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Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
  3. एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
  5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
  7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर:

  1. सूमा के तालाब में तैरने पर कार्य हो रहा है, क्योंकि वह बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।
  2. एक गधे द्वारा पीठ पर बोझा उठाने से कार्य नहीं हुआ माना जाता है क्योंकि उसका विस्थापन शून्य है।
  3. किसी पवन चक्की द्वारा कुएँ से पानी उठाने में कार्य हुआ माना जाता है ककि वह बल की दिशा में विस्थापित होती है।
  4. किसी हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होने पर कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि विस्थापन शून्य है।
  5. ट्रेन को खींच रहे इंजन की दशा में कार्य हुआ माना जाता है क्योंकि ट्रेन इंजन की दिशा में विस्थापित हो रही होती है।
  6. अनाज के दानों के सूर्य की धूप में सूखने पर किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इस दशा में भी विस्थापन शून्य होता है।
  7. जो पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है उसके द्वारा किया गया कार्य माना जाता है क्योंकि पाल-नाव वायु द्वारा बल लगाने पर बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।

प्रश्न 2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि पिंड का विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक बैटरी द्वारा बल्ब जलने पर रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। हल यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 20 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 2 ms-1
वस्तु की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा (E1) = 1/2 mu2
1/2 x 20 x (5)2
= 250 J
वस्तु की अंतिम गतिज ऊर्जा (E2) = 1/2 m (v)2
1/2 x 20 (2)2J
= 40 J
अतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= E1 – E2
= 250 J – 40 J = 210 J उत्तर

प्रश्न 5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर Aबिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 10 kg
गुरुत्व बल (g) = 9.8 ms-2
ऊँचाई (h) = 0
:. गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य (W) = mgh
= 10 x 9.8 x 0
= 0 उत्तर
अतः गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है क्योंकि विस्थापन क्षैतिज है।

प्रश्न 6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।
उत्तर:
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है, परंतु यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है क्योंकि यह ऊर्जा गतिज ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होती रहती है। पृथ्वी के बिल्कुल निकट पूर्ण स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में बदल जाती है तथा पृथ्वी पर पहंचते ही फिर स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
उत्तर:
जब हम साइकिल चलाते हैं तो हमारी मांसपेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है तथा मांसपेशीय ऊर्जा हमें भोजन से रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होने के बाद प्राप्त होती है।

प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
उत्तर:
जब हम अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण घर्षण के विरुद्ध नष्ट हो जाता है जिस कारण किया गया कार्य शून्य माना जाता है।

प्रश्न 9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 “यूनिटें” व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
व्यय ऊर्जा = 250 यूनिट
= 250 kWh
= 250 x 1000 W x 3600 s
= 900000000 ws
= 9 x 10°J उत्तर

प्रश्न 10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g= 10 ms-2)
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg
पिंड की पृथ्वी से ऊँचाई (h) = 5 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
पिंड की स्थितिज ऊर्जा (w) = mgh
= 40 x 5 x 10 J
= 2000 J
जब पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो आधे रास्ते में पिंड की आधी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाएगी। इसलिए आधे रास्ते में पिंड की गतिज ऊर्जा = 2000/2 = 1000 J होगी। उत्तर

प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाएगा क्योंकि दोनों का विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
किसी पिंड पर बल की अनुपस्थिति में विस्थापन नहीं हो सकता है क्योंकि विस्थापन हमेशा असंतुलित बल के कारण होता है।

प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
मनुष्य द्वारा भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहने से किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इसमें विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 14. एक विद्युत-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा ?
हल:
यहाँ पर
विद्युत-हीटर की शक्ति (P) = 1500 w
समय (t) = 10 घंटे
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
15000/1000
= 15 kWh उत्तर

प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
गोलक अथवा पेंडुलम को जब हम उसकी मध्य स्थिति से एक ओर, माना बाईं ओर कुछ ऊपर तक ले जाते हैं तो हमारे द्वारा किया गया कार्य उसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।

जब गोलक को छोड़ दिया जाता है तो बाएँ-से-दाएँ से मध्य स्थिति तक पहुँचते-पहुँचते गोलक की सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। यह गतिज ऊर्जा गोलक को दाईं ओर उसी ऊँचाई तक ले जाती है जिससे उसकी गतिज ऊर्जा फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण गोलक फिर से दाएँ से मध्य स्थिति की ओर गति करने लगता है। यह क्रम चलता रहता है तथा गोलक या पेंडुलम से दाएँ-बाएँ गति करता रहता है।

कुछ समय पश्चात् गोलक विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि इस पर वायु का घर्षण बल कार्य करता है जिसके विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा नष्ट होती रहती है। यह ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं है।

प्रश्न 16. m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है, इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा 1/2 mv2 है। इसे विराम अवस्था में लाने के लिए गतिज ऊर्जा जितना कार्य करना पड़ेगा।

प्रश्न 17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/n के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1500kg
कार का वेग (v) = 60 km/h
60×1000/3600 ms-1
50/3 ms-1
अतः कार की गतिज ऊर्जा
1/2 mv2
= 2 x 1500 x 50/3 x 50/3 J
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
15000/1000 kWh
= 15 kWh उत्तर

प्रश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।

उत्तर:
प्रथम अवस्था में किया गया कार्य शून्य है, दूसरी अवस्था में धनात्मक तथा तीसरी अवस्था में ऋणात्मक है।

प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
उत्तर:
हाँ, हम सोनी की बात से सहमत हैं, क्योंकि जब किसी वस्तु पर कई संतुलित बल लग रहें हो तो बल का कुल प्रभाव शून्य हो जाता है अर्थात् F= 0 इससे पता चलता है कि ma = 0, परंतु कभी शून्य नहीं होता। इसलिए त्वरण शून्य हो सकता है।

प्रश्न 20. चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
हल:
यहाँ पर चार युक्तियों की कुल शक्ति (P) = 500 W x 4
= 2000 w
समय (t) = 10 घंटे
व्यय ऊर्जा = शक्ति समय
= 2000 W x 10h
= 20000 Wh
20000/1000 kWh
= 20kWh उत्तर

प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?
उत्तर:
इसकी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Intext Questions and Answers

(पृष्ठ संख्या-164)

प्रश्न 1. किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र 11.1)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?

हल-यहाँ पर
बल (F) = 7N
विस्थापन (s) = 8 m
किया गया कार्य (W) = ?
किया गया कार्य (w) = बल (F) x विस्थापन (s)
= 7 x 8 N.m
= 56 J उत्तर

(पृष्ठ संख्या-165)

प्रश्न 1. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु विस्थापित हो तो कार्य किया गया माना जाता है, अर्थात्
किया गया कार्य (W) = बल (F) – विस्थापन (s)

प्रश्न 2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो कार्य का व्यंजक निम्नलिखित होगा
किया गया कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (s)
अर्थात् जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।

प्रश्न 3. 1J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित हो तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल कहलाता है। अर्थात्
1 J = 1 N x 1 m

प्रश्न 4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
हल-यहाँ पर
बल (F) = 140 N
विस्थापन (s) = 15 m
:. किया गया कार्य (w) = F x s
= 140 x 15 N.m.
= 2100 J उत्तर

(पृष्ठ संख्या – 169)

प्रश्न 1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे v वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 1/2 mv2 के बराबर होती है।

प्रश्न 2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो। उत्तर-m द्रव्यमान तथा एक समान वेग v से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान निम्नलिखित होगा
गतिज ऊर्जा (E) = 1/2 mv2

प्रश्न 3. 5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 Jहै। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
उत्तर:
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है। यदि इसके वेग को दो गुना (10 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (22) चार गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 100 J हो जाएगी। परंतु यदि इसके वेग को तीन गुना (15 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (32) नौ गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 225 J हो जाएगी।

(पृष्ठ संख्या – 174)

प्रश्न 1. शक्ति क्या है?
उत्तर:
कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं। यदि कोई अभिकर्ता (एजेंट) t समय में W कार्य करता हो तो उसकी शक्ति का मान होगा
HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा img-3
शक्ति का मात्रक वाट (W) है।

प्रश्न 2. 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1 वाट उस अभिकर्ता की शक्ति होती है जो 1 सेकंड में 1 जूल कार्य करता है अर्थात्

प्रश्न 3. एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?
हल-यहाँ पर
किया गया कार्य (W) = 1000 J
समय (t) = 10s
शक्ति (P) = ?
हम जानते हैं कि
P = W/t
1000/10 Js-1
= 100 W (वाट) उत्तर

प्रश्न 4. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कुल उपयोग हुई ऊर्जा और कुल दिए गए समय के अनुपात को, औसत शक्ति कहते हैं अर्थात्

Haryana Board 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कार्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाए और वस्तु बल की दिशा में गति करे तो हम कहेंगे कि कार्य हुआ है।

प्रश्न 2.
कार्य की मात्रा किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
कार्य की मात्रा लगाए गए बल तथा तय की गई दूरी पर निर्भर करती है।

प्रश्न 3.
कार्य का सूत्र क्या है?
उत्तर:
कार्य = बल x विस्थापन।

प्रश्न 4.
कार्य का मात्रक क्या है?
उत्तर:
कार्य का मात्रक न्यूटन मीटर (जूल) है।

प्रश्न 5.
ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 6.
यांत्रिक ऊर्जा कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है-

  • गतिज ऊर्जा
  • स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 7.
स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी स्थिति अथवा आकार में परिवर्तन के कारण ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 8.
ऊँचाई पर उड़ते हुए वायुयान में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?
उत्तर:
स्थितिज तथा गतिज-दोनों प्रकार की ऊर्जा।

प्रश्न 9.
पहाड़ी की चोटी पर रखे पत्थर में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 10.
यांत्रिक ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 11.
बंदूक से निकली गोली में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा।

प्रश्न 12.
गतिज ऊर्जा का सूत्र लिखो।
उत्तर:
गतिज ऊर्जा = 1/2 mv² [जहाँ m → द्रव्यमान तथा v → वेग]

प्रश्न 13.
स्थितिज ऊर्जा का सूत्र लिखो।
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा = mgh [जहाँ m → द्रव्यमान तथा g→ गुरुत्वीय त्वरण तथा h → ऊँचाई]

प्रश्न 14.
ऊर्जा संरक्षण का नियम क्या है?
उत्तर:
इस नियम के अनुसार किसी भी प्रकार की ऊर्जा को न उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। उसका केवल रूप परिवर्तित किया जा सकता है या किसी एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित किया जा सकता है।

प्रश्न 15.
कार्य करने से वस्तु की ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जब कोई वस्तु कार्य करती है तो उसकी ऊर्जा में कुछ कमी हो जाती है।

प्रश्न 16.
जब कोई व्यक्ति अपने सिर पर 10 kg बोझ उठाकर क्षैतिज सड़क पर 50 मीटर चलता है तो उसके द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 17.
हमारे शरीर को ऊर्जा कहाँ से मिलती है?
उत्तर:
हमारे द्वारा खाए गए भोजन से।

प्रश्न 18.
हरे पौधे किस ऊर्जा का उपयोग करते हैं?
उत्तर:
सौर ऊर्जा का।

प्रश्न 19.
वायु ऊर्जा का कोई एक महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखो।
उत्तर:
वायु ऊर्जा का उपयोग पवन चक्कियों द्वारा आटा पीसने में किया जाता है।

प्रश्न 20.
ऊर्जा के किन्हीं दो प्राकृतिक स्रोतों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. सूर्य
  2. पानी।

प्रश्न 21.
ऊर्जा के किन्हीं चार रूपों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. यांत्रिक ऊर्जा
  2. रासायनिक ऊर्जा
  3. प्रकाश ऊर्जा
  4. ध्वनि ऊर्जा।

प्रश्न 22.
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किए गए कार्य के कारण वस्तु में संचित ऊर्जा को गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 23.
प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी आकृति में परिवर्तन के कारण संचित ऊर्जा प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहलाती है; जैसे खिंचे हुए रबड़ बैंड में।

प्रश्न 24.
जब दो पत्थर आपस में टकराते हैं तो चिंगारी क्यों उत्पन्न होती है?
उत्तर:
क्योंकि पत्थरों की गतिज ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

प्रश्न 25.
तीर अपनी गतिज ऊर्जा किस प्रकार प्राप्त करता है?
उत्तर:
तीर कमान में संचित स्थितिज ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में रूपांतरित कर लेता है।

प्रश्न 26.
ऊर्जा तथा त्वरण में से कौन-सी राशि सदिश है?
उत्तर:
त्वरण सदिश राशि है।

प्रश्न 27.
एक पिंड ऊपर की ओर ऊर्ध्वाधर दिशा में फेंका जाता है, स्पष्टतः इसकी गति घटती रहती है। इसकी गतिज ऊर्जा कम होगी तो उच्चतम बिंदु पर पहुँचकर इसकी गति क्या होगी?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 28.
उस संयंत्र का नाम लिखो जो विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
उत्तर:
विद्युत् मोटर।

प्रश्न 29.
जल विद्युत् शक्ति केंद्र में किस प्रकार की ऊर्जा का किस प्रकार की ऊर्जा में परिवर्तन होता है?
उत्तर:
जल की गतिज ऊर्जा का विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 30.
शक्ति किसे कहते हैं? इसकी इकाई क्या है?
उत्तर:
कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। इसकी इकाई वाट है।

प्रश्न 31.
यदि किसी वस्तु का वेग तीन गुना कर दिया जाए तो उसकी गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
वस्तु की गतिज ऊर्जा नौ गुना बढ़ जाएगी।

प्रश्न 32.
तने हुए स्प्रिंग में किस प्रकार की ऊर्जा होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 33.
बांध के जलाशय में एकत्रित हुए पानी में कौन-सी ऊर्जा होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 34.
घड़ी के स्प्रिंग में कैसी ऊर्जा समाहित होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा जो घड़ी की सुइयों को गतिज ऊर्जा प्रदान करती है।

प्रश्न 35.
दौड़ रही गाड़ी में कौन-सी ऊर्जा होती है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा।

प्रश्न 36.
यदि किसी वस्तु की ऊँचाई को दुगुना कर दिया जाए तो उसकी स्थितिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
इसकी स्थितिज ऊर्जा दुगुनी हो जाएगी।

प्रश्न 37.
एक किलोवाट तथा वाट में क्या संबंध है?
उत्तर:
1 किलोवाट = 1000 वाट।

प्रश्न 38.
हथेलियों को परस्पर रगड़ने से वे गर्म क्यों हो जाती हैं?
उत्तर:
क्योंकि हथेलियों की गतिज ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

प्रश्न 39.
एक किलोग्राम पत्थर के किसी टुकड़े को एक मीटर ऊँचाई तक उठाने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
9.8 जूल [∵ W = m.g.h = 1 x 9.8 x 1 = 9.8 जूल]

प्रश्न 40.
एक आदमी और उसका बेटा एक समान वेग से दौड़ रहे हैं। अगर आदमी का द्रव्यमान बेटे से दुगुना हो तो उन दोनों की गतिज ऊर्जा में क्या अनुपात होगा?
उत्तर:
2 : 1 [∵ गतिज ऊर्जा = 1/2 mv² तथा V समान हैं]

प्रश्न 41.
पाल नाव किस प्रकार की ऊर्जा से चलती है?
उत्तर:
पाल नाव वायु की गतिज ऊर्जा से चलती है।

प्रश्न 42.
जब किसी वस्तु में 10 जूल कार्य करने की क्षमता हो तो उसकी ऊर्जा क्या होगी?
उत्तर:
10 जूल।

प्रश्न 43.
दैनिक जीवन में शक्ति के कौन-से अपवर्त्य मात्रक प्रयोग होते हैं?
उत्तर:
किलोवाट तथा मैगावाट।

प्रश्न 44.
एक अश्व शक्ति में कितने वाट होते हैं?
उत्तर:
एक अश्व शक्ति में 746 वाट होते हैं।

प्रश्न 45.
एक किलोवाट घंटा ऊर्जा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
एक किलोवाट शक्ति के स्रोत द्वारा 1 घंटे में खर्च की गई ऊर्जा एक किलोवाट घंटा कहलाती है।

प्रश्न 46.
एक किलोवाट घंटा का जूल से क्या संबंध है?
उत्तर:
1 किलोवाट घंटा = 36,00,000 जूल।

प्रश्न 47.
मनुष्य सीढ़ियाँ चढ़ते समय किस ऊर्जा का उपयोग करता है?
उत्तर:
पेशीय ऊर्जा का।।

प्रश्न 48.
हमारे शरीर में भंडारित ऊर्जा का क्या रूप है?
उत्तर:
रासायनिक ऊर्जा।

प्रश्न 49.
निम्नलिखित में से किस गतिविधि में मनुष्य को सबसे कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है?
(1) तैरने में
(2) चलने में
(3) सोने में
(4) तेज दौड़ने में।
उत्तर:
(3) सोने में।

प्रश्न 50.
सरल लोलक क्या है?
उत्तर:
सरल लोलक धातु का बना एक गोला होता है, जिसे भारहीन डोरी की सहायता से लटकाया जाता है।

प्रश्न 51.
सरल लोलक जब अपने चरम-बिंदु पर होता है तो उसमें कौन-सी ऊर्जा होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 52.
मध्य स्थिति में लोलक में कौन-सी ऊर्जा होती है?
उत्तर:
गतिज ऊर्जा।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कार्य से आप क्या समझते हैं? इसे कैसे मापा जाता है? कार्य का मात्रक क्या है?
उत्तर:
किसी वस्तु पर बल लगाने से बल के क्रिया-बिंदु का गति करना कार्य कहलाता है। कार्य को बल तथा बल दिशा में वस्तु द्वारा चली गई दूरी के गुणनफल द्वारा मापा जाता है।

अर्थात् किया गया कार्य = बल x बल की दिशा में चली गई दूरी
या W = F x s
कार्य एक सदिश राशि है। कार्य की इकाई न्यूटन मीटर अथवा जूल (J) है।

प्रश्न 2.
ऊर्जा किसे कहते हैं? इसके मात्रक का नाम तथा परिभाषा लिखो। इसके विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। इसके मात्रक का नाम भी जूल है।

जूल-एक न्यूटन बल लगाने पर यदि कोई वस्तु बल की दिशा में एक मीटर तक विस्थापित हो जाए तो किया गया कार्य एक जूल कहलाता है।

ऊर्जा के विभिन्न रूप-

  • यांत्रिक ऊर्जा
  • ऊष्मीय ऊर्जा
  • रासायनिक ऊर्जा
  • विद्युत् ऊर्जा
  • नाभिकीय ऊर्जा
  • प्रकाशीय ऊर्जा
  • परमाणु ऊर्जा
  • चुंबकीय ऊर्जा
  • ध्वनि ऊर्जा
  • सौर ऊर्जा।

प्रश्न 3.
उदाहरण देकर बताएँ कि गतिशील वस्तुओं में कार्य करने की क्षमता होती है।
उत्तर:

  • गतिशील कंचे में स्थिर कंचे को विस्थापित करने (कार्य करने) की क्षमता होती है।
  • गतिशील वायु पवन चक्की की पंखुड़ियों को घुमाकर कार्य कर सकती है।
  • गतिशील पानी भी कई प्रकार की वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहाकर ले जाता है।
  • गतिशील वायु पाल नाव को चलाने में सहायक होती है। अतः हम कह सकते हैं कि गतिशील वस्तुओं में कार्य करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 4.
स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा से क्या तात्पर्य है? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी स्थिति अथवा आकृति में परिवर्तन के कारण उत्पन्न ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
उदाहरण-

  • मेज पर पड़ी पुस्तक में उसकी स्थिति के कारण स्थितिज ऊर्जा होती है।
  • चाबी भरी हुई घड़ी की कमानी में संरूपण के कारण स्थितिज ऊर्जा होती है। गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं।

उदाहरण-

  • चलती हुई वायु में गतिज ऊर्जा होती है।
  • बहते हुए पानी में गतिज ऊर्जा होती है।

प्रश्न 5.
क्या निम्नलिखित पदार्थों में ऊर्जा है? यदि हाँ, तो वह स्थितिज ऊर्जा है या गतिज ऊर्जा है या दोनों प्रकार की ऊर्जा है?

  • छत का वह पंखा जिसका स्विच बंद कर दिया गया हो।
  • पहाड़ पर चढ़ता हुआ मनुष्य।
  • उड़ता हुआ पक्षी।
  • बांध के जलाशय में भरा पानी।
  • अपनी समान आकृति से अधिक खींची हुई कमानी।
  • किसी मेज पर रखा हुआ रबड़ का कोई छल्ला।
  • खिंचा हुआ रबड़ का छल्ला।

उत्तर:
जी हाँ, इन सभी पदार्थों में ऊर्जा है।

  •  छत से लटके हुए पंखे में, जिसका स्विच बंद कर दिया गया हो, केवल स्थितिज ऊर्जा ही होती है।
  • पहाड़ पर चढ़ते हुए मनुष्य में स्थितिज और गतिज दोनों प्रकार की ऊर्जा होती है।
  • उड़ते हुए पक्षी में गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा होती है।
  • बांध के जलाशय में भरे पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है।
  • खिंची हुई कमानी में भी स्थितिज ऊर्जा होती है।
  • मेज पर पड़े हुए रबड़ के छल्ले में स्थितिज ऊर्जा होती है।
  • खिंचे हुए रबड़ के छल्ले में भी स्थितिज ऊर्जा होती है।

प्रश्न 6.
स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा में अंतर लिखो।
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा में निम्नलिखित अंतर हैं-

स्थितिज ऊर्जा (P.E.) गतिज ऊर्जा (K.E.)
1. वस्तु में उसकी स्थिति के कारण जो ऊर्जा पाई जाती है, उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। 1. वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा पाई जाती है, उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं।
2. स्थितिज ऊर्जा = m.g.h. 2. गतिज ऊर्जा = 1/2 mv²
3. स्थितिज ऊर्जा वस्तु की पृथ्वी की सतह से ऊँचाई या गहराई पर निर्भर करती है। 3. गतिज ऊर्जा वस्तु की गति पर निर्भर करती है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में कौन-सी ऊर्जा होती है?
(1) चाबी भरी घड़ी की कमानी में
(2) भागती हुई भैंस
(3) कमान से छोड़ा गया तीर
(4) छत पर पड़ी मेज
(5) संपीडित वायु
(6) वृक्ष से लगा आम।
उत्तर:
(1) स्थितिज ऊर्जा
(2) गतिज ऊर्जा
(3) गतिज ऊर्जा
(4) स्थितिज ऊर्जा
(5) स्थितिज ऊर्जा
(6) स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 8.
मानव शरीर की कार्य करने की क्षमता किन परिस्थितियों में कम हो जाती है?
उत्तर:
मानव शरीर की कार्य करने की क्षमता निम्नलिखित परिस्थितियों में कम हो जाती है-

  • जब मनुष्य बीमार हो जाता है।
  • जब मनुष्य की आयु बढ़ने के कारण बुढ़ापा आ जाता है।
  • जब मनुष्य आवश्यकता से कम भोजन करने लगता है तो उसकी मांसपेशियों की ऊर्जा कम हो जाती है।

प्रश्न 9.
कार्य और ऊर्जा में क्या संबंध है? इनके मात्रक लिखो।
उत्तर:
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का परिमाण हमेशा उस कार्य के बराबर होता है, जो वह करने की क्षमता रखती है। ऊर्जा को जूल में मापा जाता है तथा कार्य का मात्रक भी जूल ही है।

उदाहरण के लिए, एक किलोग्राम पत्थर के किसी टुकड़े को एक मीटर ऊँचाई तक उठाने के लिए 9.8 जूल ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। इसके विपरीत एक मीटर ऊँचाई से गिराए जाने पर पत्थर का यह टुकड़ा उसी परिमाण का कार्य (9.8 जूल) हमें वापस कर सकता है। अतः यदि किसी वस्तु में 100 जूल ऊर्जा हो तो उसमें 100 जूल कार्य करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 10.
चाबी वाले खिलौने में किस प्रकार ऊर्जा का रूपांतरण होता है?
उत्तर:
चाबी वाले खिलौने या चाबी वाली घड़ी में एक स्प्रिंग होता है जो चाबी भरने की स्थिति में कस जाता है और उसमें स्थितिज ऊर्जा भर जाती है। कुछ क्षणों बाद स्प्रिंग धीरे-धीरे ढीला होता जाता है और खिलौना गति में आ जाता है अर्थात् स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

प्रश्न 11.
एक गेंद को ऊपर की ओर फेंका जाता है और यह फेंकने वाले के पास वापस आ जाती है। गेंद की गतिज और स्थितिज ऊर्जा में किस प्रकार परिवर्तन होता है? वर्णन करो।
उत्तर:
जब गेंद ऊपर की ओर जाती है तो इसकी गतिज ऊर्जा लगातार स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती जाती है। अधिकतम ऊँचाई पर जाकर इसकी पूरी-की-पूरी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। जब गेंद नीचे की ओर आती है तो इसकी स्थितिज ऊर्जा लगातार गतिज ऊर्जा में बदलती जाती है तथा पृथ्वी के नजदीक इसकी सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है, परंतु पृथ्वी पर गिरते ही सारी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 12.
एक लड़का अपने फैले हुए एक हाथ में कोई भार रखकर खड़ा है। इस अवस्था में लड़के तथा भार दोनों की स्थिति में कोई परिवर्तन होता दिखाई नहीं देता। क्या वह कोई कार्य कर रहा है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें।
उत्तर:
यद्यपि लड़के तथा भार की स्थिति में बाह्य रूप से हमें कोई परिवर्तन होता दिखाई नहीं देता, परंतु आंतरिक रूप से वही लड़का कार्य कर रहा होता है। हथेली पर रखे भार के कारण उस लड़के की मांसपेशियाँ खिंच जाती हैं, अर्थात् उनका आकार बदल जाता है। उसके हृदय को मांसपेशियों में अधिक रक्त भेजना पड़ता है। इन सभी रासायनिक क्रियाओं में लड़के की ऊर्जा व्यय होती है और वह जल्दी थक जाता है। इसी स्थिति में यदि लड़का काफी देर तक खड़ा रहे लोहे का तो पसीने के रूप में बाह्य परिवर्तन भी दिखाई देने लगता है।

प्रश्न 13.
किसी कृत्रिम उपग्रह द्वारा पृथ्वी के इर्द-गिर्द गति के दौरान गुटका (भार) किया गया कार्य कितना होता है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के इर्द-गिर्द लगभग गोलाकार मार्ग में घूमता है। पृथ्वी और कृत्रिम उपग्रह के बीच गुरुत्वाकर्षण बल F पृथ्वी तथा उपग्रह को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश (वृत्ताकार पथ की त्रिज्या के अनुरूप) कार्य करता है और उपग्रह गुरुत्व बल की दिशा के लंबवत् गति करता है। अतः बल की दिशा में उपग्रह के विस्थापन का प्रक्षेप शून्य होगा तथा पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर किया गया कार्य भी शून्य होगा।

प्रश्न 14.
पवन की गतिज ऊर्जा कैसे प्रयुक्त की जाती है? इसके मुख्य उपयोग बताओ।
उत्तर:
बहती हुई पवन में उपस्थित ऊर्जा से विद्युत् ऊर्जा पैदा की जा सकती है। इसमें बहुत व्यय होता है। अतः पवन चक्की का उपयोग साधारणतः आटा पीसने तथा जलाशयों में से जल निकालने के लिए किया जाता है। पवन चक्की से बहुत कम विद्युत् ऊर्जा पैदा की जा सकती है। ऐसे स्थानों पर जहाँ पवन बहुत तीव्र वेग से वर्ष भर बहती रहती है, पवन संयंत्रों से अधिक मात्रा में आटा पीसने तथा पानी निकालने का काम किया जा सकता है।

पवन की यांत्रिक ऊर्जा के मुख्य उपयोग-इसके मुख्य उपयोग निम्नलिखित हैं-

  • इससे जलाशयों से पानी निकालकर खेतों की सिंचाई की जा सकती है।
  • इससे आटा पीसने की चक्कियाँ चलाई जा सकती हैं।
  • बहुत-से पवन-चक्रों को परस्पर संयुक्त करके पवन की यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 15.
जल ऊर्जा किसे कहते हैं? इसके मुख्य उपयोग लिखो।
उत्तर:
बहते हुए जल में गतिज ऊर्जा के कारण इसमें कार्य करने की क्षमता होती है, जिसे जल ऊर्जा कहते हैं। जल ऊर्जा के उपयोग-जल ऊर्जा के उपयोग निम्नलिखित हैं-

  • जल ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित कर घरों तथा कल-कारखानों में प्रयोग किया जाता है।
  • जल ऊर्जा से पनचक्कियाँ चलाकर आटा पीसने का कार्य लिया जाता है।
  • जल ऊर्जा के कारण लकड़ी के बड़े-बड़े लट्टे पानी के साथ बहकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।

प्रश्न 16.
जल ऊर्जा का प्रयोग विद्युत् उत्पादन में किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
बहते पानी की गतिज ऊर्जा बांध बनाकर स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित कर ली जाती है। संचित जल को जलटरबाइन के बड़े-बड़े ब्लेडों पर गिराया जाता है। घूमती हुई टरबाइन के साथ जुड़ी शाफ्ट जनरेटर या डायनमो को तेज़ी से घुमाती है। डायनमो की कुंडली घूमती हुई विद्युत् पैदा करती है। इसे ‘जल विद्युत् शक्ति’ कहते हैं। भाखड़ा डैम पर इसी विधि से जल विद्युत् पैदा की जाती है। यही पन-बिजली घर का सिद्धांत भी कहलाता है।

प्रश्न 17.
जब हम लकड़ी के किसी तख्ते में हथौड़े से कील गाड़ते हैं तो कील गर्म हो जाती है, क्यों?
उत्तर:
जब हम लकड़ी के किसी तख्ते में हथौड़े से कील गाड़ते हैं तो कील गर्म हो जाती है क्योंकि ऊपर उठाए हुए हथौड़े में अपनी स्थिति के कारण कुछ स्थितिज ऊर्जा होती है। जब हथौड़ा कील पर गिरता है तो हथौड़ा तो स्थिर अवस्था में आ जाता है, परंतु अपनी समस्त ऊर्जा कील में स्थानांतरित कर देता है।

इसके फलस्वरूप कील को कुछ गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है जिसके कारण वह लकड़ी के अंदर धंस जाती है। जब कील पूर्ण रूप से लकड़ी के अंदर जा चुकी हो, उसके बाद यदि हम हथौड़ा मारते ही चले जाएँ तो हम देखेंगे कि कील गर्म हो गई है क्योंकि हथौड़े की यांत्रिक ऊर्जा कील में स्थानांतरित होकर ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 18.
सौर ऊर्जा के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
सौर ऊर्जा के लाभ निम्नलिखित हैं-

  • सौर ऊर्जा का प्रयोग सोलर कुकर में भोजन बनाने के लिए किया जाता है।
  • सौर ऊर्जा का प्रयोग होटलों, अस्पतालों तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों की छतों पर सौर जल ऊष्मक लगाकर पानी गर्म करने के लिए किया जाता है।
  • सौर ऊर्जा का प्रयोग विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
  • सौर भट्ठी में इस ऊर्जा का प्रयोग धातुओं को पिघलाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 19.
कार्य, ऊर्जा व शक्ति में अंतर स्पष्ट कीजिए। इनमें प्रत्येक का S.I. मात्रक लिखिए। अथवा शक्ति किसे कहते हैं? शक्ति का S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर:
कार्य-यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाए और वस्तु बल की दिशा में गति करे तो कार्य हुआ माना जाता है। अर्थात्
कार्य (W) = बल (F) x दूरी (s)
कार्य का S.I. मात्रक जूल है।
ऊर्जा-कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का S.I. मात्रक जूल है।
शक्ति कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। अर्थात्

शक्ति का S.I. मात्रक वाट है।

प्रश्न 20.
ऊर्जा रूपांतरण से तुम क्या समझते हो? ऊर्जा रूपांतरण के कोई दो उदाहरण लिखें।
उत्तर:
ऊर्जा सरंक्षण के नियमानुसार ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित किया जा सकता है। इसे ऊर्जा रूपांतरण कहते हैं। अतः ऊर्जा का कुल परिमाण कभी नहीं बदलता।

उदाहरण-

  • पहाड़ों पर पड़ी बर्फ पिघलकर पानी का रूप धारण कर लेती है। यह स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपांतरण है।
  • विद्युत बल्ब में विद्युत ऊर्जा प्रकाशीय ऊर्जा में बदलकर प्रकाश देने लगती है।

गणनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक लड़का जिसका द्रव्यमान 40 कि०ग्रा० है। वह 0.5 मीटर प्रति सेकंड के वेग से दौड़ रहा है। इसकी गतिज ऊर्जा क्या होगी?
हल:
यहाँ पर
m = 40 kg
v = 0.5 m/s
हम जानते हैं कि
गतिज ऊर्जा (K.E.) = 1/2 mv²
1/2 x 40 x 0.5 x 0.5
= 5 जूल उत्तर

प्रश्न 2.
15 Kg द्रव्यमान की एक वस्तु 4 ms-1 के एकसमान वेग से गतिशील है। वस्तु की गतिज ऊर्जा कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 15 kg
वस्तु का वेग (v) = 4 m/s
हम जानते हैं कि
गतिज ऊर्जा (K.E.) = 1/2 mv²
1/2 x 15 x (4)²
1/2 x 15 x 16
= 120 जूल उत्तर

प्रश्न 3.
100 ग्राम द्रव्यमान वाले पत्थर को 5 मीटर की ऊँचाई पर रखा हुआ है। बताओ इसमें कौन-सी ऊर्जा है और ऊर्जा की मात्रा भी ज्ञात करो।
हल:
ऊँचाई के कारण पत्थर में स्थितिज ऊर्जा है।
यहाँ पर
m = 100 g = 100/1000 = 0.1 kg
g = 9.8 m/s²
h = 5m
हम जानते हैं कि
स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = m x g x h
= 0.1 x 9.8 x 5
= 4.9 जूल उत्तर

प्रश्न 4.
1 kg द्रव्यमान की वस्तु को 980 J ऊर्जा देकर पृथ्वी तल से कितना ऊपर उठाया जा सकता है?
हल:
यहाँ पर
m = 1 kg
g = 9.8 m/s²
h = ?
स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = 980 J
हम जानते हैं कि
स्थितिज ऊर्जा = m.g.h.
या 980 = 1 x 9.8 x h
या h = 980/1×9.8
= 100 m उत्तर

प्रश्न 5.
एक कुली 20 kg का बोझ धरती से 1.5 m ऊपर उठाकर अपने सिर पर रखता है। उसके द्वारा बोझे पर किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
बोझ का द्रव्यमान (m) = 20kg
विस्थापन (s) = 1.5m
किया गया कार्य (W) = F x s = mg x s
= 20 kg x 10 ms-2 x 1.5m
= 300 kgms-2m
= 300 Nm
= 300 J
कुली द्वारा बोझे पर किया गया कार्य 300 J है। उत्तर

प्रश्न 6.
50 कि०ग्रा० द्रव्यमान का कोई व्यक्ति 1.2 मीटर की ऊँचाई तक कूदता है। अधिकतम ऊँचाई के बिंदु पर उसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
m = 50 kg
g = 9.8 m/s²
h = 1.2 m
हम जानते हैं कि
स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = m x g x h
= 50 × 9.8 × 1.2
= 588 J
अतः अधिकतम ऊँचाई पर व्यक्ति की स्थितिज ऊर्जा = 588 जूल उत्तर

प्रश्न 7.
40kg द्रव्यमान का एक लड़का एक जीने पर दौड़कर 45 सीढ़ियाँ 95 में चढ़ता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी की ऊँचाई 15cm हो तो उसकी शक्ति का परिकलन कीजिए।g का मान 10ms-2 लीजिए
हल:
लड़के का भार mg = 40 kg x 10 ms-2 = 400N
सीढ़ी की ऊँचाई (h) = 45 x 15/100m = 6.75m
चढ़ने में लगा समय t = 9s

लड़के की शक्ति 300W है। उत्तर

प्रश्न 8.
50 kg द्रव्यमान का कोई व्यक्ति 30 सीढ़ियाँ 30 सेकंड में चढ़ जाता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी 20 cm ऊँची है तो कुल सीढ़ियाँ चढ़ने में उसके द्वारा प्रयुक्त शक्ति का परिकलन कीजिए।
हल:
व्यक्ति का द्रव्यमान (m) = 50 kg
सीढ़ियों की संख्या = 30
प्रत्येक सीढ़ी की ऊँचाई = 20 cm
20/100 m = 0.2m
व्यक्ति द्वारा तय की गई कुल ऊँचाई = 30 x 0.2 m = 6m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 m/s²
अतः व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य = m.g.h
= 50 x 10 x 6J
= 3000J
सीढ़ियाँ चढ़ने में लिया गया समय = 30s

प्रश्न 9.
100 वाट के एक बल्ब को 2 घंटे तक जलाया जाता है, कितनी विद्युत् ऊर्जा व्यय होगी?
हल:
बल्ब की शक्ति = 100 वाट
समय = 2 घंटे = 2 x 3600 = 7200 सेकंड
व्यय ऊर्जा = शक्ति x समय
= 100 x 7200 वाट-सेकंड
= 720000 जूल उत्तर

प्रश्न 10.
किसी रॉकेट का द्रव्यमान 3 x 10 kg है; एक km/s वेग से 25 km ऊँचाई पर गतिमान इसकी (a) स्थितिज ऊर्जा, (b) गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g का मान 10 m/s लीजिए)
हल:
यहाँ पर
रॉकेट का द्रव्यमान (m) = 3x 106 kg
रॉकेट का वेग (v) = 1 km/s
= 1000 m/s
रॉकेट की ऊँचाई (h) = 25 km
= 25000 m
(a) गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 m/s²
स्थितिज ऊर्जा = m.g.h.
= 3 x 106 x 10 x 25000 J
= 7.5 x 1011

(b) गतिज ऊर्जा =1/2 mv²
1/2 x 3 x 106 x (1000)² J
= 1.5 x 1012 J उत्तर

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्थितिज ऊर्जा से क्या अभिप्राय है? किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी स्थिति अथवा आकार में परिवर्तन के कारण जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
व्यंजक-माना m द्रव्यमान की कोई वस्तु पृथ्वी की सतह पर A बिंदु पर रखी है। उसे F बल लगाकर B बिंदु तक उठाया गया। A व B के मध्य दूरी h है।

जैसा कि हम जानते हैं कि वस्तु को उठाने में लगने वाला बल F, वस्तु पर लगे गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर व विपरीत होता है
F = GMem/Re2 … (i)
जहाँ Me = पृथ्वी का द्रव्यमान
Re = पृथ्वी की त्रिज्या
लेकिन g = GMe/R2e (g = गुरुत्वीय त्वरण) …(ii)
समीकरण (i) व (ii) से
F = mg
वस्तु को h ऊँचाई तक ले जाने में किया गया कार्य
W = F x s (∵ s = h)
= mgh
क्योंकि किया गया कार्य और ऊर्जा समान ही है। अतः h ऊँचाई पर वस्तु की
स्थितिज ऊर्जा (PE.) = mgh

प्रश्न 2.
गतिज ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर:
गतिज ऊर्जा-गति के आधार पर कार्य करने की क्षमता को गतिज ऊर्जा कहते हैं।
व्यंजक-माना ‘m’ पुंज की एक वस्तु को ‘h’ ऊँचाई से विराम अवस्था में छोड़ा जाता है और पृथ्वी तल पर पहुँचते-पहुंचते उसका वेग v हो जाता है तो
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 0
त्वरण (a) = (g) गुरुत्वीय त्वरण
अंतिम वेग = v
दूरी (s) = ऊँचाई = h
हम जानते हैं कि v² – u² = 2as
v² – 0 = 2gh
या v² = 2gh
या h = /2 g … (i)
ज्यों-ज्यों वस्तु नीचे आती जाती है इसकी स्थितिज ऊर्जा कम होती जाती है और गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है। जब वस्तु पृथ्वी तल पर पहुंचती है तो उसकी सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल चुकी होती है। ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार वस्तु की कुल ऊर्जा न घटती है न बढ़ती है। अतः पृथ्वी तल पर गतिज ऊर्जा = h ऊँचाई पर स्थितिज ऊर्जा
गतिज ऊर्जा = mgh
या गतिज ऊर्जा = mg x /2 g (∵ h = /2 g )
या गतिज ऊर्जा = 1/2 mv²

प्रश्न 3.
ऊर्जा संरक्षण के नियम से क्या अभिप्राय है? ऊर्जा संरक्षण का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर:
ऊर्जा संरक्षण नियम-ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। जब भी ऊर्जा किसी रूप में मुक्त होती है तो ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट हो जाती है। अतः विश्व की संपूर्ण ऊर्जा का परिणाम स्थिर रहता है।

माना m द्रव्यमान की कोई वस्तु पृथ्वी तल से h ऊँचाई से नीचे की ओर गिरना आरंभ करती है।

(1) A बिंदु पर ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा = mgh
गतिज ऊर्जा = 0
इसलिए कुल ऊर्जा = mgh + 0
= mgh … (i)

(2) B बिंदु पर ऊर्जा माना वस्तु A से B तक s दूरी तक गिरती है तो उसकी पृथ्वी तल से ऊँचाई (h-s) होगी।
∴ स्थितिज ऊर्जा = mg (h – s)
तथा v² – u² = 2gs
या v² = 2gs [∵ u = 0]
गतिज ऊर्जा = 1/2 mv² = 1/2 m x 2gs = mgs
कुल ऊर्जा = mg (h-s) + mgs = mgh – mgs + mgs
= mgh … (ii)

(3) C बिंदु पर ऊर्जा
v² – u² = 2gh
v² = 2gh [∵ u = 0]
गतिज ऊर्जा = 1/2 mv² = 1/2 m x 2gh = mgh
तथा स्थितिज ऊर्जा = 0
कुल ऊर्जा = mgh + 0 = mgh … (iii)
इस प्रकार हम देखते हैं कि समीकरण (i), (ii) व (iii) में वस्तु की ऊर्जा प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहती है। सबसे उच्च बिंदु पर वस्तु में समस्त स्थितिज ऊर्जा होती है। थोड़ा नीचे गिरने पर स्थितिज ऊर्जा का कुछ भाग गतिज ऊर्जा में बदल जाता है तथा पृथ्वी तल पर पहुँचकर समस्त स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में बदल जाती है।

अध्याय का तीव्र अध्ययन

1. कार्य करने के लिए आवश्यक है-
(A) वस्तु में विस्थापन
(B) वस्तु पर बल आरोपित किया जाए
(C) (A) और (B) दोनों
(D) वस्तु में विस्थापन न हो
उत्तर:
(C) (A) और (B) दोनों

2. ऊँचाई पर रखे किसी पिंड में कौन-सी ऊर्जा होती है?
(A) स्थितिज
(B) गति
(C) (A) और (B) दोनों
(D) ऊर्जा से कोई संबंध नहीं
उत्तर:
(A) स्थितिज

3. विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में रूपान्तरित करने वाला यन्त्र है-
(A) विद्युत इस्त्री
(B) विद्युत बल्ब
(C) रेडियो
(D) विद्युत मोटर
उत्तर:
(A) विद्युत इस्त्री

4. रेडियो विद्युत ऊर्जा को किस ऊर्जा में रूपान्तरित करता है?
(A) प्रकाश
(B) ध्वनि
(C) यान्त्रिक
(D) ऊष्मा
उत्तर:
(B) ध्वनि

5. उड़ते पक्षी में कौन-सी ऊर्जा होती है?
(A) स्थितिज
(B) गतिज
(C) (A) और (B) दोनों
(D) (A) और (B) दोनों ही नहीं
उत्तर:
(C) (A) और (B) दोनों

6. कार्य के लिए कौन-सा सूत्र उचित है?
(A) W = F
(B) w = s/F
(C) W = Fs
(D) w = 1/Fs
उत्तर:
(C) W = Fs

7. बल का मात्रक है-
(A) न्यूटन
(B) न्यूटन मीटर
(C) जूल
(D) (B) और (C) दोनों
उत्तर:
(D) (B) और (C) दोनों

8. किसी वस्तु पर 5 N बल लगाने से 2m विस्थापन होता है, कार्य कितना होगा?
(A) 10 Nm
(B) 10 J
(C) 10 Jm
(D) (A) और (B) दोनों
उत्तर:
(D) (A) और (B) दोनों

9. कुली 15 kg भार धरती से 1.5m ऊपर उठाकर सिर पर रखता है। कुली द्वारा किए कार्य का परिकलन कीजिए।
(A) 22.5J
(B) 2.25J
(C) 225J
(D) 225 N
उत्तर:
(C) 225J

10. 2m की ऊँचाई पर रखी 1kg द्रव्यमान की वस्तु की स्थितिज ऊर्जा होगी-
(A) 9.8J
(B) 19.6J
(C) 29.4J
(D) 39.2J
उत्तर:
(B) 19.6J

11. कितने वाट से एक किलोवाट बनता है?
(A) 103
(B) 104
(C) 105
(D) 106
उत्तर:
(A) 103

12. कितने जूल से एक किलोवाट घण्टा बनता है?
(A) 36 लाख
(B) 36 हजार
(C) 36 सौ
(D) 36 करोड़
उत्तर:
(A) 36 लाख

13. 100 वाट के पाँच विद्युत पंखे 4 घण्टे में कितनी ऊर्जा व्यय करेंगे?
(A) 20 kwh
(B) 10 kwh
(C) 2 kwh
(D) 1 kwh
उत्तर:
(C) 2 kwh

14. कार्य करने की दर क्या कहलाती है?
(A) शक्ति
(B) बल
(C) ऊर्जा
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) शक्ति

15. न्यूटन मीटर (Nm) किसका मात्रक है?
(A) कार्य
(B) बल
(C) त्वरण
(D) शक्ति
उत्तर:
(A) कार्य

16. न्यूटन मीटर का दूसरा नाम क्या है?
(A) अर्ग
(B) कूलम्ब
(C) जूल
(D) हज़
उत्तर:
(C) जूल

17. जब बल विस्थापन की दिशा में लगता तो किया गया कार्य होता है-
(A) ऋणात्मक
(B) धनात्मक
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) धनात्मक

18. एक व्यक्ति 20 kg का बोझ 10 मिनट तक सिर पर लेकर खड़ा रहता है, किया गया कार्य होगा-
(A) 200 जूल
(B) एक जूल
(C) शून्य
(D) 400 जूल
उत्तर:
(C) शून्य

19. ऊर्जा का मात्रक होता है-
(A) Nm
(B) जूल
(C) (A) व (B) दोनों ही
(D) कोई मात्रक नहीं होता
उत्तर:
(C) (A) व (B) दोनों ही

20. गतिज ऊर्जा का उदाहरण नहीं है-
(A) पहाड़ पर रखा पत्थर
(B) घूमता पहिया
(C) चलती हवा
(D) बंदूक से निकली गोली
उत्तर:
(A) पहाड़ पर रखा पत्थर

21. स्थितिज ऊर्जा का उदाहरण नहीं है-
(A) कमान में रखा तीर
(B) पहाड़ पर रखा पत्थर
(C) गिरता हुआ नारियल
(D) बंदूक में रखी गोली
उत्तर:
(C) गिरता हुआ नारियल

22. 10 kg द्रव्यमान की एक वस्तु को धरती से 6 m ऊँचाई तक उठाया गया। वस्तु की ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 9.8 ms-2)
(A) 98 J
(B) 58.8 J
(C) 588 J
(D) 5880 J
उत्तर:
(C) 588 J

23. ऊर्जा संरक्षण का नियम है-
(A) सभी कार्यों में ऊर्जा की आवश्यकता होती है
(B) ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है
(C) ऊर्जा नष्ट की जा सकती है।
(D) न तो ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट
उत्तर:
(D) न तो ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट

24. कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(A) स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = अचर
(B) गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा = यांत्रिक ऊर्जा
(C) किसी बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा में जितनी कमी होती है उतनी ही कमी गतिज ऊर्जा में हो जाती है
(D) किसी बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा में जितनी कमी होती है उतनी ही गतिज ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है
उत्तर:
(C) किसी बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा में जितनी कमी होती है उतनी ही कमी गतिज ऊर्जा में हो जाती है

25. कौन-सा सूत्र ठीक है?
(A) P = W x t
(B) P = W/t
(C) P = t/w
(D) P = 1/W×t
उत्तर:
(B) P = W/t

26. शक्ति का मात्रक क्या है?
(A) जूल
(B) Nm
(C) अर्ग
(D) वाट
उत्तर:
(D) वाट

27. 600 न्यूटन भार वाला व्यक्ति 10 मीटर ऊँचाई तक चढ़ने के लिए कितनी ऊर्जा की खपत करेगा?
(A) 60 जूल
(B) 600 जूल
(C) 6000 जूल
(D) 588 जूल
उत्तर:
(C) 6000 जूल

28. आपके शरीर में स्थितिज ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा कब होगी? जब आप-
(A) खड़े हों
(B) कुर्सी पर बैठे हों
(C) धरती पर लेटे हों
(D) धरती पर बैठे हों
उत्तर:
(C) धरती पर लेटे हों

29. कब कार्य नहीं होता-
(A) लकड़ी में कील ठोकने पर
(B) बक्से को फर्श पर खिसकाने पर
(C) गति की दिशा में समानांतर बल का घटक न होने पर
(D) खूटी पर लटकाया एक भार
उत्तर:
(C) गति की दिशा में समानांतर बल का घटक न होने पर

30. 10m कुएँ की गहराई से 5kg द्रव्यमान की एक बाल्टी को ऊपर खींचने में 10 सेकंड का समय लगता है। कार्य में प्रयुक्त शक्ति होगी-
(A) 50 Nm
(B) 50J
(C) 50 W
(D) 500 w
उत्तर:
(C) 50w

प्रयोगात्मक कार्य

क्रियाकलाप 1.
एक प्रयोग द्वारा समझाइए कि किसी बल द्वारा किया गया कार्य धनात्मक अथवा ऋणात्मक दोनों में से कोई एक हो सकता है।

कार्य-विधि-एक बच्चा किसी खिलौना कार को चित्र के अनुसार धरती के समांतर खींच रहा है। बच्चे ने कार के विस्थापन की दिशा में बल लगाया है। इस स्थिति में किया गया कार्य बल तथा विस्थापन के गुणनफल के बराबर होगा। इस स्थिति में बल द्वारा किया गया कार्य धनात्मक माना जाता है।

अब एक स्थिति पर विचार करें कि जिसमें बलों के प्रभाव से एक वस्तु विस्थापित होती है और हम पाते हैं कि इनमें से बल F, विस्थापन s की दिशा के विपरीत दिशा में लग रहा है अर्थात् दोनों दिशाओं के मध्य 180° का कोण बन रहा है। ऐसी स्थिति में बल (F) द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक माना जाता है और इसे ऋण चिह्न द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। बल द्वारा किया गया कार्य F x (-s) या (-F x s) है।

जब बल विस्थापन की दिशा के विपरीत दिशा में लगता है तो किया गया कार्य ऋणात्मक होता है। जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।

क्रियाकलाप 2.
एक ऐसे क्रियाकलाप का वर्णन करें जिसमें धनात्मक व ऋणात्मक दोनों बल कार्य कर रहे हों।

कार्य-विधि-किसी वस्तु को ऊपर उठाते समय धनात्मक व ऋणात्मक दोनों बल कार्य करते हैं क्योंकि जो बल हम लगाते हैं वह वस्तु को ऊपर की ओर विस्थापित करता है जो धनात्मक बल कहलाता है। जबकि पृथ्वी द्वारा लगाया गया गुरुत्वीय बल वस्तु को नीचे की ओर खींचता है जो ऋणात्मक बल कहलाता है।

क्रियाकलाप 3.
एक प्रयोग द्वारा समझाइए कि अधिक ऊँचाई पर वस्तु में अधिक ऊर्जा होती है।

कार्य-विधि-एक भारी गेंद लीजिए। इसे रेत की मोटी परत (क्यारी) पर गिराइए। गीला रेत अच्छा कार्य करेगा। गेंद को रेत पर लगभग 25cm की ऊँचाई से गिराइए। गेंद रेत में एक गर्त (गड्डा) बना देती है। इस क्रियाकलाप को 50 cm, 1 m तथा 1.5 m की ऊँचाइयों से गेंद को गिराकर दोहराइए। सुनिश्चित कीजिए कि सभी गर्त सुस्पष्ट दिखाई दें। गेंद को गिराने की ऊँचाई के अनुसार सभी गर्मों पर निशान लगाएँ। उनकी गहराइयों की तुलना करें। आप देखेंगे कि 1.5m की ऊँचाई से गेंद को गिराने पर बना गर्त सबसे गहरा होगा जिससे सिद्ध होता है कि अधिक ऊँचाई पर वस्तु में अधिक ऊर्जा होती है जिससे अधिक गहरा गर्त (गड्डा) बनता है।

क्रियाकलाप 4.
एक प्रयोग द्वारा समझाइए कि द्रव्यमान बढ़ने से वस्तु की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
कार्य-विधि
(1) चित्र के अनुसार उपकरण फिट कीजिए।

(2) एक ज्ञात द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके को ट्रॉली के सामने किसी सुविधाजनक निश्चित दूरी पर रखिए।

(3) पलड़े पर एक ज्ञात द्रव्यमान रखिए जिससे ट्रॉली गतिमान हो जाए।

(4) ट्रॉली आगे चलती है तथा लकड़ी के गुटके से टकराती है तथा गुटका विस्थापित हो जाता है।

(5) अब गुटके के विस्थापन को मापिए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि जैसे ही गुटके ने ऊर्जा ग्रहण की ट्रॉली द्वारा गुटके पर कार्य किया गया।

(6) पलड़े पर रखे द्रव्यमान को बढ़ाकर इस प्रयोग को दोहराइए। आप देखेंगे कि द्रव्यमान बढ़ाने पर विस्थापन बढ़ जाएगा जिससे सिद्ध होता है कि द्रव्यमान बढ़ने के साथ-साथ गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

→ सभी सजीवों को जीवन-निर्वाह के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

→ हमें हमारे द्वारा खाए गए भोजन से ऊर्जा प्राप्त होती है।

→ हरे पौधों को सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त होती है।

→ कार्य करने के लिए दो दशाओं का होना आवश्यक है

  • वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए,
  • वस्तु विस्थापित होनी चाहिए।

→ कार्य में केवल परिमाण होता है तथा कोई दिशा नहीं होती।

→ जब बल विस्थापन की दिशा की विपरीत दिशा में लगता है तो किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।

→ जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।

→ सूर्य हमारे लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है।

→ हम परमाणुओं के नाभिकों से, पृथ्वी के आंतरिक भागों से तथा ज्वार-भाटों से भी ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

→ कार्य तथा ऊर्जा के मात्रक जूल होते हैं। (1 किलो जूल = 1000 जूल)

→ किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा उसकी चाल के साथ बढ़ती है।

→ दैनिक जीवन के शक्ति के अपवर्त्य मात्रकों; जैसे किलोवाट व मैगावाट का प्रयोग किया जाता है।
1 किलोवाट kW) = 1000 वाट (W)।

→ एक अश्व शक्ति में 746 वाट होते हैं।

→ सूर्य की ऊष्मीय ऊर्जा इसके भीतरी भाग व उसके पृष्ठ पर होने वाली नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा विमोचित ऊर्जा
का परिणाम है।

→ जल विद्युत संयंत्रों द्वारा जल की गतिज ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदला जाता है।

→ जीवाश्म ईंधन पौधों तथा जंतुओं के अवशेषों से बने हैं।

→ जीवाश्मी ईंधनों में निहित ऊर्जा का उपयोग विद्युत्, ताप अथवा यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जा
सकता है।

→ जब कोई वस्तु ऊँचाई से गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

→ v वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा = my के बराबर होती है।

→ पृथ्वी के तल से h ऊँचाई तक उठाई गई किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा mgh होती है।

→ कार्य यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाए और वस्तु बल की दिशा में गति करे तो कार्य हुआ माना जाता है,
अर्थात्, कार्य = बल – विस्थापन

→ ऊर्जा-कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।

→ गतिज ऊर्जा-गति के आधार पर कार्य करने की क्षमता को गतिज ऊर्जा कहते हैं।
गतिज ऊर्जा = 1/2 mv2

→ स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी स्थिति अथवा आकार में परिवर्तन के कारण जो ऊर्जा होती है, उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
स्थितिज ऊर्जा = mgh

→ यांत्रिक ऊर्जा-किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा के योग को ‘यांत्रिक ऊर्जा’ कहते हैं।

→ जूल-यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वह बल की दिशा में एक मीटर विस्थापित हो तो वस्तु पर किया गया कार्य एक जूल होगा।

→ विस्थापन-किसी गतिमान वस्तु की दो स्थितियों के बीच निकटतम दूरी को विस्थापन कहते हैं।

→ पलायन वेग-वह न्यूनतम वेग जिससे ऊपर की दिशा में छोड़ी गई वस्तु पृथ्वी के खिंचाव बल से पलायन कर सके, ‘पलायन वेग’ कहलाता है।

→ शक्ति कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। इसकी (S.I.) इकाई वाट है।
HBSE 9th Class Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 1

→ ऊर्जा संरक्षण नियम-ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसे एक वस्तु से दूसरी वस्तु में रूपांतरित या स्थानांतरित किया जा सकता है।

→ गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा-गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किए गए कार्य के कारण वस्तु में संचित ऊर्जा को गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

→ प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी आकृति में परिवर्तन के कारण संचित ऊर्जा प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहलाती है; जैसे खिंचे हुए रबड़ बैंड में।

→ एक किलोवाट घंटा ऊर्जा-यदि एक किलोवाट शक्ति के स्रोत का उपयोग एक घंटे के लिए किया जाए तो उसकी ऊर्जा एक किलोवाट घंटा कहलाती है।

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