Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम
Haryana Board 9th Class Hindi Vyakaran सर्वनामHBSE 9th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम
सर्वनाम
प्रश्न 1. सर्वनाम की परिभाषा देते हुए उसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ है-सब का नाम। व्याकरण में सर्वनाम ऐसे शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सबके लिए (नामों) किया जाए। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसेमैं, हम, तू, तुम, वह, वे आदि।
सर्वनाम का भाषा में बहुत महत्त्व है। सर्वनाम के प्रयोग के द्वारा भाषा की सरलता एवं सुंदरता में वृद्धि होती है। भाषा में पुनरावृत्ति के दोष को सर्वनाम के प्रयोग द्वारा दूर किया जा सकता है; यथा-
राम सुबह शीघ्र उठता है। राम स्कूल समय पर जाता है। राम कल रोहतक गया था।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘राम’ शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है जो उपयुक्त नहीं है। अतः ‘राम’ के स्थान पर उसके सर्वनाम का प्रयोग करने पर भाषा में सरलता एवं शुद्धता की अभिवृद्धि होगी; यथा-
राम सुबह शीघ्र उठता है। वह स्कूल समय पर जाता है। वह आज रोहतक गया है।
प्रश्न 2. सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? प्रत्येक की सोदाहरण परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
सर्वनाम के छह भेद माने जाते हैं। जो इस प्रकार हैं
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम,
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम,
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम,
(4) संबंधवाचक सर्वनाम,
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम,
(6) निजवाचक सर्वनाम।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम:
बोलने वाले, सुनने वाले तथा जिनके विषय में कुछ कहा जाए, वे सर्वनाम पुरुषवाचक होते हैं; जैसे मैं, तुम, वह आदि। ये सर्वनाम (नर एवं नारी) पुरुष के लिए प्रयुक्त होते हैं। इसलिए इन्हें पुरुषवाचक सर्वमान कहा जाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन उपभेद होते हैं
(i) उत्तम पुरुषवाचक-लेखक या वक्ता अपने लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे मैं, हम, मुझको, मेरा, हमारा आदि।
(ii) मध्यम पुरुषवाचक-पाठक या श्रोता के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाए, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे तुम, तुम्हारा, आप, आपका, तू आदि।
(iii) अन्य पुरुषवाचक-अपने तथा श्रोता के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; यथा वह, वे, यह, ये, उनको, आदि।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम:
जिन सर्वनामों से किसी समीप या दूर के प्राणी अथवा पदार्थ का निश्चयात्मक संकेत मिलता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वमान कहते हैं; यथा यह, ये, वह, वे, इस, इन, इन्हें, इन्होंने आदि।
(क) निकटवर्ती यह, ये, इस, इन।
(ख) दूरवर्ती वह, वे।
उदाहरणार्थ-
(क) यह यहाँ खेल रहा है।
(ख) वह वहाँ चला गया।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम:
जिन सर्वनामों से किसी निश्चित पदार्थ या व्यक्ति का बोध न हो, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वमान कहते हैं; यथा कोई, कुछ, किसी, किन्हीं, कुछ भी, सब कुछ, कुछ-न-कुछ, हर कोई, कोई-न-कोई आदि। जैसे
(क) कल कोई आया था।
(ख) खाने के लिए कुछ दीजिए।
4. संबंधवाचक सर्वनाम:
जिन सर्वनामों से संज्ञा के संबंधों का बोध हो, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे जो, सो, जिसे, उसे आदि। उदाहरणार्थ निम्नांकित वाक्य देखिए
(क) जो परिश्रम करेगा सो फल भी पाएगा।
(ख) आप जो कहें ठीक है।
(ग) जिसकी लाठी उसकी भैंस।
(घ) यह वही है जिसने तुम्हारा पैन चुराया था।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम-जिन सर्वनामों से प्रश्नों का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे कौन, क्या, किन, किनसे, किन्हें आदि। उदाहरणार्थ ये वाक्य देखिए
(क) दरवाजे पर कौन है?
(ख) आप ने क्या माँगा है?
(ग) आपको किससे मिलना है?
(घ) ये पुस्तकें किन्हें चाहिएँ?
6. निजवाचक सर्वनाम जो सर्वनाम कर्ता के स्वयं के लिए प्रयुक्त हो, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे अपना, अपने, अपनी आदि। उदाहरणार्थ ये वाक्य देखिए
(क) अपनी पुस्तक ले जा रहा हूँ।
(ख) हमें अपने देश के लिए कुछ करना चाहिए।
(ग) हमें अपना कर्तव्य कभी नहीं भूलना चाहिए।
सर्वनाम की रूप-रचना
प्रश्न 3. सर्वनाम की रूप-रचना कितने प्रकार से होती है?
उत्तर:
सर्वनाम की रूप-रचना को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
(1) पुरुषवाचक-मैं, तुम।
(2) निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक एवं संबंधवाचक।
(3) अनिश्चयवाचक।
(4) निजवाचक।
रूपावली वर्ग-1
(क) मैं (उत्तम पुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | मैं, मैंने | हम, हमने |
करण | मुझे, मुझको | हमें, हमको |
संप्रदान | मुझसे | हमसे |
अपादान | मुझे, मेरे लिए | हमें, हमारे लिए। |
संबंध | मुझसे | हमसे |
अधिकरण | मेरा, मेरे, मेरी | हमारा, हमारे, हमारी |
(ख) तू (मध्यम पुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | तू, तूने | तुम, तुमने |
करण | तुझको, तुझे | तुमको, तुम्हें |
संप्रदान | तुझको, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे द्वारा |
अपादान | तुझको, तेरे लिए, तुझे | तुझको, तुम्हारे लिए |
संबंध | तुझसे | तुमसे, तुम्हें |
अधिकरण | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे |
(ग) वह (अन्य पुरुष)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्ता | वह, उससे | वे, उन्होंने |
करण | उसे, उसको | उन्हें, उनको |
संप्रदान | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा |
अपादान | उसको, उसे, उसके लिए | उनको, उन्हें, उनके लिए |
संबंध | उससे | उनसे |
अधिकरण | उसका, उसकी, उसके | उनका, उनकी, उनके |
रूपावली वर्ग-2
निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक तथा संबंधवाचक

रूपावली वर्ग-3
अनिश्चयवाचक
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन |
मूल | कोई | कोई |
तिर्यक/संबंधवाची | किसी | किन्हीं |
रूपावली वर्ग-4
निजवाचक
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन |
मूल/तिर्यक/संबंधवाची | (अपने) आप | (अपने) आप |
(नोट-कुछ का रूप वही रहता है।)
टिप्पणी:
(1) सर्वनाम में लिंग के अनुसार रूप में परिवर्तन नहीं होते। उदाहरणार्थ निम्नलिखित वाक्य देखिए(क) गाय भीतर आ गई, वह पौधे तोड़ देगी। (ख) गधा भीतर आ गया, वह पौधे तोड़ देगा। यहाँ दोनों वाक्यों में ‘वह’ सर्वनाम का प्रयोग हुआ है। लिंग का बोध क्रिया से होता है न कि सर्वनाम से।
(2) रूपावली के अनुसार उत्तम पुरुष एकवचन ‘मैं’ है किंतु कुछ स्थितियों में उत्तम पुरुष एकवचन अपने लिए ‘हम’ सर्वनाम का भी प्रयोग करता है। जैसे
(क) हम कल विद्यालय जाएँगे।
(ख) मैं कल विद्यालय जाऊँगा।
(3) रूपावली के अनुसार मध्यम पुरुष एकवचन ‘तू’ है किंतु कभी-कभी इसका विशेष प्रयोग प्यार-दुलार, अति आत्मीयता तथा कभी-कभी हीनता दिखाने के लिए भी किया जाता है।
(4) एकवचन ‘कुछ’ परिमाणबोधक है किंतु बहुवचन ‘कुछ’ संख्याबोधक है।
(5) मुझ, हम, तुझ, तुम, इस, इन, उस, उन, किस, किन में निश्चयार्थी ‘ई’ (ही) के योग से निश्चयार्थक रूप बन जाते हैं।
जैसे-
(क) मुझ को चार रुपए चाहिएँ।
(ख) उसी से मैं यह पुस्तक लाया हूँ।
(ग) रमेश उन्हीं का बेटा है।
(घ) मुझे तुम्हीं से मिलना है।
सर्वनामों के पुनरुक्ति रूप
कुछ सर्वनाम पुनरुक्ति के साथ प्रयोग में आते हैं। ऐसी स्थिति में उनके अर्थ में कुछ विशिष्टता उत्पन्न हो जाती है। कुछ सर्वनाम संयुक्त रूप में भी प्रयुक्त होते हैं। जैसे-जो, कोई आदि। सर्वनामों की पुनरुक्ति प्रयोगों के कुछ उदाहरण निम्नांकित हैं-
जो-जो-जो-जो – आए, उसे खिलाओ।
कोई-कोई-कोई-कोई – तो बिना बात ही बहस करते हैं।
क्या-क्या-आपने – वहाँ क्या-क्या देखा ?
कौन-कौन-कौन-कौन – आ रहा है?
किस-किस-किस-किस – कमरे में छात्र बीमार हैं?
कुछ-कुछ-अब कुछ-कुछ – याद आ रहा है।
कोई-न-कोई-जाओ, वहाँ कोई-न-कोई तो मिल ही जाएगा।
कुछ-न-कुछ-कुछ-न-कुछ – करते ही रहना चाहिए।
जो कोई-जो कोई आए, उसे रोक लो।
जो कुछ जो कुछ – मिले, रख लो।
अपना-अपना-अपना-अपना – बस्ता उठाओ और घर जाओ।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सर्वनामों की रचना कितने प्रकार से होती है ?
उत्तर:
सर्वनामों की रचना चार प्रकार से होती है
(1) पुरुषवाचक,
(2) निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक एवं सम्बन्धवाचक।
(3) अनिश्चयवाचक,
(4) निजवाचक।
प्रश्न 2. निम्नलिखित गद्यांश में से पुरुषवाचक सर्वनाम छाँटिए और उन्हें पुरुषवाचक के भेदों के अनुसार लिखिए
“मेरा बेटा अभी दिल्ली में है। उसका मकान बहुत बड़ा है। तुम दिल्ली जाना तो उससे जरूर मिलना। वह तुमसे मिलकर बहुत खुश होगा। मैं दिल्ली जाकर मोहन से मिला। उसने मुझे अपना घर दिखाया। उसकी पत्नी ने मुझसे पूछा, “नमस्ते, आप कैसे हैं ?” मोहन ने पूछा, “आप कौन-से कमरे में रहेंगे। घर में कुछ कमरे ही हवादार हैं।” मैंने कहा, “हमारा शहर छोटा है। हमारे घर में तो कोई भी कमरा हवादार नहीं है।”
उत्तर:
उत्तम पुरुष | मध्यम पुरुष | अन्य पुरुष |
मैं | तुम | उससे |
मुझे | तुमसे | वह |
मुझसे | आप | उसने |
मैंने। |
प्रश्न 3. नीचे दिए गए वाक्यों में क्रिया रूप को शुद्ध मानते हुए सही सर्वनामों का प्रयोग कीजिए
1. क्या तुम पत्र लिख चुके हैं ?
2. तू आज मेरे साथ फिल्म देखने चलो।
3. आप सब कुछ भूल चुका हूँ।
4. तू परीक्षा दे चुके हैं।
5. क्या आप दूध लाए हो ?
उत्तर:
1. क्या आप पत्र लिख चुके हैं ? अथवा क्या वे पत्र लिख चुके हैं ?
2. तुम आज मेरे साथ फिल्म देखने चलो।
3. मैं सब कुछ भूल चुका हूँ।
4. वे परीक्षा दे चुके हैं।
5. क्या तुम दूध लाए हो ?
प्रश्न 4. ‘आप’ शब्द का प्रयोग आदरार्थ मध्यम पुरुष और निजवाचक सर्वनाम में कीजिए।
उत्तर:
(1) आदरार्थ मध्यम पुरुष के रूप में
(क) भाई साहब, आप कुर्सी पर बैठिए।
(ख) आपने खाना नहीं खाया ?
(2) निजवाचक सर्वनाम के रूप में
(क) मैं अपना सामान आप उठा सकता हूँ।
(ख) वह अपना काम आप कर लेगा।
प्रश्न 5. निम्नलिखित रिक्त स्थानों में उचित सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कीजिए
श्रीमान जी, …………. बड़ी दूर से ……….. पास पढ़ने आया हूँ। ………… भी …………. का शिष्य बनना चाहता हूँ। ………….. मेरे मित्र ने आपके पास भेजा है। ………….. दस वर्ष तक …………… से शिक्षा ग्रहण की है। …………… आपकी बहुत प्रशंसा करता है। कृपया …….. शरण में ले लें।
उत्तर:
श्रीमान जी, मैं बड़ी दूर से आपके पास पढ़ने आया हूँ। मैं भी आप का शिष्य बनना चाहता हूँ। मुझे मेरे मित्र ने आपके पास भेजा है। उसने दस वर्ष तक आप से शिक्षा ग्रहण की है। वह आपकी बहुत प्रशंसा करता है। कृपया मुझे शरण में ले लें।
प्रश्न 6. निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त सर्वनामों को छाँटकर लिखिए-
1. बाज़ार से कुछ लाओ।
2. रास्ते में महात्मा जी मिल गए थे; उनसे बातचीत होती रही।
3. किताब खुली पड़ी है; इसे उठाओ।
4. जिसकी लाठी उसकी भैंस।
5. हमारे विद्यालय में पचास अध्यापक हैं।
6. जिसने बच्चे को डूबने से बचाया है उसे इनाम मिलेगा।
7. इस कमरे में किसका सामान पड़ा है।
8. आज राम की माता जी आई हैं, मैंने उन्हें प्रणाम किया।
9. पानी में क्या पड़ गया?
10. तुम्हारे पास कितनी पुस्तकें हैं?
उत्तर:
1. कुछ
2. उनसे
3. इसे
4. जिसकी, उसकी
5. हमारे
6. जिसने, उसे
7. किसका
8. मैंने
9. क्या
10. तुम्हारे, कितनी।