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MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 25 भारत की प्रमुख फसलें

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MP Board Class 6th Social Science Chapter 25 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न
पाठ्य पुस्तक पृष्ठ संख्या 157 पर दिये गये नक्शे को देखकर उन राज्यों के नाम लिखो जहाँ-जहाँ गेहूँ व धान उगाया जाता है।
उत्तर:

MP Board Class 6th Social Science Chapter 25 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए(अ) भारत में कृषि का क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गाँवों में निवास करती है। उनकी जीविका का मुख्य आधार कृषि है। देश की अर्थव्यवस्था का भी मूलाधार कृषि है। देश के अनेक उद्योगों को कच्चा माल कृषि से ही प्राप्त होता है। कृषि उत्पादों पर आधारित इन उद्योगों का राष्ट्रीय आय में बहुत योगदान है। इन्हीं सब कारणों से भारत में कृषि का महत्त्व है।

(ब) स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारतीय कृषि का तेजी से विकास हुआ। क्यों ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय कृषि का बड़ी तेजी से विकास हुआ है। यह सब देश के परिश्रमी किसानों, अनुकूल जलवायु और उपजाऊ मिट्टी तथा आधुनिक तकनीक से सम्भव हो सका है।

(स) भारत में बोई जाने वाली खरीफ, रबी और जायद फसलों के दो-दो नाम लिखिए।
उत्तर:
खरीफ-चावल, ज्वार। रबी-गेहूँ, चना। जायद-सब्जियाँ, ककड़ी, खरबूजा, तरबूज।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए

(अ) भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाने वाली मिट्टियों का वर्णन करते हुए उनमें बोई जाने वाली फसलों को बताइए।
उत्तर:
भारत में अनेक प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं। इनमें प्रमुख मिट्टियाँ निम्नलिखित हैं –
1. जलोढ़ मिट्टी – यह मिट्टी नदियों द्वारा निक्षेपित महीन गाद से निर्मित होती है। यह संसार की सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टियों में से एक है। यह भारत के उत्तरी मैदान और प्रायद्वीपी भारत की नदियों के डेल्टा प्रदेशों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों में गेहूँ, चावल, गन्ना इत्यादि फसलें बहुत होती हैं।

2. काली मिट्टी – यह ज्वालामुखी शैलों से बनी मिट्टी होती है। यह नमी को लम्बे समय तक संजोए रखती है। भारत में यह महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ भागों में मिलती है। यह मिट्टी कपास, गेहूँ आदि की फसल लगाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती हैं।

3. लाल मिट्टी – आग्नेय शैलों में बनी यह भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी और पूर्वी भागों के उष्ण और शुष्क भागों में पाई जाती है। यह मिट्टी कम उपजाऊ है। परन्तु उर्वरकों की सहायता से इसमें फसलें उगायी जा सकती हैं।

4. लैटराइट मिट्टी – पश्चिमी घाट, नागपुर के पठार और उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ भागों में पहाड़ी प्रदेशों की गर्म जलवायु और वर्षा की अधिकता वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। भारी वर्षा के कारण मिट्टी की ऊपरी सतह के पोषक तत्व घुलकर बह जाते हैं। अतः यह कम उपजाऊ होती है। हिमालय के पर्वतीय प्रदेशों में मिट्टी का आवरण बहुत पतला है जबकि घाटियों में यह अधिक गहरा है।

इन प्रदेशों की मिट्टी को पर्वतीय मिट्टी कहते हैं। घाटियों में चाय, चावल कई किस्मों के फल उगाये जाते हैं। राजस्थान और गुजरात के मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली बलुई मिट्टी को रेगिस्तानी मिट्टी कहते हैं। इस क्षेत्र में रबी, ज्वार, बाजरा, मक्का और जौ को सम्मिलित रूप से मोटे अनाज उगाये जाते हैं।

प्रश्न 3.
भारत के मानचित्र में चावल, गेहूँ, गन्ना, कपास तथा जूट उत्पादक राज्यों को दर्शाइए –
उत्तर:

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