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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions विविध प्रश्नावली 1

प्रश्न 1.
सही जोड़ी बनाइए
1. अमृत = (क) क्षमता
2. मनुष्य = (ख) महल
3. कार्य = (ग) घट
4. राज = (घ) समाज
उत्तर-
1. (ग),
2. (घ),
3. (क),
4. (ख)

प्रश्न 2.
उपयुक्त शब्द से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जिन-जज भूखों की ………………………… दीनू ने बुझाई है, उनकी दुआएँ भी वह राजकुमार के लिए लाया है। (भूख/प्यास)
(ख) दुश्मन का मुख ………………………… करता, जन-जन की पीड़ा को हरता। (काला/पीला)
(ग) यदि एक तिहाई उम्र बिना कोई ………………………… गुजर भी जाए तो क्या फर्क पड़ेगा। (देखे/सोचे).
(घ) चक्रवात ………………………… दबाव में आकस्मिक पविर्तन के कारण होता है। (वायुमण्डलीय/ जैव.मण्डलीय)
उत्तर-
1. भूख
2. काला
3. देखे
4. वायुमण्डलीय।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए-
(अ) सिक्के की विश्वसनीयता और पहचान के लिए प्राचनी काल से राजा लोग क्या करते आए हैं।
उत्तर-
सिक्के की विश्वसनीयता और पहचान के लिए प्राचीन समय से ही राजाओं ने इसके एक ओर अपने राज्य की मुद्रा तथा दूसरी तरफ इसका मूल्य अंकित कर ढाला।

(ब) ‘महूरत न सोचो, मचलते चलो’ में ‘मचलते चलो’ का अर्थ क्या है?
उत्तर-
मचलते चलो = जिद करके अपनी धुन में बढ़े चलो।

(स) बाढ़ों के लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर-
प्रकृति और मनुष्य बाढ़ो के लिए जिम्मेदार है।

(द) दीनू ने क्या सोचकर भिखारी को रोटियाँ दी?
उत्तर-
दीने के पास जो रोटियाँ थी उनमें से चार इसको दे दूंगा तो क्या फर्क पड़ जाएगा, उसने यह सोच कर चार रोटियाँ भिखारी को दी।

(इ) कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर किसका है?
उत्तर-
कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर उसका होता है जो समाज की सच्ची सेवा करता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए-
(अ) मनुष्य समाज के उन्नतिशील होने के कारण लिखिए।
उत्तर-
मनुष्य समाज के उन्नतिशील होने में सिक्के का महत्त्वपूर्ण योगदान है। पहले मनुष्य कुछ भी उत्पादित करता था, वह अपने उपयोग पर खर्च कर डालता था, परंतु सिक्कों के आने से वह अल्पबचत कर सकता है तथा भविष्य में उत्पन्न सभी समस्याओं से लड़ सकता

(ब) अविचल खड़ा हिमालय कौन-कौन से दायित्व निभा रहा है।
उत्तर-
प्रारंभिककाल से ही हिमालय भारत की रक्षा कर रहा है। हिमालय के उस पार कई बार दुश्मनों ने घुसपैठ करने की कोशिश की किंतु हिमालय ने अडिग रहकर हमारी मदद की। इसके अलावा हिमालय उत्तर दिशा में आने वाली बर्फ की आंधियों से हमारी रक्षा करता है। आज संपूर्ण विश्व में हिमालय ही हमारी पहचान है।

(स) ‘बहुमत के आधार पर दाँत सर्वोपरि है’ सिद्ध करो।
उत्तर-
बहुमत के आधार पर भी दाँत सर्वोपरि है। शरीर के अधिकतर अंग इकलौते हैं या फिर उनकी संख्या दो तक हो सकती है, पर दाँत संख्या में सर्वाधिक है।

(द) जल के बहाव को काम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं?
उत्तर-
जल के बहाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए जल के बहाव में कमी करने के लिए वन लगवाना। -जल प्रवाह मार्ग में नहरी तंत्र का विकास करना। -बाढ़ की भविष्यवाणी करना।

(इ) आर्थिक उन्नति में सिक्के की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
किसी भी समाज की आर्थिक उन्नति में सिक्कों का सबसे अधिक योगदान होता है। सिक्कों से व्यापार में उन्नति होती है। समाज की सभी छोटी-बड़ी आर्थिक इकाइयों में सिक्कों का लेनदेन होता है। सिक्कों का सबसे अधिक लाभ ‘अल्पबचत’ करना होता है। बचत से समाज का भविष्य सुरक्षित बना रहता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
स्वतंत्रता, बहुमत, हानि, दुश्मन, गरीब, उन्नति, ऊंचा, यश, उपेक्षा, आवश्यक, समर्थ
उत्तर-

प्रश्न 6.
निम्नलिखित तत्सम, तद्भव और आगत शब्दों को छाँटकर लिखिए-
प्यासा, जन, धड़ा, रास्ता, काम, जरूरत, कोशिश,। प्रयत्न, जड़ा, मुकाबला, मुस्कान, आँख, खिसकाना, किटकिट, गड़गड़ाहट, टकसाल, सिक्का, मुद्रा, बैंक, पेंसिल, अयस्क, दुआएँ, शताब्दी, जहान॥
उत्तर-

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यावाची लिखिएपथ, पग, शरीर, चेष्टा, हलचल, परहित, पीड़ा।
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची
पथ – मार्ग, रास्ता।
पग – पैर, कदम।
शरीर – तन, काया।
चेष्टा – प्रयत्न, कोशिश।
हलचल – कंपन
परहित – हितेषी।
पीड़ा – दुख, शोक।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित अवतरण में से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया शब्द छाँटिए-
उसके झोले में तीन रोटियाँ ही बची थी। कुछ दूर चलने पर उसे एक गाय मिली। एक बछड़ा भी साथ था जो लगातार गौ के थन खींच रहा था। उनमें दूध नहीं था। दीनू गाय को हमेशा ही श्रद्धा से गो-माता के रूप में देखता था। उसने गो-माता को नमस्कार किया। एक रोटी उसे खिला दी। एक रोटी बछड़े को भी दे दी। सोचा-एक रोटी है मेरे पास। कौन ये मेरी रोटी खा ही – लेंगे। उपहार के लिए एक ही रोटी काफी है।
उत्तर-
संज्ञा शब्द : झोले, रोटियाँ, गाय, बछड़ा, गौ, दूध, दीनू।
सर्वनाम शब्द : उसके, कुछ, उसे, जो, उनमें आदि।
विशेषण : तीन, एक आदि।
क्रिया : बची, मिली, खींच, देखता नमस्कार करना, खिला, देना, खा लेना।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
आँख फेरना, बन्दर धुड़की देना, मुँह में अँगुली दबाना, दाँत किट किटाना, जेब गर्म होना, हाथों-हाथ उठाना, फिसड्डी होना, खिल उठना।
उत्तर-

प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों में ग्रस्त, हीन और रहित शब्द जोड़कर नए सार्थक शब्द बनाइए-
बुद्धि, भेद-भाव, स्वार्थ, पंख, विचार, मर्यादा, अंग, रोग, शोक, मोह, लकवा, शर्म।
उत्तर-
शब्द = सार्थक शब्द
बुद्धि = बुद्धिहीन
भेदभाव = भेदभावरहित
स्वार्थ = स्वार्थरहित
पंख = पंखरहित
विचार = विचारहीन
मर्यादा = मर्यादाहीन
अंग = अंगहीन
रोग = रोगग्रस्त
शोक = शोकग्रस्त
मोह = मोहरहित
लकवा = लकवाग्रस्त
शर्म = शर्मरहित

प्रश्न 11.
निम्नलिखित अवतरण में संयुक्त क्रियाओं को रेखांकित कीजिए-
मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्त्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनमें जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता॥
उत्तर-
मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्त्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनमें जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कहानी लिखिए-
बालक हलवाई की दुकान पर है। ललचाई आँखों से जलेबी को देखता है। कमीज-पेण्ट की जेबों में हाथ डालता है। कुछ भी न होने का भाव प्रकट करता है। हताश लौटने लगता है। हलवाई उसे जलेबियाँ देता है। बालक मुफ्त की चीज नहीं लूँगा। हलवाई मेहनत कर खाना अच्छी बात है। बालक-कमाकर लाऊँगा, तब खाऊँगा।
उत्तर-

“मेहनत ही इज्जत है”

सारे दिन कनिष्क शहर में इधर-उधर घूमता रहा। कभी इस गली से उस गली, कभी टूटी चप्पल से खाली प्लास्टिक की बोतल को लात मारता है। तभी बोतल पास के नत्थु हलवाई की दुकान के आगे लुढ़कती है। कनिष्क बोतल तक पहुँचता है। तभी उसकी नजर गर्म-गर्म जलेबी पर पड़ती है, उसके मुँह में पानी आ रहा है। वह नत्थु हलवाई की ओर देखते हुए अपनी जेबे टटोलता है। लेकिन उसके पास तो चवन्नी भी नहीं है। हलवाई उसकी ओर देखता है। कनिष्क हताश और अधूरे मन से वहाँ से लौटने के लिए मुड़ता है। नत्थु को बालक पर तरस आ जाता है, वह उसे रोककर दो जलेबी के टुकड़े देता है लेकिन कनिष्क अचानक जलेबी लेने से मना कर देता है, वह नत्थु से कहता है कि वह मुफ्त की चीज नहीं लेगा। हलवाई को बालक की खुद्दारी अच्छी लगती है। वह उसके सिर पर हाथ रखकर बोलता है-शाबाश बेटा, जिंदगी में कभी कोई चीज माँग कर मत लेना। खुद पैसा कमाकर चीजे खरीदना गर्व की बात है। बालक मुस्कराते हुए नत्थु से कहता है-ठीक है बाबा, अब तो ये जलेबियाँ तभी लूँगा जब मैं पैसे कमा कर लाऊँगा।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित अवतरण में विराम लगाइए-
मैं जानता हूँ सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना
उत्तर-
मैं जानता हूँ सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए। पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है। सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर वर्षाऋतु पर निबंध लिखिए-
ऋतुएँ कितने प्रकार की होती हैं। ग्रीष्मकाल के बाद किस ऋतु का आगमन होता है। बादलों के बनने की प्रक्रिया क्या है। हिन्द महासागर तथा अरब सागर से उठने वाले बहाव कि दिशा में जाते हैं। मानसून से क्या आशय है। भारत वर्ष में मानसून की वर्षा का समय जुलाई से सितम्बर तक का है। वर्षा पर भारत वर्ष में कृषि की निर्भरता का उल्लेख कीजिए। यदि वर्णन हो तो देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 15.
पत्र लेखन अपने मित्र को पत्र लिखिए जिससे उसे पर्वतों की रानी पचमढ़ी घूमने का निमंत्रण दीजिए।
परीक्षा भवन,
9 जून 2009
प्रिय रोहित
सप्रेम नमस्कार

हम सब कुशल से हैं। आशा है कि तुम भी ठीक से होंगे। तुम्हारा पत्र आज ही मिला है। इसे पढ़कर मैं बाग-बाग हो गया। जैसे कि तुम जानते हो कि हम हर वर्ष किसी पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा करते हैं। इस वर्ष हम पर्वतों की रानी पंचमढ़ी घूमने गए। वहाँ के प्राकृतिक दृश्य देखने लायक थे। पर्वत को चोटी पर जब धूप पड़ रही थी, उस समय सोने की-सी छटा प्रतीत हो रही थी। यहाँ के लोग बड़े ही भोले और मासूम होते हैं। यहाँ परं एक झील भी है। जिसमें नाव का विशेष प्रबंध है। हमने वहाँ पर घुड़सवारी भी की। वहाँ पर खाने-पीने और ठहरने का विशेष प्रबंध है। सात दिन के टूर में हमने वहाँ बहुत लुत्क और ज्ञान अर्जित किया। मैं चाहता हूँ तुम भी अगली बार हमारे साथ पर्वतों की रानी पंचमढ़ी आओ!

अनेक शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा मित्र
क ख ग।

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