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Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 अनमोल वाणी

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 अनमोल वाणी

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 अनमोल वाणी

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 9 अनमोल वाणी Textbook Questions and Answers

स्वयं अध्ययन

‘हाफ मैराथन’ में सफलता प्राप्त करने के लिए कौन-कौन-सी तैयारियाँ करोगे, लिखो।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 9 अनमोल वाणी Additional Important Questions and Answers

परिणाम लिखिए।

Question 1.
मनुष्य के मन पर भोजन का होने वाला परिणाम।
Answer:
मनुष्य जिस प्रकार का भोजन खाता है उस प्रकार उसका मन होता है।

Question 2.
मनुष्य के मन पर पानी का होने वाला परिणाम।
Answer:
मनुष्य जिस तरह का पानी पीता है उसी तरह ही उसकी भाषा होती है।

उत्तर लिखिए।

Question 1.
दुनिया के प्रति कबीर का अनुभव
Answer:
इस दुनिया में जब कबीर बुरा व्यक्ति ढूँढ़ने निकले तब उन्हें कोई बुरा व्यक्ति नहीं मिला।

Question 2.
संत कबीर ने महसूस किया
Answer:
कबीरदास जी ने महसूस किया कि इस दुनिया में उनसे बुरा कोई और नहीं है।

 

कृति क (३) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
ऐसी बानी …………………… शीतल होय।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ संत कबीर लिखित ‘अनमोल वाणी’ कविता से ली गई हैं। मनुष्य को ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए; जिससे वह लोगों के हृदय को प्रसन्न कर सकें। मनुष्य को अपने मन के अहंकार को मिटाकर मीठे व नम्र वचन बोलने चाहिए। मीठी व नम्र वाणी दूसरे लोगों को सुख प्रदान करती हैं और इससे मनुष्य स्वयं भी सुख का अनुभव करता है।

Question 2.
बुरा जो ……………………. बुरा न कोय।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ संत कबीर लिखित ‘अनमोल वाणी’ कविता से ली गई हैं। संत कबीर इस दुनिया में बुरा व्यक्ति ढूँढ़ने निकले, तो उन्हें कोई बुरा व्यक्ति नहीं मिला। इसके पश्चात कबीरदास जी ने स्वयं के मन में झाँककर देखा, तो उन्होंने महसूस किया कि इस दुनिया में उनसे बुरा कोई और नहीं है।

कृति ख (२) आकलन कृति

गलत वाक्य सही करके फिर से लिखिए।

Question 1.
दाऊ भैया की चोटी के समान कृष्ण की चोटी लंबी और मोटी हो गई है।
Answer:
दाऊ भैया की चोटी के समान कृष्ण की चोटी लंबी और मोटी हो जाएगी।

Question 2.
माँ यशोदा कृष्ण को बचपन से माखन रोटी खाने के लिए देती है।
Answer:
माँ यशोदा कृष्ण को बचपन से दूध पीने के लिए देती है।

 

समझकर लिखिए।

Question 1.
पद्यांश में प्रयुक्त व्यंजनों के नाम
Answer:
माखन व रोटी।

Question 2.
कृष्ण के बड़े भाई का नाम
Answer:
बलराम।

कृति क (३) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
मैया कबहिं ………………….. लाँबी मोटी।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ भक्त सूरदास लिखित ‘अनमोल वाणी’ कविता से ली गई हैं। बालक कृष्ण अपनी चोटी को निहार रहे हैं। अपनी चोटी को देखकर वे अपनी माँ से कहते हैं, “मेरी चोटी कब बढ़ेगी?” मैं बचपन से अब तक कई बार दूध पीते बड़ा हुआ हूँ फिर भी मेरी चोटी छोटी ही है। वह अब तक बढ़ ही नहीं रही है। माँ, तू ने तो मुझसे का था कि दाऊ भैया की चोटी के समान यह लंबी और मोटी हो जाएगी और कंघी करते, गूंथते व स्नान करते समय यह नागिन के समाज जमीन तक लटकने व लहराने लगेगी।

Question 2.
काँचौ दूध ……………….. हलधर की जोटी।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ भक्त सूरदास लिखित ‘अनमोल वाणी’ कविता से ली गई हैं। बालक श्रीकृष्ण अपनी माँ से शिकायत करते हुए कहते हैं कि माँ, तू मुझे सिर्फ कच्चा दूध पीने के लिए देती है, लेकिन खाने के लिए माखन रोटी नहीं देती है।” अपनी भक्ति कृष्ण को अर्पित करते हुए सूरदास कहते हैं कि दोनों भाई चिरंजीवी हो और हरि-हलधर की जोड़ी बनी रहे।

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:

कृति पूर्ण करो:

Question 1.


Answer:

 

Question 2.

Answer:

कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. ठंडा
  2. कोई
  3. बलराम
  4. दोनों
  5. मक्खन
  6. भाई

Answer:

  1. शीतल
  2. कोय।
  3. हलधर
  4. दोउ
  5. माखन
  6. भैया

 

‘भोजन का प्रभाव’ – टिप्पणी लिखिए।
Answer:
मनुष्य जिस प्रकार का भोजन खाता है; उसी प्रकार उसका मन हो जाता है। मनुष्य यदि अपनी अच्छी कमाई द्वारा भोजन प्राप्त करता है, तो उसका व्यवहार भी अच्छा ही होगा। यदि दूसरों को फँसाकर भोजन प्राप्त करता है, तो उसके मन में बेईमानी होगी। अर्थात आजीविका प्राप्त करने में हमें सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए।

उपयोजित लेखन

‘आगे कुआँ पीछे खाई’ कहावत का अर्थ लिखकर उससे संबंधित कोई प्रसंग लिखिए।
Answer:
‘आगे कुआँ पीछे खाई’ कहावत का अर्थ : दोनों ओर मुसीबत होना। विजयपुर शहर में विक्रम सिंह नाम के एक संपन्न व्यक्ति रहते थे। वे पढ़े-लिखे थे और एक बड़ी कंपनी में अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे थे। उनका करीबन तीन लाख रूपया वेतन था। परिवार में पत्नी और दो बेटे थे। उनका छोटा व सुखी परिवार था। उनके पास आलिशान बंगला, आकर्षक गाड़ियाँ व जमीन-जायदाद आदि सब कुछ था। वे जो भी चाहते थे; उन्हें मिलता था। देखा जाए, तो उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं था; जो वे चाहते थे और उन्हें नहीं मिले। इस प्रकार वे दुनिया के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति थे। फिर भी अधिक पाने की चाहत के कारण वे हमेशा उदास एवं दुखी दिखाई देते थे। वे अधिक धनवान बनना चाहते थे। हमेशा की तरह विक्रम सिंह आज घर आए, तो उनके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे।

वे हरदिन की अपेक्षा आज अत्यधिक खुश दिखाई दे रहे थे। उनके चेहरे पर मुस्कराहट देखकर पत्नी ने जिज्ञासावश पूछा, “क्या बात है जी? आज बहुत खुश दिखाई दे रहे हो।” उन्होंने कहा, “अरी रमा, दफ्तर में मेरी तरक्की हो गई है और मेरा वेतन भी बढ़ा दिया गया है।” “कितनी खुशी की बात है, अजय के पापा।” पत्नी ने हर्षित होकर कहा। विक्रम सिंह आगे कुछ कहने ही जा रहे थे; तब तक अचानक उनका फोन बजने लगा। उन्होंने फोन उठाया। कोई प्रतिद्वंदवी कंपनी उन्हें अधिक बेतन देकर अपनी कंपनी में काम करने के लिए बुला रही थी। वे सोचने लगे, “अगर मैं एक और कंपनी के लिए काम करूंगा, तो मेरे मालिक को अच्छा नहीं लगेगा…. पर….. क्या करूं….. इतने रुपए। मैं दोनों कंपनी के लिए काम कर सकता हूँ ………… दिन भर एक कंपनी में और रात भर दूसरी कंपनी में …….. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और आहिस्ता-आहिस्ता मैं अधिक धनवान बन जाऊँगा।” बस यह सोचते ही उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कंपनी को ‘हाँ’ कहा।

अगले ही दिन वे अपनी कंपनी में गए। वहां उन्होंने पूरा दिन काम किया और शाम होते ही वहाँ निकले और प्रतिद्वंद्वी कंपनी में पहुंचे। सुबह होने तक उन्होंने वहाँ काम किया और फिर घर आकर नहा धोकर फिर पहली कंपनी में काम करने के लिए निकल पड़े। पूरा एक सप्ताह उन्होंने ऐसे ही बिताया। सप्ताह का अंत होने तक वे बहुत थक गए थे। शनिवार और रविवार
उन्होंने आराम किया। फिर सोमवार आ गया। पहली कंपनी में काम करने के बाद वे शाम को दूसरी कंपनी में काम करने गए।

 

काम करते-करते रात के दस बज चुके थे। उसी वक्त उनकी पहली कंपनी का मालिक किसी उत्पाद के सिलसिले में बात करने के लिए दूसरी कंपनी के मालिक को मिलने वहाँ पहुंचा। उसने विक्रम सिंह को देखा। वह उससे कुछ पूछे कि उसी वक्त दूसरी कंपनी का मालिक अपने दफ्तर से बाहर आया और उसने पहली कंपनी के मालिक से हाथ मिलाया। पहली कंपनी के मालिक ने तुरंत विक्रम सिंह से प्रश्न किया कि इस वक्त तुम यहाँ? क्या तुम यहाँ काम करते हो? दोनों मालिक एक-दूसरे को देखने लगे। तब पहले कंपनी के मालिक ने फिर से पूछा कि आखिर तुम किस कंपनी के लिए काम करते हो? अब विक्रम सिंह क्या कहता? उसके लिए आगे कुआँ पीछे खाई वाली मुसीबत थी। सीख : हमें परिस्थितियाँ बिगड़ने से पहले ही नियंत्रित कर लेनी चाहिए।

कल्पना पल्लवन

पानी, वाणी व दूध इन शब्दों का प्रयोग करते हुए कविता लिखिए।
Answer:
मेरी बिल्ली बड़ी सयानी
नाम है उसका दीवानी।
हर पल चाहिए उसको दूध
नहीं पीती है वह पानी।
‘म्याऊँ-म्याऊँ सदा करती है,
नहीं मिठी है उसकी वाणी।
मेरी बिल्ली बड़ी सयानी
नाम है उसका दीवानी।…

भाषाबिंदु

पाठों में आए अलग-अलग काल के वाक्य ढूँढकर उनका अन्य कालों में परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
मुझे तो कुछ याद नहीं पड़ता। (सामान्य भविष्यकाल)
Answer:
मुझे तो कुछ याद नहीं पड़ेगा।

Question 2.
समुद्र तट पर और लोग भी नहा रहे थे। (सामान्य भूतकाल)
Answer:
समुद्र तट पर और लोगों ने भी नहाया।

Question 3.
वक्त भी नहीं मिलता। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
वक्त भी नहीं मिल रहा है।

Question 4.
जुहू पर बड़ी सर्द हवा चलती है। (पूर्ण भूतकाल)
Answer:
जुहू पर बड़ी सर्द हवा चली थी।

Question 5.
सुबह पाँच बजते ही अलार्म ने शोर मचाया। (पूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
सुबह पाँच बजते ही अलार्म ने शोर मचाया है।

Question 6.
दो बजे का अलार्म बेल लग गया। (सामान्य वर्तमानकाल)
Answer:
दो बजे का अलार्म बेल लग गया था।

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