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Kerala Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 4 Chapter 2 इस बारिश में

Kerala Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 4 Chapter 2 इस बारिश में

Kerala State Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 4 Chapter 2 इस बारिश में

इस बारिश में पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर

इस बारिश में कविता Kerala Syllabus 8th Chapter 2 प्रश्ना 1.
‘उसी के पास अब मेरी / बारिश भी चली गई’ से आपने क्या समझा?

उत्तर:
यह एक किसान का रोदन है। यह रोदन किसान की हालत की ओर संकेत करता – है। आजकल किसानों की ज़मीन छीन ली जाती है। यहाँ किसान यह व्यक्त करता है कि ज़मीन के साथ बारिश भी चली गई है। यहाँ खेती और बारिश के घने संबंध स्पष्ट होते हैं।

Is Barish Mein Kerala Syllabus 8th Chapter 2 प्रश्ना 2.
जिसकी नहीं कोई ज़मीन/उसका नहीं कोई आसमान’ इन पंक्तियों का क्या तात्पर्य है?
टिप्पणी Meaning In Malayalam Kerala Syllabus Chapter 2
उत्तर:
इन पंक्तियों का मतलब है कि किसानों का ज़मीन से अटूट संबंध है। ज़मीन नष्ट होने पर किसान का अस्तित्व नष्ट हो जाता है। यह उस से जीने के सब सपने नष्ट हो जाते हैं।

इस बारिश में Textbook Activities

इस बारिश में कविता Meaning In Malayalam Chapter 2 प्रश्ना 1.
कविता में ‘उसी के लिए’ दोहराया गया है। यह प्रयोग किन-किन की ओर संकेत करता है?

उत्तर:
किसानों का शोषण करनेवालों की ओर यहाँ संकेत है।

इस बारिश में कविता का सारांश Kerala Syllabus 8th Chapter 2 प्रश्ना 2.
‘हल नहीं / बैल नहीं’ -इसमें ‘हल’ और ‘बैल’ किन-किनके प्रतीक हैं?
Hsslive Guru 8th Hindi Kerala Syllabus Chapter 2
उत्तर:
हल’ और ‘बैल’ खेती और किसानी ज़िंदगी के प्रतीक हैं।

8 Hindi Kerala Syllabus Chapter 2  प्रश्ना 3.
निम्नलिखित आशयवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखें।
Hss Live Guru Class 8 Hindi Kerala Syllabus Chapter 2
फसल होने पर कर्ज चुकाने की किसान की झूठी प्रतीक्षा भी नहीं रह गई।

उत्तर:
अगली फसल होते ही सब चुकता कर दूंगा/अब तो मेरी झूठी/ये गुज़ारिश भी चली गई।

 8th Hindi Kerala Syllabus Chapter 2 प्रश्ना 4.
आस्वादन टिप्पणी तैयार करें।
Hsslive Hindi Class 8 Kerala Syllabus Chapter 2
उत्तर:
नरेश सक्सेना समकालीन हिंदी कविता के समर्पित कार्यकर्ताओं की अग्रिम पंक्ति में हैं। ‘इस बारिश में’ नामक कविता में किसान की ज़मीन छीन जाने की कथा है। यह एक किसान का बारिश के मौसम का शोकगीत है। आकाश में कई दूर छा जानेवाले बादलों को देखकर किसान आह भरता है। अपनी ज़मीन छिन जाने पर किसान खेती न कर सकता। भूमंडलीकरण के दौर के किसानों की सिसकियाँ यहाँ हम देख सकते हैं। इस कविता क द्वारा कवि किसान लोगों की त्रासदी की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं। कवि का कहना है कि अब बारिश भी ज़मीन के पीछे चली गई है। धरती की छाती से सौंधी सुगंध भी छिन गई मिट्टी के लिए उठती है।

अब किसान के लिए हल और बैल नहीं, खेतों के बीच का रास्ता नहीं, कहीं हरियाली की बूंद भी दिखाई न देता। किसान के जीवन का ताल, प्रतीक्षा का नक्षत्र सब नष्ट हो चुकी है। फसल होने पर कर्ज चुकाने की किसान की प्रतीक्षा भी नहीं रह गई। किसान की अपनी खेत – खलिहानों से दूर रहने की विवशत इस कविता में हम देख सकते हैं। ज़मीन छिन जाने पर किसान भयानक शोषण का शिकार बन जाता है। कवि . इस कविता दवारा यही कहना चाहता है। एक कविता तभी समसामयिक मानी जाती है जब वह तत्कालीन समस्याओं का
संबोधन करती है। इस बारिश में’ नामक यह कविता इस कसौटी पर खरा उतरता है।

इस बारिश में Summary in Malayalam and Translation

इस बारिश में शब्दार्थ Word meanings

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