MP Board Class 10th Special Hindi प्रायोजना कार्य
MP Board Class 10th Special Hindi प्रायोजना कार्य
MP Board Class 10th Special Hindi प्रायोजना कार्य
मध्य प्रदेश की क्षेत्रीय बोलियाँ
- छत्तीसगढ़ – दुर्ग, विलासपुर, रायगढ़,रायपुर।
- बुन्देली – टीकमगढ़, दतिया, छतरपुर।
- मालवी – मंदसौर, देवास, धार, रतलाम,उज्जैन, इन्दौर।
- ब्रज – गुना, – भिण्ड, शिवपुरी, मुरैना।
- निमाड़ी – खण्डवा, झाबुआ,खरगौन।
- बघेली – शहडोल,सतना, सीधी,रीवा, बालघाट।
विशेष – घर – परिवार में प्रयुक्त की जाने वाली भाषा बोली कहलाती है। इसका सुनियोजित व्याकरण नहीं होता।
हिन्दी की चार बोलियों के नाम
- ब्रजभाषा,
- अवधी,
- खड़ी बोली,
- राजस्थानी।
1. पहेलियाँ
(क) छत्तीसगढ़ी पहेलियाँ
पहेलियाँ मनोरंजन का बहुत ही आकर्षक तथा सरस साधन हैं। इससे मानव की बुद्धि का भी परिचय मिलता है। जो जितना कुशाग्र बुद्धि होता है,पहेलियों का उत्तर उचित तथा कम समय में देने में सक्षम होता है। यहाँ पाठकों के ज्ञानवर्द्धन हेतु छत्तीसगढ़ की कुछ पहेलियाँ निम्नवत् अवलोकनीय हैं –
1. चघेल नाक ऊपर, धरेल कान ला
बतावा ओहर हवै, कौन शैतान जा।
अर्थात् वह कौन – सा शैतान है, जो नासिका (नाक) के ऊपर चढ़ता है तथा कर्ण (कान) को पकड़ता है।
उत्तर –
चश्मा।
2. मोर घर कर पहरेदार, नई खाय नई पीये।
जुग – जुग तलक जिये।
मेरे गृह का चौकीदार न कभी खाना खाता है एवं न जल पीता है, लेकिन अत्यधिक समय तक जिन्दा रहता है।
उत्तर –
कपाट (किवाड़)।
3. पायंच भाई का एगोट आंगना।
पाँच बंधुओं के मध्य एक आंगन है।
उत्तर –
पाँच अंगुली तथा हथेली।
4. छोटा सा काला घर
घूमत रहेल इधर – उधर।
मेरे पास छोटा – सा काले वर्ण (रंग) का गृह है जो इधर – उधर घूमता है।
उत्तर –
छाता।
5. एक ठन पेड़ के एकेच ठन पतई
एक वृक्ष में एक ही पत्ता।
उत्तर –
झण्डा।
6. ना राजा के राज मा, न माली के बाग मा।
फोड़े मा गुठली नहीं, खाये मा स्वाद नहीं।
नृप के राज्य में नहीं है एवं न माली के बगीचे में है। फोड़ने पर इसमें गुठली नहीं निकलती एवं खाने में स्वादिष्ट नहीं।
उत्तर –
ओला (करा)।
7. आयल लुलु जाय ल लु, पानी लां उर्सयलुलु।
वह आता जाता है, परन्तु जल से भयभीत रहता है।
उत्तर –
जूता।
(ख) निमाड़ी पहेलियाँ
1. गाय चलती जाय, दूध पड़ती जाय।
गाय गमन करती है, दुग्ध (दूध) गिरता जाता है।
उत्तर –
चक्की।
2. ‘तू चल हऊँ आयो’।
तुम चलो मैं आया।
उत्तर –
दरवाजा।
3. “बाकी तेकी पावलई, वजावण वालो कण।
सुन्दर नाय सारसऽ मनावण बालो कूण॥”
टेढ़ी एवं तिरछी बांसुरी कौन बजा सकता है एवं ससुराल गमन करने वाली लड़की को कौन मनाने में सक्षम हो सकता है।
उत्तर –
नदी।
4. “आरकस बारकस नौ सौ खूटा, गाय है
भारकराई दूध छे मीठा।”
सैकड़ों चौखटों एवं दरवाजों से सुसज्जित पायगा में बहुत से खूटे गढ़े हैं, वहाँ की गायें मरखनी हैं परन्तु उनका दूध मधुर है।
उत्तर –
मधुमक्खी का छत्ता।
5. एक वाई असी कि सरकजऽनी
एक नारी ऐसी है, जो हटती ही नहीं।
उत्तर –
दीवार।
6. “काला खेत मंड दही को छीटों”
काले खेत में दही फैला हो।
उत्तर –
कपास।
7. “नीलई बेटी झूलड बठी, लड़रे सगा थारी बेटी।”
नीली लड़की झूले पर बैठी है। इसी कारण कहा है कि समधी लड़की को भली प्रकार रखा करो।
उत्तर –
केरी।
8. “असो कसो पावणों पाय
घर मंड सूतो आंगरणऽपांव” हे माता ! वह कैसा अतिथि (मेहमान) है जो सोता गृह में है, परन्तु इसके पैर आँगन तक आते हैं।
उत्तर –
दीपक (दिया)।
9. “छोटी सी छड़ी जमीन मंऽ गड़ी
रुम – झुम करती महले मंऽ चढ़ी” जब छोटी – सी थी तब धरती में गढ़ी थी, परन्तु अब बढ़ने पर रुम – झुम करती हुई प्रासादों महलों में चढ़ी जा रही है।
उत्तर –
ज्वार।
10. “काला खेत मंड शेर को पंजो”
काले खेत में शेर का पंजा हो।
उत्तर –
अदरक।
2. चुटकुले
(1) रात को पत्नी जोर से खाँस रही थी। पति ने सहानुभूति प्रकट करते हुए कहा –
“कल मैं तुम्हारे गले के लिए कुछ लाऊँगा।”
“हाँ, मेहरा ज्वैलर्स पर मैंने एक लॉकेट देखा था। वह ले आना प्लीज।”
(2) एक जानी मानी महिला वक्ता महिला उत्थान के सम्बन्ध में भाषण दे रही थी।
जोश में कहने लगी – “बताइए, यदि स्त्री न होती तो ये पुरुष कहाँ होते ?”
पीछे से आवाज आई-‘स्वर्ग में।’
(3) एक नवयुवती ने टैक्सी रोकी और ड्राइवर से कहा –
“जल्दी जच्चा – बच्चा अस्पताल ले चलो।”
टैक्सी ड्राइवर बहुत तेज टैक्सी चलाने लगा, तब वह नवयुवती बोली –
“इतनी तेज भी न चलाओ। मैं वहाँ नर्स हूँ।”
(4) एक मित्र ने देरी से आने का कारण बताते हुए कहा –
“यार, मेरी आदत है कि मैं जो भी काम करता हूँ, उसी में डूब जाता हूँ।”
‘तो फिर तुम एक कुआँ क्यों नहीं खोदते ?’ दूसरा मित्र क्रोध में बोला।
3. लोकगीत
(क) बुन्देली लोकगीत
तोरे गुन जान गई अरे बलमा रे।
जब तो कहत ते रंगामहल में, हो रंगामहल में
टूटी टपरिया में ल्याये बलमारे॥ तोरे गुन॥
जब तो कहत ते सेजा सुपैती, हो सेजा सुपैती।
टूटी खटुलिया पै ल्याये बलमा रे। तोरे गुन॥
(ख) ब्रज का लोकगीत
देखो री मुकुट झोंका ले रहयो
एजी लै रहयो यमुना के तीर॥
कुंजन झूले रानी राधिका,
एजी बागन झूलें घनश्याम। देखो री ………….॥
कौन झुला मैं रानी राधिका
एजी कौन झुलामैं घनश्याम॥ देखो री ………….॥
सखी झुलामैं राधिका
एजी सखा झुलामैं घनश्याम॥ देखो री ………….॥
कौन बरन हैं रानी राधिका
एजी कौन बरन घनश्याम॥ देखो री ………….॥
गौर बरन हैं रानी राधिका
एजी स्याम बरन घनश्याम॥ देखो री ………….॥
बिजुरी सी चमकें रानी राधिका
एजी वारिस से घनश्याम॥ देखो री ………….॥
सावन रस सरसावनों
जामें झूलत हैं घनश्याम॥ देखो री ………….॥
4. दूरदर्शन और आकाशवाणी के कार्यक्रम
दूरदर्शन पर प्रातः से लेकर रात्रि वेला तक निरन्तर कोई – न – कोई कार्यक्रम प्रसारित होता रहता है।
प्रात:काल समाचार, मौसम की भविष्यवाणी, चित्रहार, डिस्कवरी तथा धारावाहिक नाटकों का प्रसारण होता रहता है।
धारावाहिक नाटकों में तारक मेहता का उल्टा चश्मा,बालिका वधू, ये रिश्ता क्या कहलाता है,रामायण, महाभारत, भाभीजी घर पर हैं आदि बहुत लोकप्रिय हैं।
दूरदर्शन पर कृषि दर्शन, जनमंच तथा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। इन कार्यक्रमों के अतिरिक्त बच्चों के लिए व बड़ों के लिए अंताक्षरी प्रतियोगिता व धार्मिक धारावाहिक भी प्रसारित होते रहते हैं।
प्रत्येक कार्य को इस प्रकार प्रस्तुत किया जाता है कि बच्चे, बड़े,बूढ़े व युवा वर्ग उसका भरपूर लाभ उठा सकें। इसके अतिरिक्त महत्त्वपूर्ण स्थानों की जानकारी भी दूरदर्शन पर दी जाती हैं। विभिन्न प्रकार की औषधियाँ तथा योगासन व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियाँ भी मिलती हैं।
5. हिन्दी साहित्य का स्वतन्त्र पठन
मानव के सभ्य एवं सुसंस्कृत होने का श्रेय वाणी के माध्यम से होता है।
भावों तथा मनोगत विचारों को व्यक्त करने के दो साधन हैं –
1. मौखिक एवं लिखित। दोनों रूपों को व्यक्त करने का साधन भाषा है। प्रस्तुत विवेचन में मौखिक अभिव्यक्ति विषयक कतिपय उपादेय प्रकारों का विवेचन निम्नवत् है
(क) टिप्पणियाँ
सुने अथवा पढ़े गये संवाद,भाषण,कविता, लेख,आलोचना,धार्मिक एवं साहित्यिक ग्रन्थ घटना दृश्य के संदर्भ में लिखित एवं मौखिक रूप से संयत वाणी में व्यक्त कर देना ही टिप्पणी कही जाती है।
टिप्पणी को शब्द सीमा में आबद्ध नहीं किया जा सकता है, लेकिन संक्षिप्त एवं सारगर्भित टिप्पणी ही प्रशंसनीय होती है। टिप्पणियाँ निम्नवत् तीन श्रेणियों में विभक्त की जा सकती हैं
(क) कार्यालय टिप्पणी,
(ख) सम्पादकीय टिप्पणी,
(ग) सामान्य टिप्पणी।
(ख) प्रेरणाएँ
साहित्य के अन्तर्गत प्रेरणा का आशय उन कृतियों एवं रचनाओं से है,जो पाठक के मनमानस का जीवन पथ पर आगे कदम बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं। उसके अन्तर्गत प्रमुख रूप से उन कहानियों को सम्मिलित किया जाता है जो इस उद्देश्य को लेकर लिपिबद्ध की जाती हैं। इस संदर्भ में कहानी इतनी बड़ी न हो, जिसे पढ़ने से पाठक ऊबकर निश्चित लक्ष्य से भटक जाये।
आज के संघर्षमय जीवन में पाठक कम – से – कम समय में मनोरंजन करना चाहता है। अतः कहानी का कलेवर भी सीमित होना भी नितान्त आवश्यक है। जो कहानी एक ही बैठक में समाप्त हो जाती है; पाठक का मन भी इससे पूरी तरह इसी प्रकार की कहानियों में रमता है तथा ये कहानियाँ ही साहित्य जगत में उपयुक्त ठहराई जाती हैं।
6. हस्तलिखित पत्रिका तैयार करना
छात्र परस्पर मिलकर हस्तलिखित पत्रिका का प्रारूप तैयार कर सकते हैं जिसके अन्तर्गत सबसे पहले स्वयं के निबन्ध, कहानियाँ, कविताओं तथा चुटकले आदि हो सकते हैं।
इनको सूचीबद्ध करना आवश्यक है। सूची में उसके संकलनकर्ता अथवा लेखक का नाम देना भी अनिवार्य है।
इसके पश्चात् सम्पादक की ओर से अपने सहयोगियों को धन्यवाद देना चाहिए।
पत्रिका का परिचय प्रस्तुत करते हुए उसमें संकलित अथवा लिखित लेखों पर मन्तव्य व्यक्त करना अथवा प्रकाश डालना भी अपेक्षित है। इसके बाद लेखों को रोचक तथा आकर्षक रूप में पूर्ण रूप से प्रस्तुत करना श्रेयस्कर होगा।
यह बात स्मरण रखने योग्य है कि पत्रिका के लेखों का कलेवर इतना विस्तृत न हो जो पत्रिका की रोचकता तथा उपादेयता में व्यवधान बने।
7. क्षेत्रीय पत्र – पत्रिकाएँ
बुन्देलखण्ड अंचल
- टीकमगढ़ – ओरछा टाइम्स।
- कटनी – भारती, महाकौशल केशरी, जनमेजय।
- सागर – आचरण,
- जन – जन की पुकार,न्यू बेंकट टाइम्स, राही।
- जबलपुर-दैनिक भास्कर, नवीन दुनिया, देशबन्धु, नवभारत, युगधर्म, नर्मदा ज्योति, लोकसेवा।
- सतना – सतना समाचार, जवान भारत।
- शहडोल – जनबोध विन्ध्यवाणी, भारती समय।
- रीवा – आलोक, जागरण, बाँधवीय समाचार।
छत्तीसगढ़ अंचल
- रायपुर – नवभारत, स्वदेश, देशबन्धु, भास्कर।
- बिलासपुर – भास्कर, नवभारत, लोकस्वर।
- दुर्ग – छत्तीसगढ़ टाइम्स,ज्योति जनता।
मालवा अंचल
- मंदसौर – कीर्तिमान, ध्वज, दशपुर, दर्शन।
- उज्जैन – अग्निबाण, प्रजादूत, विक्रम दर्शन, जलती मशाल, अवन्तिका, भास्कर।
- नीमच – नई विधा।
- शाजापुर – नन्दन वन।
- देवास – देवासदूत, देवास दर्पण।
- रतलाम – प्रसारण, जनवृत, हमदेश, जनमत टाइम्स।
- इन्दौर – इन्दौर समाचार, स्वदेश, नई दुनिया, नवभारत, जागरण, भावताव, दैनिक भास्कर।
निमाड़ अंचल
- बड़वानी – निमाड़ एक्सप्रेस।
- खण्डवा – लाजवान, विन्ध्याचल।
- बुहरामपुर – वीर सन्तरी।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
हिन्दी के चार समाचार – पत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- नवभारत,
- नई दुनिया,
- हिन्दुस्तान टाइम्स,
- दैनिक भास्कर,
- दैनिक जागरण।
प्रश्न 2.
दूरदर्शन पर प्रसारित दो धार्मिक धारावाहिकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- जय बजरंगवली,
- महादेव।
प्रश्न 3.
हिन्दी की चार बाल पत्रिकाओं के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर-
- पराग,
- चन्दा मामा,
- नन्दन,
- बाल भारती।
प्रश्न 4.
लोकगीत की चार पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर-
- छोटी – छोटी गैय्यां,छोटे – छोटे ग्वाल।
- छोटो सो मेरो, मदन गोपाल।
प्रश्न 5.
लोककथा की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
- सामान्य जन – जीवन का यथार्थांकन,
- मनोरंजन का सुलभ साधन।
प्रश्न 6.
मध्य प्रदेश की चार क्षेत्रीय बोलियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- बुन्देली,
- मालवी,
- निमाड़ी,
- बघेली।
प्रश्न 7.
कोई एक छत्तीसगढ़ी पहेली लिखिए।
उत्तर-
- “पाँच कबूतर पाँचे रंग,
- महल में जाके एके रंग।”
प्रश्न 8.
दूरदर्शन पर प्रसारित दो सामाजिक धारावाहिकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- बालिका वधू,
- ये रिश्ता क्या कहलाता है।
प्रश्न 9.
इन्दौर से प्रकाशित दो समाचार – पत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- इन्दौर समाचार,
- स्वदेश।
प्रश्न 10.
ब्रजभाषा मध्य प्रदेश के किन क्षेत्रों में बोली जाती है ?
उत्तर-
- गुना,
- भिण्ड,
- शिवपुरी,
- मुरैना।