Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 2 The Adventures of Toto
Haryana Board 9th Class English Solutions Moments Chapter 2 The Adventures of Toto
HBSE 9th Class English Solutions Moments Chapter 2 The Adventures of Toto
HBSE 9th Class English The Adventures of Toto Textbook Questions and Answers
The Adventures of Toto Introduction in English
this is an interesting story. The narrator’s grandfather was fond of keeping different kinds of pets. One day, he bought a monkey from a tonga-driver for rupees five. Its name was Toto. It was a mischievous small monkey. At first, his pranks were amusing. The family members enjoyed these pranks. But with the passage of time, his mischiefs became wilder. He broke many things in the house. At last, grandfather realized that he could not keep Toto at home any longer. So, he sold Toto back to the tonga-driver for three rupees.
The Adventures of Toto Summary in English
The narrator’s grandfather was fond of keeping pets. One day, he bought a small monkey from a tonga-driver for five rupees. Its name was Toto. It was a pretty monkey. His small shining eyes were full of mischief. His teeth were white like pearls. His hands were dried but his fingers were quick.
The grandmother did not like the grandfather’s animals. So the coming of Toto was kept a secret from her for sometime. Toto was kept in a little closet. It opened into the narrator’s bedroom. He was tied to a peg on the wall. A few hours later, the narrator found a change in his bedroom. Toto had made himself free by pulling out the peg. He had removed the wallpaper of the bedroom. He had torn the narrator’s school blazer.
Now Toto was transferred to a big cage. It was in the servants’ quarters. There, other animals of grand-father’s private zoo were also kept. The zoo included a tortoise, a pair of rabbits, a pet squirrel and a pet goat. The monkey did not allow the animals to sleep in peace at night.
The next day, grandfather had to go to Saharanpur to get his pension. He decided to take Toto along with him. He got a big black canvas bag and put Toto into it. The bag was too strong for Toto to bite or tear. Toto remained in the bag as far as Saharanpur. At the gate, as the ticket-collector was checking grandfather’s ticket, Toto put his head out of the bag and grinned at the ticket-collector. He told the grandfather that there was a dog with him. Grandfather told him that it was not a dog but a monkey. But the ticket-collector was adamant and charged three rupees extra.
When finally, grandmother accepted Toto, he was given a room in the stable. There his companion was a donkey, named Nana. Toto gave Nana a lot of trouble and they never became friends.
In winter, Toto liked the bowl of warm water which grandmother gave him to bathe in. Toto would sit in the bowl. Then he would apply soap on his body. When the water became cold, he stepped out of the bowl. Then he would run into the kitchen to dry himself near the kitchen fire. If anybody laughed at him, he resented it. Then he refused to take bath.
One day Toto nearly boiled himself alive. There was a large kitchen kettle on the fire to boil for tea. Toto removed the lid and found the water warm. He got into the kettle. But soon, the water began to boil. Toto started jumping up. Grandmother heard the noise and came in. She took him out of the kettle.
Toto’s mind was full of mischiefs. One day, at lunch-time he found a large dish of rice on the dining table. He started eating the rice. When grandmother found Toto eating rice, she screamed. Toto threw a plate at her. An aunt of the narrator came forward. Toto threw a glass of water at her. Then Toto picked the dish of pullao and ran out. He sat on the jackffuit tree. He remained there all the afternoon, eating the rice. After that he threw the plate and broke it into pieces.
At last, grandfather realised that Toto could not be kept in house for long. The family could not bear the frequent loss of dishes, clothes, curtains and wallpapers. At last, grandfather found the tonga-driver. He sold Toto back for only three rupees.
Introduction in Hindi
यह एक रोचक कहानी है। वर्णनकर्ता के दादा जी को विभिन्न पालतू जानवर रखने का शौक था। एक दिन, उन्होंने एक तांगा-चालक से पाँच रुपए में एक बंदर खरीदा। उसका नाम टोटो था। यह एक शरारती छोटा बंदर था। पहले-पहले उसकी शरारतें मनोरंजक थीं। परिवार के सदस्य इन शरारतों का आनंद उठाते थे। मगर समय के बीतने के साथ-साथ ये शरारतें जंगली होती गई। उसने घर में बहुत-सी चीजें तोड़ दीं। आखिर दादा जी ने महसूस किया कि वे टोटो को घर में अधिक देर नहीं रख सकते। इसलिए उन्होंने टोटो को तांगा-चालक को दोबारा तीन रुपए में बेच दिया।
Summary in Hindi
वर्णनकर्ता के दादा जी को पालतू जानवर रखने का बड़ा शौक था। एक दिन, उन्होंने एक तांगा-चालक से पांच रुपए में एक बंदर खरीदा। इसका नाम टोटो था। यह एक प्यारा बंदर था। इसकी छोटी-छोटी चमकती हुई आँखें शरारत से भरी हुई थीं। उसके दाँत मोतियों की तरह सफेद थे। उसके हाथ सूखे थे, मगर उसकी उंगलियाँ तेज थीं।
दादी जी को दादा जी के जानवर अच्छे नहीं लगते थे। इसलिए टोटो का आना कुछ समय के लिए उनसे छिपाया गया। टोटो को एक छोटे से भंडार घर में रखा गया। यह वर्णनकर्ता के शयनकक्ष में खुलता था। उसे दीवार में लगी एक खूटी से बाँध दिया गया। कुछ घंटों बाद, वर्णनकर्ता ने अपने कमरे में परिवर्तन पाया। टोटो ने खूटी खींचकर स्वयं को आजाद कर लिया था। उसने शयनकक्ष की दीवारों का कागज़ हटा दिया था। उसने वर्णनकर्ता के स्कूल का कोट भी फाड़ दिया था।
अब टोटो को एक बड़े पिंजरे में स्थानांतरित कर दिया गया। यह नौकरों के कमरों के बीच में था। दादा जी के व्यक्तिगत चिड़ियाघर के अन्य जानवर भी यहाँ रखे गए थे। चिड़ियाघर में एक कछुआ, खरगोशों का एक जोड़ा, एक पालतू गिलहरी और एक पालतू बकरी भी थी। बंदर ने किसी भी जानवर को रात को शांति से सोने नहीं दिया।
अगले दिन दादा जी को अपनी पेंशन लेने सहारनपुर जाना था। उन्होंने टोटो को अपने साथ ले जाने का फैसला किया। उन्होंने काले कैनवस का एक बड़ा थैला लिया और टोटो को उसमें डाल दिया। थैला इतना मजबूत था कि टोटो इसे काट या फाड़ नहीं सकता था। टोटो थैले में सहारनपुर तक रहा।
गेट पर, जब टिकट-कलैक्टर दादा जी के टिकट की जाँच कर रहा था, टोटो ने अपना सिर थैले में से निकाला और टिकट-कलैक्टर की तरफ दाँत दिखाकर हंसा। उसने दादा जी से कहा कि उनके साथ एक कुत्ता है। दादा जी ने कहा कि यह कुत्ता नहीं, बंदर है। मगर टिकट-कलैक्टर अड़ियल था और उसने तीन रुपए अधिक वसूल लिए।
जब आखिर, दादी जी ने टोटो को स्वीकार कर लिया तो टोटो को तबेले में एक कमरा दे दिया गया। नाना नाम की एक गधी थी। टोटो ने नाना को बहुत तंग किया और वे कभी मित्र नहीं बन पाए।
सर्दियों में, टोटो को गर्म पानी का कटोरा अच्छा लगता था जो दादी जी ने उसने नहाने के लिए दिया था। टोटो कटोरे में बैठ जाता था। तब वह अपने शरीर पर साबुन लगाता था। जब पानी ठंडा हो जाता था, तो वह कटोरे से बाहर निकलता था। तब वह स्वयं को सुखाने के लिए रसोई में आग के पास चला जाता था। अगर कोई उस पर हंसता था, तो वह नाराज़ हो जाता था। तब वह स्नान करने से इंकार कर देता था।
एक दिन टोटो ने स्वयं को लगभग जिंदा उबाल लिया। रसोई में आग पर चाय का पानी उबालने के लिए एक बड़ी केतली पड़ी थी। टोटो ने ढक्कन उतारा और देखा कि पानी गर्म है। वह केतली में घुस गया। मगर शीघ्र ही, पानी उबलने लगा। टोटो ने कूदना आरंभ कर दिया। दादी जी ने शोर सुना और अंदर आई। उन्होंने उसे केतली से बाहर निकाला।
टोटो का दिमाग शरारतों से भरा हुआ था। एक दिन, दोपहर के खाने के समय उसने खाने की मेज़ पर चावलों की एक बड़ी प्लेट देखी। उसने चावल खाने आरंभ कर दिए। जब दादी जी ने टोटो को चावल खाते देखा, तो वे चिल्लाई। टोटो ने एक प्लेट उनकी तरफ फेंकी। वर्णनकर्ता की एक चाची आगे आई। टोटो ने उस पर पानी का गिलास फेंक दिया। तब टोटो ने पुलाव की प्लेट उठाई और बाहर भाग गया। वह कटहल के वृक्ष पर बैठ गया। वह पूरी दोपहर तक वहाँ बैठा रहा और चावल खाता रहा। उसके बाद उसने प्लेट फेंक दी और वह टूटकर चूर-चूर हो गई।
आखिर दादा जी ने महसस किया कि टोटो को अधिक देर तक घर में नहीं रखा जा सकता। परिवार प्लेटों. कपडों. पदों और दीवारी कागज़ के बार-बार होने वाले नुकसान को सहन नहीं कर सकता था। आखिर में, दादा जी ने तांगा-चालक को ढूंढ लिया। उन्होंने टोटो को उसे वापस केवल तीन रुपए में बेच दिया।
The Adventures of Toto Word-Meanings
(Page 77) :
Mischievous-naughty = शरारती; docile – gentle= विनम्र: feeding-trough = manger= खुरली, नांद; sparkled -shone = चमकती थी; pearly = like pearls = मोतियों जैसे; displayed = shown= दिखाए; frightened terrified – भयभीत; pickled = salted and dried = नमक लगाकर सुखाए गए; wicked – evil looking – बुरी लगने वाली; scooping up = picking up = उठाना; delicacy tasty dish = स्वादिष्ट व्यंजन; fussed – made too much noise – बहुत शोर करना; peg-peg – बूंटी; fastened – stuck into = ठोकी हुई; release – free – आज़ाद करना; ornamental decorative = सजावटी; naked – bare – खाली; wrenched = taken out = बाहर निकालना; socket – hole – छिद्र; blazer = coat = कोट; in shreds – torn into pieces = टुकड़े-टुकड़े करना।
(Page 8) :
Performance = deed = काम; sociably peacefully = शांति से; tortoise – tortoise – कछुआ; squirrel – squirrel – गिलहरी; tame – pet = पालतू; canvas = thick cloth = मोटा कपड़ा; straw – hay – फूंस; abode-place of living- रहने का स्थान; curious = inquisitive – जिज्ञासु; turnstile-arevolving door that allows one person atatime to pass through – घूमने वाला दरवाज़ा जिसमें से एक समय में एक ही व्यक्ति गुजर सकता है: pokedtook out- बाहर निकलना; grin to show teeth in smile = मुस्कुराहट में दाँत दिखाना; takenaback surprised – हेरान हुआ; annoyance – irritation = परेशानी, खीज: quadruped = creature of four legs = चार टाँगों का प्राणी; prodded – searched with hand = हाथ से टटोला; triumphant = victorious = विजयी।
(Pages 9-10):
Stable place where animals are kept : apparent – clear we; halter rope रस्सी; haunches back part of body = शरीर का पिछला भाग; dragging pulling= खींचना; cunningly cleverlyचालाकी से; gradually = slowly = धीर-धीर: sticking outskeeping out = बाहर रहना; hopping up jumping up: कूदना;hauled-tookout= बाहर निकाला; stuffing fillingup= भरना,खाना; screamed-cried-चिल्लाई: jackfruitavegetable = कटहल; spite= insult = अपमानित करना; chattered = made a sound = आवाज़ की; well-to-do-rich = अमीर; afford – bear= सहन करना।
The Adventures of Toto Translation in Hindi
(Page 7)
[क्या आपने कभी बंदर के छोटे बच्चे को पालतू बनाया है ? टोटो बंदर का एक छोटा बच्चा है। आओ पता लगाएँ कि वह शरारती है या विनम्र है।
दादा जी ने टोटो को एक तांगा-चालक से पाँच रुपए में खरीदा। तांगा चालक छोटे से लाल बंदर को भोजन की खुरली (नांद) के पास बाँध कर रखता था, और बंदर उस स्थान पर इतना बेमेल लगता था कि दादा जी ने फैसला किया वे बंदर को अपने निजी चिड़ियाघर में ले आएंगे।
टोटो एक सुंदर बंदर था। उसकी गहरी भौहों के नीचे उसकी आँखें शरारत से चमकती थीं, और उसके दाँत, जो मोतियों की तरह सफेद थे, अकसर मुस्कराहट से दिखाई पड़ते थे जिससे बुजुर्ग एंग्लो-इंडियन स्त्रियों की तो जान ही निकल जाती थी। मगर उसके हाथ इस प्रकार सूखे लगते थे जैसे उन्हें कई सालों तक धूप में सुखाया गया हो। फिर भी उसकी उंगलियों तेज एवं बुरी थीं, और उसकी पूँछ, यद्यपि उसके रूप को भी बढ़ाती थी (दादा जी का विश्वास था कि पूंछ किसी के रूप को भी बढ़ा सकती है।), उसके तीसरे हाथ का काम करती थी। वह इसका प्रयोग किसी टहनी से लटकने के लिए करता था; और यह उस किसी भी स्वादिष्ट वस्तु को उठाने में समर्थ थी जो उसके हाथों की पहुँच से बाहर थी।
दादी जी सदा दादा जी के साथ तब झगड़ा करती थी जब वे घर में कोई नया पक्षी या जानवर लाते थे। इसलिए यह फैसला किया गया कि टोटो की उपस्थिति को तब तक उनसे गुप्त रखा जाएगा जब तक वह विशेष तौर पर अच्छे मूड में नहीं होंगी। दादा जी और मैने उसे मेरे शयनकक्ष में खुलने वाली दीवार के एक छोटे से स्टोर में डाल दिया, जहाँ हमने उसे दीवार में लगी एक खूटी से मजबूती से बाँध दिया, कम से कम हम तो यही समझते थे।
(Pages 7-8)
कुछ घंटों बाद, जब दादा जी एवं में टोटो को खोलने के लिए आए तो हमने देखा कि दीवारें जो पहले दादा जी द्वारा चुने गए सजावटी कागज से ढकी हुई थीं, अब खाली ईटों एवं पलस्तर वाली थीं। दीवार की खूटी को इसके छेद से खींचकर निकाल लिया गया था, और मेरे स्कूल का कोट, जो वहाँ टंगा हुआ था, चीथड़े हो गया था। मुझे हैरानी हुई कि दादी जी क्या कहेंगी। मगर दादा जी को चिंता नहीं थी; उन्हें टोटो के कार्यों से खुशी मिलती प्रतीत होती थी।
(Page 81)
“वह चालाक है”, दादा जी ने कहा। अगर उसके पास समय होता तो मुझे विश्वास है कि तुम्हारे कोट के टुकड़ों से रस्सी बनाकर वह खिड़की से भाग गया होता।”
घर में उसकी उपस्थिति अभी भी एक रहस्य थी, टोटो को अब नौकरों के क्वार्टरों में एक बड़े पिंजरे में भेज दिया गया जहाँ दादा जी के बहुत से पालतू जानवर प्यार से इकट्ठे रहते थे-एक कछुआ, खरगोशों का एक जोड़ा, एक पालतू गिलहरी और, कुछ समय तक, मेरी पालतू बकरी। मगर बंदर (टोटो) अपने किसी भी साथी को रात को चैन से सोने नहीं देता था; इसलिए दादा जी ने, जिन्होंने अगले दिन देहरादून छोड़कर अपनी पेंशन लेने सहारनपुर जाना था, उन्होंने उसे साथ ले जाने का फैसला किया।
दुर्भाग्यवश में उस यात्रा पर दादा जी के साथ नहीं जा सका, मगर उन्होंने बाद में मुझे उसके बारे में बताया। एक बड़ा काले कैनवस का थैला टोटो के लिए प्रदान किया गया। इसके तल में कुछ घासफूस बिछाकर, यह टोटो के लिए नया घर बन गया। जय बैला बंद हो गया, तो उसमें से भागने का कोई साधन नहीं था। टोटो खुले स्थान में से अपने हाथ नहीं निकाल सकता था, और कैनवस इतना मजबूत था कि वह उसे काटकर उसमें से बाहर नहीं निकल सकता था। उसके बाहर निकलने के प्रयत्नों का केवल इतना प्रभाव हुआ कि थैला फर्श पर लुढ़कता या या कभी-कभी हवा में उछलता था-ऐसा प्रदर्शन जिसने देहरादून रेलवे प्लेटफार्म पर उत्सुक दर्शकों की भीड़ को आकर्षित किया।
टोटो येले में सहारनपुर तक रहा, मगर जब दादा जी घूमने वाले गेट के पास अपनी टिकट दिखा रहे थे, टोटो ने अचानक थैले में से अपना सिर बाहर निकाला और टिकट-कलैक्टर को अपनी चौड़ी मुस्कराहट दिखाई।
बेचारा व्यक्ति घबरा गया; मगर, बहुत अधिक मानसिक उपस्थिति एवं दादा जी को परेशान करते हुए वह बोला, “श्रीमान जी, आपके साथ एक कुत्ता है। आपको इसके टिकट के पैसे देने होंगे।
बेकार में दादा जी ने टोटो को थैले में से बाहर निकाला; व्यर्थ में ही उन्होंने यह साबित करने का प्रयत्न किया कि बंदर को कुत्ता नहीं माना जा सकता, या न ही उसे चार टाँगों वाला जानवर माना जा सकता है। टिकट-कलेक्टर ने टोटो का वर्गीकरण कुत्ते के रूप में कर दिया, और उसके किराए के रूप में तीन रुपए देने पड़े।
तब दादा जी ने, केवल अपनी बात कहने के लिए, जेब में से अपना पालतू कछुआ निकाला, और कहा “क्योंकि तुम सब जानवरों का किराया लेते हो, मुझे इसके कितने पैसे देने होंगे ?”
टिकट-कलेक्टर ने कछुए को ध्यान से देखा, अपनी उंगली से इसे टटोला और दादा जी की तरफ प्रसन्नता और विजयी भाव से देखा, और कहा “कोई पैसे नहीं। यह कुत्ता नहीं है।”
(Page 91)
जब टोटो को दादी जी ने आखिर स्वीकार कर लिया, तो उसे तबेले में एक आरामदायक स्थान दे दिया गया, जहाँ उसकी साथी थी, एक परिवार की गधी, नाना । तबेले में उसकी पहली रात को दादा जी उसे देखने गए कि क्या वह आरामदायक था। उन्हें हैरानी हुई कि बिना प्रत्यक्ष कारण के नाना अपनी रस्सी को खींच रहा था और अपने सिर को चारे के बंडल से जितना दूर हो सके रखने का प्रयत्न कर रहा था।
दादा जी ने नाना को उसकी पीठ पर थप्पड़ मारा, और टोटो को अपने साथ खींचते हुए वह पीछे हटी। वह उसके लंबे कानों के साथ अपने तेज छोटे दाँतों से चिपटा हुआ था।
टोटो और नाना में कभी दोस्ती नहीं हुई।
सर्दी की ठंडी शामों को टोटो के लिए महान दावत जैसी बात बी गर्म पानी का बड़ा कटोरा जो उसे दादी जी नहाने के लिए देती थी। वह बड़ी चालाकी से तापमान को अपने हाथ से जाँचता था, तब वह धीरे-धीरे पानी में प्रवेश करता था, पहले एक पाँव, फिर दूसरा (जैसे उसने मुझे करते हुए देखा था), जब तक वह गर्दन तक पानी में नहीं आ जाता था।
(Page 10)
एक बार जब वह आराम की स्थिति में हो जाता था, तो वह साबुन को अपने हाथों या पैरों में लेता था, और उसे सारे शरीर पर मलता था। जब पानी ठंडा हो जाता था, तो वह जितनी जल्दी हो सके अपने को सुखाने के लिए रसोई की आग के पास जाता था। अगर इस कार्य के दौरान उस पर कोई हंसता था, तो टोटो की भावनाएं आहत होती थीं और वह स्नान जारी रखने से इंकार कर देता था। एक दिन टोटो स्वयं को लगभग जीवित उबालने में सफल हो गया।
आग के ऊपर एक बहुत बड़ी केतली चाय उबालने के लिए रखी थी और टोटो ने देखा, कि उसके पास करने को कुछ नहीं है, तो उसने ठक्कन उतारने का फैसला किया। यह देखकर कि पानी स्नान के लिए उचित रूप से गर्म है, वह उसके अंदर घुस गया, और उसका सिर खली केतली से बाहर रहा। वह सब कुछ तब तक बहत अच्छा था. जब तक पानी उबलना आरंभ नहीं हो गया। टोटो तब थोड़ा-सा उठा, मगर बाहर ठंड को देखकर फिर बैठ गया। वह कुछ देर तक ऊपर-नीचे कूदता रहा, जब तक कि दादी जी ने आकर उसे, आये उबले हुए को, केतली से बाहर नहीं निकाला।
अगर दिमाग का कोई भाग विशेष तौर पर शरारत को समर्पित होता है, तो वह भाग टोटो में बहुत विकसित था। वह सदा वस्तुओं को फाड़कर टुकड़े-टुकड़े करता रहता था। जब भी मेरी कोई चाची उसके पास आती, वह उसकी पोशाक को पकड़ने एवं उसमें सुराख करने का हर प्रयत्न करता।
एक दिन दोपहर के खाने के समय, पुलाव की एक बड़ी प्लेट भोजन की मेज के मध्य में रखी थी। हम कमरे में घुसे और हमने टोटो को चावलों को ठस-ठस कर खाते देखा। मेरी दादी जी चिल्लाई एवं टोटो ने उस पर प्लेट फेंक दी। मेरी एक चाची आगे बढ़ी और उसके चेहरे के ऊपर पानी का गिलास आ पड़ा। जब दादा जी आए तो टोटो ने पुलाव की प्लेट उठाई और खिड़की में से बाहर निकल गया।
हमने उसे कटहल के वृक्ष की टहनियों पर बैठे देखा, प्लेट अभी भी उसके हाथों में थी। वह सारी दोपहर बाद वहाँ रहा, चावलों को धीरे-धीरे खाता रहा, उसका इरादा था कि हर दाना खत्म कर दिया जाए। और फिर, दादी जी को तंग करने के लिए जो उस पर चिल्लाई थी, उसने प्लेट को वृक्ष से नीचे फेंक दिया और जब इसके टूटकर सौ टुकड़े हो गए तो खुशी से चहचहाया।
प्रत्यक्ष रूप से, टोटो इस प्रकार का पालतू जानवर नहीं था जिसे हम अधिक देर तक रख सकते। यहाँ तक कि दादा जी ने भी इस बात को महसूस किया। हम इतने अमीर लोग नहीं थे और प्लेटों, कपड़ों, पर्दो एवं दीवारी कागज का बार-बार होने वाला नुकसान सहन नहीं कर सकते थे। इसलिए दादा जी ने तांगा-चालक को ढूँढा, और उसे टोटो वापिस बेच दिया केवल तीन रुपए में।
HBSE 9th Class English The Adventures of Toto Textbook Questions and Answers
Think about It
Question 1.
How does Toto come to grandfather’s private zoo?
(टोटो दादा जी के निजी चिड़ियाघर में कैसे आया?)
Answer:
A tonga-driver used to keep a little red monkey tied to a feeding-trough. Grandfather buys the monkey from the tonga driver for five rupees. He brings it home and names it Toto. In this way, Toto comes to grandfather’s private zoo.
(एक तांगा-चालक खुरली के साथ एक छोटे से लाल रंग वाले बंदर को बाँधे रखता था। दादा जी तांगा-चालक से पांच रुपए में वह बंदर खरीद लेते हैं। वह उसे घर ले आता है और उसका नाम टोटो रख देता है। इस प्रकार से टीटी द चिड़ियाघर में आ जाता है।)
Question 2.
“Toto was a pretty monkey.” In what sense is Toto pretty?
(“टोटो एक सुंदर बंदर था।” टोटो सुंदर कैसे हे?)
Answer:
Toto is a pretty monkey. He has bright eyes which always sparkle with mischief. He has white teeth like pearls. He often displays them in a smile. He has a long tail which serves him as a third hand.
(टोटो एक सुंदर बंदर है। उसकी चमकीली आँखें हैं जो हमेशा शरारत के कारण चमकती रहती हैं। उसके मोतियों जैसे सफेद दाँत हैं। वह मुस्कुराते समय हमेशा उन्हें दिखाता है। उसकी एक लंबी पूंछ भी है जो एक तीसरे हाथ के रूप में उसकी सहायता करती है।)
Question 3.
Why does grandfather take Toto to Saharanpur and how ? Why does the ticket collector insist on calling Toto a dog?
(दादा जी टोटो को सहारनपुर क्यों और कैसे लेकर जाते हैं ? टिकट-कलैक्टर टोटो को कुत्ता बताने में क्यों अड़ा रहता है?)
Answer:
Toto did not allow other animals to sleep in peace at home. Secondly his presence in the house was still a secret. So grandfather takes Toto to Saharanpur with him. He takes him in a train. The ticket-collector wants grandfather to pay for the monkey’s ticket. So he insists on calling him a dog.
(टोटो घर पर दूसरे जानवरों को चैन की नींद नहीं सोने देता था। दूसरा, घर में उसकी उपस्थिति भी एक रहस्य थी। इसलिए दादा जी टोटो को अपने साथ सहारनपुर ले जाते हैं। वे उसे रेलगाड़ी में ले जाते हैं। टिकट-कलैक्टर चाहता है कि दादा जी टोटो के टिकट का भुगतान करें। इसलिए वह उसे कुत्ता बताने पर अड़ा रहता है।)
Question 4.
How does Toto take a bath? Where has he learnt to do this? How does Toto almost boil himself alive?
(टोटो स्नान कैसे करता है। उसने ऐसे स्नान करना कहाँ सीखा? टोटो स्वयं को किस प्रकार लगभग जिंदा उबाल लेता है?)
Answer:
During cold winter Toto is habitual of taking bath in hot water. Firstly he tests the temperature of water. Then he carefully steps into the bath. He has learnt to do this by watching grandfather taking bath in the same way. One day he enters a large kitchen kettle which had been left on the fire to boil for tea. Soon the water starts boiling. Finding it cold outside, he starts jumping. Grandmother arrives and takes him out of the kettle half boiled.
(सर्दी के मौसम में टोटो को गर्म पानी में स्नान करने की आदत है। पहले तो वह पानी के तापमान को जाँचता है। तब वह सावधानीपूर्वक पानी में घुसता है। उसने दादा जी को ऐसे स्नान करते हुए देखकर ऐसा करना सीख लिया था। एक दिन वह रसोईघर की एक बड़ी केतली में स्नान के लिए घुस जाता है जिसको चाय का पानी उबालने के लिए आग पर रखा हुआ था। जल्दी ही पानी उबलना शुरू कर देता है। बाहर ठंडक होने के कारण, वह कूदना शुरू कर देता है। दादी जी आती है और उसको अर्द्ध उबली अवस्था में बाहर निकालती है।)
Question 5.
Why does the author say, ‘Toto was not the sort of pet we could keep for long?
(वर्णनकर्ता क्यों कहता है, ‘टोटो इस प्रकार का पालतू नहीं था जिसे हम लंबे समय तक अपने पास रख सकते थे’१)
Answer:
Toto was a very mischievous monkey. He had been doing many topsy-turvy things in the house. He was always tearing things to pieces. He had broken many costly dishes in the house. The author finds it difficult for his family to afford the frequent loss of dishes. So he says, “Toto was not the sort of pet we could keep for long.’
(टोटो एक बहुत ही शरारती बंदर था। वह घर में कई उल्टे-पुल्टे काम कर चुका था। वह हमेशा चीजों के टुकड़े-टुकड़े कर देता था। उसने घर में कई महंगी प्लेटों को तोड़ दिया था। वर्णनकर्ता को लगता है कि उसके परिवार के लिए इन प्लेटों की अकसर होने वाली क्षति को सहन करना कठिन है। इसलिए वह कहता है, ‘टोटो इस प्रकार का पालतू नहीं था कि जिसे हम लंबे समय तक अपने पास रख सकते थे।)
Talk about It
Question 1.
Do you have a pet? Is your pet mischievous? Tell the class about it.
Answer:
Yes, I have a pet. It is a big dog. Its name is Johny. It is not a mischievous dog. It is a very intelligent and faithful dog. When I leave for school in the morning, it follows me upto the main road to bid a good-bye. When it is the time of my arrival at home, I find it waiting for me at the main gate of my house. It is a very lovely dog. All the members of my family love it very much. I don’t remember any incident, when ‘ anyone in my family had to rebuke it. We treat it just like our family member.
HBSE 9th Class English The Adventures of Toto Important Questions and Answers
Very Short Answer Type Questions
Question 1.
From where did Grandfather buy Toto?
Answer:
Grandfather bought Toto from a tonga-driver in five rupees.
Question 2.
What was Toto?
Answer:
Toto was Grandfather’s monkey.
Question 3.
Why did Grandfather keep Toto’s presence a secret in the house?
Answer:
Grandfather kept Toto’s presence a secret in the house because Grandmother would not like him in the house.
Question 4.
What did Toto do to the writer’s blazer?
Answer:
Toto tore the writer’s blazer into shreds.
Question 5.
How did Toto prove to other animals?
Answer:
Toto proved troublesome to other animals.
Question 6.
Why did Grandfather go to Saharanpur?
Answer:
Grandfather went to Saharanpur to collect his pension.
Question 7.
What did Grandfather carry with him to Saharanpur?
Answer:
Grandfather carried Toto, the monkey, and the tortoise with him to Saharanpur.
Question 8.
Who was Nana?
Answer:
Nana was the name of Grandfather’s donkey.
Question 9.
How did the ticket-collector classify Toto as?
Answer:
The ticket-collector classified Toto as a dog,
Question 10.
How much did the ticket-collector charge from Grandfather for Toto?
Answer:
He charged three rupees from Grandfather for Toto.
Question 11.
What had Toto done to Nana?
Answer:
Toto had fastened his teeth on Nana’s ear.
Question 12.
What sort of a relationship was there between Toto and Nana?
Answer:
They never became friends.
Question 13.
In which city did the author’s Grandfather live?
Answer:
He lived in Dehra Dun.
Question 14.
How did Toto take bath?
Answer:
Toto took bath in hot water.
Question 15.
Who did Grandfather sell Toto to?
Answer:
Grandfather sold Toto to the same tonga-driver from whom he had bought him.
Question 16.
In how much amount did Grandfather sell Toto to the tonga-driver?
Answer:
He sold Toto to the tonga-driver in three rupees.
Question 17.
Why had Grandfather to resell Toto?
Answer:
Grandfather had to resell Toto as he was making harm to things frequently.
Short Answer Type Questions
Question 1.
What did Toto do in the author’s room?
(टोटो ने वर्णनकर्ता के कमरे में क्या किया?)
Answer:
Toto was kept in a little store. It opened into the narrator’s bedroom. He was tied to a peg on the wall. A few hours later, the narrator found a change in his bedroom. Toto had made himself free by pulling out the peg. He had removed the wallpaper of the bedroom. He had to the narrator’s school blazer
(टोटो को एक छोटे से भंडार घर में रखा गया। यह वर्णनकर्ता के शयनकक्ष में खुलता था। उसे दीवार में लगी एक खूटी से बाँध दिया गया। कुछ घंटों बाद, वर्णनकर्ता ने अपने कमरे में परिवर्तन पाया। टोटो ने खूटी खींचकर स्वयं को आजाद कर लिया था। उसने शयनकक्ष की दीवारों का कागज़ हटा दिया था। उसने वर्णनकर्ता के स्कूल का कोट भी फाड़ दिया था।)
Question 2.
Where was Toto transferred from the author’s bedroom? Did he remain peaceful there?
(टोटो को वर्णनकर्ता के शयनकक्ष में से कहाँ ले जाया गया? क्या वह वहाँ शांति से रहा?)
Answer:
Toto was transferred to a big cage. It was in the servants’ quarters. There, other animals of grandfather’s private 200 were also kept. The zoo included a tortoise, a pair of rabbits, a pet squirrel and a pet goat. The monkey did not allow the animals to sleep in peace at night.
(टोटो को एक बड़े पिंजरे में स्थानांतरित कर दिया गया। यह नौकरों के कमरों के बीच था। दादा जी के व्यक्तिगत चिड़ियाघर के अन्य जानवर भी यहाँ रखे गए थे। चिड़ियाघर में एक कछुआ, खरगोशों का एक जोड़ा, एक पालतू गिलहरी और एक पालतू बकरी भी थी। बंदर ने किसी भी जानवर को रात को शांति से सोने नहीं दिया।)
Question 3.
Describe how grandfather took Toto with him to Saharanpur.
(वर्णन करो कि दादा जी किस प्रकार टोटो को अपने साथ सहारनपुर ले गए?)
Answer:
The next day, grandfather had to go to Saharanpur to get his pension. He decided to take Toto along with him. He got a big black canvas bag and put Toto into it. The bag was too strong for Toto to bite or tear. Toto remained in the bag as far as Saharanpur. There, he suddenly stuck his head out of the bag and grinned at the ticket collector.
(अगले दिन दादा जी को सहारनपुर अपनी पेंशन लेने जाना था। उन्होंने टोटो को अपने साथ ले जाने का फैसला किया। उन्होंने काले कैनवस के कपड़े का एक बड़ा थैला लिया और टोटो को उसमें डाल दिया। थैला इतना मजबूत था कि टोटो उसे काट या फाड़ नहीं सकता था। टोटो थैले में सहारनपुर तक रहा। वहाँ, अचानक उसने थैले में से सिर निकाला और टिकट-कलेक्टर को देखकर मुस्कुराया।)
Question 4.
How many pets did the author’s grandfather have? Where were they kept?
(वर्णनकर्ता के दादा जी के पास कितने पालतू जानवर ये? वे कहाँ रखे गए थे?)
Answer:
The author’s grandfather was fond of keeping pets. He had a small private zoo of his own. In it he had a tortoise, a pair of rabbits, a tame squirrel, and the narrator’s pet goat. Toto, the monkey, was the latest addition to his zoo. Apart from these animals, grandfather had a donkey also.
(वर्णनकर्ता के दादा जी को पालतू जानवर रखने का शौक था। उनका अपना छोटा-सा व्यक्तिगत चिड़ियाघर था। इसमें उनके पास एक कछुआ, खरगोशों का जोड़ा, एक पालतू गिलहरी और वर्णनकर्ता की पालतू बकरी थी। टोटो बंदर, चिड़ियाघर की नवीनतम बढ़ोतरी थी। इन जानवरों के अलावा, दादा जी के पास एक गधी भी थी।)
Question 5.
How did Toto get along with other animals?
(टोटो का अन्य जानवरों के साथ कैसा व्यवहार था?)
Answer:
Toto did not get along well with other animals. He troubled, Nana, the family donkey. He often fastened himself on to her long ears with his sharp teeth. He did not allow other animals to sleep in peace.
(टोटो अन्य जानवरों के साथ मेलजोल नहीं बना पाया। वह परिवार की गधी नाना को तंग करता था। वह अकसर अपने तेज दाँतों के सहारे उसके लंबे कानों से चिपक जाता था। वह अन्य जानवरों को चैन से सोने नहीं देता था।)
Question 6.
Why did Toto throw a plate at grandmother?
(टोटो ने दादी जी पर प्लेट क्यों फेंकी?)
Answer:
One day Toto saw a large plate full of pullao on the dining table. He started eating it. Grandmother came in. When she saw Toto eating rice, she screamed. Toto did not like it. So he threw the plate at grandmother. The plate was broken to pieces.
(एक दिन टोटो ने खाने की मेज पर पुलाव की एक बड़ी प्लेट देखी। उसने इसे खाना आरंभ कर दिया। दादी जी अंदर आई। जब उसने टोटो को चावल खाते देखा, तो वह चिल्लाई। टोटो को यह अच्छा नहीं लगा। इसलिए उसने दादी जी पर प्लेट फेंकी। प्लेट के टुकड़े-टुकड़े हो गए।)
Question 7.
Why was Toto sold back to the tonga-driver?
(टोटो को फिर से तांगा-चालक को क्यों बेच दिया गया?)
Answer:
Grandfather realised that Toto could not be kept for long in house. The family could not bear the frequent loss of dishes, clothes, curtains and wallpapers. At last, grandfather found the tonga-driver. He sold Toto back for only three rupees.
(दादा जी ने महसूस किया कि टोटो को घर में और अधिक समय तक नहीं रखा जा सकता। परिवार प्लेटों, कपड़ों, पदों और दीवारी कागज़ का बार-बार होने वाला नुकसान सहन नहीं कर सकता था। आखिर दादा जी ने तांगा-चालक को ढूँढ लिया। उन्होंने टोटो को उसे फिर से केवल तीन रुपए में बेच दिया।)
Essay Type Questions
Question 1.
Describe in brief, the adventures of Toto, the monkey.
(टोटो बंदर के कारनामों का संक्षिप्त वर्णन करो।)
Answer:
Toto was a pretty monkey. He was very mischievous. Grandfather bought him from a tonga-driver for five rupees. At first, Toto was kept in a little store. It opened into the narrator’s bedroom. Here Toto removed the wallpaper and tore the narrator’s school blazer. Now Toto was transferred to grandfather’s private 200. Here monkey did not allow the animals to sleep in peace at night.
Toto travelled with grandfather to Saharanpur. He was put in a canvas bag. Grandfather had to pay three rupees extra on account of Toto’s ticket. In the stable, Toto gave a lot of trouble to the donkey. Once Toto put himself into the kettle on the fire. When he found the water too hot, he jumped up and down. Grandfather saved him from there. One day, at lunchtime Toto saw a dish of rice on the dining table. He started eating the rice. Then he picked the dish of pullao and ran out. He sat on the jackfruit tree. After eating the rice, he threw the plate and broke it into pieces.
(टोटो एक सुंदर बंदर था। वह बहुत शरारती था। दादा जी ने उसे एक तांगा-चालक से पाँच रुपए में खरीदा था। पहले टोटो को एक छोटे भंडार घर में रखा गया। यह वर्णनकर्ता के शयनकक्ष में खुलता था। यहाँ टोटो ने दीवारी कागज़ उतार दिया और वर्णनकर्ता के स्कूल का कोट फाड़ दिया। अब टोटो को दादा जी के व्यक्तिगत चिड़ियाघर में भेज दिया गया। यहाँ टोटो ने अन्य जानवरों को चैन से सोने नहीं दिया। टोटो ने दादा जी के साथ सहारनपुर तक यात्रा की।
उसे कैनवस के एक थैले में डाला गया। दादा जी को टोटो की टिकट के कारण तीन रुपए अधिक देने पड़े। तबेले में, टोटो ने गधी को बहत परेशान किया। एक बार टोटो ने स्वयं को आग पर रखी केतली में डाल लिया। जब उसे पानी बहत गर्म लगा. तो वह उछलने लगा। दादा जी ने उसको वहाँ से बचाया। एक दिन, दोपहर के खाने के समय टोटो ने खाने की मेज पर चावलों की प्लेट देखी। उसने चावल खाने आरंभ कर दिए। तब यह पुलाव की प्लेट उठाकर बाहर भाग गया। वह कटहल के वृक्ष पर बैठ गया। चावल खाने के बाद, उसने प्लेट फेंक दी और उसे चूर-चूर कर दिया।)
Question 2.
Describe the situation in which grandfather found himself at the Saharanpur railway station.
(उस अवस्था का वर्णन करो जिसमें दादा जी ने स्वयं को सहारनपुर के स्टेशन पर पाया।)
Answer:
Toto’s presence had still not been disclosed to grandmother. The next day, grandfather had to go to Saharanpur to get his pension. He decided to take Toto along with him. He got a big black canvas bag and put Toto into it. The bag was too strong for Toto to bite or tear. Toto remained in the bag as far as Saharanpur.
At the gate, as the ticket-collector was checking grandfather’s ticket, Toto put his head out of the bag and prinned at the ticket-collector. He told the grandfather that there was a dog with him. Grandfather told him that it was not a dog, but a monkey. But the ticket-collector was adamant and charged three rupees extra. Then grandfather showed him his pet tortoise. The ticket-collector said that it was not a dog and hence there would be no ticket for it.
(टोटो की उपस्थिति अभी दादी जी पर उजागर नहीं की गई थी। अगले दिन, दादा जी को अपनी पेंशन लेने सहारनपुर जाना था। उन्होंने टोटो को अपने साथ ले जाने का फैसला किया। उन्होंने काले कैनवस का एक बड़ा थैला लिया और टोटो को उसमें डाल दिया। थैला इतना मजबूत था कि टोटो इसे काट और फाड़ नहीं सकता था। टोटो थैले में सहारनपुर तक रहा।
गेट पर, टिकट-कलेक्टर दादा जी के टिकट की जाँच कर रहा था, टोटो ने अपना सिर थैले में से निकाला और टिकट-कलैक्टर की तरफ दाँत दिखाकर हंसा। उसने दादा जी से कहा कि उनके साथ एक कुत्ता है। दादा जी ने कहा कि यह कुत्ता नहीं, बंदर है। मगर टिकट-कलेक्टर अड़ियल था और उसने तीन रुपए अधिक वसूल लिए। तब दादा जी ने उसे अपना पालतू कछुआ दिखाया। टिकट-कलेक्टर ने कहा कि वह कुत्ता नहीं है, इसलिए इसकी कोई टिकट नहीं लगेगी।)
Question 3.
Describe Toto’s mischief at lunchtime. How did the author’s family get rid of Toto in the end?
(दोपहर के खाने के समय की टोटो की शरारत का वर्णन करो। अंत में परिवार ने उससे कैसे छुटकारा पाया?)
Answer:
Toto’s mind was full of mischiefs. One day at lunchtime, he found a large dish of rice on the dining table. He started eating the rice. When grandmother found Toto eating rice, she screamed. Toto threw a plate at her. An aunt of the narrator came forward. Toto threw a glass of water at her. Then Toto picked the dish of pullao and ran out. He sat on the jackfruit tree. He remained there all the afternoon, eating the rice. After that, he threw the plate and broke it into pieces.
At last, grandfather realised that Toto could not be kept for long in the house. The family could not bear the frequent loss of dishes, clothes, curtains and wallpapers. At last, grandfather found the same tonga-driver. He sold Toto back for only three rupees.
(टोटो का दिमाग शरारतों से भरा हुआ था। एक दिन, दोपहर के खाने के समय उसने खाने के मेज़ पर चावलों की एक बड़ी प्लेट देखी। उसने चावल खाने आरंभ कर दिए। जब दादी जी ने टोटो को चावल खाते देखा, तो वे चिल्लाई। टोटो ने एक प्लेट उनकी तरफ फेंकी। वर्णनकर्ता की एक चाची आगे आई। टोटो ने उस पर पानी का एक गिलास फेंक दिया। तब टोटो ने पुलाव की प्लेट उठाई और बाहर भाग गया। वह कटहल के वृक्ष पर बैठ गया। वह पूरी दोपहर तक वहाँ बैठा रहा और चावल खाता रहा। उसके बाद, उसने प्लेट फेंक दी और यह टूटकर चूर-चूर हो गई।
आखिर में, दादा जी ने महसूस किया कि टोटो को अधिक देर तक घर में नहीं रखा जा सकता। परिवार प्लेटों, कपड़ों, पदों और दीवारी कागज़ के बार-बार होने वाले नुकसान को सहन नहीं कर सकता था। आखिर में, दादा जी ने उसी तांगा-चालक को हँढ लिया। उन्होंने टोटो को वापस उसे केवल तीन रुपए में बेच दिया।)
Multiple Choice Questions
Question 1.
From herr dId the Grandfather buy ibto?
(A) from a zoo
(B) from a tonga-driver
(C) from his friend
(D) from a humer
Answer:
(B) from a tonga-diiver
Question 2.
Whal seas Toto?
(A) dog
(B) bear cub
(C) monkey
(D) lamb
Answer:
(C) monkey
Question 3.
How much did Toto cost the Grandfather?
(A) five rupees
(B) ten rupees
(C) hundred rupees
(D) one thousand rupees
Answer:
(A) five rupees
Question 4.
What serses as a third hand to a monkey?
(A) his mouth
(B) his tail
(C) his legs
(D) his teeth
Answer:
(B) his tail
Question 5.
Why did Grandfather keep Toto’s presence a seat In the how?
(A) he wanted to give a surprise to everyone
(B) Grandmother would not like him in the family
(C) he wanted to sell that monkey in a couple of days
(D)none of these
Answer:
(B) Grandmother would not like him in the family
Question 6.
What happened to the ornamental papers that covered the walls?
(A) were torn by Toto
(B) Toto made them more beautiful
(C) remained asitu asthey were
(D) none of these
Answer:
(A) were torn by Toto
Question 7.
Where was Toto tied?
(A) to a window
(B) to the authors bedroom
(C) to a peg in the wail
(D) to the door
Answer:
(C) to a peg in the wall
Question 8.
What did Toto tear Into shreds?
(A) the author’s school bag
(B) the auth&s school blazer
(C) the author’s pant
(D) all these things
Answer:
(B) the author’s school blazer
Question 9.
Which animal was not available in Grandfather’s private zoo?
(A) agoni
(B) a tortoise
(C) a squirrel
(D) a tiger
Answer:
(D) a tiger
Question 10.
How did Ibto prove to other animals?
(A) friendly
(B) troublesome
(C) soothing
(D) careful
Answer:
(B) troublesome
Question 11.
Why did Grandfather go to Saharanpur?
(A) to attend a wedding
(B) to visit the zoo
(C) to collect his pension
(D) to visit his friend’s house
Answer:
(C) to collect his pension
Question 12.
In which cIty did the author and his Grandfather live?
(A) Debra Dun
(B) Allahabad
(C) Saharanpur
(D) Nainital
Answer:
(A) Debra Dun
Question 13.
Who went along with Grandfather?
(A) the author
(B) Toto and the tortoise
(C) the author’s Grandmother
(D) he went alone
Answer:
(B) Toto and the tortoise
Question 14.
Where did Grandfather put Toto on his journey to Saharanpur?
(A) in his pocket
(B) in a wooden box
(C)in a canvas bag
(D) macage
Answer:
(C) in a canvas bag
Question 15.
How did the &ket.collector classify Toto?
(A) a dog
(B) a small child
(C) a grown up man
(D) a bag of luggage
Answer:
(A) a dog
Question 16.
What fare did the &ket.collector charge from Grandfather as the ticket of Toto?
(A) two rupees
(B) three rupees
(C) four rupees
(D)five rupees
Answer:
(B) three rupees
Question 17.
Who was Nana?
(A) donkey
(B) dog
(C) bear cub
(D) Grandfather’s cook
Answer:
(A) donkey
Question 18.
Which other animal except Toto did accompany Grandfather to Saharanptw?
(A) Nana
(B) dog
(C) tortoise
(D) pet cat
Answer:
(A) Nana .
Question 19.
What had Thto done to Nana?
(A) fastened his teeth on her cars
(B) let her loose
(C) ate all her hay
(D) made fncndship with her
Answer:
(A) fastened his teeth on her ears
Question 20.
What sort of a relationship was there between Toto and Nana?
(A) they were fast friends
(B) they never became friends
(C) they enjoyed their relation alot
(D) none of these
Answer:
(B) they never became friends