी मैं मुंबई में होता हूँ तो मैं वाराणसी एवं पवित्र गंगा के बारे में सोचता हूँ और जब मैं वाराणसी में होता हूँ तो मुझे दुपराओं के विचित्र ‘माठे’ (लस्सी) की याद आती है।
The Shehnai of Bismillah Khan Word-Meanings
(PAGE 21) :
Banned = stopped by order = प्रतिबंध लगाना; instrument = (here) musical instrument – वाययंत्र; royal-kingly = राजसी/शाही; generic name%Da name given to agroup – एक समूह को दिया जाने वाला नाय; reeded a hollow instrument – बांसुरी जैसा वाद्ययंत्र: profession = related to profession- पेशेवर; melodioussweety = माधुर्यपूर्ण।
(PAGE 22) :
Chambers – parts – कोष्टक; auspicious = holy = पवित्र; indispensable = very important – अति आवश्यक; component = (here) agroup of musical instruments – बाययंत्र; traditional – of old times – परंपरागत; ensembles-(here)agroup of musical instruments = वाद्ययंत्र; estateakingdom- राज्य/रियासत; award prize = इनाम; well-known = familiar = प्रसिद्ध: Shehnai nawaz = Shehnai player – शहनाई वादक; paternal ancestorsancestors of the father- पूर्वज।
(PAGE 23) :
Fascinated = attracted = आकर्षित किया; accompanying = along with = के साथ; employed – put on job = काम पर लगाया; apprentice pupil = शिक्षार्थी; haunt = search = खोज; solitudes loneliness – एकांतपास; beyond – far away – दूर; recital = playing of musical instruments – वाययंत्रों का बजाना; conference – meeting – सम्मेलन: patted = stroked – थपथपाया; big break = a big chance = बड़ा अवसर: greet = welcome – अभिवादन; included = being a part of = शामिल होना; abroad = foreign = विदेश; taken in by = charmed by = सम्मोहित हो जाना; souveniers = thingsgiven in a memory = स्मृति चिह्न।
(PAGES 24-25) :
Chartbuster = record breaker = कीर्तिमान स्थापित करना; despite = instead of – के बजाय; cellulold-old fashioned- परंपरागत; venture = dangerous action- जोखिमपूर्ण कार्य: glamour-modern, fashionable world – आधुनिक, चकाचौंध वाला संसार: prestigious = reputed = ख्याति प्राप्त; auditorium = a building where dance, music or other fine arts are enacted = रंगशाला; conferred = given = प्रदान किया गया; coveted – much desiredचिर प्रतिक्षित; fondly = with love = प्यार से; replicating Dredesigning % प्रतिलिपि तैयार करना; yearning= desiringइच्छुक होना; unique – extraordinary = अद्भुत: perfect = complete = पूर्ण; heritage – that has been inherited – विरासत; devout = religiously pure = धार्मिक रूप से शुद्ध।
The Shehnai of Bismillah Khan Translation in Hindi
(Pages 21-22)
पढ़ने से पहले –
(i) क्या आप चित्र में दिए गए लोगों को पहचानते हैं ? वे कौन-से यंत्र बजाते हैं।
के बारे में सोचिए और पहली चीज जो आपके ध्यान में आएगी वह संभवतया शादी या इसी प्रकार का कोई पवित्र अवसर या त्योहार होगा। अगली बात जो आपके व्यान में आएगी वह संभवतया उस्ताद बिस्मिल्ला खान, शहनाई वादक होगा।
(ii) सम्राट औरंगजेब ने पुंगी नाम के एक वाद्ययंत्र के शाही महल में बजाने पर रोक लगा दी थी, क्योंकि इसकी आवाज तीखी और अप्रिय थी। पुंगी सरकडे से बने (शोर मचाने वाले) वाद्ययंत्रों की श्रेणी का एक प्रसिद्ध नाम बन गया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि एक दिन यह वाद्ययंत्र पुनर्जीवित हो जाएगा। पेशेवर संगीतकारों के परिवार के एक नाई जिसकी शाही महल तक पहुँच थी, ने पुंगी की आवाज की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया। उसने एक प्राकृतिक खोखली इंडी वाली एक नली (पाईप) ली जो वास्तविक पुंगी से अधिक लंबी और चौड़ी थी और पाईप के तने पर सात सुराख किए। जब उसने कुछ सुराखों को खोलकर या बंद करके बजाया तो अच्छी और मधुर धुनें सुनाई दी।
उसने इस यंत्र को राजा के सामने बजाया और प्रत्येक व्यक्ति प्रभावित हआ। यह यंत्र पंगी से अधिक भिन्न था इसलिए इसे एक नया नाम दिया गया। जैसा कि कहानी में वर्णन आता है कि इसे पहली बार शाह के महल में एक ‘नाई के द्वारा बजाया गया, इसलिए इसका नाम ‘शहनाई’ रख दिया गया।
(Page 22)
2. शहनाई की धुन को पवित्र/शुभ माना जाने लगा। और यही कारण है कि इसे मंदिरों में बजाया जाने लगा और यह उत्तर भारतीय शादी में बजाया जाने वाला एक बेजोड़ यंत्र बन गया। भूतकाल में. शहनाई नौबत या नी वाधयंत्रों के एक परंपरागत समह का हिस्सा थी जो कि राज दरबार में मिलते थे। हाल ही के वर्षों तक इसका प्रयोग केवल शादी या मंदिरों में किया जाता था। इस वाद्ययंत्र को गौरवशाली स्तर तक लाने का श्रेय उस्ताद बिस्मिल्ला खान को जाता है।
3. जब विस्मिल्ला खान पांच वर्ष की आयु के थे तो वह बिहार की दुमराओं रियासत के एक तालाब के पास गिल्ली-डंडा खेलते थे। वह भोजपुरी ‘चैता’ गाने के लिए पास ही में स्थित बिहारी जी के मंदिर में जाया करता था और संगीत की समाप्ति के अंत में उसे इनाम के रूप में स्थानीय महाराजा के द्वारा सबा किलो का एक लह मिलता था। यह 80 वर्ष पहले की बात है, और उस लड़के ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को प्राप्त करने तक का सफर तय कर लिया है।
4.21 मार्च, 1916 को जन्मे बिस्मिल्ला खान का जन्म बिहार के प्रसिद्ध संगीतकारों के घराने में हआ था। उसके दादा, रसूल. बक्श खान भोजपुर के राजा के दरबार के शहनाई नवाज थे। उसके पिता, पैगंबर बक्श और अन्य पूर्वज भी महान शहनाई वादक थे।
(Pages 23-24)
5. छोटे बालक ने बहुत जल्दी ही संगीत सीखना शुरू कर दिया। तीन वर्ष की आयु में जब उसकी माँ उसको उसके मामा के घर बनारस (वाराणसी) ले गई।
तो बिस्मिल्ला खान अपने मामा को शहनाई बजाते देखकर बहुत प्रभावित हुए। शीघ्र ही बिस्मिल्ला ने अपने मामा अली बक्श के साथ वाराणसी के विष्णु मंदिर में जाना शुरू कर दिया जहाँ पर कि उसके मामा शहनाई बादक के रूप में नौकरी करते थे।
अली बक्श शहनाई बजाते थे और बिस्मिल्ला घंटों शहनाई वादन के अंत तक वहाँ मंत्र-मग्ध होकर बैठे रहते थे। शीघ्र ही उसने शहनाई वादन की तालीम लेनी शुरू कर दी और सारा दिन बैठकर रियाज करते थे। आने वाले वर्षों में बाला जी आर मगला मय्या क मदिर तथा गंगा के तट उनके प्रिय स्थल बन गए जहाँ वह एकांत में बैठकर घंटों रियाज कर सकते थे। गंगा के बहते जल ने उन्हें नए रागों का आविष्कार करने के लिए प्रेरित किया जोकि पहले कभी भी शहनाई वादन के क्षेत्र में थे ही नहीं।
6. 14 वर्ष की आयु में, बिस्मिल्ला अपने मामा के साथ इलाहाबाद संगीत सम्मेलन में गए। उसके गायन के पश्चात उस्ताद फैयाज खान ने छोटे लड़के की पीठ को थपथपाया और कहा, “परिश्रम करो और तुम्हें सफलता हासिल हो जाएगी।” 1998 में लखनऊ में ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना से बिस्मिल्ला खान को एक बड़ा अवसर उपलब्ध हो गया। शीघ्र ही वह रेडियो पर प्रायः सुनाई देने वाले शहनाई वादक बन गए।
7. जब 15 अगस्त, 1947 को भारत ने आजादी प्राप्त की, तो बिस्मिल्ला खान अपनी शहनाई के साथ देश को बधाई देने वाले पहले नागरिक बने। उसने राग कैफी के माध्यम से लाल किले से उस भीड़ के सामने अपने हृदय की भावनाओं को उडेत कर रख दिया जिसमें महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल थे। जिसने बाद में ‘भाग्य के साथ समझौता’ नामक महान भाषण दिया।
8. बिस्मिल्ला खान ने भारत और विदेश दोनों में कई चिरस्मरणीय प्रदर्शन किए हैं। विदेश की उसकी पहली यात्रा अफगानिस्तान की थी जहाँ पर राजा जाकिर शाह उसके संगीत से इतना अधिक प्रभावित हुआ कि उसने उसे फारस का बहुमूल्य कालीन तथा कई अन्य स्मृति चिहन भेंट किए।
अफगानिस्तान का राजा ही केवल मात्र ऐसा नहीं है जो बिस्मिल्ला के संगीत से प्रभावित हुआ है। फिल्म निर्देशक विजय भह एक समारोह में बिस्मिल्ला के शहनाई वादन को सुनकर इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपनी फिल्म का नाम इस यंत्र के नाम पर “गूंज उठी शहनाई” रख दिया। फिल्म बहुत ही सफल रही और बिस्मिल्ला खान की एक रचना, “दिल का खिलीना हाय टूट गया……..” ने देश में संगीत के पहले के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
इस परंपरावादी संसार में (फिल्मी संगीत में) अत्यधिक सफलता के बावजूद फिल्मों में बिस्मिल्ला खान का रुझान केवल दो फिल्मों तक ही सीमित रहा-विजय भट्ट की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई और विक्रम श्रीनिवास की कन्नड फिल्म ‘सन्नाधी अपन्ना। “में सिर्फ इस नकली और तड़क-भड़क वाले फिल्मी संसार के साथ अपने आपको नहीं बांध सकता हूँ, वह काफी दबाव के साथ कहते हैं।
(Pages 24-25)
9. उन्हें इनाम और प्रशंसा बहुत अधिक मात्रा में और शीघ्रता से मिली। बिस्मिल्ला खान ऐसे पहले भारतीय बन गए जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठित लिंकन केंद्रीय हाल में शहनाई वादन हेतु बुलाया गया। उन्होंने मॉन्टेरियल में आयोजित कान कला समारोह तथा ओसाका व्यापार मेले में भी हिस्सा लिया। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतना प्रसिद्ध हो गए कि तेहरान में एक रंगभवन का नाम उनके नाम पर तहार मौसकी उस्ताद बिस्मिल्ला खान रख दिया गया।
10. पदम श्री, पदम भूषण और पदम विभूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों से उन्हें अलंकृत किया गया।
11. 2001 में, उस्ताद बिस्मिल्ला खान को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। इस चिर प्रतिक्षित पुरस्कार के मैडल को अपने सीने पर लटकाकर और अपनी आंखों में एक दुर्लभ चमक के साथ उन्होंने कहा, “मैं जो कहना चाहता हूँ-अपने बच्चों को संगीत सिखाइए, यह भारत की सबसे समृद्ध परंपरा है; यहाँ तक कि पश्चिमी देश भी हमारे संगीत को सीखने के लिए आ रहे हैं।”
12. सारे संसार में यात्रा करने के बावजूद भी खानसाहब जैसा कि उन्हें प्यार से पुकारा जाता है उन्हें बनारस और दुमराओं से बहुत लगाव है और वे उनके लिए दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण शहरों में रहेंगे। एक बार उनका एक विद्यार्थी चाहता था कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका में एक शहनाई स्कूल के मुखिया के रूप में कार्य करें और विद्यार्थी ने वचन दिया कि वह वहाँ के मंदिरों की प्रतिकृतियाँ स्थापित करके बनारस जैसा माहौल कर देंगे।
लेकिन खानसाहब ने उनसे पूछा कि क्या वे गंगा नदी को भी वहाँ ला सकते हैं। बाद में उन्होंने कहा, “यही कारण है कि जब मैं विदेश में होता हूँ तो मैं हिंदुस्तान को देखने के लिए लालायित रहता हूँ और जब मैं मुंबई में होता हूँ तो मैं वाराणसी और पवित्र गंगा को देखने के लिए तत्पर रहता हूँ और जब मैं वाराणसी में होता हूँ तो मुझे दुमराओं के विचित्र ‘माठे’ (लस्सी) की याद आती है।
13. उस्ताद बिस्मिल्ला खान का जीवन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संपूर्ण उदाहरण है और कोई भी इस बात को जरा-सा भी प्रयास किए बिना समझ सकता है कि उस जैसा एक धार्मिक मुसलमान काशी विश्वनाथ मंदिर में हर सुबह शहनाई वादन कर सकता है।
HBSE 9th Class English The Sound of Music Textbook Questions and Answers
Part I: Evelyn Glennie Listens To Sound Without Hearing It
Thinking about the Text
I. Answer these questions in a few words or a couple of sentences each.
Question 1.
How old was Evelyn when she went to the Royal Academy of Music?
(जब इबलिन संगीत की रॉयल अकैडमी में गई तो उसकी आयु कितनी थी?)
Answer:
She was seventeen at that time.
(उस समय वह 17 वर्ष की थी।)
Answer:
She was seventeen at that time.
Question 2.
When was her deafness first noticed? When was it confirmed?
(उसके बहरेपन को पहली बार कब अनुभव किया गया ? यह बात कब पक्की हो गई ?)
Answer:
Her deafness was first noticed when she was eight years old. It was confirmed by the time she was eleven years.
(उसके बहरेपन के बारे में पहली बार तब पता चला था जब वह 8 वर्ष की थी। 11 वर्ष की आयु में यह बात पक्की हो गई।)
II. Answer each of these questions in a short paragraph, (in about 30-40 words.)
Question 1.
Who helped her to continue with music? What did he do and say?
(संगीत के साथ अभ्यास जारी रखने के लिए उसकी मदद किसने की ? उसने क्या किया और क्या कहा ?)
Answer:
A famous percussionist, Ron Forbes, helped Evelyn to continue with music. He spotted her ability and encouraged her. He began to play two large drums to different tones. He asked her, “Don’t listen through your ears. Try to sense it some other way.”
(एक प्रसिद्ध तबलावादक रोन फोर्बज़ ने इवलिन की संगीत जारी रखने में मदद की। उसने उसकी योग्यता को पहचान लिया और उसे उत्साहित किया। उसने अलग-अलग ध्वनियों में दो ढोलकों को बजाना शुरू कर दिया। उसने उसे कहा, “अपने कानों से सुनने का प्रयास मत करो, किसी अन्य ढंग से सुनने का प्रयास करो।”)
Question 2.
Name the various places and causes for which Evelyn performs.
(उन स्थानों तथा उन कारणों के बारे में बताइए जिनके लिए इवलिन संगीत बजाती है।)
Answer:
Evelyn is a professional musician. She performs in regular concerts. Except this she gives free performances in prisons and in hospitals. She gives great importance to classes for young musicians. She tries to inspire deaf children with her example.
(इवलिन एक व्यावसायिक संगीतकार है। वह नियमित संगीत सभाओं में संगीत बजाती है। इसके अतिरिक्त वह जेलों तथा अस्पतालों में निःशुल्क प्रदर्शन भी देती है। वह युवा संगीतकारों को सिखाने में भी बहुत रुचि लेती है। वह अपने उदाहरण से बधिक बच्चों को प्रेरित करने का प्रयास करती है।)
III. Answer the question in two or three paragraphs. (100-150 words)
Question 1.
How does Evelyn hear music?
(इवलिन संगीत कैसे सुनती है ?)
Answer:
Evelyn is a totally deaf child. Her listening capacity had totally failed when she was eleven years old. Mr Ron Forbes inspires her to pursue her music. He asks her not to listen music through her ears but in some other way. Evelyn works hard. She began to listen music through every part of her body. She listens the high tone of the drum from the waist up and lower tone from the waist down.
She says that she has learnt to open her mind and body to sounds and vibrations. She says that music tingles in her skin, her cheekbones and even her hair. When she plays the xylophone, she senses the music through her finger tops. By leaning against the drums, she feels the echoes of its music. On a wooden platform she performs bare footed so that music may reach to her heart through feet and legs.
(इवलिन पूर्ण रूप से एक बहरी बच्ची है। उसकी सुनने की शक्ति उस समय पूर्ण रूप से नष्ट हो गई थी जब वह ग्यारह वर्ष की थी। श्रीमान रोन फोर्बज़ उसे संगीत का अभ्यास जारी रखने की प्रेरणा देता है। वह उसे बताता है कि वह संगीत को अपने कानों से न सुन करके किसी अन्य विधि से सुने। इसलिन कठोर परिश्रम करती है। वह अपने शरीर के प्रत्येक अंग से संगीत सुनना शुरू कर देती है। वह ढोलक की ऊंची आवाज को अपनी कमर के ऊपर वाले भाग से सुनती है तथा ढोलक की कम वाली आवाज को अपनी कमर के नीचे वाले भाग से सुनती है।
वह कहती है कि उसने ध्वनियों और स्पंदनों के प्रति अपने शरीर को खोलना सीख लिया है। वह कहती है कि संगीत उसकी त्वचा, उसके गालों की हड़ियों तथा यहाँ तक कि उसके बालों में भी झुनझुनाता रहता है। जब वह जायलोफोन बजाती है तो वह अपनी उंगलियों के अग्र भागों से संगीत को सुनती है। दोलक के ऊपर झुक करके वह उसकी गूंज को अपने हृदय में सुनती है। एक लकड़ी के मंच पर संगीत बजाते समय वह अपने जूते उतार देती है ताकि उसके पैरों और टांगों के माध्यम से संगीत उसके हृदय तक पहुँच सके।)
Part II: The shehnai Of Bismillah Khan
Thinking about the Text
I. Tick the right answer:
1. The _______ (shehnai, pungi) was a ‘reeded noisemaker.’
2. _______ (Bismillah Khan, A barber, Ali Bux) transformed the pungi into a shehnai.
3. Bismillah Khan’s paternal ancestors were _______ (barbers, professional musicians).
4. Bismillah Khan learnt to play the shehnai from _______ (Ali Bux, Paigambar Bux, Ustad Faiyaaz Khan).
5. Bismillah Khan’s first trip abroad was to _______ (Afghanistan, USA, Canada).
Answer :
1. The pungi (shehnai, pungi) was a ‘reeded noisemaker.’
2. A barber (Bismillah Khan, A barber, Ali Bux) transformed the pungi into a shehnai.
3. Bismillah Khan’s paternal ancestors were professional musicians (barbers, professional musicians).
4. Bismillah Khan learnt to play the shehnai from Ali Bux (Ali Bux, Paigambar Bux, Ustad Faiyaaz . Khan).
5. Bismillah Khan’s first trip abroad was to Afghanistan. (Afghanistan, USA, Canada).
II. Find the words in the text which show Ustod Bismillah Khan’s feelings about the items listed below.
Then mark a tick (✓) in the correct column. Discuss your answers in class.
Bismillah Khan’s feelings about | Positive | Negative | Neutral |
1. teaching children music | |||
2. the film world | |||
3. migrating to the USA | |||
4. playing at temples | |||
5. getting the Bharat Ratna | |||
6. the banks of the Ganga | |||
7. leaving Benaras and Dumraon |
Answer:
Bismillah Khan’s feelings about | Positive | Negative | Neutral |
1. teaching children music | ✓ | ||
2. the film world | ✓ | ||
3. migrating to the USA | ✓ | ||
4. playing at temples | ✓ | ||
5. getting the Bharat Ratna | ✓ | ||
6. the banks of the Ganga | ✓ | ||
7. leaving Benaras and Dumraon | ✓ |
III. Answer these questions in 30-40 words.
Question 1.
Why did Aurangzeb ban the playing of pungi?
(औरंगजेब ने पुंगी के बजाए जाने पर रोक क्यों लगा दी ?)
Answer:
Aurangzeb banned the musical instrument called Pungi because he did not like its shrill and unpleasant sound.
(औरंगजेब ने वाद्ययंत्र पुंगी पर रोक लगा दी क्योंकि वह इसकी तीखी और अप्रिय धुन को पसंद नहीं करता था।)
Question 2.
How is a Shehnai different from a pungi?
(शहनाई पुंगी से किस प्रकार भिन्न है ?)
Answer:
The pungi was a reeded noisemaker. But unlike the pungi the Shehnai is a larger pipe with a natural hallow stem. It is larger and broader than the pungi. Seven holes are made on the body of the pipe.
(पुंगी एक शोर मचाने वाला खोखला वाद्ययंत्र होता है। लेकिन पुंगी से भिन्न शहनाई एक प्राकृतिक सुराख वाला एक लंबा पाईप होता है। यह पुंगी से अधिक लंबा और चौड़ा होता है। पाईप के तने पर सात सुराख किए होते हैं।)
Question 3.
Where was the Shehnai played traditionally? How did Bismillah Khan change this?
(परंपरागत रूप से शहनाई वादन कब किया जाता था ? बिस्मिल्ला खान ने इसे कैसे बदल दिया ?)
Answer:
Traditionally the Shehnai was played in temples and on the occasions of wedding. The Shehnai playing was considered auspicious. Bismillah Khan gave a new look to it. He played Shehnai in films, other cultural festivals and fairs and in foreign countries also.
(परंपरागत रूप से शहनाई मंदिरों में और शादी के अवसरों पर बजाई जाती थी। शहनाई वादन को शुभ माना जाता था। बिस्मिल्ला खान ने इसे एक नया रूप दे दिया। उन्होंने फिल्मों, सांस्कृतिक समारोहों और मेले तथा विदेशों में भी शहनाई को बजाया।)
Question 4.
When and how did Bismillah Khan get his big break?
(बिस्मिल्ला खान को कब और कैसे एक बड़ा अवसर उपलब्ध हुआ ?)
Answer:
Bismillah Khan got his big break in 1938 with the opening of the All India Radio in Lucknow. He soon became an often heard Shehnai player on radio.
(बिस्मिल्ला खान को 1938 में एक बड़ा अवसर उपलब्ध हुआ जब लखनऊ में ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन खुला। इसके शीघ्र बाद ही वह रेडियो पर हमेशा सुनाई देने वाले शहनाई वादक बन गए।)
Question 5.
Where did Bismillah Khan play the Shehnai on 15 August 1947? Why was the event historic?
(बिस्मिल्ला खान ने 15 अगस्त, 1947 को कहाँ शहनाई बजाई? यह कार्यक्रम ऐतिहासिक क्यों था?)
Answer:
On August 15, 1947 Bismillah Khan became the first Indian to greet the nation with his Shehnai. He poured his heart out into Raag Kafi from Red Fort to an audience which included Mahatma Gandhi and Jawaharlal Nehru.
(15 अगस्त, 1947 को बिस्मिल्ला खान अपनी शहनाई के साथ राष्ट्र का अभिवादन करने वाले पहले भारतीय बन गए। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से श्रोताओं के सन्मुख जिसमें महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू शामिल थे कैफी राग के माध्यम से अपने हृदय की भावनाओं को उड़ेल दिया।)
Question 6.
Why did Bismillah Khan refuse to start a Shehnai school in the USA?
(बिस्मिल्ला खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका में शहनाई स्कूल शुरू करने से क्यों मना कर दिया ?)
Answer:
Bismillah Khan is deeply associated with India especially Benaras and the Ganga. He says that he can’t imagine living happily in the USA without Benaras and the Ganga. So he refused to start a Shehnai school in the USA.
(बिस्मिल्ला खान भारत के साथ, विशेषतौर पर बनारस और गंगा के साथ बहुत गहरा लगाव रखते हैं। वे कहते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बनारस और गंगा के बिना वे खुशी से नहीं रह सकते हैं। इसलिए उन्होंने अमेरिका में एक शहनाई स्कूल शुरू करने से मना कर दिया।)
Question 7.
Find at least two instances in the text which tell you that Bismillah Khan loves India and Benaras.
(अध्याय में से दो उदाहरण दीजिए जो आपको बताते हैं कि बिस्मिल्ला खान भारत और बनारस से बहुत अधिक प्यार करते हैं।)
Answer:
(a) He says that whenever he is in a foreign country, he keeps yearning to see Hindustan.
(b) He says that while he is in Mumbai he keeps thinking of only Benaras.
(a) (वह कहता है कि जब कभी भी वह विदेश में होता है तो उसके मन में हिंदुस्तान को देखने की लालसा रहती है।)
(b) (वह कहता है कि जब वे मुंबई में होता है तो वह बनारस के बारे में सोचता रहता है।)
Thinking about Language
I. Look at these sentences :
- Evelyn was determined to live a normal life.
- Evelyn managed to conceal her growing deafness from friends and teachers.
The Italicised parts answer the questions : “What was Evelyn determined to do?” and “What did Evelyn manage to do?” They begin with a to-verb (to live, to conceal).
Complete the following sentences. Beginning with a to-verb, try to answer the questions in brackets.
1. The school sports team hopes ________ (What does it hope to do?).
2. We all want ________ (What do we all want to do?).
3. They advised’the hearing-impaired child’s mother ________ (What did they advise her to do?)
4. The authorities permitted us to ________ (What did the authorities permit us to do?) .
5. A musician decided to ________ (What did the musician decide to do?)
Answers :
1. ________ to qualify for the station tournaments.
2. ________ to rest for sometime.
3. ________ to consult a surgeon.
4. ________ demonstrate peacefully.
5. ________ tour the world.
II. From the text on Bismillah Khan, find the words and phrases that match these definitions and write them down. The number of the paragraph where you will find the words/phrases has been given for you in brackets.
1. the home of royal people (1) ________
2. the state of being alone (5) ________
3. a part which is absolutely necessary (2) ________
4. to do something not done before (5) ________
5. without much effort (13) ________
6. quickly and in large quantities (9) ________ and ________
Answers :
1. palace
2. solitude
3. indispensable component
4. invent
5. effortlessly
6. thick and fast.
III. Tick the right answer.
1. When something is revived, it – remains dead/iives again
2. When a government bans something, it wants it – stopped/started
3. When something is considered auspicious – welcome it/avoid it
4. When we take to something, we find it – boring/interesting
5. When you appreciate something, you – find it good and useful/find it of no use
6. When you replicate something, you do it – for the first time/for the second time
7. When we come to terms with something, it is – still upsetting/no longer upsetting
Answers :
1. When something is revived, it – remains dead / lives again
2. When a government bans something.- it wants it –stopped / started
3. When something is considered auspicious –welcome it / avoid it
4. When we take to something, we find it -boring / interesting
5. When you appreciate something, you –find it good and useful / find it of no use
6. When you replicate something, you do it -for the first time / for the second time
7. When we come to terms with something, it is -still upsetting / no longer upsetting
IV. Dictionary work
- The sound of the Shehnai is auspicious.
- The auspicious sound of the Shehnai is usually heard at marriages.
The adjective ‘auspicious’ can occur after the verb be as in the first sentence, or before a noun as in the second, but there are some adjectives which can be used after the verb be and not before a noun.
For example :
Ustad Faiyaaz Khan was overjoyed.
We cannot say : *the overjoyed man.
Look at these entries from the Oxford Advanced Learner’s Dictionary
Consult your dictionary and complete the following table. The first one has been done for you.
adjective | only before noun | not before noun | both before and after the verb be |
indispensable | ✓ | ||
impressed | |||
afraid | |||
outdoor | |||
paternal | |||
countless | |||
priceless |
Use these words in phrases or sentences of your own.
Answers :
adjective | only before noun | not before noun | both before and after the verb be |
indispensable | ✓ | ||
impressed | ✓ | ||
afraid | ✓ | ||
outdoor | ✓ | ||
paternal | ✓ | ||
countless | ✓ | ||
priceless | ✓ |
1. Indispensable-A nourishing food is indispensable for growing children.
2. Impressed-All the countries of the world are impressed by Indian Democracy.
3. Afraid-I am not afraid of Mohan.
4. Outdoor-Cricket is an outdoor game.
5. Patemal-He is my paternal uncle.
6. Countless-Countless people have prayed in the temple.
7. Priceless-This painting is priceless.
Speaking
I. Imagine the famous singer Kishori Amonkar is going to visit your school. You have been asked to introduce her to the audience before her performance. How would you introduce her?
Here is some information about Kishori Amonkar you can find on the internet. Read the passage and make notes of the main points about:
- her parentage
- the school of music she belongs to
- her achievements
- her inspiration
- awards
Padma Bhushan Kishori Amonkar, widely considered the finest female vocalist of her generation, was bom in 1931, daughter of another great artist, Smt Mogubai Kurdikar. In her early years she absorbed the approach and repertoire of her distinguished mother’s teacher Ustad Alladiya Khan. As her own style developed, however, she moved away from Alladiya Khan’s “Jaipur-Atrauli gharana” style in some respects, and as a mature artist her approach is usually regarded as an individual, if not unique, variant of the Jaipur model.
Kishori Amonkar is a thinker, besotted by what she calls the mysterious world of her raagas. She dissects them with the precision of a prefectionist, almost like a scientist, until the most subtle of shades and emotions emerge and re-emerge.
She is very much inspired by the teachings of the ancient Vedic sages, written at a time when vocal music was highly devotional in character. This soul searching quality of her music, coupled with a very intellectual approach to raaga performance has gained her quite a following in India and has helped to revive the study of Khayal.
Significant awards bestowed on this artist include the Sangeet Natak Akademi Award (1985), the Padma Bhushan (1987), and the highly coveted Sangeet Samradhini Award (considered as one of the most prestigious awards in Indian Classical Music) in 1997.
II. Use your notes on Kishori Amonkar to introduce her to an imaginary audience. You can use one of the following phrases to introduce a guest : I am honoured to introduce …./ I feel privileged to introduce…/We welcome you ….
Answer:
These questions are not for examination. Students try to answer these questions to improve their language skills.
Writing
“If you work hard and know where you’re going, you’ll get there,” says Evelyn Glennie.
You have now read about two musicians : Evelyn Glennie and Ustad Bismillah Khan. Do you think that they both worked hard? Where did they want to “go”?
Answer these questions in two paragraphs, one on each of the two musicians.
Answer:
Students answer these questions themselves.
HBSE 9th Class English The Sound of Music Important Questions and Answers
Part I: Evelyn Glennie Listens To Sound Without Hearing It
Very Short Answer Type Questions
Question 1.
What was wrong with Evelyn Glennie?
Answer:
She was profoundly deaf.
Question 2.
When was her deafness first noticed?
Answer:
Her deafness was first noticed at the age of eight.
Question 3.
At what age did Evelyn go to the Royal Academy of music in London?
Answer:
She went there at the age of seventeen.
Question 4.
What was Evelyn’s special field of interest?
Answer:
She was interested in music.
Question 5.
At what age was Evelyn’s deafness confirmed?
Answer:
Her deafness was confirmed at the age of eleven.
Question 6.
Who was Ron Forbes?
Answer:
He was the music instructor in Evelyn’s school.
Question 7.
At what age did Evelyn visit United Kingdom with a youth orchestra?
Answer:
At the age of sixteen years.
Question 8.
What Was her performance in the audition for the Royal Academy of music?
Answer:
She scored the highest marks in the history of the academy.
Question 9.
What award did Evelyn win in 1991?
Answer:
In 1991 she was presented with the Royal Philharmonic Society’s Prestigious Soloist of the year Award.
Question 10.
How did Ron Forbes ask Evelyn to hear music?
Answer:
He asked Evelyn to hear music not through her ears but other parts of her body.
Question 11.
Whom did Evelyn give a big inspiration to?
Answer:
She gave a big inspiration to the handicapped children.
Short Answer Type Questions
Question 1.
At what age was Evelyn Glennie’s deafness confirmed and Why?
(इवलिन ग्लेनि की बधिरता किस आयु में पक्की हो गई और क्यों?)
Or
How did Evelyn Parents come to know about her deafness?
(इवलिन के माता-पिता को उसकी बधिरता का पता कैसे चला?)
Answer:
Evelyn Glennie’s loss of hearing had been gradual. First time it was noticed by her mother when she was eight years old. For some years Evelyn had concealed her growing deafness from her friends and teachers. But by the time she was eleven, her marks had deteriorated and her deafness was confirmed.
(इवलिन ग्लेनि की बधिरता बहुत धीरे-धीरे हुई। उसकी बधिरता को पहली बार उसकी माँ के द्वारा तय देखा गया जब वह आठ वर्ष की थी। कुछ वर्षों तक तो इवलिन ने अपनी बधिरता को अपने मित्रों और अध्यापकों से छुपा कर रखा। लेकिन जब वह ‘ ग्यारह वर्ष की हुई तो उसके अंक इतने अधिक कम हो गए कि उसकी बधिरता पक्की हो गई।)
Question 2.
Why did Evelyn tour the United Kingdom?
(इवलिन ने यूनाइटिड किंगडम का भ्रमण क्यों किया?)
Answer:
When Evelyn was sixteen years old she toured the United Kingdom with a youth orchestra. She had been a member of that team. She had decided to make music her life. She had become a professional performer.
(जब इवलिन ग्लेनि सोलह वर्ष की थी तो उसने एक युवा ऑर्केस्ट्रा दल के साथ यूनाइटिड किंगडम का भ्रमण किया था। वह उस दल की एक सदस्य थी। उसके संगीत को अपना जीवन बना लेने का निर्णय लिया था। अब वह एक व्यावसायिक प्रदर्शन करने वाली बन गई थी।)
Question 3.
Why did Evelyn decide to join the ‘Royal Academy of Music’ in England?
(इवलिन ने इंग्लैंड की ‘रॉयल अकैडमी ऑफ म्यूजिक’ में दाखिला क्यों लिया था?)
Answer:
Evelyn Glennie had decided to make music her life. When she was 17 years old, she auditioned for the Royal Academy of music and scored one of the highest marks in the history of the academy.
(इवलिन ग्लेनि ने संगीत को अपना जीवन बना लेने का निर्णय ले लिया था। जब वह 17 वर्ष की थी तो उसने रॉयल अकैडमी ऑफ म्यूजिक की परीक्षा दी और अकैडमी के इतिहास में सबसे अधिक अंक हासिल किए थे।)
Question 4.
How does Evelyn contribute the cause of chose who are handicapped?
(इवलिन अपाहिजों के लिए कैसे अपना योगदान प्रदान करती है?)
Answer:
Evelyn Glennie has been a shining inspiration for deaf children. She has given inspiration to those who are handicapped. They look to her and say if she can achieve so much, they can also do the same.
(इवलिन ग्लेनि बधिर बच्चों के लिए एक चमकदार प्रेरणा-स्रोत है। उसने अपाहिजों को बहुत अधिक प्रेरणा प्रदान की है। वे उसकी ओर निहारते हैं और कहते हैं कि यदि वह इतना अधिक प्राप्त कर सकती है तो वे क्यों नहीं।)
Essay Type Question
Question 1.
Describe Evelyn Glennie as a successful dancer?
(एक सफल व्यक्ति के रूप में इवलिन ग्लेनि का वर्णन करें।)
Answer:
In spite of being completely deaf, Evelyn Glennie became the world’s most famous soloist. She got diploma from the Royal Academy of Music in England. During this duration she had Captured most of the top awards. In 1991 she was presented with the Royal Philharmonic Society’s prestigious soloist of the year Award.
Evelyn herself confesses that she finds it difficult for herself to stop working. She says that she has just got to work often harder than classical musicians. She is a shining inspiration for deaf children. She has got so many awards but still she gives free concerts in prisons and hospitals. She also gives high priority to classes for young musicians. She has already accomplished more than most people twice her age.
(पूर्ण रूप से बधिर होने के बावजूद भी इवलिन ग्लेनि दुनिया की सबसे प्रसिद्ध एकल नृतक बन गई। उसने इंग्लैंड की ‘रॉयल अकैडमी ऑफ म्यूजिक’ से डिप्लोमा हासिल किया। इस अवधि के दौरान उसने बड़े-बड़े पुरस्कार हासिल कर लिए। 1991 में उसे रॉयल फिलहारमोनिक सोसायटी के (वर्ष के) प्रसिद्ध एकल नृतक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इवलिन स्वयं इस बात को स्वीकार करती है कि उसके लिए स्वयं को काम करने से रोक पाना बहुत कठिन लगता है।
वह कहती है कि उसके लिए पुराने संगीतकारों की अपेक्षा अधिक कठिन काम करना पड़ता है। वह बधिर बच्चों के लिए एक चमकदार प्रेरणा-स्रोत है। उसने इतने अधिक पुरस्कार हासिल कर लिए हैं लेकिन फिर भी वह कारागारों और अस्पतालों में निःशुल्क प्रस्तुतियाँ पेश करती है। वह युवा के लिए कक्षाएं लगाने को भी प्राथमिकता प्रदान करती है। उसने पहले ही अपने से दोगुनी आयु के लोगों से भी अधिक उपलब्धियों हासिल कर ली हैं।)
Multiple Choice Questions
1. What was wrong with Evelyn?
(A) she was blind
(B) she was deaf
(C) she was lame
(D) she was mentally weak
Answer:
(B) she was deaf
2. Evelyn learned music from _______ .
(A) Royal Academy of Music in London
(B) Royal Academy of Music in Paris
(C) Royal Academy of Musìc in Dethi
(D) Royal Academy of Music in New York
Answer:
(A) Royal Academy of Music in London
3. Why did the crowd jostle at the station?
(A) to get free food
(B) to listen Evelyn’s music
(C) to get position for the train
(D) to see the train
Answer:
(C) to get position for the train
4. How old was Evelyn?
(A) fifteen years
(B) sixteen years
(C) seventeen years
(D) ten years
Answer:
(C) seventeen years.
5. How did Evelyn Glennie become deaf?
(A) she was deaf by birth
(B) in an accident
(C) attack of chicken-pox
(D) through a gradual process
Answer:
(D) through a gradual process
6. At what age did she become fully dear
(A) 5 years
(B) 8 years
(C) 10 years
(D) 11 years
Answer:
(D) II years
7. What did Evelyn’s parents conceal about her from her teachers and Mends?
(A) her deafness
(B) her mental retardness
(C) her speaking pruNem
(D) all of these
Answer:
(A) her deafness
8. What did the headmistreas advise Evelyn’s parents?
(A) they should withdraw ber name from the school
(B) they should shift ber to odier school
(C) they should teach her at home
(D) they should take her to a specialist
Answer:
(D) they should take her to a specialist
9. What was Evelyn not going to give up?
(A) her stniggle with deafness
(B) ber hope for becoming a great musician
(C) her ambition in life
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above
10. What did she notice a girl playing one day?
(A) violin
(B) tabla
(C) guitar
(D) xylophone
Answer:
(D) xylophone
11. Who wRon Forbes?
(A) Evelyn’s father
(B) a doctor
(C) Evelyn’s friend
(D) the music teacher of her school
Answer:
(D) the music teacher of her school
12. What did Ron Forbes ask Evelyn to hear the music with?
(A) ears
(B) whole body
(C) hearing aids
(D) eyes
Answer:
(B) whole body
13. What was her perforniancc al the Royal Academy of MUSIC?
(A) she could not qualify
(B) she gave a normal performance
(C) she scorcd one of the highest mailcs indic
(D) shelefthcrstudiesinthemidtcrThisLury of academy
Answer:
(C) she scored one of the highest marks in the history of academy
14. Evelyn was a _____ girl.
(A) Scottish
(B) American
(C) British
(D) Russian
Answer:
(A) Scottish
15. Which award was given to Evelyn in 1991?
(A) Soloist of the year
(B) Painter of the year
(C) Actress of the year
(D) Teacher of the year
Answer:
(A) Soloist of the year
16. When did Evelyn get the Royal Philharmonic Society’s prestigious Soloist of the Year Award?
(A) in 1990
(B) in 1991
(C) in 1992
(D) in 1993
Answer:
(B) in 1991
17. Evelyn performs on a wooden platform with bare feet so that:
(A) the vibrations may pass through her legs
(B) she may feel easy feet and up her legs
(C) she may lemain undamaged
(D) she considered the stage pious
Answer:
(A) the vibrations may pass through her feet and up her legs
The Sound of Music Important Passages For Comprehension
Read the following passages and answer the questions given at the end of each :
Passage – 1
Evelyn Glennie’s loss of hearing had been gradual. Her mother remembers noticing something was wrong when the eight-year-old Evelyn was waiting to play the piano. ‘They called her name and she didn’t move. I suddenly realised she hadn’t heard,’ says Isabel Glennie. For quite a while Evelyn managed to conceal her growing deafness from friends and teachers.
But by the time she was eleven her marks had deteriorated and her headmistress urged her parents to take her to a specialist. It was then discovered that her hearing was severely impaired as a result of gradual nerve damage. They were advised that she should be fitted with hearing aids.
Questions :
(i) At what age was her deafness sighted first?
(ii) For what her name was called?
(iii) What was Evelyn’s response when her name was called?
(iv) When was her deafness confirmed?
(v) From whom did she try to conceal her deafness?
Answers :
(i) At the age of eight years.
(ii) Her name was called to play the piano.
(iii) She did not move at the call of her name.
(iv) Her deafness was confirmed when she was eleven years old.
(v) From her teachers and friends.
Passage – 2
But Evelyn was not going to give up. She was determined to lead a normal life and pursue her interest in music. One day she noticed a girl playing a xylophone and decided that she wanted to play it too. Most of the teachers discouraged her but percussionist Ron Forbes spotted her potential. He began by tuning two large drums to different notes.
‘Don’t listen through your ears,’ he would say, ‘try to sense it some other way.’ Says Evelyn, ‘Suddenly I realised I could feel the higher drum from the waist up and the lower one from the waist down.’ Forbes repeated the exercise, and soon Evelyn discovered that she could sense certain notes in different parts of her body. ‘I had learnt-to open my mind and body to sounds and vibrations.’ The rest was sheer determination and hard work.
Questions :
(i) What had happened to Evelyn?
(ii) What was she determined to?
(iii) Who was Ron Forbes?
(iv) What did he inspire Evelyn for?
(v) How did he ask Evelyn to hear music?
Answers :
(0 She had lost her hearing capacity completely.
(ii) She was determined to lead the normal life.
(iii) He was a famous percussionist of Evelyn’s school.
(iv) He inspired Evelyn to pursue her music.
(v) He asked Evelyn to hear music not through her ears but other parts of her body.
Passage – 3
She never looked back from that point onwards. She toured the United Kingdom with a youth orchestra and by the time she was sixteen, she had decided to make music her life. She auditioned for the Royal Academy of Music and scored one of the highest marks in the history of the academy. She gradually moved from orchestral work to solo performances. At the end of her three-year course, she had captured most of the top awards.
Questions :
(i) Why did she tour the United Kingdom?
(ii) What did she decide to make her life?
(iii) What was her performance in the audition for the Royal Academy of Music?
(iv) From orchestra what did she decide to move?
(v) What was her performance during the course in the Royal Academy of Music?
Answers :
(i) She toured the United Kingdom with a young orchestra for giving music performances.
(ii) She decided to make music her life.
(iii) She scored the highest marks in the history of the academy.
(iv) She decided to move to solo.
(v) She had captured most of the top awards.
Passage – 4
Not surprisingly, Evelyn delights her audiences. In 1991 she was presented with the Royal Philharmonic Society’s prestigious Soloist of the Year Award. Says master percussionist James Blades, ‘God may have taken her hearing but he has given her back something extraordinary. What we hear, she feels-far more deeply than any of us. That is why she expresses music so beautifully.’
Questions :
(i) How do Evelyn’s audiences feel?
(ii) What award did she win in 1991?
(iii) Who was James Blades?
(iv) The things what we hear, what does Evelyn do with them?
(v) How does she express her music?
Answers :
(i) Her audiences feel delighted.
(ii) ‘Soloist of the year Award’ by Philharmonic Society.
(iii) He was a master percussionist:
(iv) She feels them through her body.
(v) She expresses her music beautifully.
Passage – 5
Evelyn Glennie has already accomplished more than most people twice her age. She has brought percussion to the front of the orchestra, and demonstrated that it can be very moving. She has given inspiration to those who are handicapped, people who look to her and say, ‘If she can do it, I can.’ And, not the least, she has given enormous pleasure to millions.
Questions :
(i) What has Evelyn Glennie achieved?
(ii) What has she done for percussion?
(iii) To whom has she given inspiration?
(iv) What has she done for millions?
(v) Name the chapter and the author.
Answers :
(i) Evelyn Glennie has achieved more than most people twice her age.
(ii) She has brought percussion to the front of the orchestra.
(Hi) She has given inspiration to disabled.
(iv) She has given pleasure to millions.
(v) The name of the chapter is ‘The Sound of Music: Evelyn Glennie Listens to Sound without Hearing It’ and its author is ‘Deborah Cowley’.
Part II: The shehnai Of Bismillah Khan
Very Short Answer Type Questions
Question 1.
What did Aurangzeb do to the playing of pungi in his royal residence?
Answer:
Aurangzeb banned the playing of pungi in his royal residence.
Question 2.
Why did Aurangzeb ban the playing of pungi in his royal residence?
Answer:
Aurangzeb banned the playing of pungi in his royal residence because he did not like its shrill unpleasant sound.
Question 3.
Which family did the barber belong to?
Answer:
He belonged to a family of professional musicians.
Question 4.
Who invented ‘Shehnai’?
Answer:
A barber in Aurangzeb’s court invented Shehnai.
Question 5.
How many holes does a Shehnai have on its body?
Answer:
It has seven holes on its body.
Question 6.
Where was Bismillah Khan born?
Answer:
He was bom in Dumraon in Bihar.
Question 7.
When was Bismillah Khan born?
Answer:
He was bom on 21st March, 1916.
Question 8.
Which highest civilian award in India was conferred on Bismillah Khan?
Answer:
The Bharat Ratna.
Question 9.
What was the name of Bismillah’s grandfather?
Answer:
His name was Rasool Bux Khan.
Question 10.
What was the name of Bismillah’s father?
Answer:
His name was Paigambar Bux.
Question 11.
What was the profession of Bismillah’s paternal ancestors?
Answer:
They were great Shehnai players.
Question 12.
Who was Ali Bux?
Answer:
Ali Bux was Bismillah’s maternal uncle.
Question 13.
When was All India Radio in Lucknow was opened?
Answer:
In 1938.
Question 14.
What is Bismillah Khan’s special achievement on 15 August, 1947?
Answer:
Bismillah Khan became the first Indian to greet the nation with his Shehnai on this day.
Question 15.
To which foreign country did Bismillah Khan go on his first trip?
Answer:
Afghanistan.
Question 16.
Which film was made by Vyay Bhatt after hearing Bismillah’s Shehnai?
Answer:
‘Gunj Uthi Shehnai’.
Question 17.
Which auditorium is named after Bismillah Khan in Teheran?
Answer:
The name of the auditorium is Tahar Mosiquee Ustaad Bismillah Khan.
Question 18.
What name is Bismillah Khan fondly called?
Answer:
He is fondly called ‘Khansaab’.
Question 19.
When Bismillah Khan is in Mumbai he missed two things badly. Name those two things.
Answer:
They are Benaras and the Ganga.
Question 20.
What did one of his students in the USA want him to do?
Answer:
One of his students in the USA wanted him to head a Shehnai school in the USA.
Short Answer Type Questions
Question 1.
Why was this musical instrument named Shehnai?
(इस वाद्ययंत्र का नाम शहनाई क्यों रखा गया ?)
Answer:
This musical instrument was first played in the Shah’s chamber and was played by a ‘nai’. So this instrument was named Shehnai.
(इस संगीत वाद्ययंत्र को पहली बार शाह के कक्ष में बजाया गया और इसे एक ‘नाई के द्वारा बजाया गया। इसलिए इस यंत्र का नाम शहनाई रख दिया गया।)
Question 2.
Describe Bismillah Khan as a boy in Dumraon.
(दुमराओं के बालक के रूप में बिस्मिल्ला खान का वर्णन कीजिए।)
Answer:
As a boy Bismillah Khan played gilli-danda near a pond at Dumraon. After that he would go to Bhihariji Temple and sang Bhojpuri ‘Chaita’. The local Maharaja was pleased to hear him sing.
(दुमराओं में एक तालाब के निकट बिस्मिल्ला खान गिल्ली-डंडा खेला करते थे। इसके पश्चात वे बिहारी जी के मंदिर में जाते थे और भोजपुरी ‘चैता’ गाया करते थे। वहाँ का महाराजा उन्हें गाते हुए सुनकर बहुत प्रसन्न होता था।)
Question 3.
What prize did boy Bismillah Khan earn? Why was he given this prize?
(बालक बिस्मिल्ला खान ने क्या इनाम प्राप्त किया ? उसे यह इनाम क्यों दिया गया ?)
Answer:
Bismillah Khan earned a big laddu weighing 1.25 kg. He was given this prize by the local Maharaja. Bismillah Khan earned this prize for singing the Bhojpuri ‘Chaita’ at the Bihariji Temple.
(बिस्मिल्ला खान को सवा किलोग्राम का एक लहु प्राप्त हुआ। उसे यह इनाम वहाँ के स्थानीय महाराजा के द्वारा प्रदान किया गया। बिस्मिल्ला खान को यह इनाम बिहारी जी के मंदिर में भोजपुरी ‘चैता’ गाने के लिए दिया गया।)
Question 4.
“15th August, 1947, the first Independence Day was the happiest day of his life.” Why?
(“प्रथम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 उनके जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण दिवस था।” क्यों ?)
Answer:
On the first Independence Day, Bismillah Khan played the Shehnai at the ramparts of the Red Fort in Delhi. Prime Minister, Jawaharlal Nehru had invited him to play the Shehnai there. It was a great honour for him. So it was the happiest day of his life.
(प्रथम स्वतंत्रता दिवस पर विस्मिल्ला खान ने दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से शहनाई वादन किया था। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें शहनाई बजाने के लिए आमंत्रित किया था। यह उनके लिए महान सम्मान था। इसलिए यह उनके जीवन का सबसे अधिक खुशियों वाला दिन था।)
Question 5.
Why is Bismillah Khan so attached to the Ganga?
(बिस्मिल्ला खान का गंगा से इतना लगाव क्यों है ?)
Answer:
Bismillah Khan is greatly attached to the Ganga. He had spent his childhood playing and practising Shehnai on the banks of the Ganga. He gets inspiration from the Ganga. He cannot imagine his life happy if he is away from her. He loves the Ganga very much.
(बिस्मिल्ला खान का गंगा के प्रति बहुत लगाव है। उन्होंने गंगा के तटों पर खेल कर और शहनाई बजाने का अभ्यास करके अपना बचपन बिताया था। उन्हें गंगा से प्रेरणा मिलती है। गंगा से दूर रहकर वे प्रसन्न जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वे गंगा से बहुत अधिक प्यार करते हैं।)
Essay Type Questions
Question 1.
Write a note on the origin of the Shehnai.
(शहनाई की उत्पत्ति पर एक नोट लिखो।)
Answer:
It is said that in the past a musical instrument called pungi used to be played in palaces before the Kings and Nawabs. But Aurangzeb did not like the shrill and unpleasant sound of the pungi. So he banned the playing of this musical instrument in the royal residence. There was a barber who belonged to a family of musicians. He had access to the royal palace.
He tried hard to improve the tonal quality of the instrument. He chose a pipe with a natural hollow stem that was longer and broader than the original pungi. He carved seven holes on the body of the instrument. When he played on it, an impressive sonorous tonal sound was produced. The barber played it before the king and his courtiers. Everybody was impressed.
The instrument was called Shehnai because it was first played in the Shah’s chamber and was invented by a ‘nai’ (barber). There is another story about the origin of Shehnai. It is said that a doctor of Iran invented it. His name was Haquim Bu Ali Saina and the instrument was named after him.
(ऐसा कहा जाता है कि अतीत में पुंगी नामक एक वाद्ययंत्र महलों में राजाओं और नवाबों के सामने बजाया जाता था। मगर औरंगजेब को पुंगी की तीखी एवं अप्रिय आवाज़ अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए उसने शाही निवास में पुंगी के बजाए जाने पर रोक लगा दी।
एक नाई था जो संगीतकारों के एक परिवार से संबंध रखता था। उसकी पहुंच शाही महल तक थी। उसने इस वाद्ययंत्र के सुर को सुधारने की कोशिश की। उसने एक ऐसी लकड़ी की पाईप ली जो मूलभूत पुंगी से अधिक लंबी एवं अधिक चौड़ी थी। उसने उस वाद्ययंत्र पर सात सुराख किए। जब उसने इसे बजाया तो एक प्रभावशाली धुन वाली आवाज़ पैदा हो गई। नाई ने इसे राजा एवं उसके दरबारियों के सामने बजाया। हर व्यक्ति प्रभावित हुआ।
वाद्ययंत्र को शहनाई कहा गया, क्योंकि इसे शाह के कमरे में बजाया गया था और इसका आविष्कार एक नाई ने किया था। शहनाई की उत्पत्ति के बारे में एक अन्य कहानी है। ऐसा कहा जाता है कि ईरान के एक डॉक्टर ने इसका आविष्कार किया। उसका नाम हकीम बू अली सैना था और उसके नाम पर इस वाद्ययंत्र का नाम पड़ गया।)
Question 2.
What are the recurring themes of Bismillah Khan’s music and how did they originate?
(बिस्मिल्ला खान के संगीत में बार-बार आने वाले विषय क्या हैं और उनका जन्म कैसे हुआ ?)
Answer:
At the age of three, Bismillah Khan went to Benaras. There his maternal uncle Ali Bux taught him the nuances of the Shehnai. He used to practise in the temple of Balaji and Mangla Maiya. He also practised on the banks of the Ganga. There he practised for hours in complete solitude.
The flowing water of the Ganga inspired him to improvise his music. There he invented the ‘ragas’ that were earlier considered beyond the range of Shehnai. The atmosphere of the temple and the solitude of the banks of the Ganga had a great effect on him. They influenced the themes of his music also. One such theme was the ethos of the temple.
The other theme was the relationship between human beings based on the tune of the flowing river. These became the recurring themes of Bismillah Khan’s music.
(तीन साल की उम्र में, बिस्मिल्ला खान बनारस चले गए। वहाँ उनके मामा अली बक्श ने उन्हें शहनाई की बारीकियाँ सिखाई। दे बालाजी और मंगला मैया के मंदिरों में अभ्यास किया करते थे। वे गंगा के किनारे पर भी अभ्यास करते थे। वहाँ वे घंटों तक एकांत में अभ्यास करते रहते थे। गंगा के बहते पानी ने उन्हें अपने संगीत को सुधारने के लिए प्रेरित किया।
वहाँ पर उन्होंने उन रागों का आविष्कार किया जिन्हें शहनाई के दायरे से परे समझा जाता था। मंदिर के वातावरण और गंगा के किनारे के एकांत का उन पर बहुत अधिक प्रभाव हुआ। उन्होंने अपने संगीत के विषयों को भी प्रभावित किया। ऐसा ही एक विषय था मंदिर की संस्कृति अन्य विषय या बहती नदी की धुन पर आधारित मनुष्यों में आपसी संबंध ये बिस्मिल्ला खान के संगीत में बार-बार आने वाले विषय बन गए।)
Question 3.
Why is Benaras so important to Bismillah Khan?
(बिस्मिल्ला खान के लिए बनारस (बाराणसी) इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है ?)
Answer:
Bismillah Khan is fondly called Khansaab. He has travelled all over the world. He got honours in every country. In Teheran, an auditorium was named after him. He has seen many cities, but he remains very fond of Benaras and Dumraon. He calls them the most wonderful towns in the world.
He has a special fasci-nation for Benaras because of the Ganga there. In his youth, he used to practise Shehnai in solitude on the banks of the Ganga. Once one of his students in the USA requested him to head a Shehnai school there. He said that he would recreate the atmosphere of Benaras by building similar temples there. But the Ustad asked him whether he Would bring the Ganga also there. Once he said, “Whenever I am in Mumbai, I think of only Varanasi and the holy Ganga”.
(बिस्मिल्ला खान को प्यार से खानसाहब कहा जाता है। उन्होंने पूरे विश्व का भ्रमण किया है। उन्हें हर देश में सम्मान मिला है। तेहरान में एक ऑडीटोरियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है। उन्होंने बहुत से देश देखे हैं, मगर उन्हें सदा बनारस और दुमराओं से प्यार रहा है। वे उन्हें संसार के सबसे अद्भुत शहर कहते हैं। उन्हें बनारस से विशेष लगाव है, क्योंकि वहाँ पर गंगा है।
अपनी जवानी में, वे गंगा के किनारे एकांत में शहनाई का अभ्यास किया करते थे। एक बार अमेरिका में उनके एक छात्र ने उनसे अनुरोध किया कि वे वहाँ के शहनाई स्कूल के मुखिया बनें। उसने कहा कि वह वहाँ बनारस जैसे मंदिर बनाकर वहाँ के वातावरण का पुनर्निर्माण करेगा। मगर उस्ताद ने उससे पूछा कि क्या वह वहाँ पर गंगा ला सकता है। एक बार उन्होंने कहा, “जब भी मैं मुंबई में होता हूँ तो मैं वाराणसी एवं पवित्र गंगा के बारे में सोचता हूँ।”)
Multiple Choice Questions
1. Who banned the playing of pungi in the royal palace?
(A) Babur
(B) Akbar
(C) Shah Jahan
(D) Aurangzeb
Answer:
(D) Aurangzeb
2. Why did Aurangzeb ban the playing of pungí in the royal palace?
(A) it was played only by the Hindus
(B) it was an ill omened instrument
(C) he did not like its unpleasant tone
(D) none of these
Answer:
(C) he did not like its unpleasant tone
3. Which family did the barber belong to?
(A) professional barbers
(B) professional musicians
(C) professional soldiers
(D) professional beggars
Answer:
(B) professional musicians
4. What did the barber decide to do?
(A) to play the pungí before the Emperor
(B) not to cut the emperor’s hair
(C) to request the emperor to lift the ban from the playing of pungi
(D) to improve the quality of the pungí
Answer:
(D) to improve the quality of the pungi
5. Where did he play his newly discovered music instrument for the first time?
(A) in the Shah’s chambers
(B) before the public
(C) in the open court
(D) none of these
Answer:
(A) in the Shah’s chambers
6. What name was given to this new instrument?
(A) new pungi
(B) improved pungí
(C) shehnai
(D) none of these
Answer:
(C) shehnai
7. How the sound of shehnai began to be considered?
(A) auspicious
(B) ill-omened
(C) unpleasant
(D) a sign of mourning
Answer:
(A) auspicious
8. When and where is shehnai played?
(A) in temples
(B) in weddings
(C) on auspicious occasions
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above
9. What credit is given to Ustad Bismillah Khan regarding shehnai?
(A) inventing shehnai
(B) inventing pungi
(C) bring shehnai onto the classical stage
(D) none of these
Answer:
(C) bring shehnai onto the classical stage
10. Who do you know is Bismillah Khan?
(A) a politician
(B) a shehnai maestro
(C) an actor
(D) a writer
Answer:
(B) a shehnai maestro
11. Where did Bismiflah Khan regularly go to sing Bhojpuri ‘Chaita’?
(A) Bihariji Temple
(B) Jama Masjid
(C) Rumpurva Temple
(D) Durga Temple
Answer:
(A) Bihariji Temple
12. Where was Bismillah Khan born?
(A) Varanasi
(B) Paryag Raj
(C) Dumraon
(D) none of these
Answer:
(C) Dumraon
13. What was Bismillah Khan’s grandfather?
(A) a soldier
(B) an actor
(C) a courtier
(D) the shehnai nawaz of the Bhojpur King’s court
Answer:
(D) the shehnai nawaz of the Bhojpur King’s court
14. What was the name of Bismfflah Khan’s father?
(A) Rasool Bux Khan
(B) Paigambar Bux
(C) Ah Bux
(D) Hazrat Rasool Kaar
Answer:
(B) Paigambar Bux.
15. Who was All Bux?
(A) Bismillah’s father
(B) Bismillah’s grandfather
(C) Bismillah’s maternal uncle
(D) Bismillah’s friend
Answer:
(C) Bismillah’s maternal uncle
16. Bismillah Khan was deeply attached to:
(A) the Sutlej
(B) the Ganga
(C) the Narmada
(D) the Godawari
Answer:
(B) the Ganga
17. On August 15, 1947 which Raag was played by Bismilah Khan from the Red Fort?
(A) Raag Malhaar
(B) Raag Deepak
(C) Raag Kafi
(D) Raag Megh
Answer:
(C) Raag Kafi
18. Which film is named after Bismillah’s instrument?
(A) Shehnai Ki Awaj
(B) Shehnai Ka Raja
(C) Shehnai Wala
(D) Gunj Uthi Shehnaî
Answer:
(D) Gunj Uthi Shehnai
19. Of the following which is Bismillah Khan’s composition?
(A) Dii ka khilona bai toot gaya
(B) Mere khuda mujhko na bhoolana
(C) Main tere dar te aaya boon
(D) Ye dil ka taranaa hal
Answer:
(A) Dii ka khilona hal toot gaya
20. When was Bismillali Khan awarded the highest civilian award ‘Bharat Ratna’?
(A) in 2000
(B) in 2001
(C) in 2002
(D) in 2003
Answer:
(B) in 2001
21. Where is Lincoln Center Hall situated?
(A) UK
(B) USA
(C) Canada
(D) France
Answer:
(B) USA
22. Bismillah Khan took part ¡n:
(A) the World Exposition in Montreal
(B) the Cannes Art Festival
(C) the Osaka Trade Fair
(D) AU of these
Answer:
(D) All of these
23. Tahar Mosiquee Ustaad Bismillah Khan auditorium is situated ¡n:
(A) Montreal
(B) Osaka
(C) Teheran
(D) Behrin
Answer:
(C) Teheran
24. Which national award was conferred on listad Bismillah Khan?
(A) the Padmashri
(B) the Padma Bhushan
(C) the Padma Vibhushan
(D) All of these
Answer:
(D) All of these
25. Which ¡s India’s highest civilian award?
(A) the Padmashri
(B) the Padma Bhushan
(C) the Padma Vibhushan
(D) the Bharat Rama
Answer:
(D) the Bharat Ratna
26. According to Bismiflah Khan, what Is Hindustan’s richest tradition?
(A) earning money
(B) music
(C) spirituality
(D) politics
Answer:
(B) music
The Shehnai of Bismillah Khan Important Passages For Comprehension
Read the following passages and answer the questions given at the end of each :
Passage – 1
Emperor Aurangzeb banned the playing of a musical instrument called pungi in the royal residence for it had a shrill unpleasant sound. Pungi became the generic name for reeded noisemakers. Few had thought that it would one day be revived. A barber of a family of professional musicians, who had access to the royal palace, decided to improve the tonal quality of the pungi.
He chose a pipe with a natural hollow stem that was longer ancTbroader than the pungi, and made seven holes on the body of the pipe. When he played on it, closing and opening some of these holes, soft and melodious sounds were produced. He played the instrument before royalty and everyone was impressed. The instrument so different from the pungi had to be given a new name. As the story goes, since it was first played in the Shah’s chambers and was played by a ‘nai’ (the barber), the instrument was named the ‘Shehnai’.
Questions :
(i) Why did Aurangzeb ban the playing of pungi?
(ii) Which family did the barber belong?
(iii) What did the barber decide to do?
(iv) Where did the barber play the new instrument the first time?
(v) What name was given to this new instrument?
Answers :
(i) Aurangzeb banned the playing of pungi because he did not like its shrill unpleasant sound.
(ii) The barber belonged to a family of professional musicians.
(iii) The barber decided to improve the tonal quality of the pungi.
(iv) He played it in the Shah’s chamber.
(v) This instrument was named the ‘Shehnai’.
Passage – 2
The sound of the Shehnai began to be considered auspicious. And for this reason it is still played in temples and is an indispensable component of any North Indian wedding. In the past, Shehnai was part of the naubat or traditional ensemble of nine instruments found at royal courts. Till recently it was used only in temples and weddings. The credit for bringing this instrument onto the classical stage goes to Ustad Bismillah Khan.
Questions :
(i) How was the sound of the Shehnai considered?
(ii) On which occasions was the Shehnai played?
(iii) What was the Shehnai a part of?
(iv) What change did Bismillah Khan give to ‘Shehnai’?
(v) Name the lesson.
Answers :
(i) The sound of the Shehnai was considered auspicious.
(ii) It was played in temples and on the occasion of weddings.
(iii) It was a part of the naubat or traditional ensemble of nine instruments found at royal courts.
(iv) He played Shehnai on other occasion also other then in temples and in weddings.
(v) ‘The Sound of Music : The Shehnai of Bismillah Khan.’
Passage – 3
As a five-year old, Bismillah Khan played gillidanda near a pond in the ancient estate of Dumraon in Bihar. He would regularly go to the nearby Bihariji temple to sing the Bhojpuri ‘Chaita’, at the end of which he would earn a big laddu weighing 1.25 kg, a prize given by the local Maharaja. This happened 80 years ago, and the little boy has travelled far to earn the highest civilian award in India-the Bharat Ratna.
Questions :
(i) What did Bismillah Khan used to do when he was just five years old?
(ii) Why did he go to the Bihariji temple?
(iii) What award did he win at the end of this Bhojpuri ‘Chaita’?
(iv) What is the highest civilian award of India?
(v) Name the lesson.
Answers :
(i) When he was five-years old he used to play gilli-danda near a pond in Dumraon.
(ii) He went to the Bihariji temple to sing the Bhojpuri ‘Chaita’.
(iii) A big laddu weighing 1.25 kg.
(iv) The Bharat Ratna.
(v) ‘The Sound of Music : The Shehnai of Bismillah Khan’.
Passage – 4
Bom on 21 March, 1916, Bismillah belongs to a well-known family of musicians from Bihar. His grandfather, Rasool Bux Khan was the Shehnai-nawaz of the Bhojpur king’s court. His father, Paigambar Bux, and other paternal ancestors were also great Shehnai players.
Questions :
(i) When was Bismillah Khan born?
(ii) Which family did Bismillah Khan belong to?
(iii) What was the name of his grandfather?
(iv) What was his grandfather’s profession?
(v) Name Bismillah Khan’s father.
Answers :
(i) Bismillah Khan was bom on March 21, 1916.
(ii) He belonged to a well known family of musicians in Bihar.
(iii) Rasool Bux Khan.
(iv) He was the Shehnai-nawaz of the Bhojpur King’s Court.
(v) Paigambar Bux.
Passage – 5
Awards and recognition came thick and fast. Bismillah Khan became the first Indian to be invited to perform at the prestigious Lincoln Center Hall in the USA He also took part in the World Exposition in Montreal, in the Cannes Art Festival and in the Osaka Trade Fair. So well known did he become internationally that an auditorium in Teheran was named after him-Tahar Mosiquee Ustaad Bismillah Khan,
Questions :
(i) Where did Bismillah Khan perform in the USA?
(ii) Where was the Cannes Art Festival held?
(iii) What honour did he receive in Teheran?
(iv) In which country do you think Teheran is?
(v) What performance did Bismillah Khan give in Osaka Trade Fair?
Answers :
(i) He performed at the prestigious Lincoln Center Hall in the USA.
(ii) The Cannes Art Festival was held in Montreal.
(iii) An auditorium in Teheran was named after him-Tahar Mosiquee Ustaad Bismillah Khan.
(iv) Teheran is the capital of Iran.
(v) He gave the performance of‘Shehnai recital’.