Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 12 सपूत
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 12 सपूत
Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 12 सपूत
5th Standard Hindi Digest Chapter 12 सपूत Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
तीनों स्त्रियों ने अपने-अपने बेटे की कौन-सी विशेषताएं बताईं ?
प्रश्न 2.
अच्छे लड़के/ अच्छी लड़की में कौन-कौन-से गुण होने चाहिए, आपस में चर्चा करो ।
Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 12 सपूत Additional Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
घर के किन कामों में आप अपनी माँ की मदद करते
उत्तर:
घर को साफ-सुथरा एवं व्यवस्थित रखने में, बाज़ार से चीजें लाने में हम अपनी माँ की मदद करते हैं।
प्रश्न 2.
‘सपूत’ शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर:
सपूत का अर्थ है – ऐसा पुत्र, जिसमें सभी अच्छे गुण हों।
प्रश्न 3.
आपकी कक्षा को साफ-सुथरा रखने की ज़िम्मेदारी किसकी है?
उत्तर:
कक्षा को साफ-सुथरा रखने की ज़िम्मेदारी सभी छात्रों की है।
प्रश्न 4.
नियमित रूप से झाडू कहाँ लगायी जाती थी?
उत्तर:
नियमित रूप से झाडू फुलेरा नामक आदर्श गाँव में लगाई जाती थी।
प्रश्न 5.
गाँव में किसलिए आवश्यक सावधानियाँ बरती जाती थीं?
उत्तर:
गाँव में कुएँ का पानी निर्मल रखने के लिए आवश्यक सावधानियाँ बरती जाती थीं।
प्रश्न 6.
पनघट कैसा था?
उत्तर:
पनघट स्वच्छ और सुसज्जित था।
प्रश्न 7.
किसकी सफाई रोज़ की जाती थी?
उत्तर:
नालियों की सफाई रोज़ की जाती थी।
प्रश्न 8.
परिसर में बड़ी संख्या में क्या थे?
उत्तर:
परिसर में बड़ी संख्या में पेड़-पौधे थे।
प्रश्न 9.
पनघट पर स्त्रियाँ क्या कर रही थीं?
उत्तर:
पनघट पर स्त्रियाँ पानी भर रही थीं।
प्रश्न 10.
पहली स्त्री ने अपने पुत्र के बारे में क्या कहा?
उत्तर:
पहली स्त्री बोली, “बहन! मेरा सपूत बड़ा विद्वान है!”
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:
प्रश्न 1.
पनघट पर स्त्रियाँ किसका बखान कर रही थीं?
उत्तर:
पनघट पर स्त्रियाँ अपने-अपने लाड़ले के गुणों का बखान कर रही थीं।
प्रश्न 2.
पहली स्त्री के पुत्र की धूम क्यों मची थी?
उत्तर:
पहली स्त्री का पुत्र शहर से पढ़कर आया था, इसलिए चारों तरफ उसकी धूम मची थी।
प्रश्न 3.
पहली स्त्री का पुत्र क्या कर लेता था?
उत्तर:
पहली स्त्री का पुत्र बड़े – बड़े ग्रंथ पढ़ लेता था। आकाश के तारों को देखकर उनका नाम बता देता था।
प्रश्न 4.
पहली स्त्री का पुत्र कहाँ जा रहा था?
उत्तरः
पहली स्त्री का पुत्र व्याख्यान देने जा रहा था।
प्रश्न 5.
दूसरी स्त्री का पहलवान पुत्र किस तरह झूम रहा था?
उत्तर:
दूसरी स्त्री का पहलवान पुत्र मतवाले हाथी की तरह झूम रहा था।
प्रश्न 6.
ज्ञान किसके बिना अधूरा है?
उत्तर:
कर्तव्य और सेवा के बिना ज्ञान एवं बल अधूरे हैं।
प्रश्न 7.
कौन-सी स्त्री का बेटा सपूत कहा जा सकता है? क्यों?
उत्तर:
तीसरी स्त्री का बेटा सपूत है, क्योंकि जो माता-पिता की सेवा करे; वही सच्चा सपूत है।
प्रश्न 8.
तीसरी स्त्री का पुत्र कैसा था?
उत्तर:
तीसरी स्त्री का पुत्र सीधे – सादे स्वभाव का साधारण किसान था।
प्रश्न 9.
तीसरी स्त्री का पुत्र शाम को क्या करता था?
उत्तर:
तीसरी स्त्री का पुत्र शाम को घर का काम करता था।
प्रश्न 10.
तीसरी स्त्री का पुत्र कहाँ गया था?
उत्तरः
तीसरी स्त्री का पुत्र मेला देखने गया था।
किसने किससे कहा?
प्रश्न 1.
“व्याख्यान देने जा रहा हूँ। भोजन वहीं करूँगा।”
उत्तर:
पहली स्त्री के पुत्र ने अपनी माँ से कहा।
प्रश्न 2.
“पानी लेकर जल्दी घर पहुँचना, मुझे ज़ोरों की भूख लगी है।”
उत्तर:
दूसरी स्त्री के पुत्र ने अपनी माँ से कहा।
प्रश्न 3.
“तुम क्यों पानी भरने चली आईं? मैं तो आ ही रहा था।”
उत्तरः
तीसरी स्त्री के पुत्र ने अपनी माँ से कहा।
प्रश्न 4.
“मेरा सपूत बड़ा विद्वान है।”
उत्तर:
पहली स्त्री ने बाकी दोनों स्त्रियों से कहा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:
प्रश्न 1.
आदर्श गाँव का नाम क्या था?
उत्तर:
फुलेरा।
प्रश्न 2.
गाँव में हर तरफ क्या थी?
उत्तर:
स्वच्छता।
प्रश्न 3.
घर-आँगन क्या करके सुंदर रखा जाता था?
उत्तर:
लिपाई – पुताई।
प्रश्न 4.
पहलवान पुत्र रोज़ कितने दंड – बैठक लगाता है?
उत्तर:
पाँच सौ।
प्रश्न 5.
दोनों स्त्रियों ने चुप रहनेवाली स्त्री के पुत्र को क्या कहा?
उत्तर:
कपूत।
प्रश्न 6.
तीसरी स्त्री का पुत्र दिन भर कहाँ जुता रहता था?
उत्तर:
खेत में।
प्रश्न 7.
तीसरी स्त्री का पुत्र शाम को कहाँ का काम करता था?
उत्तर:
घर का।
प्रश्न 8.
तीनों स्त्रियाँ सिर पर क्या रखकर चली गईं?
उत्तर:
घड़ा।
प्रश्न 9.
तीनों स्त्रियाँ कितने कदम चली थीं कि उन्हें पहली स्त्री का पुत्र दिखाई पड़ा?
उत्तर:
दो – चार।
प्रश्न 10.
तीसरी स्त्री का पुत्र कैसा था?
उत्तर:
सीधा – सादा।
प्रश्न 11.
शब्द चुनकर खाली जगह भरिए:
- ……………. रोज़ साफ की जाती थीं।
- दूसरी ने ……………. में झट से कहा।
- वह मेरा ……………. है।
- मेरा लाल मेरे लिए बहुत …………… है।
- इसलिए मुझे ……………. भरने आना पड़ा।
- ……….. वहीं करूंगा।
- दूसरी स्त्री का ……………. पुत्र आता हुआ दिखा।
- दोनों स्त्रियों का सिर …………… से झुक गया।
उत्तरः
- नालियाँ
- जोश
- सपूत
- अच्छा
- पानी
- भोजन
- पहलवान
- संकोच
व्याकरण:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
- पुराना
- स्वच्छता
- नियमित
- सावधानी
- सपूत
- ज्ञान
- निर्मल
- गुण
- देश
- प्रसिद्ध
- सुंदर
- साधारण
- तेज़
- सफाई
- आवश्यक
उत्तर:
- नया
- अस्वच्छता
- अनियमित
- लापरवाही
- कपूत
- अज्ञान
- मलिन
- अवगुण
- विदेश
- अप्रसिद्ध
- कुरूप
- असाधारण
- धीमा
- गंदगी
- अनावश्यक
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए:
- बखान
- सुबह
- पुत्र
- निर्मल
- उत्साह
- अवगुण
- घर
- दिन
- धरती
- पानी
- प्रेम
उत्तर:
- प्रशंसा, तारीफ
- प्रातः, सवेरा
- बेटा, लाल
- साफ, स्वच्छ
- जोश, आनंद
- दोष, कमी
- गृह, निवास
- दिवस, वार
- धरा, भू
- जल, नीर
- प्यार, स्नेह
प्रश्न 3.
मुहावरा’ एक ऐसा शब्द समूह है, जो साधारण अर्थ की बजाय विशेष अर्थ देता है। जैसे –
उत्तर:
- धूम मचाना अर्थात चारों ओर चर्चा होना।
- चारों खाने चित होना अर्थात पूरी तरह हार जाना।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना अर्थात पूरी तरह बेअक्ली से काम लेना।
- उल्लू बनाना अर्थात मूर्ख बनाना।
- घोड़े बेचकर सोना अर्थात निश्चिंत होकर सोना।
- दुम दबाकर भागना अर्थात डरकर भागना।
- दिन – रात एक करना अर्थात कड़ा परिश्रम करना।
सपूत Summary in Hindi
कहानी का सारांश:
प्रस्तुत कहानी द्वारा अच्छे पुत्र के गुणों के बारे में बताया गया है। अच्छा पुत्र माँ-बाप की सेवा करता है। उनका सहारा बनता है। वह सच्चा सपूत कहलाता है।
शब्दार्थ:
- नियमित – रोज़ (regular)
- परिसर – अहाता (compound)
- मैदान – (ground)
- निर्मल – शुद्ध (pure)
- सावधानी – सतर्कता (care)
- बखान – वर्णन (characterization)
- धूम मचाना- प्रसिद्धि (fame)
- बली – बलवान (well built)
- मुकाबला – स्पर्धा, प्रतियोगिता (competition)
- कपूत – दुर्गुणी पुत्र (unworthy son)
- पछाड़ना – हरा देना, पीछे छोड़ना (to defeat)
- चारों खाने चित्त होना – पराजित होना (defeat)
- आदर्श – अच्छा (ideal)
- स्वच्छता – सफाई (cleanliness)
- लिपाई – पुताई – घर में रंग लगवाना (paint)
- संकोच – शर्म (shyness, hesitation)