MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार
In this article, we will share MP Board Class 10th Social Science Book Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 पाठान्त अभ्यास
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
भारत में रेलवे जोन की कुल संख्या है
(i) 9
(ii) 16
(iii) 14
(iv) 15
उत्तर:
(ii) 16
प्रश्न 2.
बड़ी रेलवे लाइन में रेल की दोनों पटरियों के मध्य की दूरी होती है
(i) 1,676 मिमी
(ii) 1000 मिमी
(iii) 792 मिमी
(iv) 1,560 मिमी।
उत्तर:
(i) 1,676 मिमी
प्रश्न 3.
भूमिगत रेलपथ (मेट्रो रेल) से सम्बन्धित है –
(i) बंगलूरू
(ii) कोलकाता
(iii) अहमदाबाद
(iv) भोपाल।
उत्तर:
(ii) कोलकाता
प्रश्न 4.
गैस लाइन है
(i) बरौनी-हल्दिया
(ii) बरौनी-जालंधर
(iii) नाहरकटिया-बरौनी
(iv) हजीरा-जगदीशपुर।
उत्तर:
(iv) हजीरा-जगदीशपुर।
प्रश्न 5.
मुम्बई बन्दरगाह के दबाव को कम करने हेतु विकसित बन्दरगाह है (2017)
(i) पाराद्वीप
(ii) हल्दिया
(iii) न्हावाशेवा
(iv) काण्डला।
उत्तर:
(iii) न्हावाशेवा
प्रश्न 6.
विदेशों में रह रहे लोगों से बात करने हेतु भारत में उपलब्ध दूरसंचार सेवा है (2016)
(i) बी. पी. टी.
(ii) आई. एस. डी.
(iii) एस. टी. डी.
(iv) डब्ल्यु. एल. एल.
उत्तर:
(ii) आई. एस. डी.
प्रश्न 7.
जिन उपभोक्ताओं के पास कम्प्यूटर या इन्टरनेट उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें प्रारम्भ की गई दूरसंचार सेवा
(i) व्यापारिक चैनल
(ii) स्पीड पोस्ट
(iii) ई-पोस्ट
(iv) ई-बिलपोस्ट।
उत्तर:
(iii) ई-पोस्ट
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
आन्ध्र प्रदेश के कोरोमण्डल तट पर सर्वाधिक सुरक्षित व गहरा बन्दरगाह ……. है।
उत्तर:
विशाखापट्टनम
प्रश्न 2.
स्थानीय पत्रों के प्रेषण हेतु बड़े शहरों में लगाई गई पत्र पेटियाँ ……” कहलाती हैं।
उत्तर:
ग्रीन चैनल
प्रश्न 3.
सभी राज्यों की राजधानियों में डाक छाँटने व प्रेषण हेतु उपयोगी चैनल ……. है।
उत्तर:
राजधानी चैनल
प्रश्न 4.
इन्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। (2009, 11, 13)
उत्तर:
इण्टरनेट
प्रश्न 5.
विदेशी व्यापार से आशय एक देश का अन्य देशों से वस्तुओं के …….. से है। (2010)
उत्तर:
आदान-प्रदान
प्रश्न 6.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारत का विदेशी व्यापार ……का स्वरूप लिये हुआ था।
उत्तर:
औपनिवेशिक व्यापार
प्रश्न 7.
1992 की घोषित आयात-निर्यात नीति में ……. को काफी उदार बना दिया गया है।
उत्तर:
लाइसेंस प्रणाली।
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ङ)
- → (क)
- → (ख)
- → (ग)
- → (घ)
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कोलकाता से 125 किमी. दूर कौन-सा बन्दरगाह विकसित किया गया है ?
उत्तर:
हल्दिया बन्दरगाह।
प्रश्न 2.
इण्डियन एयरलाइन्स का मुख्यालय कहाँ हैं ?
उत्तर:
दिल्ली में।
प्रश्न 3.
भारत में प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य 500 तक की आबादी वाले सभी गाँवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है।
प्रश्न 4.
परिवहन व संचार से क्या आशय है ?
उत्तर:
व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।
प्रश्न 5.
दूरदर्शन में विज्ञापन सेवा कब प्रारम्भ की गई थी ?
उत्तर:
1976 में विज्ञापन सेवा प्रारम्भ की गई।
प्रश्न 6.
अन्तर्राष्ट्रीय दर्शकों को भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की जानकारी किस चैनल द्वारा प्रदान की जाती है ?
उत्तर:
डी. डी. इण्डिया चैनल द्वारा।
प्रश्न 7.
वर्तमान में रेडियो प्रसारण सेवा का नाम क्या है ?
उत्तर:
आकाशवाणी।
प्रश्न 8.
भारत में दूरदर्शन के शैक्षिक चैनल को प्रमुखतया किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर:
डी. डी. ज्ञानदर्शन शैक्षिक चैनल नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 9.
भारत के प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्गों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत वर्ष से गुजरने वाले प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग निम्नलिखित हैं –
- सिंगापुर मार्ग-कोलकाता से जापान होते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के तटों तक।
- ऑस्ट्रेलिया मार्ग-चेन्नई से सिंगापुर होते हा ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैण्ड तक।
- स्वेज मार्ग-मुम्बई से पोर्टसईद तथा लन्दन तक।
- उत्तमाशा अन्तरीप मार्ग-मुम्बई, मोम्बासा से यूरोप व अमेरिका तक।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मैट्रो रेल सेवा से क्या तात्पर्य है ? (2009)
उत्तर:
मैट्रो रेल सेवा – जनसंख्या के महानगरों में केन्द्रित होने से घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विकास की सम्भावनाएँ सीमित हैं। इसलिए महानगरों में भूमिगत रेल पथ (मैट्रो रेल) विकसित करने की योजना है। कोलकाता, मुम्बई एवं दिल्ली में यह कार्य पूरा किया जा चुका है।
प्रश्न 2.
आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ कौन-कौनसी हैं ? (2014)
उत्तर:
आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं –
- देश की अधिकांश नदियाँ मौसमी हैं। कुछ नदियाँ तो शुष्क मौसम में बिल्कुल सूख जाती हैं और कुछ में जलधारा इतनी पतली और उथली होती है कि उसमें नावें या स्टीमर नहीं चलाये जा सकते।
- वर्षा ऋतु में जल की अधिकता, विकराल गति एवं बाढ़ की स्थिति के कारण वर्षा ऋतु में नाव्य नदियों का परिवहन के लिए उपभोग नहीं हो पाता।
- सदा नीरा नदियों से सिंचाई के लिए जगह-जगह से नहरें निकाली गई हैं, जिससे नदियों में जलस्तर तो कम हो ही जाता है, मार्ग में द्वार या बन्द बनाने से मार्ग बाधायुक्त हो जाता है। अतः जो नदियाँ पहले नौ संचालन के योग्य थीं, अब उपयोगी नहीं रहीं।।
- दक्षिण भारत की नदियाँ पथरीले भागों से बहती हुई प्रपात बनाती हैं। प्रपाती नदियों में गति तो तीव्र होती है, साथ ही प्रपातों के साथ-साथ स्वाभाविक रूप से नावों या स्टीमरों को नहीं चलाया जा सकता।
प्रश्न 3.
बन्दरगाह व पत्तन में क्या अन्तर है ? (2013)
उत्तर:
बन्दरगाह व पत्तन में निम्नलिखित अन्तर हैं –
बन्दरगाह
- जलयानों व जहाजों के तट पर आने-जाने, ठहरने,विश्राम करने के स्थान को बन्दरगाह कहते हैं।
- बन्दरगाह पर सामान्य सुविधाएँ ही होती हैं। नगर जैसी सुविधाएँ नहीं होती हैं।
पत्तन
- समुद्रतट का वह अन्त:स्थल जहाँ जहाज में माल लादने एवं उतारने का कार्य होता है, पत्तन कहलाता है।
- पत्तन में नगर जैसी सुविधाएँ; जैसे-यात्रियों को ठहरने तथा माल को सुरक्षित रखने की सुविधाएँ होती हैं।
प्रश्न 4.
सेल्युलर फोन क्या है ?
उत्तर:
सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन-यह बेतार का तार जैसा फोन है जिसे सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन कहते हैं। इस फोन को हम कहीं भी जेब में रखकर ले जा सकते हैं वहीं से फोन कर सकते हैं एवं बाहर से फोन प्राप्त (रिसीव) कर सकते हैं। 2007 तक देश में इस सेवा का उपयोग करने वालों की संख्या 165.09 मिलियन थी जो वर्तमान में बढ़कर 969.54 मिलियन हो गई है।
प्रश्न 5.
तार व फैक्स में क्या अन्तर है ? (2013)
उत्तर:
तार – अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने टेलीग्राफ का आविष्कार किया। इससे सन्देश शीघ्र भेजे जाने लगे। इसके लिए खम्भों पर टेलीग्राफ के तार स्थाई रूप से बाँधा जाना जरूरी था। इन तारों द्वारा बिजली के माध्यम से सन्देश एक स्थान से दूसरे स्थान तक कोडेंसी मशीन द्वारा भेजे जाते हैं। सभी देश तार भेजने के लिए मोर्सकोड नामक सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं।
फैक्स – फैक्स एक प्रकार से लिखित सन्देश प्राप्त करने या भेजने का साधन है। इसके लिए एक मशीन की आवश्यकता होती है जिसे फैक्स मशीन कहते हैं। इस मशीन को टेलीफोन नम्बर से जोड़ देते हैं एवं सन्देश लगा देते हैं। यह मशीन उस सन्देश को कागज पर छाप देती है। साथ ही भेजने वाले का टेलीफोन नम्बर, पता एवं समय लिख देती है।
प्रश्न 6.
इण्टरनेट से क्या तात्पर्य है ? (2009, 11, 14)
उत्तर:
इण्टरनेट-इण्टरनेट इण्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। इण्टरनेट कम्प्यूटरों को जोड़ने की सर्वाधिक सक्षम अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रणाली है जिसने वर्तमान में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को आपस में जोड़ रखा है। इस सेवा से कोई भी व्यक्ति घर बैठे देश-विदेश की प्रत्येक घटना को देख सकता है व सम्पर्क कर सकता है। सामान्यतः इण्टरनेट का उपयोग संवादों से सम्बन्धित आँकड़ों के संग्रह या प्रकाशन कार्य के लिए भी होता है। इण्टरनेट के द्वारा व्यक्ति अपने-अपने संवादों को तुरन्त एक-दूसरे के कम्प्यूटर स्क्रीन पर पढ़ और जान सकता है तथा अतिशीघ्र जवाब दे सकता है। जून 2015 तक प्राप्त सूचना के अनुसार भारत में करीब 302 मिलियन इण्टरनेट ग्राहक थे।
प्रश्न 7.
भारतीय दूरदर्शन सेवा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय दूरदर्शन
भारत में टेलीविजन सेवा का नियमित प्रसारण 1965 से प्रारम्भ हुआ। सन् 1976 में इसे आकाशवाणी से पृथक् कर दूरदर्शन नामक अलग संगठन बनाया गया। अब देश की लगभग 87 प्रतिशत से अधिक जनता, 1,402 स्थल ट्रान्समीटरों के माध्यम से दूरदर्शन के कार्यक्रम देख सकती है। कार्यक्रम तैयार करने वाले केन्द्रों की संख्या 20 है। 1976 में विज्ञापन सेवा प्रारम्भ की गई। 1982 से दूरदर्शन ने रंगीन कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारम्भ कर दिया। डी. डी. 1 एवं डी. डी. 2 दिल्ली से प्रारम्भ किये गये। तत्पश्चात् 11 क्षेत्रीय भाषाओं के उपग्रह चैनल शुरू किये। फरवरी 1987 से दूरदर्शन की प्रात:कालीन सेवा प्रारम्भ हुई। 26 जनवरी, 1989 से दोपहर की सेवा प्रारम्भ की गई। इस प्रकार दूरदर्शन की तीनों सभाएँ संचालित करके सभी वर्गों के लिए कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। खेल सम्बन्धी गतिविधियों के लिए डी. डी. स्पोर्ट्स चैनल, गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक पहुँच बनाने हेतु सन् 2000 में डी. डी. ज्ञान दर्शन शैक्षिक चैनल आरम्भ किया गया। दूरदर्शन के अनेक निजी चैनल भी हैं।
प्रश्न 8.
उपग्रह संचार सेवा से क्या आशय है ? (2010)
उत्तर:
उपग्रह संचार-वैज्ञानिकों ने मानव हितों की पूर्ति के लिए मशीनीकृत उपग्रह तैयार कर रॉकेटों की सहायता से अन्तरिक्ष में स्थापित किया है। ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए मौसम, प्राकृतिक संसाधनों, सैनिक गतिविधियों आदि की जानकारी चित्र और मानचित्र के माध्यम से पृथ्वी पर भेजते हैं। आर्यभट्ट, एप्पल, इन्सेट, आई. आर. एस. कृत्रिम उपग्रह इसी दिशा में किये गये प्रयास हैं।
प्रश्न 9.
विदेशी या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से क्या तात्पर्य है ? (2010, 11)
उत्तर:
विदेशी या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार-प्रत्येक राष्ट्र अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विदेशों से वस्तुएँ खरीदता है और बदले में अपने देश की वस्तुओं को बेचता है। वस्तुओं के इस पारस्परिक विनिमय को ही व्यापार कहा जाता है। दो या अधिक राष्ट्रों के बीच होने वाले विनिमय को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। एक देश दूसरे देशों के साथ जो क्रय-विक्रय करता है वह उसका विदेशी व्यापार कहलाता है। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश तथा भारत के बीच होने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलायेगा।
प्रश्न 10.
सांस्कृतिक भिन्नता व्यापार को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर:
विश्व के सभी राष्ट्र सांस्कृतिक रूप से समान नहीं हैं। विभिन्न राष्ट्रों में सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण, रहन-सहन, रीति-रिवाज, रुचियाँ भिन्न-भिन्न हैं। इस सांस्कृतिक भिन्नता के कारण उत्पादन एवं माँग भी भिन्न-भिन्न है। इस भिन्नता का प्रभाव अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर पड़ता है।
प्रश्न 11.
विदेशी व्यापार संरचना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
विदेशी व्यापार संरचना-विदेशी व्यापार की संरचना से आशय आयात-निर्यात के स्वरूप से होता है। दूसरों शब्दों में, इसका आशय इस बात से होता है कि कोई राष्ट्र किस प्रकार की वस्तुओं का आयात-निर्यात करता है। जब एक राष्ट्र से वस्तुओं को दूसरे राष्ट्र को भेजा जाता है तो उसे निर्यात कहते हैं। इसके विपरीत जब अन्य राष्ट्र से वस्तुओं को मँगाया जाता है तो इसे आयात कहते हैं।
प्रश्न 12.
निर्यात संवर्द्धन एवं आयात प्रतिस्थापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
निर्यात संवर्द्धन – यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निर्यात वृद्धि के लिए पुराने निर्यातकर्ताओं को तथा नवीन व्यक्तियों को निर्यात में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आयात प्रतिस्थापन – यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं के स्थान पर उन्हें कोई निकट स्थानापन्न देश में ही उत्पादित किया जाता है।
प्रश्न 13.
भारत की पाँच प्रमुख आयात एवं निर्यात वस्तुओं के नाम बताइए। (2009)
उत्तर:
भारत के आयात-भारत के आयात को प्रमुख रूप से तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है –
- पूँजीगत वस्तुएँ-इसमें मशीनें, धातुएँ, अलौह धातुएँ एवं परिवहन के सामान शामिल होते हैं।
- कच्चा माल-इसमें खनिज तेल, कपास, जूट तथा रासायनिक वस्तुओं का समावेश होता है।
- उपभोक्ता वस्तुएँ-इसमें खाद्यान्न, विद्युत उपकरण, औषधियाँ, वस्त्र, कागज इत्यादि का समावेश होता है।
भारत के निर्यात – भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
- खाद्यान्न समूह (या कृषिजन्य वस्तुएँ)- इसमें अनाज, चाय, तम्बाकू, कॉफी, काजू, मसाले आदि का समावेश होता है।
- कच्चा माल-इसमें खाल, चमड़ा, ऊन, रुई, कच्चा लोहा, मैंगनीज, खनिज पदार्थ आदि शामिल किये जाते हैं।
- निर्मित वस्तुएँ-इसमें जूट का सामान, कपड़े, चमड़े का सामान, सीमेण्ट, खेल का सामान, जूते आदि शामिल होते हैं।
- पूँजीगत सामान-इसमें मशीनें, परिवहन उपकरण, लोहा-इस्पात, इन्जीनियरिंग वस्तुएँ सॉफ्टवेयर एवं सिलाई मशीनें आदि को शामिल किया जाता है।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक कैसे हैं ? लिखिए। (2016)
उत्तर:
परिवहन का महत्त्व एवं उपयोगिता
आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए परिवहन व संचार के साधन आवश्यक आवश्यकता बन गये हैं। जैसे-जैसे मानव सभ्यता की ओर अग्रसर होता गया, परिवहन का इतिहास मानव सभ्यता का इतिहास बनता गया। अत: परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक बन गये हैं जैसा कि निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है –
- दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति-परिवहन के साधन; जैसे-सड़कें, रेलें, जलमार्ग, वायुमार्ग आदि मण्डी के लिए कृषि उपजें, उद्योगों के लिए कच्चा माल, उपभोक्ताओं के लिए तैयार माल तथा व्यापारियों के लिए दूरस्थ माल आदि को सुलभ कराते हैं। हमारी छोटी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति इन साधनों से ही सम्भव होती है।
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करना-परिवहन के साधन भारतीय राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करते हुए सद्भाव एवं भाईचारे को जाग्रत कर देश को एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं।
- वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करना- भारत के विस्तृत विस्तार, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक बहुलता एवं विविधता, भाषायी, सांस्कृतिक तथा वैचारिक एवं भौगोलिक दूरी से राष्ट्रीय एकता को खण्डित होने का खतरा लगातार बना रहता है। परिवहन के साधन वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करके राष्ट्रीय एकता को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- राष्ट्रीय प्रगति के सूचक-परिवहन के साधन राष्ट्रीय प्रगति व समृद्धि के सूचक हैं। इनसे ही माल व यात्री ढुलाई नियमित, विश्वसनीय व तीव्रगामी होती है।
- विश्वव्यापीकरण को बढ़ावा-परिवहन व संचार के द्रुतगामी व सक्षम साधनों के द्वारा दुनियाँ बहुत छोटी हो गयी है। किसी एक देश के बाजारों में हुए परिवर्तन का प्रभाव अन्य देशों के बाजारों पर अवश्य पड़ता है। दुनिया के लोगों की परस्पर निर्भरता को परिवहन के साधन सुलभ बना देते हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं के समय मददगार-परिवहन के साधन प्राकृतिक आपदाओं; जैसे-अकाल, बाढ़, महामारी, अतिवृष्टि, अनावृष्टि आदि के समय समाज के मददगार होते हैं।
प्रश्न 2.
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रख-रखाव की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रख-रखाव का कार्य परिवहन मन्त्रालय, राज्यों के लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा संगठन के माध्यम से करती हैं। ये पक्की सड़कें राष्ट्र के राज्यों की राजधानियों, बड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक नगरों, प्रमुख बन्दरगाहों तथा पड़ोसी राष्ट्रों की सड़कों से मिलती है। “भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 1,03,933 किलोमीटर है जो सड़कों की कुल लम्बाई का मात्र 2 प्रतिशत है लेकिन यातायात का 40 प्रतिशत इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरता है।”
देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना’ 1999 तैयार की गयी जिसके अनुसार सन् 2007 तक करीब 14 हजार किमी. लम्बे 4/6 लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का लक्ष्य है। देश के कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग अनलिखित हैं –
1 भारत 2018; पृष्ठ 499.
राष्ट्रीय राजमार्ग
प्रश्न 3.
“रेलमार्गों का वितरण भारत में असमान है।” स्पष्ट कीजिए। (2017)
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों का वितरण
भारत में रेलमार्गों का विकास उन्हीं क्षेत्रों में हुआ है जो आर्थिक दृष्टि से अधिक विकसित हैं। यह वितरण अत्यधिक असमान है।
(1) अधिक सघन रेलमार्ग क्षेत्र – यह क्षेत्र उत्तर भारत में सतलज-गंगा के मैदान में पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इस रेल क्षेत्र के प्रमुख स्टेशन लुधियाना, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, आसनसोल, हावड़ा आदि हैं।
(2) मध्य सघन रेलमार्ग क्षेत्र-इस मार्ग में प्रायद्वीपीय मैदान एवं दक्षिण के पठार सम्मिलित हैं। अहमदाबाद, बड़ोदरा, चेन्नई प्रमुख स्टेशन हैं।
(3) कम सघन रेलमार्ग क्षेत्र-देश के पर्वतीय, पठारी, मरुस्थलीय, दलदली, जंगली तथा पिछड़ी अर्थव्यवस्था एवं विरल जनसंख्या वाले भूभाग जहाँ परिवहन की सुविधाएँ नगण्य हैं, रेलमार्गों का विकास नहीं हो पाया है। इनमें कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, छत्तीसगढ़ का बस्तर एवं उड़ीसा के अधिकांश भाग सम्मिलित हैं।
भारतवर्ष के पर्वी एवं पश्चिमी तटीय भागों में समद्र तट के कटा-फटा व सँकरे होने तथा पहाड़ियों के किनारे के साथ रेलमार्ग पर्याप्त विकसित नहीं हो सके हैं। पूर्वी तट पर समुद्र तट के कन्याकुमारी से हावड़ा तक रेलमार्ग विकसित है। पश्चिमी तटीय क्षेत्र में कोंकण रेल निगम की स्थापना के साथ 837 किमी. का रेलमार्ग विकसित हुआ है।
जनसंख्या के महानगरों में केन्द्रित होने से घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विकास की सम्भावनाएँ सीमित हैं। महानगरों में भमिगत रेल पथ (मैट्रो रेल) विकसित करने की योजना है। भारत में कोलकाता, मुम्बई एवं दिल्ली में यह कार्य पूरा किया जा चुका है।
प्रश्न 4.
संचार के साधन वर्तमान युग में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण व उपयोगी कैसे हैं ? वर्णन कीजिए। (2009)
उत्तर:
संचार के साधनों का महत्त्व
संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है। मानव एक सामाजिक प्राणी है। अतः उसे अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संचार की अत्यन्त आवश्यकता पड़ती है। प्रारम्भ में मानव स्वयं सूचनाओं व सन्देशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता था बाद में घोड़ों या ऊँटों की पीठ पर बैठकर वह दूर तक सन्देशों को ले जाता था। इस कार्य के लिए कबूतरों का भी उपयोग होता था। संचार के साधन आज अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हो गये हैं। इसके महत्वपूर्ण होने के निम्नलिखित आधार हैं
- राष्ट्र के विकास कार्यक्रम और नीतियों के बारे में जनता में जागरूकता विकसित करने के लिए एवं राष्ट्रनिर्माण में इन साधनों का महत्वपूर्ण योगदान है।
- ये विभिन्न राष्ट्रों को परस्पर सम्पर्क सूत्र द्वारा एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करते हैं तथा सद्भावना बढ़ाते हैं।
- संचार के साधनों द्वारा किसी क्षेत्र में माल की आवश्यकता उसकी पूर्ति, वस्तुओं की कीमत आदि सूचनाएँ दूसरे क्षेत्रों को प्राप्त होती हैं।
- प्रशासन को अपना कार्य सुचारु रूप से चलाने के लिए संचार के साधनों की बहुत उपयोगिता है।
- संचार के साधनों द्वारा परिवहन व्यवस्था को भी द्रुतगामी एवं सुचारु बनाया गया है। यात्रा करने एवं माल भेजने की व्यवस्था के पहले से ही सूचना भेजी जा सकती है।
- युद्ध, दुर्घटना, भूकम्प एवं आपातकाल आदि घटनाओं के समय स्थिति का समाचार देना और शीघ्र राहत सामग्री भेजने में मदद करना।
- विश्व के किसी भी कोने में अपने मित्र व परिवार वालों से बातचीत करना।
- ये साधन देश के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा ये प्रगति के प्रेरक बन गये हैं।
प्रश्न 5.
“दूरदर्शन संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है।” स्पष्ट कीजिए। (2009)
उत्तर:
- दूरदर्शन में ध्वनि एवं चित्रों का साथ-साथ प्रसारण होता है। यह अधिक लोकप्रिय और प्रभावशाली साधन है।
- दूरदर्शन द्वारा विश्व में कहीं भी घटित घटनाओं का सजीव चित्रण प्रस्तुत होता है।
- दूरदर्शन से समाचारों के अतिरिक्त मौसम, कृषि, उद्योग, विज्ञान, खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, घर-परिवार, बालक, महिलाओं आदि सम्बन्धी विविध जानकारी का प्रसारण होता है।
- ज्ञानवर्द्धन के साधनों के रूप में इसकी बहुत विशिष्ट भूमिका है। विश्व के अनेक राष्ट्रों में दूरदर्शन, शिक्षा पद्धति का अभिन्न अंग है।
- दूरदर्शन के माध्यम से छात्रों को विभिन्न देशों के महत्वपूर्ण स्थलों को देखने का अवसर मिलता है तथा विभिन्न कलात्मक तथा ऐतिहासिक भवन घर पर ही देखने को मिल जाते हैं।
- दूरदर्शन द्वारा जनता को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को समझने में भी सरलता रहती है।
- इसके माध्यम से लोगों को राष्ट्र की सामाजिक व सांस्कृतिक घटना तथा धार्मिक सद्भाव देखने के अवसर प्राप्त होते हैं। इससे राष्ट्र में जागरूकता उत्पन्न होती है।
इस प्रकार दूरदर्शन संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है।
प्रश्न 6.
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान बताते हुए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान बताइए। (2016)
अथवा
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कौनसे कारक हैं ? कोई चार लिखिए। (2009, 12, 15)
उत्तर:
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान
वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का बड़ा महत्त्व है। कोई भी राष्ट्र बिना विदेशी व्यापार को बढ़ाये प्रगति नहीं कर सकता। वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आज किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति का मापदण्ड है। विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान अग्रलिखित बातों से स्पष्ट है –
- कृषि व उद्योगों का विकास-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से कृषि व उद्योगों का विकास सम्भव हो सकता है। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र से आधुनिक मशीनों व यन्त्रों आदि का आयात करके राष्ट्र में उद्योगों का विकास कर सकता है। कृषि क्षेत्र में भी कृषि के उपकरण, उर्वरक तथा उन्नत बीजों का आयात कर कृषि का विकास किया जा सकता है।
- विदेशी मुद्रा की प्राप्ति-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है जिसका उपयोग राष्ट्र के आर्थिक विकास में किया जा सकता है।
- रोजगार के अवसर-इससे उद्योग एवं कृषि में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
- उपभोक्ता को लाभ-इससे बाहर में वस्तुओं की विविधता देखने को मिलती है। उपभोक्ता अपने जीवनस्तर को उन्नत कर सकता है।
- परिवहन व संचार साधनों का विकास-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण ही यातायात और संचार के साधनों की प्रगति हुई है। व्यापार से परिवहन व संचार साधनों का घनिष्ठ सम्बन्ध है। आयात-निर्यात हेतु परिवहन व संचार साधनों की आवश्यकता पड़ती है।
- श्रम विभाजन-इससे श्रम विभाजन को बढ़ावा मिलता है, जो आर्थिक विकास का परिचायक है।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक
व्यापार पर अनेक प्राकृतिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है। इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –
- स्थिति-जो राष्ट्र विश्व के व्यापारिक मार्गों पर स्थित होते हैं, उनकी व्यापारिक प्रगति शीघ्र होती है।
- प्राकृतिक संसाधन-किसी राष्ट्र का व्यापार वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों की भिन्नता से प्रभावित होता है। प्राकृतिक संसाधनों में देश की जलवायु, वन, कृषि योग्य भूमि, कृषि उपजें, खनिज आदि सम्मिलित किये जाते हैं। इन्हीं साधनों पर उत्पादन निर्भर करता है।
- समुद्र तट-जिन राष्ट्रों का समुद्र तट बहुत कटा-फटा होता है वहाँ उन्नत बन्दरगाह विकसित होते हैं, लोग साहसी और अच्छे नाविक होते हैं।
- आर्थिक विकास-सभी राष्ट्रों के आर्थिक विकास की स्थिति एकसमान नहीं होती। जो राष्ट्र आर्थिक प्रगति में आगे हैं उनका व्यापार अधिक विकसित होगा।
- जनसंख्या की भिन्नता-जनसंख्या का असमान वितरण व्यापार को प्रभावित करता है। अधिक जनसंख्या वाले राष्ट्रों में माँग अधिक रहती है।
- शान्ति-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास शान्ति के समय ही हो सकता है। युद्ध एवं अशान्ति से व्यापार में हानि होती है।
प्रश्न 7.
भारत में निर्यात संवर्द्धन के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन कीजिए। (2017)
उत्तर:
निर्यात संवर्द्धन वह प्रक्रिया है जिसमें निर्यात वृद्धि के लिए पुराने निर्यातकर्ताओं को तथा नवीन व्यक्तियों को निर्यात में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
निर्यात संवर्द्धन के प्रयास
निर्यात संवर्द्धन हेतु निम्नलिखित उपाय किये गये हैं –
- विभिन्न संगठनों की स्थापना-भारत सरकार ने निर्यात के लिए बाजार खोजने, घरेलू माल का विदेशों में प्रचार करने तथा निर्यातकों को सुविधा देने के लिए विदेशी व्यापार संस्थान, आयात-निर्यात सलाहकार परिषद, राजकीय व्यापार निगम, निर्यात संवर्द्धन परिषद्, सूती वस्त्र निगम, जूट निगम, निर्यात-आयात बैंक की स्थापना की है।
- व्यापार विकास संस्था-निर्यात संवर्द्धन के क्षेत्र में कार्यरत् विभिन्न संस्थाओं में समन्वय स्थापित कर आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु व्यापार विकास संस्था की स्थापना की गयी।
- राजकीय व्यापार निगम की स्थापना-1956 में स्थापित इस निगम को स्थापित करने का उद्देश्य था-निर्यात का विविधीकरण करना, विद्यमान बाजारों का विस्तार करना, निर्यातों को प्रोत्साहन देना तथा आयातित वस्तुओं के वितरण की व्यवस्था करना।
- निर्यात गृहों की स्थापना-मान्यता प्राप्त संस्थाओं को निर्यात संवर्द्धन के लिए विपणन विकास विधि से आर्थिक सहायता प्रदान कराने हेतु इसकी स्थापना की गई। भारत में सात निर्यात संसाधन क्षेत्र हैं-काण्डला (गुजरात), सान्ताक्रुज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), चेन्नई (तमिलनाडु), नोएडा (उत्तर प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल), विशाखापट्टनम (आन्ध्र प्रदेश)। यहाँ कस्टम क्लीयरेंस की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
- भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना-1 जनवरी, 1982 को सरकार ने इस बैंक की स्थापना की, जिसके संचालक मण्डल में ‘रिजर्व बैंक’, ‘औद्योगिक विकास बैंक’ एवं ‘निर्यात साख व गारण्टी निगम’ के प्रतिनिधि हैं। इस बैंक का कार्य मुख्यतः निर्यात व्यापार को बढ़ावा देना है।
- ग्रीन कार्ड-सरकार ने निर्यात तेजी से बढ़ाने के उद्देश्य से शत-प्रतिशत निर्यात करने वाली संस्थाओं को ‘ग्रीन कार्ड’ जारी किया है, जो उत्पादन से विपणन तक सभी मामलों में ‘ग्रीन कार्ड धारक संस्था’ को उच्च प्राथमिकता प्रदान करता है।
- उदार लाइसेंस प्रणाली-सरकार ने 1992 में नई आयात-निर्यात नीति की घोषणा करके लाइसेंस प्रणाली को काफी उदार बना दिया और देश का निर्यात बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया है।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना’ को किस वर्ष में तैयार किया गया ?
(i) 1991
(ii) 1994
(iii) 1996
(iv) 1999.
उत्तर:
(iv) 1999.
प्रश्न 2.
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है
(i) ब्रिटेन
(ii) जापान
(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका
(iv) रूस।
उत्तर:
(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रश्न 3.
भारत की प्रमुखतम् आयात वस्तु है
(i) खनिज तेल
(ii) मशीनरी
(iii) कम्प्यू टर
(iv) रसायन।
उत्तर:
(i) खनिज तेल
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- दूरदर्शन ने रंगीन कार्यक्रमों का प्रसारण वर्ष …………… में प्रारम्भ किया।
- अमृतसर-अम्बाला-जालंधर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई …………… किमी. है।
उत्तर:
- 1982
- 456
सत्य/असत्य
प्रश्न 1.
भारत में रेलवे प्रणाली का प्रारम्भ 1837 में हुआ।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
भारतीय रेलमार्गों की लम्बाई एशिया में सबसे अधिक है। (2012)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
विशाखापट्टनम कर्नाटक के समुद्र तट पर स्थित है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
बन्दरगाह जल व थल के मिलन स्थल होते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
भारत में टेलीविजन सेवा का नियमित प्रसारण 1965 से प्रारम्भ हुआ।
उत्तर:
सत्य।
जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ख)
- → (क)
- → (घ)
- → (ग)
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
भारत में रेलमार्गों का विकास किस वर्ष में हुआ ? (2009)
उत्तर:
1853
प्रश्न 2.
पवनहंस की स्थापना कब की गई ?
उत्तर:
15 अक्टूबर, 1985
प्रश्न 3.
सभी देश तार भेजने के लिए कौन-सी सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
मोर्स कोड
प्रश्न 4.
किसी राष्ट्र द्वारा निर्यात से प्राप्त माल को किसी अन्य राष्ट्र के लिए निर्यात को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
पुनः निर्यात
प्रश्न 5.
जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ विदेशों से मँगाता है, तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर:
आयात।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भीतरी व्यापार क्या है ?
उत्तर:
एक ही तटीय खण्ड में उपस्थित पत्तनों के मध्य परस्पर व्यापार को भीतरी व्यापार कहा जाता है।
प्रश्न 2.
ई-बिल पोस्ट क्या है ?
उत्तर:
जहाँ विभिन्न सेवाओं के भुगतान की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध होती है, ई-बिल पोस्ट कहलाती है।
प्रश्न 3.
ट्रेम्प किसे कहते हैं ?
उत्तर:
माल वाहक जहाज को ट्रेम्प कहते हैं।
प्रश्न 4.
आयात-निर्यात से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
आयात – जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ विदेशों से मँगाता है, तो उसे आयात कहते हैं।
निर्यात – जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता से अधिक की वस्तुओं को अपने देश से बाहर भेजता है, तो उसे निर्यात कहते हैं।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पुनः निर्यात व्यापार से क्या आशय है ?
उत्तर:
पुनः निर्यात-विदेशों से वस्तुओं का आयात करके उन्हें पड़ोसी राष्ट्रों को निर्यात करना पुनः निर्यात व्यापार कहलाता है। दसरे शब्दों में, किसी राष्ट द्वारा निर्यात से प्राप्त माल को किसी अन्य रा निर्यात करने को पुनः निर्यात कहा जाता है। उदाहरण के लिए-ब्रिटेन भारत से चाय का आयात करता है तथा विश्व के अन्य राष्ट्रों को निर्यात करता है, यह पुनः निर्यात कहा जायेगा।
प्रश्न 2.
पाइप लाइन परिवहन के महत्त्व बताइए।
उत्तर:
पाइप लाइन परिवहन का महत्व
जिस प्रकार मोटर, रेल, जल, जहाज एवं हवाई जहाज से तरल, ठोस, शुष्क माल का परिवहन होता है उसी प्रकार तरल और गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइप लाइनों द्वारा किया जाता है। कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद एवं गैसीय पदार्थों का परिवहन करने के लिए पाइप लाइनों का जाल बिछाया गया है। इसके प्रमुख महत्त्व निम्नलिखित हैं-
- पाइप लाइन परिवहन को कठिन एवं ऊबड़-खाबड़ भू-भागों, दुर्गम स्थानों, मरुस्थलों, पर्वतों में एवं पानी के भीतर बिछाया जा सकता है।
- इसके संचालन और रख-रखाव की लागत बहुत कम होती है। केवल पाइप लाइन डालने में ही पहले खर्चा हो जाता है।
- इसमें माल की पूर्ति निरन्तर होती रहती है तथा दूर-दूर के स्थानों पर खनिज तेल व गैस पहुँचाई जाती है।
- पाइप लाइन परिवहन के विकास से गैस आधारित ताप विद्युत संयन्त्रों की स्थापना दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी सम्भव हो सकी है।
प्रश्न 3.
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तनों के नाम बताइए। वहाँ से परिवहन की जाने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
पश्चिमी भारत के प्रमुख पत्तन निम्नलिखित हैं –
काण्डला – यह गुजरात में स्थित है। यहाँ से कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, नमक, कपास, सीमेण्ट, चीनी, खाद्य तेल का परिवहन होता है।
मुम्बई – यह एक प्राकृतिक पोताश्रय है तथा भारत का सबसे बड़ा पत्तन है। यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद तथा शुष्क माल का परिवहन होता है।
न्हावाशेवा – नई मुम्बई के पश्चिमी तट पर यह बन्दरगाह विकसित किया गया है। यह भारत का आधुनिकतम बन्दरगाह है जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू बन्दरगाह रखा गया है। यह मुम्बई बन्दरगाह के दबाव को कम करने के लिए विकसित किया गया है।
मार्मुगाओ – यह गोवा में स्थित प्रमुख पत्तन है। यहाँ से मुख्यतः लौह-अयस्क निर्यात होता है।
न्यूमंगलौर – यह कर्नाटक राज्य में है। इस पत्तन से उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थ, खाद्य तेल, ग्रेनाइट पत्थर, शीरा तथा सामान्य माल का परिवहन होता है।
कोच्चि – यह पत्तन केरल में स्थित है। इस पत्तन से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक तथा अन्य कच्चे माल का व्यापार होता है।
प्रश्न 4.
परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में क्या अन्तर है ?
अथवा
यातायात और संचार में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में अन्तर
परिवहन के साधन
- एक स्थान से दूसरे स्थान को माल का लाना व ले जाना तथा सवारियों का आना-जाना परिवहन के साधनों द्वारा होता है।
- परिवहन के साधन स्थल मार्ग, जल मार्ग तथा वायु मार्ग हैं। इनमें कार, बस, रेल, जलयान,वायुयान आदि वाहनों का प्रयोग किया जाता है।
संचार के साधन
- सन्देश एवं सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान को पहुँचाना संचार कहलाता है।
- संचार के साधनों में डाक, तार, टेलीफोन, बे-तार का तार, मोबाइल, रेडियो, दूरदर्शन आदि का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 5.
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की कोई चार विशेषताएँ लिखिए। (2009)
अथवा
भारत के विदेशी व्यापार की विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- भारत के विदेशी व्यापार का लगभग 90% समुद्री मार्ग द्वारा और शेष 10% में वायु परिवहन एवं सड़क परिवहन का योगदान रहता है।
- भारत का 50% विदेशी व्यापार ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान के साथ होता है।
- भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार केवल छः पत्तनों से होता है-कोलकाता, विशाखापट्टनम्, कोच्चि, मुम्बई, काँदला व चेन्नई।
- भारत अधिकतर उन वस्तुओं का आयात करता है जो देश के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
- भारत में खनिज तेल की माँग निरन्तर बढ़ रही है, अतः आयातित खनिज तेल की मात्रा निरन्तर बढ़ती जा रही है। भारत के सम्पूर्ण आयात का लगभग एक-चौथाई भाग खनिज तेल का होता है।
प्रश्न 6.
उन देशों के नाम लिखिए जिनसे भारत का विदेशी व्यापार होता है।
उत्तर:
भारत के 11 प्रमुख व्यापारिक भागीदार देश निम्नलिखित हैं, जिनसे भारत का 48 प्रतिशत व्यापार होता है-संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैण्ड, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर एवं मलेशिया। संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। वर्ष 2005-06 में चीन दूसरे व्यापारिक भागीदार के रूप में उभरा है। चीन के साथ व्यापार में प्रभावशाली वृद्धि अयस्क, धातुएँ एवं इस्पात, जैव-रसायन के निर्यात एवं मशीनरी, रसायन के आयात से हुई है। संयुक्त अरब अमीरात व सिंगापुर अगले प्रमुख भागीदार राष्ट्र हैं।
प्रश्न 7.
आयात प्रतिस्थापन का देश के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था विकासशील है। भारत में आयात की जाने वाली वस्तुओं का देशी विकल्प ढूँढ़कर विदेशों पर निर्भरता कम करने के प्रयास किये गये हैं जिससे आयात बिल कम होता है, आयात बिल की कमी से विदेशी मुद्रा की बचत होती है, औद्योगीकरण को बल मिलता है, रोजगार के अवसरों का सृजन होता है एवं बेरोजगारी का दबाव घटता है। इस प्रक्रिया से देश का आर्थिक विकास आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ता है।
MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
“परिवहन तथा संचार के साधन किसी राष्ट्र की जीवन रेखाएँ हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। (2009)
उत्तर:
किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में परिवहन व संचार साधनों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। परिवहन में रेल परिवहन, सड़क परिवहन, जहाजरानी, जलयान एवं वायुयान आते हैं। संचार के अन्तर्गत डाक सेवाएँ तथा दूरसंचार, तार, टेलीफोन, दूरदर्शन आते हैं।
परिवहन व संचार साधनों के निम्नलिखित महत्त्व हैं –
- परिवहन व संचार के साधन उत्पादन के सभी साधनों को गतिशीलता प्रदान करते हैं। इससे न केवल देश में उपलब्ध साधनों का उचित प्रयोग सम्भव हो जाता है बल्कि देश में व्याप्त क्षेत्र विषमताएँ भी कम हो जाती हैं।
- परिवहन और संचार के साधन उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं को देश के कोने-कोने में पहुँचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
- विकसित तथा सस्ते परिवहन और संचार के साधन उपलब्ध होने पर उत्पादक को अपने पास वस्तुओं के अनावश्यक स्टॉक रखने की आवश्यकता नहीं होती, अपितु वस्तुओं को जल्दी बेचकर उत्पादक अपनी पूँजी का पुनः निवेश कर वस्तुओं का उत्पादन कर सकता है।
- इन साधनों द्वारा आर्थिक विकास में योगदान देने वाले सभी साधनों को अधिक से अधिक मात्रा में जुटाया जा सकता है।
- इन सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि परिवहन व संचार के साधन परस्पर सम्पर्क स्थापित करने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 2.
संचार से क्या आशय है ? इसके साधनों को संक्षेप में समझाइए। (2018)
[संकेत : संचार से आशय अति लघु उत्तरीय प्रश्न 4 देखें।]
अथवा
किन्हीं चार संचार साधनों के बारे में लिखिए। (2012, 15)
उत्तर:
सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन-यह बेतार का तार जैसा फोन है जिसे सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन कहते हैं। इस फोन को हम कहीं भी जेब में रखकर ले जा सकते हैं वहीं से फोन कर सकते हैं एवं बाहर से फोन प्राप्त (रिसीव) कर सकते हैं। 2007 तक देश में इस सेवा का उपयोग करने वालों की संख्या 165.09 मिलियन थी जो वर्तमान में बढ़कर 969.54 मिलियन हो गई है।
तार – अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने टेलीग्राफ का आविष्कार किया। इससे सन्देश शीघ्र भेजे जाने लगे। इसके लिए खम्भों पर टेलीग्राफ के तार स्थाई रूप से बाँधा जाना जरूरी था। इन तारों द्वारा बिजली के माध्यम से सन्देश एक स्थान से दूसरे स्थान तक कोडेंसी मशीन द्वारा भेजे जाते हैं। सभी देश तार भेजने के लिए मोर्सकोड नामक सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं।
फैक्स – फैक्स एक प्रकार से लिखित सन्देश प्राप्त करने या भेजने का साधन है। इसके लिए एक मशीन की आवश्यकता होती है जिसे फैक्स मशीन कहते हैं। इस मशीन को टेलीफोन नम्बर से जोड़ देते हैं एवं सन्देश लगा देते हैं। यह मशीन उस सन्देश को कागज पर छाप देती है। साथ ही भेजने वाले का टेलीफोन नम्बर, पता एवं समय लिख देती है।
इण्टरनेट-इण्टरनेट इण्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। इण्टरनेट कम्प्यूटरों को जोड़ने की सर्वाधिक सक्षम अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रणाली है जिसने वर्तमान में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को आपस में जोड़ रखा है। इस सेवा से कोई भी व्यक्ति घर बैठे देश-विदेश की प्रत्येक घटना को देख सकता है व सम्पर्क कर सकता है। सामान्यतः इण्टरनेट का उपयोग संवादों से सम्बन्धित आँकड़ों के संग्रह या प्रकाशन कार्य के लिए भी होता है। इण्टरनेट के द्वारा व्यक्ति अपने-अपने संवादों को तुरन्त एक-दूसरे के कम्प्यूटर स्क्रीन पर पढ़ और जान सकता है तथा अतिशीघ्र जवाब दे सकता है। जून 2015 तक प्राप्त सूचना के अनुसार भारत में करीब 302 मिलियन इण्टरनेट ग्राहक थे।
उपग्रह संचार-वैज्ञानिकों ने मानव हितों की पूर्ति के लिए मशीनीकृत उपग्रह तैयार कर रॉकेटों की सहायता से अन्तरिक्ष में स्थापित किया है। ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए मौसम, प्राकृतिक संसाधनों, सैनिक गतिविधियों आदि की जानकारी चित्र और मानचित्र के माध्यम से पृथ्वी पर भेजते हैं। आर्यभट्ट, एप्पल, इन्सेट, आई. आर. एस. कृत्रिम उपग्रह इसी दिशा में किये गये प्रयास हैं।
प्रश्न 3.
परिवहन से क्या आशय है ? इसके साधनों को संक्षेप में समझाइए। (2018)
उत्तर:
व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।
प्रश्न 4.
भारत में रेल परिवहन के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए प्रमुख भारतीय रेलवे जोन व उनके मुख्यालयों के नाम लिखिए।
उत्तर:
रेल परिवहन का महत्त्व
देश में माल ढोने और यात्री परिवहन का मख्य साधन रेलें हैं। देश के कोने-कोने तक के लोगों को आपस में जोड़ने के अलावा इसने कारोबार, देशाटन, तीर्थयात्रा और शिक्षा को सुलभ बनाया है। रेले राष्ट्रीय एकता स्थापित करने की प्रमुख कड़ी साबित हुई हैं। इसने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को एक सूत्र में पिरोया है और साथ ही कृषि तथा औद्योगिक विकास को तीव्र गति प्रदान की है।
भारत में रेलमार्गों का विकास सन् 1853 में आरम्भ हुआ। उस समय मुम्बई से थाणे तक देश में 34 किमी. लम्बी रेल लाइन विकसित की गई थी। आज देश में रेलों का व्यापक जाल बिछा हुआ है। भारतीय रेल नेटवर्क को 17 जोन्स (क्षेत्रों) में बाँटा गया है। इन 17 जोन्स और उनके मुख्यालयों का ब्यौरा नीचे दिया गया है –