MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 10 वैदिक संस्कृति
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MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 10 वैदिक संस्कृति
MP Board Class 6th Social Science Chapter 10 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(अ) वैदिक साहित्य कौन-से हैं ?
उत्तर:
वेद और उपनिषद् आदि वैदिक साहित्य हैं।
(ब) वैदिक काल में सिक्कों को क्या कहते थे ?
उत्तर:
वैदिक काल में सिक्कों को निष्क कहते थे।
(स) वैदिक काल में विशेष रूप से किन देवताओं की पूजा होती थी?
उत्तर:
इन्द्र, अग्नि और वरुण की पूजा होती थी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए
(अ) आर्यों के काल को वैदिक काल क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
आर्यों ने चार वेदों की रचना की थी –
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
अतः आर्यों के काल में वेद लिखे जाने के कारण ही इस काल को वैदिक काल कहते हैं।
(ब) वैदिक काल में समाज किन-किन वर्गों में बँटा था?
उत्तर:
वैदिक काल में समाज चार वर्गों में बँटा हुआ था –
- ब्राह्मण
- क्षत्रिय
- वैश्य, और
- शूद्र
वर्ण का आधार कर्म था। ब्राह्मणों का कार्य यज्ञ करना और बालकों को वेद मन्त्रों की शिक्षा देना था। क्षत्रिय शक्तिशाली होने के कारण समाज के वर्गों की रक्षा करते थे। खेती, व्यापार एवं शिल्पकारी वैश्य वर्ग के कार्य थे। शूद्र नीच समझे जाते थे। उनका कार्य अन्य वर्ण के लोगों की सेवा करना था।
(स) वैदिक काल के आर्थिक-जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वैदिक काल के लोगों का आर्थिक जीवन कृषि, कला, हस्तशिल्प और व्यापार पर केन्द्रित था। खेती के लिए बैलों और साँड़ों का उपयोग किया जाता था। पशुओं में गाय का महत्त्वपूर्ण स्थान था। बर्तन, कपड़ा, धातु के निर्माण का काम मुख्य व्यवसाय थे। दूर-दूर तक व्यापार होता था। उस समय उपयोग किए जाने वाले सिक्कों को निष्क कहते थे।
(द) ‘गणित व खगोल विद्या वैदिक काल में विकसित थी’, लिखिए।
उत्तर:
वैदिक काल के लोग त्रिभुज के बराबर क्षेत्रफल का वर्ग बनाना जानते थे। वे वृत्त के क्षेत्रफलों के वर्गों के योग और अन्तर के बराबर का वर्ग भी बनाना जानते थे। शून्य का ज्ञान था और इसी कारण बड़ी संख्याएँ दर्ज की जा सकीं। इसके साथ ही प्रत्येक अंक के स्थानीय मान और मूल मान की जानकारी भी थी। उन्हें घन, घनमूल, वर्ग और वर्गमूल की जानकारी थी और उनका उपयोग किया जाता था। वैदिक काल में खगोल विद्या अत्यधिक विकसित थी।
वे आकाशीय पिण्डों की गति के विषय में जानते थे और विभिन्न समयों पर उनकी स्थिति की गणना भी करते थे। इससे उन्हें सही पंचांग बनाने तथा सूर्य एवं चन्द्रग्रहण का समय बताने में सहायता मिलती थी। वे यह जानते थे कि पृथ्वी अपने धुरी पर घूमती और सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। चाँद, पृथ्वी के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने पिण्डों के घूर्णन का समय ज्ञात करने तथा आकाशीय पिण्डों के बीच की दूरियाँ मापने के प्रयास भी किए। ये गणनाएँ लगभग आज की वैज्ञानिक विधि द्वारा की गई गणनाओं जैसी ही हैं।
प्रश्न 3.
स्तम्भ ‘अ’ और स्तम्भ ‘ब’ का सही मिलान कीजिए।
स्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ ‘ब’

उत्तर:
(अ) (iv) कर व शुल्क
(ब) (i) गाय
(स) (ii) सिक्के
(द) (iii) नशीला पेय
प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(अ) सरस्वती नदी के किनारे की …………… रचना हुई।
(ब) ऋग्वेद के युग में ……………. व्यवसाय के आधार पर समाज का वर्गीकरण हुआ।
(स) उत्तर वैदिक काल में हथियार ……….. धातु से बनाये गये।
उत्तर:
(अ) वेदों
(ब) कर्म
(स) लोह।
प्रश्न 5.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(अ) वैदिक काल में आर्यों को निम्न में से किसका ज्ञान नहीं था ?
(i) शून्य का ज्ञान
(ii) खगोल विद्या
(iii) ताँबे का
(iv) अष्टांग मार्ग।
उत्तर:
(iv) अष्टांग मार्ग।
(ब) वैदिक काल की सामाजिक विशेषताओं में कौन-सी शामिल नहीं थी ?
(i) महिलाओं को सम्मान देना
(ii) कर्म के आधार पर वर्ण विभाजन
(iii) युवक-युवतियों का पसंद से विवाह होना
(iv) बाल-विवाह।
उत्तर:
(iv) बाल-विवाह।
